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हरदोई में नशेड़ी पिता ने मासूम बच्ची से किया दुष्कर्म, बंद कमरे में बिलखती रही मां

हरदोई में नशेड़ी पिता ने मासूम बच्ची से किया दुष्कर्म, बंद कमरे में बिलखती रही मां678

👤09-10-2020-हरदोई । उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक पिता ने शराब के नशे में अपनी चार साल की बच्ची से ही दुष्कर्म किया। फिर पत्नी और बच्चों को जान से मारने की धमकी देते हुए घर में बंद कर दिया। बच्ची को बचाने के शुक्रवार को वह शराब लेने गया तो मौका पाकर बच्ची की मां ने 100 नंबर पर फोन किया, पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़िता की मां की तहरीर पर एफआइआर दर्ज कर ली गई है।\r\nये है पूरा मामला \r\nमामला कासिमपुर थाना क्षेत्र का है। यहां के निवासी राजमिस्त्री नशे का आदी था। परिवार में पत्नी दो पुत्र और एक चार साल की पुत्री है। बताते हैं कि गुरुवार को उसकी पत्नी काम से बाहर गई थी। पुत्र भी घर के बाहर थे। बच्ची घर पर थी, वह बहुत नशे में था और उसने बच्ची से दुष्कर्म किया। जैसा कि बच्ची की मां ने बताया कि कुछ समय बाद ही वह आ गई। बच्ची की दशा देखकर उसने विरोध किया तो पति ने बांका उठा लिया। फिर सभी बच्चों समेत उसे भी मार डालने की धमकी देकर उन्हें कमरे में बंद कर दिया। गुरुवार को पूरे दिन और रात उन्हें धमकी देता रहा, लेकिन शुक्रवार की सुबह वह शराब लेने गया तो उसने बच्ची की मां ने 100 नंबर पर फोन किया। \r\nक्या कहती है पुलिस ?\r\nकोतवाल दीपक सिंह ने बताया कि सूचना मिलते ही फोर्स मौके पर पहुंच गई। सीओ के साथ फारेंसिंक टीम भी बुलाई गई। कोतवाल ने बताया कि एफइआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस आरोपित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

09-10-2020-हरदोई । उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक पिता ने शराब के नशे में अपनी चार साल की बच्ची से ही दुष्कर्म किया। फिर पत्नी और बच्चों को जान से मारने की धमकी देते हुए घर में बंद कर दिया।...

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इकबाल अंसारी के खिलाफ मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगते ही भड़की शूटर वर्तिका सिंह, 14 को अगली सुनवाई

इकबाल अंसारी के खिलाफ मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगते ही भड़की शूटर वर्तिका सिंह, 14 को अगली सुनवाई918

👤09-10-2020-अयोध्या । बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह भड़क उठी हैं। वर्तिका सिंह ने धारा 156/3 के तहत इकबाल अंसारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया। जिन बिंदुओं पर अभी तक जांच नहीं हुई हैं, उस पर जांच करने की मांग की है। जिसकी सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। गौरतलब हो कि वर्तिका सिंह ने पहला मुकदमा 19 सितंबर 2019 को थाना रामजन्मभूमि में दर्ज कराया था। जिसमें इकबाल अंसारी समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। न्यायालय के आदेश पर थाना रामजन्मभूमि में दर्ज हुई प्राथमिकी में इकबाल को आईपीसी की धारा 506, 505(2), 504 और 147 के तहत आरोपित किया गया है। ये धाराएं दो समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने, बलवा, मारपीट और धमकी से संबंधित हैं।  वर्तिका सिंह के वकील रोहित त्रिपाठी का आरोप है कि पुलिस ने आरोपी को ही गवाह बना दिया और वर्तिका के भाई का बयान नहीं लिया गया। सितंबर 2019 में अयोध्या पहुंचकर वर्तिका सिंह ने इकबाल अंसारी से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान इकबाल अंसारी और वर्तिका सिंह के बीच कहासुनी हुई थी। वर्तिका सिंह ने इकबाल अंसारी पर प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी का आरोप लगाया था। 
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

09-10-2020-अयोध्या । बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी के खिलाफ दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगने के बाद अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज वर्तिका सिंह भड़क उठी हैं। वर्तिका सिंह...

