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नाई, दर्जी जैसे कामगारों को दिए जाएंगे 1000-1000 रुपये : योगी आदित्यनाथ

नाई, दर्जी जैसे कामगारों को दिए जाएंगे 1000-1000 रुपये : योगी आदित्यनाथ932

👤06-04-2020-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अंत्योदय की भावना की दूरदृष्टि से यूपी में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सो सकता है। मुख्यमंत्री ने रविवार को फैसला किया कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान की 15 श्रेणियों में आने वाले नाई, दर्जी, मोची, कुम्हार, लोहार, बढ़ई दर्जी आदि के खाते में भी एक-एक हजार रुपये डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर करीब 2 लाख परिवारों को भरण पोषण के रूप में 1000 हजार रुपये भत्ता तत्काल जारी किए जाएंगे। साथ ही सरकार इन्हें राशन भी मुहैया करवाएगी।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अंत्योदय की भावना के साथ सभी लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने के लिए हमारी सरकार कार्य कर रही है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत आने वाले शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनने वाले, नाई, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, मोची जैसे 2 लाख परिवार हैं। इसमें सरकार के पास 30,000 परिवारों का विवरण हैं। इनके भरण-पोषण के लिए एक हजार रुपये का भत्ता तत्काल जारी किया जाएगा। इन्हें राशन भी सरकार की तरफ से दिया जाएगा।कोविड-19 के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सरकार की तरफ से भरण-पोषण भत्ता के रूप में प्रत्येक गरीब के बैंक अकाउंट में एक हजार रुपए भेजा जा रहा है। इसी क्रम में अब मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान के सभी लाभार्थियों को एक हजार रुपए भत्ता देने का निर्देश जारी किया है।
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अंत्योदय की भावना की दूरदृष्टि से यूपी में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सो सकता है। मुख्यमंत्री ने रविवार को फैसला किया कि विश्वकर्मा...

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काजोल ने शेयर किया खुद पर बना मजेदार मीम, फैन्स को बताया- लॉकडाउन में कैसे सुकून में रहे

काजोल ने शेयर किया खुद पर बना मजेदार मीम, फैन्स को बताया- लॉकडाउन में कैसे सुकून में रहे337

👤06-04-2020-
कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड एक्टर-एक्ट्रेस अलग-अलग तरीके से अपना समय बिता रहे हैं। कुछ डांस वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं तो कोई घर की सफाई करते हुए अपना समय बिता रहा। अब काजोल ने मीम पोस्ट किए हैं। इसमें एक फोटो में काजोल ने बताया है कि लॉकडाउन के समय घर पर कैसे सुकून का पल बिताएं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक फोटो भी पोस्ट की। वहीं, काजोल ने अपनी एक पुरानी फोटो डॉग के साथ शेयर की। इसमें उन्होंने लिखा कि इनके साथ वायरस फैलने का कोई सबूत नहीं है। यकीन कीजिए यह स्ट्रेस बस्टर हैं। एक्ट्रेस काजोल ने एक और फोटो शेयर की, जिसमें वह माधुरी दीक्षित के साथ दिखाई दे रही हैं। इस पर उन्होंने कैप्शन लिखा कि अपने दोस्तों के साथ वीडियो कॉल के जरिए जुड़े रहें। बता दें कि देश में इन दिनों कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन जारी है। यह 21 दिनों का है। वहीं, कोरोना की वजह से अब तक चार हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।

🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना वायरस की वजह से चल रहे लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड एक्टर-एक्ट्रेस अलग-अलग तरीके से अपना समय बिता रहे हैं। कुछ डांस वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं तो कोई घर की...

