Back to homepage

Latest News

मुस्लिम महिला के शव का हिन्दू परिवार ने किया दाह संस्कार

मुस्लिम महिला के शव का हिन्दू परिवार ने किया दाह संस्कार468

👤15-02-2020-
हैनीमैन चौराहे के पास एक निजी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में महिलाओं के शव बदलने का विवाद शिया धर्म गुरु कल्बे सादिक की पहल पर सुलझ गया। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार कर दिया गया, तो भी राख या हड्डी का कुछ हिस्सा दफन कर फातिहा पढ़ दिया जाए। यह बात मुस्लिम परिवार को समझ में आ गई और सारा विवाद खत्म हो गया। यह बात जानकारी में आने पर पुलिस कमिश्नर ने भी धर्मगुरु की तारीफ की।सहारा अस्पताल के पोस्टमार्टम गृह पर दो महिलाओं के शव रखे थे। हिन्दू परिवार के लोग अर्चना गर्ग नाम की महिला की अस्पताल में मौत होने पर शव लेकर चले गए और दाह संस्कार कर दिया था। यही नहीं हिन्दू परिवार उनकी अस्थियां लेकर गुरुवार को प्रयागराज संगम के लिए रवाना हो चुका थे। इसी बीच मिर्जा परिवार के सदस्य इशरत का शव लेने गुरुवार (13 फरवरी) को अस्पताल पहुंचे। शव देखकर उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया। बताया कि शव इशरत का नहीं है।यह सुनते ही अस्पताल प्रशासन के अफसरों ने तुरंत ही गर्ग परिवार के सदस्यों से संपर्क साधा। जब अस्पताल के अफसरों को पता चला कि गर्ग परिवार ने दाह संस्कार कर दिया है तो उनके होश उड़ गए। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद गर्ग परिवार इशरत का दाह संस्कार करने के बाद बीच रास्ते से ही अस्थियां लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां से अर्चना का शव ले लिया। गर्ग परिवार ने अर्चना का शव लेकर औपचारिकता पूरी कर ली है।इस मामले को लेकर विभूतिखंड पुलिस के सामने काफी देर तक पंचायत भी हुई थी। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय का कहना है कि धर्मगुरु की पहल सराहनीय है। पुलिस कमिश्नर ने कल्बे सादिक से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनके अस्पताल में भर्ती होने की वजह से सम्पर्क नहीं किया जा सका।
🕔shahzan abbas naqvi

15-02-2020-
हैनीमैन चौराहे के पास एक निजी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में महिलाओं के शव बदलने का विवाद शिया धर्म गुरु कल्बे सादिक की पहल पर सुलझ गया। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार कर...

Read Full Article
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से, पूर्वांचल व बुंदेलखंड के लिए बड़े पैकेज की उम्मीद

उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से, पूर्वांचल व बुंदेलखंड के लिए बड़े पैकेज की उम्मीद72

👤13-02-2020-
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज यानि गुरुवार से शुरू होगा। बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है। बजट में इस बार अवस्थापना सुविधाओं के विकास के साथ ही प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर अधिक धनराशि दिए जाने के संकेत हैं। वहीं पिछड़े हिस्से पूर्वांचल और बुंदेलखंड में सड़क, बिजली, पानी तथा अन्य जरूरतों के लिए विशेष पैकेज के तहत बड़ी धनराशि दी जा सकती है।प्रदेश सरकार ने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों का लेखा जोखा विभाग तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की जनता की अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए 2020-21 के नए बजट में अधिक ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बताया जाता है कि बजट जनता की सुविधाओं और सेवाओं के करीब रहेगा। प्राथमिक शिक्षा में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर अधिक जोर इस बार के बजट में दिया जा रहा है।पूर्वांचल व बुंदेलखंड के लिए मिलेगी ज्यादा रकम
इसी प्रकार पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पिछड़नेपन को दूर करने का इंतजाम भी बजट में किया जा रहा है। बताया जाता है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इन दोनों क्षेत्रों को विशेष पैकेज के तहत अधिक धनराशि दिए जाने की तैयारी है। चालू बजट में पूर्वांचल को 300 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि बुंदेलखंड के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस बार यह राशि बढ़ने की उम्मीद है।बजट में पू‌र्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नई योजनाएं लाने की तैयारी हैं। अटल के नाम पर शहरों में पार्क बनाने तथा जनसरोकारों से जुड़ी कुछ योजनाएं अटल के नाम से चलाने की घोषणा बजट में शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार इस बजट से बड़े बजट की कोई नई योजना नहीं दिखेगी लेकिन कम बजट वाली नई योजनाएं लाई जा सकती हैं।गोमती रिवर फ्रंट के काम को बढ़ाएंगे आगे
गोमती रिवर फ्रंट के काम को आगे बढ़ाने के साथ ही इस पार्क में अटल जी की प्रतिमा लगाने का जिक्र बजट में हो सकता है। लखनऊ के जाम वाले इलाकों के लिए बजट में नए फ्लाईओवर और आरओबी का प्रबंध करने की तैयारी है।पर्यटन विकास पर दिखेगा फोकस
बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार ने वाराणसी, मथुरा और अयोध्या के लिए नई योजनाएं शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। इन तीनों पर्यटन व धार्मिक शहरों के विकास के लिए नये पैकेज दिए जा सकते हैं।एक्सप्रेस-वे को गति देने के लिए देंगे भरपूर धन
बजट में प्रदेश सरकार पूर्वांचल, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के साथ ही गंगा एक्सप्रेस वे के लिए भरपूर धनराशि देने की तैयारी में है। एक्सप्रेस वे सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। इनके अलावा औद्योगिक विकास, नये मेडिकल कालेजों के निर्माण पर सरकार का विशेष ध्यान रहेगा। 
🕔tanveer ahmad

