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बीएचयू : अश्लील हरकत में घिरे प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए सड़क पर स्टूडेंट्स

बीएचयू : अश्लील हरकत में घिरे प्रोफेसर की बर्खास्तगी के लिए सड़क पर स्टूडेंट्स614

👤15-09-2019-बीएचयू में अश्लील हरकत के मामले में घिरे जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विज्ञान संस्थान के छात्र- छात्राओं ने शनिवार देर शाम सिंहद्वार पर धरना शुरू कर दिया। प्रो. चौबे को फिर बहाल करने का विरोध करते हुए छात्र-छात्राएं तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे थे। विवि प्रशासन ने उन्हें कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। देर रात तक धरना जारी था। हमें चाहिए आजादीआधी रात के बाद छात्र-छात्राओं ने डफली थाम जेएनयू की तर्ज पर ‘हमें चाहिए आजादी ...’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। विवि प्रशासन की ओर से मामले पर पुनर्विचार का आश्वासन भी बेअसर रहा।  दोषी पाए गए थे चौबेप्रो. चौबे पर कई छात्राओं ने पिछले साल पूरी के शैक्षणिक भ्रमण के दौरान अश्लील हरकतें करने का आरोप लगाया था। जांच में वह दोषी पाए गए। इस पर विश्वविद्यालय ने उन्हें विद्यार्थियों से जुड़ी गतिविधियों में शामिल नहीं होने, प्रशासनिक पद नहीं दिए जाने और इस पेनाल्टी को सर्विस रिकॉर्ड में दर्ज करने की कार्रवाई कर उन्हें फिर बहाल कर दिया।‘प्रो. चौबे दोषी हैं तो फिर क्यों किया बहाल’बीएचयू के सिंहद्वार पर धरनारत छात्र-छात्राओं ने शनिवार रात विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया। कहा कि जांच समिति ने जब जंतु विज्ञान विभाग के प्रो. एसके चौबे को दोषी माना है तो विवि प्रशासन ने उन्हें क्यों बहाल कर दिया? आरोपित प्रो. चौबे को बचाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आक्रोशित छात्र-छात्रा देर रात कार्रवाई की मांग पर अड़ी रहीं। शनिवार आधी रात के बाद भी छात्राओं का गुस्सा कम नहीं था। उन्होंने कहा कि प्रो. एसके चौबे का जो अपराध है, उसके आधार पर उन्हें विश्वविद्यालय में बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें बर्खास्त करने के साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने  12 सितम्बर के अंक में ‘बचे कार्यकाल में सिर्फ पढ़ाएंगे प्रोफेसर चौबे’ शीर्षक से खबर प्रकाशित  कर मामले को प्रमुखता से उठाया था। BHU के छात्र फिर आंदोलित, लंका गेट पर जाम लगाकर प्रदर्शनPauseUnmuteCurrent Time 0:07/Duration 2:51Loaded: 5.84% Fullscreen
दोनों छोटे द्वार खुले रहेछात्राएं बीएचयू के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने धरने पर बैठी थीं। उन्होंने दोनों छोटे द्वार को आवाजाही के लिए छोड़ रखा था। छात्राओं का कहना था कि उनकी मंशा किसी आमजन को दिक्कत में डालने की नहीं है। प्रदर्शन बीएचयू प्रशासन की हीलाहवाली के विरोध में है। देर रात घट गयी छात्राओं की संख्या रात आठ बजे से शुरू धरना-प्रदर्शन देर रात तक जारी रहा। रात 12.30 बजे के बाद छात्राओं की संख्या घटने लगी थी। हालांकि छात्रों की संख्या में कमी नहीं दिखी। सितम्बर 2017 में भी हुआ था बवाल दो साल पहले कैम्पस में छात्रा से छेड़खानी की घटना के बाद उग्र आंदोलन हुआ था। उस समय भी छात्र छात्राओं ने सिंहद्वार बंद करके दो दिन धरना दिया था। बाद में उनको हटाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।
🕔tanveer ahmad

15-09-2019-बीएचयू में अश्लील हरकत के मामले में घिरे जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर शैल कुमार चौबे को बर्खास्त करने की मांग को लेकर विज्ञान संस्थान के छात्र- छात्राओं ने शनिवार देर...

