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यूपी : योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस से मौतों में 65 फीसदी की कमी आई

यूपी : योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस से मौतों में 65 फीसदी की कमी आई344

👤07-01-2020-उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है। यह भी दावा है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है। 38 जिलों में इंसेफ्लाइटिस का खतरा कम हुआ है। चार दशक से पूर्वांचल के मासूमों के लिए काल बनी इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फीसदी की कमी आई है। इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों के आंकड़ों में 65 प्रतिशत की कमी आई।प्रवक्ता के अनुसार पूर्वांचल में 40 लाख बच्चों का टीकाकरण हुआ। विशेष संचारी रोग नियंत्रण पखवाड़ा से इंसेफ्लाइटिस पर  काबू पा गया। घर घर जाकर दस्तक अभियान की शुरुआत हुई। एईएस से होने वाली मृत्यु दर सिर्फ़ 3.73 फीसदी रह गई। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बेड की संख्या बढ़ी।  इंसेफ्लाइटिस के इलाज के लिए पर्याप्त मात्रा में वॉर्मर उपलब्ध कराए गए। साल 2016 में एईएस के 3911 मरीज भर्ती किए गए, जिनमें से 641 की मौत हुई। साल 2017 में मरीजों की तादाद 4724 हुई, जिनमें 655 की मौत हुई। साल 2018 से इन आंकड़ो में आई गिरावट आनी शुरू हुई। पिछले साल 3077 मरीज भर्ती हुए और मौत का आंकड़ा 248 रहा। साल 2016 में जेई की वजह से 74 लोगों की मौत हुई, वहीं 2018 में जेई की वजह से 30 लोगों की मौत हुई।
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07-01-2020-उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया है कि योगी सरकार में इंसेफ्लाइटिस के आंकड़ों में भारी गिरावट आई है। यह भी दावा है कि सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में...

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खनन घोटाला : ED ने गायत्री प्रजापति के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए बुलाया

खनन घोटाला : ED ने गायत्री प्रजापति के दोनों बेटों को पूछताछ के लिए बुलाया552

👤07-01-2020-
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खनन घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के दोनों बेटों अनिल प्रजापति व अनुराग प्रजापति को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों से 7 व 8 जनवरी को ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय में आने को कहा गया है।दोनों बेटों को ईडी ने इससे पहले भी नोटिस देकर बुलाया था लेकिन वे अपना बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे थे। अब एक बार फिर उन्हें नोटिस भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार तीन बार नोटिस भेजने के बाद बयान दर्ज कराने के लिए नहीं पहुंचने पर ईडी को कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार हासिल हो जाता है। वैसे ईडी के अफसरों को उम्मीद है कि इस बार दोनों अपना बयान दर्ज कराने पहुंचेंगे। दोनों से परिवार के लोगों से जुड़ी कंपनियों और उसमें हुए निवेश के संबंध में पूछताछ होनी है। मनी लांड्रिंग के संबंध में पूर्व मंत्री के खिलाफ जांच के दौरान ईडी को पता चला था कि दर्जन भर से ज्यादा फर्जी कंपनियों में निवेश करके बड़े पैमाने पर काली कमाई को सफेद किया गया है। इन कंपनियों से पूर्व मंत्री के दोनों बेटों का \'कनेक्शन\' है।ईडी इससे पहले पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति से लंबी पूछताछ कर चुकी है। जुलाई 2019 में उनसे केजीएमयू के सीएमएस कार्यालय में पूछताछ की गई थी। उस समय वह इलाज के लिए केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती थे। ईडी को आशंका है कि गायत्री और उसके करीबियों ने खनन घोटाले से हुई कमाई से बेनामी संपत्तियां बनाईं और कंपनियां बनाकर उसमें निवेश किया। पूछताछ में वह बार-बार बहाना बनाते रहे और अपने खिलाफ शिकायतों को राजनीतिक साजिश बताते रहे। बेटों से जुड़ी कंपनियों के बारे में कोई जानकारी होने से भी वह इनकार करते रहे।
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07-01-2020-
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने खनन घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के दोनों बेटों अनिल प्रजापति व अनुराग प्रजापति को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया...

