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कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके कहा, कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा!

कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके कहा, कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा!423

👤16-11-2019-कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को ट्वीट कर केन्द्रीय मंत्री सुरेश अंगड़ी ने अर्थव्यवस्था वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा! आपको बता दें कि सुरेश अंगड़ी ने शुक्रवार को दिए बयान में अर्थव्यवस्था के बारे में विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा था कि \'\'हवाईअड्डे और रेलगाड़ियां\' ठसाठस भरी हैं और लोग शादी कर रहे हैं जो यह बताता है कि देश की अर्थव्यवस्था \'अच्छी चल\' रही है। रेल राज्यमंत्री अंगड़ी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में हर तीन वर्ष में नरमी आती है लेकिन यह जल्द ही रफ्तार पकड़ लेगी। उन्होंने कहा कि \'\'कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये कहावत केन्द्र सरकार, उनके मंत्रियों और उनके विश्लेषणों पर एकदम सटीक बैठती है। लगता है ये उल्टे-सीधे बयान केवल हकीकत और हालातों से ध्यान भटकाने के लिए एक योजनागत तरीके से दिए जाते हैं या दिलवाए जाते हैं।अंगड़ी ने जल्द शुरू होने जा रहे टुंडा खुर्जा ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निरीक्षण के दौरान संवाददाताओं से कहा, \'\'हवाईअड्डे भरे हुए हैं, रेलगाड़ियां ठसाठस हैं, लोग शादी कर रहे हैं। कुछ लोग यह सब कुछ केवल नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने कहा, \'\'हर तीन साल में अर्थव्यवस्था में मांग में कमी आती है। यह एक चक्र है। इसके बाद वह फिर रफ्तार पकड़ लेती है। अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
🕔 एजेंसी

16-11-2019-कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को ट्वीट कर केन्द्रीय मंत्री सुरेश अंगड़ी ने अर्थव्यवस्था वाले बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती...

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रक्षा मंत्री बोले- भारत और चीन इतने समझदार कि सीमा पर तनाव कम कर सकें

रक्षा मंत्री बोले- भारत और चीन इतने समझदार कि सीमा पर तनाव कम कर सकें267

👤16-11-2019-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सीमा के मुद्दे पर भारत एवं चीन की अवधारणा में अंतर के बावजूद दोनों देशों की सेना इतनी समझदार हैं कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम कर सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि बुम ला दर्रा के निकट एलएसी पर कोई तनाव नहीं है। राजनाथ सिंह ने भारत-चीन सीमा पर बुम ला की अग्रिम चौकी का दौरा किया और इस दौरान उन्होंने हर तरह के हालात में बहुत परिपक्वता दिखाने के लिए भारतीय सेना को बधाई दी। उन्होंने कहा, मुझे यहां जवानों से बात करने का मौका मिला। मुझे अपने जवानों से यह जानकर बहुत खुशी हुई कि भारत-चीन की इस सीमा पर, जो कि एलएसी है, हम बहुत समझदारी से काम कर रहे हैं और चीन की पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) भी समझदारी से काम कर रही है। बुम ला दर्रा के निकट इस एलएसी में यहां कोई तनाव नहीं है। रक्षा मंत्री ने परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार जोगिंदर सिंह के स्मारक के भी दर्शन किए।  सूबेदार जोगिंदर सिंह ने 1962 के युद्ध के समय अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए बलिदान दिया था।किसानों के खातिर आरसीईपी से अलग रहे प्रधानमंत्री:राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और खासतौर से पूर्वोत्तर राज्यों के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए आरसीईपी से बाहर रहने का फैसला लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) में शामिल हो गया होता तो किसानों, कामगारों और उद्योगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव होगा। 
🕔 एजेंसी

16-11-2019-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सीमा के मुद्दे पर भारत एवं चीन की अवधारणा में अंतर के बावजूद दोनों देशों की सेना इतनी समझदार हैं कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा...