13-02-2020-
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज यानि गुरुवार से शुरू होगा। बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का...

Read Full Article
छह महीने में 457 रुपये महंगा हुआ कामर्शियल गैस सिलेंडर

छह महीने में 457 रुपये महंगा हुआ कामर्शियल गैस सिलेंडर510

👤13-02-2020-
एलपीजी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस बार यह वृद्धी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कारण 11 दिन के लिए स्थगित रही। चुनाव प्रक्रिया खत्म होते ही तेल कंपनियों ने इस साल की सबसे बड़ी बढ़ोतरी (144.50) रुपये कर दी।अब बुधवार से बगैर सब्सिडी के घरेलू सिलेंडर (14.2 किलो गैस) 869 रुपये की हो गई है। जबकि व्यावसायिक श्रेणी की 19 किलो रीफिल के लिए खरीदार को 1498 रुपये देने होंगे। घरेली सब्सिडी सिलेंडर पर अब 566.14 रुपये खर्च करने होंगे। ये पिछले महीने से लगभग 8 रुपये तो घकेल रीफिल बिना सब्सिडी के 282.50 रुपये महंगी हो चुकी है। वहीं, व्यवसायिक रीफिल पर 6 महीने के दौरान 457 रुपये बढ़ चुके हैं। इस अबधि में सरकार से सब्सिडी प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं की जेब पर भी डाका पड़ा है।12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है सरकार
वर्तमान में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलेंडरों पर सब्सिडी देती है। अगर इससे अधिक सिलेंडर चाहिए तो बाजार मूल्य पर खरीदारी करनी होती है। हालांकि सरकार हर साल 12 सिलेंडरों पर जो सब्सिडी देती है, उसकी कीमत भी महीने-दर-महीने बदलती रहती है। औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक सब्सिडी की राशि निर्धारित करते हैं।मुश्किल में पीएनजी
एलपीजी छोड़ पीएनजी की शरण में जाना भी उपभोक्ताओं के लिए आसाना नहीं रहा। ग्रीन गैल लिमिटेड पर बुकिंग कराने के एक साल भी सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। कंपनी के ऑफिर में शिकायत करने पर जवाब मिलता है कि टीम फिलहाल कहीं और काम कर रही है। जैसे ही अपेक्षित क्षेत्र में टीम पहुंचेगी, कनेक्शन लगवा दिया जाएगा। इस संबंघ में पूछे जाने पर ग्रीन गैस प्रबंधन ने बताया कि उनकी तरफ से कहीं कोई ढिलाई नहीं है। जरूरी अनुमति नगर निगम से ले ली गई। लेकिन उनके द्वारा बार-बार काम रोके जाने के कारण कई ठेकेदार भाग चुके हैं। इस हालातों में ग्रेन गैस आगरा शहर के अपने प्रोजेक्ट को समय से पूरा नहीं कर पा रहा।
🕔tanveer ahmad

13-02-2020-
एलपीजी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस बार यह वृद्धी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कारण 11 दिन के लिए स्थगित रही। चुनाव प्रक्रिया खत्म होते ही तेल कंपनियों ने इस साल की सबसे...

