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पिछले 10 कारोबारी दिनों में इतना सस्ता हुआ सोना

पिछले 10 कारोबारी दिनों में इतना सस्ता हुआ सोना373

👤18-01-2020-
\r\nशादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस वहज से सोने-चांदी की मांग भी बढ़ गई है। पिछले दो दिन से सोने-चांदी की कीमतों में भले ही मामूली बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन पिछले 10 कारोबारी दिनों में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। 6 जनवरी से लेकर अब तक सोना 500 रुपये से अधिक सस्ता हो चुका है। सोने की नई कीमतों (Gold Price 17 January 2020) की बात करें तो दिल्ली में 24 कैरेट वाले सोने की शुक्रवार 40,590 रुपये प्रति दस ग्राम पर था। इस दौरान कीमतें 32 रुपये बढ़ी हैं, जबकि, गुरुवार को सोने के दाम 40,418 रुपये प्रति दस ग्राम  43 रुपये बढ़कर 40,458 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गए थे। इससे पहले बुधवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने का दाम 40,185 रुपये से बढ़कर 40,441 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया था।\r\n6 जनवरी से 17 जनवरी तक सोने के रेट में इतना हुआ बदलाव\r\n \r\n\r\n\r\n\r\nतारीख\r\nसोना के रेट में बदलाव रुपये में\r\n\r\n\r\n6 जनवरी 2020\r\n857\r\n\r\n\r\n7 जनवरी 2020\r\n-420\r\n\r\n\r\n8 जनवरी 2020\r\n485\r\n\r\n\r\n9 जनवरी 2020\r\n-766\r\n\r\n\r\n10 जनवरी 2020\r\n-80\r\n\r\n\r\n13 जनवरी 2020\r\n-600\r\n\r\n\r\n14 जनवरी 2020\r\n-250\r\n\r\n\r\n15 जनवरी 2020\r\n150\r\n\r\n\r\n16 जनवरी 2020\r\n43\r\n\r\n\r\n17 जनवरी 2020\r\n32\r\n\r\n\r\nकुल\r\n-549\r\n\r\n\r\n\r\nकुछ कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमतें एक दायरे में ही रहने की उम्मीद हैं। मौजूदा स्तर से सोने की कीमतें 41 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के पार जाने की संभावना नज़र नहीं आ रही है. वहीं, अगर गिरावट आती है तो ये कीमतें 39 हजार रुपये प्रति दस ग्राम तक गिर सकती हैं।हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को एक किलोग्राम चांदी के दाम 47,640 रुपये से बढ़कर 47,756 रुपये पर पहुंच गए हैं। इस दौरान कीमतों में 116 रुपये की तेजी आई है। गुरुवार को एक किलोग्राम चांदी के दाम 47,197 रुपये से बढ़कर 47,406 रुपये पर पहुंच गए। इस दौरान चांदी की कीमतों में 209 रुपये की तेजी दर्ज हुई थी, जबकि बुधवार को एक किलोग्राम चांदी की कीमत 47,272 रुपये थी।
🕔 एजेंसी

18-01-2020-
\r\nशादियों का सीजन शुरू हो चुका है। इस वहज से सोने-चांदी की मांग भी बढ़ गई है। पिछले दो दिन से सोने-चांदी की कीमतों में भले ही मामूली बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन पिछले 10 कारोबारी...

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महोबा: पहले बारिश ने छकाया अब कोहरे ने डराया

