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डीएल और गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं पास, तो आपके लिए ये है ऑप्शन

डीएल और गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं पास, तो आपके लिए ये है ऑप्शन984

👤14-09-2019-मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 के भारी जुर्मानों से बचने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व वाहन संबंधी दस्तावेजों की मूल कॉपी साथ लेकर चलने की जरुरत नहीं है। डिजिटल लॉकर अथवा एम-परिवहन मोबाइल ऐप में डाउनलोड डीएल व वाहनों के दस्तावेज मान्य हैं। इसलिए उनको दिखाने पर चालान नहीं होगा। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ई-दस्तावेजों को मूल दस्तावेज मानने व चालान नहीं करने के लिए राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है।सूत्रों ने बताया कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को जानकारी मिली है कि कई राज्यों में डिजिटल लॉकर अथवा एम परिवहन में डाउनलोड डीएल व वाहन दस्तावेजों को लेकर भ्रम की स्थिति है। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के कर्मचारी ई-दस्तावेजों को दिखाने के बाद भी लोगों के चालान काट रहे हैं। इसको देखते हुए मंत्रालय जल्द ही सभी राज्यों के पुलिस आयुक्त, परिवहन के प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त को दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है। डीएल नंबर डालने पर पूरी जानकारी मिलेगी
एम-परिवहन चालान कटने से बचाने के अलावा कई सुविधाएं मुहैया कराता है। जैसे इंश्योरेंस, पंजीकरण प्रणाम पत्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस की तारीख कब समाप्त हो रही है इसकी जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। आरटीओ की लोकेशन व सड़क परिवहन मंत्रालय की जनता से जुड़ी अधिसूचना की जानकारी मिल सकेगी। वहीं, सारथी ऐप में डीएल नंबर डालने पर ड्राइवर की संपूर्ण जानकारी मिलेगी।सड़क दुर्घटना की रिपोर्टिंग होगी
एम-परिवहन ऐप में यातायात उल्लंघन, सड़क दुर्घटना की रिपोर्टिंग होगी। इससे बार-बार यातायात नियम तोड़ने वालों का पता चल सकेगा। मोटर वाहन संशोधन विधेयक में दूसरी बार नियम तोड़ने पर डीएल जब्त करने और छह माह की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा चोरी की गाड़ी का पता चल सकेगा। यदि जीपीएस लगा है तो गाड़ी को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।वाहन चालकों से मूल कॉपी नहीं मांगी जाएगी
विदित हो कि मंत्रालय की ओर से 19 नवंबर 2018 को उक्त अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसमें उल्लेख है कि डिजिटल लॉकर व एम-परिवहन ऐप पर डाउनलोड डीएल व वाहन दस्तावेजों को वैध माना जाएगा। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी उनका चालान नहीं करेंगे। साथ ही वाहन चालकों से मूल कॉपी की मांग नहीं करेंगे। 
🕔 एजेंसी

14-09-2019-मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 के भारी जुर्मानों से बचने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व वाहन संबंधी दस्तावेजों की मूल कॉपी साथ लेकर चलने की जरुरत नहीं है। डिजिटल लॉकर अथवा...

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योगी सरकार का बड़ा ऐलान: अब सीएम, मंत्री अपनी सैलरी से भरेंगे इनकम टैक्स

योगी सरकार का बड़ा ऐलान: अब सीएम, मंत्री अपनी सैलरी से भरेंगे इनकम टैक्स18

👤14-09-2019-उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 जब बना था, विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है, हालांकि कुछ मंत्रियों का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है ।भाषा के अनुसार, जब से कानून लागू हुआ, विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मुलायम सिंह यादव, मायावती, कल्याण सिंह, अखिलेश यादव, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह, श्रीपति मिश्र, वीर बहादुर सिंह और नारायण दत्त तिवारी को इसका लाभ हुआ।विश्वनाथ प्रताप सिंह के सहयोगी रहे कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि कानून पारित होते समय तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने विधानसभा में तर्क दिया था कि राज्य सरकार को आयकर का बोझ उठाना चाहिए क्योंकि अधिकांश मंत्री गरीब पृष्ठभूमि से हैं और उनकी आय कम है।इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा था कि फैसला सही नहीं लगता। इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब वेतन कई गुना अधिक हो चुके हैं इसलिए इस रियायत की कोई प्रासंगिकता नहीं रह गयी है। इस कानून पर पुनर्विचार कर इसे समाप्त किया जाना चाहिए।पूर्व वित्त मंत्री एवं बसपा नेता लालजी वर्मा सहित कई नेताओं को इस कानून की जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि जहां तक उन्हें याद है, वह कर अदायगी करते रहे हैं। सपा के एक नेता ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी सुविधा की जानकारी नहीं है। वरिष्ठ सपा नेताओं से बात करने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे।
🕔tanveer ahmad

