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राफेल में हवा में ही ईंधन भरने की तस्वीरें आईं सामने, जानें विमान की और खूबियां

राफेल में हवा में ही ईंधन भरने की तस्वीरें आईं सामने, जानें विमान की और खूबियां387

👤28-07-2020-नई दिल्ली । अत्‍याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल 29 जुलाई (बुधवार) को अंबाला पहुंचने वाला है। राफेल लड़ाकू जेट विमान के हवा के बीच ही ईंधन भरने की तस्वीरें सामने आईं हैं। राफेल की इस पहली रोमांचक उड़ान पर भारतीय वायुसेना का कहना है कि हमारी राफेल यात्रा के लिए प्रांसीसी वायुसेना द्वारा दिए गए समर्थन की हम सरहाना करते हैं। वहीं,  इस पर भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन ने कहा कि भारतीय तकनीशियनों और पायलटों ने फ्रांस में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। वे पूरी तरह से इन विमानों को उड़ाने में सक्षम हैं।राफेल में वो सारी चीजें मौजूद हैं जो एक युद्धक विमान में होती हैं। राफेल का निशाना अचूक है। राफेल ऐसा हथियार है, जो दुश्मन को न केवल जवाब देता है बल्कि उसे हमला करने का मौका भी नहीं देता है। राफेल की अधिकतम स्पीड  2222 किमी/घंटा है बताया जा रहा है कि राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। राफेल विमान में भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल किए गए हैं यानी भारतीय वायुसेना के हिसाब से ये विमान युद्ध क्षेत्र में बिल्कुल फिट बैठता है। 
🕔 एजेंसी

28-07-2020-नई दिल्ली । अत्‍याधुनिक मिसाइलों और घातक बमों से लैस भारतीय वायुसेना के सबसे घातक फाइटर जेट राफेल 29 जुलाई (बुधवार) को अंबाला पहुंचने वाला है। राफेल लड़ाकू जेट विमान के हवा...

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चुप्पी को हथियार बनाकर लड़ रहे हैं सचिन पायलट, अभी तक कांग्रेस को लेकर नहीं की टिप्‍पणी

चुप्पी को हथियार बनाकर लड़ रहे हैं सचिन पायलट, अभी तक कांग्रेस को लेकर नहीं की टिप्‍पणी114

👤28-07-2020-जयपुर । राजस्थान के राजनीतिक संकट के केंद्र बिंदु बने सचिन पायलट और उनका खेमा चुप्पी को हथियार बनाकर लड़ाई लड़ रहा है। पायलट तो लगभग शांत ही हैं, वहीं उनके साथी विधायक जरूर बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन वह भी मुख्यत: घटनाओं, बयानों की प्रतिक्रियाओं के रूप में ही है। आमतौर पर इस तरह के राजनीतिक संकट जैसे मामलों में एक-दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर चलता है, लेकिन राजस्थान की तस्वीर कुछ अलग दिखाई दे रही है। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का रूख तीखा दिख रहा है। सचिन के लिए उनका निकम्मा और नकारा वाला बयान किसी भी नेता के लिए उनकी आज तक की तीखी प्रतिक्रिया बताई जा रही है। गहलोत खेमे के अन्य नेता पायलट को लेकर सीधा बयान नहीं दे रहे है। हालांकि, उनके साथियों पर हमले जरूर किए जा रहे हैं। दो दिन पहले ही परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बागी विधायक वेदप्रकाश सोलंकी पर तीखा हमला बोला था, जिसका सोलंकी ने एक वीडियो जारी कर जवाब दिया। वहीं, दूसरे यानी पायलट खेमे की बात करें, तो इस खेमे की ओर से सीधा कोई बयान नहीं आ रहा है। जो भी बात आ रही है, वह प्रतिक्रिया के रूप में आ रही है। खुद सचिन पायलट ने अभी तक इस मामले में सिर्फ एक बड़ा बयान जारी किया है। यह बयान भी गहलोत के निकम्मा, नकारा वाले बयान और गहलोत खेमे के एक विधायक गिर्राज मलिंगा को कथित तौर पर 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिए जाने की प्रतिक्रिया था।
🕔 एजेंसी

