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अयोध्या में इंटरनेट सेवा कुछ-कुछ पल रोकने की रणनीति कारगर रही

अयोध्या में इंटरनेट सेवा कुछ-कुछ पल रोकने की रणनीति कारगर रही557

👤12-11-2019-सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी और अफवाहों को रोकने के लिए अयोध्या में इंटरनेट सेवा कुछ-कुछ देर के लिए रोक देने की रणनीति कारगर रही। 9 नवंबर को साढ़े 10 बजे फैसला आना शुरू होते ही लोगों के मोबाइल पर इंटरनेट सेवा बीच-बीच में बाधित होती रही। लोग नेटवर्क खराब होना समझकर परेशान रहे। पर, इससे सोशल मीडिया पर न तो कोई विवादित पोस्ट पड़ी और न ही व्हाट्सएप ग्रुप पर किसी तरह की टिप्पणी दिखी। पुलिस का यह नया तरीका सफल रहा और अब इसे आगे भी ऐसी परिस्थितियां आने पर लागू करने की बात हो रही है।नवंबर के दूसरे हफ्ते में फैसला आने की सम्भावना को देखते हुए पुलिस अफसरों ने सुरक्षा के कई इंतजाम कर रखे थे। ज्यादा सतर्कता इस बार सोशल मीडिया पर थी। वजह यह थी कि जब बवाल हुआ या साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ा तो सोशल मीडिया पर उड़ने वाली अफवाहों ने आग में घी का काम किया। आईजी कानून एवं व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया कि हर जिले में सोशल मीडिया सेल बना था। सबसे ज्यादा नजर अयोध्या पर थी। फैसला आने से पहले और बाद तक वह खुद भी अयोध्या में सोशल मीडिया सेल से जुड़े रहे थे। डीजीपी ने कहा भी था कि अगर जरूरत पड़ी तो अयोध्या में इंटरनेट सेवा बंद कर दी जायेगी।अयोध्या में पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग भी काम आयी
सोशल मीडिया में तैनात टीम के अलावा थानों के चुनिन्दा पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई। इनमें वे सिपाही चुने गए थे जिन्हें कम्प्यूटर की अच्छी जानकारी थी। एडीजी ने बताया कि इनकी ट्रेनिंग काफी काम आयी और दो दिन में पुलिस वालंटियर के साथ ये लोग दर्जनों लोगों के व्हाट्स ग्रुप में जुड़ते चले गए। फिर किसी के भी अभद्र टिप्पणी करने पर उसका स्क्रीन शॉट लेकर \'सेव\' करते गए। इससे काम आसान होता चला गया।अफसर बोले-इंटरनेट सेवा में व्यवधान था
अयोध्या में सोशल मीडिया पर नजर रख रहे अफसर और सुरक्षा प्रभारी बनाये गए एडीजी आशुतोष पाण्डेय सीधे तौर पर इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। पर, एडीजी आशुतोष पाण्डेय ने यह जरूर कहा कि इंटरनेट सेवा बाधित हुई थी। इसका असर भी दिखा। पर, यह सेवा बंद नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि व्यवधान इसलिए रहा कि फैसला शुरू होते ही हजारों लोगों ने मोबाइल पर इसे देखना शुरू कर दिया था। इसके अलावा सम्भवत: निजी दूर संचार कम्पनियों ने भी अपनी जिम्मेदारी समझते हुए कुछ-कुछ पल के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी हो।अयोध्या में नया घाट के पास रहने वाली सुधा द्विवेदी कहती हैं कि फैसले के काफी बाद तक मोबाइल में इंटरनेट सेवा ठीक से काम नहीं कर रही थी। हनुमान गढ़ी के पास प्रसाद की दुकान लगाने वाले शैलेश चतुर्वेदी कहते हैं कि जब भी जरूरत पड़ती है, तब नेटवर्क काफी खराब हो जाता है। ऐसा ही नौ नवंबर को भी हुआ था।
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12-11-2019-सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी और अफवाहों को रोकने के लिए अयोध्या में इंटरनेट सेवा कुछ-कुछ देर के लिए रोक देने की रणनीति कारगर रही। 9 नवंबर को साढ़े 10 बजे फैसला आना शुरू होते...