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उपभोक्ता व्यय के आंकड़े जारी नहीं करेगी सरकार, राहुल ने साधा निशाना

उपभोक्ता व्यय के आंकड़े जारी नहीं करेगी सरकार, राहुल ने साधा निशाना293

👤16-11-2019-केंद्र सरकार ने नेशनल सेंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) द्वारा जारी उपभोक्ता व्यय के आंकड़ों की खबरों को प्रामाणिक मानने से इनकार कर दिया है। सरकार इन आंकड़ों को जारी नहीं करेगी।विपक्ष के आरोपों के बाद सफाई देते हुए सरकार ने कहा है कि जो भी आंकड़े बताए जा रहे हैं वे अंतिम नहीं हैं।  सरकार के पास अलग-अलग आंकड़े आए हैं। इनकी पड़ताल करने की एक प्रक्रिया है। सरकार ने वर्ष 2017-18 में किए गए सर्वे के आंकड़ों को पर्याप्त नहीं होने की वजह से इसे जारी न करने का फैसला किया।हाल में लीक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि देश में प्रति व्यक्ति औसत मासिक खर्च में 3.7 फीसदी की गिरावट आई है। यह वित्त वर्ष 2011-12 के 1,501 रुपये घटकर वित्त वर्ष 2017-18 में 1,446 रुपये रह गया है। एनएसएसओ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से जुड़ी संस्था है।राहुल ने निशाना साधा
राहुल और प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को केंद्र पर निशाना साधा। राहुल बोले, केंद्र की नीतियों ने इतना नुकसान कर दिया है कि अब उसे अपनी ही रिपोर्ट छिपानी पड़ रही है। वहीं, प्रियंका ने कहा कि सरकार डींगें हांकने के लिए डाटा छिपा रही है। 
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-केंद्र सरकार ने नेशनल सेंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) द्वारा जारी उपभोक्ता व्यय के आंकड़ों की खबरों को प्रामाणिक मानने से इनकार कर दिया है। सरकार इन आंकड़ों को जारी नहीं...

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 महाराष्ट्र में नई दोस्ती, शिवसेना का होगा मुख्यमंत्री; तीनों दल आज राज्यपाल से मिलेंगे

महाराष्ट्र में नई दोस्ती, शिवसेना का होगा मुख्यमंत्री; तीनों दल आज राज्यपाल से मिलेंगे94

👤16-11-2019-महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है जहां राकांपा नेता शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि तीन दलों की सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और विकासोन्मुखी शासन देगी। राकांपा ने यह भी कहा कि गठबंधन की अगुवाई शिवसेना करेगी। मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा के साथ शिवसेना की सहमति नहीं बन पाई थी। कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात करेगा, लेकिन तीनों दलों का कहना है कि यह बैठक वर्षा प्रभावित किसानों के लिए तत्काल सहायता मांगने के लिए है, ना कि सरकार गठन को लेकर।राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है। पवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं है। यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी। हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।पवार के सहयोगी और राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने मुंबई में कहा कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा।  मलिक ने कहा, \'\'मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही उसने महायुति को छोड़ा है। उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।\"महाराष्ट्र में पहली बार ऐसा प्रयोग हो रहा है जब अलग अलग विचारधारा के ये दल सरकार बना रहे हैं जिसका नेतृत्व शिवसेना करेगी। तीनों दलों ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) का मसौदा तैयार कर लिया है जिससे राज्य में उनके गठबंधन का एजेंडा निर्धारित होगा।इससे पहले पिछले दो दशक में राज्य की सियासत भाजपा-शिवसेना और कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के इर्दगिर्द घूमती रही है। मुंबई में गुरुवार (14 नवंबर) को हुई बैठक में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के नेताओं ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया जिसे तीनों दलों के आला नेताओं को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।इस बीच भाजपा ने दावा किया कि वह सरकार बनाएगी। हालांकि उनसे यह खुलासा नहीं किया कि वह 288 सदस्यीय सदन में 145 के जादुई आंकड़े तक कैसे पहुंचेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, \'\'भाजपा सबसे बड़ा दल है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 तक पहुंचती है। इसके साथ भाजपा सरकार बनाएगी।\"
     