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लॉकडाउन के बीच दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आ रहे हैं अमिताभ बच्चन, आज रात 9 बजे सोनी टीवी पर करेंगे खुलासा

लॉकडाउन के बीच दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आ रहे हैं अमिताभ बच्चन, आज रात 9 बजे सोनी टीवी पर करेंगे खुलासा459

👤06-04-2020-
बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन का ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में उन्होंने बताया है कि वे आज रात 9 बजे कुछ नया और  दिलचस्प प्रोजोक्ट लाने वाले हैं। गौरतलब है कि सोनी टीवी ने अमिताभ की एक वीडियो आपने ऑफिशियल चैनल पर शेयर किया है, जिसमें अमिताभ कहते नजर आ रहे हैं कि ये एक अद्भुत, अकल्पनीय और असाधारण प्रयत्न है जो ना पहले कभी देखा गया है और ना कभी हुआ है। एक संकल्प है, आपके लिए, हम सबके लिए। सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के जारी एक स्टेटमेंट के अनुसार,  अमिताभ बच्चन द्वारा शुरू किए गए इस पहल पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया और कल्याण ज्वेलर्स ने सपॉर्ट किया है, जिसमें देशभर के 1 लाख घरों में महीने भर का राशन पहुंचाया जाएगा। सोनी के इस ट्वीट को अमिताभ ने इस वीडियो को ट्विटर पर रिट्वीट भी किया और कैप्शन में लिखा- हम एक परिवार हैं, लेकिन ये हमारा प्रयत्न है एक बेहतर और बड़े परिवार के लिए। अब अमिताभ के फैंस उनके इस प्रोजेक्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वर्कफ्रंट की बात करें तो अमिताभ बच्चन के पास अभी कई फिल्में हैं। वह अयान मुखर्जी की फिल्म \'ब्रह्मास्त्र\', सूजीत सरकार की फिल्म \'गुलाबो सिताबो\', रुमी जाफरी की फिल्म \'चेहरे\' और नागराज मंजुले की फिल्म \'झुंड\' में नजर आएंगे।

🕔 एजेंसी

06-04-2020-
बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन का ट्वीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस ट्वीट में उन्होंने बताया है कि वे आज रात 9 बजे कुछ नया और  दिलचस्प प्रोजोक्ट लाने वाले हैं।...

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कोरोना संकट : पीएम नरेंद्र मोदी ने मुलायम व अखिलेश से मांगा सहयोग

कोरोना संकट : पीएम नरेंद्र मोदी ने मुलायम व अखिलेश से मांगा सहयोग569

👤06-04-2020-
कोरोना संकट से निपटने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से टेलीफोन पर बात की और इस महामारी से निपटने में सुझाव व सहयोग मांगा।\r\nसपा नेताओं ने कहा कि पार्टी इन मुश्किल हालात में पूरी तरह देश के साथ हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि किसान, मजदूर व अन्य गरीबों की हालत देखते हुए उन्हें और राहत देने के लिए बड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री ने रविवार को कई देशों के नेताओं व अपने देश में पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री व विपक्ष के नेताओं से इसी संकट पर चर्चा की।\r\nउत्तर प्रदेश में 283 पहुंचा कोरोना मरीजों का आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में रविवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 44 और नए मरीज मिले। इसमें अकेले तबलीगी जमात के 37 लोग शामिल हैं। अभी तक कुल 283 लोगों में कोरोना वायरस पाया जा चुका है और इसमें तब्लीगी जमात से वापस लौटे 138 लोग शामिल हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि वाराणसी में जिस 55 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है, वह डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का मरीज था। बीएचयू अस्पताल में भर्ती होने के बाद इसकी जांच कराई गई तो वह कोरोना वायरस से भी संक्रमित निकला। इस बीच रविवार को 438 संदिग्ध मरीजों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। \r\n4796 की रिपोर्ट आई निगेटिव, 179 की आना बाकी 
यूपी में अभी तक कुल 5255 संदिग्ध मरीजों के नमूने जांच के लिए लैब भेजे जा चुके हैं और इसमें से 4796 की रिपोर्ट निगेटिव आई है यानी इनमें कोरोना वायरस नहीं पाया गया। वही 179 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।  विदेश यात्रा से  लौटे 19334 आज हुए चिन्हित  यूपी में अभी तक चीन सहित विभिन्न देशों की यात्रा कर लौटे 61537 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। रविवार को ऐसे 19334 लोग चिन्हित किए गए।  
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना संकट से निपटने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से टेलीफोन पर बात की...

