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पीएफ घोटाला : एपी मिश्रा की जमानत अर्जी पर 4 दिसंबर को होगी सुनवाई

पीएफ घोटाला : एपी मिश्रा की जमानत अर्जी पर 4 दिसंबर को होगी सुनवाई160

👤29-11-2019-यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध पूर्व एमडी एपी मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने चार दिसंबर की तारीख तय की है। गुरुवार को उनकी जमानत अर्जी पर राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। विशेष जज संदीप गुप्ता ने इसे मंजूर कर लिया।इधर, एपी मिश्रा के वकील प्रांशु अग्रवाल ने अदालत में एक अर्जी दाखिल की। कहा कि 29 नवंबर को उनकी अदालत में रिमांड पेशी है। लेकिन एपी मिश्रा बुर्जुग हैं व हार्ट के मरीज है। तीन स्टंट्स पड़े हैं। मामला राजनीतिक है। जेल से अदालत लाते समय उनकी जान को खतरा है। लिहाजा उनकी रिमांड पेशी जेल से ही जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग कराई जाए। विशेष अदालत ने उनकी इस अर्जी पर जेल अधीक्षक से रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया। बीते छह नवंबर को इस घोटाला मामले में एपी मिश्रा को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
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29-11-2019-यूपीपीसीएल पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध पूर्व एमडी एपी मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने चार दिसंबर की तारीख तय की है।...

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आगरा से वाराणसी तक बनेगा सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर

आगरा से वाराणसी तक बनेगा सेमी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर778

👤29-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार अब सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने जा रही है। सरकार इसके लिए सलाहकार कंपनी के रूप में राईटस का चयन करेगी। यह कंपनी ही इस परियोजना के लिए विस्तृत सर्वे, एलाइनमेंट, प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने व उससे संबंधित जरूरी सेवाओं का निर्धारण आदि काम करेगी।इस कोरीडोर में केवल यात्री ट्रेनें ही तेज रफ्तार से चलेंगी। यह आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के समानंतर कॉरिडोर होगा। यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बोर्ड बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया। सलाहकार कंपनी के नाम पर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।यह प्रोजेक्ट रेल मंत्रालय का है। इसे यूपी सरकार के संयुक्त उपक्रम के तहत बनाया जाएगा। इसके लिए तकनीकी सहयोग केंद्र की संस्था राईटस देगी। यह परियोजना 800 किमी की है। यह आगरा, लखनऊ से होते हुए गाजीपुर व वाराणसी तक जाएगी। 800 किमी का यह सफर सेमी हाईस्पीड ट्रेन के जरिए तीन घंटे में पूरा कराने की तैयारी है। इसमें मालवाहक ट्रेनें नहीं चलेंगी।बोर्ड बैठक में अवनीश अवस्थी ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे दोनों पर जल्द काम शुरू होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस प्रोजेक्ट पर चर्चा कर चुके हैं। इस प्रोजेक्ट में कितनी लागत आएगी, और कितनी जमीन की जरूरत होगी। इसका सर्वे राईटस कराएगी। 
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29-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार अब सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने जा रही है। सरकार इसके लिए सलाहकार कंपनी के रूप में राईटस का चयन करेगी। यह कंपनी ही इस परियोजना के...

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उत्तर प्रदेश को मिले आठ और नये मेडिकल कॉलेजों का तोहफा

