हे प्रभू परमेश्वर यूक्रेन और रुस में ज़ल्द शांति स्थापित हो : सेठ संजय साग़र By विष्णु सिकरवार 2022-02-27

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27-02-2022-


आगरा। जंग में नेता हथियार देते हैं, अमीर खाना और गरीब अपने बच्चे देते हैं। जब जंग खत्म हो जाती है, तो नेता अपने बचे हुए हथियार वापस ले लेते हैं। अमीर और खाना पैदा कर लेते हैं। लेक़िन युद्ध की तबाहीं के आलम में गरीब मासूम अपने बच्चों की खून में लतपथ लाशें और क़ब्रे ढूंढते है। साहब, बहुत गहरा ताअल्लुक है सियासत का तबाही से, जब कोई शहर जलता है तो कुछ लालची और शातिर लोग मुस्कुराते है। युद्ध सोच का विषय नही होता यह सिर्फ राजा लडते है और वे कभी नहीं सोचते की परिणाम क्या होंगे ? हे प्रभू परमेश्वर यूक्रेन में जल्द से जल्द शांति स्थापित हो और निर्दोषों पर युद्ध का कहर थम जाएं। कुछ पेड़ हैं नफ़रत की हवा जिनसे बढ़ी है,ये बाग मगर अब भी अमन ढूंढ रहा है। संगम संस्कृतियों से है पहचान हमारी ये दिल तो वही गंग- ओ- जमन ढूंढ रहा है। यूक्रेन में फसें विवश हज़ारों भारतीय छात्रों को सकुशल अपने नागरिकों को हवाई मार्ग से निकाल रहें है।

यूरोपियन देश यूक्रेन में बड़ी बड़ी शानदार बिल्डिंगें है। चमचमाती हुई सड़कें और लंबी लक्जरी कार गाडियां हैं। सड़कों पर साइकिल तो क्या दोपहिया वाहन भी दिखाई नहीं देते क्योंकि सबके पास महंगी लक्जरी गाडियां जो है। अच्छे मेडिकल कॉलेज भी है। युनिवर्सिटी है, तभी तो मेडिकल शिक्षा के लिए भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में पढ़ाई कर रहें हैं यानि यूक्रेन में चारों तरफ संपन्नता थी। फिलहाल यूक्रेन की वर्तमान दशा और दिशा के लिये अमेरिका,इगलैङ और नाटो पूरी तरह ज़िम्मेदार हैं। अमेरिका को अपनें हथियारों का पुराना जखीरा खपाना था। इसलिये, वह नाटो की सदस्य संख्या बढ़ाता जा रहा है। जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था, तब नाटो राष्ट्रों की संख्या 17 थी, जो आज 30 तक पहुँच गयी है। अमेरिका का एकमात्र उद्देश्य रूस की घेराबंदी करना था, जिसमें यूक्रेन को बलि का बकरा बनाया गया है। अमेरिका पर भरोसा करना भारी भूल साबित हुई, कोई ऐसा सगा नहीं जिसको अमेरिका ने ठगा नहीं। ये सब होने कि असल वजह क्या है क्यों एक देश दुसरे देश को युद्ध पर आमादा कर रहा है ? जो दूसरों के झाँसे में आएगा वो बर्बाद ही होगा। अमेरिका हथियारों का या यों कहिये कि मौत का सौदागर है। उस पर भरोसा करना अपने आपको धोखा देना है, लेकिन सच यह भी है कि एक संप्रभु राष्ट्र पर हमला करना साम्राज्यवादी सोच है। अगर नाटो में युक्रेन शामिल होना चाहता था तो यह रूस का पङौसी देशों के साथ रूस के रिश्ते खराब थे। रूस का पङौसी देशों के साथ व्यवहार ठीक होता तो युक्रेन नाटो की गोद में जाने की बात क्यों करता। नेताओं को सत्ता, सुशासन और ज़िन्दगी के लिए दी जाती है, मौत के लिए नहीं। अमेरिका ने यूक्रेन को मोहरा बनाया और मोहरा पिटा तो उन्होंने चाल बदल दी। यूक्रेन और रूस को युद्ध में झोंका गया है। ये एक दिन की बात नहीं पिछले 7 साल से ये सब हुआ। युद्ध रूस की मजबूरी था। इस समय एक फिल्म नाम नही याद आ रहा है कादर खान का लगभग 8 साल का लड़का ऊँचे स्टूल पर चढ़ जाता है, फिर नीचे देख उसे डर लगता है। वो पिता से उसे उतारने को कहता है। वो हाथ फैला कर बोलता है बेटा कूद जा मै संभाल लूंगा। बेटा घबराता है रोता है ज़िद करता है आखिर मे कूद ही जाता है और कादर खान हट जाता है बच्चा मुह के बल ज़मीन पर गिर जाता है। फिर वो उसे उठाता है और कहता है पढ़ लो जिंदगी का पहला सबक की अपने बाप पे भी भरोसा मत करना अफसोस युक्रेन तुम न समझ सके की जो दूसरों पर भरोसा करेगा या उनके झाँसे में आएगा वो बर्बाद ही होगा। जेलोन्सकी को सच्चा दोस्त और ब्यापारी दोस्त का फर्क मालूम पड़ गया होगा। अब राष्ट्रपति जैलन्स्की को अपने देशवासियों की रक्षा करनी चाहिए, उल्टा देशवासियों को लड़ने मरने के लिए भड़का रहा है। अप्रिय सही, मगर सत्य यही है। समर्पण के अलावा फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। समरथ को दोष नहीं गुंसाई, व वीर-भोग्य-वसुंधरा न्याय,नैतिकता, संप्रभुता, सब बकवास है। शक्ति ही न्याय है। न्याय ही शक्ति है। बाक़ी सब मिथ्या है। इसके साथ ही एक ध्रुवीय दुनिया अब पुनः दो ध्रुवीय हो गई है, सोवियत संघ के बिखराव के बाद किसी ने यह सोचा नहीं था कि,रूस को एक दिन पुतिन जैसा बुद्धिमान, बहादुर और चतुर नायक मिलेगा,जो इतिहास के पहिए को घुमा कर स्वर्णिम अतीत लौटाने में समर्थ हो सकेगा। अमरीका की दादागिरी के दिन अब लद गए, आर्थिक मजबूती हासिल करने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बनने की हसरत पाले चीन कोई निर्णायक चुनौती पेश कर पाता तब तक, रूस ने यूक्रेन के बहाने परोक्षत:अमरीका पर हमला कर दिया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि, अब रूस दुनिया का नया दादा बन चुका है। ना समझ राष्ट्रपति वो था जिसने रूस पर भरोशा करके अपने सारे परमाणु हथियार बुडापेस्ट अग्रीमेंट द्वारा रूस को सौप दिए। बदले में रूस ने वादा किया था वो कभी यूक्रेन पर हमला नही करेगा। अब झेलो और ये साम्राज्यवादी ताकतें लोगों का ध्यान हटाने के लिए युद्ध, युद्ध तनाव और राष्ट्रीय अंधराष्ट्रवाद को बढ़ा रही हैं। हम अपील करते हैं कि रूसी सरकार को यह हमला तुरंत रोकना चाहिए और पूरी दुनिया के लोगों से इस आक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान करते हैं।

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