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बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर ने ऐसे दी कोरोना को मात

बॉलीवुड सिंगर कनिका कपूर ने ऐसे दी कोरोना को मात746

👤06-04-2020-
बाॅलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक हो गईं हैं। उनकी छठी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लखनऊ के पीजीआई अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 20 मार्च से वो अस्पताल में भर्ती थी। लगातार चार रिपाेर्ट आई थी पॉजिटिव : 20 मार्च के बाद से डाक्टरों की एक टीम लगातार कनिका पर नजर रखी थी। एक के बाद एक लगातार चार कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से एक ओर जहां कनिका  के परिजन परेशान हो गए तो वहीं उनके फैंन्स भी चिंता करने लगे। इसके बाद भी कनिका और इलाज कर रहे डाक्टरों की टीम का हौसला कम नहीं हुआ। डाक्टरों को भरोसा था कनिका जल्द ठीक होंगी। कनिका भी खुद डाक्टरों से यही कहती थीं वो जल्द ठीक होकर घर पहुंचना चाहती हैं। इसके बाद पांचवीं रिपोर्ट जब नेगेटिव आई तो सबने राहत की सास ली। इसके बाद यह निर्णय लिया गया था कि छठी रिपोर्ट आने का इंतजार होगा। अगर उसमें भी रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो कनिका को डिस्चार्ज किया जाएगा। इसके बाद सोमवार को छठी रिपोर्ट भी नेगेटिव आई।  अभी 14 दिन रहेंगी क्वारंटाइनकनिका को एम्बुलेंस से घर भेजा गया। फिलहाल कनिका कपूर 14 दिन तक घर में क्वारंटीन रहेंगी। रविवार की रात कनिका का छठवां नमूना लिया गया था। सोमवार की सुबह  रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद कोरोना वार्ड के डॉक्टरों ने पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान से बात की। जिसके बाद कनिका को पीजीआई से छुट्टी कर दी गई।हमेशा करती थीं परिवार वालों को याद :कनिका अस्पताल में अपने परिवार को काफी मिस कर रही थीं। कनिका ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। इस पोस्ट में वक्त और जिंदगी को लेकर लिखा। कनिका ने लिखा, \'सोने जा रही हूं। आप सभी को अपना प्यार भेज रही हूं। सेफ रहें...आप सभी का मेरी चिंता करने के लिए शुक्रिया। अपने बच्चों और फैमिली के पास जाने का इंतजार है. मैं उन्हें बहुत मिस कर रही हूं\'। पोस्ट में लिखा  \'जिंदगी हमें समय का सही इस्तेमाल करना सिखाती है. वहीं समय हमें जिंदगी की कद्र करना सिखाता है।\'
🕔 एजेंसी

06-04-2020-
बाॅलीवुड सिंगर कनिका कपूर कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक हो गईं हैं। उनकी छठी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद लखनऊ के पीजीआई अस्पताल से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। कोरोना...