उत्तर प्रदेश को मिले आठ और नये मेडिकल कॉलेजों का तोहफा562

👤29-11-2019-केंद्र सरकार ने प्रदेश को और आठ नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा दिया है। लखीमुपर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी में ये मेडिकल कालेज बनेंगे। प्रत्येक मेडिकल कालेज के निर्माण की लागत 325 करोड़ रुपये आएगी।  प्रदेश सरकार ने 14 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था। ये मेडिकल कालेज लखीमुपर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी, ललितपुर, कुशीनगर, अमेठी बिजनौर और गोंडा में खोले जाने थे। इनमें से आठ को गुरुवार को मंजूरी दे दी गई जबकि पांच मेडिकल कॉलेजों को मंगलवार को दी जा चुकी थी। इसमें से अमेठी का प्रस्ताव अभी अटका है। इस पर भी नए सिरे से विचार किया जा रहा है।\r\nस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने इनमें से आठ मेडिकल कॉलेजों की स्वीकृति से संबंधित पत्र प्रदेश सरकार को भेज दिया है। केंद्र प्रायोजित इस योजना के तहत तीसरे चरण के लिए चयनित इन जिलों के जिला और रेफरल चिकित्सालयों को विस्तार देकर मेडिकल कालेज बनाया जाना है।  इन मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में केंद्र सरकार 60 फीसदी  (195 करोड़) और राज्य सरकार 40 फीसदी (130 करोड़) रुपये खर्च करेगी। इन मेडिकल कॉलेजों में 2022 से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की जाएगी। 
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29-11-2019-केंद्र सरकार ने प्रदेश को और आठ नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा दिया है। लखीमुपर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, सोनभद्र, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी में ये मेडिकल कालेज बनेंगे।...

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सवा लाख शिक्षामित्रों के हाथ से फिसला मौका, नहीं मिली नौकरी

सवा लाख शिक्षामित्रों के हाथ से फिसला मौका, नहीं मिली नौकरी312

👤28-11-2019-
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों के हाथ से नौकरी के दो अवसर निकलने के बावजूद 1.30 लाख शिक्षामित्र सवा दो साल से ठोकरें खा रहे हैं। 10 हजार रुपये प्रतिमाह पर किसी तरह गुजारा कर रहे शिक्षामित्रों के लिए एक-एक दिन काटना मुश्किल हो रहा है। दो अवसर पूरे होने के कारण 22 दिसंबर को प्रस्तावित टीईटी के लिए जो ऑनलाइन आवेदन लिए गए उसमें शिक्षामित्रों से अलग से कोई सूचना नहीं ली गई है।इससे पहले 2017 व 2018 की टीईटी में शिक्षामित्रों से अलग से सूचना ली गई थी क्योंकि उसी के आधार पर उन्हें भर्ती में वेटेज दिया जाना था। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने बगैर टीईटी सहायक अध्यापक पद पर 1,37,517 शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि दो भर्तियों में इन्हें अनुभव का लाभ देकर अवसर दिया जाए। उसके छह महीने बाद 17 जनवरी 2018 को सरकार ने 68500 शिक्षकों की भर्ती के लिए पहली बार सहायक अध्यापक की लिखित परीक्षा का आदेश जारी किया। 27 मई को आयोजित लिखित परीक्षा में तकरीबन 7200 शिक्षामित्र पास हुए थे। जिन्हें 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में मौका मिला। उसके बाद 6 जनवरी 2019 को 69000 शिक्षक भर्ती के लिए परीक्षा कराई गई लेकिन कटऑफ अंक को लेकर विवाद हो गया और परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय 11 महीने में अंतिम उत्तरकुंजी जारी नहीं कर सका है। इस तरह से शिक्षामित्रों के हाथों से दो मौके तो चले गए लेकिन नौकरी तकरीबन सात हजार शिक्षामित्रों को ही मिल सकी है। बचे हुए 1.30 लाख शिक्षामित्र पक्की नौकरी की आस में दिन काट रहे हैं।   यूपी में दो दशक पहले लागू हुई थी योजना’    26 मई 1999: यूपी में शिक्षामित्र योजना लागू हुई
’    अक्तूबर 2005: मानदेय 2250 रुपये से बढ़कर 2400 हुआ
’    15 जून 2007: मानदेय 2400 रुपये से बढ़कर 3000
’    11 जुलाई 2011: शिक्षामित्रों के दो वर्षीय प्रशिक्षण का आदेश
’    23 जुलाई 2012: सहायक अध्यापक पद पर समायोजन का निर्णय
’    19 जून 2014: प्रथम बैच के शिक्षामित्रों के समायोजन का आदेश
’    06 जुलाई 2015: सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन पर रोक लगाई
’    12 सितंबर 2015: हाईकोर्ट ने समायोजन निरस्त किया
’    25 जुलाई 2017: सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को गैरकानूनी ठहराया 
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28-11-2019-
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों के हाथ से नौकरी के दो अवसर निकलने के बावजूद 1.30 लाख शिक्षामित्र सवा दो साल से ठोकरें खा रहे हैं। 10 हजार रुपये...