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कम हुए 'ट्रिपल तलाक' के मामले, लेकिन एक तलाक बोलने पर भी मिल रही मुकदमे की धमकियां

कम हुए 'ट्रिपल तलाक' के मामले, लेकिन एक तलाक बोलने पर भी मिल रही मुकदमे की धमकियां923

👤15-09-2019-तीन तलाक कानून बनने के बाद सामान्य रूप से होने वाले तलाक के मामले मुस्लिम समाज में कम हो गए हैं। इसके विपरीत त्वरित तलाक के मामलों की संख्या बढ़ी है लेकिन इससे जुड़े मामले शरई कोर्ट नहीं बल्कि थानों में पहुंच रहे हैं। उलमा के एक अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि जो मामले थाने पहुंचे उसमें 90 फीसदी से ज्यादा में प्राथमिक स्तर पर यह साबित नहीं हो पाया कि एक बार में तीन तलाक बोला गया। सामान्य रूप से कुरआन में बताए गए नियम के अनुसार तलाक तीन तोहर (तीन चरणों) में बोला जाता है। इसे विधिवत तलाक माना जाता है। इसके विपरीत एक बार में तीन तलाक (त्वरित तलाक) का नियम भी परंपरा में रहा है जिस पर सरकार ने कानून बनाकर रोक लगा दी है। यदि कोई व्यक्ति एक ही बार में तीन तलाक कहता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा सकती है और पति को जेल भी भेजा जा सकता है। क्यों घट रहे \'तलाक\' के मामले : शहर में छोटी-बड़ी छह शरई कोर्ट (शरई पंचायत या दारुलकजा) हैं। पिछले एक माह में यहां केवल दो प्रकरण सामान्य तलाक के आए जिसमें तीन चरणों में तलाक दी जाती है। एक मामले में पति ने पत्नी को केवल एक बार तलाक कहा था। दूसरे मामले में पति दो बार तलाक कह चुका था। पर दोनों ही मामलों में पत्नी की ओर से चेतावनी दी गई कि अगर उन्हें दूसरी या तीसरी बार तलाक कहा गया तो वह तीन तलाक का मुकदमा दर्ज करा देंगी। इस पर शरई कोर्ट में पति-पत्नी की काउंसिलिंग कर दोनों ही रिश्ते टूटने से बचा लिए गए। एक बार में तीन तलाक को हथियार बनाने के ऐसे मामलों से सामान्य तलाक में कमी आ रही है।ट्रिपल तलाक का अध्ययन जारी : शहर में तीन संस्थाएं थाने पहुंच रहे ट्रिपल तलाक के मामलों की स्वयं पड़ताल में लगी हैं। एक संस्था का कहना है कि अखबारों में प्रकाशित शहर के करीब 40 मामलों में केवल तीन या चार में प्राथमिकी दर्ज हो सकी। दूसरे मामलों में यह साबित करना मुश्किल हो रहा है कि पति ने तीन तलाक कहा। जिनमें प्राथमिकी दर्ज हुई उसकी भी हकीकत कोर्ट के फैसले के बाद ही साफ हो सकेगी। किसने क्य कहा
तलाक का बिल्कुल सही हिसाब कोई नहीं रख सकता। जरूरी नहीं है जो सामान्य तलाक दे वह किसी शरई कोर्ट या दारुल कजा को बताने आए। दारुल कजा में मामले सिर्फ विवाद की स्थिति में आते हैं। ट्रिपल तलाक पर अध्ययन करा रहे हैं इसमें ज्यादातर मामलों में सिर्फ आरोप दिख रहा है, सच्चाई कम है। - मौलाना आलम रजा नूरी, शहर काजीएक-दो मामले सामने आए हैं जिसमें पति का कहना था कि हमने एक ही बार तलाक कहा है जबकि पत्नी कह रही थी तीन तलाक दिया है। ऐसे मामलों में कोई सुनवाई नहीं हुई है। हो सकता है आपस में ही विवाद को सुलझा लिया गया हो इसलिए कोई पक्ष नहीं आया। जो मामले थानों में जा रहे हैं, उनकी स्टडी अभी नहीं कराई है लेकिन कराएंगे। -  मौलाना मतीनुल हक ओसामा कासिमी, शहर काजीमहिला शरई कोर्ट में सामान्य तलाक से जुड़ा एक भी मामला नहीं आया। इस तरह की बातें जरूर सामने आई हैं कि जब तक सामान्य तलाक के लिए सहमति न हो तब तक तलाक देना आसान नहीं रह गया है। ट्रिपल तलाक को लेकर अध्ययन चल रहा है। पूरा अध्ययन होने के बाद ही इसका खुलासा किया जाएगा। इसमें सत्यता कम है। -  हाजी मोहम्मद सलीस, प्रवक्ता, महिला दारुल कजा
🕔 एजेंसी

15-09-2019-तीन तलाक कानून बनने के बाद सामान्य रूप से होने वाले तलाक के मामले मुस्लिम समाज में कम हो गए हैं। इसके विपरीत त्वरित तलाक के मामलों की संख्या बढ़ी है लेकिन इससे जुड़े मामले...