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि महाराष्ट्र में अगली सरकार उनकी पार्टी की अगुवाई वाली होगी और सीएमपी राज्य के हित में रहेगा। उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली पार्टी अगले 25 साल महाराष्ट्र में सरकार चलाएगी, केवल पांच साल नहीं।राज्यसभा सदस्य राउत से पूछा गया था कि क्या उनकी पार्टी राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मुख्यमंत्री के पद को साझा करेगी। उन्होंने कहा, \'\'कांग्रेस और राकांपा से साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर बातचीत चल रही है जो राज्य और उसकी जनता के हित में होगा।\" राउत ने कहा, \'\'एक पार्टी की सरकार हो या गठबंधन की, शासन के लिए एजेंडा जरूरी है। बुनियादी संरचना संबंधी परियोजनाओं को आगे ले जाना है तथा सूखा, बेमौसम बारिश जैसे विषयों से भी निपटना है।\" उन्होंने कहा, \'\'हमारे साथ जो लोग जुड़ रहे हैं, उन्हें प्रशासन का अनुभव है। हमें उनके अनुभव से लाभ होगा।\"चिर प्रतिद्वंद्वी रही कांग्रेस के गठजोड़ के सवाल पर राउत ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के नेताओं ने स्वतंत्रता संघर्ष और महाराष्ट्र के विकास में योगदान दिया है। क्या शिवसेना, कांग्रेस-राकांपा के साथ गठजोड़ के बाद हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर को भारत रत्न प्रदान किये जाने की मांग छोड़ देगी और मुस्लिम आरक्षण को मंजूर करेगी, इस सवाल पर राउत ने सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा, \'\'हम इस तरह की अटकलों के स्रोत जानते हैं।\"कांग्रेस जैसी विपरीत विचारधारा के दल से गठजोड़ के सवाल पर उन्होंने कहा, \'\'विचारधारा क्या होती है? हम राज्य के कल्याण के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं।\" राउत ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने साझा न्यूनतम कार्यक्रम के साथ विभिन्न दलों के गठबंधन की अगुवाई की। महाराष्ट्र में शरद पवार ने प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चे (पीडीएफ) की सरकार 1978-80 में बनाई थी जिसमें जनसंघ शामिल था जो बाद में भाजपा बन गयी।कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने मुंबई में कहा कि मसौदा सीएमपी में किसानों और बेरोजगारी की समस्या से निपटने पर ध्यान दिया गया है। नेता ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त के साथ पीटीआई से कहा, \'\'अगर तीनों दलों के नेता सीएमपी को मंजूरी दे देते हैं तो हम समावेशी विकास और समाज के सभी वर्गों को न्याय के मानकों पर काम करेंगे।\" पवार 17 नवंबर को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं जहां सरकार गठन पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं। कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।
🕔 एजेंसी

16-11-2019-महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन वाली पहली सरकार बनती दिख रही है जहां राकांपा नेता शरद पवार ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि तीन दलों की सरकार पांच साल...

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चार मिनट में दस नोटिस व मौन मंत्र दे गए जस्टिस रंजन गोगोई, कई बड़े फैसलों के लिए किए जाएंगे याद

चार मिनट में दस नोटिस व मौन मंत्र दे गए जस्टिस रंजन गोगोई, कई बड़े फैसलों के लिए किए जाएंगे याद910