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं302

👤06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में कोरोना के एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं हैं।  आपको बता दें कि  सोमवार सुबह चार हजार के पार पहुंच गई। वहीं, 100 से अधिक लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद तीन हजार का आंकड़ा पार कर गई है, लेकिन 17 राज्यों के सिर्फ दो फीसदी से थोड़े ज्यादा 73 मरीज गंभीर स्थिति के कारण आईसीयू में हैं और करीब 32 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अमेरिका, स्पेन और इटली में आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 9 से 12 फीसदी है और तीन से सात फीसदी तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ रहे हैं। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में जो 60 मौतें कोरोना से हुई थी, उसमें से महज आठ वेंटिलेटर पर थे। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम होने को लेकर कई अवधारणाएं हैं, लेकिन इन पर मुहर लगना बाकी है। मिश्रा के मुताबिक, कोरोना का जो वायरस है, वह आरएनए वायरस है। भारत में डेंगू का बेहद प्रसार रहा है। जीका, मलेरिया से काफी लोग कभी न कभी चपेट में आए हैं और इनकी दवाओं के कारण हमारे अंदर ऐसे एंटीबॉडी हैं, जो इस वायरस का बेहतर मुकाबला कर पाने में सक्षम हैं। बीसीजी टीकाकरण के कारण भी भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अच्छी है। भारत में बुजुर्गों की संख्या स्पेन, इटली या अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले कम हैं, इस कारण भी भारत में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या कम है। बुजुर्गों में डायबिटीज, हृदय, किडनी-लीवर की गंभीर समस्याएं ज्यादा होती हैं, लिहाजा उन देशों में ज्यादा मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीयों में शाकाहार के ज्यादा प्रचलन और हल्दी जैसे कई औषधीय मसालों के कारण संक्रमणरोधी क्षमता ज्यादा है। जबकि विदेशियों की मांसाहार पर निर्भरता और ज्यादा सुरक्षित वातावरण के कारण किसी भी परजीवी से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारे यहां वायरस कुछ म्यूटेशन देखा गया है, यानी कभी वह ज्यादा आक्रामक और कभी कम सक्रिय रहता है और भारत में यह वायरस कम सक्रियता दिखा रहा है। लेडी हार्डिंग कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एनएन माथुर का कहना है कि इटली और स्पेन के मुकाबले भारत में आईसीयू में भर्ती या वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या नगण्य है। भारत में महामारी अभी सामुदायिक संक्रमण स्तर पर नहीं है और देश में तमाम तरह के वायरस का लंबा इतिहास होने के कारण संभवतः हमारा शरीर इससे लड़ने में ज्यादा मजबूत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण अभी की तादाद के हिसाब से तो पर्याप्त हैं, लेकिन आंकड़ों में तेजी से इजाफा होगा तो संकट पैदा हो सकता है।\r\nदिल्ली में पांच मरीज वेंटिलेटर पर : 
एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं या उन्हें गंभीर समस्या नहीं होती। वहीं 20 फीसदी मरीजों को ज्यादा लक्षण दिखते हैं। इनमें से 3 से 5 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। वहीं 2 से 3 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दिल्ली में 445 कोरोना के मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 11 आईसीयू में हैं और 5 वेंटिलेटर पर हैं। \r\nएक लाख आबादी पर कितने वेंटिलेटर : 
अमेरिका-48 
जर्मनी-34
फ्रांस-12
इटली-12.5
स्पेन-09
ब्रिटेन-07
भारत-3.69
(स्रोत-फार्च्यून)\r\nकहां कितने वेंटिलेटर : 
भारत-48 हजार
जर्मनी-25 हजार
अमेरिका-1.60 लाख
ब्रिटेन-09 हजार
फ्रांस- 05 हजार\r\n- 9.60 लाख वेंटिलेटर की मांग यूरोप और अमेरिका में
- 02 कंपनियां बना रहीं भारत में वेंटिलेटर
- 1.50 लाख कीमत सामान्य वेंटिलेटर की
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में...

