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गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ है तो कोरोना संदिग्ध : डॉ. ढोल

गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ है तो कोरोना संदिग्ध : डॉ. ढोल507

👤30-05-2020-
लखनऊ। कोरोना के इस  संकटकाल में खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जा रहे हैं। इसकी वजह कोरोना और सामान्य फ्लू के लक्षणों का आपस में मिलना है। प्रदेश सरकार के हेल्पलाइन नंबर पर रोजाना आ रही सैकड़ों काल इसकी तस्दीक करती हैं।  
सवाल यह है कि दोनों में फर्क कैसे किया जाए। क्‍या खांसी और बुखार आते ही आपको कोरोना की जांच करानी चाहिए? माइक्रोबायोलाजिस्ट डॉ. टी.एन. ढोल के मुताबिक दोनों में काफी बारीक फर्क है। शुरुआती लक्षण काफी-कुछ मिलते-जुलते हैं, लेकिन पहचान करना संभव है। डॉ. ढोल एसजीपीजीआई में सीनियर माइक्रोबायोलाजिस्ट रहे हैं। इस वक्त हिन्द इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में माइक्रोबायोलाजी विभाग के हेड हैं।  डॉ. ढोल के मुताबिक बुखार के साथ अगर सांस लेने में तकलीफ और सूखी खांसी है तो सावधान हो जाना चाहिए। इसके अलावा अगर खांसी के साथ गले में खराश हो रही है तो व्यक्ति फौरन डॉक्टर से संपर्क करे। डाक्टर कोरोना टेस्ट कराएगा और जरूरी दवाएं देगा जिससे पकड़ में आ जाएगा कि मरीज कोरोना से संक्रमित तो नहीं। उन्होंने कहा कि कोरोना में खून में आक्सीजन की कमी (40 से 50 प्रतिशत) हो जाती है। यह भी एक लक्षण है कोरोना को पहचाने का। उन्होंने कहा कि इसकी जांच पल्स आक्सीमीटर नाम की मशीन से किया जा सकता है। इस मशीन को हाथ की किसी उंगली में लगाने पर आक्सीजन लेवल पता चल जाता है जिससे झट कोरोना के बारे में पता चल सकता है।   कोरोना के लक्षण• सांस लेने में तकलीफ  • गले में खराश होने के साथ सूखी खांसी• मांसपेशियों में दर्द • बुखार सामान्य फ्लू के लक्षण   
• जुकाम (नाक बहना)• बुखार- खांसी• सिरदर्द• आंखों का लाल होना, पानी आना
🕔tanveer ahmad

30-05-2020-
लखनऊ। कोरोना के इस  संकटकाल में खांसी और बुखार आते ही लोग दहशत में आ जा रहे हैं। इसकी वजह कोरोना और सामान्य फ्लू के लक्षणों का आपस में मिलना है। प्रदेश सरकार के हेल्पलाइन...

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विधिक कानून और समाज एक दूसरे से बराबर जुड़े हुए : प्रो. रतन सिंह

