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शिवपाल यादव बोले- सपा में मेरी पार्टी का विलय नहीं, चुनावी गठबंधन संभव

शिवपाल यादव बोले- सपा में मेरी पार्टी का विलय नहीं, चुनावी गठबंधन संभव 655

👤05-10-2019-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने कहा कि किसी भी कीमत पर उनकी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा। हमारी पार्टी जनाकांक्षाओं के प्रतीक के रूप में उभरी है और लोग हमें बीजेपी का विकल्प मानने लगे हैं। 
नगर में छिमारा रोड पर कोल्ड स्टोरेज व आरामशीन व्यवसायी राम नरेश यादव पप्पू के यहां आयोजित धार्मिक आयोजन में सम्मिलित होने पहुंचे शिवपाल यादव ने कहा कि सपा के साथ गठबंधन का विकल्प खुला रहेगा। सांप्रदायिक शक्तियों को धाराशायी करने के लिए सपा और प्रसपा के मध्य मुद्दों के आधार पर चुनावी गठबंधन हो सकता है। दो अक्तूबर को विधानमंडल में सरकार की ओर से आयोजित गांधी जयंती कार्यक्रम में उनके शरीक होने के सवाल पर उन्होंने साफ किया कि गांधी सबके हैं, उन्हें दलीय दायरे में नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बार-बार उनके सपा में जाने की अफवाह फैलाई जा रही है। सपा में जाने का कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि वे अभी सपा के ही विधायक हैं, परंतु सपा मुखिया ने उन्हें मीटिंगों में नहीं बुलाया। उन्होंने कहा, बीजेपी सरकार ने देश-प्रदेश को कंगाली की ओर धकेलने का काम किया है। सरकार हर मुद्दे पर फेल है और हर वर्ग परेशान है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था आज जितनी ध्वस्त है, वैसी कभी नहीं रही। गोवंशों के लिए खाने की व्यवस्था नहीं है जिससे वे मर रहे हैं। 
🕔tanveer ahmad

05-10-2019-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह ने कहा कि किसी भी कीमत पर उनकी पार्टी का समाजवादी पार्टी में विलय नहीं होगा। हमारी पार्टी जनाकांक्षाओं...

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रेल निजीकरण की शुरुआत है 'तेजस', रेलकर्मियों ने किया विरोध, वाराणसी में निकाला मार्च

रेल निजीकरण की शुरुआत है 'तेजस', रेलकर्मियों ने किया विरोध, वाराणसी में निकाला मार्च151

👤05-10-2019-रेल निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के नेतृत्व में लोको पायलटों और गार्ड ने कैंट स्टेशन पर विरोध मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। लखनऊ से दिल्ली के बीच आईआरसीटीसी के जरिये चली पहली तेजस ट्रेन का विरोध किया गया। इसे रेलवे के निजीकरण की दिशा में पहला कदम बताते हुए कर्मचारियों ने काला दिवस मनाया। प्लेटफार्म नंबर पांच पर हुई सभा में एसोसिएशन के सचिव एसएस हांडा ने कहा कि तेजस के संचालन के साथ अब निजीकरण के रास्ते खुल गये हैं। इससे रेल कर्मचारियों की जरूरी सुविधाओं में कटौती तो होगी ही, युवाओं को रोजगार के लिए भटकना पड़ेगा। रेलवे में भी स्थायी नौकरियों की कमी आयेगी। एनई रेलवे के मंडल सचिव केपी यादव, सतीश कुमार सिंह, मानिक चंद, रविंद्र यादव आदि ने भी विचार रखे। प्रदर्शन में डीरेका के कर्मचारी नेता भी शामिल हुए और डीरेका के निगमीकरण के प्रस्ताव का विरोध किया। वहीं, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के नेतृत्व में कर्मचारियों ने तेजस के विरोध में शुक्रवार को मंडुवाडीह स्टेशन पर काली पट्टी बांध कर काम किया। कहा कि यह भारतीय रेलवे के लिए काला दिवस है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अखिलेश पांडेय, अब्दुल शेख, मंडल मंत्री दुर्गेश पांडेय आदि मौजूद रहे।लखनऊ से दिल्ली के लिए शुरू हुई है तेजस एक्सप्रेसदेश की कॉर्पोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस देश की पहली प्राइवेट ट्रेन है। लखनऊ जंक्शन से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर इस ट्रेन को रवाना किया। ये ट्रेन लखनऊ-दिल्ली और मुम्बई-अहमदाबाद के बीच चलेगी। हफ्ते में 6 दिन चलने वाली तेजस एक्सप्रेस का संचालन और टिकटिंग का सारा ज़िम्मा आईआरसीटीसी के पास है। ट्रेनों की लेट लतीफी को देखते हुए इस ट्रेन में यात्रियों को मुआवज़े का प्रावधान रखा गया है.आईआरसीटीसी ने दावा किया है कि अगर तेजस एक्सप्रेस एक घण्टे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 100 रुपये और 2 घंटे से ज़्यादा देर से पहुंची तो 250 रुपये तक का रिफंड यात्रियों को दिया जाएगा। साथ ही मुफ़्त में यात्रियों को 25 लाख रुपये तक यात्रा बीमा भी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस सबके ज़रिए आईआरसीटीसी यात्रियों को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश करेगी।तेजस एक्सप्रेस की ख़ासियतों की बात करें तो शताब्दी से थोड़ी ज़्यादा सुविधा इसमें दी गई है। इसमें एक्ज़ीक्यूटिव और चेयर क्लास श्रेणी की बोगियां हैं। एक्ज़ीक्यूटिव क्लास की एक बोगी में 52 और चेयर कार की बोगी में 78 सीटें लगाई गई है। लेदर की सीट आरामदायक है। साथ ही विमान जैसी सुविधा देने के लिए सीटों के ऊपर रीडिंग लाइट और अटेंडेंट कॉल बटन दिया गया है।हर बोगी में तैनात ट्रेन हॉस्टेस बटन दबाने पर आपके पास आएंगी। पढ़ने के लिए रीडिंग बटन दबाकर आप बिना किसी और को डिस्टर्ब किये किताबें पढ़ सकते हैं।
🕔 एजेंसी