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं250

👤06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में कोरोना के एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं हैं।  आपको बता दें कि  सोमवार सुबह चार हजार के पार पहुंच गई। वहीं, 100 से अधिक लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद तीन हजार का आंकड़ा पार कर गई है, लेकिन 17 राज्यों के सिर्फ दो फीसदी से थोड़े ज्यादा 73 मरीज गंभीर स्थिति के कारण आईसीयू में हैं और करीब 32 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अमेरिका, स्पेन और इटली में आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 9 से 12 फीसदी है और तीन से सात फीसदी तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ रहे हैं। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में जो 60 मौतें कोरोना से हुई थी, उसमें से महज आठ वेंटिलेटर पर थे। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम होने को लेकर कई अवधारणाएं हैं, लेकिन इन पर मुहर लगना बाकी है। मिश्रा के मुताबिक, कोरोना का जो वायरस है, वह आरएनए वायरस है। भारत में डेंगू का बेहद प्रसार रहा है। जीका, मलेरिया से काफी लोग कभी न कभी चपेट में आए हैं और इनकी दवाओं के कारण हमारे अंदर ऐसे एंटीबॉडी हैं, जो इस वायरस का बेहतर मुकाबला कर पाने में सक्षम हैं। बीसीजी टीकाकरण के कारण भी भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अच्छी है। भारत में बुजुर्गों की संख्या स्पेन, इटली या अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले कम हैं, इस कारण भी भारत में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या कम है। बुजुर्गों में डायबिटीज, हृदय, किडनी-लीवर की गंभीर समस्याएं ज्यादा होती हैं, लिहाजा उन देशों में ज्यादा मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीयों में शाकाहार के ज्यादा प्रचलन और हल्दी जैसे कई औषधीय मसालों के कारण संक्रमणरोधी क्षमता ज्यादा है। जबकि विदेशियों की मांसाहार पर निर्भरता और ज्यादा सुरक्षित वातावरण के कारण किसी भी परजीवी से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारे यहां वायरस कुछ म्यूटेशन देखा गया है, यानी कभी वह ज्यादा आक्रामक और कभी कम सक्रिय रहता है और भारत में यह वायरस कम सक्रियता दिखा रहा है। लेडी हार्डिंग कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एनएन माथुर का कहना है कि इटली और स्पेन के मुकाबले भारत में आईसीयू में भर्ती या वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या नगण्य है। भारत में महामारी अभी सामुदायिक संक्रमण स्तर पर नहीं है और देश में तमाम तरह के वायरस का लंबा इतिहास होने के कारण संभवतः हमारा शरीर इससे लड़ने में ज्यादा मजबूत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण अभी की तादाद के हिसाब से तो पर्याप्त हैं, लेकिन आंकड़ों में तेजी से इजाफा होगा तो संकट पैदा हो सकता है।\r\nदिल्ली में पांच मरीज वेंटिलेटर पर : 
एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं या उन्हें गंभीर समस्या नहीं होती। वहीं 20 फीसदी मरीजों को ज्यादा लक्षण दिखते हैं। इनमें से 3 से 5 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। वहीं 2 से 3 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दिल्ली में 445 कोरोना के मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 11 आईसीयू में हैं और 5 वेंटिलेटर पर हैं। \r\nएक लाख आबादी पर कितने वेंटिलेटर : 
अमेरिका-48 
जर्मनी-34
फ्रांस-12
इटली-12.5
स्पेन-09
ब्रिटेन-07
भारत-3.69
(स्रोत-फार्च्यून)\r\nकहां कितने वेंटिलेटर : 
भारत-48 हजार
जर्मनी-25 हजार
अमेरिका-1.60 लाख
ब्रिटेन-09 हजार
फ्रांस- 05 हजार\r\n- 9.60 लाख वेंटिलेटर की मांग यूरोप और अमेरिका में
- 02 कंपनियां बना रहीं भारत में वेंटिलेटर
- 1.50 लाख कीमत सामान्य वेंटिलेटर की
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06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में...