14-09-2019-उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 जब बना था, विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे। इस कानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ...

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शर्मनाक : बीस दिन की बेटी को 10 हजार में बेचा

शर्मनाक : बीस दिन की बेटी को 10 हजार में बेचा208

👤14-09-2019-आर्थिक रूप से कमजोर एक परिवार ने बीस दिन की बेटी को महज दस हजार रुपये में बेच दिया। परिवार में पहले से ही चार बेटियां थीं, लेकिन पांचवीं के पैदा होने पर उसका सौदा एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से कर डाला। एक महिला ने ट्वीट कर मामला अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचाया। इसके बाद विजयनगर पुलिस ने नवजात बच्ची को एमएमजी (महिला) के एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) में भेजा दिया है।विहारी पुरा गाजियाबाद में रहने वाली एक महिला ने एक बेटा और चार बेटियों के बाद 24 अगस्त एक बेटी को जन्म दिया था। पांचवीं बेटी परिवार में पैदा होने पर उन्हें कोई खुशी नहीं हुई। बच्ची के मां बाप ने उसे आदर्शनगर कॉलोनी में रहने वाली एक आंगनबांडी कार्यकर्ता को बेच दिया। बेटी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर ले गई। क्रॉसिंग रिपब्लिक की रहने वाली आकांक्षा पांडेय ने इसकी जानकारी ट्वीट कर चाइल्ड हेल्प लाइन और बाल संरक्षण समिति को दी। इस पर चाइल्ड लाइन ने कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरु की। जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद से आकांक्षा ने विजयनगर थाने में मामला दर्ज कराया गया। विजयनगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बच्ची के मां-बाप और बच्ची खरीदने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री को थाने बुलाया।पूछताछ में आंगनबाडी कार्यकत्री ने बताया कि उसने बच्ची को दस हजार रुपये में खरीदा है। महिला ने बताया कि उसके कोई संतान नहीं है इसीलिए खरीदा था। पुलिस ने आरोपी दंपत्ति के खिलाफ मानव तस्करी की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। विजनगर थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह ने बताया कि विहारीपुरा में रहने वाली आकांक्षा पांडेय ने पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
🕔 एजेंसी

14-09-2019-आर्थिक रूप से कमजोर एक परिवार ने बीस दिन की बेटी को महज दस हजार रुपये में बेच दिया। परिवार में पहले से ही चार बेटियां थीं, लेकिन पांचवीं के पैदा होने पर उसका सौदा एक आंगनबाड़ी...

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शर्मनाक : बीस दिन की बेटी को 10 हजार में बेचा