विधिक कानून और समाज एक दूसरे से बराबर जुड़े हुए : प्रो. रतन सिंह668

👤30-05-2020-
लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा शनिवार  को \"मेथड्स ऑफ लीगल रिसर्च\" विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य वक्ता पंजाब विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज के निदेशक प्रो  रतन सिंह रहे। वेबिनार की अध्यक्षता प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा द्वारा की गई। 
मुख्य वक्ता प्रोफेसर रतन सिंह ने बताया कि आज के समय में रिसर्च समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखती है। वहीं विधिक कानून और समाज एक दूसरे से बराबर जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि  फील्ड वर्क रिसर्च का सबसे जरूरी भाग है। इसमें भी ऑब्जर्विंग पावर होना चाहिए।  उन्होंने आज के समय में मजदूरों के पलायन की समस्या पर चर्चा करते हुए कहा कि घर बैठकर या टीवी पर देखकर मजदूरों के किन-किन अधिकारों का हनन हो रहा है यह बताया नहीं जा सकता। फील्ड वर्क करके ही असली रिपोर्ट सामने आ सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का कानून बनने से पहले लीगल रिसर्च करना महत्त्वपूर्ण ही नहीं अनिवार्य भी है। 
प्रोफेसर सुदर्शन वर्मा ने कहा कि कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन से सभी काम ठप पड़े हुए हैं, पर शिक्षा का कार्य नहीं रुक सकता है। इस दिशा में नियमित शिक्षा के लिए वेबिनार व ऑनलाइन क्लासेस काफी मददगार रही है। ये हम सभी की मेहनत का नतीजा हैं कि आज हमने केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए इस राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया है।इसके बाद कार्यक्रम की संयोजक डॉ. सूफिया अहमद द्वारा प्रश्न उत्तर से जुड़ा सत्र आयोजित किया गया जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने अपने सवाल रखे।
🕔tanveer ahmad

30-05-2020-
लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के विधि विभाग द्वारा शनिवार  को \"मेथड्स ऑफ लीगल रिसर्च\" विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य...

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कोरोना के खिलाफ सभी देशों को मिलकर लड़नी है लड़ाई : राज्यपाल

कोरोना के खिलाफ सभी देशों को मिलकर लड़नी है लड़ाई : राज्यपाल600

👤30-05-2020-
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा आयोजित ‘स्वास्थ्य एवं वैश्विक परिदृश्य में कोविड-19 का उभरता परिप्रेक्ष्य‘ इण्डो-ईरानियन वेबिनार को सम्बोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना का स्वास्थ्य एवं अन्य क्षेत्रों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। सभी देशों को मिलकर इस बीमारी के विरूद्ध लड़ाई लड़नी है। 
उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य के दृष्टिगत सभी देशों को आपस में समन्वय कर इसके मैनेजमेन्ट, उपचार एवं वैक्सीन के शोध इत्यादि के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान करना आवश्यक है। भारत और ईरान में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति एवं इससे संबंधित अन्य परिस्थितियां मिलती जुलती हैं। दोनों देश कोरोना के संबंध में जानकारी का आदान-प्रदान कर इस बीमारी के विरूद्ध लड़ाई में महत्वपूर्ण सहयोग कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 वायरस जनित एक महामारी है परन्तु इसने पूरे विश्व को काफी कुछ सीखने एवं सोचने को मजबूर किया है। भारत में कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत चिकित्सालयों में वेन्टीलेटर्स की संख्या को बढ़ाया गया है। नवाचार के माध्यम से नये बनने वाले वेन्टीलेटर्स पहले की अपेक्षा कम मूल्य में उपलब्ध हो रहे है। चिकित्सा क्षेत्र में उपयोग हेतु पीपीई किट का पहले हम आयात करते थे तथा सीमित मात्रा में मास्क एवं गलव्स का उत्पादन देश में होता था, परन्तु आज देश में प्रतिदिन बड़ी संख्या में न केवल पीपीई किट, मास्क एवं गलव्स का उत्पादन हो रहा है, बल्कि निकट भविष्य में हम विश्व के अनेक देशों का इसका निर्यात भी करेंगे।
श्रीमती पटेल ने कहा कि दुनिया भर में कोविड-19 के उपचार के संबंध में वैक्सीन बनाने हेतु शोध जारी हैं। शोधकर्ताओं के समक्ष भी यह एक चुनौती है कि बिना विस्तृत शोध एवं क्लीनिकल ट्रायल के किसी दवा या वैक्सीन को कैसे प्रयोग में लायें। फिर भी दुनिया भर के शोधकर्ता कोविड-19 से निपटने के लिए जिस स्तर पर शोध कर रहे हैं और इसके संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, वह अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण कम हो जाने के बाद भी हम सभी को बदले तरीके से ही जीना होगा।
वेबिनार में स्वामी विवेकानन्द कल्चरल सेन्टर भारतीय दूतावास तेहरान के निदेशक प्रोफेसर अभय कुमार सिंह, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता, पारडीस टेक्नोलाॅजिक पार्क, वाइस प्रेसीडेंसी आफ साइंस एण्ड टेक्नोलाॅजी ईरान के डाॅ अली मम्हूरी, नेशबूर यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेस ईरान के डाॅक्टर मोहसिन आजिमी नेहद एवं डाॅक्टर नय्येरेह अमिनिसानी, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एजूकेशन एण्ड रिसर्च चंडीगढ़ के पूर्व निदेशक प्रोफेसर केके तलवार, ट्रांसलेशन हेल्थ सांइस एण्ड टेक्नोलाॅजी इंस्टीट्यूट के सलाहकार प्रोफेसर एनके गांगुली, एम्स ¬ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर रविकांत सहित अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण भी उपस्थित थे।


🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-05-2020-
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा आयोजित ‘स्वास्थ्य एवं वैश्विक परिदृश्य में कोविड-19 का उभरता परिप्रेक्ष्य‘...

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उप्र में कोरोना के 2,900 सक्रिय मामले, अब तक 4,462  मरीज इलाज से हुये ठीक

उप्र में कोरोना के 2,900 सक्रिय मामले, अब तक 4,462 मरीज इलाज से हुये ठीक920

👤30-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 75 जनपदों में 2,900 हो गई है। वहीं अब तक 4,462 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक होने के बाद घर भेजे जा चुके हैं। अब तक प्रदेश में इस वायरस से कुल 204 मौतें हुई हैं।

2,936 लोग आइसोलेशन वार्ड में भर्ती
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को बताया कि राज्य में इस समय 2,936 लोग आइसोलेशन वार्ड में और 9,556 लोग फैसिलिटी क्वारंटाइन में हैं। फैसिलिटी क्वारंटाइन में उन लोगों को रखा गया है जो कि कोरोना संक्रमितों के सम्पर्क में रहे हैं। हॉटस्पॉट में होने के कारण उनमें लक्षण नजर आये या जिनमें संक्रमण की सम्भावना होती है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 9,091 कोरोना नमूने जांच के लिए भेजे गये और 8,659 नमूनों की जांच की गई। इससे पहले गुरुवार को 9,981, बुधवार को 7,923, मंगलवार को 7,407, सोमवार को 7,725 और रविवार को कुल 7,314 कोरोना नमूनों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि कोरोना नूमनों की जांच की संख्या लगातार बढ़ायी जा रही है। वर्तमान में 12 ऑटोमेटिक आरएनए एक्स्ट्रैक्टर आ गये हैं, जिससे टेस्टिंग कैपेसिटी में सुधार होगा। अभी तक 20 ट्रूनेट मशीन आ गई हैं, जिन्हे 20 जनपदों में भेजा जा रहा है। अगले कुछ दिन में 50 ट्रूनेट मशीन और आ जाएंगी, जिन्हे शेष जनपदों को उपलब्ध करा दिया जायेगा। इन मशीनों के जरिए एक से डेढ़ घंटे में किसी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने का पता लगाया जा सकता है। इनमें एक बार में दो नूमनों की जांच की जा सकती है। आपातकालीन सेवाओं में ये मशीनें बेहद मददगार साबित होती हैं। 
722 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की हुई जांच
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 722 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 667 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। इनमें 102 पूल पॉजिटिव आये। वहीं 55 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई। इनमें 08 पूल पॉजिटिव आये।
इससे पहले गुरुवार को 989 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 918 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। वहीं 71 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई।
वहीं बुधवार को 649 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 567 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। वहीं 82 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई। मंगलवार को 676 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 589 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। वहीं 87 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई।