28-07-2020-जयपुर । राजस्थान के राजनीतिक संकट के केंद्र बिंदु बने सचिन पायलट और उनका खेमा चुप्पी को हथियार बनाकर लड़ाई लड़ रहा है। पायलट तो लगभग शांत ही हैं, वहीं उनके साथी विधायक जरूर...

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सुशांत सिंह मामले में नया मोड़, पिता ने गर्लफ्रेंड रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज कराया केस

सुशांत सिंह मामले में नया मोड़, पिता ने गर्लफ्रेंड रिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने का दर्ज कराया केस86

👤28-07-2020-सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सहित दो अन्य पर लगाया गया है। पुलिस ने रिया के खिलाफ आइपीसी की धारा 341, 342, 380, 406, 420, 306, 506 और 120 बी के तहत एफआइआर नंबर 241/20 दर्ज किया है।मुंबई पहुंची बिहार पुलिस के चार जवानएसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार को प्राथमिकी दर्ज की गई है। राजीव नगर के थानेदार निशांत केस के अनुसंधानकर्ता हैं। प्राथमिकी दर्ज करने के बाद निशांत सहित चार सदस्यीय टीम को मुंबई भेजा गया है। टीम मुंबई पहुंच गई है और वहां की पुलिस से संपर्क में है
🕔 एजेंसी

28-07-2020-सुशांत की कथित गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती सहित दो अन्य पर लगाया गया है। पुलिस ने रिया के खिलाफ आइपीसी की धारा 341, 342, 380, 406, 420, 306, 506 और 120 बी के तहत एफआइआर नंबर 241/20 दर्ज किया है।मुंबई...

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भारत का एक ऐसा किला जहां हज़ारों लोग रहते हैं बिना रेंट के

भारत का एक ऐसा किला जहां हज़ारों लोग रहते हैं बिना रेंट के582

👤25-07-2020-दिल्ली । राजस्थान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर साल हजारों की संख्या में विदेशी सैलानी यंहा घूमने आते हैं। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल अधिक संख्या में सैलानी नहीं आ रहे हैं। इस राज्य में कई ऐसे शहर हैं जो अपनी विरासत के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। इनमें एक शहर जैसलमेर है। यह शहर राजस्थान के रेगिस्तान थार में बसा हुआ है। ऐसा कहा जाता है कि द्वापर युग में महाभारत युद्ध के बाद बड़ी संख्या में यादव यहां आकर बस गये। इस शहर की स्थापना 12 वीं शताब्दी में यदुवंशीयों द्वारा की गई थी। जबकि जैसलमेर किले की स्थापना राजा रावल जैसल द्वारा 1156 में की गई है। यह शहर सुंदर हवेलियां, जैन मंदिरों और किले के लिए विश्व विख्यात है। इस वजह से जैसलमेर का नाम यूनेस्को में दर्ज है। इसे ज़िंदा किला के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि दुनियाभर की कई सुंदर हवेलियां को होटल में बदल दिया गया है, लेकिन जैसलमेर का किला आज भी अपने पुरातन रूप में मौजूद है। इस किले के अंदर वर्तमान समय में 4 हजार से अधिक लोग रहते हैं जो पर्यटन के माध्यम से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। जबकि किले में 1 हजार से अधिक लोग मुफ्त में रहते हैं। उन्हें रहने के लिए रेंट नहीं देना पड़ रहा है। यह जान आप हैरान हो गए होंगे, लेकिन बात सच्ची है। इतिहासकारों की मानें तो राजा रावल जैसल सेवादारों की सेवा से बहुत प्रसन्न हुए थे। इसके बाद उन्होंने सेवादारों को 1500 फीट लंबा किला देने का फैसला किया। उस समय से अब तक सेवादारों के वंशज जैसलमेर किले में मुफ्त में रहते हैं। अगर बात करें किले की तो यह 16,062 वर्ग मील में फैला है। जबकि 99 बुर्ज अर्थात गढ़ हैं और जो 250 फिट लंबा है। किले की दीवार पीले बलुआ पत्थरों से बनी है और छत तकरीबन 3 फ़ीट कीचड़ से ढ़का है। इससे गर्मी के दिनों में राहत मिलती है। इस किले में जालीदार खिड़कियां हैं, जिनसे हवा किले के अंदर आती है।
🕔 एजेंसी