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 : बनारस से ज्यादा साफ है रायबरेली, सीएम योगी के गोरखपुर का शानदार प्रदर्शन

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 : बनारस से ज्यादा साफ है रायबरेली, सीएम योगी के गोरखपुर का शानदार प्रदर्शन471

👤28-11-2019-
\'स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2019\' में पूरे देश में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर का डंका बजा है। देश के 683 जनपदों में गोरखपुर ने जहां 26वां स्थान प्राप्त किया वहीं पीएम के संसदीय क्षेत्र बनारस को पछाड़़ कर सांसद सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र ने 167 वां स्थान प्राप्त किया है। जबकि बनारस को 224 वां व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी का 242वां स्थान मिला। वहीं मंडल में लखीमपुर खीरी को प्रथम व जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। सितंबर माह से दो अक्टूबर तक केंद्रीय टीम ने स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 के तहत स्वच्छता का सर्वे किया गया।गोरखपुर जिला देशभर में 26वें नंबर परयह सर्वे देश के 683 जनपदों में एक साथ हुआ था। सर्वे के बाद जो परिणाम आए वे काफी उत्साह पैदा करने वाले। अधिकारियों की मेहनत व जनता की जागरूकता ने जनपद को इस मुकाम तक पहुंचाने में  काफी मददगार साबित हुई। सर्वेक्षण में जहां देश में जनपद स्वच्छता की अलख जगाई वहीं मंडल में तो रिकॉर्ड उछाल लेते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गया। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 की जारी सूची में गोरखपुर 85.6658 अंक लेकर 26 वें स्थान पर रहा। इसी तरह रायबरेली जनपद 76.0270 अंक लेकर 167वें स्थान पर रहा।पीएम का वाराणसी 224वें स्थान पर रहाजबकि बनारस 73.5751 अंक लेकर 224वें व अमेठी 72.9500 अंक लेकर 242 वें स्थान पर रहा। मंडल की बात करें तो छह जनपदों में लखीमपुर खीरी ने बाद जनपद दूसरे स्थान पर रहा। जबकि प्रदेश कि 75 जनपदों में 35वें स्थान पर जनपद रहा। इस बाबत मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार शुक्ल ने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत के साथ जनता की जागरूकता से मुकाम हासिल  हुआ है। इसे और बेहतर किया जाएगा, जिससे जनपद पहले स्थान पर पहुंचे। देश में जनपद का स्थान नाम            स्थान              अंक गोरखपुर      26वां            85.6658रायबरेली     167वां           76.0270बनारस        224वां           73.5751अमेठी         242वां           72.9500तीन स्तरों पर हुई थी जांच सर्वेक्षण तीन स्तरों पर किया गया था। इसके लिए कुल सौ अंक निर्धारित किए गए थे। तीस अंक का स्व: मूल्यांकन था। 35 अंक सिटीजन फीडबैक का व 35 अंक सर्विश लेवल प्रोगेेस का था। इन तीनों में जनपद की स्थित काफी बेहतर थी।गोरखपुर ने पिछले साल से ज्यादा मेहनत की श्रेणी              वर्ष 2018 के अंक    वर्ष 2019 के अंक
कुल अंक 100         62.11                 76.0270
स्व. मूल्यांकन           22.58                 22.23
सिटीजन फीडबैक     21.52                 30.80
सर्विस लेवल प्रोग्रेस    18.00                 23.00  
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28-11-2019-
\'स्वच्छता सर्वेक्षण ग्रामीण 2019\' में पूरे देश में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर का डंका बजा है। देश के 683 जनपदों में गोरखपुर ने जहां 26वां स्थान प्राप्त...