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बच्चा चोरी की अफवाह में स्कूल नहीं पहुंच रहे बच्चे, अभिभावक भी सहमे

बच्चा चोरी की अफवाह में स्कूल नहीं पहुंच रहे बच्चे, अभिभावक भी सहमे406

👤15-09-2019-बच्चा चोरी को लेकर आए दिन लोगों को मारने की घटनाओं ने अभिभावकों के मन में दहशत पैदा कर दी है। इसके चलते सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी प्रभावित हुई है। ऐसी स्थिति थोड़ी बहुत पूरे उत्तर प्रदेश में है।  प्रयागरात में प्राथमिक विद्यालय करेली बालक की प्रधानाध्यापिका सबीहा फारुकी ने बताया कि बच्चे पकड़े जाने की अफवाह ने स्कूलों की उपस्थिति बहुत काम कर दी है। उनके स्कूल में पंजीकृत 95 बच्चों में से जहां औसतन 75 बच्चे आते थे वहां बहुत बुलाने पर 35 से 40 ही आ रहे हैं। मदारीपुर, साठ फीट रोड, आजाद नगर, बेनीगंज कहीं के बच्चे नहीं आ रहे। 
बुलाने जाने पर ही साथ में आते हैं। अलीशा व तौहीद के पिता इज्जतउल्ला ने नाम कटवाने की बात कही है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल का टेम्पो हो तो भेजने की सोचें। सानिया, जोया, जहरा, अमीर हमजा, अनस, अलीशा, तौहीद, अनमोल, पूनम, सुमन, खुशी, अभिषेक, दिलीप समेत दर्जनों बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं। शनिवार को 38 बच्चे उपस्थित थे। पूर्व माध्यमिक विद्यालय मसिका (संविलियन) चाका में कुल 250 बच्चे नामांकित हैं। बच्चा चोरी के अफवाह से उपस्थिति 70 बच्चों तक आ गयी है। 
सहायक अध्यापक श्रीनिवास सिंह एवं अन्तरिक्ष शुक्ला गांव में जब अभिभावकों से मिले तो सारे लोग बच्चा चोरी होने के कारण बच्चों को स्कूल न भेजने की बात कर रहे हैं। इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक विद्यालय बालापुर में कुल नामांकित 101 बच्चों में कुल 35 से 40 बच्चे ही उपस्थित होते है। सहायक अध्यापक कुदसिया जमीर एवं पूर्णिमा मिश्रा ने जब गांव में सम्पर्क किया तो पता चला कि लोग बच्चा चोरी होने के डर से अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।
🕔tanveer ahmad

15-09-2019-बच्चा चोरी को लेकर आए दिन लोगों को मारने की घटनाओं ने अभिभावकों के मन में दहशत पैदा कर दी है। इसके चलते सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति काफी प्रभावित हुई है।...

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ससुर-जेठ ने किया रेप, पति की प्रतिक्रिया सुन उड़े विवाहिता को होश

