कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य By एजेंसी2020-03-25
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25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थय संगठन ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान’ आज से प्रश्तोत्तरी की शुरुआत कर रहा है। साथ ही हमारा प्रयास होगा कि आपके हर सवाल का विषय विशेषज्ञों से हासिल कर आप तक पहुंचाना-क्या कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाने का मतलब सिर्फ मौत है?
जी नहीं, बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। अकेले भारत में तीस से ज्यादा मरीज इलाज कराकर घर लौट चुके हैं और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। पूरी दुनिया में करीब एक लाख लोग पूरी तरह दुरुस्त हो चुके हैं। हालांकि, यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है। वैश्विक स्तर पर अभी तक के आंकड़े बताते हैं कोरोना वायरस की वजह से बीमार लोगों में सिर्फ 1.5 से 2.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है।अगर किसी में बिना लक्षण दिखे वायरस फैल सकता है तो हम कैसे जानें कि कौन संक्रमित है या नहीं?
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी अस्पताल में आपदा और परिचालन चिकित्सा के प्रमुख डॉ जेम्स फिलिप्स कहते हैं कि निश्चित रूप से यह गंभीर सवाल है क्योंकि अभी तक कोई ऐसा तथ्य नहीं सामने आया है जिससे तुरंत इस बीमारी के लक्षण पहचान लिए जाएं। इसका सबसे आसान तरीका यही है कि जिसे भी जुकाम-सर्दी या बुखार थोड़ी सी भी परेशानी महसूस हो वह खुद ही अन्य लोगों से अपने आप को अलग कर ले। ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले। हो सकता है कि उसे सामान्य खांसी-जुकाम हो लेकिन यह परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसे कोरोना का संक्रमण है या नहीं। इसलिए बेहतर है कि आप खुद को बचाएं जिससे अन्य लोग भी खतरे से बच जाएंगे।खांसी-जुकाम और बुखार होने पर तुरंत टेस्ट कराना जरूरी है क्या?
दिल्ली एम्स के पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. करण मदान कहते हैं, कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। अगर आपको लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खांसी है तो घर पर आराम करें और खूब सारा तरल पदार्थ लें। लेकिन जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं और इसलिए इस वक्त इन दोनों में अंतर करना मुश्किल है। ऐसे में अगर आपकी नाक बह रही है, हल्का सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार है तो आप ज्यादा से ज्याद आराम करें। इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें। क्या यह सच है कि सिर्फ बुजुर्ग इस बीमारी के निशाने पर हैं?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। हालांकि, अमेरिका में यह बातें गलत साबित हुई हैं। वहां बड़ी संख्या में युवा भी इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। वैज्ञानिक अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सांस से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।अगर मैं बीमार नहीं हूं तो भी क्या मुझे खुद को पृथक कर लेना चाहिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है। वैसे तो कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। लेकिन यदि आप उन क्षेत्रों में नहीं रहते हैं, तो सावधानी बरतें। सार्वजनिक जगहों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कहीं से घर में आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं। यदि आपको संदेह है कि आप बीमार हैं या हाल ही में एक ऐसे क्षेत्र से लौटे हैं, जहां इस वायरस का प्रकोप होने की सूचना मिली है, तो घर पर रहें।क्या हवा से भी फैल रहा कोरोना वायरस ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक के शोध से पता चला है कि यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सांस लेने/ सांस छोड़ने, खांसने और छींकने की वजह से फैल रहा है। संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि अधिकांशत: यह वायरस सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। हालांकि, इस वायरस के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं।क्या बीमारी से बचने के लिए सब लोगों को मास्क पहन लेना चाहिए
साक्ष्य बताते हैं कि मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता। अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रांसफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई ज्यादा लाभ तो नहीं होगा लेकिन ज्यादातर लोग एक साथ पहनकर निकलें तो दहशत फैल सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य मास्क इस बीमारी पर बेअसर होता है, इसलिए कई परत वाले मास्क का प्रयोग करें। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खतरा भी है। लोग गलत तरीके से मास्क पहन लेते हैं और वे बार-बार चेहरे को छूकर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। एम्स के डॉक्टर प्रोफेसर करण मदान का कहना है कि वैसे तो एन95 मास्क बेहतर है, लेकिन अन्य बाकी मास्क भी इस वायरस से सुरक्षा देते हैं। सबसे जरूरी है हाथ धोना।क्या यह किराने के सामान से भी फैल सकता है?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर कहते हैं कि जब भी आप किराने का सामान खरीदें तो सबसे पहले तो डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की बाहरी परत को जरूर पोछें। उसके बाद तुरंत हाथ धुलें। सब्जियां और फल आप धुलते ही हैं, इस समय थोड़ा और बेहतर तरीके से धुलें और हां हमेशा हाथ जरूर धुलते रहें। इससे ज्यादा बचाव का कोई उपाय नहीं है। किराने की दुकान पर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। किसी से हाथ न मिलाएं।क्या मुझे खाने का सामान इकट्ठा कर लेना चाहिए?