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 मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर मोहब्बत का दिया पैगाम

 मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर मोहब्बत का दिया पैगाम642

👤12-11-2019-लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के लखनऊ के थाना हुसैनगंज इलाके में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुसलमानों ने एकता की मिसाल पेश करते हुए जुलूस ए मोहम्मदी की शुरुआत की। अयोध्या का फैसला कल ही आया था और उससे आने के बाद भी लखनऊ में एकता की मिसाल देखने को मिल रही है और लोग सौहार्द के साथ जुलूस ए मोहम्मदी निकाल रहे हैं और मोहम्मद साहब के जन्मदिन के मौके पर प्यार मोहब्बत का पैगाम दे रहे हैं। लखनऊ के उदयगंज में स्थित ममस्जिद के संचालक ने जुलूस ए मोहम्मदी निकाला और इस मौके पर एकता की मिसाल कायम करने के लिए जुलूसए मोहम्मदी की शुरुआत की गई और एक दूसरे को गले मिलकर जुलूस ए मोहम्मदी की बधाई दी गई । लखनऊ शहर में जोशो खरोश से जशन ए  ईद मिलादुन्नबी मनाया गया व सबील का आयोजन किया गया पुलिस के सायोग के साथ पूरी तरह शांति वस्था के साथ जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया हर साल की तरह इस साल भी अपने तय रूठ उदयगंज से हो कर कैसरबाग होते हुए चौक मख्दूम शमीना की दरहगा पर पाउच कर जुलूस का समापन किया गया हर गली गली माहौल से नारो को बुलंद किया गया नारे तकबीर के साथ जुलूस को शांति पूर्व निपटाया गया वही पुलिस का भी बहुत बड़ा योगदान रहा हर मौलाना से बात कर के उनके साथ साथ चल के जुलूस को पूरी तरह अपने मुकाम तक पहोचया  लोग नात सलाम गुनगुनाते दिखाई दिये।
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12-11-2019-लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के लखनऊ के थाना हुसैनगंज इलाके में ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुसलमानों ने एकता की मिसाल पेश करते हुए जुलूस ए मोहम्मदी की शुरुआत की। अयोध्या का फैसला...

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खटकाना चितवापुर पजावा दिवाली के दिन लगी आग पीड़ितों की एनजीओ द्वारा मदद

खटकाना चितवापुर पजावा दिवाली के दिन लगी आग पीड़ितों की एनजीओ द्वारा मदद438

👤12-11-2019- लखनऊ। दिवाली के रात शवों का दाह संस्कार करने वाले महापात्र विनोद तिवारी के चितवा पजावा थाना हुसैनगंज के मकान में आग लग गई थी जिससे उनका पूरा सामान जल गया था आज दिव्य सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक महाजनऔर एक कोशिश ऐसी भी की चेयरपर्सन वर्षा वर्मा और चौक क्षेत्र के समाजसेवी गौरव गुप्ता के माध्यम से इस अग्नि पीड़ित परिवार की भरपूर मदद की गई मदद में दो नई रजाई दो नए गद्दे दो नए कंबल दो सिंगल बेड की चादर एक डबल बेड की चादर छोटे बेटे के लिए नए कपड़े पूरे परिवार के लिए अच्छी हालत में पुराने कपड़े लगभग 15 दिवस का राशन जिसमें 10 किलो आटा 5 किलो चावल 2 किलो अरहर की दाल 2 किलो चने की दाल 2 किलो चीनी ढाई सौ ग्राम चाय की पत्ती 1 लीटर सरसों का तेल एक पैकेट नमक दो नहाने के साबुन दो कपड़े धोने के साबुन इस अग्नि पीड़ित परिवार को प्लस कराया गया जिससे इस पर वार को फौरी तौर पर मदद मिल सके इस परिवार का मुखिया सुनील तिवारी जो पिपरा घाट स्थित श्मशान घाट में शवों का दाह संस्कार करता है।\r\n 
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12-11-2019- लखनऊ। दिवाली के रात शवों का दाह संस्कार करने वाले महापात्र विनोद तिवारी के चितवा पजावा थाना हुसैनगंज के मकान में आग लग गई थी जिससे उनका पूरा सामान जल गया था आज दिव्य सेवा...