👤16-11-2019-जस्टिस रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही सख्ती से चलाने और व्यवस्था में सुधार के लिए याद किया जाएगा। अपने आखिरी कार्यदिवस पर शुक्रवार (15 नवंबर) को उन्होंने चार मिनट में 10 मामले सुने व सभी में नोटिस-स्टे जारी किया। इसके बाद वह जजों को मौन मंत्र भी दे गए।उन्होंने पत्रकारों से बात करने से मना कर दिया। पर अपने सचिव से भिजवाए संदेश में जिम्मेवार भूमिका निभाने के लिए मीडिया का धन्यवाद करते हुए कहा कि बेंच चाहती है कि जज शांत रहें। मगर ऐसा नहीं है कि जज नहीं बोलते। वे काम के सिलसिले में ही बोलते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। कड़वे सच स्मरण में ही रहने चाहिए।जस्टिस गोगोई कई बड़े फैसलों के लिए भी याद किए जाएंगे जिससे देश की दशा और दिशा तय करने में मदद मिली। उनके 13 माह के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में सभी जजों के पद भरे गए। जस्टिस गोगोई ने शुक्रवार को सभी हाईकोर्ट के 650 जजों 15 हजार न्यायिक अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित भी किया।
तब मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ बोले थे
जस्टिस गोगोई ही थे जिन्होंने 10 जनवरी 2018 को तीन अन्य वरिष्ठ जजों के साथ मिलकर तब के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ संयुक्त प्रेस वार्ता की थी। जजों ने आरोप लगाया था कि जस्टिस मिश्रा न्यायपालिका की स्वयात्तता से खिलवाड़ कर रहे हैं। कई पुराने लंबित मामलों का निपटारा किया
* 161 साल से लंबित अयोध्या के रामजन्म भूमि विवाद का लगातार सुनवाई कर निपटारा किया।
* असम में कई वर्षो से लंबित एनआरसी को लागू करवाया। 
* राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में केंद्र सरकार को क्लीन चिट दी। 
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-जस्टिस रंजन गोगोई को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही सख्ती से चलाने और व्यवस्था में सुधार के लिए याद किया जाएगा। अपने आखिरी कार्यदिवस पर शुक्रवार (15 नवंबर) को उन्होंने चार मिनट...

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दामाद को बंधक बनाकर डंडों से पीटा, वीडियो वायरल

दामाद को बंधक बनाकर डंडों से पीटा, वीडियो वायरल830

👤16-11-2019-आगरा के थाना पिनाहट क्षेत्र के गांव नगला दलेल में ससुराल पहुंचे युवक को ससुरालीजनों ने बंधक बना लिया। चारपाई पर डालकर बंधक बनाकर उसकी डंडों से पिटाई की। यहीं नहीं, पिटाई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस में हड़कंप मच गया। पांच ससुरालीजन को पकड़कर उनके विरुद्ध शांति भंग की धारा के तहत कार्रवाई की है। फतेहाबाद क्षेत्र के गांव पलिया निवासी 24 वर्षीय सुरेश की शादी पिनाहट क्षेत्र के गांव नगला दलेल निवासी 20 वर्षीय मधु पुत्री नत्थी लाल से मार्च 2019 में हुई थी। सुरेश के ससुरालीजनों का आरोप है कि वह आए-दिन पुत्री से मारपीट करता था।इसके चलते मधु मायके में रह रही थी। दो  दिन पूर्व सुरेश ससुराल गांव नगला दलेल पहुंचा। ससुरालवालों का कहना है कि सुरेश ने वहां उनसे अभद्रता की। फसल को  कुएं में फेंक दिया।  पत्नी मधु के साथ मारपीट कर दी। तब गुस्साए ससुरालीजनों ने दामाद सुरेश को रस्से से हाथ पैर बांध बंधक बना लिया । चारपाई पर लिटा दिया।  डंडों से उसको पीटा।  यहीं नहीं मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।  यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया । सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई ।इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को पकड़कर 151 शांति भंग की कार्रवाई कर चालान कर दिया है ।
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-आगरा के थाना पिनाहट क्षेत्र के गांव नगला दलेल में ससुराल पहुंचे युवक को ससुरालीजनों ने बंधक बना लिया। चारपाई पर डालकर बंधक बनाकर उसकी डंडों से पिटाई की। यहीं नहीं, पिटाई...

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कुछ लोग मदरसा चाचा नेहरू पर कब्जा का कर रहे प्रयास : सलमा अंसारी

