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अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा

अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा598

👤13-09-2019-यूपी के 9 जिला कार्यालयों के शिलान्यास समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। अनुच्छेद 370 के बहाने विपक्षी दलों को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी जैसी पार्टियां नहीं चाहती थीं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे। देश में एक संविधान, एक विधान और एक प्रधान की व्यवस्था लागू हो। यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटल संकल्प और अमित शाह की रणनीति थी कि 5 अगस्त की सुबह लोकसभा में चर्चा हुई और शाम को अनुच्छेद 370 धराशायी हो गया। इससे पहले देश के 108 कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होते थे।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब सबकुछ हो गया तो उन्होंने कहा कि हम तो सोचते थे कि सरकार 370 में कुछ परिवर्तन करेगी लेकिन आपने तो पूरा खत्म कर दिया। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया और 7 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसी के साथ देश के इतिहास में एक पन्ना और जुड़ गया।
कश्मीर के लोगों में ज्यादा खुशी
नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद देश के अन्य हिस्सों के लोगों से ज्यादा खुशी जम्मू कश्मीर के लोगों को है। जम्मू कश्मीर विशेषाधिकार कानून लागू होने से हमारी बहनें यदि राज्य से बाहर शादी करती थीं तो उन्हें संपत्ति से बेदखल होना पड़ता था। 2002 में इसमें बदलाव करते हुए संपत्ति का अधिकार तो दिया गया लेकिन यह जोड़ दिया गया कि दूसरे राज्य में शादी करने वाली बेटियों के बच्चों को संपत्ति का अधिकार नहीं होगा। अब जम्मू कश्मीर की बेटियों को बराबरी का अधिकार मिला।
दलितों को नहीं मिलता था आरक्षण
जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को आरक्षण नहीं मिलता था। पूरे राज्य में एक भी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं थी। विधानसभा, पार्लियामेंट और यहां तक कि स्थानीय निकायों में एक भी व्यक्ति जनजाति का नहीं पहुंचा। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद इस बिरादरी को भी अधिकार मिला। नए परिसीमन में 8-9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हो जाएंगी।
यूपी को 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज
उन्होंने कहा कि देश के साथ उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है। कांग्रेस ने 70 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए और योगी सरकार ने 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए। कानपुर समेत 9 शहरों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, गोरखपुर और वाराणसी में एम्स की शुरुआत की। सड़कों का जाल बिछाया। पहले गुंडों से नेता, पुलिस घबराती थी अब गुंडे खुद ही जेल जाने को तैयार हैं। 
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-यूपी के 9 जिला कार्यालयों के शिलान्यास समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। अनुच्छेद 370 के बहाने विपक्षी दलों को कठघरे...

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आधी रात को कान्हा ने लिया जन्म, उल्लास में डूबा ब्रज