Read Full Article
रियल एस्टेट को बड़ी राहत देने की तैयारी में उत्तर प्रदेश सरकार

रियल एस्टेट को बड़ी राहत देने की तैयारी में उत्तर प्रदेश सरकार567

👤13-02-2020-
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को जल्द ही बड़ी राहत देने की तैयारी की है। हाईटेक टाउनशिप योजना में 1500 एकड़ की जगह 500 एकड़ जमीन पर योजना पूरी करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। इतना ही नहीं पांच साल में योजना पूरी करने के लिए जो पूर्व में समय सीमा निर्धारित की गई थी, उसे बढ़ाकर 10 करने की तैयारी है। आवास विभाग जल्द ही इस संबंध में कैबिनेट मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है।प्रस्ताव के मुताबिक हाईटेक टाउनशिप नीति 2003 एवं संशोधित नीति के मुताबिक न्यूनतम 1500 एकड़ जमीन की अनिवार्यता रखी गई है। उदाहरण के लिए सनसिटी मथुरा और पंचम रियकॉन प्रयागराज ऐसे हैं, जिनके द्वारा 1500 एकड़ जमीन जुटा पाना संभव नहीं है। सनसिटी गाजियाबाद को 4312.33 एकड़ क्षेत्रफल में योजना की मंजूरी दी गई है, लेकिन उनके द्वारा मात्र 857 एकड़ जमीन की व्यवस्था ही हो पाई है। ऐसे में टाउनशिप का विकास संभव नहीं है। इसलिए परियोजना का क्षेत्रफल 1500 के स्थान पर 500 एकड़ करने का प्रस्ताव है। इसी तरह परियोजना पूरी करने की अवधि पांच साल में संभव न हो पाने से इसे बढ़ाकर 10 साल करने पर सहमति बनी है।इन शर्तों के साथ मिलेगी सुविधा
आवास विभाग कुछ शर्तों के साथ यह सुविधा देगा। मसलन टाउनशिप में क्षेत्रफल व जनसंख्या के आधार पर विद्युत सब स्टेशन, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, पोस्ट आफिस, टेलीफोन एक्सचेंज आदि के लिए निशुल्क जमीन की व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही 10-10 फीसदी जमीन आर्थिक दृष्टि से दुर्बल और अल्प आय वर्ग के लाभार्थियों के लिए करते हुए मकान बनाना होगा। टाउनशिप में आने वाली ग्रामीण आबादियों के लिए विकासकर्ता द्वारा सड़क, जल निकासी, जलापूर्ति, सेनीटेशन व विद्युति आपूर्ति के लिए मुफ्त व्यवस्था करना होगा।
🕔tanveer ahmad

13-02-2020-
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य में मंदी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को जल्द ही बड़ी राहत देने की तैयारी की है। हाईटेक टाउनशिप योजना में 1500 एकड़ की जगह 500 एकड़ जमीन...

Read Full Article
दिल्ली विधानसभा में पहुंचेंगे ये 16 नए चेहरे, सभी AAP के विधायक

दिल्ली विधानसभा में पहुंचेंगे ये 16 नए चेहरे, सभी AAP के विधायक99

👤12-02-2020-
दिल्ली की नई विधानसभा में 16 ऐसे चेहरे दिखेंगे जो पहली बार निर्वाचित होकर सदन पहुंचेंगे। ये सभी नये चेहरे आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीते हैं जिनमें आतिशि, राघव चड्ढा और दिलीप पांडेय शामिल हैं। कालकाजी सीट से मैदान में उतरीं आतिशि ने भाजपा के धर्मबीर सिंह को 11,393 वोटों के अंतर से हराया है। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के गौतम गंभीर से हार गई थीं। वहीं राजिन्दर नगर सीट से जीतने वाले चड्ढा ने भाजपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सरदार आर पी सिंह को 20,058 वोटों से हराया है।  वह भी दक्षिणी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव में मैदान में थे लेकिन भाजपा के रमेश बिधुड़ी से हार गए थे। वहीं 2019 में उत्तरी-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव हार चुके पांडेय ने तिमारपुर सीट से 24 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है। कांग्रेस छोड़कर विधानसभा चुनावों से पहले आप में आयीं राजकुमारी ढिल्लों ने भाजपा के तेजिन्दर पाल सिंह बग्गा को हरीनगर सीट से 20 हजार से ज्यादा मतों से हराया है। त्रिनगर सीट से आप की प्रीति तोमर ने भाजपा के तिलक राम गुप्ता को 10,700 से अधिक वोटों से हराया है। बात दें कि दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप ने 62 सीटों पर जीत हासिल की है। आम आदमी पार्टी की इस शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा नेता शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और द्रमुक के एम के स्टालिन समेत अन्य नेताओं ने केजरीवाल को बधाई दी। आप ने 62 सीटों पर जीत हासिल की और उसकी वोट हिस्सेदारी 53.57 प्रतिशत रही। भाजपा ने आठ सीटों पर जीत हासिल की और उसे 38.51 प्रतिशत वोट मिले । कांग्रेस का खाता नहीं खुला और उसकी वोट हिस्सेदारी 4.26 प्रतिशत रही। आप की इस जोरदार जीत के आठ महीने पहले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और सारी सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। आप की जीत इसलिए भी मायने रखती है कि भाजपा ने राष्ट्रीय राजधानी में व्यापक प्रचार अभियान चलाया था और अपने 200 से ज्यादा सांसदों, कई केंद्रीय मंत्रियों तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को प्रचार के लिए मैदान में उतारा था।  राष्ट्रीय राजधानी में आप मुख्यालय में जश्न में डूबे समर्थकों और पार्टी के कार्यकर्ताओं को संक्षिप्त संबोधन में केजरीवाल ने कहा, \'\'दिल्ली वालों आपने गजब कर दिया। आई लव यू। नई दिल्ली सीट से जीतने वाले केजरीवाल ने कहा, \'\'यह उन सभी और हर परिवार की जीत है जिन्होंने मुझे अपना बेटा माना और इतना बड़ा जनादेश दिया। आज दिल्ली वालों ने एक नयी राजनीति को जन्म दिया काम की राजनीति। बाद में, केजरीवाल अपने परिवार और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ कनॉट प्लेस के पास प्रसिद्ध हनुमान मंदिर गए। 