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भाजपा के 59 जिलाध्यक्षों की सूची जारी, जानें किस-किस को मिली जिम्मेदारी

भाजपा के 59 जिलाध्यक्षों की सूची जारी, जानें किस-किस को मिली जिम्मेदारी808

👤28-11-2019-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी आशुतोष टंडन ने प्रदेश के 59 नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। भाजपा के 98 जिला संगठनों में से 59 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई है। अभी 39 जिलाध्यक्षों की नामों की घोषणा बाकी है। इन जिलाध्यक्षों का चुनाव 20 नवम्बर को हुआ था। लखनऊ महानगर के मुकेश शर्मा एक बार फिर नगर अध्यक्ष बन गए हैं। अवध क्षेत्र के तहत सीतापुर के अचिन मेहरोत्रा, लखीमपुर सुनील सिंह, हरदोई से सौरभ मिश्रा, उन्नाव से राजकिशोर रावत, बलरामपुर से प्रदीप सिंह, बहराइच से श्यामकरण टेकरीवाल, गोंडा से सूर्य नारायण तिवारी श्रावस्ती से संजय कैराती, अम्बेडकरनगर से कपिल देव वर्मा और अयोध्या महानगर से अभिषेक मिश्रा जिला अध्यक्ष चुने गए हैं।\r\nकानपुर क्षेत्र के तहत कानपुर उत्तर से सुनील बजाज, कानपुर दक्षिण से डा.वीना आर्य पटेल, कानपुर ग्रामीण से कृष्ण मुरारी शुक्ला, कानपुर देहात अविनाश चौहान, महोबा से जितेन्द्र सिंह सेंगर, हमीरपुर से ब्रज किशोर गुप्ता, चित्रकूट से चन्द्र प्रकाश खरे, झांसी महानगर से मुकेश मिश्रा व जालौन से रामेन्द्र सिंह बन्ना जिलाध्यक्ष बने हैं। काशी क्षेत्र के तहत प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से वाराणसी महानगर से विद्यासागर राय, वाराणसी जिले से हंसराज विश्वकर्मा, भदोही से विनय श्रीवास्तव और मीरजापुर से ब्रज भूषण सिंह जिलाअध्यक्ष चुने गए हैं। गोरखपुर क्षेत्र के तहत गोरखपुर महानगर से राजेश गुप्ता, गोरखपुर जिला से युधिष्ठिर सिंह सैंथवार, महाराजगंज से परदेसी रविदास, मऊ से रवीन्द्र गुप्ता, बलिया से जयप्रकाश साहू, आजमगढ़ से ध्रुव सिंह, लालगंज से ऋषिकांत राय, बस्ती से महेश शुक्ला, सिद्धार्थनगर से गोविन्द माधव यादव जिलाध्यक्ष बने हैं।\r\nब्रज क्षेत्र से अलीगढ़ जिला से ऋषिपाल जाट, हाथरस से गौरव आर्य, कासगंज से के.पी.सिंह, आगरा महानगर से भानू महाजन, आगरा जिला गिरिराज कुशवाहा,मथुरा महानगर विनोद अग्रवाल, मथुरा जिला मधु शर्मा, फिरोजाबाद महानगर राकेश, शंखवार, फिरोजाबाद जिला मानवेन्द्र प्रताप लोधी, मैनपुरी से प्रदीप सिंह चौहान, बरेली महानगर से डा.कुलमोहन अरोड़ा, बरेली जिला से पवन शर्मा, शाहजहांपुर जिला हरिप्रकाश लोधी, पीलीभीत संजीव प्रताप सिंह और बदायूं अशोक भारती जिलाध्यक्ष चुने गए हैं। पश्चिम क्षेत्र के तहत सहारनपुर महानगर से राकेश जैन, सहारनपुर जिला से महेन्द्र सैनी, मेरठ महानगर से मुकेश सिंघल, मेरठ जिला से अनुज राठी, गौतमबुद्ध नगर से विजय भाटी, बागपत से सूरज पाल गुर्जर, हापुड़ से उमेश राणा, रामपुर से अभय गुप्ता, मुरादाबाद महानगर से धर्मेन्द्र मिश्रा, बिजनौर से सुभाष बाल्मीकि और संभल से ओमवीर खड़गवंशी जिलाध्यक्ष चुने गए हैं।
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28-11-2019-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी आशुतोष टंडन ने प्रदेश के 59 नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। भाजपा के 98 जिला संगठनों में से 59 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की...