05-10-2019-रेल निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के नेतृत्व में लोको पायलटों और गार्ड ने कैंट स्टेशन पर विरोध मार्च निकाला और प्रदर्शन किया। लखनऊ से...

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बीएचयू में रिसर्चः सिर में ज्यादा ठंडा तेल लगाने से लकवा होने का खतरा

बीएचयू में रिसर्चः सिर में ज्यादा ठंडा तेल लगाने से लकवा होने का खतरा823

👤05-10-2019-ठंडा तेल भले ही कुछ देर की ताजगी का एहसास कराए, लेकिन इसकी दुश्वारियां ज्यादा हैं। रोजाना इस्तेमाल से लत बन रहे इस तेल में कपूर की ज्यादा मात्रा मस्तिष्क की कोशिकाओं को खत्म कर रही है। इससे लकवा का खतरा भी बढ़ रहा है। सिर को ठंडा रखने व थकान को दूर करने के लिए आमतौर पर महिलाएं इस तेल की आदी हो जाती हैं। इसे सिर पर लगाए बिना नींद नहीं आती। धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ती जाती है और एक समय ऐसा आता है जब तेल न लगाने पर चिड़चिड़ाहट तथा बेचैनी होने लगती है। चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के न्यूरोलॉजी विभाग ने ठंडा तेल पर शोध किया है। ऐसे मरीजों पर अध्यन किया गया जो रोजाना यह तेल लगाते थे। प्रो. विजयनाथ मिश्र व उनकी टीम द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि ठंडा तेल में मानक से ज्यादा मिले कपूर व पिपरमिंट से मस्तिष्क की कोशिकाए मर रही हैं। प्रो. विजयनाथ मिश्र द्वारा पूर्व में ठंडा तेल को लेकर किया गया शोध जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में (मई 2014) में प्रकाशित हुआ। जिसमें इस तेल के उपयोग से माइग्रेन के साथ ही मानसिक परेशानियों के बढ़ने का जिक्र किया गया।इसके बाद प्रो. मिश्र व इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस के डॉ. अभय सिंह ने मिलकर बीते पांच साल में ठंडा तेल पर रिवाइज अध्ययन किया। जिसमें पांच सौ ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जो रोजाना ठंडा तेल लगाते हैं। यह अध्ययन बीते सितम्बर माह में आईजीएम पब्लिकेशन के जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस एंड क्लीनिकल रिसर्च में जमा किया गया। प्रो. मिश्र ने बताया कि कपूर की ज्यादा मात्रा के चलते ब्रेन के सेल मर जाती हैं।न्यूरोलॉजी विभाग की शोध छात्रा स्मृति सिंह ने केंद्र सरकार से ठंडा तेल पर विस्तृत अध्ययन के लिए प्रप्रोजल जमाकर अनुमति मांगी है। सर सुन्दरलाल अस्पताल के न्यूरोलॉजी की ओपीडी में में बीते पांच साल में करीब 18 सौ से अधिक मरीजों ने ठंडा तेल के बिना नींद न आने की समस्या बताई। तेल न लगाने पर चक्कर व बेहोशी की दिक्कत का भी जिक्र किया। करीब 128 मरीज ऐसे मिले जो इस तेल को नाक से पीते हैं। कुछ दर्द निवारक मलहम तक को खा जाते हैं। बीएचयू आईएमएस में न्यूरोलॉजी विभाग के प्रो. विजयनाथ मिश्र के अनुसार ठंडा तेल में मिले कपूर की परत सिर पर जम जाती है। इससे मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती है। यह स्थिति लकवा होने का बड़ा संकेत है। पूर्वांचल में 157 प्रकार के ठंडा तेल
सिरदर्द, थकान, अनिद्रा जैसी बीमारी से छुटकारा दिलाने के नाम पर पूर्वांचल में करीब 157 प्रकार के ठंडा तेल बिकते हैं। इनमें मानक की अनदेखी की जाती है। तेल में 11 फीसदी से ज्यादा कपूर की मात्रा नहीं होनी चाहिए। कपूर की मात्रा ज्यादा होने पर आंखों की रोशनी कम हो सकती है और ब्रेन में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है। दिमाग की नसें कमजोर हो जाती हैं। जिससे हाइपरटेंशन व लकवा की दिक्कत होती है। क्यों होता है सिरदर्द 
तनाव, अत्यधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम, अपर्याप्त नींद और भूख, के चलते सिर दर्द होता है। अत्याधिक शोरगुल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अधिक प्रयोग करना भी एक कारण है। अधिक सोचना, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने से भी यह समस्या होती है। स्ट्रोक 
कुछ लोगों को स्ट्रोक के शुरुआती दिनों में तेज सिर दर्द व मिचली की समस्या होती है। स्ट्रोक तब होता है, जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में खून की सप्लाई ठीक से नहीं होती। ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलने से कोशिकाएं मरने लगती हैं।  
🕔tanveer ahmad