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लखनऊ हिंसा के आरोपी दारापुरी और सदफ जफर जेल से रिहा

लखनऊ हिंसा के आरोपी दारापुरी और सदफ जफर जेल से रिहा216

👤07-01-2020-नागरिकता अधिनियम कानून के खिलाफ शहर में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में जेल में बंद पूर्व आईजी एसआर दारा पुरी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर की मंगलवार सुबह जेल प्रशासन ने रिहा कर दिया। इनपर आरोप है कि सीएए के विरोध में 20 दिसम्बर को लखनऊ में हुई हिंसा में शामिल थे।इसके अलावा करीब 150 अन्य आरोपी अभी जेल में बंद हैं। कोर्ट ने शनिवार को दारापुरी और सदफ समेत 13 आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी। सोमवार की शाम देर से इनका रिहाई आदेश जेल प्रशासन को मिला था। जिसकी वजह से मंगलवार सुबह जेल प्रशासन ने कानूनी  करवाई पूरी करने बाद सुबह करीब 10 बजे इन्हें रूह कर दिया।
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07-01-2020-नागरिकता अधिनियम कानून के खिलाफ शहर में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में जेल में बंद पूर्व आईजी एसआर दारा पुरी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जफर की मंगलवार सुबह जेल प्रशासन...

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अगर जेएनयू कैंपस में पुलिस को समय से एंट्री मिलती तो क्या नहीं होती हिंसा?

अगर जेएनयू कैंपस में पुलिस को समय से एंट्री मिलती तो क्या नहीं होती हिंसा?293

👤06-01-2020-
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में पुलिस को समय से एंट्री मिलती तो शायद हिंसा की घटना टाली जा सकती थी। ऐसा प्रत्यक्षदर्शियों का भी कहना है। खुद स्पेशल सीपी आर.एस. कृष्णैया का भी मानना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन से लिखित अनुमति पाने के बाद ही पुलिस अंदर जा सकी। तब तक पुलिस को गेट पर इंतजार करना पड़ा। बहरहाल, जेएनयू में हिंसा क्या विश्वविद्यालय प्रशासन की ढिलाई की वजह से हुई या फिर पुलिस की, कब विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को फोन किया, कब पुलिस पहुंची और कब लिखित में अनुमति मिली। इन सब बिंदुओं पर जांच जारी है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कमिश्नर को फोन कर रिपोर्ट तलब की है। नकाबपोश गुंडे किस संगठन से जुड़े हैं, इसकी भी तफ्तीश जारी है। सूत्रों का कहना है कि छात्रों के रजिस्ट्रेशन के आखिरी दिन रविवार को सर्वर बंद होने को लेकर दोपहर में डेढ़ बजे से ही लेफ्ट और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकतार्ओं के बीच झड़प शुरू हुई। एबीवीपी का आरोप था कि लेफ्ट विंग के छात्रों ने सर्वर रूम बंद कर दिया है जिससे रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। इस बीच लगभग 3.30 बजे एबीवीपी के कुछ कार्यकतार्ओं ने पेरियार हॉस्टल में अपने ऊपर हमले की पुलिस को सूचना दी। उन्होंने कहा कि एबीवीपी के छात्रसंघ चुनाव के प्रत्याशी रहे मनीष की बुरी तरह पिटाई हुई है। कुछ ही मिनट में वसंत कुंज थाने से पुलिस जेएनयू गेट पर पहुंच गई। इस बीच पुलिस ने कैंपस में घुसने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति मांगी। चार बजे तक पुलिस की चार से पांच गाड़ियां मेन गेट पर पहुंच गई थीं। सूत्रों का कहना है कि उधर बाहर पुलिस अनुमति के इंतजार में खड़ी रही, तब तक अंदर दर्जनों की संख्या में लाठी, डंडे और लोहे की रॉड लेकर पहुंचे नकाबपोश अराजक तत्वों ने हमला बोल दिया। यह पूरी घटना करीब पांच से छह बजे के बीच हुई। इस घटना में 6० से अधिक छात्र घायल बताए जाते हैं। लेफ्ट विंग के छात्र जहां एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमले का आरोप लगा रहे हैं तो एबीवीपी पदाधिकारी हिंसा के पीछे लेफ्ट स्टूडेंट्स का हाथ बता रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब परमीशन लेटर पाकर पुलिस अंदर पहुंची तब तक खूनी खेल को अंजाम दिया जा चुका था। स्पेशल सीपी आरएस कृष्णैया ने मीडिया से कहा, “जब हमें लिखित में अनुमति मिली तब जाकर ही पुलिस कैंपस में दाखिल हुई।”स्पेशल सीपी के इस बयान से माना जा रहा है कि पुलिस को अगर लिखित अनुमति मिलने में देरी नहीं हुई होती तो शायद कैंपस में हिंसा की घटना न होती। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि जब कैंपस में नकाबपोश गुंडों के घुसने की सूचना मिली थी, तभी फोन कर पुलिस बुलाई गई। किस वक्त प्रशासन ने पुलिस को फोन किया, घटना वास्तव में किस समय हुई, अभी इसको लेकर अलग-अलग बयानबाजी चल रही है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने लिखित अनुमति का इंतजार इसलिए किया क्योंकि उच्चस्तर से उन्हें कई मौकों पर नसीहत जारी हो चुकी है कि बगैर विश्वविद्यालय प्रशासन की अनुमति के कैंपस में न घुसें। इससे पूर्व जेएनयू सहित कुछ विश्वविद्यालयों में बगैर अनुमति के पुलिस के घुसने पर विवाद हो चुका है।

