स्वर्ण ही स्वर्ण जिया के नाम By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2021-03-26
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26-03-2021-
आजमगढ़। समुद्र की लहरों में अपनी जीत दर्ज करने के बाद आजमगढ़ की एक दिव्यांग लड़की जिया ने इस बार बंगलुरू में आयोजित 20वें राष्ट्रीय पैरा तैराकी में भी सभी प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए तीनों वर्ग के स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। गत 21 मार्च को आजमगढ़ की जिया राय ने वो कमाल कर दिखाया जिसे देखकर दर्शकों के मानों होश ही उड़ गए। प्रतियोगा की शुरूआत हुई तो सब की नजरें जिया राय पर जाकर टिक गईं। सभी के मन में यही सवाल था कि क्या इस बार भी जिया कुछ अलग करने में कामयाब होगी। ऐसे में जिया राय ने भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं होने दिया और सब जूनियर वर्ग में पहला स्वर्ण पदक अपने नाम कर दिखाया। इसके पूर्व जिया ने मुंबई में समुद्र की लहरों में छलांग लगाते हुए 22 किमी. की दूरी मात्र 7 घंटे में तय कर एक कीर्तिमान स्थापित किया था। इसी वर्ष फरवरी महीने में वरली सी लिंक से भोर 3:50 मिनट में छलांग लगाकर 36 किमी. की दूरी 8 घंटे 40 मिनट में तय करने वाली जिया राय ने यह साफ संकेत दे दिया था कि अब वह लहरों में अपना नाम दर्ज कर के ही मानेंगी। बंगलुरू में आयोजित 20वें राष्ट्रीय पैरा तैराकी प्रतियोगिता में उस समय स्वीमिंग पूल में दर्शकों की खचा-खच भीड़ ने जता दिया कि जिया राय दिव्यांग होते हुए भी दिव्यांग नहीं है। उसके लाखों प्रशंसक तैयार हो चुके हैं। जिया के छलांग लगाते ही वहां उपस्थित जिया राय के प्रशंसकों ने लगातार तालियां बजाना शुरू कर दिया। जिया के प्रशंसकों की तालियों की गूंज मानो पूरे बंगलुरू में गंूजने लगी। जिया ने प्रतियोगिता में सभी प्रतियोगियों को पछाड़ते हुए पहला स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। अब बारी थी जूनियर वर्ग में प्रतिभाग करने की तो जैसे ही जिया राय को जूनियर वर्ग में प्रतिभाग करने की इजाजत मिली जिया के भीतर जोश उफान मारने लगा। फिर क्या था जिया ने जूनियर वर्ग का खिताब भी अपने नाम कर स्वर्ण पदक हासिल कर लिया। जिया का हौसला यहीं नहीं रुका। आयोजकों ने उसका नाम सीनियर वर्ग में भी शामिल कर लिया। यहां भी जिया ने अपने से बड़े तैराकों को पटखनी देते हुए सीनियर वर्ग का स्वर्ण पदक भी अपने नाम कर लिया। जिया ने सीनियर वर्ग में फ्रीस्टाइल तैराकी में 200 मीटर की तैराकी में अपने साथ अपने पांच खिलाडिय़ों को मात देने में सफलता हासिल की। जिया ने 200 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी को मात्र 3:11.41 मिनट में ही पूरा कर लिया। वहीं रा9ि 9:20 पर आयोजित 100 मीटर बटरफलाई पैरा तैराकी में प्रतिभाग करते हुए मात्र 90 सेकेंड में तैराकी पूरी कर स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। हालांकि वह मात्र दो सेकेंड से विश्व कीर्तिमान बनाने से चूक गईं। लेकिन प्रतियोगित को दोपहर 12 बजे आयोजित 100 मीटर बैक तैराकी में जिया ने हिस्सा लेते हुए अपने उसी अंदाज में प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा कर लिया। इस प्रकार से जिया राय ने तीनों वर्ग में पहला स्थान हासिल कर तीनों स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। बता दें कि जिया राय एक दिव्यांग हैं और वह ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर डिले इन स्पीच से पीडि़त हैं और अब तक समुद्र की लहरों में कई इतिहास रच चुकी हैं।
क्या कहना है जिया के पिता मदन राय का-
आईएनएस शिकरा में तैनात आम्र्स द्वितीय में मास्टर चीफ जिया राय के पिता मदन राय ने बताया कि जिया के सारे ईवेंट्स तो वर्ष 2020 में ही निर्धारित थे लेकिन 7 मार्च वर्ष 2020 को कोविड-19 के कारण महाराष्ट्र के सभी गतिविधियों में रोक लगा दी गई थी जिसमें स्वीमिंग कल्ब भी शामिल थे। ऐसे में यह सभी कार्यक्रम रद्द करने पड़े। हाल ही में 5 जनवरी वर्ष 2021 को महाराष्ट्र के पालघर में जब जिया ने 22 किमी. की दूरी मात्र 7 घंटे में पूरी कर विश्व रिकार्ड कायम किया तो स्वीमिंग एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र ने 17 फरवरी का कार्यक्रम तय कर दिया जिसमें जिया को वरली सी लिंक से गेट वे ऑफ इंडिया तक की दूरी को तय करना था। इस ईवेंट को महाराष्ट्र सरकार द्वारा तय की गई दिशा-निर्देश के अनुसार तय किया गया। इसमें जिया को प्रात: 3:30 बजे वरली सी लिंक से इस लक्ष्य को पूरा करना था। मूलत: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सगड़ी तहसील क्षेत्र की कताई अलीमुद्दीनपुर की रहने वाली जिया राय इन दिनों अपने माता पिता के साथ मुम्बई में रह कर शिक्षा हासिल कर रही है। जिया के पिता मदन राय आईएनएस शिकरा में तैनात आम्र्स द्वितीय में मास्टर चीफ के पद पर कार्यरत हैं तो वहीं जिया की मां रचना राय सेंट्रल स्कूल में अध्यापक हैं। श्री मदन ने बताया कि इस समय उनके आजमगढ़ स्थित उनके पैत्रिक गांव में तो जश्न का माहौल है। उन्होंने बताया कि जिया का अगला लक्ष्य पैरालंपिक खेलों में प्रतिभाग कर एक विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का है जिसकी तैयारी जिया पूरे लगन और मेहनत से कर रही है।
5 घंटे करती थी रोज सघन अभ्यास
समुद्र में लहरों को चीर कर लक्ष्य प्राप्त करने और नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए जिया राय प्रतिदिन स्वीमिंग कल्ब में 5 घंटे तक अभ्यास करतीं थीं। यह अभ्यास दिन में दो बार तथा सप्ताह में छह बार होता था। बृहस्पतिवार को जिया आराम करतीं और इस दौरान मानसिक रूप से अपने आपको तैयार करने का काम करतीं। जिया राय के इस अथक प्रयासों और अभ्यासों का नतीजि रहा कि आज वह एक नया कीर्तिमान स्थापित करने में सफल हो सकीं।
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