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हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की मिसाल हैं यह कानपुर का मंदिर-मस्जिद

हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की मिसाल हैं यह कानपुर का मंदिर-मस्जिद415

👤11-11-2019-कानपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी के सद्भाव की निशानी मंदिर-मस्जिद है। एक घटना ने इसे सौहार्द की मिसाल बना दिया। शहर के घने बाजार वाले क्षेत्रों में शुमार मेस्टन रोड में बीच वाला मंदिर और मस्जिद मछली बाजार आमने-सामने हैं। तकरीबन 106 साल पहले अंग्रेजों ने सड़क चौड़ी करने के लिए यहां मस्जिद का वुजूखाना तोड़ दिया था। इससे नाराज हिंदू-मुस्लिमों ने एक होकर अंग्रेजों से मोर्चा लिया। अगले साल इसी घटना की याद में जुलूस का निकाला गया, उस दिन 12 रबी उल अव्वल का दिन था। इसी वजह से यह जुलूस-ए-मोहम्मदी कहलाने लगा।बात 1913 की है। कानपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने गंगा तट पर सरसैय्याघाट से बांसमंडी को मिलाने वाली सड़क के विस्तार की योजना तैयार बनाई। जो नक्शा तैयार किया गया उसमें मस्जिद का कुछ हिस्सा रुकावट बन रहा था। यहीं सामने मंदिर भी था। अंग्रेजों ने हिंदुओं-मुसलमानों को लड़ाने के लिए मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ दिया लेकिन मंदिर को छुआ तक नहीं। अंग्रेजों की इस हरकत के खिलाफ दो वर्ग एकजुट हो गए और विरोध कर दिया। 1914 में इसकी बरसी पर जुलूस निकालकर घटना को याद किया गया था।सौहार्द की मिसाल कायम
मंदिर-मस्जिद एक ही स्थान पर हैं पर न तो किसी को अजान से परेशानी होती है और न ही किसी को आरती से। दोनों समुदाय एक-दूसरे का सम्मान करते हुए इन बातों का लिहाज रखते हैं। मंदिर की जिम्मेदारी रोहित साहू के पास है। मूवमेंट फॉर एजुकेशन फॉर मुस्लिम के महासचिव डॉ. इशरत सिद्दीकी बताते हैं कि मंदिर-मस्जिद सौहार्द की अनूठी मिसाल आज भी है। इससे सीख लेने की जरूरत है।सामने से गुजरता है जुलूस 
एकता की मिसाल जुलूस-ए-मोहम्मदी आज भी मेस्टन रोड से होकर गुजरता है। एक तरफ मंदिर तो दूसरी ओर मस्जिद। जुलूस का नेतृत्व करने वाली संस्था जमीअत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना मतीनुल हक ओसामा कासिमी के मुताबिक 1913 की घटना के बाद आजादी की जंग में शामिल कई शीर्ष नेताओं ने कानपुर का दौरा किया। इसे हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल ही कहेंगे कि दोनों ने मिलकर वकीलों की टीमें बनाईं। काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार लोगों की रिहाई हो सकी। 1914 में 12 रबी उल अव्वल के दिन घटना की याद में परेड ग्राउंड पर फिर लोग एकत्रित हुए। खिलाफत तहरीक के मौलाना अब्दुल रज्जाक कानपुरी, मौलाना आजाद सुभानी, मौलाना फाखिर इलाहाबादी और मौलाना मोहम्मद उमर के नेतृत्व में जो पहला जुलूस निकाला गया वही आगे जुलूस-ए-मोहम्मदी के नाम से जाना जाने लगा।
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11-11-2019-कानपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी के सद्भाव की निशानी मंदिर-मस्जिद है। एक घटना ने इसे सौहार्द की मिसाल बना दिया। शहर के घने बाजार वाले क्षेत्रों में शुमार मेस्टन रोड में बीच वाला...