🕔 एजेंसी

12-02-2020-
दिल्ली की नई विधानसभा में 16 ऐसे चेहरे दिखेंगे जो पहली बार निर्वाचित होकर सदन पहुंचेंगे। ये सभी नये चेहरे आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीते हैं जिनमें आतिशि, राघव चड्ढा और दिलीप...

Read Full Article
जीत के बाद मंदिर से वापस लौट रहे AAP विधायक नरेश यादव के काफिले पर फायरिंग, एक कार्यकर्ता की मौत

जीत के बाद मंदिर से वापस लौट रहे AAP विधायक नरेश यादव के काफिले पर फायरिंग, एक कार्यकर्ता की मौत174

👤12-02-2020-
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले महरौली के विधायक नरेश यादव के काफिले पर फायरिंग की घटना सामने आई है। न्यूज एजेँसी एएनआई के मुताबिक, इस फायरिंग में पार्टी के एक कार्यकर्ता की मौत भी हो गई है जबकि एक घायल बताया जा रहा है। गोलीबारी की यह घटना उस समय हुई जब नरेश यादव चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मंदिर से दर्शन कर वापस लौट रहे थे। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस हमलावरों को पकड़ने में जुटी गई है। इस मामले में पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज कर ली है और सभी एंगल से इसकी जांच कर रही है। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने नरेश यादव को महरौली विधानसभा से उम्मीदवार घोषित किया था। मंगलवार को आए चुनाव परिणाम में नरेश यादव ने बंपर जीत हासिल की है। नरेश कुमार यादव को 62301 वोट मिले। जबकि इस बीजेपी ने इस सीट से कुसुम खत्री को मैदान में उतारी थी लेकिन उनको जीत हासिल नहीं हुई। कुसुम के खाते में 44085 वोट मिले हैं। जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार एए महेंदर चौधरी 6936 वोटों के साथ चौथे नंबर पर रहे हैं। विधायक के काफिले पर हमले की खबर के बाद आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मेहरौली विधायक नरेश यादव के क़ाफ़िले पर हमला अशोक मान की सरेआम हत्या ये है दिल्ली में क़ानून का राज, मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे नरेश यादव। चुनाव में AAP के सभी दिग्गजों को मिली जीतचुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी के सभी दिग्गजों को जीत हासिल हुई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत सभी मंत्री चुनाव जीत गए। भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष बिजेंद्र गुप्ता ने भी रोहणी सीट पर जीत हासिल की। विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और उपाध्यक्ष राखी बिडलान भी अपना चुनाव जीत गई। वीआईपी सीटों के मामले में दिल्ली में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट पर बीस हजार से अधिक मतों से चुनाव जीत गए। उनकी सरकार में मंत्री रहे मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, राजेंद्र पाल गौतम, कैलाश गहलौत, इमरान हुसैन और गोपाल राय भी चुनाव जीत गए। वि
🕔 एजेंसी

12-02-2020-
दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले महरौली के विधायक नरेश यादव के काफिले पर फायरिंग की घटना सामने आई है। न्यूज एजेँसी एएनआई के मुताबिक, इस फायरिंग में पार्टी...

