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अयोध्या राम मंदिर मामला: विहिप की मंशा, सरकारी नियन्त्रण में न रहे ट्रस्ट

अयोध्या राम मंदिर मामला: विहिप की मंशा, सरकारी नियन्त्रण में न रहे ट्रस्ट995

👤16-11-2019-विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल अपने जीवन काल में मंदिर प्रबंधन को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त रखने के हिमायती थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ट्रस्ट समेत देश के दूसरे भागों के सरकारी ट्रस्टों के खिलाफ मुहिम भी छेड़ी। उनकी अनुपस्थिति में संगठन का वर्तमान नेतृत्व भी उन्हीं के विचारों का अनुगामी है। यही कारण राम मंदिर के लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को भी वह सरकारी नियन्त्रण से बाहर ही रखने का पक्षधर है।संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि यदि सरकार उनसे सुझाव मांगेगी तो वह निश्चित ही अपना मत रखेंगे लेकिन इस बार मामला थोड़ा पेंचीदा है। इसके चलते संगठन का नेतृत्व सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहा है। विराजमान रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पाण्डेय कहते हैं कि पूर्व में ट्रस्ट के सम्बन्ध में कई बार चर्चाएं हो चुकी हैं। इन चर्चाओं के दौरान शैव एवं उदासीन आचार्यों ने कहा कि रामजन्मभूमि का मामला रामानंदीय परम्परा का होने के कारण इसमें रामानंदीयों की प्रधानता होनी चाहिए। शेष सहयोगी हो सकते हैं। वह कहते हैं कि ऐसे में हम सबकी मंशा है कि ट्रस्ट में रामानंदीय परम्परा के तीनों अखाड़ों का प्रतिनिधित्व हो। इसके अलावा राम मंदिर आन्दोलन में अपना योगदान देने वाले धर्माचार्यों को भी वरीयता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है। ऐसे में अब यह सरकार के ऊपर है कि वह किस प्रकार ट्रस्ट चाहती है। इसमें हस्तेक्षप का कोई प्रश्न नहीं है लेकिन सरकार हमारी राय जानना चाहेगी तो अवश्य ही हम अपना सुझाव देंगे। फिलहाल तो अभी सब कुछ गर्भ में हैं, इसलिए कुछ भी कहना अनुचित होगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का संकल्प सम्पूर्ण देशवासियों का था, यह संकल्प पूर्ण हो जाए, इसके लिए सब मंजूर है, यही हमारा अभीष्ट भी है।विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल जी का मानना था कि मंदिर प्रबंधन की स्वतंत्रता बाधित नहीं होनी चाहिए। उनके इस विचार से संगठन भी सहमत है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकते है। इसीलिए केन्द्र सरकार स्वयं से क्या निर्णय लेती है, यह उसका विचार होगा। फिलहाल संगठन की सोच है कि राम मंदिर निर्माण के जिस संकल्प अभियान की पूर्ति में सभी लगे थे, उन सभी को मिलाकर एक सर्वस्पर्शी ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए। 
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16-11-2019-विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल अपने जीवन काल में मंदिर प्रबंधन को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त रखने के हिमायती थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ट्रस्ट समेत देश के...

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कानपुर में दो साल में दौड़ने लगेगी मेट्रो : मुख्यमंत्री