महोबा: पहले बारिश ने छकाया अब कोहरे ने डराया231

👤18-01-2020-वीरभूमि में मौसम का बदलता मिजाज अन्नदाताओं के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है। एक सप्ताह से मौसम पल पल करवट बदल रहा है। दो दिन तक बारिश से फसलों के चौपट होने की आशंका से हालाकान किसानों को अब कोहरे का कहर सता रहा है। शनिवार को सुबह से शहर ने कोहरे की चादर ओढ़ ली है। जिससे आम जनमानस प्रभावित हुआ है। कोहरे के चलते लोग अपने घरों में दुबके हैं और यातायात व्यवस्था खासी प्रभावित हुई है। राजमार्ग में वाहन धीमी गति से रेंगते नजर आए। कोहरे के बीच मासूम छात्र सर्दी में कंपकंपाते हुए स्कूल  जाने को मजबूर दिखे। एक बार फिर सर्दी बढ़ने से लोग परेशान हो गए हैं। वही कोहरा रवि की फसलों के लिहाज  से भी खतरनाक बन रहा है। किसानों का कहना है कि कोहरे के चलते फूल पर पहचुके दानों को नुकसान पहुंचेगा। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक कोहरे को  रवि की फसलों के लिए खतरनाक बता रहे हैं।
🕔tanveer ahmad

18-01-2020-वीरभूमि में मौसम का बदलता मिजाज अन्नदाताओं के लिए परेशानियों का कारण बन रहा है। एक सप्ताह से मौसम पल पल करवट बदल रहा है। दो दिन तक बारिश से फसलों के चौपट होने की आशंका से हालाकान...

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स्मार्ट स्टैथोस्कोप दस सेकेंड में बताएगा दिल का हाल , 3 सेकेंड से भी कम समय में देगा रिपोर्ट

स्मार्ट स्टैथोस्कोप दस सेकेंड में बताएगा दिल का हाल , 3 सेकेंड से भी कम समय में देगा रिपोर्ट11

👤18-01-2020-
आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार स्टैथोस्कोप एक साधारण डाक्टर या कम्पाउंडर को भी दस सेकेंड में आपका हाल ए दिल बता देगा। महज 2.24 सेकेंड में ये रिपोर्ट भी आपको सौंप देगा। इसकी मदद से दिल के डाक्टर को मरीज को अपना मर्ज जानने में अब अधिक आसानी होगी। खासकर ग्रामीण इलाकों के मरीजों को प्रारंभिक जांच के लिए शहर तक नहीं आना पड़ेगा। स्मार्ट स्टैथोस्कोप से हुई जांच शहर में बैठे डाक्टर अपने मोबाइल व कम्प्यूटर पर देख सकेंगे। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के निदेशक रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो मलय किशोर दत्ता और उनकी टीम ने इस एडवांस स्मार्ट स्टैथोस्कोप को तैयार किया है।350 मरीजों पर हुई जांचअब तक केजीएमयू व फोर्टिस के 350 हृदय व श्वास रोगियों की जांच इस स्टैथोस्कोप से की जा चुकी है। दिल की प्राथमिक जांच में ये स्टैथोस्कोप खरा उतरा है। प्रो एमके दत्ता ने स्मार्ट स्टैथोस्कोप का भारतीय पेटेंट भी फाइल करा दिया है। इसका रिसर्च पेपर भी ब्रिटेन के स्प्रिंगर जैसे जर्नल्स में प्रकाशित हुआ है।ऐसे करता है काम एआई स्टैथोस्कोप को मशीन लर्निंग व डीप लर्निंग तकनीक पर बनाया गया है। स्टैथोस्कोप को माइक्रो डीएसपी प्रोसेसर से जोड़ा गया है। जो दस सेकेंड तक फोनोकार्डियोग्राम के जरिए दिल की धड़कन को रिकार्ड करता है। फिर सामान्य व असामान्य धड़कन का ग्राफ बना कर दर्शाता है। रिपोर्ट को स्मार्ट फोन व कम्प्यूटर पर देखा जा सकता है।शुरूआती दौर में है तकनीकयह तकनीक अभी शुरूआती दौर में है। एक हजार मरीजों की जांच के बाद इसका प्रोटोटाइप बनाया जाएगा। फोर्टिस दिल्ली के डॉ विवेक नांगिया व स्पेन विश्वविद्यालय के प्रो कार्लोस एम ने डेटा तैयार करने में सहयोगी रहे हैं। इस तकनीक की मदद से शहर में बैठे डाक्टर सुदूर इलाके के मरीजों के दिल की धड़कनों को जांच सकते हैं। साथ ही वह आगे के इलाज की दिशा तय कर सकते हैं।डॉ ऋषि सेठी, वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट, लारी कार्डियोलॉजी केजीएमयू ने बताया कि शहरी इलाकों में कार्डियोलॉजिस्ट आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों में अच्छे डाक्टरों का मिलना मुश्किल होता है। ऐसे में आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार किया गया स्मार्ट स्टैथोस्कोप वहां पर काफी उपयोगी साबित होगा। भारत जैसे देश में ऐसी टेक्नोलॉजी की बहुत जरूरत है। स्मार्ट स्टैथोस्कोप के जरिए केजीएमयू में मरीजों पर जांच नतीजे सही पाए गए। 
 