Read Full Article
यह पुराने वाले अरविंद केजरीवाल नहीं हैं

यह पुराने वाले अरविंद केजरीवाल नहीं हैं186

👤12-02-2020-
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी खासियत थी अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप। यह वह केजरीवाल नहीं थे, जिसके लिए वह जाने जाते रहे हैं। 2013-15 के केजरीवाल बेहद झल्लाने वाले, भावुक और कभी भी किसी पर बरस पड़ने वाले थे। केजरीवाल इस चुनाव में संभल कर चलने वाले, सोच विचार कर फैसले लेने वाले और अनावश्यक टिप्पणियों से बचने वाले दिखे। वह अगर पहले वाले होते, तो अमित शाह के यह कहने पर कि केजरीवाल शाहीन बाग क्यों नहीं जाते, फौरन प्रतिक्रिया दे देते और उन्हें उसका वैसा ही चुनावी खमियाजा भुगतना पड़ता जैसा कि पंजाब चुनाव या उसके पहले देखने को मिला था।इस चुनाव में सबसे अहम बात यही थी कि केजरीवाल ने कैसे अपने को बदला। 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद केजरीवाल ऐसी विजय रथ पर सवार थे, जिससे नीचे देखना उन्हें गंवारा नहीं था। उन्हें लगने लगा था कि वे नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सकते हैं और देश उनमें मोदी का विकल्प देख रहा है। यह अकारण नहीं है कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय केजरीवाल की टीम ने गुजरात जाकर मोदी के विकास के मॉडल की हवा निकालने की कोशिश की। ये भी अकारण नहीं है कि केजरीवाल ने दिल्ली छोड़ बनारस से चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2015 में जब मोदी अपराजेय लग रहे थे, तब दिल्ली में 70 में से 67 सीटें जीतकर मोदी के गुब्बारे में सुई चुभोने का काम किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने हर मुद्दे पर मोदी पर हमले शुरू किए। केजरीवाल की बातें लोगों को पसंद नहीं आईं। उनकी यह हठधर्मिता पार्टी को बहुत भारी पड़ी।एमसीडी की हार से उन्होंने सबक सीखा और मोदी पर हमले बंद कर दिए। नतीजा सबके सामने है। हालांकि यह तर्क दिया जा सकता है कि लोकसभा में आप बुरी तरह हारी थी। लेकिन उसी समय सीएसडीएस का एक सर्वे दिल्ली के बारे में आया था। उसके मुताबिक आप भले ही तीसरे नंबर पर थी, पर दिल्ली के वोटरों ने साफ कहा था कि विधानसभा में उनकी पहली पसंद आप और केजरीवाल ही होंगे। आज सर्वे की बात सच साबित हुई। यानी केजरीवाल की चुप्पी काम आई। वे जो दादरी में अखलाक की हत्या पर दौड़कर उसके घर गए थे, वही केजरीवाल शाहीन बाग में बैठी महिलाओं के समर्थन में नहीं उतरे। एमसीडी और लोकसभा की हार के बाद केजरीवाल यह समझ गए कि हिंदू-मुसलमान के सवाल पर अगर वह भाजपा से उलझे, तो फिर वह ऐसे चक्रव्यूह में फंस जाएंगे, जिससे निकलना नामुमकिन होगा। लिहाजा केजरीवाल अमित शाह के उकसाने के बाद भी शाहीन बाग नहीं गए। उलटे वह हनुमान चालीसा पढ़ते पाए गए। यह 2020 के केजरीवाल थे, जिन्होंने मोदी के समक्ष हार मान ली और इसलिए पूरे चुनाव में एक बार भी मोदी पर निजी टिप्पणी नहीं की। इस चुनाव में एक और सबक है कि राष्ट्रवाद के नाम पर नफरत की राजनीति की ज्यादा उम्र नहीं होती है। भाजपा इस मुगालते में थी कि शाहीन बाग और नागरिकता कानून का सवाल उठाकर, तीन तलाक कानून लागू कर, अनुच्छेद 370 में बदलाव कर और राम मंदिर निर्माण की बात कर आसानी से हिंदू वोटरों को लुभा लेगी, तो ऐसा होने वाला नहीं है। एक सर्वे के मुताबिक, 70 फीसदी लोग यह मानते थे कि नागरिकता कानून पर आंदोलन सही नहीं है, लेकिन सिर्फ एक फीसदी लोगों ने इस आधार पर वोट दिया। एक्सिस माई इंडिया के इस सर्वे का यह नतीजा आंख खोलने वाला है। यानी भाजपा को यह सोचना चाहिए कि लोकसभा में बंपर जीत के बाद भी राज्यों में भाजपा मनमुताबिक नतीजे नहीं ला पाई यानी भाजपा को हिंदू वोट बैंक का फायदा तो मिल रहा है, पर अगर रोजमर्रा के मामलों पर सरकार यदि प्रदर्शन नहीं कर पाई, तो रोटी, कपड़ा और मकान भाजपा को सत्ता से दूर भी कर *सकते हैं। आप ने पिछले पांच साल में दिल्ली में काम किया है। बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार ने बुनियादी काम किए हैं और न केवल काम किए हैं, बल्कि सोशल मीडिया और मीडिया के जरिये काम करने वाली सरकार की इमेज भी बनाई है। यह बात खास है कि सरकार के प्रदर्शन को हिंदू वोट बैंक से जोड़ने की आप की कोशिश नई है। हालांकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे पहले यह प्रयोग नरेन्द्र मोदी ने 2014 में किया था। तब मोदी ने गुजरात में विकास का मॉडल और हिंदू वोट को एक कर दिया था। लोगों को इस नए प्रयोग ने सम्मोहित किया था। उसी राह पर अब केजरीवाल चल रहे हैं। देखना यह होगा कि दिल्ली के संदेश को भाजपा कितना ग्रहण करती है। अगर आगे भी वह दिल्ली वाली गलती करती रहेगी, तो मुश्किल होगी। जनता को रामभक्त पसंद हो सकते हैं, लेकिन वह गोली मारो. के साथ नहीं रहेगी।
🕔 एजेंसी