कानपुर में दो साल में दौड़ने लगेगी मेट्रो : मुख्यमंत्री587

👤16-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर में मेट्रो सुविधा दो साल में शुरू हो जाएगी। पहले चरण के काम की समय सीमा तय कर दी गई है। एक रूट पर 9 किलोमीटर की मेट्रो सेवा तय समय के भीतर मिल जाएगी।
शुक्रवार को जीटी रोड पर मेट्रो कार्य के शुभारंभ के बाद आईआईटी ऑडीटोरियम में एक सभा के दौरान सीएम योगी ने कहा कि कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए सभी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। कानपुर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो का शिलान्यास किया था। अब हम कार्य का शुभारंभ कर रहे हैं। मेट्रो सेवा कानपुर के औद्योगिक विकास में सहायक होगी।
दो महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास
सीएम ने कहा कि दो महीने के भीतर हम बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने जा रहे हैं। यह एक्सप्रेस वे कानपुर के पास होकर गुजरेगा। कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जाना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे  इसी कॉरिडोर से जोड़ रहे हैं। इसके अलावा मेरठ और प्रयागराज को एक्सप्रेस-वे से जोड़ेंगे। यह उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। पिछली सरकार ने विकास योजनाएं औपचारिकता पूरी किए शुरू कर वाहवाही लूटी और भूल गई। कानपुर मेट्रो के साथ भी यही हुआ था। बगैर जरूरी संसाधन और औपचारिकता के मेट्रो का शिलान्यास कर दिया गया था। 
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16-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर में मेट्रो सुविधा दो साल में शुरू हो जाएगी। पहले चरण के काम की समय सीमा तय कर दी गई है। एक रूट पर 9 किलोमीटर की मेट्रो सेवा तय समय...

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अयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारी, श्रीराम जन्मभूमि में सुरक्षित रखी हैं ढाई लाख शिलाएं

अयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारी, श्रीराम जन्मभूमि में सुरक्षित रखी हैं ढाई लाख शिलाएं707

👤16-11-2019-अयोध्या विवाद पर रामलला के हक में फैसला आने के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार की ओर से ट्रस्ट के गठन की  प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का खाका खींच रहे हैं। ऐसे में ही न्यास और विहिप के साथ विराजमान रामलला के सखा ने तय किया है कि श्रीरामजन्मभूमि कार्यशाला में रखी ढाई लाख पूजित राम शिलाओं का उपयोग मंदिर की नींव बनाने में किया जाएगा। 09 नवंबर वर्ष 1989 में श्रीरामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था। इसके ठीक एक दिन पहले विहिप के आह्वान पर देश के विभिन्न राज्यों के गांव-गांव से करीब तीन लाख पूजित राम शिलाएं अयोध्या पहुंची थी। इनमें से लगभग 50 हजार पूजित शिलाओं का उपयोग तब हुए शिलान्यास के दौरान किया गया था। शिलान्यास के वक्त मौजूदा समय में विराजमान रामलला के समीप ही इन शिलाओं से मंदिर की नींव बनाते हुए चबूतरे का निर्माण किया गया था। यह चबूतरा आज भी जन्मभूमि में मौजूद है। तब के समय में सिर्फ देश से ही नहीं दक्षिण अफ्रीका, अमरीका, सूरीनाम, जापान, चीन और वर्मा समेत कई देशों से पूजित शिलाएं अयोध्या पहुंची थी। 50 हजार के अलावा बाकी बची ढाई लाख शिलाएं रामजन्मभूमि कार्यशाला में रखी हुई हैं। यहां देश भर से आने वाले श्रद्धालु इनका दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं। परिसर में भी प्रदर्शित की जाएंगी पूजित शिलाएं : श्रीरामजन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद के शीर्ष नेतृत्व के साथ विराजमान रामलला के सखा ने यह तय किया है कि केंद्र सरकार की ओर से गठित होने वाले ट्रस्ट के समक्ष तीन प्रस्ताव रखे जाएंगे। एक तो न्यास और विहिप के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार ही राम मंदिर का निर्माण किया जाए। दूसरा राम मंदिर के भूतल के लिए तराश कर रखे गए पत्थरों और खम्भों से ही मंदिर बने। \r\nसुरक्षा के भरोसे बिना नहीं लौटूंगा अयोध्या : परमहंस
तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने शुक्रवार (15 नवंबर) को देशवासियों के नाम अपना वीडियो जारी कर कहा है कि उनकी हत्या की साजिश की जा रही है। इसी दृष्टि से उन पर हमला भी किया गया था लेकिन पुलिस ने किसी तरह उन्हें बचा लिया है। उन्होंने कहा कि वह अज्ञात स्थान पर सुरक्षित हैं। अब अयोध्या तभी लौटेंगे जब उन्हें पूर्ण सुरक्षा का भरोसा दिया जाएगा। महंत दास ने कहा कि जिला प्रशासन दबाव में है, इसलिए उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा प्रदान की जाए। महंत दास ने कहा कि उन्होंने 12 दिनों तक राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन किया था। इसके उनकी लोकप्रियता बढ़ गई।
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16-11-2019-अयोध्या विवाद पर रामलला के हक में फैसला आने के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार की ओर से ट्रस्ट के गठन की  प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि...