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मामूली विवाद में दबंगों ने भरे चौराहे पर जीप से कुचल कर मार डाला

मामूली विवाद में दबंगों ने भरे चौराहे पर जीप से कुचल कर मार डाला674

👤09-10-2020-संत कबीरनगर। संत कबीरनगर के खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के कुरथिया चौराहे पर आधा दर्जन मनबढ़ों ने जितवापुर के जगदीश (46) पुत्र सजनलाल को पहले मारापीटा। इसके बाद उन्होंने उनके ऊपर हंटर जीप चढ़ाकर कुचल दिया। जगदीश को बचाने आए कुरथिया गांव के अनिल पर भी उन्हाेंने जीप चढ़ा दी, जिससे उनका भी पैर टूट गया। मनबढ़ों का खौफ इतना था कि दोनों वहां घंटे भर पड़े रहे लेकिन कोई उन्हें उठाने नहीं पहुंचा। बाद में गांव वालों को पता चला तो बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और दोनों को अस्पताल पहुंचाया। \r\nविरोध में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर किया हंगामा\r\nघटना से आक्रोि‍शित ग्रामीणों ने कांटे चौकी पहुंच कर हंगामा किया। ग्रामीणों का आरोप है कि दो मनबढ़ भाइयों का पिता चौकी का दलाल है। यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। रात दस बजे चिकित्सकों ने जगदीश को मृत घोषित कर दिया। गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने विकास चौधरी, आलोक चौधरी और सद्दाम हुसैन को नामजद करते हुए आठ अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।\r\nदस दिन पूर्व लड़की की विदाई पर हुआ था बवाल\r\nजगदीश के भतीजे मनीष, अरविंद और सुनील ने बताया कि उनकी बहन संगीता की शादी बस्ती जनपद के मुंडेरवा थाना क्षेत्र के कांची डड़वा गांव में हुई है। उसका पति बृजेश उसे प्रताड़ित करता है। 10 दिन पहले पहले सुनील और अरविंद बहन को लेने गए थे। तब बहनोई बृजेश ने बहन के साथ उन दोनों को भी मारापीटा था। बहन अपने मायके जितवापुर आ गई थी। बीते मंगलवार को बृजेश अपने मित्र खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के चकिया निवासी विकास और आलोक चौधरी पुत्रगण रामजी चौधरी और टेमा रहमत के सद्दाम पुत्र मशहूर आलम समेत दर्जनभर युवकों के साथ अपनी पत्नी को विदा कराने गया था। तब ग्रामीणों ने उन्हें वहां से भगा दिया था। इसी बात से मनबढ़ नाराज थे और ग्रामीणों को मारने के लिए ढूंढ रहे थे।
🕔 एजेंसी

09-10-2020-संत कबीरनगर। संत कबीरनगर के खलीलाबाद कोतवाली क्षेत्र के कुरथिया चौराहे पर आधा दर्जन मनबढ़ों ने जितवापुर के जगदीश (46) पुत्र सजनलाल को पहले मारापीटा। इसके बाद उन्होंने...

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संत कबीरनगर में पशु तस्‍करों ने पुलिस कर्मियों को कुचलने का किया प्रयास

संत कबीरनगर में पशु तस्‍करों ने पुलिस कर्मियों को कुचलने का किया प्रयास611

👤09-10-2020-संत कबीनगर। कोतवाली खलीलाबाद के मलोरना गांव के पास लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार को पशु तस्करों ने पुलिसकर्मियों को कंटेनर से कुचलने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी कंटेनर को जांच के लिए रोक रहे थे। पकड़ में आने से बचने के लिए चालक ने पुलिस कर्मियों को कुचलकर भागने का प्रयास किया। इसी दौरान अनियंत्रित होकर पशुओं से भरा वाहन सड़क के किनारे पर पेड़ से टकराकर गड्ढे में चला गया।\r\nपश्चिम बंगाल जा रहा था पशुओं से लदा वाहन\r\nकोतवाली प्रभारी मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि बस्ती की तरफ से एक कंटेनर में पशुओं को लादकर पश्चिम बंगाल ले जाने की सूचना मिली। इसे लेकर उप निरीक्षक राजेश कुमार यादव, अनिरुद्ध सिंह व दयाराम को वाहनों की जांच के लिए भेजा गया। यह लोग जांच कर रहे थे कि बस्ती की तरफ से एक कंटेनर आती दिखी। पुलिसकर्मियों ने रोकने का प्रयास किया तो चालक ने वाहन की रफ्तार तेज कर पुलिस को कुचलने के लिए गाड़ी को मोड़ दिया। किनारे हटकर पुलिसकर्मी तो बच गए परंतु कंटेनर आगे जाकर सड़क के किनारे एक पेड़ से टकराकर एक गड्ढे में चली गई। इस पर लदे 40 पशुओं को बाहर निकाला गया। मौके से कंटेनर चालक व तस्कर भागने में सफल रहे। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है।\r\nभूसी लादकर गोरखपुर के लिए निकली थी गाड़ी\r\nपुलिस ने पलटे कंटनेर के बारे में नेट से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि यह मुरादाबाद के एक ट्रांसपोर्ट कंपनी का है। कंटेनर पर लिखे तीन नंबरों पर फोन करने के बाद एक ने ट्रक बेंच दिए जाने की बात कही। दूसरे व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने धान की भूसी लोड करवाकर गोरखपुर के लिए भेजा था। इसकी आड़ में चालक ने कुछ गड़बड़ी की होगी। प्रश्न उठता है कि अगर भूसी लादकर कंटेनर चला था तो गोरखपुर पहुंचने से पहले ही इस पर पशु कहां से लादे गए? इस पर लदी भूसी का क्या हुआ? इसे लेकर पुलिस जांच में जुटी है।
🕔tanveer ahmad

