चैत्र का महीना अहम, अक्षय तृतीया को रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के शिलान्यास की आस By tanveer ahmad2020-02-08
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08-02-2020-
आने वाला चैत का महीना अयोध्या के मंदिर-मस्जिद मामले के लिए काफी अहम साबित होने वाला है। इसी महीने में ही रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का शिलान्यास होने की भूमिका तैयार हो रही है तो वहीं विवादित ढांचा विध्वंस के मामले में सीबीआई की लखनऊ कोर्ट में अंतिम दौर में चल रही सुनवाई के बाद फैसला भी आने के आसार बन रहे हैं। जहां तक राम मंदिर के शिलान्यास की बात है तो अब रामनवमी के बजाय अक्षय तृतीया यानी 27 अप्रैल की तिथि की चर्चा चल पड़ी है। तर्क यह दिया जा रहा है कि रामनवमी से पहले और उसके बाद अयोध्या में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत जैसे अति महत्वपूर्ण लोगों की समुचित सुरक्षा में दिक्कतें पेश आएंगी। वैसे भी केंद्र सरकार द्वारा घोषित श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कुल 15 सदस्यों में से अभी तक 9 सदस्यों के नाम ही घोषित हुए हैं। शेष 6 सदस्यों में एक प्रदेश सरकार, एक केन्द्र सरकार और 4 हिन्दू धर्म के अन्य प्रमुख लोगों के नाम अभी तय होने हैं। कहा जा रहा है कि महंत नृत्य गोपाल दास और विहिप के अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव चंपतराय के नाम बाबरी मस्जिद विध्वंस मुकदमें में होने की वजह से इन्हें अभी ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है। मुकदमे का फैसला होने के बाद इन्हें भी ट्रस्ट में शामिल किया जाएगा। ट्रस्ट के सदस्य नामित हुए निर्मोही अखाड़े की अयोध्या शाखा के महंत द्विनेन्द्र दास ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि अब राम मंदिर बनने में कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के शेष अन्य 6 सदस्यों के नामित होने के बाद इसकी बैठक होगी। बैठक में आगे की पूरी कार्ययोजना तय कर ली जाएगी। ट्रस्ट से जुड़े कुछ अन्य सदस्यों ने कहा कि अभी 15 दिन तो ट्रस्ट के समुचित गठन में ही लगेंगे। उसके बाद नई दिल्ली में ही ट्रस्ट की पहली बैठक होगी क्योंकि ट्रस्ट के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता के. पाराशरन के आवास को ही ट्रस्ट का कार्यालय बनाया गया है। विवादित ढांचा विध्वंस मामले की सुनवाई अंतिम दौर मेंविवादित ढांचा विध्वंस मामले की लखनऊ सीबीआई कोर्ट में चल रही सुनवाई भी अंतिम दौर में है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे रखा है कि इस मुकदमे का फैसला अप्रैल 2020 में आ जाए। इस मुकदमे में मुख्य विवेचनाधिकारी एम. नारायणन से अभियुक्तों के वकीलों की जिरह चल रही है। श्री नारायणन बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय फैजाबाद जिले के एसपी थी। इस मुकदमे में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा कुल 35 लोग अभियुक्त हैं। 14 अभियुक्तों राजमाता सिंधिया, अशोक सिंघल आदि का निधन हो चुका है। अप्रैल में इस मुकदमे का फैसला आता है तो फिर सुर्खियों में अयोध्या मामला छाएगा। यह चरम पर तब होगा जब 27 अप्रैल को जन्मभूमि पर राम मंदिर का शिलान्यास होगा।
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