इन्होंने तैयार किया स्टैथोस्कोप
प्रो एमके दत्ता ,अनुशिखा सिंह ,अंजली यादव ,नीरज बघेल ,शिवांश दुबे व राघवेन्द्र तिवारी।
🕔tanveer ahmad

18-01-2020-
आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस से तैयार स्टैथोस्कोप एक साधारण डाक्टर या कम्पाउंडर को भी दस सेकेंड में आपका हाल ए दिल बता देगा। महज 2.24 सेकेंड में ये रिपोर्ट भी आपको सौंप देगा।...

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नौ महीने से केजीएमयू में मौज कर रहा गैंगरेप का आरोपी गायत्री प्रजापति पहुंचा जेल

नौ महीने से केजीएमयू में मौज कर रहा गैंगरेप का आरोपी गायत्री प्रजापति पहुंचा जेल134

👤18-01-2020-
करीब नौ महीने से केजीएमयू के प्राइवेट रूम में रहकर इलाज के नाम पर मौज कर रहे गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को शुक्रवार की शाम करीब चार बजे डिस्चार्ज कर दिया गया। हालांकि, गायत्री जेल जाने को कतई तैयार नहीं था। गायत्री और उसके परिजन के साथ ही वहां मौजूद समर्थकों ने डॉक्टरों पर लगातार डिस्चार्ज न करने का दबाव बनाने लगे। हंगामा शुरू कर दिया। गायत्री व उनके समर्थकों का करीब पांच घंटे तक ड्रामा चलता रहा। गायत्री ने रूम का एक हफ्ते का करीब 20 हजार रुपए भी केजीएमयू को नहीं दिया है। आखिरकार, रात करीब 10 बजे वजीरगंज पुलिस गायत्री को जबरन उठाकर ले गई। रात में जेल पहुंचे गायत्री ने जेल में भी हंगामा किया। हालांकि जेल प्रशासन ने उसे बैरक में बंद करा दिया। गायत्री के इलाज के सम्बंध में शनिवार को सुनवाई है। गायत्री प्रजापति को बीते साल मई के पहले हफते में जिला जेल के डॉक्टरों ने सिर्फ जांच के लिए केजीएमयू भेजा था। उसे पेशाब, कमर में दर्द, गुर्दे की दिक्क्त आदि दिक्कतें थी। डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद गायत्री को भर्ती कर लिया था। तबसे करीब नौ महीने से लगातार गायत्री केजीएमयू में भर्ती था। छह डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड के निगरानी में गायत्री का इलाज चल रहा था। शुक्रवार को पुलिस गायत्री को केजीएमयू लेने गई थी। डॉक्टरों ने डिस्चार्ज की कार्रवाई शुरू की थी। गायत्री व उसके परिजनों ने पुलिस को शनिवार को एमआरआई कराने का हवाला देते हुए अगले दिन डिस्चार्ज कराने की बात कही। इस पर हंगामा बढ़ गया। गायत्री ने रुपए न होने की बात कहते हुए एक हफ्ते का प्राइवेट रूम का किराया देने से मना कर दिया। इस पर भी डॉक्टरों ने उसकी एक न सुने और उसे चार बजे डिस्चार्ज कर दिया। इससे बौखलाया गायत्री रात 10 बजे तक रूम के बाहर हंगामा करता रहा। शासन की फटकार के बाद किया डिस्चार्जशासन के अफसरों की फटकार के बाद केजीएमयू के डॉक्टरों ने शुक्रवार की शाम गायत्री को डिस्चार्ज किया। सूत्रों की मानें तो अफसर लगातार केजीएमयू, पुलिस और जेल अफसरों से संपर्क में थे। शासन  से सख्त आदेश था कि गायत्री को किसी भी हाल में शुक्रवार को जेल भेजना है। गायत्री को जेल वापस भेजने के लिए जेल प्रशासन ने नौ महीने में करीब तीन दर्जन से ज्यादा पत्र केजीएमयू प्रशासन को भेजे। इसके अलावा कोर्ट भी गायत्री के इलाज के सम्बंध में लगातार पूछ रही थी। कुछ दिन पहले कोर्ट ने जेल प्रशासन और केजीएमयू प्रशासन से पूछा था कि क्या गायत्री का इलाज जेल में संभव है?सीएमएस की दलीलसीएमएस डॉ. एसएन शंखवार का तर्क है कि गायत्री की सेहत में सुधार है। दवाओं से इलाज संभव है। लिहाजा अब गायत्री को इलाज जेल में हो सकता है। गायत्री ने प्राइवेट रूम का एक हफ्ते का किराया शनिवार को जमा करने का आश्वासन दिया है।
🕔tanveer ahmad