12-02-2020-
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी खासियत थी अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप। यह वह केजरीवाल नहीं थे, जिसके लिए वह जाने जाते रहे हैं। 2013-15 के केजरीवाल बेहद झल्लाने...

Read Full Article
यह पुराने वाले अरविंद केजरीवाल नहीं हैं

यह पुराने वाले अरविंद केजरीवाल नहीं हैं688

👤12-02-2020-
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी खासियत थी अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप। यह वह केजरीवाल नहीं थे, जिसके लिए वह जाने जाते रहे हैं। 2013-15 के केजरीवाल बेहद झल्लाने वाले, भावुक और कभी भी किसी पर बरस पड़ने वाले थे। केजरीवाल इस चुनाव में संभल कर चलने वाले, सोच विचार कर फैसले लेने वाले और अनावश्यक टिप्पणियों से बचने वाले दिखे। वह अगर पहले वाले होते, तो अमित शाह के यह कहने पर कि केजरीवाल शाहीन बाग क्यों नहीं जाते, फौरन प्रतिक्रिया दे देते और उन्हें उसका वैसा ही चुनावी खमियाजा भुगतना पड़ता जैसा कि पंजाब चुनाव या उसके पहले देखने को मिला था।इस चुनाव में सबसे अहम बात यही थी कि केजरीवाल ने कैसे अपने को बदला। 2015 के विधानसभा चुनाव के बाद केजरीवाल ऐसी विजय रथ पर सवार थे, जिससे नीचे देखना उन्हें गंवारा नहीं था। उन्हें लगने लगा था कि वे नरेंद्र मोदी को टक्कर दे सकते हैं और देश उनमें मोदी का विकल्प देख रहा है। यह अकारण नहीं है कि 2014 लोकसभा चुनाव के समय केजरीवाल की टीम ने गुजरात जाकर मोदी के विकास के मॉडल की हवा निकालने की कोशिश की। ये भी अकारण नहीं है कि केजरीवाल ने दिल्ली छोड़ बनारस से चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2015 में जब मोदी अपराजेय लग रहे थे, तब दिल्ली में 70 में से 67 सीटें जीतकर मोदी के गुब्बारे में सुई चुभोने का काम किया था। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने हर मुद्दे पर मोदी पर हमले शुरू किए। केजरीवाल की बातें लोगों को पसंद नहीं आईं। उनकी यह हठधर्मिता पार्टी को बहुत भारी पड़ी।एमसीडी की हार से उन्होंने सबक सीखा और मोदी पर हमले बंद कर दिए। नतीजा सबके सामने है। हालांकि यह तर्क दिया जा सकता है कि लोकसभा में आप बुरी तरह हारी थी। लेकिन उसी समय सीएसडीएस का एक सर्वे दिल्ली के बारे में आया था। उसके मुताबिक आप भले ही तीसरे नंबर पर थी, पर दिल्ली के वोटरों ने साफ कहा था कि विधानसभा में उनकी पहली पसंद आप और केजरीवाल ही होंगे। आज सर्वे की बात सच साबित हुई। यानी केजरीवाल की चुप्पी काम आई। वे जो दादरी में अखलाक की हत्या पर दौड़कर उसके घर गए थे, वही केजरीवाल शाहीन