शर्मनाक : बीस दिन की बेटी को 10 हजार में बेचा979

👤14-09-2019-आर्थिक रूप से कमजोर एक परिवार ने बीस दिन की बेटी को महज दस हजार रुपये में बेच दिया। परिवार में पहले से ही चार बेटियां थीं, लेकिन पांचवीं के पैदा होने पर उसका सौदा एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से कर डाला। एक महिला ने ट्वीट कर मामला अधिकारियों के संज्ञान में पहुंचाया। इसके बाद विजयनगर पुलिस ने नवजात बच्ची को एमएमजी (महिला) के एसएनसीयू (सिक न्यू बोर्न केयर यूनिट) में भेजा दिया है।विहारी पुरा गाजियाबाद में रहने वाली एक महिला ने एक बेटा और चार बेटियों के बाद 24 अगस्त एक बेटी को जन्म दिया था। पांचवीं बेटी परिवार में पैदा होने पर उन्हें कोई खुशी नहीं हुई। बच्ची के मां बाप ने उसे आदर्शनगर कॉलोनी में रहने वाली एक आंगनबांडी कार्यकर्ता को बेच दिया। बेटी को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने घर ले गई। क्रॉसिंग रिपब्लिक की रहने वाली आकांक्षा पांडेय ने इसकी जानकारी ट्वीट कर चाइल्ड हेल्प लाइन और बाल संरक्षण समिति को दी। इस पर चाइल्ड लाइन ने कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरु की। जांच में मामला सही पाया गया। इसके बाद चाइल्ड हेल्प लाइन की मदद से आकांक्षा ने विजयनगर थाने में मामला दर्ज कराया गया। विजयनगर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बच्ची के मां-बाप और बच्ची खरीदने वाली आंगनबाड़ी कार्यकत्री को थाने बुलाया।पूछताछ में आंगनबाडी कार्यकत्री ने बताया कि उसने बच्ची को दस हजार रुपये में खरीदा है। महिला ने बताया कि उसके कोई संतान नहीं है इसीलिए खरीदा था। पुलिस ने आरोपी दंपत्ति के खिलाफ मानव तस्करी की धारा में मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। विजनगर थाना प्रभारी श्यामवीर सिंह ने बताया कि विहारीपुरा में रहने वाली आकांक्षा पांडेय ने पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
🕔 एजेंसी

14-09-2019-आर्थिक रूप से कमजोर एक परिवार ने बीस दिन की बेटी को महज दस हजार रुपये में बेच दिया। परिवार में पहले से ही चार बेटियां थीं, लेकिन पांचवीं के पैदा होने पर उसका सौदा एक आंगनबाड़ी...

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फर्जी रेप में फंसाकर मोटी रकम वसूलता था दरोगा, ऐसे भुगत रहा बुरे कर्मों की सजा

फर्जी रेप में फंसाकर मोटी रकम वसूलता था दरोगा, ऐसे भुगत रहा बुरे कर्मों की सजा317

👤14-09-2019-डॉक्टर को फर्जी रेप के आरोप में फंसाने के बदले कथित पत्रकार के साथ मिलकर आठ लाख रुपये वसूलने वाले दरोगा शिव प्रकाश सिंह पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। कार्रवाई की जद में पुलिस विभाग का बाबू ज्ञानेंद्र सिंह भी है। ज्ञानेंद्र एसएसपी का प्रधान लिपिक रहने के दौरान चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल पास करने के बादले घूस लेते पकड़ा गया था। आईजी के आदेश पर दोनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई सेक्शन 7(बर्खास्तगी) तक जाएगी।शहर के वरिष्ठ मनो चिकित्सक डॉ. रामशरण दास से ट्रांसपोर्ट नगर चौकी इंचार्ज रहे दरोगा शिव प्रकाश सिंह ने कथित पत्रकार प्रणव त्रिपाठी के साथ मिलकर फर्जी रेप की तहरीर पर आठ लाख रुपये वसूल लिया था। 21 मई 2019 को प्रकाश में आई घटना में पुलिस ने दरोगा और कथित पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था। दोनों वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं। हालांकि उन्हें जमानत दिलाने के पीछे विवेचना में चार्जशीट दाखिल करने में देरी और बयानों के विरोधाभाष को सामने रखना भी एक बड़ी वजह थी। जब यह मामला आईजी के संज्ञान में आया तो उन्होंने दरोगा की विवेचना उसके साथी दरोगा से कराने पर सवाल उठाया और इंस्पेक्टर को विवेचना सौंपने के साथ जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने के लिए कहा। आईजी ने इस मामले में दरोगा के खिलाफ चार्जशीट के लिए अभियोजन स्वीकृति भी दे दी है।वहीं दूसरी घटना 18 जून को समाने आई। एसएसपी आफिस में तैनात प्रधान लिपिक को चिकित्सा प्रतिपूर्ति की फाइल पास कराने के बदले घूस लेते लखनऊ से आई एंटी करप्शन की स्पेशल टीम ने दबोच लिया था। वर्तमान में ज्ञानेन्द्र बाबू जमानत पर बाहर है। बाहर निकलने के बाद बाबू को बहाल भी कर दिया गया था। इस मामले की जानकारी जैसे ही आईजी को हुई तो उन्होंने एसएसपी से 14 (2) की कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस कार्रवाई में विभागीय जांच कर निलम्बत करने के साथ ही दंड देना होता है। इसी कार्रवाई के बीच इनके खिलाफ सेक्शन 7 तक की कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सेक्शन 7 बर्खास्तगी की कार्रवाई होती है।
🕔 एजेंसी

