रजिस्ट्रार, फर्म्स सोसाइटीज एंड चिट्स से माननीय उच्च न्यायालय ने मांगा स्पष्टीकरण By tanveer ahmad2024-07-31
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31-07-2024-
अयोध्या रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज एंड चिट्स पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 11/03/2024 के जारी आदेश में प्रकरण को 8 हफ्ते में निस्तारित करने का निर्देश जारी किया गया था।कई महीने बीत जाने एवं कार्यालय द्वारा तारीख पर तारीख लगने पर याचक ने माननीय उच्चन्यायालय में जारी किए गए आदेश को लेकर प्रार्थना की तो उच्च न्यायालय द्वारा रजिस्ट्रार पर आदेश की अवहेलना पर निर्देश जारी कर दो हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया है, वही प्रेस कांफ्रेंस के दौरान याचक विवेक कुमार गोयल ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे बाबा द्वारा सन 1955 से बसंत लाल विद्यालय ट्रस्ट से वर्तमान बसंत लाल इंटर कॉलेज स्थापित व संचालित है। जिसमें ट्रस्ट मेंबर दिनेश गोयल व उनके सहयोगियों द्वारा कूटराचित तरीके से एक अन्य समान नाम की सोसायटी बसंत लाल इंटर कॉलेज एजुकेशनल व वेलफेयर सोसाइटी का पंजीकरण कार्यालय से करा , कूटरचित सोसाइटी से विद्यालय का संचालन कर रहे है ,जो पूर्णतया गलत है ,इसकी जानकारी सन 2021 में होने पर मैने कई बार रजिस्ट्रार कार्यालय अयोध्या को सूचित किया , कोई कार्यवाही ना होने पर माननीय उच्चन्यायालय की शरण ली तब प्रकरण का संज्ञान लेते हुए उच्चन्यायलय द्वारा 11/03/2024 को 8 सप्ताह में विपक्षी को सुनकर प्रकरण का निस्तारण का आदेश जारी किया , रजिस्ट्रार द्वारा कई बार पत्र पर विपक्षी स्वयं हाजिर नहीं हुए, और तारीख पर तारीख लगाई गई।नियमानुसार यदि कोई संस्थान ट्रस्ट से संचालित है तो उस पर कोई अन्य समिति या कमेटी बलात कब्जे संचालित नहीं की जा सकती है। आरोप है कि दिनेश गोयल व उनके सहयोगियों ने षड्यंत्र रच कूटरचित तरीके से ट्रस्ट की चल अचल संपत्ति पर कब्जा करने के उद्देश्य से अन्य सोसायटी का रजिस्ट्रेशन करा लिया। यह कूटरचित सोसायटी , सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के नियम 12D के अनुसार पूर्णतया निरस्तीकरण योग्य है।कई बार रजिस्ट्रार के समक्ष प्रस्तुत होने व निवेदन करने पर भी अधिकारी द्वारा तारीख पर तारीख लगाई गई । रजिस्ट्रार माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते रहे, निराश व हताश हो मैंने दोबारा न्यायालय की शरण ली और माननीय द्वारा आदेश की अवमानना को लेकर रजिस्ट्रार को 2 सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश जारी किया गया है।
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