कुछ लोग मदरसा चाचा नेहरू पर कब्जा का कर रहे प्रयास : सलमा अंसारी877

👤16-11-2019-मदरसा चाचा नेहरू की संचालिका एवं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने कहा कि कुछ लोग एएमयू की जमीन पर बने उनके मदरसे पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। इसको लेकर दो दिन पूर्व मुझपर बम फेंककर हमले का भी प्रयास किया गया। उन्होंने नजदीक के एक हॉस्टल संचालक पर यह आरोप लगाया है। कहा कि उक्त हॉस्टल पहले से कब्जे की जमीन पर चल रहा है। उन लोगों की नीयत अब मदरसा पर है। सलमा अंसारी शहर के शमशाद मार्केट में मदरसा चाचा नेहरू चलाती हैं। वह जब दो दिन पूर्व अलीगढ़ पहुंचीं तो मालूम हुआ कि पड़ोस में संचालित हॉस्टल से आये दिन मदरसे में बम फेंके जा रहे हैं। वह स्कूल का राउंड ले रही थीं कि इतने में ही एक बम उनके नजदीक आकर गिर पड़ा। कुछ शिक्षकों ने इसका वीडियो बना लिया। उन्होंने घटना की जानकारी डीएम व एसएसपी को दी। जिसके बाद संबंधित थाने की फोर्स ने मदरसा पहुंचकर घटना की जानकारी ली। मामले की जांच की जा रही है। सलमा अंसारी ने बताया कि मदरसे के बराबद में एक हॉस्टल संचालित है। मदरसा में एक बकरा रहता है, उसको भी हॉस्टल के युवकों ने हॉस्टल में जाकर छुपा लिया था। खोजबीन की गई तो बकरा बाद में हॉस्टल से बरामद हुआ। उन्होंने बताया कि हॉस्टल संचालक की ओर से वहां रहने वाले युवकों के जरिए मदरसा पर पत्थर फिकवाये जाते हैं। इसका यही उद्देश्य है वह मदरसा खाली करके चले जाए। उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालियां निशान लगाये। कहा कि एक साल पहले उनके यहां पानी में जहर मिला दिया गया था। लेकिन उक्त प्रकरण की अब तक पड़ताल नहीं की गई। कहा कि मामले में उनको जिला प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं मिलता तो वह सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रकरण की शिकायत करेंगी। \r\nएएमयू से लेकर शहर ने छोड़ा साथ :\r\nसलमा अंसारी ने कहा कि इस बार उनको काफी अकेलापन का अहसास हुआ है। हमेशा से एएमयू के गेस्ट हाउस में रुकती आई हैं। लेकिन इस बार एएमयू ने गेस्ट हाउस खाली न होने का हवाला देकर कही ओर रुकने का बात कही। ऐसे में ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन के गेस्ट हाउस में रुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि मदरसा में इतना बड़ा वाकया हो गया, लेकिन उनके किसी भी संबंधी ने हालचाल जानना भी जरूरी नहीं समझा। \r\nचाचा नेहरू मदरसे में बम फेंकने के मामले में पड़ताल को पहुंची पुलिस\r\nपूर्व उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी द्वारा संचालित किए जा रहे मदरसा चाचा नेहरू स्कूल में फेंके गए सूतली बम की पड़ताल करने को शुक्रवार को पुलिस पहुंची। पुलिस ने पास में ही स्थित एक निजी हॉस्टल को भी देखा। पुलिस के अनुसार निजी हॉस्टल में रहने वाले बच्चों ने शरारत करते हुए बम फेंका था। मदरसे की तरफ वाले भाग में जाली लगवाई जाएगी। इंस्पेक्टर सिविल लाइन अमित कुमार ने बताया कि मौके पर जाकर सूतली बम की छानबीन की गई। जिसमें सामने आया कि दीपावली पर आतिशबाजी चलाने के दौरान निजी हॉस्टल में रहने वाले कुछ बच्चों ने सूतली बम फेंक दिया था। जो फटा नहीं, जिसे देख बच्चे घबरा गए थे। हॉस्टल संचालक को इस तरह की घटना न होने की सख्त हिदायत दी गई है।
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-मदरसा चाचा नेहरू की संचालिका एवं पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने कहा कि कुछ लोग एएमयू की जमीन पर बने उनके मदरसे पर कब्जे का प्रयास कर रहे हैं। इसको...