ससुर-जेठ ने किया रेप, पति की प्रतिक्रिया सुन उड़े विवाहिता को होश138

👤15-09-2019-कानून बनने के बावजूद तीन तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। शनिवार को जहां बिजनौर में तीन तलाक के दो मामले प्रकाश में आए, वहीं सहारनपुर में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ। खास यह है कि इनमें से दो मामलों में तो अपनों ने ही पीड़िताओं की अस्मत को रौंदा और जब उन्होंने पति से इसकी शिकायत की तो उसने उनका साथ देने की बजाए तीन तलाक दे डाला। उधर, पुलिस तीनों की मामलों जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात कह रही है। बिजनौर के बढ़ापुर थानाक्षेत्र निवासी एक विवाहिता ने बताया कि उसका निकाह 6 वर्ष पूर्व हुआ था। आरोप लगाया कि उसका पति मुंबई में रहता है और उसका किसी दूसरी महिला से संबंध है। बताया कि उसकी सास की मृत्यु हो चुकी है, उसका ससुर और जेठ उसके साथ छेड़छाड़ करते थे और बुरी नियत रखते हैं। पिछले दिनों ससुर ने उसके कमरे में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत जब उसने अपने पति से की तो उसने महिला को तलाक दे दिया। विवाहिता की तहरीर पर बढ़ापुर पुलिस ने आरोपी ससुर, पति और जेठ के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वहीं बढ़ापुर के मोहल्ला नौमी निवासी विवाहिता ने अपने पति खलील पर तीन तलाक का आरोप लगाते हुए एसपी बिजनौर को तहरीर दी। विवाहिता का आरोप है कि उसके जवान लड़के और लड़की की मौजूदगी में उसके पति ने उसको तीन तलाक दे दिया। विवाहिता ने अपने बच्चों की सुरक्षा की भी गुहार लगाई। एसपी संजीव त्यागी के आदेश पर बढ़ापुर पुलिस ने आरोपी पति खलील अहमद के विरुद्ध तीन तलाक के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है।सहारनपुर में जेठ ने ही रौंदी अस्मतसहारनपुर के बेहट क्षेत्र में गांव निवासी युवक का कहना है कि उसकी बहन की शादी क्षेत्र के ही एक गांव में हुई थी। करीब 20 दिन पहले उसकी बहन के साथ जेठ ने रेप किया था। आरोप है कि पीड़ित बहन ने जब अपने ससुरालियों से शिकायत की तो किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया, उल्टा उसके पति ने पीड़िता को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। आरोप है कि पीड़िता को जिंदा जलाने का भी प्रयास किया गया। पीड़िता के भाई ने थाना बेहट पहुंचकर आरोपी पति, जेठ, सास और जेठानी के खिलाफ तीन तलाक और रेप की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।  इंस्पेक्टर बेहट पवन चौधरी का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। तथ्यों के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
🕔 एजेंसी

15-09-2019-कानून बनने के बावजूद तीन तलाक के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। शनिवार को जहां बिजनौर में तीन तलाक के दो मामले प्रकाश में आए, वहीं सहारनपुर में भी एक मुकदमा दर्ज हुआ। खास यह...

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दहेज प्रथा के विरोध में शादियों में खाना न खाने का निर्णय

दहेज प्रथा के विरोध में शादियों में खाना न खाने का निर्णय682

👤15-09-2019-मुस्लिम समाज के एक तबके ने शादियों में दहेज प्रथा का विरोध करने का का फैसला लिया है। यह भी तय किया है कि बेटियों की शादी में वे फिजूल खर्ची को रोकेंगे और दावत नहीं खाएंगे। शनिवार की शाम शहर के चिंताहरण मंदिर रोड  स्थित इसलाहे मुआशरह जन्नत मस्जिद में हुए जलसे में यह फैसला लिया गया है। मुफ्ती इमरान साहब ने फरामाया कि इस्लाम में औरत का बहुत ऊंचा मुकाम है। शादियों में दहेज की गलत मांग व फिजूल खर्ची पर रोक लगाने की बात कही। बोले, फिजूल खर्ची की वजह से लड़की वालों को कर्ज लेना पड़ता है, बेटियों की उम्र बढ़ जाती है। जलसे से शिकरत करने वालों से अहद कराया कि वे आज के बाद बारात में लड़की वाले के यहां खाना नहीं खाएंगे। मुफ्ती साहब ने फरमाया हमारा मुल्क हमकों जान से प्यारा व अजीज है। हम अपने मुल्क में प्यार मोहब्बत से रहें। भाईचारा कायम करें, मुल्क की तरक्की में सभी अपना योगदान दें।आखिर में सबने मिलकर भाईचार व अमन चैन के लिए दुंआ की। जलसे की सदारत जनाब हाजी सद्दीक ने की। हाजी मोहम्मद रफीक खान ने शुक्रियादा किया। अलाउद्दीन राईन, फहीम राईन, मास्टर नईम राईन, मोहम्मद शीराज , मोहम्मद आरिफ, जीशान, फईम, मुजीबुर्रहमान, शानू सिद्दकी, निजाम अब्बासी, नसरुद्दीन मलिक, ताहिर कुरैशी आदि मौजूद थे।
🕔 एजेंसी

15-09-2019-मुस्लिम समाज के एक तबके ने शादियों में दहेज प्रथा का विरोध करने का का फैसला लिया है। यह भी तय किया है कि बेटियों की शादी में वे फिजूल खर्ची को रोकेंगे और दावत नहीं खाएंगे।...

