यूपी के यह आइपीएस बन गए अपराधी, तन पर कानून की वर्दी मगर काम सारे गैर कानूनी By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2021-01-28
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28-01-2021-लखनऊ,। पुलिस अपराध रोकने और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बनी है। इस महकमे में आइपीएस का पद सबसे ऊपर है। विभाग को ऊंचाई पर ले जाने में इनका सर्वोच्च योगदान है। हालांकि यूपी में पिछले कुछ समय से आइपीसी ही विभाग की छवि पर दाग लगा रहे हैं। निलंबित डीआइजी अरविंद सेन और महोबा के पूर्व कप्तान मणिलाल पाटीदार इसके ताजा उदाहरण हैं। आइपीएस अरविंद सेन जेल में हैं, जबकि मणिलाल पाटीदार भगौड़ा घोषित हो चुके हैं। पाटीदार पर 50 हजार का इनाम घोषित है और पुलिस इनकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी कर रही है। ये दो आइपीएस उदाहरण हैं, जो वर्तमान में महकमे में चर्चा के केंद्र हैं। ऐसा नहीं है कि पहली बार आइपीएस की हरकतों से पुलिस विभाग को शर्मसार होना पड़ा है। इससे पहले आइपीएस अजय पाल शर्मा चर्चा में आए थे। अजय पाल पर विजिलेंस ने एफआइआर दर्ज कराई है। अभी इस मामले की जांच जारी है। यही नहीं, नोएडा के पूर्व एसएसपी वैभव कृष्णा का एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद आइपीएस अधिकारियों में आपसी रार सार्वजनिक हुई थी। कई बड़े जिलों के कप्तान रहे वैभव पिछले एक साल से निलंबित चल रहे हैं। यह सपा सरकार में भी निलंबित हुए थे। वैभव का वीडियो जब वायरल हुआ तो इन्होंने नाटकीय ढंग से अपने साथी आइपीएस अधिकारियों पर आरोप लगा दिए थे। हालांकि वह पुख्ता सबूत नहीं दे पाए। इसके बाद शासन ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। अभी इस मामले की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। जांच अभी भी ठंडे बस्ते में है। आरोपित के लगातार फरार होने पर कोर्ट ने 23 जनवरी तक हाजिर होने का समय निर्धारित किया था। इसके बाद पुलिस ने अरविंद के गोमतीनगर स्थित अस्थाई और अयोध्या स्थित स्थाई निवास पर डुगडुगी बजाकर 23 जनवरी तक हाजिर होने के लिए कहा था। आरोपित के हाजिर नहीं होने पर पुलिस अरविंद की संपत्ति को कुर्क करने की तैयारी कर रही थी। इसी बीच अरविंद ने न्यायालय में सरेंडर कर दिया। निलंबित डीआइजी अरविंद सेन तीन दिन बाद जेल में सेवानिवृत हो जाएंगे। वर्ष 1989 में डिप्टी एसपी के पद पर उनका चयन हुआ था। इस दौरान वह कई महत्वपूर्ण पदों व जिलों में तैनात रहे। प्रमोशन होने के बाद उन्हें 2003 आइपीएस बैच का कैडर मिला। अरविंद सेन आजमगढ़ और रायबरेली जिले में भी तैनात रहे हैं। एक जनवरी 2019 को उनका डीआइजी के पद पर प्रमोशन हुआ था।
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