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं896

👤06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में कोरोना के एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं हैं।  आपको बता दें कि  सोमवार सुबह चार हजार के पार पहुंच गई। वहीं, 100 से अधिक लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद तीन हजार का आंकड़ा पार कर गई है, लेकिन 17 राज्यों के सिर्फ दो फीसदी से थोड़े ज्यादा 73 मरीज गंभीर स्थिति के कारण आईसीयू में हैं और करीब 32 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अमेरिका, स्पेन और इटली में आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 9 से 12 फीसदी है और तीन से सात फीसदी तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ रहे हैं। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में जो 60 मौतें कोरोना से हुई थी, उसमें से महज आठ वेंटिलेटर पर थे। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम होने को लेकर कई अवधारणाएं हैं, लेकिन इन पर मुहर लगना बाकी है। मिश्रा के मुताबिक, कोरोना का जो वायरस है, वह आरएनए वायरस है। भारत में डेंगू का बेहद प्रसार रहा है। जीका, मलेरिया से काफी लोग कभी न कभी चपेट में आए हैं और इनकी दवाओं के कारण हमारे अंदर ऐसे एंटीबॉडी हैं, जो इस वायरस का बेहतर मुकाबला कर पाने में सक्षम हैं। बीसीजी टीकाकरण के कारण भी भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अच्छी है। भारत में बुजुर्गों की संख्या स्पेन, इटली या अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले कम हैं, इस कारण भी भारत में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या कम है। बुजुर्गों में डायबिटीज, हृदय, किडनी-लीवर की गंभीर समस्याएं ज्यादा होती हैं, लिहाजा उन देशों में ज्यादा मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीयों में शाकाहार के ज्यादा प्रचलन और हल्दी जैसे कई औषधीय मसालों के कारण संक्रमणरोधी क्षमता ज्यादा है। जबकि विदेशियों की मांसाहार पर निर्भरता और ज्यादा सुरक्षित वातावरण के कारण किसी भी परजीवी से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारे यहां वायरस कुछ म्यूटेशन देखा गया है, यानी कभी वह ज्यादा आक्रामक और कभी कम सक्रिय रहता है और भारत में यह वायरस कम सक्रियता दिखा रहा है। लेडी हार्डिंग कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एनएन माथुर का कहना है कि इटली और स्पेन के मुकाबले भारत में आईसीयू में भर्ती या वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या नगण्य है। भारत में महामारी अभी सामुदायिक संक्रमण स्तर पर नहीं है और देश में तमाम तरह के वायरस का लंबा इतिहास होने के कारण संभवतः हमारा शरीर इससे लड़ने में ज्यादा मजबूत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण अभी की तादाद के हिसाब से तो पर्याप्त हैं, लेकिन आंकड़ों में तेजी से इजाफा होगा तो संकट पैदा हो सकता है।\r\nदिल्ली में पांच मरीज वेंटिलेटर पर : 
एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं या उन्हें गंभीर समस्या नहीं होती। वहीं 20 फीसदी मरीजों को ज्यादा लक्षण दिखते हैं। इनमें से 3 से 5 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। वहीं 2 से 3 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दिल्ली में 445 कोरोना के मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 11 आईसीयू में हैं और 5 वेंटिलेटर पर हैं। \r\nएक लाख आबादी पर कितने वेंटिलेटर : 
अमेरिका-48 
जर्मनी-34
फ्रांस-12
इटली-12.5
स्पेन-09
ब्रिटेन-07
भारत-3.69
(स्रोत-फार्च्यून)\r\nकहां कितने वेंटिलेटर : 
भारत-48 हजार
जर्मनी-25 हजार
अमेरिका-1.60 लाख
ब्रिटेन-09 हजार
फ्रांस- 05 हजार\r\n- 9.60 लाख वेंटिलेटर की मांग यूरोप और अमेरिका में
- 02 कंपनियां बना रहीं भारत में वेंटिलेटर
- 1.50 लाख कीमत सामान्य वेंटिलेटर की
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में...