09-10-2020-संत कबीनगर। कोतवाली खलीलाबाद के मलोरना गांव के पास लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर शुक्रवार को पशु तस्करों ने पुलिसकर्मियों को कंटेनर से कुचलने का प्रयास किया। पुलिसकर्मी...

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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती एलडीए की प्रियदर्शनी नगर कॉलोनी

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती एलडीए की प्रियदर्शनी नगर कॉलोनी419

👤09-10-2020-उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो लोगों ने उम्मीदों की खिड़कियां खोल विकास के घर आने का स्वप्न देख लिया. लोगों की सोच थी कि भ्रष्टाचार पीछे की गली से निकल जाएगी लेकिन यह क्या अब तो भ्रष्टाचार ने इतना बड़ा मुंह खोल लिया कि उसके आगोश में हर गली चौराहा कुछ कहने के लायक ही नहीं बचे. सरकार खुलकर हर मद में पैसा खर्च करने को तैयार है लेकिन उस मद के पैसे का उपभोग आखिरकार कौन कर रहा है सरकार सोचती होगी नई नई स्कीम को लॉन्च कर हम बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं जनता बहुत ज्यादा खुश हो गई लेकिन सरकार के फंड जनता तक उस के विकास में लग रहा कि नहीं इसकी देखरेख उन्हीं भ्रष्टाचारियों के हाथ में है जो सत्ता धारी नेताओं के आगे पीछे कर ठेका अपने नाम करवा लेते हैं और अपनी मर्जी से समाज के ठेकेदार बन जाते हैं जो विकास कार्य भादो के महीने तक के लिए करते है सरकार पांच  बरस रहे लेकिन विकास व निर्माण कार्य में छह महीने के लिए बरसाती मेंढक की तरह आकर चला जाता है. मतलब विकास के कार्य 6 महीने भी नहीं टिक पाते. आप समझ ही सकते हैं किस तरह की मटेरियल का यूज़ होता होगा ऊपर से हिस्सेदारी सभी को चाहिए तो फिर भ्रष्टाचार खत्म कहां हुआ यह तो बढ़ता ही चला गया. खैर मामला है, राजधानी लखनऊ का जहां सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एलडीए की कॉलोनी प्रियदर्शनी जो थाना मड़ियांव अलीगंज क्षेत्र में है वहां सांसद राजनाथ सिंह के कोटे से रोड के विकास का टेंडर पास हुआ लेकिन ठेकेदार पूरे रॉब में मोहल्ले वासियों से सुविधा शुल्क ले लेकर सरकारी मेटेरिअल से लोगों के चबूतरे तक तैयार कर रहे हैं. मतलब जो सड़क दस साल बाद बन रही लेकिन उसमें भी मानक के अनुरुप कार्य नहीं हो रहा हल्के मटेरियल से रोड तैयार कर दिया गया कुल मिलाकर कह सकते हैं कि मानक विहीन सड़क में हो रहा भ्रष्टाचार के साथ घोटाला. भला आप ही बताएं जो मटेरियल सड़़क के मानक के हिसाब से सरकारी पैसों पर दी गई हो उसे हलके तौर पर बनाकर बाकी का रकम डकार और अवैध वसूली कर सरकारीी पैसों की मटेरियल्स से लोगों के चौतरें बने तो सड़क का मानक गिरा कि नहीं उसके बाद जो कमीशन खोरी हुई हल्के मटेरियल परचेज किए गए उसके लिए ऊपर स नीचे तक के अधिकारियों को जेब गर्म किया गया ऐसेे में जो सड़क बनकर तैयार होगा उसकी क्वालिटी और क्वांटिटी का अंदाजा आप खुद भी लगाा सकते. अब देखना यह होगा कि खबर के प्रकाशन के बाद संबंधित अधिकारी कितने गंभीरता के साथ इस पर जांच कर कार्रवाई करतेे हैं और नहींं तो अन्य भ्रष्टाचार की भेट सड़क भी चढ़ जाएगी.
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