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BJP विधायक की बेटी साक्षी पर पड़ोसियों ने किया हमला

BJP विधायक की बेटी साक्षी पर पड़ोसियों ने किया हमला305

👤11-11-2019-\r\nघर आई साक्षी का अपनी पड़ोसन से व्हाट्सएप पर मैसेज के बाद विवाद हो गया। आरोप है कि शनिवार रात पड़ोसियों ने उन पर हमला कर दिया। मारपीट और अभद्रता की। उत्तर प्रदेश के बरेली केथाना इज्जतनगर में मामले की एनसीआर दर्ज कराई गई। इसके बाद रविवार को दोनों पक्षों में लिखित में समझौता हो गया। अंतरजातीय विवाह कर चर्चा में आईं विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी अपने पति अजितेश के साथ इन दिनों शहर में हैं। वीर सावरकर नगर स्थित मकान नंबर 76 में उनके पड़ोस में रहने वाले अंशुमान त्रिपाठी और उनकी पत्नी योगिता त्रिपाठी रहते हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक योगिता और साक्षी के बीच व्हाट्सएप पर मैसेज भेजे जा रहे थे। उनकी शादी को लेकर चैटिंग होने पर साक्षी नाराज हो गईं। उन्हें योगिता त्रिपाठी की बातें नागवार गुजरीं, जिस पर वह घर से बाहर आ गईं।  साक्षी का आरोप है कि उनके पड़ोसियों ने हमला कर दिया। मारपीट गाली गलौज और अभद्रता की। घर के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उनकी जान बचाई। शनिवार रात को थाना इज्जतनगर में साक्षी पत्नी अजितेश की ओर से एनसीआर दर्ज कराई गई थी। रविवार को दोनों पक्षों में समझौता हो गया। इंस्पेक्टर इज्जतनगर केके वर्मा ने बताया कि मारपीट के आरोपों की जांच कर रहे थे। इसी दौरान दोनों पक्षों के लोगों ने लिखित में समझौता कर किसी भी कार्रवाई को करने से इनकार कर दिया। 
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11-11-2019-\r\nघर आई साक्षी का अपनी पड़ोसन से व्हाट्सएप पर मैसेज के बाद विवाद हो गया। आरोप है कि शनिवार रात पड़ोसियों ने उन पर हमला कर दिया। मारपीट और अभद्रता की। उत्तर प्रदेश के बरेली केथाना...

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पार्टी सुप्रीमो मायावती के आदेश पर निकाले गए ये सात बड़े नेता

पार्टी सुप्रीमो मायावती के आदेश पर निकाले गए ये सात बड़े नेता969

👤11-11-2019-बहुजन समाज पार्टी ने जिले में पहली बार एक साथ सात वरिष्ठ नेताओं को निष्कासित किया है। इनमें पूर्व मंत्री और पूर्व एमएलसी भी शामिल हैं। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।जिलाध्यक्ष संतोष आनंद ने बताया कि पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन, पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़, पूर्व एमएलसी स्वदेश कुमार उर्फ वीरू सुमन, पूर्व विधायक कालीचरण सुमन, पूर्व जिला अध्यक्ष भारतेंदु अरुण, मलखान सिंह व्यास और विक्रम सिंह को निष्कासित किया गया है। उन्होंने बताया कि बसपा सुप्रीमो को जानकारी मिली थी कि ये सभी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। गोपनीय जांच के बाद आरोपों के सही मिलने पर कार्रवाई की गई।बिना पक्ष जाने की कार्रवाईपूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ का कहना है कि उन्होंने कोई अनुशासनहीनता नहीं की है। उनका पक्ष जाने बिना यह कार्रवाई की गई है। किसी ने पार्टी सुप्रीमो को गुमराह किया है। हालांकि पार्टी अध्यक्ष का आदेश उन्हें स्वीकार है। वहीं भारतेंदु अरुण का कहना है कि उन्हें मालूम ही नहीं है कि अपराध क्या है। उनका पक्ष भी जानना चाहिए था। वह जल्दी पार्टी सुप्रीमो के सामने बात रखेंगे।टूंडला से थे प्रत्याशी चित्तौड़मायावती ने सुनील चित्तौड़ को टूंडला विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया था। हालांकि टूंडला में उपचुनाव नहीं हो सका। चुनाव आयोग ने इस क्षेत्र के लिए कोई कार्यक्रम जारी नहीं किया था। प्रत्याशी बनने के बाद वह इस क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे। बसपा शासन में उद्यान मंत्री थे सुमनप्रदेश में बसपा सरकार में नारायण सिंह सुमन उद्यान मंत्री रहे थे। वह आगरा से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। उन्हें रालोद ने आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया था। वह चुनाव हार गए थे। उसके बाद बसपा में चले गए। स्वदेश कुमार उर्फ वीरू सुमन उनके पुत्र हैं। वह एमएलसी रह चुके हैं।बसपा का बड़ा नुकसानलोकसभा चुनाव में एत्मादपुर के पूर्व विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह, फतेहपुरसीकरी के पूर्व विधायक सूरजपाल सिंह और खेरागढ़ के पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा ने पार्टी से नाता तोड़ दिया था। तीनों नेता कांग्रेस में आ गए थे। आगरा छावनी से विधायक रहे गुटियारी लाल दुबेश पार्टी छोड़ चुके हैं। वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कभी जिले में थे छह विधायकवर्ष 2012 और 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में आगरा में बसपा का परचम लहराया था। नौ विधानसभा क्षेत्रों में से छह पर बसपा ने कब्जा किया था। अब लगभग पुराने सभी नेता पार्टी से बाहर हो चुके हैं। अब बसपा को अपना जनाधार मजबूत करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।-वीरू सुमन, पूर्व एमएलसी ने कहा कि मैं पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूं। कुछ लोग साजिश के तहत पार्टी नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं। जल्दी मैं पार्टी मुखिया के समक्ष अपना पक्ष रखूंगा।-नारायन सिंह सुमन, पूर्व मंत्री ने कहा कि पार्टी की नीतियों के साथ ही सदैव पार्टी का हित ध्यान में रखा है। उसके बाद भी कुछ लोग पार्टी मुखिया को भ्रमित कर रहे हैं। पार्टी सुप्रीमो के समक्ष अपनी बात रखूंगा।
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11-11-2019-बहुजन समाज पार्टी ने जिले में पहली बार एक साथ सात वरिष्ठ नेताओं को निष्कासित किया है। इनमें पूर्व मंत्री और पूर्व एमएलसी भी शामिल हैं। अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों...

