राज्यपाल ने अशोक गहलोत को लिखा पत्र, राजभवन के घेराव को लेकर उठाए सवाल By एजेंसी2020-07-25
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25-07-2020-नई दिल्ली । राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने की कवायद तेज कर दी है। उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की। बात नहीं बनने पर गहलोत समर्थक कांग्रेसी विधायक राजभवन में धरने पर बैठ गए थे। राजभवन में धरना दे रहे कांग्रेस के विधायकों ने देर रात धरना खत्म किया और उसके बाद बस में बैठकर होटल की ओर रवाना हो गए थे। वहीं, इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कई सवाल उठाए। शुक्रवार को राजभवन का घेराव किए जाने पर उन्होंने पत्र में लिखा कि यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो क्या होगा? \r\nराज्यपाल ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र\r\nराजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राजभवन घेराव को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करूं। आपने परंपरागत रूप से कहा है कि राजभवन का घेराव किया गया है। यह तो आपकी जिम्मेदारी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी मुख्यमंत्री का ऐसा कहते नहीं सुना है। क्या यह गलत चलन की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में आकर विरोध करते हैं।\r\nराज्यपाल ने गहलोत से पूछे ये सवाल\r\nराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई सवाल पूछे हैं। जिसमें विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और न ही केबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है। दूसरा सवाल यह है कि अल्प सूचना पर सत्र बुलाए जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और न ही कोई एजेंडा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है।
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