👤03-04-2022-
उन्नाव।भारत के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन में पलीता लगाने का कार्य नगर पालिका परिषद उन्नाव के जिम्मेदार अधिकारी बड़ी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभा रहे हैं जबकि नगर की सफाई के लिए हजारों की संख्या में सफाई कर्मचारी और मशीनरी उपलब्ध होने के बावजूद सभी नालियां लाले गंदगी से बचा जा रहे हैं तो वहीं पर भी सरकारी कालोनियां भी गंदे पानी से बस मजा आ रही हैं जहां पर रहना और निकलना भी दूभर बना हुआ है जिसके चलते संक्रमित बीमारियों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं जबकि उत्तर प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग संक्रमण बीमारियों से बचाने के लिए सेंचुरी और दस्तक अभियान की मुहिम छेड़ रखी है फिर भी नगर पालिका परिषद में तैनात जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों से पूरी तरह से विमुख बने हुए हैं आखिर क्यों ? जबकि सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखने के नाम पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए अभिलेखों में खर्च दिखाकर निकाले जा रहे हैं नगर वासियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से समाचार पत्र के माध्यम से यह मांग की है कि नगर पालिका परिषद में व्यय किए जाने वाले सफाई अभियान पर मजिस्ट्रेट द्वारा गठित टीम के सदस्यों से जांच कराकर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
आप लोगों को बताते चलें कि उन्नाव नगर पालिका परिषद स्वतः में एक स्वतंत्र संस्था बाड़ी है जिसके विकास के लिए शासन से धन प्राप्त होता है साथ ही स्वाः इनकम के लिए हाउस टैक्स वाटर टैक्स टैक्सी स्टैंडो की लिल्लामी से नगर क्षेत्र में संचालित शौचालयों से और प्रचार प्रसार करवाने वाले लोगों से कमर्शियल भवनों से ठेला खूंचा वालों से लोकल स्लाटर हाउसों से नगर क्षेत्र में केबल विझाने वाली कंपनी से मोबाइल टावरों कंपनियों से गैस पाइप लाइन कंपनी से अन्य और स्रोतों से होती है जिसके बदले में नगर क्षेत्र में करना होता है सड़कों की मरम्मतीकारण नवीननिर्माण सड़कें,नाली नालों की साफ सफाई और गर्मी में व अन्य मौसम में संक्रमण बीमारियों से बचाने के लिए दवाई कैमिकल आदि का छिड़काव करना तथा सर्दी में अलाव जलवाना प्रकाश ब्वस्था,वाहन स्टैंडो पर राहगीरों के लिए बैठने की व्यवस्था शुद्ध पानी की व्यवस्था अन्य अनेकों जिम्मेदारिया होती हैं जिसके लिए सफल बनाने के लिए 32 वार्डो में विभाजन किया गया है जहां पर बताया जाता हैं कि नगर पालिका परिषद उन्नाव की कुल जनसंख्या करीब 2.50 लाख है और मतदाता 1लाख 42 हजार से अधिक की है नगर पालिका परिषद में प्रत्येक कार्य के लिए एक विभाग है अलग से स्थापित है फिर भी राजनीति के प्रतिद्वंदिता के चलते सभी जिम्मेदार अधिकारियों जनप्रतिनिधि केवल औपचारिकता पूर्ण कर के पुरे धन में लूट खसोट मचा रखी है नहीं ही नाली नालों की सफाई होती ना ही प्रकाश ब्वस्था है ना ही सड़के दुरुस्त है ना ही स्टैंडो पर बैठने व शुद्ध पानी की ब्वस्था है और तो ओर बने शौचालायाओ पर भी अवैध धन दुगुनी वसूली होती हैं।
सबसे हैरत वाली बात यह सामने आती है के आम नागरिक के लिए तो किसी भी प्रकार की नगर पालिका द्वारा कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है वही नगर क्षेत्र में बनी सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के लिए सरकारी कालोनियों में भी गंदगी का अंबार बना रहता है जिसका नजारा यदि देखना हो तो शहर मोहल्ला ए बी नगर कि टाइप टू कॉलोनी में आकर देख सकते हैं जहां पर जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी रहते हैं और उनके मातहत कार्य करने वाले कर्मचारी भी रहते हैं और उनके घरों के सामने नालियां बजाती हुई और पानी से बनाती हुई कालोनियों के दरवाजे तक गंदगी का अंबार लगा रहता है जिसे यह जिम्मेदार भी देखकर अनजान क्यों बने हुए रहते हैं यह तो बताना हमारे लिए बहुत ही कठिन है यदि कोई जाना चाहे तो सोता इन्हीं से पूछ सकता है क्योंकि यह अपने आकाओं को बचाने के लिए ना नाम ही बताते हैं और ना ही कुछ बोलते हैं परंतु हकीकत जो अपनी आंखों से देख सकता है वह स्वयं देख ले और महसूस कर ले कि जब जिम्मेदारों के दरवाजे तक जिंदगी बजा रही हो तो आम नागरिक के लिए क्या सुविधाएं और कैसी सुविधाएं यह बात दीगर है सरकारी धन का नगर पालिका के जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी और सत्ता दल के नेता मिलकर हम पूरा कर जमकर लूट रहे हैं और अकूत संपत्ति के स्वामी बनते जा रहे हैं जिस का नजारा देखना हो एक गठित टीम के द्वारा सीबीआई और ईडी के माध्यम से नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और सदर विधायक की जांच करा कर कोई भी दूध का दूध और पानी का पानी देख सकता है एक कहावत पुरानी बुजुर्गों के द्वारा कही गई है बिल्ली के गले में घंटी बांधने का कौन क्योंकि जब सरकार उनकी है सत्ता उनकी की है उन्हीं के द्वारा स्वीकृत करके जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती हुई है फिर कोई क्या कर सकता है।
इनसेट
विकास कैसे दौड़ा,जबकि जमीनी हकीकत में खड़ा होना दूर रेंगा तक नही फिर जीता कैसे
भाजपा सरकार में जुबानी जंग के दौरान नेताओं ने विकास को मैराथन दौड़ में दौड़ा कर प्रथम स्थान की श्रेणी में खड़ा होना बताया और अभिलेखों में भी दिखाया लेकिन जमीनी हकीकत जिसने भी देखा वह हैरत में रहा की विकास दौड़ा तो कैसे दौड़ा जबकि विकास अपने पैरो पर खड़ा होना तो दूर रहा वह तो रेंग तक नहीं पाया होगा जिससे लोग त्राहि त्राहि कर रहे हैं हा यदि विपक्ष पार्टियों के नेताओं की जुबानी सुने तो यह बात दीगर है 2022 के विधानसभा चुनाव जीत हासिल कैसे हुई क्योंकि बसपा,कांग्रेस के प्रत्याशी विमुख रहे और मतदाताओं की वोट के बदले नोट और शराब के साथ जिसको जैसी जरूरत रही सभी मुरादे पूरी हुई तो आगे आप स्वयं अनुमान लगा सकते हैं वही कुछ लोगो का मानना है कि चुनाव में खड़े प्रत्याशियों की जीत नही हुई हैं 70 प्रतिशत योगी जी और 30 प्रतिशत मोदी जी के कारण प्रदेश में और हिंदू मुस्लिम के वजह से प्रचंड बहुमत हासिल हुई हैं।
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