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यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान पहली बार केंद्रों की होगी वेबकास्टिंग

यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान पहली बार केंद्रों की होगी वेबकास्टिंग304

👤15-09-2019-यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के सभी केंद्रों की वेबकास्टिंग होगी। इसके लिए हर जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कंट्रोल रूम बनेगा, जहां से इंटरनेट की मदद से प्रत्येक केंद्र की लाइव निगरानी की जाएगी। इससे पहले 2019 की परीक्षा में बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर अलीगढ़, बुलंदशहर और प्रयागराज के कुछ केंद्रों की वेबकास्टिंग की थी। लेकिन 2020 की परीक्षा में पहली बार सभी स्कूलों की ऑनलाइन निगरानी होगी। केंद्र निर्धारण के बाद बोर्ड की ओर से ऑनलाइन निगरानी के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी स्कूलों को भेजे जाएंगे। संवेदनशील और अति संवेदशनशील स्कूलों की खासतौर से निगरानी करवाने की तैयारी है। शिक्षा विभाग के अलावा दूसरे विभाग के अफसरों को भी कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी देने की चर्चा चल रही है] ताकि नकल करवाने के लिए किसी तरह के गठजोड़ की आशंका को सिरे से खत्म किया जा सके। प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने स्कूलों से जो आधारभूत सूचनाएं मांगी है, उसमें सीसीटीवी कैमरे, वायस रिकॉर्डर, वेबकास्टिंग के लिए राउटर और फोरजी इंटरनेट कनेक्शन की जानकारी भी देने को कहा गया है। जिन स्कूलों में ये सभी सुविधाएं होंगी, उन्हें केंद्र निर्धारण में प्राथमिकता दी जाएगी। कैमरे में वॉयस रिकॉर्डर लगाने के निर्देश पिछले साल ही दिए गए थे, क्योंकि बोल-बोल कर नकल करवाने की शिकायत मिल रही थी। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी 17 जून को समीक्षा बैठक में केंद्रों के ऑनलाइन निर्धारण में और पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए थे। 
🕔tanveer ahmad

15-09-2019-यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 के सभी केंद्रों की वेबकास्टिंग होगी। इसके लिए हर जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में कंट्रोल रूम बनेगा, जहां से...

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चिन्मयानंद मामला: पीड़िता ने SIT को सौंपे 43 वीडियो, स्वामी को बताया- 'ब्लैकमेलर'

चिन्मयानंद मामला: पीड़िता ने SIT को सौंपे 43 वीडियो, स्वामी को बताया- 'ब्लैकमेलर'184

👤15-09-2019-स्वामी चिन्मयानंद की मुसीबतें हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। दुराचार का आरोप लगाने वाली एलएलएम छात्रा ने एसआईटी को 43 वीडियो और सौंपे हैं। छात्रा का कहना है कि हर वीडियो में चिन्मयानंद के खिलाफ कुछ न कुछ है। यह वीडियो किसी हिडेन कैमरे से बनाए गए हैं। छात्रा का दावा है कि स्वामी लॉ की एक अन्य छात्रा का भी शारीरिक शोषण कर रहे थे और स्वामी को \'ब्लैकमेलर\' कहा है। उसके वीडियो भी एसआईटी को सौंपे गए हैं। एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद के दो कीमती मोबाइल शनिवार को कब्जे में लिये हैं। इनमें छात्रा की वीडियो क्लिप हो सकती हैं।सूत्रों के मुताबिक, पीड़िता ने कहा है कि “चिन्मयानंद ने ही नहाते समय का मेरा (पीड़िता) वीडियो अपने विश्वासपात्र से तैयार करवाया था। वीडियो हाथ लगते ही चिन्मयानंद ने मुझे ब्लैकमेल कर हवस का शिकार बनाना शुरू कर दिया।” सूत्रों ने बताया कि फिलहाल एसआईटी ने पीड़ित पक्ष की तरफ से मुहैया कराए गए वीडियो और बाकी अन्य तमाम सीलबंद चीजों को फॉरेंसिक टीम के हवाले कर दिया है, ताकि 23 सितंबर को जब एसआईटी मामले की जांच की प्रगति रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट की निगरानी पीठ के सामने पेश हो, तब वहां वह सब कुछ साफ-साफ बता सके।इस बीच, पीड़िता और उसके परिवार ने शनिवार को स्थानीय मीडिया से कहा है कि स्वामी के खिलाफ जो सबूत पीड़ित पक्ष ने इकट्ठे किए थे, उनमें से काफी हद तक हटा-मिटा दिए गए हैं। अभी तक हालांकि पीड़िता एसआईटी जांच पर भरोसा जता रही थी।  यह खबर पीड़िता और उसके परिवार को कहां से मिली? इस सवाल का माकूल जवाब पीड़ित पक्ष के पास नहीं था। उन्होंने बस इतना कहा, “एसआईटी क्या कर रही है, हमें सब मालूम चल रहा है!” भला एसआईटी इतने विवादित जांच की प्रगति रिपोर्ट को हाईकोर्ट की पीठ के सामने ले जाने से पहले ही उसके बारे में पीड़ित पक्ष को क्यों रही है? यह सवाल आसानी से गले नहीं उतर रहा है।छात्रा बोली, राजस्थान में छीन ली थी पेन ड्राइव 
छात्रा को राजस्थान में पुलिस ने बरामद किया तो उसके सामान की तलाशी ली गई। उस ड्राइव को पुलिस ने छीन लिया था। छात्रा ने बताया कि उस पेन ड्राइव में भी 43 वीडियो थे, उसने वीडियो की कॉपी कर एक अन्य पेन ड्राइव घर में भी छिपा दी थी। उसे किसी पर भरोसा नहीं था, इसीलिए उस ड्राइव को पहले एसआईटी को नहीं दिया। अब जब एसआईटी पर भरोसा बढ़ा तब छिपाई पेन ड्राइव की वीडियो कॉपी कर एसआईटी को सौंप दी गई।
 
