जिला पंचायत अध्यक्ष सीधे जनता चुनेगी, जानें अभी क्या है चुनाव प्रक्रिया By एजेंसी2019-12-01
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01-12-2019-यूपी सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख (ब्लाक प्रमुख) के चुनाव सीधे जनता से कराने के बाबत केन्द्र सरकार को संविधान संशोधन के लिए प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर भेजा गया है। इस रिपोर्ट में पिछले सात वर्षों में नगर निगम महापौर व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के मुकाबले जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के आंकड़ों का ब्योरा दिया गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुख को सीधे जनता से चुने जाने का प्रावधान करना विधिक तौर पर यूपी सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पंचायती राज के 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 में बदलाव के लिए केन्द्र सरकार से आग्रह किया है, क्योंकि उक्त अधिनियम में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख को जिला व क्षेत्र पंचायत के सदस्यों द्वारा ही चुने जाने की व्यवस्था है।गौरतलब है कि जब-जब राज्य में सत्ता बदली है तब-तब सत्ताधारी दल ने पिछली सरकार के दल के समर्थक जिला पंचायत अध्यक्षों को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लिया। नई व्यवस्था ज्यादा बेहतर होगी: राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा कहते हैं कि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव सीधे जनता से कराने की व्यवस्था जनता के लिए ज्यादा बेहतर होगी। अभी नगर निगम महापौर और नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सीधे जनता से चुनाव में जीत कर आते हैं, इसलिए सदन में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आते। जबकि जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं, इसलिए दलगत राजनीति और गुटबाजी के चलते इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ज्यादा आते हैं।इस वजह से जिला पंचायत अध्यक्ष व क्षेत्र पंचायत प्रमुख सुगमतापूर्वक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाते और अधिकांशत: अपना पद बचाने की जुगत में ही लगे रहते हैं। जिसकी वजह से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। कब-कब आए अविश्वास प्रस्तावजिला पंचायत अध्यक्ष 2012 से 2019 के दरम्यान कुल 42 जिला पंचायत अध्यक्ष अविश्वास प्रस्ताव से हटे।
2013 में जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ आए सबसे ज्यादा 23 अविश्वास प्रस्ताव।
2014 में 6, 2017 में 5, 2018 में 7, 2019 में 1 जिला पंचायत अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव से हटाया गया।क्षेत्र पंचायत प्रमुख (ब्लाक प्रमुख ) 2012 में 50, 2013 में 25, 2014 में 23 और 2015 में 2 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों को अविश्वास प्रस्ताव से हटाया।
2017 में 17, 2018 में 71 और 2019 में 11 क्षेत्र पंचायत प्रमुखों को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये हटाया।
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