09-10-2020-उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आई तो लोगों ने उम्मीदों की खिड़कियां खोल विकास के घर आने का स्वप्न देख लिया. लोगों की सोच थी कि भ्रष्टाचार पीछे की गली से निकल जाएगी लेकिन...

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मासूम बच्चों को 'सीरियस मेन' बनाएंगे तो वो बर्बाद हो जाएंगे, कई संदेश देती है नवाज़ की फ़िल्म

मासूम बच्चों को 'सीरियस मेन' बनाएंगे तो वो बर्बाद हो जाएंगे, कई संदेश देती है नवाज़ की फ़िल्म542

👤02-10-2020-नई दिल्ली। सुधीर मिश्रा की फ़िल्म सीरियस मेन मुख्य रूप से दो \'घाटालों\' यानि स्कैम्स की कहानी है। एक स्कैम अंतरिक्ष में एलियन माइक्रोब्स की खोज के नाम पर हो रहा है, जिसे एक बेहद मशूहर स्पेस साइंटिस्ट अंजाम दे रहा होता है, जो जाति से ब्राह्मण है। दूसरा घोटाला धरती पर अपने वजूद को साबित करने के लिए एक पिता द्वारा किया जाता है, जो दलित समुदाय से आता है। इन दोनों घोटालों के बीच सदियों से चले आ रहे जातिगत भेदभाव से निकलने की छटपटाहट और गगनचुम्बी इमारतों में रहने वाले एलीट क्लास के स्टेटस का पीछा करने की व्याकुलता सीरियस मेन के ड्रामे का सार है। फ़िल्म शुक्रवार को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो गयी और इसके साथ नवाज़ ने नेटफ्लिक्स के साथ अपनी हेट्रिक पूरी कर ली, जिसकी शुरुआत सेक्रेड गेम्स से हुई थी। सीरियस मेन मनु जोसेफ के इसी नाम से आये नॉवल पर आधारित है। तमिलनाडु के एक छोटे से गांव के दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाला अय्यन मणि (नवाज़उद्दीन सिद्दीक़ी) मुंबई की एक चॉल में एक छोटे से कमरे में पत्नी (इंदिरा तिवारी) के साथ रहता है। अय्यन साइंटिस्ट डॉ. आचार्य (नासर) का पीए है। बॉस की झिड़कियों के साथ तंगहाली में जीवन बिताने वाला अय्यन अपने बेटे को एक सुरक्षित और कामयाब भविष्य देना चाहता है। वो उसे सीरियस मैन बनाना चाहता है। यहां सीरियस का सांकेतिक मतलब एलीट या संभ्रांत समझा जाए। बेटे के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए वो एक ऐसा खेल रचता है, जिसमें ख़ुद फंस जाता है। अय्यन अपने सामान्य बुद्धि वाले बेटे को एक जीनियस के तौर पर प्रोजेक्ट करता है। इससे उसे समाज रुतबा, शोहरत, पैसा सब कुछ मिलता है। मगर, एक वक़्त बाद बच्चा झूठ के इस बोझ को उठा नहीं पाता और उसका राज़फ़ाश होने लगता है। उधर, डॉ. आचार्य की अंतरिक्ष में एलियन माइक्रोब्स की तलाश बोगस साबित होती है और उनकी नौकरी चली जाती है, जिसके लिए कुछ हद तक अय्यन ज़िम्मेदार होता है। दोनों \'घोटालेबाज़\' एक-दूसरे की मदद करके अंतत: फ़िल्म की कहानी को एक निर्णायक क्लाइमैक्स की ओर ले जाते हैं। सीरियस मेन एक तरफ़ जातिगत कुंठा और ग़रीबी से त्रस्त एक शख़्स की आकांक्षाओं पर टिकी है, वहीं एजुकेशन सिस्टम की कुछ बुनियादी ख़ामियों पर भी सवाल उठाती है। धार्मिक और सियासी लोगों के लिए दलित वर्ग के क्या मायने हैं, इस पर सीरियस मेन रोशनी डालती है। सीरियस मेन ऐसे अनगिनत बच्चों की कहानी भी है, जिनका बचपन अपने माता-पिता की महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ जाता है, मगर इसके संवादों और कुछ दृश्यों की वजह से बच्चे इस फ़िल्म को नहीं देख पाएंगे। संवादों को वास्तविकता के नज़दीक रखने के चक्कर में भद्दी गालियों का जमकर प्रयोग किया गया है। सीरियस मेन के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें एक साथ बहुत सारे मैसेज देने की कोशिश की गयी है, जिसकी वजह से फ़िल्म थोड़ा उलझी हुई लगती है। शायद इसी वजह से यह सुधीर मिश्रा की पिछली फ़िल्मों के मुकाबले थोड़ा कमज़ोर महसूस होती है, लेकिन इतनी कमज़ोर भी नहीं कि इसे नज़रअंदाज़ कर दिया जाए। संजीदा विषयों को उछालती फ़िल्म का ट्रीटमेंट हल्का-फुल्का रखा गया है, जिसके चलते ऊबाऊ नहीं होती।  बतौर कलाकार नवाज़उद्दीन की क्षमताओं को देखते हुए, ऐसे चरित्र निभाना उनके लिए कोई चुनौती नहीं रही। अय्यन के किरदार के विभिन्न पहलुओं का कामयाबी के साथ पर्दे पर पेश किया है। मुंबई में रहने वाले दक्षिण भारतीय किरदार के लहज़े को नवाज़ ने पकड़कर रखा है। मगर, सबसे अधिक प्रभावित किया बेटे का किरदार निभाने वाले अक्षत दास और पत्नी बनीं इंदिरा तिवारी ने। अक्षत ने पिता की आकांक्षाओं के बोझ तले दबे मासूम बेटे की जीत और हार को बेहद सधे हुए तरीक़े से जिया है। वहीं, इंदिरा ने चॉल में रहने वाली निम्न आय वर्ग की महिला के हाव-भाव को पूरी शिद्दत से पर्दे पर उतारा है। नेता और बिल्डर के रोल में संजय नर्वेकर और उनकी भावी पॉलिटिशियन बेटी के रोल में श्वेता बसु प्रसाद ने ठीकठाक काम किया है।
🕔 एजेंसी