18-01-2020-
करीब नौ महीने से केजीएमयू के प्राइवेट रूम में रहकर इलाज के नाम पर मौज कर रहे गैंगरेप के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को शुक्रवार की शाम करीब चार बजे डिस्चार्ज कर...

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BHU का अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम कार्यक्रम शुरू

BHU का अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम कार्यक्रम शुरू122

👤17-01-2020-
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का ‘अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम’ शुरू हो गया है। समागम का उद्घाटन सुबह 10 बजे किया गया। सबसे पहले कुलपति राकेश भटनागर ने मुख्य अतिथि शशि शेखर का बुके और शाल से सम्मान किया। मंच पर चेयरपर्सन एलुमनी सेल बीएचयू प्रो. सुशीला सिंह, मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान के प्रधान संपादक शशि शेखर, कुलपति प्रो. राकेश भटनागर, रेक्टर प्रो. वीके शुक्ल, आयोजन सचिव प्रो. सूर्य प्रताप सिंह मौजूद हैं।  समागम में विश्वविद्यालय के पुरा छात्र पुरानी स्मृतियों और अनुभवों को साझा कर रहे हैं। ‘21वीं सदी के भारत में उच्च शिक्षा और महामना की दृष्टि’ विषयक संगोष्ठी में मंथन भी किया जा रहा है। समागम का उद्घाटन सुबह 10 बजे किया गया। स्वतंत्रता भवन के सभागार में दो दिवसीय समागम में कुल सात सत्र होंगे।इससे पहले गुरुवार शाम तक प्रसिद्ध खगोलविद् पद्मविभूषण प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर समेत ज्यादातर पुरा छात्र बनारस पहुंच गए। उन्होंने बीएचयू कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया। कई अपने-अपने संकाय भी गए और वहां की मौजूदा स्थिति देखी। इस दौरान उन्होंने वहां के शिक्षकों और वर्तमान विद्यार्थियों के साथ मिलकर संकाय की प्रगति की जानकारी ली।संगोष्ठी में शुक्रवार को उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत को आमंत्रित किया गया था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह नहीं आ सके। जस्टिस गिरिधर मालवीय बीमार होने के कारण समारोह में नहीं आ रहे हैं। 18 जनवरी को समापन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि पुरा छात्र व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय रहेंगे। डिजिटल भुगतान एवं चेक के माध्यम से ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले करीब 1500 पुरा छात्र सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं।प्रमुख उपस्थिति
सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में भारतीय प्रशासनिक सेवा से डॉ. राजेश कुमार, डॉ. अमरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. रजनीश दुबे, भारतीय जनसंचार संस्थान के प्रो. आनंद प्रधान, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. हरिकेश सिंह, राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. साकेत कुशवाहा, दक्षिणी बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एचसीएस राठौर, डॉ. ऋचा चोपड़ा, प्रो. राजेश सिंह, प्रो. बीके त्रिपाठी, यूजीसी से डॉ. अर्चना ठाकुर, आरबीआई के सौरभ प्रताप सिंह आदि भाग लेंगे।
🕔tanveer ahmad

17-01-2020-
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) का ‘अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम’ शुरू हो गया है। समागम का उद्घाटन सुबह 10 बजे किया गया। सबसे पहले कुलपति राकेश भटनागर ने मुख्य अतिथि शशि...