25-07-2020-दिल्ली । राजस्थान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर साल हजारों की संख्या में विदेशी सैलानी यंहा घूमने आते हैं। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी के चलते इस साल अधिक संख्या...

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नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत से टूटी नक्सलवाद की कमर, पर्चा जारी कर मानी बात

नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत से टूटी नक्सलवाद की कमर, पर्चा जारी कर मानी बात920

👤25-07-2020-जगदलपुर। दंडकारण्य समेत देशभर में तेजी से सिकुड़ रहा नक्सलवाद नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत के बाद और कमजोर हुआ है। बस्तर में साढ़े तीन दशक तक नक्सलवाद की कमान संभालने वाले रावुलू श्रीनिवास उर्फ रमन्ना की मौत के आठ महीने बाद भी नक्सली उसकी जगह नया नेता नहीं तलाश पाए हैं। रमन्ना दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव और सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। उसकी मौत से बस्तर में नक्सल आंदोलन को बड़ा झटका लगा है। अन्य बड़े नक्सली नेताओं की मौत से संगठन में बिखराव संभव है।\r\nशहीदी सप्ताह मनाने जा रहे नक्‍सली\r\nनक्सली 28 जुलाई से मारे गए साथियों की याद में शहीदी सप्ताह मनाने जा रहे हैं। इस मौके पर नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने पर्चा जारी कर यह स्वीकार किया है कि एक साल में देशभर में बीमारी, मुठभेड़ और कथित मुठभेड़ में उनके 105 साथी मारे गए हैं। इनमें बिहार-झारखंड के चार, दंडकारण्य के 67, आंध्र-ओडिशा बॉर्डर इलाके के 14, सेंट्रल रिजर्व कमेटी नंबर-दो का एक, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन के नौ और पश्चिमी घाट इलाके के चार नक्सली शामिल हैं।\r\n\r\n\r\n\r\n\r\nनक्सलियों को बड़ा नुकसान\r\nनक्सलियों ने साथियों की मौत से हुए नुकसान के क्रम में रमन्ना को सबसे ऊपर रखा है। सात दिसंबर को बीमारी के चलते उसकी मौत हुई थी। इसके बाद क्रमवार नक्सली नेताओं में पश्चिमी घाट (कर्नाटक-तमिलनाड़ु-केरल सीमा) के स्टेट जोनल कमेटी के सदस्य मणिवासगम (अप्पू, संदरेश) की मौत 28 अक्टूबर 2019 को मुठभेड़ में, पश्चिम बंग राज्य कमेटी के पूर्व सचिव सुदीप चोंगदार की मौत आठ फरवरी 2019 को जेल में सेरेब्रल मलेरिया से, महिला नक्सली नेता सृजना की मौत दो मई को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुठभेड़ में हुई। इनके अलावा एमएमसी के मनिराम (सुखदेव), आंध्र ओडिशा बार्डर के राकेश, पश्चिमी घाट में गणेश व मनोहर, दंडकारण्य के अशोक उर्फ रैनू की मौत को भी नक्सलियों ने बड़ा नुकसान माना है।
🕔 एजेंसी

25-07-2020-जगदलपुर। दंडकारण्य समेत देशभर में तेजी से सिकुड़ रहा नक्सलवाद नौ बड़े नक्सली नेताओं की मौत के बाद और कमजोर हुआ है। बस्तर में साढ़े तीन दशक तक नक्सलवाद की कमान संभालने वाले...