05-10-2019-ठंडा तेल भले ही कुछ देर की ताजगी का एहसास कराए, लेकिन इसकी दुश्वारियां ज्यादा हैं। रोजाना इस्तेमाल से लत बन रहे इस तेल में कपूर की ज्यादा मात्रा मस्तिष्क की कोशिकाओं को खत्म...

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बलिया-छपरा रूट पर पटरी धंसने से कुछ ट्रेनें निरस्त, कई के मार्ग बदले

बलिया-छपरा रूट पर पटरी धंसने से कुछ ट्रेनें निरस्त, कई के मार्ग बदले353

👤05-10-2019-बलिया-छपरा रूट पर बांसडीह के पास बोहा में शुक्रवार को फिर पटरी धंसने से कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया और एक दर्जन ट्रेनों के मार्ग बदल दिये गए। शुक्रवार को क्षतिग्रस्त पटरी से ही डाउन सद्भावना एक्सप्रेस गुजर भी गई। संयोग से कोई हादसा नहीं हुआ।किसी प्रकार इस गाड़ी को बांसडीह रोड की ओर भेजा गया। इसकी जानकारी होने के बाद बलिया-छपरा रेलखंड पर एक बार फिर रेल परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया है।ये ट्रेनें रद की गईं
चार अक्तूबर - 18191 छपरा-फर्रुखाबाद एक्सप्रेस
पांच अक्तूबर - 18192 फर्रुखाबाद-छपरा एक्सप्रेस
पांच अक्तूबर - 15159 छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस 
पांच और छह अक्तूबर -15160 दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस 
पांच अक्तूबर - 15054 लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस 
छह अक्तूबर - 15053 छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस
पांच और छह अक्तूबर - 15111-15112 छपरा-वाराणसी इंटरसिटी अप और डाउन 
छह और सात अक्तूबर -  05101-05102 छपरा-दिल्ली-छपरा पूजा स्पेशल
पांच और छह अक्तूबर - 15115-15116 छपरा-नई दिल्ली-छपरा एक्सप्रेस
छह और सात अक्तूबर - 55017 छपरा-मऊ पैसेंजर
छह, सात और आठ अक्तूबर - 55018 मऊ-छपरा पैसेंजर
पांच, छह और सात अक्तूबर - 55131-55132 छपरा-वाराणसी-छपरा पैसेंजर
पांच अक्तूबर - 55182-55181 छपरा-थावे-छपरा पैसेंजर
छह और सात अक्तूबर - 55122 मंडुवाडीह-भटनी पैसेंजर
छह और सात अक्तूबर - 55150 वाराणसी सिटी-गोरखपुर पैसेंजर
सात और आठ अक्तूबर - 55141-55142 गोरखपुर-नौतनवां-गोरखपुर पैसेंजर
सात और आठ अक्तूबर - 55119 गोरखपुर-वाराणसी सिटी पैसेंजरइन ट्रेनों का बदला स्टेशन
- छह और सात अक्तूबर को लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस बलिया स्टेशन पर रूकेगी। सात व आठ अक्तूबर को बलिया से ही लखनऊ रवाना होगी।
- पांच और छह अक्तूबर को सियालदह-बलिया छपरा स्टेशन तक ही आयेगी। छह और सात अक्तूबर को बलिया से सियालदह के लिए छूटेगी।
- चार अक्तूबर को सूरत से चलने वाली ताप्ती गंगा पांच को मऊ तक जायेगी, छह अक्तूबर को यहीं से सूरत  रवाना होगी।
- एलटीटी-छपरा एक्सप्रेस मऊ में रूकेगी। पांच अक्तूबर को यह मऊ से लोकमान्य तिलक टर्मिनस रवाना होगी।
पांच, छह और सात अक्तूबर को वाराणसी सिटी-छपरा-वाराणसी सिटी पैसेंजर बलिया तक आयेगी। यह बलिया से वाराणसी के बीच चलेगी।इन ट्रेनों का बदला मार्ग
चार और पांच अक्तूबर 12562 नई दिल्ली-जयनगर स्वतंत्रता सेनानी औड़िहार-भटनी-छपरा के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को दिल्ली से चली 14016 आनंद विहार- रक्सौल सद्भावना एक्सप्रेस औडिहार-भटनी-छपरा के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को अमृतसर से चली 15934 अमृतसर-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस वाराणसी-पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर-बरौनी के रास्ते चलेगी।