14-09-2019-डॉक्टर को फर्जी रेप के आरोप में फंसाने के बदले कथित पत्रकार के साथ मिलकर आठ लाख रुपये वसूलने वाले दरोगा शिव प्रकाश सिंह पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। कार्रवाई की जद...

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भाजपा में 18 से 21 सितम्बर तक चलेंगे बूथ कमेटियों के चुनाव

भाजपा में 18 से 21 सितम्बर तक चलेंगे बूथ कमेटियों के चुनाव612

👤14-09-2019-भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनाव 18 सितम्बर से शुरू हो जाएंगे। बूथ समितियों के चुनाव 18 से लेकर 21 सितम्बर तक होंगे। इसके बाद 18 से 20 अक्तूबर तक मंडल और उसके बाद नवम्बर में 18 या 19 को एक दिन में जिला अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। प्रदेश के सभी  एक लाख 62 हजार बूथ समितियों के चुनाव कराने के लिए सभी 27 हजार सेक्टर स्तर पर चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एक सेक्टर पर पांच से आठ तक बूथ हैं।चुनाव अधिकारी सबकी सहमति से 21 सदस्यीय बूथ कमेटियों का चुनाव करेंगे।  प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर इन समितियों में बूथ अध्यक्ष उसी वर्ग का होगा, जिस वर्ग बाहुल्यता उस बूथ पर होगी। चुनाव अधिकारी की कोशिश होगी कि बूथ समितियों में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व हो।बूथ अध्यक्ष के अलावा महामंत्री, उपाध्यक्ष सचिव समेत आधा दर्जन पदाधिकारी होंगे। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन \'गोपाल\' को प्रदेश का चुनाव प्रमुख बनाया है। उनके सहयोग के लिए पार्टी के प्रदेश मंत्री त्रयम्बक त्रिपाठी व वाई.पी सिंह को लगाया गया है।
🕔tanveer ahmad

14-09-2019-भारतीय जनता पार्टी के संगठनात्मक चुनाव 18 सितम्बर से शुरू हो जाएंगे। बूथ समितियों के चुनाव 18 से लेकर 21 सितम्बर तक होंगे। इसके बाद 18 से 20 अक्तूबर तक मंडल और उसके बाद नवम्बर में...

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कमरे पर आई थी गर्लफ्रेंड, फिर वो हुआ जो किसी ने सोचा नहीं