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बरेली में दंपति ने मच्छर भगाने के लिए लगाई मॉर्टीन, रजाई में लगी आग से दोनों जिंदा जले

बरेली में दंपति ने मच्छर भगाने के लिए लगाई मॉर्टीन, रजाई में लगी आग से दोनों जिंदा जले473

👤16-11-2019-शहर के सुभाषनगर के इलाके में एक रिक्शा चालक दंपति की जलकर मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सुभाषनगर थाना क्षेत्र के बंसी नगला मोहल्ले में पप्पू और उसकी पत्नी किराए के मकान में रहती थी। पप्पू रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करता था। बताते हैं कि शुक्रवार की रात ओमवती ने मच्छरों से बचने के लिए मार्टिन जलाकर कमरे में रख दी और दरवाजे की कुंडी भी अंदर से लगा ली।मार्टिन में जमीन में रखी हुई थी। किसी तरह उस पर रजाई गिर गई। फिर क्या था देखते ही देखते रजाई ने आग पकड़ गई। दंपति गहरी नींद में थे इसलिए उन्हें आग लगने की जानकारी नहीं हो सकी। दोनों के कोई औलाद नहीं थी। आग लगने से दोनों की जलकर मौत हो गई। कमरा भी श्मशान बन गया। सुबह जब लोगों ने देखा तो वह कोहराम मच गया। लोगों ने इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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16-11-2019-शहर के सुभाषनगर के इलाके में एक रिक्शा चालक दंपति की जलकर मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सुभाषनगर...

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युवक ने किया छेड़खानी का विरोध तो शोहदों ने पीटकर मार डाला

युवक ने किया छेड़खानी का विरोध तो शोहदों ने पीटकर मार डाला693

👤16-11-2019-बिहार थाना क्षेत्र के मनोर गांव में शुक्रवार की देर रात छेड़खानी का विरोध करने पहुंचे युवक को आधा दर्जन शोहदों ने पीटकर मौत के घाट उतार दिया। साक्ष्य मिटाने के लिए युवक की लाश को पांच सौ मीटर खेत में घसीटते हुए उसके घर लाकर फेंक दिया। बीच-बचाव में गए बड़े भाई और पत्नी को भी पीटकर जख्मी कर दिया। राजन लोधी के बड़े भाई अयोध्या लोधी अपने परिवार के साथ घर से कुछ दूर पर स्थित खेत की रखवाली करने गया था। देर रात वह घर लौट रहा था तो रास्ते में आधा दर्जन शोहदों ने उसे रोक लिया। अयोध्या ने विरोध किया तो हमलावर उसकी पिटाई करने लगे। शोर सुनकर घर पर मौजूद छोटा भाई राजन अपनी पत्नी संग बीच बचाव के लिए पहुंचा तो हमलावरों ने उसे भी पीट दिया। गंभीर रूप से जख्मी होने से राजन को जिला अस्पताल लाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। एसपी एमपी वर्मा का कहना है कि राजन चार भाई थे जिसमें एक भाई की मौत हो गई है। उसकी विधवा पत्नी गांव की ही रहने वाली है जो कुछ दूर पर स्थित अपने मायके में रहती है। गांव के ही एक सूरज नाम के युवक से उसका प्रेम प्रपंच था। कुछ दिन पहले राजन सूरत से कमाकर घर लौटा था। राजन ने अपनी भाभी से इस बात का विरोध किया कि उसने सूरज के साथ मित्रता क्योंकि। इस बात की जानकारी सूरज को हुई तो वह देर रात महिला के मायके वालों के संग पहुंचकर अयोध्या से तकरार करने लगा। दोनों पक्षों के बीच मारपीट हो गई। जिसमें राजन को गंभीर चोटे आई थी और उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है। मृतक के परिवार की ओर से आठ नौ लोगों के खिलाफ तहरीर दी जा रही है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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16-11-2019-बिहार थाना क्षेत्र के मनोर गांव में शुक्रवार की देर रात छेड़खानी का विरोध करने पहुंचे युवक को आधा दर्जन शोहदों ने पीटकर मौत के घाट उतार दिया। साक्ष्य मिटाने के लिए युवक...

