शारदा व घाघरा के कहर से बढ़हिनपुरवा गांव का मिटा नामोनिशां By (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)2021-10-26
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26-10-2021-
रेउसा (सीतापुर)। सोमवार को घाघरा और शारदा नदियों की कटान में चार घर कटकर समाप्त हो गये। वहीं बढ़हिनपुरवा गांव का अस्तित्व समाप्त हो गया। शारदा नदी की विनाशकारी धाराएं शेखूपुर गांव की तरफ पूरे वेग के साथ बढ़ती जा रही हैं। जिससे करीब साठ घरों पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीण शारदा नदी की धाराओं को देखकर भयभीत हो रहे हैं। शारदा नदी के बढ़ते जलस्तर के चलते करीब पैंतीस ग्राम पंचायतों के लगभग दो सौ भीषण बाढ़ की चपेट में पहुंच गए हैं। लोगों का एक दूसरे से संपर्क मार्ग टूट गया है। क्षेत्र के सिसैया, दरियाना, बेलहा, कनकारी, भिठौली, जमौली, कोडवा धमधमपुर, ईरापुर, सुतौली, चंद्रसेनी, गुडरुवा, देवरिया, खुरवलिया, बिजेहड़ा, दलपतपुर, भिठना कलां, रमुवापुर, कालिका सिंह, लौकी नेवादा, हरिहरपुर, जटपुरवा, नकहा, बढ़ईडीह, चैसा, सिरसा, लखनी, जैतपुर, मेउढ़ी छोलहा, कटरा, लालपुर, चहलारी, खानी हुसेनपुर, राजापुर, मानपुर, सीपतपुर, रंडा कोडर, गुरगुचपुर, कोलिया छडिया सहित तीन दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के मजरे बाढ़ के पानी से प्रभावित बताये जाते हैं। बाढ़ का पानी गांवों घरों में भर गया है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रभावित गांवों के संपर्क मार्गों पर बाढ़ के पानी से सड़के कट गई हैं। जिससे वाहनों की कौन कहे जान जोखिम में डालकर पैदल निकलना भी दुष्कर हो गया है। सैकड़ों एकड़ फसलयुक्त भूमि जलमग्न हो गई है। फसलें नष्ट होने की वजह से बाढ़ पीडि़तों को भविष्य में पेट की भूख शांत करने की चिंता सता रही है। मल्लापुर गांव के बढ़ईन पुरवा गांव के हजारीलाल चेतराम मंगू मिलन आदि के घर शारदा नदी की कटान में आधे लटक रहे थे वह घर कट कर नदी में समाहित हो गये। जिसके चलते गांव का अस्तित्व नदी की धाराओं में विलीन हो गया। बाढ़ व कटान से भयभीत पीडि़त अपने परिवारों के साथ घरों की सामग्रियों को सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जाने की जुगत तलाश रहे हैं। प्रशासन द्वारा प्रभावित गांवों में लंच पैकेट पहुंचाने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जहाँ इस आपदा में अवसर तलाश करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। वहीं इससे हटकर तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा बाढ़ पीडि़तों के पेट की आग शांत करने के लिए खाद्यान्न पैकेट वितरित किए जा रहे हैं। सोमवार को पूर्व विधायक महेन्द्र कुमार सिंह झीन बाबू द्वारा तीन नावों पर खाद्यान्न पैकेट लेकर सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायत गौलोक कोडर के बाशिंदों तक स्वयं व अपने सहयोगियों के माध्यम से पहुंचाए गये।
तम्बौर संवाददाता के अनुसार बाढ़ का पानी अब धीरे धीरे घटने लगा है। कई सड़कों से पानी खिसकने के बावजूद गांवों के सम्पर्क मार्गो पर अभी भी भरा है। बाढ़ के कारण गुरुवार से बन्द विद्युत आपूर्ति अभी बहाल नहीं हुई है। सोमवार को बाढ़ का पानी कम होने से लोगों ने राहत की सांस भले ही ली हो लेकिन गाँवों व उनके संपर्क मार्गों पर आज भी चल रहा है। कस्बे की सीएचसी से पानी निकल गया है लेकिन कई मोहल्लों में पानी भरा हुआ है। जिन गांवों में पानी भरा है वहाँ के ग्रामीणों की परेशानियां बरकरार हैं। बाढ़ से बेहाल लोगों को आने वाले दिनों में पैदा होने वाली बीमारियों से भी जूझना पड़ेगा।
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