चार और पांच अक्तूबर को 15232 गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस औड़िहार-भटनी-छपरा के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को 18192 फर्रुखाबाद से उत्सर्ग एक्सप्रेस मऊ-भटनी-छपरा के रास्ते आयेगी।
पांच अक्तूबर को गोरखपुर से चली 15050 गोरखपुर- कोलकाता एक्सप्रेस भटनी-सीवान-छपरा के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को छपरा के लिए चली 19053 सूरत- मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस मऊ-भटनी-छपरा के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को रक्सौल से चली 14007 सद्भावना एक्सप्रेस छपरा-भटनी-औड़िहार के रस्ते चलाई जाएगी।
पांच अक्तूबर को 19046 छपरा-सूरत ताप्ती गंगा एक्सप्रेस छपरा-भटनी-मऊ के रास्ते चलाई जाएगी। 
पांच अक्तूबर को 19166 दरभंगा- अहमदाबाद साबरमती एक्सप्रेस छपरा-भटनी-मऊ के रास्ते चलाई जाएगी।
पांच अक्तूबर को बरौनी से चलने वाली 15231 बरौनी-गोंदिया एक्सप्रेस छपरा-भटनी-औड़िहार के रास्ते चलाई जाएगी।
पांच और छह अक्तूबर को दरभंगा से चलने वाली 11062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन एक्सप्रेस छपरा-भटनी-औड़िहार के रास्ते चलाई जाएगी।
पांच और छह अक्तूबर को जयनगर से चलने वाली 12561 जयनगर-नई दिल्ली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस छपरा-भटनी-औड़िहार के रास्ते चलाई जाएगी।
चार अक्तूबर को डिब्रूगढ़ से चली 20505 डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस हाजीपुर - सोनपुर - पाटलिपुत्र - दीनदयाल उपाध्याय नगर - वाराणसी से जाएगी।
पांच अक्तूबर को रक्सौल से चलने वाली 15267 रक्सौल-लोकमान्य तिलक टर्मिनल जनसाधारण एक्सप्रेस  छपरा-भटनी-औड़िहार के रास्ते चलाई जाएगी।
पांच अक्तूबर को 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनल-दरभंगा पवन एक्सप्रेस औड़िहार-भटनी-छपरा से जाएगी।
चार अक्तूबर को दुर्ग से चली 15160 दुर्ग-छपरा सारनाथ एक्सप्रेस औड़िहार-भटनी-छपरा से जाएगी।छह दिन बाद हो रहा था ट्रेनों का ट्रायलछह दिनों से रेल परिचालन समान्य करने में जुटे रेल महकमा को शुक्रवार को सफलता मिलती नजर आ रही थी। सुबह अप साइड से ट्रायल के रुप में सारनाथ व ताप्ती-गंगा को चलाया गया। इसके बाद डाउन की ओर से उत्सर्ग एक्सप्रेस को छपरा भेजा गया। दोपहर करीब 12.40 बजे दिल्ली से चलकर रक्सौल जा रही डाउन सद्भावना एक्सप्रेस बलिया-बांसडीहरोड के बीच किमी संख्या 60/0 से गुजर रही थी। इसी बीच रेलवे ट्रैक के नीचे की जमीन खिसकने लगी। इसके बाद गाड़ी को मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने रोक दिया। कुछ कर्मचारी नीचे उतरे और पटरी का निरीक्षण कर धीरे-धीरे ट्रेन को गुजारा गया। बेहद कम गति से गाड़ी के गुजरने के बाद भी पटरी काफी क्षतिग्रस्त हो गई।इसकी जानकारी मिलने पर महकमें में हड़कम्प मच गया। इस रूट पर रेल आवागमन को पूरी तरह से रोक दिया गया। रेल सूत्रों की मानें तो पटरी धंसने के बाद गाजीपुर तक पहुंच चुकी डाउन स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस को बीच रास्ते से ही वापस लौटा दिया। यह ट्रेन औड़िहार, मऊ, इंदरा, बिल्थरारोड, भटनी, सिवान से होते हुए छपरा के लिये भेजी गयी। दोबारा रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के बाद वाराणसी से डीआरएम समेत अन्य आला अफसर मौके के लिये रवाना हो गये हैं।
🕔tanveer ahmad

05-10-2019-बलिया-छपरा रूट पर बांसडीह के पास बोहा में शुक्रवार को फिर पटरी धंसने से कुछ ट्रेनों को रद कर दिया गया और एक दर्जन ट्रेनों के मार्ग बदल दिये गए। शुक्रवार को क्षतिग्रस्त...