कमरे पर आई थी गर्लफ्रेंड, फिर वो हुआ जो किसी ने सोचा नहीं863

👤14-09-2019-उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में दुर्गा नगर, नगला पदी में गुरुवार की शाम किराएदार छात्र ने साथियों के साथ बवाल काटा। वह कमरे पर गर्लफ्रेंड को लेकर आया था। मकान मालिक ने टोक दिया। युवती से कह दिया कि दोबारा उनके घर नहीं आएगी। इसी बात पर तकरार हुई। भीड़ ने छात्र को पीट दिया। कुछ देर बाद उसने साथियों सहित गदर काटा।घटना शाम करीब सात बजे की है। रमेश चंद शर्मा ने फिरोजाबाद निवासी महेंद्र प्रकाश, उसके भाई के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि महेंद्र प्रकाश पिछले दो साल से उनके यहां किराएदार है। एक युवती उसके कमरे पर आती है। जानकारी होने पर उन्होंने उसे टोका। कहा कि युवती को नहीं बुलाया करे। गुरुवार की शाम युवती फिर कमरे पर आई। उन्होंने युवती के सामने ही महेंद्र को टोक दिया। वह बुरा मान गया। उन्हें भला-बुरा कहने लगा। उन्होंने उसे घर खाली करने की हिदायत दे दी। छात्र उस समय वहां से चला गया। कुछ देर बाद अपने एक दर्जन साथियों के साथ आया। वे लाठी-सरिया से लैस थे। एक के पास तमंचा भी था। युवकों ने बस्ती में आते ही बवाल शुरू कर दिया। तोड़फोड़ करने लगे। उनके साले को बेरहमी से पीटा। मंदिर का फर्नीचर तोड़ दिया। लूटपाट भी की गई। बस्ती में अफरा-तफरी मच गई। लोग सड़क से भागने लगे। घटना के उनके पास सीसीटीवी फुटेज हैं।छात्र ने भी मुकदमा दर्ज कराया। उसने पुलिस को बताया कि युवती उसकी दोस्त है। मकान मालिक उनके बेटे और रिश्तेदारों ने पहले उसे बेरहमी से पीटा था। उसने साथियों को बुला लिया। गुस्से में तोड़फोड़ कर दी।दोनों पक्ष समझौते को पहुंचे
इंस्पेक्टर न्यू आगरा ने बताया कि दोनों पक्ष अब समझौता करना चाहते हैं। गलती दोनों पक्षों की है। छात्र ने बाद में ज्यादा गुंडई कर दी। पुलिस ने उसे डकैती में जेल भेज दिया तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा। वह इंजीनियरिंग कर रहा है। पुलिस साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेगी। मारपीट और तोड़फोड़ हुई। लूटपाट और फायरिंग का आरोप गलत है।
 
🕔 एजेंसी

14-09-2019-उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में दुर्गा नगर, नगला पदी में गुरुवार की शाम किराएदार छात्र ने साथियों के साथ बवाल काटा। वह कमरे पर गर्लफ्रेंड को लेकर आया था। मकान मालिक ने टोक दिया।...

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पे-स्केल पूछने पर रो पड़ीं केमिस्ट्री टीचर

पे-स्केल पूछने पर रो पड़ीं केमिस्ट्री टीचर87

👤14-09-2019-उत्तर प्रदेश के बरेली कॉलेज के एक शिक्षक नेता ने केमिस्ट्री विभाग की एक शिक्षिका के पे स्केल पर सवाल उठाते हुए 15 फोनकर डाले। बार बार फोन किए जाने से परेशान शिक्षिका विभाग में ही रोने लगी। साथी शिक्षक उनको लेकर प्राचार्य के पास पहुंचे। मामला शिक्षक संघ के नेता से जुड़ा होने के कारण प्राचार्य ने मामले को दिखवाने की बात कह शिक्षिका को वापस भेज दिया। दरअसल बरेली कॉलेज के केमिस्ट्री विभाग में कार्यरत शिक्षिका का सात हजार का पे स्केल लगा हुआ है। शिक्षक नेता ने उनको फोनकर कई बार कहा कि आपका पे स्केल 6 हजार है जो कि गलती से सात हजार हो गया है। इसपर शिक्षिका ने कहा कि ऐसी कोई समस्या है तो प्राचार्य या फिर स्थापना विभाग इस मामले को देखेगा। शिक्षक नेता यह बताने वाले कौन हैं और दो दिनों से 15 बार फोनकर चुके हैं। शिक्षिका विभाग में ही रोने लगी। शिक्षकों का कहना है कि इन शिक्षिका का अपने विभाग के ही एक वरिष्ठतम शिक्षक से लैब को लेकर विवाद चल रहा है। शिक्षक शिक्षक संघ से जुड़े हैं ऐसे में इस मामले को शिक्षक संघ की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
🕔tanveer ahmad

14-09-2019-उत्तर प्रदेश के बरेली कॉलेज के एक शिक्षक नेता ने केमिस्ट्री विभाग की एक शिक्षिका के पे स्केल पर सवाल उठाते हुए 15 फोनकर डाले। बार बार फोन किए जाने से परेशान शिक्षिका विभाग...

