कोरोना पर कारगर कदम उठाने को बुलाया जाए विधानसभा का विशेष सत्र-अखिलेश यादव By tanveer ahmad2020-04-30
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30-04-2020-
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि वर्तमान सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति तथा कोरोना के कारण उत्पन्न समस्याओं के समाधान पर कारगर कदम उठाने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र तत्काल बुलाया जाना चाहिए।\r\n \r\nअस्पतालों में नहीं हो पा रहा है अन्य बीमारियों का इलाज\r\n \r\nउन्होंने गुरुवार को कहा कि विगत एक माह से ज्यादा समय बीत चुका है। जबकि लाॅकडाउन की अवधि में राज्य की जनता घरों में है। कुछ जनपदों में कोरोना का प्रकोप अभी भी जारी है। अस्पतालों में अन्य बीमारियों का इलाज नहीं हो पा रहा है। कोरोना इलाज के भय से जनता सहमी हुई है। जांच किट की पर्याप्त उपलब्धता के अभाव में मरीजों की सही-सही संख्या का भी पता नहीं चल रहा है। \r\n \r\nप्रशासनिक तालमेल की कमी आ रही नजर\r\n \r\nउन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक तालमेल की कमी की स्थिति यह है कि आगरा से रात में ही एक बस भर कर कोरोना पाॅजिटिव को सैफई अस्पताल के लिए रवाना कर दिया, लेकिन सैफई के अस्पताल के प्रशासन को सूचना तक नहीं दी गई। सैफई में मरीज घंटों बाहर सड़क पर भर्ती के लिए इंतजार में बैठे रहे।\r\n \r\nपहले भी बुलाये जा चुके हैं विशेष सत्र\r\n \r\nसपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई लम्बी चलने वाली है। अभी तक राज्य सरकार केवल अधिकारियों के भरोसे है। विपक्ष संकट के समाधान में ऐसे सुझाव दे सकता है जिससे प्रभावी नियंत्रण होने में आसानी हो। इसके लिए विधानसभा का विषेश सत्र बुलाने में दिक्कत नहीं हो सकती क्योंकि पहले भी गतवर्ष अक्टूबर 3 को राष्ट्र संघ के विकास लक्ष्यों पर और नवम्बर 26 को संविधान दिवस पर विशेष अधिवेशन बुलाए जा चुके हैं।\r\n \r\nनौकरशाही पर पूरी तरह भरोसा ठीक नहीं\r\n \r\nउन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास नहीं है? उनका नौकरशाही पर पूर्णतः भरोसा ठीक नहीं। लाॅकडाउन की लम्बी अवधि में जनता की तकलीफें बढ़ी है। किसान पर बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि की मार पड़ी है। उसकी फसल को खरीद के लिए क्रय केन्द्र नहीं खुले हैं। दूसरे प्रांतों से पलायन कर बड़ी संख्या में श्रमिक आए हुए हैं। उद्योग धंधे बंद होने से बेरोजगारी बढ़ी है। \r\n \r\nसत्ता-विपक्ष की संयुक्त भूमिका से समस्या का निदान सम्भव\r\n \r\nउन्होंने कहा कि अभी तक लाखों श्रमिक एवं छात्र दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति गम्भीर है। रोजी-रोटी के अभाव में हालात बिगड़ने की आशंका है। लोकतंत्र में जनहित सर्वोपरि है। सत्ता और विपक्ष की संयुक्त भूमिका से ही प्रदेश के समक्ष उत्पन्न गम्भीर समस्याओं का निदान हो सकता है।
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