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 नकद टोल देने वालों को दोनों तरफ से कटानी होगी पर्ची, सिर्फ फास्टैग वालों को ही छूट

नकद टोल देने वालों को दोनों तरफ से कटानी होगी पर्ची, सिर्फ फास्टैग वालों को ही छूट668

👤17-01-2020-
टोल प्लाजा पर कैश पर्ची कटाकर सफर करने वालों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। उनकी जेब अब और ढीली होगी। एनएचएआई ने गुरुवार से कैश पर्ची लेने वालों की सुविधा में कटौती की है। अब उन्हें रिटर्न जर्नी का टिकट नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें दोहरा टोल टैक्स चुकाना पड़ेगा। सिर्फ फास्टैग के वाहन स्वामियों को इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा। 
एनएचएआई ने टोल प्लाजा पर फास्टैग की व्यवस्था 16 दिसंबर 2019 से लागू की थी। सभी वाहनों को फास्टैग करने के लिए मुहिम चलाई गई। काफी मशक्कत के बाद नवाबगंज टोल प्लाजा पर 25 फीसदी वाहन भी फास्टैग नहीं हुए। एक महीने के लिए एनएचएआई की ओर से मोहलत दी गई थी। लखनऊ और कानपुर जाने के लिए दो-दो कैश लेन खोला गया था। 15 जनवरी से एक-एक कैश लेन कर दिया गया। इससे वाहनों की लंबी कतारें लगने लगीं। एनएचएआई ने अब फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए सभी वाहन चालकों को रिटर्न पर्ची देने की व्यवस्था को बंद कर दिया है। 
अभी तक रिटर्न पर्ची लेकर लोग 24 घंटे के अंदर लौट आते थे, तो उनको टोल नहीं भरना पड़ता था। एनएचएआई ने अपने फाइनेंस सदस्य आशीष शर्मा के हवाले से सभी टोल प्लाजा को पत्र जारी करके निर्देश दिया है कि अब रिटर्न पर्ची की व्यवस्था बंद कर दी जाए। ऐसे में अगर कोई 24 घंटे के अंदर लौटता है तो भी उसे टोल पर पर्ची कटानी पड़ेगी। 
फास्टैग वालों को मिलती रहेगी सुविधा
जो वाहन फास्टैग युक्त हैं वह 24 घंटे के अंदर लौटते हैं तो रिटर्न जर्नी का घटाकर बाकी रुपया अपने आप खाते से कट जाएगा। इस संबंध में लखनऊ-कानपुर हाईवे स्थित नवाबगंज टोल प्लाजा की देखरेख करने वाली कंपनी पीएनसी के जीएम डी रवि चतुर्वेदी ने बताया कि एनएचएआई का नया निमय लागू कर दिया गया है। कैश पर्ची कटाने वालों को रिटर्न जर्नी का टिकट नहीं दिया जा रहा है। उनका कहना है कि फास्टैग को बढ़ावा देने के लिए एनएचएआई ने यह व्यवस्था की है। 

🕔tanveer ahmad

17-01-2020-
टोल प्लाजा पर कैश पर्ची कटाकर सफर करने वालों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। उनकी जेब अब और ढीली होगी। एनएचएआई ने गुरुवार से कैश पर्ची लेने वालों की सुविधा में कटौती की है।...