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यूपी में परीक्षा देने वाले सभी 45,000 शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक नियुक्त किया जाए, सुप्रीम कोर्ट में दलील

यूपी में परीक्षा देने वाले सभी 45,000 शिक्षा मित्रों को सहायक शिक्षक नियुक्त किया जाए, सुप्रीम कोर्ट में दलील899

👤25-07-2020-नई दिल्ली । उत्‍तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठे करीब 45000 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक नियुक्त किया जाए। उनका कहना है कि सभी ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास की है। यह भी दलील दी गई कि 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए जो ये पद निकाले गए हैं, ये सहायक शिक्षक के तौर पर नियमित हुए 1,37,500 शिक्षामित्रों को वापस शिक्षामित्र बनाये जाने से सृजित हुए हैं, इसलिए इन पदों पर शिक्षामित्रों का ही अधिकार बनता है। हालांकि बीएड और बीटीसी अभ्यर्थियों तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों की याचिका का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69,000 पदों पर भर्ती का है। शिक्षामित्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर भर्ती परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक सामान्य वर्ग के लिए 65 फीसद और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसद रखे जाने को चुनौती दी है। उनकी मांग है कि न्यूनतम योग्यता अंक पूर्व भर्ती परीक्षा की तरह 45 और 40 फीसद ही होने चाहिए।  सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2017 को आनंद कुमार यादव के केस में फैसला देते हुए शिक्षामित्र से सहायक शिक्षक पद पर नियमित हुए 1,37,500 शिक्षामित्रों का नियमन रद कर दिया था। उस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछली बार 68,500 और इस बार 69,000 सहायक शिक्षकों की भर्ती निकाली है। दोनों भर्तियों को अगर मिलाया जाए तो कुल वही पद हैं जो शिक्षामित्रों से खाली हुए हैं। \r\nसहायक शिक्षक नियुक्त किया जाए\r\nधवन ने कहा कि तब शिक्षामित्रों की भर्ती इसलिए रद हुई थी कि वे टीईटी पास नहीं थे, अब एटीआर परीक्षा में बैठे सभी लगभग 45000 शिक्षामित्रों टीईटी पास कर लिया है। ऐसे में उन सभी को सहायक शिक्षक नियुक्त किया जाना चाहिए। शेष सीटों पर अभ्यर्थियों की मेरिट तय होनी चाहिए। लेकिन बीएड अभ्यर्थियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने इन दलील का विरोध किया।\r\n\r\nएनसीटीई के नियम का पालन जरूरी\r\nहरीश साल्वे ने कहा कि उस फैसले में शिक्षामित्रों की नियुक्ति रद करते हुए कोर्ट ने कहा था कि इन्हें बिना खुली भर्ती और स्पर्धा के नियुक्ति दी गई है जो कि समानता का अधिकार का उल्लंघन है। साल्वे ने कहा कि इसलिए वे 1,37,500 पद आम अभ्यर्थियों के थे न कि शिक्षामित्रों के। बीएड को भर्ती में शामिल करने की तरफदारी करते हुए साल्वे ने कहा कि रूल एनसीटीई ने बनाया है और उसका पालन करना राज्यों के लिए जरूरी है।\r\n\r\nसरकार ने यह दी दलील\r\nउत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ऐश्वर्या भाटी और राकेश कुमार मिश्रा ने कहा कि सरकार को शिक्षामित्रों का विरोधी बताया जा रहा जबकि ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने आनंद कुमार केस में शिक्षामित्रों को भर्ती में शामिल होने के लिए उम्र और भारांक की छूट दी थी। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए सबसे अधिक भारांक तय किया है। कोर्ट ने ही गत जनवरी में भोला प्रसाद के केस में सुझाव दिया था कि शिक्षामित्रों को चार वर्ष के अनुभव पर भारांक का एक अंक दिया जाना चाहिए जबकि सरकार ने इस मामले में शिक्षामित्रों को एक साल के अनुभव पर ढाई अंक का भारांक दिया है। कोई भी शिक्षामित्र दस वर्ष से कम अनुभव का नहीं है इसलिए अधिकतम 25 भारांक तय हैं। 
🕔 एजेंसी