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दो साल बाद बेटे को देखते ही छलक उठीं मां की आंखें

दो साल बाद बेटे को देखते ही छलक उठीं मां की आंखें101

👤05-10-2019-दो साल के अर्पित को ममता की छांव मिल गई है साथ ही लता को जन्म के बाद से ही बिछड़ा बेटा। दो साल बाद बेटे को देखते ही मां की आंखें छलक उठीं। दरअसल, नवंबर 2017 में लता ने कैंपियरगंज सीएचसी में बेटे को जन्म दिया था। लता की मानसिक स्थित ठीक न होने की वजह से बच्चे को शिशु गृह को दे दिया गया था और लता को बनारस के राजकीय महिला शरणालय में भर्ती करा दिया गया था।छत्तीसगढ़ की रहने वाली लता नवंबर 2017 में ट्रेन से गोरखपुर पहुंची थी। छत्तीसगढ़ में किसी ने उसे ट्रेन में बैठा दिया था। पुलिस को वह बेसुध हाल में कैम्पियरगंज में मिली। नौ महीने की गर्भवती थी। मानसिक बीमारी के कारण वह अपना नाम-पता नहीं बता पा रही थी। कैम्पियरगंज सीएचसी में लता ने बेटे को जन्म दिया। प्रशासन ने नवजात को बाल संरक्षण गृह के अधीन संचालित एनजीओ एशियन सहयोगी संस्था को सौंप दिया। महिला को बनारस स्थित राजकीय महिला शरणालय में रखा गया।बनारस में इलाज के बाद लता की मानसिक दशा सुधरने लगी। हालत ठीक होने पर लता ने अपना नाम और घर का पता बताया। पुलिस की मदद से परिवारीजनों तक सूचना पहुंची। परिवार के लोग बनारस से लता को लेकर शुक्रवार को गोरखपुर पहुंचे। दो साल बाद जब लता परिजनों के साथ गोरखपुर पहुंची तो बेटे को गोद में उठाकर खूब रोयी। गांव की प्रधान के साथ गोरखपुर पहुंचा परिवार
बनारस के महिला आश्रय गृह से डीपीओ सर्वजीत सिंह को सूचना दी गई। डीपीओ ने एशियन सहयोगी संस्था, महिला शरणालय की रेशमा श्रीवास्तव और बाल संरक्षण अधिकारी डॉ. सुमन शुक्ला को जानकारी दी। शुक्रवार को परिवारीजनों के साथ लता बाल संरक्षण गृह पहुंची। लता के साथ मां सीता जोशी और छत्तीसगढ़ के राजनंदा के परमाल-कसा गांव के प्रधान की पत्नी शालिनी संध्या भी मौजूद रहीं।बेटे को अपने पास ही रखेगी लता
बेटे को पाकर लता बेहद खुश है। वह अपनी गोद में बेटे को लिए रही। मां ने बताया कि लता की एक सात साल की बेटी भी है। लता ने बताया कि वह अपने बेटे को पाकर बेहद खुश है। इसे वह अपने साथ ही रखेगी।
🕔tanveer ahmad

05-10-2019-दो साल के अर्पित को ममता की छांव मिल गई है साथ ही लता को जन्म के बाद से ही बिछड़ा बेटा। दो साल बाद बेटे को देखते ही मां की आंखें छलक उठीं। दरअसल, नवंबर 2017 में लता ने कैंपियरगंज...

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माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध

माइक्रोचिप डेबिट-क्रेडिट कार्ड भी नहीं रहा सेफ, जानें कैसे क्लोनिंग के जरिए बैंक अकाउंट में लगा रहे सेंध709

