सोनिया ने सुरक्षा उपकरणों की उनुपलब्धता और कम टेस्टिंग पर जताई चिंता By एजेंसी2020-04-23
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23-04-2020-
नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर कोरोना टेस्टिंग की कम संख्या, पीपीई किट की अनुपलब्धता और खराब गुणवत्ता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पीपीई किट की खराब क्वालिटी तथा अन्य सुरक्षा उपकरणों की कमी के कारण वायरस संक्रमण पर रोक नहीं लग पा रही है। उस पर कोरोना की जांच की संख्या भी उतनी नहीं है तो संक्रमण की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई सुझाव दिए गए लेकिन सरकार उन पर तत्परता नहीं दिखा रही है। कोविड-19 महामारी को लेकर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई। जिसकी अध्यक्षता करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि तीन हफ्ते पहले हुई हमारी बैठक के बाद कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैली है और इसका प्रसार भी बढ़ा है। वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जो बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं तथा उन्हें घर लौटने के लिए साधन भी नहीं मिल रहे। ऐसे में उनकी समस्याओं को दूर करते हुए जरूरी खाद्य व वित्तीय सहायता उन्हें उपलब्ध कराई जानी चाहिए। खेत मजदूरों एवं किसानों को हो रही समस्याओं पर सोनिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश के किसान सबसे अधिक परेशान हैं। कमजोर और अस्पष्ट खरीद नीति के अलावा सप्लाई चैन में अस्पष्टता ने किसानों को बेहाल कर दिया है। उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निपटारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल के लिए भी किसानों को सुविधाएं मिले, इसका ध्यान दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन के कारण बढ़ी बेरोजगारी पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि तालाबंदी के पहले चरण में 12 करोड़ लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाईं। जबकि इसके दूसरे चरण में बेरोजगारी के और बढ़ने की प्रबल संभावना है। उस पर उद्योग-धंधों पर पड़ रहे प्रभाव के चलते लोगों के परिवार की पूरी अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई है। ऐसे में जरूरी है कि प्रत्येक परिवार को साढ़े सात हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। वहीं लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम के क्षेत्र से जुड़े 11 करोड़ लोगों को भी राहत पहुंचाए जाने की मांग लेकर सोनिया गांधी ने केंद्र से बात की है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े ये लोग हमारे सकल घरेलू उत्पाद में (जीडीपी) में एक तिहाई का योगदान देते हैं। ऐसे में उन्हें तत्काल विशेष पैकेज की मदद मिलनी चाहिए। सोनिया ने यह भी कहा कि यह वक्त सभी को एकजुट होकर वायरस के खिलाफ लड़ने का है। इस क्रम में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, सफाईकर्मी और आवश्यक सेवा प्रदाता, एनजीओ एवं अन्य द्वारा जरूरतमंदों को राहत प्रदान की जा रही है। इन सबका समर्पण और दृढ़ संकल्प वास्तव में हम सभी को प्रेरित करता है। हालांकि उन्होंने भाजपा सरकार पर साम्प्रदायिक एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि इससे सामाजिक सौहार्द का बड़ा नुकसान हो रहा है, हमें इस नुकसान की भरपाई करनी होगी।
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