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भाजपा के 59 जिलाध्यक्षों की सूची जारी, जानें किस-किस को मिली जिम्मेदारी

भाजपा के 59 जिलाध्यक्षों की सूची जारी, जानें किस-किस को मिली जिम्मेदारी467

👤28-11-2019-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी आशुतोष टंडन ने प्रदेश के 59 नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। भाजपा के 98 जिला संगठनों में से 59 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई है। अभी 39 जिलाध्यक्षों की नामों की घोषणा बाकी है। इन जिलाध्यक्षों का चुनाव 20 नवम्बर को हुआ था। लखनऊ महानगर के मुकेश शर्मा एक बार फिर नगर अध्यक्ष बन गए हैं। अवध क्षेत्र के तहत सीतापुर के अचिन मेहरोत्रा, लखीमपुर सुनील सिंह, हरदोई से सौरभ मिश्रा, उन्नाव से राजकिशोर रावत, बलरामपुर से प्रदीप सिंह, बहराइच से श्यामकरण टेकरीवाल, गोंडा से सूर्य नारायण तिवारी श्रावस्ती से संजय कैराती, अम्बेडकरनगर से कपिल देव वर्मा और अयोध्या महानगर से अभिषेक मिश्रा जिला अध्यक्ष चुने गए हैं।\r\nकानपुर क्षेत्र के तहत कानपुर उत्तर से सुनील बजाज, कानपुर दक्षिण से डा.वीना आर्य पटेल, कानपुर ग्रामीण से कृष्ण मुरारी शुक्ला, कानपुर देहात अविनाश चौहान, महोबा से जितेन्द्र सिंह सेंगर, हमीरपुर से ब्रज किशोर गुप्ता, चित्रकूट से चन्द्र प्रकाश खरे, झांसी महानगर से मुकेश मिश्रा व जालौन से रामेन्द्र सिंह बन्ना जिलाध्यक्ष बने हैं। काशी क्षेत्र के तहत प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से वाराणसी महानगर से विद्यासागर राय, वाराणसी जिले से हंसराज विश्वकर्मा, भदोही से विनय श्रीवास्तव और मीरजापुर से ब्रज भूषण सिंह जिलाअध्यक्ष चुने गए हैं। गोरखपुर क्षेत्र के तहत गोरखपुर महानगर से राजेश गुप्ता, गोरखपुर जिला से युधिष्ठिर सिंह सैंथवार, महाराजगंज से परदेसी रविदास, मऊ से रवीन्द्र गुप्ता, बलिया से जयप्रकाश साहू, आजमगढ़ से ध्रुव सिंह, लालगंज से ऋषिकांत राय, बस्ती से महेश शुक्ला, सिद्धार्थनगर से गोविन्द माधव यादव जिलाध्यक्ष बने हैं।\r\nब्रज क्षेत्र से अलीगढ़ जिला से ऋषिपाल जाट, हाथरस से गौरव आर्य, कासगंज से के.पी.सिंह, आगरा महानगर से भानू महाजन, आगरा जिला गिरिराज कुशवाहा,मथुरा महानगर विनोद अग्रवाल, मथुरा जिला मधु शर्मा, फिरोजाबाद महानगर राकेश, शंखवार, फिरोजाबाद जिला मानवेन्द्र प्रताप लोधी, मैनपुरी से प्रदीप सिंह चौहान, बरेली महानगर से डा.कुलमोहन अरोड़ा, बरेली जिला से पवन शर्मा, शाहजहांपुर जिला हरिप्रकाश लोधी, पीलीभीत संजीव प्रताप सिंह और बदायूं अशोक भारती जिलाध्यक्ष चुने गए हैं। पश्चिम क्षेत्र के तहत सहारनपुर महानगर से राकेश जैन, सहारनपुर जिला से महेन्द्र सैनी, मेरठ महानगर से मुकेश सिंघल, मेरठ जिला से अनुज राठी, गौतमबुद्ध नगर से विजय भाटी, बागपत से सूरज पाल गुर्जर, हापुड़ से उमेश राणा, रामपुर से अभय गुप्ता, मुरादाबाद महानगर से धर्मेन्द्र मिश्रा, बिजनौर से सुभाष बाल्मीकि और संभल से ओमवीर खड़गवंशी जिलाध्यक्ष चुने गए हैं।
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28-11-2019-भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी आशुतोष टंडन ने प्रदेश के 59 नए जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है। भाजपा के 98 जिला संगठनों में से 59 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की...