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अयोध्या राम मंदिर मामला: विहिप की मंशा, सरकारी नियन्त्रण में न रहे ट्रस्ट

अयोध्या राम मंदिर मामला: विहिप की मंशा, सरकारी नियन्त्रण में न रहे ट्रस्ट469

👤16-11-2019-विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल अपने जीवन काल में मंदिर प्रबंधन को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त रखने के हिमायती थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ट्रस्ट समेत देश के दूसरे भागों के सरकारी ट्रस्टों के खिलाफ मुहिम भी छेड़ी। उनकी अनुपस्थिति में संगठन का वर्तमान नेतृत्व भी उन्हीं के विचारों का अनुगामी है। यही कारण राम मंदिर के लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को भी वह सरकारी नियन्त्रण से बाहर ही रखने का पक्षधर है।संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि यदि सरकार उनसे सुझाव मांगेगी तो वह निश्चित ही अपना मत रखेंगे लेकिन इस बार मामला थोड़ा पेंचीदा है। इसके चलते संगठन का नेतृत्व सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहा है। विराजमान रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पाण्डेय कहते हैं कि पूर्व में ट्रस्ट के सम्बन्ध में कई बार चर्चाएं हो चुकी हैं। इन चर्चाओं के दौरान शैव एवं उदासीन आचार्यों ने कहा कि रामजन्मभूमि का मामला रामानंदीय परम्परा का होने के कारण इसमें रामानंदीयों की प्रधानता होनी चाहिए। शेष सहयोगी हो सकते हैं। वह कहते हैं कि ऐसे में हम सबकी मंशा है कि ट्रस्ट में रामानंदीय परम्परा के तीनों अखाड़ों का प्रतिनिधित्व हो। इसके अलावा राम मंदिर आन्दोलन में अपना योगदान देने वाले धर्माचार्यों को भी वरीयता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है। ऐसे में अब यह सरकार के ऊपर है कि वह किस प्रकार ट्रस्ट चाहती है। इसमें हस्तेक्षप का कोई प्रश्न नहीं है लेकिन सरकार हमारी राय जानना चाहेगी तो अवश्य ही हम अपना सुझाव देंगे। फिलहाल तो अभी सब कुछ गर्भ में हैं, इसलिए कुछ भी कहना अनुचित होगी। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण का संकल्प सम्पूर्ण देशवासियों का था, यह संकल्प पूर्ण हो जाए, इसके लिए सब मंजूर है, यही हमारा अभीष्ट भी है।विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा कहते हैं कि विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल जी का मानना था कि मंदिर प्रबंधन की स्वतंत्रता बाधित नहीं होनी चाहिए। उनके इस विचार से संगठन भी सहमत है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकते है। इसीलिए केन्द्र सरकार स्वयं से क्या निर्णय लेती है, यह उसका विचार होगा। फिलहाल संगठन की सोच है कि राम मंदिर निर्माण के जिस संकल्प अभियान की पूर्ति में सभी लगे थे, उन सभी को मिलाकर एक सर्वस्पर्शी ट्रस्ट बनाया जाना चाहिए। 
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल अपने जीवन काल में मंदिर प्रबंधन को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त रखने के हिमायती थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ट्रस्ट समेत देश के...

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कानपुर में दो साल में दौड़ने लगेगी मेट्रो : मुख्यमंत्री

कानपुर में दो साल में दौड़ने लगेगी मेट्रो : मुख्यमंत्री781

👤16-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर में मेट्रो सुविधा दो साल में शुरू हो जाएगी। पहले चरण के काम की समय सीमा तय कर दी गई है। एक रूट पर 9 किलोमीटर की मेट्रो सेवा तय समय के भीतर मिल जाएगी।
शुक्रवार को जीटी रोड पर मेट्रो कार्य के शुभारंभ के बाद आईआईटी ऑडीटोरियम में एक सभा के दौरान सीएम योगी ने कहा कि कानपुर और आगरा मेट्रो के लिए सभी औपचारिकता पूरी कर ली गई है। कानपुर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो का शिलान्यास किया था। अब हम कार्य का शुभारंभ कर रहे हैं। मेट्रो सेवा कानपुर के औद्योगिक विकास में सहायक होगी।
दो महीने में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास
सीएम ने कहा कि दो महीने के भीतर हम बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने जा रहे हैं। यह एक्सप्रेस वे कानपुर के पास होकर गुजरेगा। कानपुर में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जाना है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे  इसी कॉरिडोर से जोड़ रहे हैं। इसके अलावा मेरठ और प्रयागराज को एक्सप्रेस-वे से जोड़ेंगे। यह उत्तर प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। पिछली सरकार ने विकास योजनाएं औपचारिकता पूरी किए शुरू कर वाहवाही लूटी और भूल गई। कानपुर मेट्रो के साथ भी यही हुआ था। बगैर जरूरी संसाधन और औपचारिकता के मेट्रो का शिलान्यास कर दिया गया था। 
🕔tanveer ahmad

16-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानपुर में मेट्रो सुविधा दो साल में शुरू हो जाएगी। पहले चरण के काम की समय सीमा तय कर दी गई है। एक रूट पर 9 किलोमीटर की मेट्रो सेवा तय समय...