सोमवार को 865 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 775 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। वहीं 90 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई। रविवार को 936 पूल के जरिए विभिन्न नमूनों की जांच की गई। इनमें 736 पूल के जरिए प्रति पूल पांच-पांच नमूनों की जांच की गई। वहीं 200 पूल के जरिए प्रति पूल दस-दस नमूनों की जांच की गई।
आरोग्य सेतु एप को लेकर 44,079 लोगों को कन्ट्रोल रूम से फोन
उन्होंने बताया कि प्रदेश में \'आरोग्य सेतु\' एप डाउनलोड करने वालों के जो अलर्ट मिल रहे हैं, उन्हें सम्बन्धित जनपदों को भेजा जा रहा है। वहीं कन्ट्रोल रूम के जरिए जो लोग संक्रमित लोगों के सम्पर्क में आये हैं, उन्हें फोन करके इसकी जानकारी दे रहे हैं। अभी तक 44,079 लोगों को फोन किया जा चुका है। इनमें 114 लोग संक्रमित हैं और विभिन्न कोविड चिकित्सालयों में उनका इलाज चल रहा है। 51 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। 1,322 लोग एकांतवास केन्द्रों में हैं। 
3.87 करोड़ लोगों के बीच पहुंची स्वास्थ्य टीमें
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बीच पहुंचकर सर्वेश्रण कर रही हैं। अभी तक 3,572 हॉट स्पॉट और 9,651 नॉन हॉट स्पॉट क्षेत्रों को मिलाकर कुल 13,223 क्षेत्रों में 98,247 सर्विलांस टीम द्वारा 76,80,272 घरों के 3,87,14,819 लोगों का सर्वेक्षण किया गया।
अब तक 11,11,869 प्रवासी कामगारों का सर्वेश्रण 
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि अब तक आशा कार्यकत्रियों द्वारा 11,11,869 प्रवासी कामगारों का सर्वेश्रण किया जा चुका है। इनमें 1,022 में कोई न कोई लक्षण मिलने पर उन्होंने इसकी सूचना दी, जिसके बाद जांच करायी जा रही है।
संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा कि इस संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है। बड़ी संख्या में लोग उपचारित होकर घर जा रहे हैं। 95 प्रतिशत मामलों में कोई जटिलता नहीं होती हैं, केवल 5 प्रतिशत में जटिलता तभी होती हैं, जब लोग विलम्ब से अपनी जांच करवाते हैं। अगर व्यक्ति समय से अपनी जांच और इलाज करवाए तो इस बीमारी से किसी भी प्रकार से घबराने की आवश्यकता नहीं है।
वहीं शासनादेश में यह स्पष्ट है कि जिन लोगों के पास अपने घर में घरेलू एकांतवास (होम क्वारंटाइन) की व्यवस्था नहीं है, उसको सरकार के द्वारा संस्थागत एकांतवास (इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन) में रखा जाएगा। अगर किसी के पास घरेलू एकांतवास के लिए अपनी कोई व्यवस्था नहीं है तो उनके साथ कोई जोर-जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए, न ही गांव के लोग उन्हें कहीं बाहर रख सकते हैं। अगर किसी के साथ ऐसी कोई समस्या है तो उनके घरेलू एकांतवास की व्यवस्था किसी विद्यालय में या ग्राम पंचायत घर में होनी चाहिए और वहां सरकार द्वारा निःशुल्क भोजन की व्यवस्था भी की जाएगी। 
प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने कहा कि 23 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में हम बहुत हद तक कोरोना संक्रमण को रोकने में सफल रहे हैं। राज्य में इस बीमारी से मरीजों के ठीक होने की दर लगभग 59 प्रतिशत है। यह समाज और निगरानी समितियों के सहयोग से ही सम्भव हुआ है। 
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या अब 75 जनपदों में 2,900 हो गई है। वहीं अब तक 4,462 लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक होने के बाद घर भेजे जा चुके हैं। अब तक प्रदेश में...