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8 घंटे में चिन्मयानंद से 150 सवाल, छात्रा से करीबी संबंध? बर्थडे पार्टी? यौन शोषण? पढ़ें स्वामी के जवाब

8 घंटे में चिन्मयानंद से 150 सवाल, छात्रा से करीबी संबंध? बर्थडे पार्टी? यौन शोषण? पढ़ें स्वामी के जवाब699

👤14-09-2019-आठ घंटे में डेढ़ सौ सवालों के जवाब स्वामी चिन्मयानंद(Chinmayanand Case) ने दिए। प्रकरण से जुड़े एक-एक व्यक्ति को लेकर एसआईटी ने सवालों की लंबी लिस्ट बना रखी थी। इस मामले में सूत्रों ने बताया कि कठिन सवाल भी तैयार किए गए। कुछ सवाल तो प्रकरण से बाहर के भी थे, जिन्हें एसआईटी केस से जुड़ा मानती होगी। मसलन कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति कौन और कैसे करता है। लड़की, संजय, रंगदारी, दुराचार को लेकर तो सवाल स्वामी से किए ही गए।एक टीवी चैनल पर स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने जवाब दिए। चैनल की ओर से वही सवाल पूछे गए, जो संभवत: एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से किए थे। टीवी चैनल को जवाब देने के लिए खुद स्वामी चिन्मयानंद तो मौजूद नहीं थे, लेकिन उनकी जगह पर सवालों के जवाब उनके वकील ने दिए। सूत्र बताते हैं कि स्वामी चिन्मयानंद से करीब 150 सवाल पूछे गए, जिसका जवाब देने में आठ घंटे लग गए।इस तरह पूछे गए कई सवालसवालों के जवाब में स्वामी के स्थान पर वकील ने टीवी चैनल को बताया कि मेरे कॉलेज की स्टूडेंट है जितना और छात्र छात्राओं से परिचय रहता है उतना ही छात्रा को भी जानते हैं। दूसरा सवाल था कि क्या वह आपके कॉलेज परिसर के अंदर बने हुए गर्ल्स हॉस्टल के रूम में छात्रा रहती है। इसका जवाब आया कि इसकी जानकारी कॉलेज के प्राचार्य को होगी, क्योंकि समस्त व्यवस्था वही देखते हैं। तीसरा सवाल किया गया कि छात्रा से आपके करीबी संबंध हैं, इसका प्रमाण उस फोटो से भी मिलता है जिसमें उसके बर्थडे पार्टी में आप उसके साथ खड़े हुए नजर आ रहे हैं। वकील ने जवाब देते हुए कहा कि मात्र एक संयोग मात्र है। उस दिन कॉलेज में उसका बर्थडे था, मुझे उसमें बुलाया गया और मैं वहां पर एक छात्रा के बर्थडे के नाते वहां चला गया। फिर सवाल किया गया कि आप के कहने पर ही छात्रा को कॉलेज में नौकरी दी गई थी? जवाब में कहा गया कि यह नियुक्ति अस्थाई है, कॉलेज के प्राचार्य के स्तर पर नियुक्तियां की जाती हैं। मुझे संबंध में कोई जानकारी नहीं है। सवाल था कि आरोप लगाने वाली छात्रा की कॉलेज फीस में भी आपने छूट की थी। जवाब-निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए यह सुविधा कालेज में उपलब्ध है, आग्रह के तहत इसमें छूट दी गई। टीवी चैनल की ओर से सवाल किया गया कि छात्रा का आपके आवास पर भी आना जाना था। जवाब था कि कॉलेज और आश्रम में बने दिव्य धाम करीब करीब हैं, जिस वजह से तमाम छात्र छात्राएं आश्रम की ओर आ जाते हैं, हो सकता है यह छात्रा भी इसी कारण यहां आई हो। यौन शोषण के आरोपों को नकाराइसके बाद सवाल किया गया कि छात्रा का आरोप है कि आपने उसका यौन शोषण किया। जवाब था कि आरोप निराधार हैं इसमें कोई सच्चाई नहीं है। सवाल-आप की ओर से रंगदारी मांगने का एक मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ लिखा गया है क्या आपको लगता है कि रंगदारी मांगने में यह लोग शामिल है। जवाब दिया गया कि इस मामले का मुकदमा दर्ज कराया गया है पुलिस इसकी जांच कर रही है वही निष्कर्ष पर पहुंचेगी। सवाल-क्या पीड़ित छात्रा के साथी संजय सिंह को जानते हैं। जवाब-वह भी हमारे कॉलेज के छात्र रहा है, इस नाते हो सकता है वह कभी मुझसे मिला हो, लेकिन मेरा व्यक्तिगत कोई भी उससे संबंध नहीं हैं।
🕔tanveer ahmad