02-10-2020-नई दिल्ली। सुधीर मिश्रा की फ़िल्म सीरियस मेन मुख्य रूप से दो \'घाटालों\' यानि स्कैम्स की कहानी है। एक स्कैम अंतरिक्ष में एलियन माइक्रोब्स की खोज के नाम पर हो रहा है, जिसे एक...

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- राज्य के पांच जिलों में कोविड-19 नियंत्रण पर खास ध्यान देने की जरूरत

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- राज्य के पांच जिलों में कोविड-19 नियंत्रण पर खास ध्यान देने की जरूरत688

👤02-10-2020-लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश में किये जा रहे प्रयासों को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, गोरखपुर और वाराणसी पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। इन जिलों में चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर बढ़ाने पर जोर दिया है। शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय बैठक में अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांच सप्ताह के बाद राज्य में कोविड-19 के एक्टिव मरीजों की संख्या 50 हजार से कम हुई है। उन्होंने चिकित्सा के बेहतर उपाय करते हुए एक्टिव मरीजों की संख्या में और कमी लाने के निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद व अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ.रजनीश दुबे को निर्देश दिया कि वे लखनऊ, कानपुर नगर, मेरठ, गोरखपुर तथा वाराणसी के जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से नियमित संवाद बनाए रखें और चिकित्सालयों, मेडिकल कॉलेजों तथा चिकित्सा संस्थानों की उपचार व्यवस्था की गहन मॉनिटरिंग भी करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि प्रदेश में 1.5 लाख कोविड टेस्ट प्रतिदिन हों जिनमें 60 हजार टेस्ट आरटीपीसीआर विधि से किए जाएं। उन्होंने कहा कि वे कोविड-19 से बचाव और यातायात सुरक्षा के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान किए जाने की कार्यवाही की समीक्षा करेंगे। उन्होंने ई-संजीवनी एप का व्यापक प्रचार-प्रसार करते हुए अधिक से अधिक लोगों को इसके माध्यम से ऑनलाइन ओपीडी का लाभ सुलभ कराने के निर्देश दिए।\r\nसिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए करें इंतजाम : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार अक्टूबर को आयोजित होने वाली संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के माध्यम से पात्र लोगों को ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था को और गति देने के लिए कहा। धान क्रय केंद्रों पर आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने का निर्देश दिया ताकि खरीद केंद्रों पर तेजी से काम हो सके।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