दंतमंजन-तौलिया तक समेट ले गई एसआईटी 
एसआईटी ने शनिवार को स्वामी चिन्मयानंद के दो महंगे मोबाइल, उनके शयनकक्ष में रखे दंतमंजन, तौलिया शनिवार को कब्जे में ले लिये। एलएलएम छात्रा ने आरोप लगाया था कि स्वामी ने बाथरूम में ताक झांक कर एक वीडियो बनाया था। एसआईटी अब स्वामी के मोबाइल फोन खंगालेगी।
 
छात्रा की मां से पूछताछ 
एसआईटी ने शनिवार को दोपहर बाद छात्रा की मां को पूछताछ के लिए पुलिस लाइन स्थित अपने अस्थाई कार्यालय बुलाया। इस बीच एसआईटी ने स्वामी के निजी स्टाफ व कालेज स्टाफ को भी बुलाया और एक-एक कर सबसे पूछताछ की। बताया जाता है कि जिन लोगों से पूछताछ हुई है, उसमें स्वामी चिन्मयानंद का रसोइया, दरबान, ड्राइवर भी शामिल है। एसएस लॉ कालेज के हास्टल की वार्डन को भी बुलाया गया था।विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, पीड़िता ने खुद के नहाते समय के वीडियो (कथित तौर पर स्वामी द्वारा बनवाया गया) के अलावा और भी तमाम आपत्तिजनक वीडियो जांच एजेंसी को सौंपे हैं। हालांकि पीड़िता के इन बयानों की पुष्टि के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह से लेकर राज्य पुलिस प्रवक्ता और एसआईटी का नेतृत्व कर रहे महानिरीक्षक नवीन अरोड़ा तक कोई बात करने को तैयार नहीं है।पुलिस के इन आला अधिकारियों से यह जानने के लिए भी संपर्क करने की कोशिश की कि क्या लड़की की शिकायत पर (सात दिन बाद भी) एसआईटी ने एफआईआर में दुष्कर्म की धारा जोड़ दी है? लेकिन किसी की भी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है। एसआईटी पहले से ही पूरे प्रकरण में मुंह बंद किए हुए है। उसका कहना है कि “जांच की निगरानी इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ कर रही है।” यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मामले का भंडाफोड़ होने के शुरुआती दौर से ही पीड़ित परिवार उप्र पुलिस पर स्वामी चिन्मयानंद की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने का आरोप लगाने लगा रही है। गौर करने वाली बात यह भी है कि इतने हाईप्रोफाइल मामले में नियमानुसार प्रतिदिन पुलिस-ब्रीफिंग की भी मीडिया उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन पुलिस ने पहले दिन से लेकर शनिवार तक पूरे प्रकरण में एक भी अधिकृत जानकारी मीडिया को नहीं दी है।
🕔tanveer ahmad

15-09-2019-स्वामी चिन्मयानंद की मुसीबतें हर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। दुराचार का आरोप लगाने वाली एलएलएम छात्रा ने एसआईटी को 43 वीडियो और सौंपे हैं। छात्रा का कहना है कि हर वीडियो में चिन्मयानंद...