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अखिलेश की सपा से गठबंधन पर शिवपाल यादव ने दिया ये बड़ा बयान

अखिलेश की सपा से गठबंधन पर शिवपाल यादव ने दिया ये बड़ा बयान406

👤11-11-2019-समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच दूरियां कम होने के आसार नजर आ रहे हैं। रविवार को गाजीपुर के रास्ते कुशीनगर जा रहे प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने इस बात की तस्दीक भी की है कि चाचा और भतीजे करीब आए हैं। दोनों दलों के विलय की संभावनाएं शिवपाल यादव ने पूरी तरह खारिज करते हुए गठबंधन की संभावना जताई है। शिवपाल ने अपने बयानों से रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघला दिया।प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने रविवार को गाजीपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके बाद कासिमाबाद स्थित एक निजी महाविद्यालय में कार्यकर्ताओं से वार्ता किया। उन्होंने कहा कि देश की सबसे सर्वोच्च न्यायालय ने जो अयोध्या मामले को लेकर फैसला दिया है, वह स्वागत योग्य है। समाज का हर व्यक्ति आपसी भाईचारा बनाकर रखें। इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया। शिवपाल यादव का सिधौना, औड़िहार, सैदपुर, देवकली, नंदगंज, महराजगंज, कठवा मोड़, बौरी, महेशपुर, कासिमाबाद, सिधागर घाट आदि जगहों पर स्वागत किया गया।इस मौके पर मुख्य रूप से पूर्व मंत्री प्रतिनिधि असलम हुसैन, पूर्व लोकसभा प्रत्याशी संतोष यादव, जिलाध्यक्ष विजाधार सिंह यादव, बृजभान सिंह बघेल, मन्नू यादव, देवेंद्र यादव, शशिकांत यादव, वीरेंद्र यादव, चंदन पाल, हिमांशु यादव, अभय श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।
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11-11-2019-समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच दूरियां कम होने के आसार नजर आ रहे हैं। रविवार को गाजीपुर के रास्ते कुशीनगर जा रहे प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष...