25-07-2020-नई दिल्ली । उत्‍तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में बैठे करीब 45000 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक...

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यूपी STF ने बाराबंकी में एक लाख के इनामी बदमाश टिंकू कपाला को मुठभेड़ में मार गिराया

यूपी STF ने बाराबंकी में एक लाख के इनामी बदमाश टिंकू कपाला को मुठभेड़ में मार गिराया742

👤25-07-2020-लखनऊ। कानपुर के कुख्यात विकास दुबे के बाद यूपी एसटीएफ ने एक और शातिर अपराधी टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर को शुक्रवार देर रात बाराबंकी जिले के सदर थाना क्षेत्र में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। टिंकू कपाला पर डकैती जानलेवा हमला, आर्म्स एक्ट, साजिश रचने समेत 22 मुकदमे लखनऊ समेत अलग-अलग जिलों में दर्ज हैं। लखनऊ के कृष्णानगर में आरके ज्वेलर्स के यहां टिंकू कपाला ने अपने साथियों संग मिलकर दो लोगों की हत्या कर डकैती डाली थी। इस घटना के बाद उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। शातिर अपराधी टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर मूलरूप से लखनऊ के 417/1276 दिलराग बारादरी निवाजगंज, थाना चौक का रहना वाला था। उसने कई वारदात को अंजाम दिया था और पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। लखनऊ पुलिस लंबे समय से टिंकू कपाला की तलाश कर रही थी। अपराध की दुनिया में लगातार खुलते उसके हाथों के देख ही डीजीपी ने पिछले साल 22 जुलाई को उसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक शुक्रवार देर रात में मुखबिर की सूचना पर बाइक से जा रहे दो संदिग्धों को रोका गया। इस पर बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी।\r\n\r\nबाराबंकी सतरिख रोड पर हुई मुठभेड़\r\n\r\nपुलिस अधीक्षक बाराबंकी डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि टिंकू कपाला अपने एक साथी के साथ देर रात बाइक से बाराबंकी से सतरिख की ओर जा रहा था। सतरिख से करीब एक किलोमीटर पहले पेट्रोल पंप के पास पुलिस से मुठभेड़ हुई है, जिसमें टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर की गोली लगने से मौत हो गई है, जबकि उसका साथी भाग निकला। फरार बदमाश की तलाश की जा रही है। पुलिस ने एक अवैध असलहा और बाइक बरामद की है।\r\nघर का बाहर ताला लगा करता रहा गुमराह\r\nटिंकू कपाला चौक में करबला के पास एक किराए का कमरा लेकर रहता था। पुलिस को चकमा देने के लिए कमरे में बाहर से ताला लगाता था। कई बार पुलिस उसके घर के बाहर गई लेकिन दरवाजे पर ताला देखकर लौट आई। आर के ज्वेलर्स के यहां डकैती के बाद जब पुलिस ने छानबीन की तो पता चला कि टिंकू पुलिस को गुमराह करने के लिए ऐसा करता था।\r\nघरवाले पहुंचाते थे खाना\r\nटिंकू हर रोज मां के हाथ का बना खाना ही खाता था रात के समय उसकी मां या परिवार का कोई सदस्य टिफिन लेकर उसे खिड़की के रास्ते दे देता था लंबे समय तक टिंकू किराए के कमरे में ही रहा लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगी। टिंकू ने शादी नहीं की थी। वह नाम और पता बदलकर अलग-अलग ठिकानों पर रहता था टिंकू ने कुछ साल पहले वृंदावन योजना सेक्टर 10 में और मोहनलालगंज में किराए का फ्लैट लिया था और लंबे समय तक वहीं छिपकर रहा था।
🕔 एजेंसी

25-07-2020-लखनऊ। कानपुर के कुख्यात विकास दुबे के बाद यूपी एसटीएफ ने एक और शातिर अपराधी टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर को शुक्रवार देर रात बाराबंकी जिले के सदर थाना क्षेत्र में एनकाउंटर...

