भगवान के स्वरुपों को भक्तजन भी झूला झुलाकर हो रहे धन्य - महंत राजीव लोचन शरण By tanveer ahmad2024-08-20
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20-08-2024-
भगवान राम और चारों भाइयों की मनोहारी छवि झूले पर भक्तों को कर रही मोहित
अयोध्या धाम l अयोध्या का सावन झूला मेला बहुत ही प्रसिद्ध है जिसको देखने के लिए देश विदेश से भक्तगण आते है l सावन का महीने में प्रकृति भी रँग विरंगी हो जाती है l भगवान प्रभु श्रीराम की नगरी में सावन माह में अयोध्या के प्रसिद्ध मंदिर बधाई भवन के महंत राजीव लोचन शरण ने बताया कि हर वर्ष झुलोत्सव कार्यक्रम के साथ -साथ शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है और रामचर्चा पर कथा कही जाती है l कहा जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने राधा रानी को सावन में झूला झूलाया था। तब से यही परंपरा चली आ रही है और हर कोई इस मास में झूला झूलता है और अपनी मनोकामना गीतों के माध्यम से श्रीकृष्ण तक पहुंचाई जाती है। पुराणों में भोलेनाथ शिव द्वारा माता पार्वती को झूला झूलाने का जिक्र भी मिलता है। सावन का महीना भक्ति, उत्सव और प्रकृति के लिए जाना जाता है l सावन के महीने में कुछ खास परंपरा का पालन भी किया जाता है. इन परंपरा में सबसे खास है झूला झूलना पवित्रता का भी प्रतीक माना जाता है l अयोध्या के प्रमुख महंत राजीव लोचन शरण बताते है कि ईश्वरीय सत्ता की पांच अलग-अलग श्रेणियां है। इनमें पर, व्यूह, विभव, अन्तर्यामी एवं अर्चावतार। वह कहते पर व्यूह की श्रेणी में प्रभु श्रीराम व उनके तीनों अनुजों के अलावा श्रीकृष्ण-बलराम एवं प्रद्युम्न-अनिरुद्ध आते हैं। इसी तरह विभव में राम व कृष्ण को छोड़कर शेष अवतार शामिल है। अन्तर्यामी का तात्पर्य प्राणियों के ह्दय में विराजमान परमात्मा से लिया जाता है। इसके अतिरिक्त अर्चावतार में देवालयों में प्रतिष्ठित एवं ब्राह्मणों द्वारा पूजित देव विग्रह है। इन्हीं देव विग्रहों की मनोहारी छवि बनाकर भावपूर्वक उनकी सेवा का अभीष्ट यह है सदा-सर्वदा आराध्य के कैंकर्य का सुअवसर प्राप्त हो। भगवान के स्वरुपों को भक्तजन भी झुलाकर कर हो रहे धन्य l उन्होंने बताया कि भगवान के विग्रहों के अलावा उनके स्वरुपों भी सुंदर झांकी सजाई गई है। इस मौके पर भक्तों को भी आराध्य को झुलाने का लाभ प्राप्त हो रहा है। भगवान के स्वरुपों को झुलाकर श्रद्धालु गण स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं।
विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन
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