02-10-2020-लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण के लिए उत्तर प्रदेश में किये जा रहे प्रयासों को लगातार जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों...

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रामधुन सुनाएगी बापू की स्मृति दीर्घा, काशी विद्यापीठ में स्मृतियां संरक्षित

रामधुन सुनाएगी बापू की स्मृति दीर्घा, काशी विद्यापीठ में स्मृतियां संरक्षित935

👤02-10-2020-वाराणसी । बापू की स्मृतियां आज भी काशी में विभिन्न स्थानों पर संग्रहित हैं। काशी में शिक्षा के लिए बापू का प्रयास आज भी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के रूप में ज्ञान का उजाला फैला रहा है। वहीं मानविकी भवन के जिस कक्ष में महात्मा गांधी ठहरे थे, उसमें बापू का चरखा आज भी सुरक्षित रखा हुआ है। विद्यापीठ ने इस कक्ष को बापू स्मृति दीर्घा के रूप में विकसित किया है। इसमें उनकी स्मृतियां सहेजी गई हैं। शताब्दी वर्ष में विद्यापीठ बापू स्मृति दीर्घा को नया लुक देने के प्रयास में जुटा है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के समापन पर काशी विद्यापीठ प्रशासन ने मानविकी संकाय स्थित बापू स्मृति दीर्घा आमजनों के लिए खोल दिया है। अब कोई बाहरी व्यक्ति भी बापू स्मृति दीर्घा को देख सकता है, वह भी बिल्कुल मुफ्त। गांधी ने क्या-क्या प्रयास किए, किस-किसको पत्र लिखा, किसने दीक्षांत भाषण दिया, उससे जुड़े अभिलेखों के साथ ही कई दुर्लभ तस्वीरें भी यहां देखने को मिल जाएंगी। बापू स्मृति दीर्घा को नया लुक देने की कुलपति प्रो. टीएन ङ्क्षसह ने पहल की। इस क्रम में महात्मा गांधी से जुड़े दुर्लभ चित्रों व पत्रों को लेमिनेशन कराकर नए फ्रेम में लगाया गया है ताकि दुर्लभ चित्र व पत्र खराब न हों। शीशम की लकड़ी का नया चरखा भी बनवाया गया। दक्ष कलाकारों से महात्मा गांधी की बाल्यावस्था से लगायत अंत समय तक की 17 पेंटिंग बनवाई गई हैं। इसके अलावा रामधुन के लिए स्पीकर सहित अन्य उपकरण भी क्रय किए जा चुके हैं ताकि कक्ष में प्रवेश करते ही आगंतुकों के कान में रामधुन घुल जाए। वहीं अब विशेष अवसरों के स्थान पर समय-समय पर गीता पाठ, सर्वधर्म प्रार्थना व भजन-कीर्तन का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। काशी विद्यापीठ की स्थापना गांधी के असहयोग आंदोलन से प्रभावित होकर बाबू शिव प्रसाद गुप्ता और भगवान दास ने की थी। वहीं इसकी आधारशिला 10 फरवरी 1921 में महात्मा गांधी ने रखी थी। इसे देखते हुए वर्ष 1995 में विद्यापीठ ने नाम के आगे उनका भी नाम जोड़ा गया। ब्रिटिश भारत में यह पहला स्वदेशी विश्वविद्यालय था। बाद के दिनों में कुछ और प्रदेशों में भी शिक्षा की अलख जगाने के लिए इस तरह के विद्यापीठ स्थापित हुए।\r\nइस कक्ष में सात बार ठहरे थे बापू\r\nमहात्मा गांधी का काशी आगमन करीब 13 बार हुआ था। इसमें से सात बार वह काशी विद्यापीठ परिसर में ही ठहरे। मानविकी भवन के जिस कक्ष में महात्मा गांधी रुके थे उस कक्ष में काशी विद्यापीठ ने बापू स्मृति दीर्घा के नाम पर विकसित किया है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

02-10-2020-वाराणसी । बापू की स्मृतियां आज भी काशी में विभिन्न स्थानों पर संग्रहित हैं। काशी में शिक्षा के लिए बापू का प्रयास आज भी महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के रूप में ज्ञान का...