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चिन्मयानंद केस में अभी तक नहीं खुल पाया है चश्मे का राज

चिन्मयानंद केस में अभी तक नहीं खुल पाया है चश्मे का राज364

👤16-11-2019-चिन्मयानंद केस में चश्मे का राज अभी नहीं खुल पाया। चश्मा बरामदगी के लिए एसआईटी ने नाला तक साफ करा दिया, लेकिन सफलता तब भी नहीं मिली। एसआईटी अगर छात्रा को रिमांड पर लेती तो चश्मा बरामदगी की संभावना थी, लेकिन बवाल हो जाने के डर से एसआईटी छात्रा को रिमांड पर लेने की हिम्मत नहीं जुटी सकी। अंत में चार्जशीट दाखिल करते वक्त एसआईटी ने यही कहा कि चश्मे को छात्रा और संजय ने कहीं हटाया है, वह उसे बरामद नहीं होने देना चाहते हैं। चश्मे में लगे खुफिया कैमरे से ही छात्रा ने वीडियो बनाए थे। कानून के जानकार यह बताते हैं कि लड़की ने एसआईटी को और मीडिया को यह बताया कि उसी ने वीडियो बनाए, लेकिन चश्मा बरामद नहीं हुआ। इसके पीछे कानून के जानकारों का मानना है कि चश्मा अगर मिल जाता तो वह छात्रा के खिलाफ जाता। यह भी हो सकता है कि चश्मे से चिन्मयानंद के अलावा भी कुछ और राज छिपा हो, उस राज को छात्रा और संजय सामने नहीं आने देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने उसे गायब कर दिया। वहीं कानूनविदों का कहना है कि चश्मे की बरामदगी से छात्रा पर आरोप और पुख्ता हो जाते, इसलिए भी चश्मा सामने नहीं आने दिया गया। कुछ काननूविदों का कहना है कि चश्मा बरामदगी से छात्रा और संजय पर कानून का शिकंजा तो कसता ही, साथ ही चश्मा चिन्मयानंद के खिलाफ भी बड़ा सबूत था। पूरे केस की विवेचना के केंद्र में चश्मा ही मुख्य सबूत था, जो अब तक बरामद नहीं हुआ है। इस मामले में एसआईटी चीफ नवीन अरोड़ा ने कहा था कि उन्होंने वीडियो में जो चीजें दिख रही थीं, उन सबका भौतिक सत्यापन कराया था। जैसे चादर, अलमारी व अन्य चीजें भी ऐसी थीं जो बरामद की गई थीं।\r\nसचिन ने दी थी शयनकक्ष का रंगरोगन कराने की सलाह!
चिन्मयांनद से रंगदारी मामले में सौदा करने सचिन सेंगर गया था। वह 09 अगस्त को चिन्मयानंद से मिला था, इसके बाद एक और बार उसकी मुलाकात चिन्मयानंद से हुई। इस दौरान सचिन चिन्मयानंद को सब बातें बताता रहा, ऐसा तो संजय सिंह ने भी एसआईटी को बताया था। जब छात्रा को लेकर एसआईटी मुमुक्षु आश्रम के दिव्यधाम स्थित शयनकक्ष में गई थी, तब वहां का पूरा हुलिया ही बदला हुआ था। कमरा पेंट हो चुका था। बहुत सी चीजें वहां से हटा दी गई थीं। नए पर्दे पड़े हुए थे। अलमारी भी नहीं रखी थी। तब छात्रा ने कहा कि यहां तो सबकुछ बदल चुका है। इसके बाद भी एसआईटी ने शयनकक्ष से कुछ ऐसी चीजें बरामद की थीं, जो वीडियो में दिख रही थीं। उसी आधार पर वीडियो का सत्यापन माना गया। सूत्र बताते हैं कि शयन कक्ष का रंगरोगन और सामान आदि बदलने की सलाह सचिन ने ही चिन्मयानंद को दी थी, तब वहां सबकुछ बदला गया। 
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16-11-2019-चिन्मयानंद केस में चश्मे का राज अभी नहीं खुल पाया। चश्मा बरामदगी के लिए एसआईटी ने नाला तक साफ करा दिया, लेकिन सफलता तब भी नहीं मिली। एसआईटी अगर छात्रा को रिमांड पर लेती तो...