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं860

👤06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में कोरोना के एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं हैं।  आपको बता दें कि  सोमवार सुबह चार हजार के पार पहुंच गई। वहीं, 100 से अधिक लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद तीन हजार का आंकड़ा पार कर गई है, लेकिन 17 राज्यों के सिर्फ दो फीसदी से थोड़े ज्यादा 73 मरीज गंभीर स्थिति के कारण आईसीयू में हैं और करीब 32 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अमेरिका, स्पेन और इटली में आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 9 से 12 फीसदी है और तीन से सात फीसदी तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ रहे हैं। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में जो 60 मौतें कोरोना से हुई थी, उसमें से महज आठ वेंटिलेटर पर थे। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम होने को लेकर कई अवधारणाएं हैं, लेकिन इन पर मुहर लगना बाकी है। मिश्रा के मुताबिक, कोरोना का जो वायरस है, वह आरएनए वायरस है। भारत में डेंगू का बेहद प्रसार रहा है। जीका, मलेरिया से काफी लोग कभी न कभी चपेट में आए हैं और इनकी दवाओं के कारण हमारे अंदर ऐसे एंटीबॉडी हैं, जो इस वायरस का बेहतर मुकाबला कर पाने में सक्षम हैं। बीसीजी टीकाकरण के कारण भी भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अच्छी है। भारत में बुजुर्गों की संख्या स्पेन, इटली या अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले कम हैं, इस कारण भी भारत में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या कम है। बुजुर्गों में डायबिटीज, हृदय, किडनी-लीवर की गंभीर समस्याएं ज्यादा होती हैं, लिहाजा उन देशों में ज्यादा मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीयों में शाकाहार के ज्यादा प्रचलन और हल्दी जैसे कई औषधीय मसालों के कारण संक्रमणरोधी क्षमता ज्यादा है। जबकि विदेशियों की मांसाहार पर निर्भरता और ज्यादा सुरक्षित वातावरण के कारण किसी भी परजीवी से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारे यहां वायरस कुछ म्यूटेशन देखा गया है, यानी कभी वह ज्यादा आक्रामक और कभी कम सक्रिय रहता है और भारत में यह वायरस कम सक्रियता दिखा रहा है। लेडी हार्डिंग कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एनएन माथुर का कहना है कि इटली और स्पेन के मुकाबले भारत में आईसीयू में भर्ती या वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या नगण्य है। भारत में महामारी अभी सामुदायिक संक्रमण स्तर पर नहीं है और देश में तमाम तरह के वायरस का लंबा इतिहास होने के कारण संभवतः हमारा शरीर इससे लड़ने में ज्यादा मजबूत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण अभी की तादाद के हिसाब से तो पर्याप्त हैं, लेकिन आंकड़ों में तेजी से इजाफा होगा तो संकट पैदा हो सकता है।\r\nदिल्ली में पांच मरीज वेंटिलेटर पर : 
एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं या उन्हें गंभीर समस्या नहीं होती। वहीं 20 फीसदी मरीजों को ज्यादा लक्षण दिखते हैं। इनमें से 3 से 5 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। वहीं 2 से 3 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दिल्ली में 445 कोरोना के मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 11 आईसीयू में हैं और 5 वेंटिलेटर पर हैं। \r\nएक लाख आबादी पर कितने वेंटिलेटर : 
अमेरिका-48 
जर्मनी-34
फ्रांस-12
इटली-12.5
स्पेन-09
ब्रिटेन-07
भारत-3.69
(स्रोत-फार्च्यून)\r\nकहां कितने वेंटिलेटर : 
भारत-48 हजार
जर्मनी-25 हजार
अमेरिका-1.60 लाख
ब्रिटेन-09 हजार
फ्रांस- 05 हजार\r\n- 9.60 लाख वेंटिलेटर की मांग यूरोप और अमेरिका में
- 02 कंपनियां बना रहीं भारत में वेंटिलेटर
- 1.50 लाख कीमत सामान्य वेंटिलेटर की
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में...

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कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं

कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बीच अच्छी खबर, भारत में एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं199