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राज्यपाल ने अशोक गहलोत को लिखा पत्र, राजभवन के घेराव को लेकर उठाए सवाल

राज्यपाल ने अशोक गहलोत को लिखा पत्र, राजभवन के घेराव को लेकर उठाए सवाल287

👤25-07-2020-नई दिल्ली । राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने की कवायद तेज कर दी है। उन्होंने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की। बात नहीं बनने पर गहलोत समर्थक कांग्रेसी विधायक राजभवन में धरने पर बैठ गए थे। राजभवन में धरना दे रहे कांग्रेस के विधायकों ने देर रात धरना खत्म किया और उसके बाद बस में बैठकर होटल की ओर रवाना हो गए थे। वहीं, इसके बाद राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कई सवाल उठाए। शुक्रवार को राजभवन का घेराव किए जाने पर उन्होंने पत्र में लिखा कि यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो क्या होगा? \r\nराज्यपाल ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र\r\nराजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने राजभवन घेराव को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करूं। आपने परंपरागत रूप से कहा है कि राजभवन का घेराव किया गया है। यह तो आपकी जिम्मेदारी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर राज्यपाल की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी मुख्यमंत्री का ऐसा कहते नहीं सुना है। क्या यह गलत चलन की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन में आकर विरोध करते हैं।\r\nराज्यपाल ने गहलोत से पूछे ये सवाल\r\nराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कई सवाल पूछे हैं। जिसमें विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और न ही केबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है। दूसरा सवाल यह है कि अल्प सूचना पर सत्र बुलाए जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और न ही कोई एजेंडा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है।
🕔 एजेंसी

25-07-2020-नई दिल्ली । राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार बचाने की कवायद तेज कर दी है। उन्होंने...

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गोंडा में दिनदहाड़े किराना व्यवसाई के बेटे का अपहरण, मांगी चार करोड़ फिरौती

गोंडा में दिनदहाड़े किराना व्यवसाई के बेटे का अपहरण, मांगी चार करोड़ फिरौती38

👤24-07-2020-गोंडा। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बाद अब गोंडा में अपहरण का मामला सामने आया है। शुक्रवार की दोपहर मास्क व सैनिटाइजर बांटने के बहाने बदमाशों ने किराना व्यवसाई के आठ वर्षीय बेटे का अपहरण कर लिया। बताया जा रहा है कि बच्चे को छोड़ने के लिए व्यवसायी से चार करोड़ रुपये की मांग की गई है। फिल्मी स्टाइल में हुई घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई है। \r\nमास्क व सैनिटाइजर देने के बहाने किया अगवा \r\nमामला कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र का है। कस्बे के गाड़ी बाजार मुहल्ला निवासी किराना व्यवसाई रामजी गुप्त ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर दो व्यक्ति उनके घर पर आए। उन लोगों ने खुद को स्वास्थ्य विभाग से होने की जानकारी देते हुए मास्क व सैनिटाइजर बांटने की बात कही। भाई हरी गुप्त से मोबाइल नंबर लेते हुए कहा कि मास्क व सैनिटाइजर देने के लिए किसी को गाड़ी तक भेज दीजिए। इस पर परिवारजन ने हरि के आठ वर्षीय पुत्र आरुष उर्फ नमो को भेज दिया। बताया गया कि कार सवार बदमाश बच्चे को वहीं से अगवा कर भाग निकले। कुछ देर बाद बच्चा वापस घर नहीं लौटा तो परिवारजनों ने खोजबीन शुरू की। तभी हरी गुप्त के मोबाइल पर फोन करके बदमाशों ने फिरौती की मांग की। साथ ही पुलिस को जानकारी न देने की धमकी भी दी। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई है। कर्नलगंज कोतवाल राजनाथ सिंह मांगी गई फिरौती की रकम के बारे में कुछ भी बताने से गुरेज कर रहे हैं।\r\nपुलिस चौकी के पीछे है मकान\r\nकिराना व्यवसाई का घर कर्नलगंज कस्बे में पुलिस चौकी के पीछे है। दिनदहाड़े हुई इस वारदात से पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। पुलिस अब सीसी कैमरे की फुटेज से बदमाशों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

