बाबरी मस्जिद मुसलमानों के सीने में दफन है, बची मस्जिदें व दरगाहें रहे महफूज रहें By शाहिद सिद्दीकी2024-01-22
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22-01-2024-
जर्जर हालत में पहुंच चुकी अयोध्या की 61 मस्जिदों के पुनर्निर्माण की भी इजाजत दे सरकार - आजम कादरी
अयोध्या अयोध्या के अंजुमन मुहाफिज -मसाजीद व मकाबिर कमेटी के जनरल सेक्रेटरी मुहम्मद आजम कादरी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद अपने एक बयान में कहा कि मस्जिद हर मुसलमान के सीने में दफन हो गई है।अयोध्या का मुसलमान सुकून व अमन चाहता है उन्होंने कहा कि जो दाग हम पर लगाए गए थे वह सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में धो दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में तकरीबन 101 मस्जिदें हैं जिसमें से 40 मस्जिदों में नमाज हो रही है बाकी 61 मस्जिदें जर्जर अवस्था में पहुंच गई हैं, जिनका पुनर्निर्माण न होने के कारण उनमें नमाज नहीं हो पा रही है। सरकार और स्थानीय प्रशासन उन मस्जिदों के पुनर्निर्माण की इजाजत नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि जो मस्जिद दरगाह है बची हैं शासन- प्रशासन उन्हें पुनर्निर्माण करने की इजाजत दे। उन्होंने कहा कि अयोध्या के मुसलमानों ने 1992 में जो दर्द झेला है, उसे अब दोहराने की कोशिश बिल्कुल न
की जाएं। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन अयोध्या में मस्जिदों से लेकर दरगाहें है जो चीज जहां है वह वहीं महफूज रहे।
राम मंदिर की दीवार से सटे मकान में रहने वाले मोहम्मद शब्बीर कुरेशी उर्फ मुन्ना कहते हैं कि मेरे घर में उसे मस्जिद से चिराग जलता था उन्होंने कहा कभी मंदिर नहीं तोड़ी गई और मैं जिंदगी भर बाबरी मस्जिद को बाबरी मस्जिद ही कहूंगा। कहा कि ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि उनको राम नहीं लाए हैं बल्कि वह राम को लेकर आ रहे हैं। कहा कि राम के मानने वाले अगर राम के आदर्शों पर चलते तो नफरत का बाजार इस तरह न फलता फूलता।
प्राण प्रतिष्ठा के शोर से भाजपा ने किया लोकसभा चुनाव आगाज-
अयोध्या में राम की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान पूरी अयोध्या को हाई सिक्युरिटी जोन में तब्दील कर दिया गया। फिल्मी दुनिया के एक्टर, खिलाड़ी, बिजनेसमैन, संत महंत नेता मंत्री और जिन्हें न्योता दिया गया था के अलावा अयोध्या के लोग अपने-अपने घरों में कैद रहे। पूरे जिले में आसमान से लेकर सड़क तक सन्नाटा छाया रहा। भाजपा ने प्राण प्रतिष्ठा का शोर मचाकर जिस तरह से लोगों का ध्यान राम मंदिर की तरफ खींचने की कोशिश की उससे बिल्कुल साफ है कि भाजपा प्राण प्रतिष्ठा से ही अपने लोकसभा चुनाव का आगाज कर रही है।
अयोध्या के हिंदू मुसलमान सभी बेरोजगार और परेशान : इकबाल अंसारी
बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि
बाबरी मस्जिद की जगह मंदिर बन गया, मस्जिद सीने में दफन हो गई। जब मस्जिद ही नहीं, उससे जुड़े जज्बात की बातें करने से क्या फायदा। जो बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थी, उसमें हमारी पांच पीढ़ियों से मुसलमान नमाज अदा करते आ रहे थे। बस इतना जानता हूं कि अयोध्या में राम आज बसने नहीं आएं हैं, उनका जन्म ही यहां हुआ है। इस जगह पर जन्म लेने वाला हर कोई उनकी तरह ही अयोध्यावासी है। चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान।
1992 में वैसे भी यहां के लोकल लोग जानते थे कि मस्जिद को अयोध्या के लोगों ने नहीं गिराया था। सभी लोग बाहरी थे। इस घटना में हिंदू मारे गए और मुसलमान भी उस दिन से पहले कभी अयोध्या में हिंदू और मुसलमानों के बीच धर्म को लेकर लड़ाई नहीं हुई। कोई दंगा नहीं भड़का। अयोध्या रोजगार और एजुकेशन, दोनों मामले में बहुत गरीब रहा है। विश्व का सबसे बड़ा राम मंदिर तो यहां बन गया, लेकिन यहां आपको एक भी फैक्ट्री नहीं दिखेगी। रोजगार के साधन और अवसर नहीं मिलेंगे। मुसलमान ही नही हिंदू भी यहां के परेशान हैं। बेरोजगार हैं।
यहां हर तरफ छोटी-छोटी दुकानें ही दिखेंगी। कुछ लोग पूजा-पाठ से जुड़ी चीजें बेचकर गुजारा कर रहे हैं, तो कुछ पंचर-गैराज की दुकान चलाकर। गाइड का काम, टूरिस्टों को अयोध्या घुमाने-दर्शन कराने, चंदन-टीका कर भी लोग गुजर-बसर कर रहे हैं।
2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद की जगह पर मंदिर बनाने और अयोध्या में मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुनाया, उसे भी हमने दिल खोलकर मंजूर किया। क्या किसी ने सुना कि इकबाल अंसारी या अयोध्या का मुसलमान या देश का कोई भी मुसलमान इसके खिलाफ धरने पर बैठा हो। एक भी शब्द बोला हो।
पांच एकड़ जमीन पर मस्जिद की आज तक एक ईंट भी नहीं-
इकबाल अंसारी ने कहा कि अब मंदिर बन चुका है। लेकिन जो जमीन सरकार ने मस्जिद के नाम दी है, उस पर कोई काम नहीं हुआ। उस वक्त कहा गया कि दुनिया की सबसे बड़ी, खूबसूरत मस्जिद बनेगी, क्या आज फैसले के 4 साल बीतने के बाद भी एक ईंट मस्जिद के नाम पर नहीं रखी गई। कहा कि मैं तो ये भी मानता हूं कि वहां मस्जिद की कोई जरूरत ही नहीं है। पहले से उस जगह के आसपास दर्जनों मस्जिदें हैं। वहीं दूसरी तरफ बाबरी मस्जिद के मुद्दई रहे हाजी महबूब कुरैशी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के शोर से दूर सऊदी अरब के मक्का शहर उमरा करने चले गयें। अयोध्या में मुसलमानों के हालात और मौजूद मस्जिदें और दरगाहों से मुतालिक बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
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