👤06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में कोरोना के एक फीसदी मरीज भी वेंटिलेटर पर नहीं हैं।  आपको बता दें कि  सोमवार सुबह चार हजार के पार पहुंच गई। वहीं, 100 से अधिक लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है। भारत में कोरोना पीड़ितों की तादाद तीन हजार का आंकड़ा पार कर गई है, लेकिन 17 राज्यों के सिर्फ दो फीसदी से थोड़े ज्यादा 73 मरीज गंभीर स्थिति के कारण आईसीयू में हैं और करीब 32 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। अमेरिका, स्पेन और इटली में आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या 9 से 12 फीसदी है और तीन से सात फीसदी तक वेंटिलेटर पर मौत से लड़ रहे हैं। आईसीएमआर की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में जो 60 मौतें कोरोना से हुई थी, उसमें से महज आठ वेंटिलेटर पर थे। एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों की संख्या कम होने को लेकर कई अवधारणाएं हैं, लेकिन इन पर मुहर लगना बाकी है। मिश्रा के मुताबिक, कोरोना का जो वायरस है, वह आरएनए वायरस है। भारत में डेंगू का बेहद प्रसार रहा है। जीका, मलेरिया से काफी लोग कभी न कभी चपेट में आए हैं और इनकी दवाओं के कारण हमारे अंदर ऐसे एंटीबॉडी हैं, जो इस वायरस का बेहतर मुकाबला कर पाने में सक्षम हैं। बीसीजी टीकाकरण के कारण भी भारतीयों की प्रतिरोधक क्षमता दूसरे देशों की तुलना में अच्छी है। भारत में बुजुर्गों की संख्या स्पेन, इटली या अमेरिका जैसे देशों के मुकाबले कम हैं, इस कारण भी भारत में गंभीर स्थिति वाले मरीजों की संख्या कम है। बुजुर्गों में डायबिटीज, हृदय, किडनी-लीवर की गंभीर समस्याएं ज्यादा होती हैं, लिहाजा उन देशों में ज्यादा मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि भारतीयों में शाकाहार के ज्यादा प्रचलन और हल्दी जैसे कई औषधीय मसालों के कारण संक्रमणरोधी क्षमता ज्यादा है। जबकि विदेशियों की मांसाहार पर निर्भरता और ज्यादा सुरक्षित वातावरण के कारण किसी भी परजीवी से ग्रसित होने की संभावना ज्यादा रहती है। हमारे यहां वायरस कुछ म्यूटेशन देखा गया है, यानी कभी वह ज्यादा आक्रामक और कभी कम सक्रिय रहता है और भारत में यह वायरस कम सक्रियता दिखा रहा है। लेडी हार्डिंग कॉलेज एवं हॉस्पिटल के निदेशक एनएन माथुर का कहना है कि इटली और स्पेन के मुकाबले भारत में आईसीयू में भर्ती या वेंटिलेटर पर रखे गए मरीजों की संख्या नगण्य है। भारत में महामारी अभी सामुदायिक संक्रमण स्तर पर नहीं है और देश में तमाम तरह के वायरस का लंबा इतिहास होने के कारण संभवतः हमारा शरीर इससे लड़ने में ज्यादा मजबूत है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निजी सुरक्षा उपकरण अभी की तादाद के हिसाब से तो पर्याप्त हैं, लेकिन आंकड़ों में तेजी से इजाफा होगा तो संकट पैदा हो सकता है।\r\nदिल्ली में पांच मरीज वेंटिलेटर पर : 
एम्स, दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के लगभग 80 फीसदी मरीज जल्द ठीक हो जाते हैं या उन्हें गंभीर समस्या नहीं होती। वहीं 20 फीसदी मरीजों को ज्यादा लक्षण दिखते हैं। इनमें से 3 से 5 फीसदी को ही आईसीयू की जरूरत होती है। वहीं 2 से 3 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। दिल्ली में 445 कोरोना के मरीज अलग-अलग अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें से 11 आईसीयू में हैं और 5 वेंटिलेटर पर हैं। \r\nएक लाख आबादी पर कितने वेंटिलेटर : 
अमेरिका-48 
जर्मनी-34
फ्रांस-12
इटली-12.5
स्पेन-09
ब्रिटेन-07
भारत-3.69
(स्रोत-फार्च्यून)\r\nकहां कितने वेंटिलेटर : 
भारत-48 हजार
जर्मनी-25 हजार
अमेरिका-1.60 लाख
ब्रिटेन-09 हजार
फ्रांस- 05 हजार\r\n- 9.60 लाख वेंटिलेटर की मांग यूरोप और अमेरिका में
- 02 कंपनियां बना रहीं भारत में वेंटिलेटर
- 1.50 लाख कीमत सामान्य वेंटिलेटर की
🕔tanveer ahmad

06-04-2020-
कोरोना के मरीजों की बढ़ती तादाद इटली, स्पेन, अमेरिका जैसे देशों में भले ही वेंटिलेटर की जरूरतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन भारत में स्थिति नियंत्रण में है। देश में...

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