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फर्जी व अपात्र शिक्षकों के आवेदन होंगे निरस्त, दोषियों पर होगी कार्रवाई

फर्जी व अपात्र शिक्षकों के आवेदन होंगे निरस्त, दोषियों पर होगी कार्रवाई578

👤16-11-2019-खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में फर्जी शिक्षकों को शामिल किए जाने की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की शिकायत पर निर्वाचन आयोग बड़ा कदम उठाया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी मंडलायुक्तों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त लखनऊ ने उच्च स्तरीय जांच कर फर्जी शिक्षकों के आवेदन को निरस्त कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं।फर्जी शिक्षकों को मतदाता बनाए जाने की शिकायत उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के मंत्री व प्रवक्ता डॉ आर पी मिश्रा ने निर्वाचन आयोग से की थी। साक्ष्य समेत की गई इस शिकायत का आयोग ने तुरंत संज्ञान लिया। डॉ आर पी मिश्रा बताते हैं कि हाईकोर्ट व भारत निर्वाचन आयोग के आदेशों के खिलाफ विभिन्न प्रकार के सहायता नही प्राप्त (अनएडेड) निजी कॉलेज व निजी इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्राविधिक शिक्षा संस्थान, डिग्री कॉलेज के हजारों की संख्या में बगैर प्रमाणित कराए अपात्र व फर्जी शिक्षकों को मतदाता फार्म भराकर जमा किया जा रहा है। इसकी जांच भी नहीं की जा रही है। इस शिकायत को आयोग ने बहुत गंभीरता से लिया है।डीएम से शिकायतों की जांच के निर्देश मंडलायुक्त  लखनऊ  खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ के सातो जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर जमा हुए आवेदनों की उच्च स्तरीय जांच करने को कहा है। साथ ही अपात्र व फर्जी शिक्षकों के मतदाता आवेदन को निरस्त कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए हैं। मंडलायुक्त ने आवेदन पत्रों की जांच जिला स्तरीय अधिकारी व संबंधित तहसील के एसडीएम के माध्यम से कराकर रिपोर्ट भेजने को भी कहा है।
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16-11-2019-खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में फर्जी शिक्षकों को शामिल किए जाने की उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ की शिकायत पर निर्वाचन आयोग बड़ा कदम उठाया है। मुख्य...