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06-01-2020-
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) कैंपस में पुलिस को समय से एंट्री मिलती तो शायद हिंसा की घटना टाली जा सकती थी। ऐसा प्रत्यक्षदर्शियों का भी कहना है। खुद स्पेशल सीपी...

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जेएनयू में हिंसा पर बिफरीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती, जानिए क्या कहा

जेएनयू में हिंसा पर बिफरीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती, जानिए क्या कहा373

👤06-01-2020-
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत और हिंसा के बाद जहां इसके खिलाफ मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना की राजनीतिक जगत में भी भारी आलोचना की जा रही है। उधर, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें इस बारे में कई शिकायतें मिली है और वे जल्द ही एफआईआर दर्ज करेगी। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती जेएनयू हिंसा को \'शर्मनाक\' करार दिया। मायावती ने जेएनयू हिंसा के एक दिन बाद सोमवार की सुबह ट्वीट करते हुए कहा- “जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति निंदनीय और शर्मनाक है। केन्द्र सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। घटना की न्यायिक जांच की जाए तो यह बेहतर रहेगा।” गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में छात्रसंघ के प्रदर्शन के बीच रविवार शाम नकाबपोशों लोगों ने छात्रों पर हमला बोल दिया। हथियारों से लैस नाकाबपोश जेएनयू परिसर में घुस गए और चार घंटे तक परिसर में बवाल मचाते रहे। अज्ञात नकाबपोशों ने साबरमती हॉस्टल, साबरमती टी-प्वाइंट सहित कई हॉस्टल में जमकर तोड़फोड़ की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम छात्र संगठनों में हुई झड़प के बाद नकाबपोशों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इसमें इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष का सिर फट गया। कुछ प्रोफेसर समेत 20 लोग घायल हो गए। घटना को लेकर देर रात तक जेएनयू में अफरातफरी रही।

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06-01-2020-
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत और हिंसा के बाद जहां इसके खिलाफ मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हो...

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जेएनयू में हिंसा पर बिफरीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती, जानिए क्या कहा

जेएनयू में हिंसा पर बिफरीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती, जानिए क्या कहा242

👤06-01-2020-
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत और हिंसा के बाद जहां इसके खिलाफ मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ इस घटना की राजनीतिक जगत में भी भारी आलोचना की जा रही है। उधर, दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें इस बारे में कई शिकायतें मिली है और वे जल्द ही एफआईआर दर्ज करेगी। इस बीच, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती जेएनयू हिंसा को \'शर्मनाक\' करार दिया। मायावती ने जेएनयू हिंसा के एक दिन बाद सोमवार की सुबह ट्वीट करते हुए कहा- “जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति निंदनीय और शर्मनाक है। केन्द्र सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। घटना की न्यायिक जांच की जाए तो यह बेहतर रहेगा।” गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में छात्रसंघ के प्रदर्शन के बीच रविवार शाम नकाबपोशों लोगों ने छात्रों पर हमला बोल दिया। हथियारों से लैस नाकाबपोश जेएनयू परिसर में घुस गए और चार घंटे तक परिसर में बवाल मचाते रहे। अज्ञात नकाबपोशों ने साबरमती हॉस्टल, साबरमती टी-प्वाइंट सहित कई हॉस्टल में जमकर तोड़फोड़ की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार शाम छात्र संगठनों में हुई झड़प के बाद नकाबपोशों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इसमें इसमें छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष का सिर फट गया। कुछ प्रोफेसर समेत 20 लोग घायल हो गए। घटना को लेकर देर रात तक जेएनयू में अफरातफरी रही।

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06-01-2020-
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस में रविवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत और हिंसा के बाद जहां इसके खिलाफ मुंबई और उत्तर प्रदेश समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हो...