आधी रात को कान्हा ने लिया जन्म, उल्लास में डूबा ब्रज173

👤25-08-2019-योगी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि एक बार फिर अपने आराध्य के प्राक्ट्योत्सव से धन्य हो उठी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के भागवत भवन की प्राचीर से उठी शंखध्वनि ने शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि 12 बजते ही समूचे वायुमंडल को गुंजित कर दिया। नंद घर आनंद भयै जै कन्हैया लाल की स्वरों पर जन्मोत्सव के उल्लास में डूबे लाखों भक्त जहां के तहां थिरक उठे। भावना का यह ज्वार थामे नहीं थमा। जन्मस्थान की सुरक्षा में तनीं संगीनें तक झुक गयीं। अपने आराध्य के प्राकट्योत्सव को लेकर इस बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान के साथ-साथ समूचे शहर में इंद्रधनुषी छटा बिखरी। रंग-बिरंगे कपड़ों से शहर के प्रमुख तिराहे-चौराहों को इंद्रधनुष के रूप में सजाया गया था। विद्युतीय प्रकाश से झिलमिला रहे श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में भक्तों के रेले के चलते पांव रखने तक की जगह नहीं थी। दो दिन से उमड़ रहा जनसैलाब शनिवार की रात्रि यहां चरम पर पहुंच गया। रात्रि 11 बजते ही कृष्ण जन्मस्थान के गर्भग्रह में जैसे ही देव आह्वान शुरु हुआ तो भक्तों का रेला धक्का-मुक्की में तब्दील होने लगा। उधर, भागवत भवन में बने पुष्प तेजोमहल का अद्भुत नजारा रहा। यहां 11.15 बजे 1008 कमल पुष्पों से ठाकुरजी का सहत्रार्चन जन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष व अयोध्या की मणिराम छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास महाराज ने किया। करीब 30 मिनट के सहस्त्रार्चन के बाद मंदिर सेवकों से जन्माभिषेक की तैयारी की तो लगा वक्त ठहर जाए। घड़ी की दोनों सुइयां जैसे ही 12 पर पहुंची ठाकुरजी के मंदिर का पर्दा डाल दिया। पर्दा लगते ही भक्त समूह जय कन्हैया लाल की के जयघोष पर झूमने लगा। यहां दिव्य खीरे से ठाकुरजी का प्राक्ट्य हुआ। इसके साथ ही जन्म आरती और चांदी की कामधेनु गाय से चांदी के कमल पुष्प पर ठाकुरजी की चल प्रतिमा विराजमान की गयी। तत्पश्चात, श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्र्स्ट के अध्यक्ष व अयोध्या की मणिराम छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के सानिध्य में जन्माभिषेक शुरु होते ही भागवत भवन परिसर में हलचल तेज हो गयी। भक्तों के रेले को आगे बढ़ाने में सुरक्षाकर्मियों के पसीने छूटने लगे। ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी अनुराग डालमियां व संत-महंतों ने भी करीब 25 मिनट तक अभिषेक किया। तत्पश्चात, ठाकुरजी की शृंगार आरती हुई। जन्माभिषेक में जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी व्यवस्थाएं संभाले रहे। शृंगार आरती के बाद पट बंद होने तक भक्तों का रेला नहीं थमा।श्रीकृष्ण जन्माभिषेक मिनट-दर-मिनट
11.00 बजे    श्रीगणेश नवग्रह पूजन
11.15 बजे    देव आहवान
11.20 बजे    1008 कमल पुष्पों से सहस्त्रार्चन
11.50 बजे    श्रीकृष्ण जन्माभिषेक की तैयारी
11.59 बजे    भागवत भवन मंदिर के पर्दा बंद    
12.00 बजे    खीरे से सालिग्राम का प्राकट्य
12.00 बजे    चांदी के कमल पुष्प पर ठाकुरजी विराजमान
12.05 बजे    श्रीकृष्ण जन्म की आरती
12.15 बजे    कामधेनू गाय के थन से अभिषेक प्रारंभ
12.40 बजे    ठाकुरजी की शृंगार आरती
108 लीटर गो-दूध से महाभिषेक
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर ठाकुरजी के जन्माभिषेक में 108 लीटर गो-दूध के अलावा दही, शहद, गो-घृत, बूरा आदि का प्रयोग किया गया। जन्माभिषेक के पश्चात मंदिर के निकास द्वार पर ठाकुरजी के  पंचामृत के वितरण के विशेष इंतजाम किए गए थे। मंदिर प्रबंधकों द्वारा रात्रि डेढ़ बजे तक प्रत्येक भक्त को पंचामृत का प्रसाद उपलब्ध कराया गया।अद्भुत पोशाक ने भक्तों को लुभाया
जन्माष्टमी पर भागवत भवन में विराजमान युगल जोड़ी के लिए तैयार की गयी सिल्क, जरदोजी और नगों की मृगांक कौमुदी पोशाक को मथुरा-कलकत्ता के विशेष कारीगरों द्वारा तैयार किया था। यह पोशाक प्रात: पुष्पांजलि के पश्चात ठाकुरजी को धारण करायी गयी। मोरक्षला रही आकर्षण का केंद्र
अभिषेक के लिए श्रीकृष्ण जन्मस्थान के भागवत भवन में ठाकुरजी के चल विग्रह को मोर्छलासन पर विराजमान किया गया। मोर्छलासन हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। स्वर्ण मंडित रजत कामधेनु स्वरूपा गो-प्रतिमा एवं ब्रजरत्न मुकुट व रजत कमल-पुष्प के दर्शन भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा।
🕔tanveer ahmad

25-08-2019-योगी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि एक बार फिर अपने आराध्य के प्राक्ट्योत्सव से धन्य हो उठी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के भागवत भवन की प्राचीर से उठी शंखध्वनि ने शनिवार-रविवार की मध्य...