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अब अंधेरी रात में भी यमुना बैंक से कर सकेंगे ताज म​हल का दीदार

अब अंधेरी रात में भी यमुना बैंक से कर सकेंगे ताज म​हल का दीदार367

👤15-11-2019-ताजमहल का अब रात में दीदार रोज होगा। बस अंतर इतना होगा कि ये दीदार यमुना किनारे स्थित मेहताब बाग पर बनाए गए व्यू पॉइंट से होगा। यहां से रोज रात में ताज को निहारा जा सकेगा। इसके लिए सैलानियों को 20 रुपये देने होंगे। मेहताब बाग में विकास प्राधिकरण ने ताज व्यू प्वांइट विकसित किया है। यहां चार बेंच डाली हैं। इन पर बैठकर सैलानी ताज का दीदार कर सकेंगे। फोटोग्राफी भी कर सकेंगे। खास बात यह कि यहां से ताज को रात में रोज देखा जा सकता है। एक फायदा और होगा। शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है। उस दिन भी यह हिस्सा खुलेगा। सैलानी शुक्रवार को भी यहां से ताज देख सकेंगे। ताज व्यू प्वाइंट का शुक्रवार शाम पांच बजे राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश शुभारंभ करेंगे। डीएम एनजी रवि कुमार ने बताया कि इस प्वाइंट से ताज का दीदार सैलानियों के लिए  काफी आसान होगा। वहीं सुरक्षा के भी बंदोबस्त रहेंगे। यहां पहले से ही पीएसी के जवानों की तैनाती है। वाच टावरों पर जवान तैनात रहते हैं।\r\nअब तक पांच दिन ही देख सकते थे ताज
ताज का रात में दीदार अभी तक प्रत्येक माह की पूर्णिमा से दो दिन पहले और दो दिन बाद में होता था। इसके लिए आठ स्लॉट रहते हैं। एक स्लॉट आधा घंटे का होता है। प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 50 पर्यटक ही रात में ताज को निहार सकते हैं। सुरक्षा का पहरा भी काफी होता है। इसके लिए 750 रुपये की टिकट लेनी होती है। यही नहीं टिकट को एक दिन पहले बुक कराना होता है। कभी-कभी भीड़ ज्यादा होने के कारण सैलानी टिकट ले पाने से वंचित हो जाते हैं। \r\nताज व्यू पॉइंट पर नहीं होगी कोई परेशानी
ताज व्यू पॉइंट पर एक प्लेटफार्म बनाया गया है। इस पर भी काफी लोग एक साथ खड़े हो सकते हैं। यह चार-पांच फीट चौड़ा है, लेकिन व्यू प्वाइंट वाला स्थल काफी चौड़ा बनाया गया है। उसके आसपास कटीले तारों की बेरीकेडिंग है। टिकट घर बनकर तैयार है।
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15-11-2019-ताजमहल का अब रात में दीदार रोज होगा। बस अंतर इतना होगा कि ये दीदार यमुना किनारे स्थित मेहताब बाग पर बनाए गए व्यू पॉइंट से होगा। यहां से रोज रात में ताज को निहारा जा सकेगा।...

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14 साल से कम उम्र में अब नहीं कर पाएंगे मुंशी मौलवी, मदरसा बोर्ड ने समय सीमा भी की निर्धारित

14 साल से कम उम्र में अब नहीं कर पाएंगे मुंशी मौलवी, मदरसा बोर्ड ने समय सीमा भी की निर्धारित 989