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'मूडीज' का हवाला देकर अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर साधा निशाना

'मूडीज' का हवाला देकर अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर साधा निशाना421

👤11-11-2019-\r\nभारत की अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक एजेंसी \'मूडीज\' की रेटिंग का हवाला देते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा है कि मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत की वर्तमान ख़स्ताहाल अर्थव्यवस्था को देखते हुए भारत की रेटिंग नकारात्मक कर दी है क्योंकि उसका अनुमान है कि आगे भी आर्थिक वृद्धि बहुत कम रहेगी व जोखिम और बढ़ेगा। उन्होंने कहा “ दरअसल नाकाम भाजपा सरकार में कृषि व किसान भी मर रहा है और उत्पाद व सेवा क्षेत्र भी।” गौरतलब है कि मूडीज ने भारत की रेटिंग पर अपना परिदृश्य बदलते हुए इसे \'स्थिर\' से \'नकारात्मक\' कर दिया है। एजेंसी ने कहा कि पहले के मुकाबले आर्थिक वृद्धि के बहुत कम रहने की आशंका है। एजेंसी ने भारत के लिए बीएए2 विदेशी-मुद्रा एवं स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है।\r\nसपा से गठबंधन हो सकता पर उसमें विलय नहीं: शिवपाल यादव
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन तो हो सकता है, लेकिन विलय नहीं हो सकता है। शिवपाल ने एक स्वागत समारोह में न्यूज एजेंसी से कहा कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से तो पारिवारिक रिश्ते तो हैं, लेकिन उनकी पार्टी अब सपा में विलय नहीं करेगी। सपा से गठबंधन हो सकता है।\r\nउन्होंने कहा कि अब हमने अपनी पार्टी बना ली है और लोकसभा चुनाव से पूर्व हमने एक होने की कोशिश की थी लेकिन एक नहीं हो सके। मेरे भी लोग है, उनको साथ लेकर चलना है। उन्होंने दावा किया वर्ष 2022 में हमारी पार्टी सरकार का हिस्सा होगी। बसपा अध्यक्ष मायावती ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव पर जो मुकदमा दर्ज कराया था, वह करीब आठ पूर्व ही समाप्त हो गया था। अब यह मुकदमा खत्म होने की खबरे कहां से आ रही हैं, यह पता नहीं। यादव ने अयोध्या राम मंदिर पर उच्चतम न्यायालय के शनिवार को आये फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि यह फैसला स्वागत योग्य है।
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11-11-2019-\r\nभारत की अर्थव्यवस्था को लेकर वैश्विक एजेंसी \'मूडीज\' की रेटिंग का हवाला देते हुये समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। अखिलेश...

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फैसले के बाद मुस्लिमों ने नहीं निकाला जुलूस-ए-मोहम्मदी

फैसले के बाद मुस्लिमों ने नहीं निकाला जुलूस-ए-मोहम्मदी544

👤11-11-2019-अयोध्या विवाद का सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर इस वर्ष अयोध्या शहर में जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला गया। यह ऐतिहासिक जुलूस मरकजी अंजुमन तबलीग अहले सुन्नत टाटशाह मस्जिद कोठापार्चा के तत्वावधान में  सैकड़ों वर्षों से निकाला जाता रहा है। जुलूस न निकाले जाने का फैसला शनिवार की देर रात टाटशाह मस्जिद में चली मैराथन बैठक में शहर की अंजुमनों ने सर्वसम्मति से लिया।सुप्रीम फैसले के बाद उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले जलसे व जुलूस-ए-मोहम्मदी पर पूरा प्रभाव दिखा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद शहर के मुसलमानों ने जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाले जाने का फैसला किया। बताया गया कि जुलूस न निकाले जाने के पीछे जुलूस में उमड़ने वाली हजारों की भीड़ से शहर के अमन में कोई परेशानी न खड़ी हो, इसलिए पहले लंगरे रसूल का आयोजन स्थगित किया गया, उसके बाद शनिवार की देर रात जुलूस न निकालने का फैसला लिया गया।जामा मस्जिद टाटशाह में ही जलसे की अदा की गयी रस्म
मरकजी अंजुमन तबलीग अहलेसुन्नत जामा मस्जिद टाटशाह के सदर व मस्जिद इमाम मौलाना शमशुल कमर अलीमी की अध्यक्षता में टाटशाह मस्जिद में ही चौक के बजाये जश्ने ईद मीलादुन्नबी के जलसे की रस्म अदा की गयी। बताया गया कि इसी जलसे में यह निर्णय लिया गया कि रविवार को जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकलेगा। यह भी निर्णय लिया गया कि सभी मस्जिदों में नजर नियाज कराने का निर्णय लिया गया। जलसे में मौलाना फैसल, मास्टर सिराजुल हक, मो. अहमद बरकाती, अलीमुद्दीन, शहाब, हाजी खुर्शीद, मो. अकबर मौजूद रहे। वहीं, शनिवार की देर शाम शहर में जश्ने ईद मीलादुन्नबी के उपलक्ष्य में चौक, रिकाबगंज सहित अन्य मुस्लिम मोहल्लों में की गयी बिजली की सजावट भी उतार दी गयी। लाइट गेट हटा लिये गये और विभिन्न स्थानों पर होने वाले लंगरे रसूल भी स्थगित कर दिया गया।जुलूस निकलवाने के लिए प्रशासन का प्रयास रहा असफल
दूसरी ओर जिला प्रशासन देर शाम तक मुस्लिमों को जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाले जाने के लिए प्रेरित करता रहा। जुलूस निकाले जाने को लेकर प्रशासन व पुलिस के अधिकारी लगातार अंजुमन के पदाधिकारियों से सम्पर्क बनाये रहे। लेकिन हालात का हवाला देते हुए जुलूस निकालने पर मुस्लिम तैयार नहीं हुए। रविवार को शहर में अधिकतर मुस्लिमों की दुकानें बंद रहीं। चौक सब्जी मण्डी में भी मुस्लिमों ने अपनी दुकाने नहीं लगायीं। 
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11-11-2019-अयोध्या विवाद का सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद उत्पन्न हुई परिस्थितियों के मद्देनजर इस वर्ष अयोध्या शहर में जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला गया। यह ऐतिहासिक जुलूस मरकजी...