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आकाश के साथ समंदर की भी निगहबानी करेगा फाइटर प्लेन तेजस

आकाश के साथ समंदर की भी निगहबानी करेगा फाइटर प्लेन तेजस730

👤14-09-2019-हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण के विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के तहत इस विमान ने शुक्रवार को विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत प्रदर्शित की। विमानवाहक पोत पर लड़ाकू विमान को \'एरेस्टेड लैंडिंग\' के तहत उतारा जाता है। इस लैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है। स्वदेशी तकनीक से विकसित भारत के इस हल्के लड़ाकू विमान के \'एरेस्टेड लैंडिंग\' से जुड़े सैन्य अधिकारियों ने बताया कि इस सफल परीक्षण से भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में पहुंच गया है जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम जेट विमान का डिजायन तैयार करने में समर्थ है। उन्होंने कहा कि गोवा के तट पर परीक्षण केंद्र में हुआ यह परीक्षण विमान के विमानवाहक पोत पर उतरने के बाद कुछ ही दूरी पर उसके रुक जाने की क्षमता दर्शाता है। इस लैंडिंग के दौरान विमान से विमानवाहक पोत का एक तार जुड़ जाता है जिससे उसकी गति घट जाती है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) एयरॉनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड के एयरक्रॉफ्ट रिसर्च एंड डिजायन सेंटर और सीएसआईआर के साथ मिलकर तेजस के इस नौसेना संस्करण के विकास में जुटा है। मंत्रालय ने कहा, \'\'गोवा में आईएनएस हंस पर इस परीक्षण से विमान के भारतीय नौसेना के विमानवाहक विक्रमादित्य पर उतरने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।\" इस विमान का नौसैन्य संस्करण अभी विकास के चरण में है। मंत्रालय ने कहा, \'\'यह एरेस्टेड लैंडिंग सच्ची स्वदेशी क्षमता का आगमन संकेत है और इस उल्लेखनीय उपलब्धि को अंजाम तक पहुंचाने की हमारी वैज्ञानिक बिरादरी की पेशेवर क्षमता को दर्शाता है।\" इस बीच डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि इस नौसेना हल्के लड़ाकू विमान के पहले प्रारूप (एनपी-1) ने करीब 40 मिनट तक उड़ान भरने के बाद 90 मीटर की पट्टी पर सफल लैंडिंग की। सूत्रों ने कहा, \'\'किसी भी सामान्य लड़ाकू हल्के विमान को उड़ान भरने और उतरने के लिए करीब एक किलोमीटर के रनवे की जरूरत होती है। लेकिन नौसेना संस्करण को उड़ान भरने के लिए 200 मीटर और उतरने के लिए 100 मीटर की पट्टी की आवश्यकता होती है। इस प्रकार यह टेक्स्ट बुक लैंडिंग (सटीक लैंडिंग) थी।\" वायुसेना तेजस विमानों की एक खेप अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। शुरू में हिंदुस्तान एयरॉनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को 40 तेजस विमानों के लिए आर्डर दिया गया था। पिछले साल वायुसेना ने 50,000 करोड़ रूपये में 83 और तेजस विमानों की खरीद के लिए एचएएल को अनुरोध प्रस्ताव दिया था।
🕔 एजेंसी

14-09-2019-हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसेना संस्करण के विकास की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम के तहत इस विमान ने शुक्रवार को विमान वाहक पोत पर उतरने की अपनी काबिलियत प्रदर्शित की। विमानवाहक...

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पाकिस्तान अपनी भलाई चाहता है, तो पीओके भारत को सौंप दे'

