धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराएगी उत्तर प्रदेश सरकार By tanveer ahmad2019-11-01
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01-11-2019-उत्तर प्रदेश पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) धोखाधड़ी के आरोपी दंपत्ति का प्रत्यर्पण कराकर ब्रिटेन से भारत वापस लाएगी। इसके कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। ब्रिटेन की अदालत ने जेल के बारे में जानकारी मांगी थी। दोनों को गौतमबुद्धनगर की जेल में रखने का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। ईओडब्ल्यू के महानिदेशक राजेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि जांच एजेंसी के अनुरोध पर भारत सरकार ने आरोपी दंपत्ति की गिरफ्तारी के लिए ब्रिटिश सरकार को पत्र लिखा था। इसके बाद अक्तूबर माह में दोनों को वहां गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में गिरफ्तार वीर करन अवस्थी और उसकी पत्नी रीतिका अवस्थी दिल्ली के रहने वाले हैं। दोनों ने अपनी फर्म बुश फूड्स ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बुलंदशहर की फर्म सौरभ एंड कंपनी के साथ 1.77 करोड़ की धोखाधड़ी की थी। आरोपी ने निर्यात के लिए खरीदे गए चावल का भुगतान फर्म को नहीं किया था। इस पर सौरभ एंड कंपनी के लोकेंद्र सिंह ने 11 सितंबर 2015 में दोनों के विरुद्ध बुलंदशहर के थाना कोतवाली देहात में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 406 व 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। शासन ने 22 मार्च 2016 में इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू को सौंप दी थी।\r\nजारी कराया था रेड कार्नर नोटिस
डीजी ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए दंपत्ति ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था लेकिन हाईकोर्ट ने देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी थी। इलाज के नाम पर देश से बाहर जाने के लिए दोनों से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 86 लाख का निजी बांड भरवाकर दो महीने के लिए ब्रिटेन जाने की इजाजत दी थी। तय समय में वापस न आने पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों का पासपोर्ट रद्द करते हुए 16 दिसंबर 2016 को यह धनराशि जब्त कर ली थी। ईओडब्ल्यू ने आरोपी दंपत्ति के विरुद्ध रेड कार्नर नोटिस जारी कराया था। \r\nजिला जेल गौतमबुद्धनगर में रखे जाएंगे आरोपी
डीजी ने बताया कि अक्तूबर में ब्रिटिश सरकार से सूचना मिली कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ब्रिटिश सरकार के नियमों के तहत वहां की कोर्ट ने 15 अक्तूबर 2019 तक भारत सरकार से उस जेल और वहां उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी मांगी थी, जहां प्रत्यर्पित किए जाने वाले दंपत्ति को रखा जाएगा। डीजी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने दोनों को जिला जेल गौतमबुद्धनगर में रखने का फैसला किया है। कानूनी औपचारिकता पूरी होते ही दोनों को यूपी लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू के लिए प्रत्यर्पण का यह पहला मामला है। उन्होंने इस मामले में ईओडब्ल्यू मेरठ सेक्टर के एसपी राम सुरेश और इंस्पेक्टर केपी शर्मा की भूमिका की सराहना की।
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