14-09-2019-आठ घंटे में डेढ़ सौ सवालों के जवाब स्वामी चिन्मयानंद(Chinmayanand Case) ने दिए। प्रकरण से जुड़े एक-एक व्यक्ति को लेकर एसआईटी ने सवालों की लंबी लिस्ट बना रखी थी। इस मामले में सूत्रों ने...

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हिंदी दिवस 2019: यूपी बोर्ड में हर साल 10 लाख छात्र हिंदी में हो जाते हैं फेल

हिंदी दिवस 2019: यूपी बोर्ड में हर साल 10 लाख छात्र हिंदी में हो जाते हैं फेल148

👤14-09-2019-\r\nदेश के सबसे बड़े हिंदी भाषी प्रदेश में ही हिंदी का बुरा हाल है। चाहे प्रारंभिक स्तर हो या फिर परास्नातक, हालत सब जगह खराब है। यूपी बोर्ड में औसतन हर साल 10 लाख छात्र हिंदी में फेल हो जाते हैं जबकि लविवि में बीए हिंदी में दाखिला लेने तक के लिए छात्र नहीं आते। मिशनरी स्कूलों में तो बच्चों पर हिंदी में बात करने पर प्रतिबंध है। यहां बच्चे सिर्फ हिंदी के पीरियड में हिंदी पढ़ते हैं। बोर्ड परीक्षा में भी बुरा हाल : हाईस्कूल और इंटर में हिन्दी विषय की बात करें तो साइंस और गणित से ज्यादा छात्रों के लिए हिंदी मुश्किल विषय रहा है। 2018 की यूपी बोर्ड परीक्षा में 11 लाख छात्र-छात्राएं सिर्फ हिन्दी में फेल हुए थे। 2018 में 10वीं की परीक्षा में 30,28,767 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। इनमें 7,80,582 छात्र हिंदी में फेल हो गए थे जबकि 12वीं की परीक्षा में 26,04,093 छात्र शामिल हुए थे। इनमें 3,38,776 हिंदी में फेल हो गए थे। वहीं, 2019 की यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में 9,98,250 परीक्षार्थी हिंदी में फेल हो गए। हिन्दी में दाखिले नहीं होते : लविवि का सबसे पुराना हिन्दी विभाग अब छात्रों की बांट जोह रहा है। स्नातक व परास्नातक की सीटें भरने में लाले हैं। इस सत्र में हिंदी आनर्स की 60 सीटों पर सिर्फ 26 छात्रों ने दाखिला लिया है। अंग्रेजी वक्त की जरूरत है: लखनऊ विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की छात्रा अलीना बताती हैं कि अंग्रेजी वक्त की जरूरत है। आप कहीं जॉब करते हैं तो वहां भी सबसे पहले इंग्लिश स्किल पर बात की जाती है। छात्र आनंद बताते हैं कि कंपनी में इंटरव्यू से लेकर हर जगह अंग्रेजी अनिवार्य हो गई है।  हिंदी की उपेक्षा के दो मुख्य कारण हैं। पहला यह कि तकनीक, मेडिकल आदि की पुस्तकें हिंदी में मौजूद नहीं है। साथ ही उनकी परीक्षाएं भी अंग्रेजी में होती हैं। इसके अलावा जिन पर हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी है उन अधिकारियों में इच्छा शक्ति का अभाव है। अधीनस्थ कर्मचारियों पर भी वह अंग्रेजी में काम करने का दबाव बनाते हैं। प्रो. पवन अग्रवाल, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय
🕔tanveer ahmad

14-09-2019-\r\nदेश के सबसे बड़े हिंदी भाषी प्रदेश में ही हिंदी का बुरा हाल है। चाहे प्रारंभिक स्तर हो या फिर परास्नातक, हालत सब जगह खराब है। यूपी बोर्ड में औसतन हर साल 10 लाख छात्र हिंदी में...

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  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

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    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

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    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

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  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

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