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नागरिकता कानून : हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रही यूपी पुलिस

नागरिकता कानून : हिंसा पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रही यूपी पुलिस146

👤06-01-2020-
नागरिकता कानून के विरोध में पिछले दिनों राज्य में हुई हिंसक घटनाओं पर उत्तर प्रदेश पुलिस अब डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रही है। यह हिंसा कैसे शुरू हुई और पुलिस ने इसे कैसे कंट्रोल किया, इसे फोटो-वीडियो के जरिये दिखाया जाएगा। मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस ने रविवार को डॉक्यूमेंट्री फिल्में जारी कर दीं। अन्य जिलों में भी इन डाक्यूमेंट्री पर तेजी से काम चल रहा है। यह वीडियो सभी राज्यों की पुलिस को भेजी जाएंगी, ताकि दंगा नियंत्रण में ये फिल्में मददगार हो सकें। पिछले दिनों कर्नाटक राज्य के मैंगलुरु शहर में एक हिंसा हुई थी। हिंसा के बाद मैंगलुरु पुलिस ने डॉक्यूमेंट्री जारी की। इसे सोशल मीडिया पर काफी सराहा गया। इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश पुलिस हिंसा प्रभावित जनपदों में डॉक्यूमेंट्री फिल्में तैयार करा रही है। फिल्म बनाने का मकसद यह बताना है कि कठिन परिस्थतियों में भी उप्र पुलिस ने हिंसा को कैसे कंट्रोल किया। पिछले दिनों नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में उत्तर प्रदेश के 20 से ज्यादा जिले प्रभावित हुए थे। प्रदेश में सबसे ज्यादा छह मौतें मेरठ में हुई थीं। मेरठ पुलिस ने रविवार को 9.24 मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री जारी कर दी। इस फिल्म का शीर्षक ‘सीएए के खिलाफ मेरठ युद्धग्रस्त देश जैसा\' रखा गया है। यह शांतिपूर्वक प्रदर्शन था या जानलेवा दंगे थे, इसकी सच्चाई बताई गई है। फिल्म की शुरुआत जामा मस्जिद से है, जहां जुमे की नमाज से पहले काली पट्टियां बांटी गईं। इसके बाद हिंसक प्रदर्शन हुआ और पुलिस पर पथराव कर दिया गया। मेरठ पुलिस ने आंकड़ा दिया है कि हिंसा के बाद नगर निगम ने 44 ट्रॉली पत्थर उठवाए। इसके बाद भीड़ की तरफ से फायरिंग करते हुए कुछ वीडियो दिखाए गए हैं। कुछ पत्रकारों, पुलिसकर्मियों की जुबानी बताई है, जिसमें दंगाइयों ने कैसे उन्हें बंधक बनाकर जलाने का प्रयास किया था।\r\nहिंसा प्रभावित सभी जनपदों में डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनवाई जा रही हैं। इसका उद्देश्य बताना है कि पुलिस ने किन परिस्थतियों में हिंसा पर काबू पाया। या इस तरह की हिंसा से समाज को क्या मिलता है। प्रशांत कुमार, एडीजी मेरठ जोन
 
मेरठ : पांच दंगे और 91 मौत 12 महीना सात दिन
कफ्र्यू डॉक्यूमेंट्री के अनुसार, भूमिया पुल को मेरठ का सबसे खतरनाक स्थान बताया गया है। यहां 1982 के दंगे में 30 मौतें हुईं और तीन महीने तक कफ्र्यू रहा। 1987 के दंगे में 55 मौतें हुई और 9 महीने तक कफ्र्यू रहा। 1999 में 4 दिन और 2009 में 3 दिन तक कफ्र्यू लगा रहा। 20 दिसंबर को मेरठ में हुए दंगे का निष्कर्ष पुलिस ने 6 सिविलियन की मौत, 50 पुलिसवालों के घायल और 48 लाख की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचने के रूप में बताया है। डॉक्यूमेंट्री के सबसे अंत में मेरठ पुलिस ने पूछा है कि इन राइट्स का क्या फायदा निकला? तय करना होगा कि हम भारतीय हैं। \r\nमुजफ्फरनगर पुलिस ने पूछा क्या हमने आजादी के मायने बदले
डॉक्यूमेंट्री फिल्म की शुरुआत सड़कों पर उतरे लोगों के जुलूस से दिखाई गई है। इसके बाद डीएम-एसएसपी उन्हें समझाते हैं। इसके बावजूद भीड़ नहीं मानी और हिंसा पर उतर आई। एक अन्य स्थान की वीडियो में भीड़ पत्थरबाजी कर रही है। इसी दौरान पुलिस ने पूछा है कि क्या हमने आजादी के मायने बदल दिए हैं.? लोकतंत्र शांतिपूर्वक आंदोलन की इजाजत देता है, लेकिन हिंसा? डॉक्यूमेंट्री में महात्मा गांधी का भी चित्र है, जिसमें उनके साथ लोगों को शांतिपूर्वक आंदोलन करते दिखाया गया है।
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06-01-2020-
नागरिकता कानून के विरोध में पिछले दिनों राज्य में हुई हिंसक घटनाओं पर उत्तर प्रदेश पुलिस अब डॉक्यूमेंट्री फिल्म बना रही है। यह हिंसा कैसे शुरू हुई और पुलिस ने इसे कैसे...