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31 जनवरी और एक फरवरी को बंद रहेंगे बैंक

31 जनवरी और एक फरवरी को बंद रहेंगे बैंक855

👤16-01-2020-
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ वेतन संशोधन वार्ता विफल होने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक ने 31 जनवरी और एक फरवरी को देशव्यापी बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। यही नहीं लगातार तीन दिन 11, 12 और 13 मार्च को भी बैंक ने हड़ताल करने का निर्णय किया है। इसके अलावा अप्रैल से अनिश्चतकालीन हड़ताल का भी ऐलान किया गया है।मार्च में लगातार आठ दिन अवकाश रहेगा
मार्च में होली और अन्य छुट्टी को मिलाकर करीब आठ दिन बैंक बंद होने के आसार हैं। इसमें आठ मार्च को रविवार, 09 व 10 मार्च को होली का अवकाश, 11,12,13 मार्च को हड़ताल, 14 मार्च को दूसरा शनिवार व 15 मार्च को रविवार की छुट्टी रहेगी। यूनियन की ओर से जारी सूचना के अनुसार अगर मांगे पूरी नहीं होती हैं तो बैंक एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को विवश होगी। आठ जनवरी को भी बैंक हड़ताल पर थे।10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों के विरोध में आठ जनवरी को \'भारत बंद\' का ऐलान किया था। गौरतलब है कि 31 जनवरी को जहां आर्थिक सर्वे आएगा तो वहीं एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी।
🕔tanveer ahmad

16-01-2020-
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ वेतन संशोधन वार्ता विफल होने के बाद यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक ने 31 जनवरी और एक फरवरी को देशव्यापी बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। यही नहीं लगातार...

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65 टोल प्लाजा पर फास्टैग में ढील, इन टोल पर 14 फरवरी तक चलते रहेंगे कैश काउंटर

65 टोल प्लाजा पर फास्टैग में ढील, इन टोल पर 14 फरवरी तक चलते रहेंगे कैश काउंटर313

👤16-01-2020-
भारतीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय ने बिना फास्टैग के हाईवे पर अपने वाहनों दौड़ा रहे लोगों को फास्टैग बनवाने के लिए और 30 दिन का समय दे दिया है। एनएचएआई के देशभर में स्थित अति व्यस्त 65 टोल प्लाजा जिसमें पांच यूपी के हैं वहां पर दोनों तरफ से दो-दो लेन पर कैश काउंटर 14 फरवरी तक चलते रहेंगे। कैश लेन से फास्टैग वाले वाहन भी चलते रहेंगे यानी फास्टैग वाले वाहनों सभी लेन से जा सकेंगे। इसके तहत लखनऊ के रायबरेली रोड स्थित दखिना टोल प्लाजा और इटौंजा टोल प्लाज़ा पर एक-एक कैश लेन दोनों तरफ से रहेंगे।देश में 15 दिसंबर से सभी टोल प्लाजा पर टैक्स के लिए फास्टैग अनिवार्य किया गया था। उस समय मंत्रालय ने इन अति व्यस्त 65 टोल प्लाजा पर 30 दिन के लिए दोनों तरफ से दो-दो लेन पर कैश लेने का आदेश दिया था। यह व्यवस्था बुधवार सुबह समाप्त हो गई थी। इसके बाद एनएचएआई ने सभी टोल प्लाजा पर महज एक-एक काउंटर कैश के लिए दिए। दोपहर बाद मंत्रालय ने 16 से लेकर 20 लेन वाले अति व्यस्त 65 टोल प्लाजा के अधिकतम चार लेन पर अगले 30 दिनों तक कैश के चालू रखने का आदेश जारी कर दिया।यूपी में पांच टोल पर कैश के लिए चार लेन और 45 टोल पर दो लेन 
एनएचएआई के रीजनल आफिसर अब्दुल बासित ने बताया है कि देश में स्थित 16 लेन और उससे अधिक लेन वाले वाले 65 टोल प्लाजा पर पूर्ववत 25 फीसदी या अधिकतम चार लेन कैश काउंटर होंगे,जहां लोग कैश भुगतान कर सकेंगे। इन काउंटरों से फास्टैग वाले वाहन भी गुजरते रहेंगे। यूपी में चार लेन वाले टोल में बाराजोड, बृजघाट, अहमदपुर, नवाबगंज तथा रौनाही टोल प्लाजा हैं।एक-एक कैश लेन की सुविधा लंबी अवधि के लिए है
रीजनल आफिसर बासित ने बताया है कि यूपी के शेष 45 टोल प्लाजा पर दोनों तरफ से एक-एक कैश काउंटर पूर्ववत चलते रहेंगे। यह भी स्पष्ट किया कि दोनों तरफ से एक-एक लेन पर कैश सुविधा को किसी समय सीमा में नहीं बांधा गया है। यह व्यवस्था लंबे समय तक के लिए है। लोगों से अपील की है कि वाहनों पर फास्टैग लगवाने का काम जल्द कर लें।फास्टैग लेन से बिना फास्टैग गुजरने पर दोगुना टैक्स
वाहन स्वामी जल्द से जल्द फास्टैग बनवा लें इसके लिए एनएचएआई ने यह व्यवस्था की है कि यदि कोई वाहन जिसका फास्टैग नहीं है अथवा फास्टैग है लेकिन कैश नहीं और वह फास्टैग लेन से गुजरता है तो उसे दोगुना टैक्स देना होगा। अन्यथा कैश लेन में उसे वाहनों की लंबी कतार में लगना ही होगा।
🕔tanveer ahmad