इसकी कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आप ऐसा करेंगे तो अन्य लोग भी आपकी देखादेखी सामान इकट्ठा करेंगे। इससे मांग बढ़ेगी और कालाबाजारी का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि जितना जरूरी है सिर्फ उतना सामान ही खरीदें। हालांकि, आप चाहें तो आवश्यक दवाएं जरूर महीने भर का खरीद कर रख सकते हैं।\'बड़ी संख्या में लोग बोतलबंद पानी जमा करके रख रहे हैं क्या पानी का संकट हो सकता है?
नहीं, बोतलबंद पानी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप सामान्य रूप से नल का पानी पीते हैं, तो इसे पीते रहना ठीक है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ एंथोनी फौसी ने *कहा कि वह और उसकी पत्नी अभी भी नल का पानी पी रहे हैं। इसलिए बिल्कुल भी डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं। और हां, इस समय ज्यादा से ज्यादा पानी *पीएं। हो सके तो गुनगुना पानी पीएं। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी।
\' मेरे बच्चे का स्कूल बंद है और अब हमें एक दाई की जरूरत है। मैं अपने परिवार को घर में किसी नए व्यक्ति के साथ कैसे सुरक्षित रखूं?बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इसके लिए कुछ उपाय बताए हैं। स्कूल के मुताबिक, वैसे तो बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि परिवार का ही कोई सदस्य साथ हो लेकिन फिर भी आवश्यक हो तो सिर्फ एक दाई चुनें। उसे बताएं कि उसे किन नियमों का पालन करना है। लगातार हाथ धोना है और जुकाम-बुखार की हालत में बच्चे को बिल्कुल भी नहीं छूना है। उसे अन्य लोगों से नहीं मिलना है और हो सके तो उसे अपने पास ही रखें। दाई को बता दें कि थोड़ी सी भी बीमारी महसूस होने पर उसे आपके घर नहीं आना चाहिए।क्या इस घातक वायरस को दहशत के मकसद से फैलाया गया?स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ये सब अटकलें हैं और ऐसे दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातें सिर्फ भ्रम और बेचैनी बढ़ाती हैं और लोगों को तथ्यों और वास्तविकता के साथ रहना चाहिए। बीते दिनों अमेरिका और चीन ने एक दूसरे पर इस वायरस को फैलाने का आरोप लगाया लेकिन कहीं से पुष्टि नहीं हो पाई कि वायरस किसी ने फैलाया है। चीन में इसका सर्वाधिक असर देखा गया और आज करीब 170 देशों तक इसका प्रकोप फैल चुका है। महामारी का यह संकट कब खत्म होगा?निश्चित तौर पर कोई नहीं जानता कि यह संकट कब खत्म होगा। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि गर्मी के महीनों तक इसका प्रकोप कम हो सकता है लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बताना बहुत जल्दबाजी होगी। अभी तक के परीक्षणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तापमान का इस वायरस पर कितना और कैसा असर हो रहा है। हार्वर्ड के डॉ मार्क लिप्सिच कहते हैं कि गर्मी का महीना खत्म होने तक बहुत सारे लोगों पर इसका असर होगा और शायद तब इसके प्रसार में कुछ कमी आए।स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स
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