👤05-10-2019-डेबिट-क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग की घटनाओं को रोकने के लिये मैग्नेटिक कार्ड की जगह चिप कार्ड बैंकों ने जारी किये थे। सुरक्षा के लिहाजा से इन कार्डों के मैग्नेटिक की जगह माइक्रोचिप लगी होती है। 1 जनवरी 2019 से बैंक ग्राहकों को चिप कार्ड ही दे रहे हैं। नये कार्ड जारी होने के बाद भी क्लोनिंग की घटनायें कम नहीं हुई हैं। लखनऊ में ही औसतन हर रोज दो से तीन कार्ड क्लोनिंग के मामले सामने आते हैं। स्कीमर की जगह शिमिंग तकनीक का इस्तेमाल
मैग्नेटिक कार्ड की क्लोनिंग के लिये साइबर अपराधी एटीएम सेंटर या पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीन के साथ स्कीमिंग मशीन जोड़ते हैं। कार्ड स्वाइप करने की जगह पर लगने वाली इस मशीन की मेमोरी में रिकार्ड हुये डाटा को कम्प्यूटर की मदद से दूसरे कार्ड पर ठग चढ़ा कर क्लोन तैयार कर लेते हैं। मगर, चिप कार्ड आने के बाद पुरानी स्कीमिंग मशीन की मदद से क्लोनिंग संभव नहीं थी। जिसके चलते साइबर अपराधियों ने शिमिंग तकनीक ईजाद की है। स्कीमर की तरह ही दिखने वाली इस मशीन को भी कार्ड स्वाइप करने वाली जगह पर लगाया जाता। इसके साथ ही कीपैड के पास पिन होल कैमरा इंस्टाल किया जाता है। जिसकी मदद से मशीन इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति द्वारा डाला गया पासवर्ड रिकॉर्ड होता है। गार्ड रहित एटीएम पर रहती है निगाह
6 मार्च 2019 को साइबर सेल ने रोमानियन गैंग के तनाशा फ्लोरिन, बुनुस अगस्टीन व मालडोवेन मिरिसया को गिरफ्तार किया था। उनके पास से स्कीमिंग डिवाइस के साथ ही क्लोन किये गये कार्ड मिले थे। ठगों ने पुलिस को बताया था कि क्लोनिंग डिवाइस लगाने के लिये उनका गिरोह गार्ड रहित एटीएम को चिह्नित करता था। तनाशा फ्लोरिन ने हजरतगंज समेत कई जगह एटीएम मशीन में स्कीमिंग डिवाइस लगाई थी। दो हजार में ऑनलाइन मिलती है मशीन
चिप कार्ड का क्लोन बनाने के लिये स्कीमर की तरह ही दिखने वाली मशीन का इस्तेमाल होता है। ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बिक्री के लिये मौजूद इन मशीनों की कीमत दो हजार रुपये होती है। मशीन में लगने वाली मेमोरी बढ़ने पर कीमत भी बढ़ जाती है। इसी तरह सादे कार्ड भी ऑनलाइन आसानी से मिलते हैं। क्लोन हुआ कार्ड तो बैंक करेगा भरपाई
साइबर सेल नोडल अधिकारी अभय मिश्र ने बताया कि कार्ड क्लोनिंग होने पर बैंक जिम्मेदार होता है। रिजर्व बैंक ने भी क्लोन हुये कार्ड से निकाली गई रकम की भरपाई करने के निर्देश बैंकों को दिये हैं। कार्ड इस्तेमाल करते वक्त बरतें सावधानी
1- एटीएम सेंटर में अपरिचित व्यक्ति से मदद न लें।
2- मशीन में कार्ड स्वाइप करने की जगह को चेक कर लें।
3- की-पैड के बटन ठीक ढंग से काम कर रहे यह भी जांचे।
4- पिन डालते वक्त की-पैड को ढक लें।
5- मोबाइल पर आये ट्रांजेक्शन मैसेज पर नजर रखें।
7- पीओएस मशीन पर बार-बार कार्ड स्वाइप हो रहा है तो सतर्क हो जायें।
🕔tanveer ahmad

05-10-2019-डेबिट-क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग की घटनाओं को रोकने के लिये मैग्नेटिक कार्ड की जगह चिप कार्ड बैंकों ने जारी किये थे। सुरक्षा के लिहाजा से इन कार्डों के मैग्नेटिक की जगह माइक्रोचिप...

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श्रीकांत शर्मा ने कहा, हमने बिजली खरीद के लिए पिछली सरकार से सस्ते करार किए

श्रीकांत शर्मा ने कहा, हमने बिजली खरीद के लिए पिछली सरकार से सस्ते करार किए 447

👤04-10-2019-ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार से सस्ती बिजली खरीद की और लोगों को स्वच्छ, सस्ती, निर्बाध और सबको बिजली देने का प्रयास किया है। श्री शर्मा गुरुवार को विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान सतत विकास लक्ष्य के सातवें बिंदू सबको आधुनिक ऊर्जा विषय पर बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि निर्धारित सतत विकास के 17 लक्ष्यों में सबको स्वच्छ और सस्ती बिजली सुलभ कराना एक अहम लक्ष्य है। प्रदेशवासियों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। हमने पूर्व सरकारों के बिजली खरीद के महंगे पीपीए रद्द किए हैं। कॉम्पिटिटिव बिडिंग आधारित पीपीए किए। नतीजा 6.50 रुपये प्रति यूनिट में मिलने वाली बिजली 3.80 रुपये प्रति यूनिट में मिल रही है। हमें हर्ष है कि बीते 30 महीने में उठाए गए कदम सार्थक हुए हैं। प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख अंधेरे घरों व 1 लाख 30 हजार से ज्यादा अंधेरे मजरों में पहली बार बिजली पहुंची है।श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में \'सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली\' देने के लिए सरकार ने केंद्र से पावर फॉर ऑल\' एग्रीमेंट किया। इसका परिणाम है कि पूर्व सरकार में मिट्टी के तेल की ढिबरी से रोशन होने वाले प्रदेश के 75 फीसदी घर अब एलईडी बल्ब की दूधिया रोशनी में जगमगा रहे हैं। हर घर बिजली के पीएम श्रीनरेंद्र मोदी के संकल्प को चरितार्थ करते हुए सरकार ने प्रदेश में बिजली कनेक्शनों में करीब 55.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब प्रदेश में 2.80 करोड़ से अधिक कनेक्शन हैं। इनमें मुफ्त कनेक्शन पाने वाले 67 लाख बीपीएल परिवार भी हैं। पूर्व सरकारों की उदासीनता के कारण प्रदेश के 1 लाख 30 हजार मजरे आजादी के 70 वर्ष बाद भी विद्युतीकरण से वंचित रहे। हमारी सरकार ने सालाना 65 हजार मजरों की औसत से कार्य करते हुए सभी अंधेरे मजरों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण सुनिश्चित किया। पहले प्रदेश के 4 जिलों को ही बिजली मिलती थी। अब सभी 75 जिलों को समान रूप से शिड्यूल के अनुसार बिजली मिल रही है। फलस्वरूप 30 महीने में बिजली की मांग में 52.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसीलों को 20 व गांवों को 18 घंटे बिजली दी जा रही है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में निर्बाध बिजली देने के दृष्टिगत 33 के‌वीए के 542 नए उप केंद्र बनाए गए हैं। 909 उप केंद्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। 33 केवीए उप केंद्रों की वर्तमान संख्या को 4531 से बढ़ाकर 2022 तक 5000 करने की दिशा में काम किए जा रहे हैं।
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04-10-2019-ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार से सस्ती बिजली खरीद की और लोगों को स्वच्छ, सस्ती, निर्बाध और सबको बिजली देने का प्रयास किया है। श्री शर्मा...