16-01-2020-
भारतीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय ने बिना फास्टैग के हाईवे पर अपने वाहनों दौड़ा रहे लोगों को फास्टैग बनवाने के लिए और 30 दिन का समय दे दिया है। एनएचएआई के देशभर में स्थित...

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जलवायु परिवर्तन का असर, दिल्ली-यूपी में मानसून आने की तारीखें बदलेंगी

जलवायु परिवर्तन का असर, दिल्ली-यूपी में मानसून आने की तारीखें बदलेंगी69

👤16-01-2020-
जलवायु परिवर्तन का असर मानसून पर साफ देखा जा रहा है। इसके चलते सरकार ने मानसून के आगमन और विदाई की तारीखों में बदलाव करने का फैसला किया है। दिल्ली यूपी समेत कई राज्यों में मानसून के आगमन की तारीख बढ़ाई जाएगी। केरल में तिथि 1 जून ही रहेगी। तारीखों में बदलाव की कवायद काफी समय से चल रही थी जिसे इस साल से लागू किया जाएगा। दिल्ली में मानसून के आगमन की तिथि 29 जून है, लेकिन नई तिथि जुलाई के पहले सप्ताह की निर्धारित हो सकती है। यह देखने में आया है कि दिल्ली में मानसून लगातार सप्ताह भर की देरी से पहुंच रहा है। पृथ्वी विभाग के सचिव एम राजीवन ने बताया कई प्रदेशों में इसके आने की तिथियों में बदलाव हो सकते हैं। इस मुद्दे पर मौसम विज्ञानियों की एक विशेषज्ञ समिति ने कुछ समय पूर्व अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थी। इन सिफारिशों में कई प्रदेशों में मानसून के आगमन की तिथियों में बदलाव सुझाया गया है।\r\nइन राज्यों में बदलाव : यूपी व दिल्ली के अलावा झारखंड, बिहार, उत्तराखंड में भी मानसून के आगमन की तिथियों को बढ़ाया गया है। जबकि राजस्थान, पंजाब और कश्मीर में पहुंचने की तिथियों को पहले से जल्द किया गया है। जबकि केरल से बंगाल तक मानसून पहुंचने की तारीखें यथावत रहेंगी।\r\nनई तिथियों का ऐलान जल्द : मौसम विभाग के महानिदेशक एम. महापात्र ने कहा कि मानसून की नई तिथियों का ऐलान जल्द किया जाएगा। इसी प्रकार मानसून की विदाई की तिथि को आगे खिसका दिया जाएगा। राजस्थान से सितंबर के पहले सप्ताह में मानसून की विदाई होती है लेकिन इसे तीसरे सप्ताह में किया जाएगा। क्योंकि कई सालों से मानसून देर तक उत्तर भारत में सक्रिय रहता है।\r\nअसर : फसल चक्र में बदलाव करना होगा
मौसम की तारीखों में बदलाव से किसानों पर फसल चक्र में बदलाव का दबाव पड़ेगा, या उन्हें कम अवधि में तैयार होने वाली फसलें तैयार करनी होंगी। मसलन, यूपी में यदि मानसून के आगमन में एक हफ्ते की देरी को आधिकारिक घोषित किया जाता है तो धान की रोपाई एक सप्ताह आगे खिसकानी होगी। इसके अलावा नई तिथियों से मानसून से जुड़ी अन्य तैयारियों को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी।\r\n1965 में तय हुई थी तारीखें
मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने कहा कि मौजूदा तिथियां 1965 के आसपास निर्धारित की गई थीं लेकिन तब से जलवायु में बड़े बदलाव हुए हैं। पिछले दो दशकों में सबसे ज्यादा परिवर्तन हुए हैं। इसलिए मानसून की तारीखें बदलना समय की जरूरत है
🕔tanveer ahmad