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 राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन इसी महीने

राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन इसी महीने405

👤11-11-2019- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन इसी महीने हो सकता है। संस्कृति मंत्रालय के अधीन बनने वाले इस ट्रस्ट के लिए सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट का मॉडल अपनाए जाने की संभावना है ताकि, केंद्र और राज्य सरकार ट्रस्ट में सदस्यों को नामित कर सकें। सरकार तिरुपति देवस्थानम और श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड सहित दूसरे ट्रस्ट का भी अध्ययन कर रही है।\r\nसोमनाथ मॉडल बेहतर
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राम मंदिर निर्माण और देखभाल के लिए सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट सबसे बेहतर उदाहरण है। यह ट्रस्ट सोमनाथ मंदिर के आसपास के कई मंदिरों की देखभाल भी करता है।\r\nमठों की जिम्मेदारी संभव
राम मंदिर ट्रस्ट को आसपास के मंदिर और मठों की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। इसमें केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे, राम मंदिर न्यास, मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे व्यक्ति शामिल किए जा सकते हैं।\r\nज्यादा हो सकती है संख्या
मंदिर आंदोलन के अगुवा शामिल हुए तो इसमें सदस्यों की संख्या सोमनाथ ट्रस्ट के सदस्यों के मुकाबले अधिक हो जाएंगे।\r\nसोमनाथ ट्रस्ट में मोदी भी
सोमनाथ ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित सात सदस्य हैं। सूत्रों का कहना है कि यह तय नहीं है कि राम मंदिर ट्रस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी होंगे या नहीं, पर सदस्य नामित करने में उनकी अहम भूमिका होगी।\r\nधर्मगुरुओं से मिले डोभाल
अयोध्या मसले पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरुओ संग बैठक की।\r\nआपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 77 गिरफ्तार
अयोध्या मामले में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 77 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पिछले 24 घंटे में 22 केस दर्ज हुए और 40 को दबोचा गया। आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने बताया चौबीस घंटे में प्रदेश में 4563 सोशल मीडिया पोस्ट के विरुद्ध कार्रवाई हुई।\r\nअयोध्या में कड़ी सुरक्षा
अयोध्या में रविवार को फैसले के दिन से ज्यादा कड़ी सुरक्षा रही। मंदिरों के रास्तों पर बिना आईडी के प्रवेश पर रोक रही। इस बीच, सुरक्षा एजेंसियों ने जैश हमले को लेकर सरकार को सावधान किया है।
🕔tanveer ahmad

11-11-2019- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राम मंदिर के लिए ट्रस्ट का गठन इसी महीने हो सकता है। संस्कृति मंत्रालय के अधीन बनने वाले इस ट्रस्ट के लिए सोमनाथ मंदिर...

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