बाग में बैठी महिलाओं के समर्थन में नहीं उतरे। एमसीडी और लोकसभा की हार के बाद केजरीवाल यह समझ गए कि हिंदू-मुसलमान के सवाल पर अगर वह भाजपा से उलझे, तो फिर वह ऐसे चक्रव्यूह में फंस जाएंगे, जिससे निकलना नामुमकिन होगा। लिहाजा केजरीवाल अमित शाह के उकसाने के बाद भी शाहीन बाग नहीं गए। उलटे वह हनुमान चालीसा पढ़ते पाए गए। यह 2020 के केजरीवाल थे, जिन्होंने मोदी के समक्ष हार मान ली और इसलिए पूरे चुनाव में एक बार भी मोदी पर निजी टिप्पणी नहीं की। इस चुनाव में एक और सबक है कि राष्ट्रवाद के नाम पर नफरत की राजनीति की ज्यादा उम्र नहीं होती है। भाजपा इस मुगालते में थी कि शाहीन बाग और नागरिकता कानून का सवाल उठाकर, तीन तलाक कानून लागू कर, अनुच्छेद 370 में बदलाव कर और राम मंदिर निर्माण की बात कर आसानी से हिंदू वोटरों को लुभा लेगी, तो ऐसा होने वाला नहीं है। एक सर्वे के मुताबिक, 70 फीसदी लोग यह मानते थे कि नागरिकता कानून पर आंदोलन सही नहीं है, लेकिन सिर्फ एक फीसदी लोगों ने इस आधार पर वोट दिया। एक्सिस माई इंडिया के इस सर्वे का यह नतीजा आंख खोलने वाला है। यानी भाजपा को यह सोचना चाहिए कि लोकसभा में बंपर जीत के बाद भी राज्यों में भाजपा मनमुताबिक नतीजे नहीं ला पाई यानी भाजपा को हिंदू वोट बैंक का फायदा तो मिल रहा है, पर अगर रोजमर्रा के मामलों पर सरकार यदि प्रदर्शन नहीं कर पाई, तो रोटी, कपड़ा और मकान भाजपा को सत्ता से दूर भी कर *सकते हैं। आप ने पिछले पांच साल में दिल्ली में काम किया है। बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सरकार ने बुनियादी काम किए हैं और न केवल काम किए हैं, बल्कि सोशल मीडिया और मीडिया के जरिये काम करने वाली सरकार की इमेज भी बनाई है। यह बात खास है कि सरकार के प्रदर्शन को हिंदू वोट बैंक से जोड़ने की आप की कोशिश नई है। हालांकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सबसे पहले यह प्रयोग नरेन्द्र मोदी ने 2014 में किया था। तब मोदी ने गुजरात में विकास का मॉडल और हिंदू वोट को एक कर दिया था। लोगों को इस नए प्रयोग ने सम्मोहित किया था। उसी राह पर अब केजरीवाल चल रहे हैं। देखना यह होगा कि दिल्ली के संदेश को भाजपा कितना ग्रहण करती है। अगर आगे भी वह दिल्ली वाली गलती करती रहेगी, तो मुश्किल होगी। जनता को रामभक्त पसंद हो सकते हैं, लेकिन वह गोली मारो. के साथ नहीं रहेगी।
🕔 एजेंसी

12-02-2020-
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी खासियत थी अरविंद केजरीवाल का बदला हुआ रूप। यह वह केजरीवाल नहीं थे, जिसके लिए वह जाने जाते रहे हैं। 2013-15 के केजरीवाल बेहद झल्लाने...