16-01-2020-
जलवायु परिवर्तन का असर मानसून पर साफ देखा जा रहा है। इसके चलते सरकार ने मानसून के आगमन और विदाई की तारीखों में बदलाव करने का फैसला किया है। दिल्ली यूपी समेत कई राज्यों...

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यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली : ट्विटर पर छिड़ी आईएएस व आईपीएस की 'जंग'

यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली : ट्विटर पर छिड़ी आईएएस व आईपीएस की 'जंग'383

👤16-01-2020-
उत्तर प्रदेश के दो शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच अधिकारों को लेकर आखिरकार \'जंग\' शुरू ही हो गई है। यह फिलहाल ट्विटर पर है, जिसमें दो आईपीएस अफसर खुलकर सामने आ चुके हैं।दरअसल विवाद की शुरुआत \'आईएएस फ्रैटर्निटी\' नामक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट से हुई। इस पर सबसे पहले यह ट्वीट किया गया कि \'जिलों के एसएसपी डीसीपी बनने को आतुर।\' इसमें उन आईपीएस अफसरों को निशाना बनाया गया है, जो जिलों में एसएसपी रहने के बाद डीसीपी बना दिए गए हैं। इसके बाद यह ट्वीट भी किया गया कि गाजियाबाद जिले का कोई भी एएसपी नोएडा के डीसीपी (एसएसपी) से ज्यादा पॉवरफुल है। इतना ही नहीं \'आईएएस फ्रैटर्निटी\' नामक ट्विटर हैंडल से यह टिप्पणी भी की गई कि लखनऊ में नगर आयुक्त पद पर कार्यरत एक पीसीएस अफसर लखनऊ में नियुक्त दो संयुक्त पुलिस आयुक्तों (आईजी रैंक) से ज्यादा पॉवरफुल है।आईपीएस अफसरों को चिढ़ाने वाला यह ट्वीट सामने आने के बाद दूसरे तरफ से भी प्रतिक्रिया होने लगी। एक आईपीएस ने जवाब में ट्वीट किया कि हमें अधिकारों के संघर्ष की भावना से ऊपर उठना चाहिए। जनता की सेवा करना हमारा सबसे प्रमुख और एकमात्र लक्ष्य है। बाद में एक एडीजी भी इस विवाद में कूदे। उन्होंने डीसीपी को ट्विट करते हुए कहा-\'मैं तुमसे बहुत ज्यादा सहमत नहीं हूं। पहले लोगों को नए सिस्टम के जरिए सुविधा और सुरक्षा का बोध होने दो।\' इस वाद-विवाद में कुछ अधिवक्ताओं समेत आम लोगों ने भी प्रतिक्रियाएं दीं। फिलहाल \'आईएएस फ्रैटर्निटी\' नामक ट्विटर हैंडल ने यह कहते हुए अपनी तरफ से बहस का पटाक्षेप किया-\'शुभकामनाएं! मेरा आशय यह है कि पुलिस सुधारों का असर थानों पर दिखना चाहिए।
🕔tanveer ahmad

16-01-2020-
उत्तर प्रदेश के दो शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच अधिकारों को लेकर आखिरकार \'जंग\' शुरू ही हो गई है। यह फिलहाल ट्विटर पर है,...

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