👤15-11-2019-उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने बोर्ड की आरम्भिक परीक्षा मुंशी-मौलवी के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित कर दी है। साथ ही मदरसा शिक्षा के विभिन्न कोर्सों के पूर्ण करने की अवधि भी निर्धारित कर दी है। अब 14 वर्ष से कम आयु का अभ्यर्थी मुंशी-मौलवी की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे। परिषद की बैठक में ये निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार वर्ष 2020 की मुंशी-मौलवी परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी की न्यूनतम आयु 31 मार्च 2020 को 14 वर्ष होना चाहिए। 
मदरसा शिक्षा परिषद के सदस्य जिरगामुद्दीन और मोहम्मद शहरयार के अनुसार उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद को छोड़ अन्य सभी बोर्डों की परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित है। नये नियम के अनुसार रिजल्ट घोषित होने वाले वर्ष की 31 मार्च को मुंशी-मौलवी के परीक्षार्थी की न्यूनतम आयु 14 वर्ष होना अनिवार्य होगी। इसके साथ मदरसा शिक्षा की एक डिग्री पूरी करने के लिए भी समय-सीमा निर्धारित कर दी गई है। अब तक मदरसा शिक्षा की डिग्री के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी। मदरसा शिक्षा की मुंशी-मौलवी, आलिम के दो वर्षीय, कामिल के तीन और फाजिल की डिग्री के दो वर्षीय कोर्स को पूरा करने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी। लेकिन बोर्ड ने अब सभी कोर्सों को पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित कर दी है। बोर्ड के निर्णयानुसार मुंशी-मौलवी और आलिम के दो वर्षीय कोर्स को अधिकतम 4 वर्ष, कामिल के तीन वर्षीय कोर्स को अधिकतम 6 वर्ष तक फाजिल के दो वर्षीय कोर्स को अब अधिकतम 4 वर्ष में ही पूर्ण करना होगा। 
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15-11-2019-उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने बोर्ड की आरम्भिक परीक्षा मुंशी-मौलवी के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु सीमा निर्धारित कर दी है। साथ ही मदरसा शिक्षा के विभिन्न कोर्सों...

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खबर में जानें आखिर एलीफेंट राइडिंग पर रोक पर्यटकों के लिए क्यों लगा दी गई रोक

खबर में जानें आखिर एलीफेंट राइडिंग पर रोक पर्यटकों के लिए क्यों लगा दी गई रोक72

👤15-11-2019-आज से दुधवा के शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर जहां वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह है वहीं यह सत्र उन्हें कुछ निराश भी कर सकता है। इस सत्र में एलीफेंट राइडिंग पर पार्क प्रशासन ने रोक लगा दी है, जिसके चलते सैलानियों को एक सिंघ वाले गैंडों के दीदार दूभर हो सकते हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व की सलूकापुर में चल रही गैंडा पुनर्वास परियोजना फेज वन जो कि कई किलोमीटर में चल रही है। इस परियोजना में एक सींघ वाले विशालकाय 29 गैंडे विचरण करते हैं। पर्यटन सत्र के दौरान सैलानी जिप्सी से सलूकापुर पहुंचते हैं जहां से वह एलीफेंट राइडिंग के जरिये गैंडा पुनर्वास परियोजना में पहुंचकर पास से गैंडों के दीदार करते आ रहे हैं। लेकिन इस बार दुधवा पहुंचने वाले सैलानियों को एलीफेंट राइडिंग पर रोक के चलते गैंडों के दीदार होने दूभर हो सकते हैं।स्थानीय पार्क प्रशासन अधिकारियों की माने तो एलीफेंट राइडिंग को लेकर अभी तक स्थिति साफ नही है। दुधवा के एफडी संजय पाठक का कहना है किएलीफेंट राइडिंग फिलहाल नही होगी। पहले पूरी स्थिति का आंकलन लिया जाएगा। यह देखा जाएगा की रोड के आस पास कितने गैंडे दिखाई देते हैं अगर गैंडों की संख्या सही दिखाई दी गई तो गाड़ियों को उस रोड पर जाने की इजाजत दी जाएगी। हाथियों को प्रेट्रोलिंग के लिये खास तौर पर लाया गया है। पहली प्राथमिकता जंगल की सुरक्षा है। आरआर टू में चार हाथी लगे हुए हैं। इसके अलावा शारदा नदी द्वारा किशनपुर में काटा गया ऐरिया भी कारण है।
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15-11-2019-आज से दुधवा के शुरु हो रहे शीतकालीन सत्र को लेकर जहां वन्यजीव प्रेमियों में उत्साह है वहीं यह सत्र उन्हें कुछ निराश भी कर सकता है। इस सत्र में एलीफेंट राइडिंग पर पार्क प्रशासन...

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सोशल मीडिया

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  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

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    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

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    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

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  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

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