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अवधपुरी में 'इक्ष्वाकु नगरी' के नाम से बसेगी नई अयोध्या, सरयू नदी के तट पर होगा विस्तार

अवधपुरी में 'इक्ष्वाकु नगरी' के नाम से बसेगी नई अयोध्या, सरयू नदी के तट पर होगा विस्तार290

👤28-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार ने अवधपुरी में \'इक्ष्वाकु नगरी\' के नाम से नई अयोध्या बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है। नई अयोध्या का केन्द्र बिंदु राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर होगा। इसका विस्तार सरयू की सीमाओं के अनुसार होगा। परियोजना के पहले चरण में सात हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद के शीर्ष पदाधिकारियों से परियोजना के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की। राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के शिलान्यास के साथ ही नई अयोध्या की इस परियोजना की भी घोषणा हो सकती है।\r\nनई अयोध्या नगरी में जानें क्या क्या होगा?
मुख्यमंत्री के प्रवास के पहले दिन मंगलवार को संघ के सह कार्यवाह भैयाजी जोशी, सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल और विहिप के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल कुमार के बीच लंबी चर्चा हु़ई। इस दौरान प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी भी मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार नई अयोध्या में रामायणकालीन सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को विभिन्न माध्यमों से नए संदर्भों में पेश किया जाएगा। इसके लिए शोध केन्द्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल आदि बनाए जाएंगे। मानयता है कि सरयू का पथप्रवाह प्राचीन अयोध्या का भौगोलिक निधार्रण करता है।\r\nपड़ोसी जिलों की भूमि भी होगी अधिग्रहित
इसे ही आधार मानकर नई अयोध्या के लिए अयोध्या के अलावा पड़ोसी जिलों अंबेडकर नगर और गोंडा की भी भूमि अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। भैयाजी जोशी और डॉ. कृष्ण गोपाल को 27 नवंबर को वाराणसी से बिहार प्रवास के लिए निकलना था। मुख्यमंत्री का भी इसी दिन यहां प्रवास का कार्यक्रम था। इसलिए नई अयोध्या की परियोजना पर वाराणसी में ही चर्चा करना तय हुआ। बुधवार को संघ के शीर्ष पदाधिकारियों और काशी विद्वत परिषद की अलग बैठक में भी राम मंदिर पर चर्चा हुई। इसमें मंदिर प्रतिष्ठापना पद्धति और पूजन विधि को शास्त्र सम्मत बनाने पर बात हुई। बैठक में राम मंदिर के लिए प्रस्तावित ट्रस्ट के स्वरूप पर भी विमर्श हुआ।
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28-11-2019-उत्तर प्रदेश सरकार ने अवधपुरी में \'इक्ष्वाकु नगरी\' के नाम से नई अयोध्या बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है। नई अयोध्या का केन्द्र बिंदु राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर होगा।...

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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तिहाड़ जेल में की चिदंबरम से मुलाकात

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने तिहाड़ जेल में की चिदंबरम से मुलाकात390

👤27-11-2019-कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन तथा पाटीर् महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को यहां तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात की। पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी। तिहाड़ के महानिदेशक संदीप गोयल ने जेल संख्या सात में दोनों नेताओं के आने की पुष्टि की। आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद चिदंबरम इसी जेल में हैं।इससे लगभग एक महीने पहले कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी तिहाड़ में चिदंबरम से मुलाकात की थी। पार्टी नेताओं के अनुसार, विभिन्न बीमारियों से पीड़ित चिदंबरम का पिछले तीन महीनों में लगभग 10 किलोग्राम वजन कम हो गया है।वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान चिदंबरम द्वारा आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने में कथित अनियमितता के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रही है।पूर्व वित्त मंत्री को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और पांच सितंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद उन्हें आईएनएक्स मीडिया से संबंधित धन शोधन मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया।
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27-11-2019-कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी बहन तथा पाटीर् महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को यहां तिहाड़ जेल में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से मुलाकात की। पार्टी...