24-07-2020-गोंडा। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बाद अब गोंडा में अपहरण का मामला सामने आया है। शुक्रवार की दोपहर मास्क व सैनिटाइजर बांटने के बहाने बदमाशों ने किराना व्यवसाई के आठ वर्षीय...

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योगी आदित्यनाथ पुलिस से बेहद नाराज, कानपुर में ASP व CO सहित 11 पुलिसकर्मी निलम्बित

योगी आदित्यनाथ पुलिस से बेहद नाराज, कानपुर में ASP व CO सहित 11 पुलिसकर्मी निलम्बित910

👤24-07-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हो गए हैं। कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन के अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में पत्रकार की हत्या के मामलों से सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं। उनकी नाराजगी का असर कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 11 पुलिसकर्मी के निलम्बन के रूप में हुआ है। सरकार ने पुलिस कार्रवाई में लापरवाही, अपराधियों के बच निकलने, फिरौती की रकम दिए जाने समेत अन्य बिंदुओं पर जांच एडीजी पुलिस मुख्यालय बीपी जोगदंड को सौंपी है। एडीजी ने कानपुर पहुंचकर अपनी जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में युवक संजीत की अपहरण के बाद हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर कड़ी कार्रवाई की है। शासन ने कानपुर नगर में तैनात 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता और तत्कालीन सीओ गोविंदनगर मनोज गुप्ता समेत 11 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है। अपर्णा गुप्ता कानपुर नगर में एएसपी दक्षिण के पद पर तैनात थीं और अपहरण कांड में उनकी भूमिका पर भी सवाल उठे थे। संजीत अपहरण कांड के पर्यवेक्षण में लापरवाही के चलते एएसपी अपर्णा गुप्ता तथा तत्कालीन सीओ गोविंदनगर मनोज गुप्ता के निलम्बन का निर्णय लिया गया। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की दुस्साहसिक वारदात के बाद युवक के अपहरण की घटना को लेकर विपक्ष ने कानून-व्यवस्था पर तीखा हमला बोला था। इसके बाद सरकार डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। कानपुर में पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव का अपहरण 22 जून को हुआ था। पुलिस ने इस मामले में बदमाशों को परिवार से फिरौती की रकम भी दिलवाई थी, लेकिन उन्हें दबोच नहीं सकी थी। बदमाशों ने संजीत की हत्या कर उसका शव नदी में फेंक दिया था। शासन के निर्देश पर कानपुर के बर्रा थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रणजीत राय, चौकी प्रभारी राजेश कुमार के अलावा उपनिरीक्षक योगेंद्र प्रताप सिंह, आरक्षी अवधेश, दिषु भारती, विनोद कुमार, सौरभ पाण्डेय, आरक्षी मनीष व शिव प्रताप को निलम्बित किया गया है।
🕔tanveer ahmad

24-07-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराध को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के तेवर काफी सख्त हो गए हैं। कानपुर के बिकरू कांड के बाद लैब टेक्नीशियन के अपरहण व हत्या तथा गाजियाबाद में...

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