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यूपी बोर्ड परीक्षा 2020: केन्द्र पर जूते पहनकर दे सकेंगे परीक्षा

यूपी बोर्ड परीक्षा 2020: केन्द्र पर जूते पहनकर दे सकेंगे परीक्षा304

👤06-01-2020-
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 में परीक्षार्थियों को जूत पहनकर परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सुझाव दिया है कि परीक्षा कक्षों में प्रवेश के पहले ही परीक्षार्थियों के जूते मोजे उतरवाकर चेक कर लिए जाएं। परीक्षा के दौरान जूते मोजे पहनने दें। इससे  न तो परीक्षार्थियों को कोई असुविधा होगी और न हो परीक्षा की पवित्रता एवं शुचिता पर कोई सवाल उठेगा। केन्द्रों पर रहेगी विशेष नजर : संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। कंट्रोल रूम में परीक्षा की निगरानी सीसी कैमरों की मदद से की जाएगी। 15-16 केंद्रों की कंप्यूटर अथवा स्क्रीन पर निगरानी के लिए राजकीय विद्यालय के दो शिक्षक तैनात किए जाएंगे। धारा 144 होगी लागू  : बोर्ड ने साफ किया है कि परीक्षा केंद्रों पर सीसी कैमरे, राउटर और वाइस रिकार्डर अवश्य होना चाहिए। वेब कास्टिंग द्वारा पारदर्शिता पूर्ण नकल विहीन परीक्षा के लिए केंद्रों की निगरानी की जाएगी। छात्रों का सिटिंग प्लान अनुक्रमांक के आधार पर क्रमानुसार मिश्रित बनाया जाए। इसके अलावा,  केंद्रों के आस पास बाहरी लोगों को इकट्ठा न होने दिया जाए। 100 मीटर की परिधि में धारा 144 का पालन कराया जाएगा।डीआईओएस ने मांगी मिशन टॉपर की स्थिति राजधानी के होनहार छात्र-छात्राओं को यूपी मेरिट में पहुंचाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर पर मिशन टॉपर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत मेधावी छात्रों की पहचान करना, प्री बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन, मॉडल पेपर से तैयारी, काउंसलिंग सेशन से लेकर कमजोर बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की जानी थी। डीआईओएस ने दिसम्बर के पहले सप्ताह में इसके लिए निर्देश जारी किए थे। रविवार को पत्र जारी कर डीआईओएस ने सभी स्कूलों से स्थिति का ब्योरा मांगा है। यह जानकारी 13 जनवरी तक उपलब्ध करानी होगी।
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06-01-2020-
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 में परीक्षार्थियों को जूत पहनकर परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सुझाव दिया है कि परीक्षा कक्षों...

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यूपी बोर्ड परीक्षा 2020: केन्द्र पर जूते पहनकर दे सकेंगे परीक्षा