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भारत सरकार के औद्योगिक सूचना प्रणाली में यूपीसीडा के 154 औद्योगिक क्षेत्र शामिल

भारत सरकार के औद्योगिक सूचना प्रणाली में यूपीसीडा के 154 औद्योगिक क्षेत्र शामिल515

👤30-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शनिवार को बताया कि नई तकनीक और पारदर्शिता के लिए यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ई-नीलामी का एक ढांचा विकसित किया है। इसके तहत यूपीसीडा द्वारा अब तक निवेश मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2,500 से अधिक उद्यमियों को ऑनलाइन भूमि आवंटन और भवन योजना की मंजूरी प्रदान की गई है। महाना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी की जा रही है और इससे औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 19 भूखंडों के लिए ई-नीलामी आवंटन की प्रक्रिया चल रही है और प्राधिकरण के पास हर महीने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए इसी तरह की नीलामी को अंजाम देने की योजना है। यूपीसीडा ने 154 औद्योगिक क्षेत्रों को एकीकृत करके अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज कराते हुए औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) में इसे शामिल कराया है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तैयार कराया गया आईआईएस देश भर में सभी औद्योगिक भूमि का एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस भंडार है। इसका मुख्य उद्देश्य त्वरित आर्थिक विकास को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि इन सुधारों का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करना है। यूपीएसआईडीए यूपी में पहला औद्योगिक विकास प्राधिकरण है जिसे भारत सरकार के इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पहल में सूचीबद्ध किया गया है। भारत की भौगोलिक सूचना प्रणाली अपने फोकस क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य भर में औद्योगिक पार्कों-क्लस्टर्सशीट का विवरण प्रदान करती है। सामान्य सुविधाओं के केंद्रों, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, संपर्क मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अड्डे, बंदरगाहों और रेलवे स्टेशनों की उपलब्धता को भी दर्शाती है। इसके अलावा भूमि की बिक्री, पट्टे की कीमत, पर्यावरण मंजूरी, प्रत्येक पार्क में भूखंडों की कुल संख्या, भूखंड का औसत आकार, आवंटियों के लिए उपलब्ध भूखंडों की संख्या, कब्जे वाले भूखंडों की संख्या, शुद्ध उपलब्ध भूमि, औद्योगिक क्षेत्र, पुलिस स्टेशन का विवरण भी प्रदर्शित करता है। साथ ही बैंक, फायर स्टेशन, अस्पताल, बिजली, पानी आदि की जानकारी भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। महाना ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू करने और नए उद्योगों की स्थापना के लिए निवेश आकर्षण के दृष्टिकोण के साथ उद्यमों को विभिन्न मंजूरी जारी करने में ह्यूमन इंटरफेस को कम करके कंप्यूट्रीकृत प्रणाली को अपनाए जाने विशेष बल दिया गया है। राज्य में आवश्यक आर्थिक पुनरुद्धार और रोजगार सृजन के लिए जीआईएस टैगिंग ने पोर्टल पर यूपीएसआईडी के सभी औद्योगिक क्षेत्रों के सचित्र विवरण की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। यूपीएसआईडीए के एमडी अनिल गर्ग ने जीआईएस की प्रमुख मुख्य विशेषताएं और लाभ के बारे में बताया कि उपलब्ध बुनियादी ढांचे के साथ यूपीएसआईडीए की संपूर्ण भूमि को जीआईएस प्लेटफॉर्म पर मैप किया गया है। आवंटी, निवेशक जीआईएस पोर्टल पर आसानी से भूमि का पता लगा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसके तहत प्रदूषण श्रेणी के संदर्भ में भूखंडों की स्क्रीनिंग, निवेशक क्वेरी के समाधान की भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक संरचना के विकास के लिए यूपीएसआईडीए एक नोडल एजेंसी है, जो राज्य में औद्योगिक प्रचार की अगुवाई कर रही है। उत्तर प्रदेश में अपना औद्योगिक आधार स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों को उच्च श्रेणी की सेवाएं प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। निवेशक जीआईएस मेनू पर क्लिक करके यूपीएसआईडीए लैंड बैंक की वेबसाइट (
http://www-onlineupsidc.com) देख सकते हैं। भारत सरकार, डीआईपीपीटी वेबसाइट बहुत जल्द विभिन्न राज्यों की आईआईएस आधारित सूचनाओं को लॉन्च करने जा रही है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-05-2020-
लखनऊ। प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने शनिवार को बताया कि नई तकनीक और पारदर्शिता के लिए यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ई-नीलामी का एक ढांचा विकसित...