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महाराष्ट्र में बदली सियासी हवा! ठाकरे परिवार से पहले मुख्यमंत्री होंगे उद्धव, शिवसेना के दो नेता बन चुके हैं CM

महाराष्ट्र में बदली सियासी हवा! ठाकरे परिवार से पहले मुख्यमंत्री होंगे उद्धव, शिवसेना के दो नेता बन चुके हैं CM482

👤27-11-2019-छह दिन पहले की बात है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के ठाकरे परिवार के ऐसे पहले सदस्य होने वाले थे, जिसके सिर पर सत्ता का ताज सजता। तब समीकरण बदलने से सत्ता उनसे दूर हो गई थी। लेकिन, मंगलवार (26 नवंबर) को समीकरण फिर बदले। और इस बार यह तय हो गया कि ताज उद्धव के सिर पर ही सजेगा। देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के बाद शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस मिलकर राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं और मुख्यमंत्री होंगे उद्धव ठाकरे। 1966 में शिवसेना का गठन होने के बाद महाराष्ट्र में बाला साहेब ठाकरे और उनके परिवार की विशेष पहचान और रसूख कायम हो गया था। दूसरा कोई राजनीतिक परिवार ठाकरे परिवार की हैसियत के बराबर नहीं ठहर सका। इसका बड़ा कारण यह था कि सत्ता इस परिवार के इर्द-गिर्द नाचती रही, लेकिन परिवार ने उससे दूरी बनाए रखी। ऐसा पहली बार होगा कि सत्ता की कमान इस परिवार के किसी सदस्य के हाथ में होगी। अभी तक शिवसेना के दो बार मुख्यमंत्री अवश्य हुए हैं, लेकिन ठाकरे परिवार के नहीं।\r\nऐसे आए राजनीति में
जब तक बाल ठाकरे राजनीति में सक्रिय रहे, उद्धव उनसे ही राजनीति की बारीकियां सीखते रहे। हालांकि वे राजनीति में कम सक्रिय थे। इस दौरान वे पार्टी के मुखपत्र सामना का काम देखते थे। फोटोग्राफी में भी हाथ आजमाया। 2002 में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के चुनाव में शिवसेना को मिली जोरदार जीत का श्रेय उद्धव को दिया गया। इसके बाद बाल ठाकरे ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी मान लिया। 2004 में उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। इस फैसले ने सभी को चौंका दिया, क्योंकि उनके चचेरे भाई राज ठाकरे के मुकाबले कार्यकर्ताओं और लोगों के बीच उनकी पहचान कम थी। लोग राज ठाकरे को ही बाल ठाकरे का उत्तराधिकारी मानते थे। बाला साहेब के इस फैसले से नाराज होकर राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी और अपनी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना बना ली।\r\nकड़े फैसले भी किए
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले शिवसेना महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका में होती थी। इस साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के गठबंधन की जीत के बावजूद उद्धव अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री नहीं बनवा सके। 2019 में भी दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सीएम पद के लिए उद्धव ने भाजपा से अलग जाने का फैसला कर लिया।\r\nउपलब्धियां
* मुख्य प्रचारक के रूप में 2002 में शिवसेना को बीएमसी चुनाव में जीत दिलाई।
* विदर्भ में कर्ज में डूबे किसानों के हक की लड़ाई लड़ने को अभियान चलाया।
* 2012 में एक बार फिर पार्टी को बीएमसी चुनाव में बड़ी जीत दिलाई।
* शिवसेना की आक्रामक छवि को बदलने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।\r\nप्रोफाइल
जन्म :  27 जुलाई 1960
पत्नी : रशि्म ठाकरे
शिक्षा : सर जेजे इंस्टीट्यूट से अप्लाइड आर्ट
बच्चे : आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे
हॉबी : फोटोग्राफी
🕔tanveer ahmad

27-11-2019-छह दिन पहले की बात है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के ठाकरे परिवार के ऐसे पहले सदस्य होने वाले थे, जिसके सिर पर सत्ता का ताज सजता। तब समीकरण बदलने से सत्ता उनसे...

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