यूपी बोर्ड परीक्षा 2020: केन्द्र पर जूते पहनकर दे सकेंगे परीक्षा413

👤06-01-2020-
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 में परीक्षार्थियों को जूत पहनकर परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सुझाव दिया है कि परीक्षा कक्षों में प्रवेश के पहले ही परीक्षार्थियों के जूते मोजे उतरवाकर चेक कर लिए जाएं। परीक्षा के दौरान जूते मोजे पहनने दें। इससे  न तो परीक्षार्थियों को कोई असुविधा होगी और न हो परीक्षा की पवित्रता एवं शुचिता पर कोई सवाल उठेगा। केन्द्रों पर रहेगी विशेष नजर : संवेदनशील और अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट तैनात किए जाएंगे। कंट्रोल रूम में परीक्षा की निगरानी सीसी कैमरों की मदद से की जाएगी। 15-16 केंद्रों की कंप्यूटर अथवा स्क्रीन पर निगरानी के लिए राजकीय विद्यालय के दो शिक्षक तैनात किए जाएंगे। धारा 144 होगी लागू  : बोर्ड ने साफ किया है कि परीक्षा केंद्रों पर सीसी कैमरे, राउटर और वाइस रिकार्डर अवश्य होना चाहिए। वेब कास्टिंग द्वारा पारदर्शिता पूर्ण नकल विहीन परीक्षा के लिए केंद्रों की निगरानी की जाएगी। छात्रों का सिटिंग प्लान अनुक्रमांक के आधार पर क्रमानुसार मिश्रित बनाया जाए। इसके अलावा,  केंद्रों के आस पास बाहरी लोगों को इकट्ठा न होने दिया जाए। 100 मीटर की परिधि में धारा 144 का पालन कराया जाएगा।डीआईओएस ने मांगी मिशन टॉपर की स्थिति राजधानी के होनहार छात्र-छात्राओं को यूपी मेरिट में पहुंचाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक के स्तर पर मिशन टॉपर की शुरुआत की गई थी। इसके तहत मेधावी छात्रों की पहचान करना, प्री बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन, मॉडल पेपर से तैयारी, काउंसलिंग सेशन से लेकर कमजोर बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण की व्यवस्था की जानी थी। डीआईओएस ने दिसम्बर के पहले सप्ताह में इसके लिए निर्देश जारी किए थे। रविवार को पत्र जारी कर डीआईओएस ने सभी स्कूलों से स्थिति का ब्योरा मांगा है। यह जानकारी 13 जनवरी तक उपलब्ध करानी होगी।
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06-01-2020-
यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2020 में परीक्षार्थियों को जूत पहनकर परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सुझाव दिया है कि परीक्षा कक्षों...

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यूपी की गूगल गर्ल लाडो अंशिका मिश्रा लखनऊ महोत्सव में सम्मानित

यूपी की गूगल गर्ल लाडो अंशिका मिश्रा लखनऊ महोत्सव में सम्मानित928

👤06-01-2020-उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले के क्षेत्र इटियाथोक अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय भीखम पुरवा की होनहार छात्रा और यूपी की गूगल गर्ल उपाधि से अलंकृत अंशिका मिश्रा को राजधानी लखनऊ में सम्मानित किया गया। रविवार को शहर के अलीगंज में आयोजित यूपी महोत्सव 2019 के मंच पर इस नन्हीं प्रतिभा का प्रदर्शन हुआ। अंशिका ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए भारत के सभी जिलों के नाम एक सांस में सुनाए। जिसका कार्यक्रम में उपस्थिति लोगों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। इस दौरान अंशिका की खूब सराहना हुई। साथ ही ग्रामीण परिवेश की यह नन्हीं बच्ची ने अपनी प्रतिभा से लखनऊ के लोगों को स्तब्ध किया। आयोजन समिति द्वारा गोंडा की गूगल गर्ल अंशिका मिश्रा को मोमेंटो प्रमाण पत्र तुलसी का पौधा व नगद धनराशि देकर सम्मानित किया गया और शुभकामाएं दी गई। अंशिका मिश्रा भारत के सभी जिलों का नाम सुनाकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड,चैंपियन वर्ल्ड रिकॉर्ड सहित कई खिताब अपने नाम कर चुकी है। स्कूल के प्रधनाध्यापक मनोज मिश्र ने बताया कि यूपी महोत्सव के अध्यक्ष एनबी सिंह के आमंत्रण पर अंशिका को लखनऊ कार्यक्रम में शामिल कराया गया।
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06-01-2020-उत्तर प्रदेश में गोंडा जिले के क्षेत्र इटियाथोक अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय भीखम पुरवा की होनहार छात्रा और यूपी की गूगल गर्ल उपाधि से अलंकृत अंशिका मिश्रा को राजधानी...

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सोशल मीडिया

खबरें ज़रा हट के...

  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

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  • अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप

    08-05-2021-
    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

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  • पोखरे में मिली युवती की नग्‍न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

    30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...

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  • रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?

    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

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  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

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