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जहां मिला छोटा स्टेशन खड़ी हो गई ट्रेन, 36 की जगह 41 घंटे में तय किया सफर

जहां मिला छोटा स्टेशन खड़ी हो गई ट्रेन, 36 की जगह 41 घंटे में तय किया सफर724

👤29-05-2020-लखनऊ।  गोवा के मडगांव से सुपरफास्ट स्टेशल ट्रेन बुधवार शाम सात बजे रवाना हुई। ट्रेन दिवा होते हुए जब भुसावल को बढ़ी तो इसे रोक दिया गया। नौगांव स्टेशन पर यह ट्रेन खड़ी रही और पीछे से कई ट्रेनें गुजार दी गई। लखनऊ तक जिस ट्रेन को 36 घंटे लगना चाहिए था। वह ट्रेन 41 घंटे में पहुंची। बस्ती जा रहे राम निवास सहित कई प्रवासी झांसी से लखनऊ तक पीने के पानी को ही तरस गए। प्रवासी श्रमिकों को लेकर उनके गंतव्य तक पहुंचाने वाली ट्रेनों की लेट लतीफी और इसमें सवार प्रवासियों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। लॉकडाउन में भले ही नियमित ट्रेनें बंद हैं। मालगाड़ियां भी 20 प्रतिशत से कम दौड़ रही हैं। लेकिन प्रवासी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को उनकी मंजिल तक ग्रीन सिगनल का इंतजार करना पड़ रहा है। चेन्नई से गोरखपुर को निकली स्पेशल ट्रेन शुक्रवार सुबह झांसी से निकली। गाजीपुर जा रहे अभिजीत ने बताया कि छोटे बच्चे हैं साथ में। महाराष्ट्र में नागपुर और मध्य प्रदेश में इटारसी के बाद कुछ नहीं मिला। जो कुछ पास में बिस्कुट था। वहीं देकर बच्चे की भूख मिटायी। ट्रेन 04871 स्पेशल में सफर कर रहे मोहम्मद इकबाल ने बताया कि रास्ते में खाना मिला है। लेकिन पीने को पानी नहीं दिया है। रेल मंत्रालय को शिकायत के बाद गोरखपुर में इस ट्रेन के प्रवासियों को पीने का पानी मिल सका। रतलाम गोरखपुर स्पेशल में रवाना हुए रमेश कुमार यादव को ट्रेन आरंभ होने पर ही खाना मिला था। इसके बाद बीच सफर उनको खाना और पानी नसीब ही नहीं हो सका।
🕔tanveer ahmad

29-05-2020-लखनऊ।  गोवा के मडगांव से सुपरफास्ट स्टेशल ट्रेन बुधवार शाम सात बजे रवाना हुई। ट्रेन दिवा होते हुए जब भुसावल को बढ़ी तो इसे रोक दिया गया। नौगांव स्टेशन पर यह ट्रेन खड़ी...