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अयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारी, श्रीराम जन्मभूमि में सुरक्षित रखी हैं ढाई लाख शिलाएं

अयोध्या में मंदिर निर्माण की तैयारी, श्रीराम जन्मभूमि में सुरक्षित रखी हैं ढाई लाख शिलाएं739

👤16-11-2019-अयोध्या विवाद पर रामलला के हक में फैसला आने के बाद उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप केंद्र सरकार की ओर से ट्रस्ट के गठन की  प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का खाका खींच रहे हैं। ऐसे में ही न्यास और विहिप के साथ विराजमान रामलला के सखा ने तय किया है कि श्रीरामजन्मभूमि कार्यशाला में रखी ढाई लाख पूजित राम शिलाओं का उपयोग मंदिर की नींव बनाने में किया जाएगा। 09 नवंबर वर्ष 1989 में श्रीरामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास किया गया था। इसके ठीक एक दिन पहले विहिप के आह्वान पर देश के विभिन्न राज्यों के गांव-गांव से करीब तीन लाख पूजित राम शिलाएं अयोध्या पहुंची थी। इनमें से लगभग 50 हजार पूजित शिलाओं का उपयोग तब हुए शिलान्यास के दौरान किया गया था। शिलान्यास के वक्त मौजूदा समय में विराजमान रामलला के समीप ही इन शिलाओं से मंदिर की नींव बनाते हुए चबूतरे का निर्माण किया गया था। यह चबूतरा आज भी जन्मभूमि में मौजूद है। तब के समय में सिर्फ देश से ही नहीं दक्षिण अफ्रीका, अमरीका, सूरीनाम, जापान, चीन और वर्मा समेत कई देशों से पूजित शिलाएं अयोध्या पहुंची थी। 50 हजार के अलावा बाकी बची ढाई लाख शिलाएं रामजन्मभूमि कार्यशाला में रखी हुई हैं। यहां देश भर से आने वाले श्रद्धालु इनका दर्शन कर खुद को धन्य समझते हैं। परिसर में भी प्रदर्शित की जाएंगी पूजित शिलाएं : श्रीरामजन्मभूमि न्यास और विश्व हिन्दू परिषद के शीर्ष नेतृत्व के साथ विराजमान रामलला के सखा ने यह तय किया है कि केंद्र सरकार की ओर से गठित होने वाले ट्रस्ट के समक्ष तीन प्रस्ताव रखे जाएंगे। एक तो न्यास और विहिप के प्रस्तावित मॉडल के अनुसार ही राम मंदिर का निर्माण किया जाए। दूसरा राम मंदिर के भूतल के लिए तराश कर रखे गए पत्थरों और खम्भों से ही मंदिर बने। \r\nसुरक्षा के भरोसे बिना नहीं लौटूंगा अयोध्या : परमहंस
तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने शुक्रवार (15 नवंबर) को देशवासियों के नाम अपना वीडियो जारी कर कहा है कि उनकी हत्या की साजिश की जा रही है। इसी दृष्टि से उन पर हमला भी किया गया था लेकिन पुलिस ने किसी तरह उन्हें बचा लिया है। उन्होंने कहा कि वह अज्ञात स्थान पर सुरक्षित हैं। अब अयोध्या तभी लौटेंगे जब उन्हें पूर्ण सुरक्षा का भरोसा दिया जाएगा। महंत दास ने कहा कि जिला प्रशासन दबाव में है, इसलिए उन्हें केन्द्रीय सुरक्षा प्रदान की जाए। महंत दास ने कहा कि उन्होंने 12 दिनों तक राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन किया था। इसके उनकी लोकप्रियता बढ़ गई।
🕔tanveer ahmad

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