अब कमिश्नर-डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2020-06-30
सम्बंधित खबरें
- महिला के साथ छेड़छाड़ व मकान पर कब्जा करने के आरोपी की गिरफ्तारी
- पुलिस ने गुम हुआ मोबाइल फोन मालिक को लौटाया
- साइबर क्राइम सेल ने शिकायतकर्ता के फ्रॉड से निकाले गए 99,892 रुपये वापस कराए
- रेडक्रॉस सोसाइटी ने 1303 स्कूली बच्चों को स्वेटर वितरित किए, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया शुभारंभ
- अलीगंज पुलिस ने दो व्यक्तियों को शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में किया गिरफ्तार
30-06-2020-लखनऊ। विकास से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय के अधिकार मंडलायुक्त और कलेक्टर (डीएम) को देने का फैसला किया है। कलेक्टर 40 लाख रुपये मूल्य तक की भूमि का पुनर्ग्रहण कर सकेंगे। वहीं मंडलायुक्त को 40 लाख रुपये से अधिक मूल्य की भूमि के पुनर्ग्रहण का अधिकार होगा। अभी तक यह अधिकार शासन में निहित थे। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। सरकार के इस फैसले से एक्सप्रेसवे, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के निर्माण तथा राजकीय मेडिकल कॉलेजों और महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भूमि शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 में प्राविधान है कि आरक्षित श्रेणी की कोई भूमि या उसका कोई भाग लोक प्रयोजन के लिए खरीदी, अर्जित या पुनर्गृहीत किए गए भूखंड या भूखंडों से घिरी है या उसके बीच में है तो राज्य सरकार लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी को बदल सकेगी। यदि लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी बदली जाती है तो उस जमीन के बराबर या उससे अधिक भूमि उसी प्रयोजन के लिए उसी ग्राम पंचायत या अन्य स्थानीय प्राधिकरण में सुरक्षित कर दी जाएगी। प्राय: सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत की गई भूमि के बीच में आरक्षित श्रेणी की कोई जमीन आ जाती है। इससे परियोजना में रुकावट आती है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को ऐसी जमीन की श्रेणी बदलनी पड़ती है और उसका पुनर्ग्रहण करना पड़ता है। बदले में उसी प्रयोजन के लिए उतनी ही जमीन अन्य स्थान पर उपलब्ध करानी पड़ती है। जमीन के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय की शक्ति शासन के पास होने की वजह से ऐसे प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। इससे परियोजनाओं में विलंब होता था। इसलिए शासन ने अब यह अधिकार मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दे दिए हैं।
विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन
18-10-2024-
अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप
08-05-2021-
View Articleपॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...
पोखरे में मिली युवती की नग्न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...
View Articleरितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?
20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...
View Articleनोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल
03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...
View Article