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यूपी में कोरोना वायरस की जांच में आई तेजी, 24 घंटे में सर्वाधिक दस हजार के करीब जांचे गए सैंपल

यूपी में कोरोना वायरस की जांच में आई तेजी, 24 घंटे में सर्वाधिक दस हजार के करीब जांचे गए सैंपल816

👤29-05-2020-लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों की वजह से कोरोना संक्रमण तेजी न पकड़े इसके लिए जांच में तेजी लाई गई है। पिछले 24 घंटे में रिकार्ड 9981 नमूनों की जांच की गई। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि जल्द 10 हजार सैंपल प्रतिदिन जांचे जाएं। स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से जांच का दायरा बढ़ाया। सभी जिलों को अब ट्रूनैट मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इस मशीन की मदद से ज्यादा से ज्यादा कोरोना के नमूने जांचे जा सकेंगे और घंटे भर से भी कम समय में जांच रिपोर्ट आ जाएगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि शुक्रवार को 20 जिलों में यह मशीन पहुंचा दी गई। 50 मशीनें और मंगवाई गई हैं। पांच दिन के अंदर यह मशीनें भी जिलों में पहुंचा दी जाएंगी।आमतौर पर इस मशीन का प्रयोग टीबी की जांच की जाती है, मगर इसमें ट्रूनैट कैट्रीज चिप लगाने पर कोरोना की जांच भी आसानी से हो सकती है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) इसे पहले ही हरी झंडी दे चुका है। ऐसे में जांच में और तेजी आएगी। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि जो 9981 नमूनें जांचे गए उसमें कई पूल टेस्टिंग के माध्यम से जांचे गए। 918 पूल पांच-पांच नमूनों के थे और 71 पूल दस-दस नमूनों के थे। प्रदेश में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग का काम तेजी से किया जा रहा है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

29-05-2020-लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में दूसरे राज्यों से आ रहे प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों की वजह से कोरोना संक्रमण तेजी न पकड़े इसके लिए जांच में तेजी लाई गई है। पिछले...

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सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश: सभी जिलों में उपलब्ध हों इन्फ्रारेड थर्मामीटर

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश: सभी जिलों में उपलब्ध हों इन्फ्रारेड थर्मामीटर588

👤29-05-2020-
लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच में भी सूबे के हर कोने को सुरक्षित रखने की कवायद में लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को भी बचाव के उपाय करने में तेजी लाने का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक में जिलों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक में सभी जनपदों में पल्स ऑक्सीमीटर की उपलब्धता पर संतोष जताया। इसके साथ ही उन्होंने अब सभी जिलों में इन्फ्रारेड थर्मामीटर भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी जगह माइक्रोप्लानिंग करते हुए टेस्टिंग लैब व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में अब चिकित्साकॢमयों को वेंटीलेटरों के संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनकी उपयोगिता भी इस संकट के समय में साबित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में पीपीई किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क, ग्लव्स तथा सैनेटाइजर के साथ-साथ स्ट्रेचर तथा व्हीलचेयर की भी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिससे किसी को भी जरा सा सा भी परेशान न होना पड़े। विभिन्न राज्यों में फंसे सूबे के प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के प्रति अपना संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश वापस आने के इच्छुक कामगारों/ श्रमिकों की सूची संबंधित राज्य सरकारों से प्राप्त की जाए ताकि उनके लिए निश्शुल्क ट्रेनों की व्यवस्था कराई जा सके। इनके अलावा प्रदेश में कार्यरत विभिन्न राज्यों के कामगारों, श्रमिकों जो वापस जाने के इच्छुक हों, की सकुशल वापसी के लिए इनकी सूची विभिन्न राज्य सरकारों को प्रेषित की जाए। निगरानी समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद के माध्यम से इनके कार्यों का फीडबैक प्राप्त करें। वहीं उप्र से अपने गृह राज्य जाने के इच्छुक विभिन्न प्रदेशों के श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए उनकी सूची संबंधित राज्य सरकारों को भेजने के निर्देश दिए।

🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

29-05-2020-
लखनऊ। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच में भी सूबे के हर कोने को सुरक्षित रखने की कवायद में लगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को भी बचाव के उपाय करने...