Read Full Article
दो ग्राम से हल्की ज्वैलरी पर हालमार्क अनिवार्य नहीं

दो ग्राम से हल्की ज्वैलरी पर हालमार्क अनिवार्य नहीं45

👤12-02-2020-
हालमार्क को लेकर संशय दूर हो गया है। इसकी अनिवार्यता को लेकर गजट जारी हो गया है जो 15 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा। इस तारीख के बाद से केवल तीन कैरेट की ज्वैलरी को ही मान्यता मिलेगी यानी 14, 18 और 22 कैरेट। दो ग्राम से हल्की ज्वैलरी और 24 कैरेट सोने को हालमार्क से बाहर रखा गया है। खास बात है कि हालमार्क को जीएसटी से जोड़ दिया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारियों को सराफा व्यापारी का स्टॉक रजिस्टर और जीएसटी रिटर्न जांचने के अधिकार दिए गए हैं। इससे ये पता चलेगा कि व्यापारी ने कुल कितनी हालमार्क ज्वैलरी बेची। हालमार्क सेंटर में आने वाले आभूषणों का लेखा-जोखा ऑनलाइन किया जाएगा। बाद में इसका मिलान व्यापारी के स्टॉक रजिस्टर और हालमार्क सेंटर के बहीखाते से ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए हालमार्क सेंटर हर महीने हालामर्किंग डाटा बीआईएस को भेजेंगे। कोई भी व्यापारी अपने नजदीकी सेंटर से सालभर में कराई गई कुल हालमार्किंग का डाटा ले सकेगा। समय-समय पर बीआईएस अधिकारी सराफा दुकानों में जाएंगे और ग्राहक बनकर सैंपल के लिए ज्वैलरी खरीदेंगी, इसकी जांच भी की जाएगी। अगर छोटा-मोटा हेरफेर पाया गया तो ज्वैलर के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। अगर हालमार्क में हेरफेर का मामला बड़ा पाया गया तो उस सराफा फर्म का बीआईएस लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे मामलों में व्यापारी को पुराना स्टाक बेचने के लिए तीन महीने का समय दिया जाएगा। फिर दुकान हमेशा को बंद करा दी जाएगी। ज्वैलरी में इरीडियम, रूथेनियम, कैडमियम आदि पाया गया तो हालमार्क सेंटर ज्वैलरी को रिजेक्ट कर देंगे। ऐसी मिलावटी ज्वैलरी को बेचना प्रतिबंधित होगा।

🕔tanveer ahmad

12-02-2020-
हालमार्क को लेकर संशय दूर हो गया है। इसकी अनिवार्यता को लेकर गजट जारी हो गया है जो 15 जनवरी 2021 से लागू हो जाएगा। इस तारीख के बाद से केवल तीन कैरेट की ज्वैलरी को ही मान्यता मिलेगी...

Read Full Article
वैलेंटाइंस डे ऑफर: इंडिगो कराएगी 999 रुपये में हवाई सफर

वैलेंटाइंस डे ऑफर: इंडिगो कराएगी 999 रुपये में हवाई सफर 107

👤12-02-2020-
एयर एशिया के बाद अब निजी विमान सेवा इंडिगो (IndiGo) ने मंगलवार को चार दिन की विशेष वैलेंटाइन सेल की घोषणा की। इसके तहत ग्राहक 999 रुपये की शुरुआती कीमत पर देश के भीतर हवाई सफर कर सकेंगे। कंपनी ने बयान में कहा कि इंडिगो 11 से 14 फरवरी तक चलने वाली इस सेल में रियायती दरों पर दस लाख सीटों की पेशकश कर रही है। इस पेशकश के तहत , टिकट बुक करने पर एक मार्च से 30 सितंबर तक यात्रा की जा सकती है। इंडिगो के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी विलियम बोल्टर ने कहा, हमें आज से 14 फरवरी तक चलने वाली विशेष बिक्री की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।इंडिगो की सेल में कैशबैक का फायदा भी लिया जा सकता है। ये इस तरह है…इंडसइंड बैंक के क्रेडिट कार्ड के जरिए ईएमआई पर टिकट बुक करने पर 12 फीसदी यानी 5000 रुपये तक का अतिरिक्त कैशबैकHDFC Bank के PayZapp से टिकट बुकिंग पर 15 फीसदी का कैशबैक मिल रहा है, जो मैक्सिमम 1000 रुपये तक होगा. हालांकि शर्त यह है कि मिनिमम बुकिंग अमाउंट 4000 रुपये होना चाहिए।फेडरल बैंक के डेबिट कार्ड से टिकट बुकिंग पर 10 फीसदी कैशबैक मिल रहा है, जो मैक्सिमम 1500 रुपये तक होगा. हालांकि इसके लिए मिनिमम बुकिंग अमाउंट 10000 रुपये होना चाहिए।
🕔tanveer ahmad

12-02-2020-
एयर एशिया के बाद अब निजी विमान सेवा इंडिगो (IndiGo) ने मंगलवार को चार दिन की विशेष वैलेंटाइन सेल की घोषणा की। इसके तहत ग्राहक 999 रुपये की शुरुआती कीमत पर देश के भीतर हवाई सफर कर...

Read Full Article

सोशल मीडिया

खबरें ज़रा हट के...

  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

    View Article
  • अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप

    08-05-2021-
    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

    View Article
  • पोखरे में मिली युवती की नग्‍न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

    30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...

    View Article
  • रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?

    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

    View Article
  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

    View Article