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ग्रहों की स्थिति आज भी कृष्ण जन्म जैसी, यह है पूजा का विधान

ग्रहों की स्थिति आज भी कृष्ण जन्म जैसी, यह है पूजा का विधान703

👤24-08-2019-इस बार जन्माष्टमी पर वैसी ही ग्रह स्थिति है, जैसी श्री कृष्ण के जन्म के समय बनी थी। दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान से आचार्य शरद चतुर्वेदी साहित्याचार्य ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार द्वापर युग में जब भगवान कृष्ण का मथुरा में कंस के कारागार में अवतार हुआ उस समय रोहिणी नाम का नक्षत्र था, वृष राशि के उच्च राशि में चंद्रमा सिंह राशि में सूर्य देव विचरण कर रहे थे, भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि को निशीथ बेला में मध्य रात्रि में भगवान का जन्म हुआ था। आज वही रोहिणी नक्षत्र पुन: जन्म के समय आ गया है। ग्रह स्थिति भी उसी प्रकार की आ गई है। पंडित अमित भारद्वाज का कहना है कि चंद्रवंशी कृष्ण के जन्म के समय द्वापर में हुई घटना आज भी घटित होती हैं। श्रीमद् भागवत दसम् स्कंध में कृष्ण जन्म प्रसंग में उल्लेख मिलता है कि जिस समय पृथ्वी पर अर्धरात्रि में कृष्ण अवतरित हुए ठीक उसी समय आकाश में कृष्ण के पूर्वज चंद्रदेव प्रकट हुए। नारायण द्वारा अपने कुल में जन्म को लेकर चंद्रमा को उत्सुकता थी, वह अपने वंशज के जन्म का साक्षी बने। हालांकि ब्रज में उस समय घनघोर बादल छाए थे लेकिन चंद्रदेव ने दिव्य दृष्टि से अपने वंशज को जन्म लेते दर्शन किए। आज भी कृष्ण जन्म के समय अर्धरात्रि में चंद्रमा उदय होता है। 24 अगस्त को चंद्रोदय रात 12 बजे का पंचांग में दिया हुआ है। भारद्वाज ने कहा है कि चंद्रमा की सबसे प्रिय पत्नी रोहिणी है, इसीलिए कृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया। पूजा का विधान
कामेश्वर चतुर्वेदी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी तिथि को प्रात: काल ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर स्नान आदि से निवृत्त होकर जन्मोत्सव व्रत करूंगा इस तरह से संकल्प करके पूजन की सभी सामग्री एकत्र करें। अपने घर में झांकियां भी बनाएं, रोली चावल, नाना प्रकार के पुष्प, खीरा, पांच प्रकार के फल, केले के पत्ते खिलौने, खरबूजे की मिर्गी और गोला का पाग बनाएं, पंजीरी, पंचामृत बनाएं, पान, सुपारी, धूप-दीप नैवेद्य प्रस्तुत करें। व्रत के दिन बार-बार जलपान नहीं करें, तांबूल (पान) भक्षण नहीं करें, झूठ नहीं बोलें, नाखून नहीं काटें, दिन में शयन नहीं करें, किसी की निंदा नहीं करें। जब रात का 12:00 बजने का समय आए, उससे पूर्व एक खीरे में भगवान श्रीकृष्ण को बैठाए।
वेद मंत्र, पद्य आदि बोलते हुए भगवान का 12:00 बजे जन्म करें और पंचामृत में स्नान कराएं। 
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24-08-2019-इस बार जन्माष्टमी पर वैसी ही ग्रह स्थिति है, जैसी श्री कृष्ण के जन्म के समय बनी थी। दीपक ज्योतिष भागवत संस्थान से आचार्य शरद चतुर्वेदी साहित्याचार्य ने बताया कि भविष्य...

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