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 लॉकडाउन दो सप्ताह बढ़ाने के संकेत, पाबंदियों में मिलेगी ढील

लॉकडाउन दो सप्ताह बढ़ाने के संकेत, पाबंदियों में मिलेगी ढील324

👤29-05-2020-
\r\nलखनऊ,:कोरोना वायरस के इस बीच संक्रमण की गति को देखते हुए हुए देश में एक बार फिर दो सप्ताह का लॉकडाउन तय माना जा रहा है। जिन शहरों में इसका असर काफी व्यापक है, वहां को छोड़कर अन्य जगहों पर पाबंदियों में भी ढील मिलने की बात भी तय है। \r\n\r\n \r\n\r\nउत्तर प्रदेश में ताजनगरी आगरा के साथ ही मेरठ, लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में इसका असर कम नहीं हो रहा है। तमाम जतन के बाद भी बीते हफ्ते संक्रमितों तथा मौत की संख्या में रिकार्ड बढ़ोतरी होने से मामला काफी गंभीर होता जा रहा है। बीते दिनों गृह मंत्री अमित शाह की मुख्यमंत्रियों के साथ रायशुमारी के बाद भी लॉकडाउन के बढऩे के संकेत मिलने लगे थे।\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\nलॉकडाउन 4.0 की अवधि 31 मई तक है। इसके बाद इसका बढ़ता तय है। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बीच आज बैठक में कोरोना संकट और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। माना जा रहा है कि इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय से प्रधानमंंत्री को अवगत कराया। इसके बाद से ही चर्चा ने गति पकड़ ली कि लॉकडाउन को दो सप्ताह तक और बढ़ाया जा सकता है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

29-05-2020-
\r\nलखनऊ,:कोरोना वायरस के इस बीच संक्रमण की गति को देखते हुए हुए देश में एक बार फिर दो सप्ताह का लॉकडाउन तय माना जा रहा है। जिन शहरों में इसका असर काफी व्यापक है, वहां को छोड़कर...

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नेपाल से अपने वतन लौटे 1069 भारतीय नागरिक

नेपाल से अपने वतन लौटे 1069 भारतीय नागरिक316

👤28-05-2020-
\r\nमहराजगंज, जेएनएन। नेपाल में फंसे उत्तर प्रदेश के अलावा भारत के अन्य प्रदेशों के नागरिकों को सोनौली सीमा के रास्ते प्रवेश करने को लेकर जारी गतिरोध समाप्त हो गया। शासन से अनुमति मिलने के बाद नेपाल से सोनौली सीमा पर पहुंचे 1069 लोगों को देर शाम भारत में प्रवेश मिल गया। सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारियों ने मंगलवार को इन नागरिकों को यह कहते हुए भारत में लेने से इन्कार कर दिया था कि उन्हें सिर्फ उत्तर प्रदेश के नागरिकों को ही लेने का निर्देश मिला है। इन नागरिकों में पं. बंगाल, झारखंड व बिहार के नागरिक शमिल हैं।\r\n\r\nइन सभी नागरिकों का आव्रजन कार्यालय पर रजिस्ट्रेशन कराकर उनके गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। विदेश मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक 26 से 29 मई तक नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों को भारत लाना है। इसके तहत सोनौली सीमा के रास्ते सिर्फ उत्तर प्रदेश के लोगों को प्रवेश की अनुमति दी गई है। मंगलवार की रात जब उत्तर प्रदेश के अलावा बंगाल, झारखंड व बिहार के नागरिक भी भारत में प्रवेश करने लगे तो सीमा पर तैनात अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। शासन के हस्तक्षेप से बाद बुधवार की शाम सभी को प्रवेश की अनुमति मिली। इसके बाद प. बंगाल, झारखंड, बिहार व उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर व  महराजगंज के 1069 लोग अपने वतन पहुंचे।पहले अधिकारियों ने रोक दिया था
🕔tanveer ahmad

28-05-2020-
\r\nमहराजगंज, जेएनएन। नेपाल में फंसे उत्तर प्रदेश के अलावा भारत के अन्य प्रदेशों के नागरिकों को सोनौली सीमा के रास्ते प्रवेश करने को लेकर जारी गतिरोध समाप्त हो गया। शासन...

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