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श्रीकांत शर्मा ने कहा, हमने बिजली खरीद के लिए पिछली सरकार से सस्ते करार किए

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👤04-10-2019-ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछली सरकार से सस्ती बिजली खरीद की और लोगों को स्वच्छ, सस्ती, निर्बाध और सबको बिजली देने का प्रयास किया है। श्री शर्मा गुरुवार को विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान सतत विकास लक्ष्य के सातवें बिंदू सबको आधुनिक ऊर्जा विषय पर बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि निर्धारित सतत विकास के 17 लक्ष्यों में सबको स्वच्छ और सस्ती बिजली सुलभ कराना एक अहम लक्ष्य है। प्रदेशवासियों को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराना सरकार की प्रतिबद्धता है। हमने पूर्व सरकारों के बिजली खरीद के महंगे पीपीए रद्द किए हैं। कॉम्पिटिटिव बिडिंग आधारित पीपीए किए। नतीजा 6.50 रुपये प्रति यूनिट में मिलने वाली बिजली 3.80 रुपये प्रति यूनिट में मिल रही है। हमें हर्ष है कि बीते 30 महीने में उठाए गए कदम सार्थक हुए हैं। प्रदेश के 1 करोड़ 10 लाख अंधेरे घरों व 1 लाख 30 हजार से ज्यादा अंधेरे मजरों में पहली बार बिजली पहुंची है।श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश में \'सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली\' देने के लिए सरकार ने केंद्र से पावर फॉर ऑल\' एग्रीमेंट किया। इसका परिणाम है कि पूर्व सरकार में मिट्टी के तेल की ढिबरी से रोशन होने वाले प्रदेश के 75 फीसदी घर अब एलईडी बल्ब की दूधिया रोशनी में जगमगा रहे हैं। हर घर बिजली के पीएम श्रीनरेंद्र मोदी के संकल्प को चरितार्थ करते हुए सरकार ने प्रदेश में बिजली कनेक्शनों में करीब 55.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब प्रदेश में 2.80 करोड़ से अधिक कनेक्शन हैं। इनमें मुफ्त कनेक्शन पाने वाले 67 लाख बीपीएल परिवार भी हैं। पूर्व सरकारों की उदासीनता के कारण प्रदेश के 1 लाख 30 हजार मजरे आजादी के 70 वर्ष बाद भी विद्युतीकरण से वंचित रहे। हमारी सरकार ने सालाना 65 हजार मजरों की औसत से कार्य करते हुए सभी अंधेरे मजरों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण सुनिश्चित किया। पहले प्रदेश के 4 जिलों को ही बिजली मिलती थी। अब सभी 75 जिलों को समान रूप से शिड्यूल के अनुसार बिजली मिल रही है। फलस्वरूप 30 महीने में बिजली की मांग में 52.5 फीसदी की वृद्धि हुई है।जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसीलों को 20 व गांवों को 18 घंटे बिजली दी जा रही है। 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में निर्बाध बिजली देने के दृष्टिगत 33 के‌वीए के 542 नए उप केंद्र बनाए गए हैं। 909 उप केंद्रों की क्षमता बढ़ाई गई है। 33 केवीए उप केंद्रों की वर्तमान संख्या को 4531 से बढ़ाकर 2022 तक 5000 करने की दिशा में काम किए जा रहे हैं।
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योगी आदित्यनाथ ईमानदार मुख्यमंत्री, लेकिन अफसर कर रहे मनमानी : शिवपाल यादव

