लखनऊ में सस्ते एंटीबायोटिक इंजेक्शन पर 20 हजार के रेमडेसिविर का रैपर लगाकर बेचने वाले गिरफ्तार By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2021-04-26
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26-04-2021-लखनऊ। 98 रुपये कीमत के पीआइपी (पिपरा सिलीन टैजोबैक्टम) एंटीबायोटिक इंजेक्शन पर रेमडेसिविर का रैपर लगाकर 15-20 हजार रुपये में बेचने वाले गिरोह के दो दवा व्यापारी समेत पांच लोगों को पुलिस ने सोमवार को धर दबोचा। अमीनाबाद पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले पांचों आरोपितों को पुरानी मेडिसिन मार्केट से गिरफ्तार किया है। उनके पास रेमडेसिविर इंजेक्शन की 59 शीशी, पीआइपी के 240 इंजेक्शन, 4224 रेमडेसिविर इंजेक्शन के रैपर और 81840 रुपये की नकदी और एक बाइक बरामद की गई है।एडीसीपी पश्चिम राजेश कुमार श्रीवास्तव के मुतिबाक गिरफ्तार आरोपितों में पुरानी मेडिसिन मार्केट के व्यापारी मनीष तिवारी उर्फ तपन निवासी मुरमुरी टोला मुसाहिब गंज ठाकुरगंज उसका साला विकास दीक्षित निवासी केदार विहार बालागंज। इनकी मेडिसिन मार्केट में लक्ष्मी इंटरप्राइजेज के नाम से दुकान है। इसके अलावा मोहित पांडेय, प्रवीण वर्मा निवासी नत्थमपुर कैसरगंज बहराइच, अब्दुश सुफियान निवासी सीतापुर लहरपुर, हाल पता काशीराम कालोनी पारा है। इंस्पेक्टर अमीनाबाद आलोक कुमार राय ने बताया कि मनीष तिवारी और विकास दीक्षित अपनी फर्म में पीआइपी इंजेक्शन का रैपर बदलवा देते थे। अब्दुश सुफियान के प्रिंटिंग प्रेस में रेमडेसिविर के रैपर की छपाई होती थी। उसके बाद शीशियों के रैपर बदलकर मनीष की फर्म में इंजेक्शन तैयार किए जाते थे। मनीष यह इंजेक्शन प्रवीण और मोहित पांडेय को छह हजार रुपये में देता था। प्रवीण अलीगंज स्थित इंदू हास्पिटल का कर्मचारी है। वह अस्पताल के अन्य कर्मचारी दीपांशू, मुकेश और संदीप की मदद से जरूरतमंदों को 15-20 हजार रुपये में बेचते थे। अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों के यह लोग संपर्क में थे। दीपांशू, मुकेश और संदीप फरार हैं। तीनों की तलाश में दबिश दी जा रही है। इनके मिलने पर इंजेक्शन की बिक्री में जुड़े और लोगों का भी पता चलेगा।विशेषज्ञों के मुताबिक पीआइपी इंजेक्शन एंटीबायोटिक इंजेक्शन है। वायरल इंफेक्शन में इसे दिया जाता है। यह इंजेक्शन लाइफ सेविंग ड्रग की कैटागिरी मेंे नहीं आता है। रेमडेसिविर के स्थान पर पीआइपी इंजेक्शन मरीज को लगना घातक है। इससे उसकी जान भी जा सकती है।
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