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उत्तर प्रदेश में पांच हफ्ते बाद 50 हजार से कम हुए कोविड-19 के एक्टिव केस

उत्तर प्रदेश में पांच हफ्ते बाद 50 हजार से कम हुए कोविड-19 के एक्टिव केस82

👤02-10-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार और तेज हो गई है। पांच हफ्ते बाद शुक्रवार को कोरोना के एक्टिव केस घटकर 50 हजार से कम हो गए हैं। अब वर्तमान में रोगियों की संख्या 49,112 है। बीते 25 अगस्त को प्रदेश में एक्टिव केस 49,575 थे। फिर इसके बाद मरीज तेजी से बढ़े और 17 सितंबर को सर्वाधिक 68,235 एक्टिव केस हो गए। मगर बीते 15 दिनों से लगातार नए मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण एक्टिव केस 28 फीसद कम हुए हैं। यानी इस बीच 19,123 रोगी घटे हैं। अब रिकवरी रेट बढ़कर 86.47 फीसद हो गया है। वर्तमान में कोरोना के 49,112 मरीजों में से 22,987 रोगी होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं। वहीं 3,656 रोगी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। बाकी रोगी कोविड-19 के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार जांच और कांटेक्ट ट्रेसिंग को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। अब तक प्रदेश में 12.81 करोड़ लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अभी तक प्रदेश में 1.04 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।\r\n3,946 नए मरीज मिले, 5107 हुए स्वस्थ : उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 3,946 नए रोगी मिले हैं। वहीं इससे अधिक 5,107 मरीज स्वस्थ हुए हैं। अब कुल मरीजों का आंकड़ा 4.07 लाख पहुंच गया है और इसमें से 3.51 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 5,917 लोगों की जान यह खतरनाक वायरस ले चुका है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

02-10-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार और तेज हो गई है। पांच हफ्ते बाद शुक्रवार को कोरोना के एक्टिव केस घटकर 50 हजार से कम हो गए हैं।...

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उत्तर प्रदेश में पांच हफ्ते बाद 50 हजार से कम हुए कोविड-19 के एक्टिव केस

उत्तर प्रदेश में पांच हफ्ते बाद 50 हजार से कम हुए कोविड-19 के एक्टिव केस66

👤02-10-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार और तेज हो गई है। पांच हफ्ते बाद शुक्रवार को कोरोना के एक्टिव केस घटकर 50 हजार से कम हो गए हैं। अब वर्तमान में रोगियों की संख्या 49,112 है। बीते 25 अगस्त को प्रदेश में एक्टिव केस 49,575 थे। फिर इसके बाद मरीज तेजी से बढ़े और 17 सितंबर को सर्वाधिक 68,235 एक्टिव केस हो गए। मगर बीते 15 दिनों से लगातार नए मरीजों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण एक्टिव केस 28 फीसद कम हुए हैं। यानी इस बीच 19,123 रोगी घटे हैं। अब रिकवरी रेट बढ़कर 86.47 फीसद हो गया है। वर्तमान में कोरोना के 49,112 मरीजों में से 22,987 रोगी होम आइसोलेशन में अपना इलाज करवा रहे हैं। वहीं 3,656 रोगी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। बाकी रोगी कोविड-19 के सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग लगातार जांच और कांटेक्ट ट्रेसिंग को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। अब तक प्रदेश में 12.81 करोड़ लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अभी तक प्रदेश में 1.04 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है।\r\n3,946 नए मरीज मिले, 5107 हुए स्वस्थ : उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस से संक्रमित 3,946 नए रोगी मिले हैं। वहीं इससे अधिक 5,107 मरीज स्वस्थ हुए हैं। अब कुल मरीजों का आंकड़ा 4.07 लाख पहुंच गया है और इसमें से 3.51 लाख रोगी स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 5,917 लोगों की जान यह खतरनाक वायरस ले चुका है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

02-10-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार और तेज हो गई है। पांच हफ्ते बाद शुक्रवार को कोरोना के एक्टिव केस घटकर 50 हजार से कम हो गए हैं।...

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