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👤04-10-2019-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव की गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में मौजदूगी ने सत्ता पक्ष को उत्साह में भर दिया। शिवपाल ने कहा कि यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ जैसे ईमानदार मुख्यमंत्री के हाथ में है लेकिन अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। शिवपाल ने यह बात गुरुवार को विधानसभा में सतत विकास के लक्ष्य पर चल रही चर्चा में कही। शिवपाल यादव जब बोलने के लिए खड़े हुए तो, मुख्यमंत्री समेत समूचे सत्ता पक्ष ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया। प्रसपा अध्यक्ष ने सरकार के अच्छे कामों की तारीफ की तो कई मुद्दों सत्ता पक्ष को आईना भी दिखाया। उन्होंने कुंभ मेले, कार्ड वृक्षारोपण, उज्जवला योजना व स्वच्छता अभियान की तारीफ की। साथ यह भी कहा कि थानों व तहसीलों में स्थिति ठीक नहीं है।इन्वेस्टर्स समिट की तारीफ की गई पर यह भी कहा कि जितना निवेश होना चाहिए था, उतना नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना में गरीबों को सिलेंडर भरवाने के लिए सब्सिडी देनी चाहिए। शौचालयों के निर्माण में अधिकारियों ने गलत आंकड़े पेश किए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। शौचालय ऐसे बने हैं जिन्हें इस्तेमाल करने में 50 साल से उपर वालों को खासी दिक्कत है। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस के लोग वसूली करते हैं। उन्होंने जसवंत नगर में पुलिस द्वारा दुष्कर्म पीड़िता का मामला उठाते हुए कहा कि उसकी प्राथमिकी नहीं लिखी गई और पुलिस ने पैसा अलग से वसूल लिया। उन्होंने कहा कि बिजली का और भी बुरा हाल है।भारत को यूएन की स्थाई सदस्यता मिले
शिवपाल ने कहा कि विधानसभा एक प्रस्ताव पास करे कि संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा भारत को यूएन की सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा गांधी जयंती पर सबको सच बोलना चाहिए। उन्होंने आखिरी में कहा कि \'हमारी यादों में वह जिंदा हैं, बापू दुनिया से गए ही नहीं।\' सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शिवपाल का तब जोरदार समर्थन जताया जब उन्होंने कहा कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों की नहीं सुनते। 
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04-10-2019-प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल यादव की गुरुवार को विधानसभा के विशेष सत्र में मौजदूगी ने सत्ता पक्ष को उत्साह में भर दिया। शिवपाल ने कहा कि यूपी की...

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंग्रेजी पढ़ाने वाले गुरु का निधन

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👤04-10-2019-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक 97 वर्षीय प्यारे लाल वर्मा का एक अक्तूबर को निधन हो गया। भैरव घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को उनके पांडु नगर स्थित आवास पर शांतिपाठ और हवन होगा। इसमें स्कूल के शिक्षकों के साथ ही शहर के कई विशिष्ठ लोग शामिल होंगे।
पांडु नगर में रहने वाले प्यारे लाल वर्मा बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में अंग्रेजी के शिक्षक थे। यहां उन्होंने सन् 1944 -82 तक अध्यापन कार्य किया था। 1960 से 1964 तक रामनाथ कोविंद ने इसी कॉलेस से नवीं से इंटर तक की पढ़ाई की। उस दौरान प्यारे लाल ने ही उन्हें अंग्रेजी विषय पढ़ाया था। बीएनएसडी कॉलेज के शिक्षक दिवाकर मिश्रा ने बताया कि 97 वर्षीय प्यारेलाल लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राष्ट्रपति के गुरु और बीएनएसडी के पूर्व शिक्षक के निधन की जानकारी मिलते ही कॉलेज में शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति को भी इसकी सूचना भेज दी गई है। 
राष्ट्रपति बनने के बाद गुरुओं को किया था सम्मानित
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने गुरुओं को सम्मानित करने की इच्छा जताई थी। इसके बाद 25 फरवरी 2019 को बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज बेनाझाबर में एक शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। इसमें राष्ट्रपति ने अपने गुरु प्यारेलाल के साथ ही हरीराम कपूर और टीएन टंडन को सम्मानित किया था। 
मंच से नीचे उतरकर राष्ट्रपति ने गुरु का छुआ था पैर
समारोह के दौरान अपने अंग्रेजी के गुरु प्यारे लाल वर्मा को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति मंच से नीचे उतरकर सबसे पहले दोनों हाथों से उनके पैर छूआ। इसके बाद पूछा था कि... गुरु जी आप मुझे भूले तो नही हैं। इस पर प्यारेलाल ने राष्ट्रपति की पीठ पर हाथ रखा और आशीर्वाद दिया। प्यारेलाल ने कहा था कि आज मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने प्यारेलाल के साथ मौजूद उनकी बहू से गुरु का ख्याल रखने की बात कही थी।  
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04-10-2019-राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक 97 वर्षीय प्यारे लाल वर्मा का एक अक्तूबर को निधन हो गया। भैरव घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। शुक्रवार को उनके...

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