आधार कार्ड की तरह होगा जीनोम कार्ड, जो बताएगा कौन सी दवा होगी कारगर By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2020-12-13
सम्बंधित खबरें
- महिला के साथ छेड़छाड़ व मकान पर कब्जा करने के आरोपी की गिरफ्तारी
- पुलिस ने गुम हुआ मोबाइल फोन मालिक को लौटाया
- साइबर क्राइम सेल ने शिकायतकर्ता के फ्रॉड से निकाले गए 99,892 रुपये वापस कराए
- रेडक्रॉस सोसाइटी ने 1303 स्कूली बच्चों को स्वेटर वितरित किए, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने किया शुभारंभ
- अलीगंज पुलिस ने दो व्यक्तियों को शांति व्यवस्था भंग करने के आरोप में किया गिरफ्तार
13-12-2020-लखनऊ। वह दिन दूर नहीं है जब हर व्यक्ति के पास आधार कार्ड की तरह जिनोमकार्ड होगा जिसके जरिए डॉक्टर जीनोम के आधार पर पता लगा लेंगे कि किस मरीज में कौन सी दवा कारगर साबित होगी। इस दिशा में कई स्तर पर काम हो रहा है। इंजीनिंयरिंग और चिकित्सा विज्ञान की संयुक्त शोध के जरिए यह संभव होने जा रहा है। सुपर कंप्यूटर के जरिए हम लोग डीएनए, आरएनए की गुत्थी सुलझा रहे है इसे जिनोम स्टडी कहते है। यह व्यक्ति का जीनोम अलग होता है।इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेनशन टेक्नोलॉजी रायपुर के डा. प्रदीप सिन्हा ने संजय गांधी पीजीआइ में शोध दिवस पर आयोजित वेबीनार कम सेमिनार के मौके पर कहा कि अभी एक समान लक्षण वाले या बीमारी वाले मरीज में जो दवा प्रचलित होती है दी जाती है। इस दवा से कुछ लोगों को फायदा होता है तो कुछ लोगों को दवा से फायदा नहीं होता है। चिकित्सक फिर कारण खोज कर दूसरी दवा देता है कई बार यह दवा भी कारगर साबित नह हीं होती है ऐसे में बीमारी बढ़ती जाती है। इस तमाम परेशानी को देखते हुए बहुत तेजी से पर्सनलाइज्ड मेडिसिन पर काम हो रहा है, जिसमें व्यक्ति के जीनोम के आधार पर दवा बनेगी और मरीज को दी जाएगी। हर व्यक्ति के पास आधार कार्ड की तरह जीनोम कार्ड होगा जिसे लेकर मरीज़ डाक्टर के पास जाएगा डाक्टर रीडर में कार्ड रीड करेगा और बता देगा कौन सी दवा किस मरीज में कारगर होगी। संस्थान के पिडियाट्रिक मेडिसिन विभाग के डा.मोनिक सेन शर्मा ने सुक्षाव दिया कि लखनऊ में ही कई शोध संस्थान है जो फैकल्टी नई है उनका वहां पर कोई परिचय नहीं है इन संस्थान के साथ काम करने के लिए एक प्लेट फार्म की जरूरत है जिसके बारे में रिसर्च सेल के प्रभारी प्रो.यूसी घोषाल ने बताया कि कई संस्थान के हम लोगों शोध के लिए समझौता किया है आने वाले दिनों में जूनियर फैकल्टी को शोध के कई मार्ग खुूलेंगे। प्रो.अमित केशरी ने कहा कि संस्थान के आईआईटी कानपुर के साथ साथ काम करने के लिए संस्थान में कोर लैब की तरह लैब की जरूरत है जिस पर संस्थान प्रशासन कामकरने की बात कही। इस मौके पर रजिस्ट्रार प्रो.सोनिया नित्यांनद, डीन प्रो.एसके मिश्रा, माइक्रोबायलोजी विभाग की प्रमुख प्रो.उज्वला घोषाल सहित अन्य संकाय सदस्यों ने शोध पर बल देते हुए कहा कि शोध के बिना इलाज की नई दिशा तय करना संभव नहीं है।
विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन
18-10-2024-
अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप
08-05-2021-
View Articleपॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...
पोखरे में मिली युवती की नग्न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...
View Articleरितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?
20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...
View Articleनोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल
03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...
View Article