पाकिस्तान अपनी भलाई चाहता है, तो पीओके भारत को सौंप दे'919

👤14-09-2019-केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि यह पाकिस्तान के हित में है कि वह अपने कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत को सौंप दे क्योंकि कई खबरों में यह सामने आया है कि वहां के लोग पाक से नाखुश हैं और वे भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। अपने मंत्रालय की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए यहां मौजूद अठावले ने संवाददाताओं से कहा, \'\'नरेंद्र मोदी एक जोशीले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। पाकिस्तान इसे पचा नहीं पा रहा और उसने कश्मीर मुद्दा उठाने का एक बार फिर असफल प्रयास किया। पाकिस्तान को अब पीओके को हमें दे देना चाहिए और ऐसा करना पाकिस्तान के हित में होगा।” सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा, “अगर वह पीओके हमें सौंप देते हैं तो हम वहां कई उद्योग लगाएंगे। हम पाकिस्तान की व्यापार में मदद करेंगे और गरीबी एवं बेरोजगारी से लड़ने में भी सहयोग करेंगे।\" उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि पीओके में लोग नाखुश हैं और वे भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं। भाजपा की सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के प्रमुख अठावले ने कहा कि पाकिस्तान को युद्ध उन्माद फैलाने में नहीं शामिल होना चाहिए और न ही गीदड़ भभकियां देनी चाहिए। उनकी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ेगी या नहीं यह पूछने पर अठावले ने कहा कि वे 90 में से 10 सीटों पर लड़ेंगे। उनकी पार्टी हरियाणा में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ कोई उम्मीदवार उतारेगी, यह पूछने पर उन्होंने सीधे-सीधे जवाब नहीं दिया और कहा, “हम कांग्रेस के खिलाफ लड़ेंगे।”
🕔 एजेंसी

14-09-2019-केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि यह पाकिस्तान के हित में है कि वह अपने कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत को सौंप दे क्योंकि कई खबरों में यह सामने आया है कि...

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डीएल और गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं पास, तो आपके लिए ये है ऑप्शन

डीएल और गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं पास, तो आपके लिए ये है ऑप्शन432

👤14-09-2019-मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 के भारी जुर्मानों से बचने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व वाहन संबंधी दस्तावेजों की मूल कॉपी साथ लेकर चलने की जरुरत नहीं है। डिजिटल लॉकर अथवा एम-परिवहन मोबाइल ऐप में डाउनलोड डीएल व वाहनों के दस्तावेज मान्य हैं। इसलिए उनको दिखाने पर चालान नहीं होगा। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ई-दस्तावेजों को मूल दस्तावेज मानने व चालान नहीं करने के लिए राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है।सूत्रों ने बताया कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को जानकारी मिली है कि कई राज्यों में डिजिटल लॉकर अथवा एम परिवहन में डाउनलोड डीएल व वाहन दस्तावेजों को लेकर भ्रम की स्थिति है। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के कर्मचारी ई-दस्तावेजों को दिखाने के बाद भी लोगों के चालान काट रहे हैं। इसको देखते हुए मंत्रालय जल्द ही सभी राज्यों के पुलिस आयुक्त, परिवहन के प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त को दिशा-निर्देश जारी करने जा रहा है। डीएल नंबर डालने पर पूरी जानकारी मिलेगी
एम-परिवहन चालान कटने से बचाने के अलावा कई सुविधाएं मुहैया कराता है। जैसे इंश्योरेंस, पंजीकरण प्रणाम पत्र, प्रदूषण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस की तारीख कब समाप्त हो रही है इसकी जानकारी ऑनलाइन मिल सकेगी। आरटीओ की लोकेशन व सड़क परिवहन मंत्रालय की जनता से जुड़ी अधिसूचना की जानकारी मिल सकेगी। वहीं, सारथी ऐप में डीएल नंबर डालने पर ड्राइवर की संपूर्ण जानकारी मिलेगी।सड़क दुर्घटना की रिपोर्टिंग होगी
एम-परिवहन ऐप में यातायात उल्लंघन, सड़क दुर्घटना की रिपोर्टिंग होगी। इससे बार-बार यातायात नियम तोड़ने वालों का पता चल सकेगा। मोटर वाहन संशोधन विधेयक में दूसरी बार नियम तोड़ने पर डीएल जब्त करने और छह माह की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा चोरी की गाड़ी का पता चल सकेगा। यदि जीपीएस लगा है तो गाड़ी को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।वाहन चालकों से मूल कॉपी नहीं मांगी जाएगी
विदित हो कि मंत्रालय की ओर से 19 नवंबर 2018 को उक्त अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसमें उल्लेख है कि डिजिटल लॉकर व एम-परिवहन ऐप पर डाउनलोड डीएल व वाहन दस्तावेजों को वैध माना जाएगा। यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी उनका चालान नहीं करेंगे। साथ ही वाहन चालकों से मूल कॉपी की मांग नहीं करेंगे। 
🕔 एजेंसी

14-09-2019-मोटर वाहन संशोधन विधेयक 2019 के भारी जुर्मानों से बचने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) व वाहन संबंधी दस्तावेजों की मूल कॉपी साथ लेकर चलने की जरुरत नहीं है। डिजिटल लॉकर अथवा...

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