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सीएम योगी ने कहा- स्वच्छता व सैनिटाइजेशन से नियंत्रित होगा कोरोना, साप्ताहिक बंदी इसी प्रयास का हिस्सा

सीएम योगी ने कहा- स्वच्छता व सैनिटाइजेशन से नियंत्रित होगा कोरोना, साप्ताहिक बंदी इसी प्रयास का हिस्सा228

👤14-07-2020-लखनऊ । उत्तर प्रदेश में शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी लागू किए जाने पर जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा सवाल उठा रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी योजना बिल्कुल स्पष्ट कर दी है। सीएम योगी का कहना है कि स्वच्छता और सैनिटाइजेशन से न केवल कोविड-19, बल्कि संचारी रोगों को भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शनिवार और रविवार की साप्ताहिक बंदी इसी प्रयास का हिस्सा है। योगी ने कहा कि इस दौरान मेडिकल स्क्रीनिंग, सर्विलांस टीम और एंबुलेंस सेवा को सक्रिय रखते हुए बीमारी में मृत्यु दर पर काबू पाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ बैठक कर अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा की। कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने में सर्विलांस की भूमिका पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सर्विलांस टीम की सक्रियता से कोरोना के संक्रमण को रोका जा सकता है। सर्विलांस टीम के पास इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और सैनिटाइजर अवश्य हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी कोविड और नॉन कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए। प्रत्येक स्तर के अस्पताल में फायर सेफ्टी के सभी प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने जिले के अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग करें। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अतुल गर्ग और मुख्य सचिव आरके तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। दुकानें खोलने का समय सुबह नौ से रात नौ बजे तक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्यवस्था बनाई है कि प्रदेशभर में स्वच्छता और सैनिटाइजेशन का अभियान व्यापक स्तर पर लगातार चलाया जाए। इसके लिए शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी के निर्देश दिए हैं। पिछले शनिवार और रविवार को बंदी की तो लॉकडाउन जैसी स्थिति रही। आर्थिक गतिविधियां और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद रखा गया था। इसे लेकर कई जगह असमंजस की स्थिति भी थी। इसे देखते हुए मंगलवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने दो दिन की बंदी और पांच दिन की व्यवस्था के संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी। इसमें स्पष्ट कर दिया है कि शनिवार और रविवार को हाट-बाजार तो पूरी तरह बंद रहेंगे, लेकिन आवश्यक सेवाओं के साथ ही दुकानें और फल व सब्जी मंडियां खुली रहेंगी। हां, पांच सामान्य दिनों के लिए दुकान-बाजार खोलने के लिए सुबह नौ से रात नौ बजे तक का समय निर्धारित कर दिया गया है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

14-07-2020-लखनऊ । उत्तर प्रदेश में शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी लागू किए जाने पर जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा सवाल उठा रही हैं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने...

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विकास दुबे तथा अन्य एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से जवाब मांगा, 20 को सुनवाई

विकास दुबे तथा अन्य एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से जवाब मांगा, 20 को सुनवाई405

👤14-07-2020-लखनऊ। कानपुर के दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दस जुलाई को हुए एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अब इस मामले में 20 जुलाई को सुनवाई होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले में अधिकारियों और सहयोगियों से इस मुठभेड़ को लेकर विस्तार से रिपोर्ट मांगी है। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि वह 16 जुलाई तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेंगे। इस कि अगली सुनवाई सोमवार को होगी और गुरुवार तक राज्य सरकार को अपना पक्ष रखना होगा। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह विकास दुबे और उसके सहयोगियों की मुठभेड़ और गैंगस्टर के उत्तर प्रदेश में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की जांच के लिए एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति की नियुक्ति पर विचार कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय और वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है।  कानपुर के चौबेपुर के बिकरू में शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। तीन जजों वाली खंड पीठ की अगुवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में है, हमें समय दिया जाए। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनकाउंटर मामले में जांच के लिए हम जांच समिति गठित करने पर विचार कर रहे है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने यूपी सरकार से गुरुवार तक जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हैदराबाद मामले में जिस तरह से कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का आदेश दिया था, उसी तर्ज पर हम इस मामले में भी सोच रहे हैं। यूपी सरकार ने कहा कि इस मामले की पड़ताल जारी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारा जवाब कोर्ट की न्यायिक भावना को संतुष्ट करेगा। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित कर सकती है। इसका ऐलान सोमवार को किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 20 जुलाई को विकास दुबे और उसके सहयोगियों के मुठभेड़ों की अदालत से निगरानी की जांच की मांग पर सुनवाई करेगी। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय तेलंगाना मुठभेड़ में अपने पुराने आदेश की तर्ज पर सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाले जांच आयोग को मामला सौंप सकता है।
🕔tanveer ahmad

14-07-2020-लखनऊ। कानपुर के दुर्दांत हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के दस जुलाई को हुए एनकाउंटर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। अब इस मामले में 20 जुलाई को...

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नेपाल के पीएम ओली ने भगवान राम और अयोध्‍या पर विवादित बयान के बाद दिया स्‍पष्‍टीकरण

नेपाल के पीएम ओली ने भगवान राम और अयोध्‍या पर विवादित बयान के बाद दिया स्‍पष्‍टीकरण928

👤14-07-2020-काठमांडु । नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली चीन की शह पर भारत विरोधी रूख के कारण जाने जाते हैं। सोमवार को ओली ने भगवान राम और अयोध्‍या को लेकर विवादित बयान दिया था। आज नेपाल के विदेश मंत्रालय ने अयोध्या और भगवान राम पर पीएम केपी ओली की टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि टिप्पणी किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है। किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। इसका उद्देश्य अयोध्या के सांकेतिक और सांस्कृतिक मूल्य को कम करना नहीं है। सोमवार को काठमांडु में पीएम आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम ओली ने कहा था कि अयोध्या असल में नेपाल के बीरभूमि जिले के पश्चिम स्थित थोरी शहर में है। भारत दावा करता है कि भगवान राम का जन्म वहां हुआ था। उसके इसी लगातार दावे के कारण हम मानने लगे हैं कि देवी सीता का विवाह भारत के राजकुमार राम से हुआ था, जबकि असलियत में अयोध्या बीरभूमि के पास स्थित एक गांव है। ओली ने भारत पर सांस्कृतिक अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए कहा था कि भारत ने एक नकली अयोध्या का निर्माण किया है। अपने भाषण में उन्होंने दावा किया था कि बाल्‍मीकि आश्रम नेपाल में है। वह पवित्र स्थान जहां राजा दशरथ ने पुत्र के जन्म के लिए यज्ञ किया था, वह रिदि है। दशरथ पुत्र राम एक भारतीय नहीं थे और अयोध्या भी नेपाल में है। ओली ने अपने इन दावों पर अजीबोगरीब दलील देते हुए कहा कि जब संचार का कोई तरीका ही नहीं था तो भगवान राम सीता से विवाह करने जनकपुर कैसे आए? उन्होंने दावा किया कि भगवान राम के लिए यह असंभव था कि वह भारत स्थित मौजूदा अयोध्या से जनकपुर तक आते। पीएम ओली ने कहा कि जनकपुर यहां और अयोध्या वहां है और हम विवाह की बात कर रहे हैं। तब न मोबाइल फोन था और ना ही टेलीफोन, तो उन्हें जनकपुर के बारे में कैसे पता चला।
🕔 एजेंसी

14-07-2020-काठमांडु । नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली चीन की शह पर भारत विरोधी रूख के कारण जाने जाते हैं। सोमवार को ओली ने भगवान राम और अयोध्‍या को लेकर विवादित बयान दिया था। आज नेपाल के...

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जितिन प्रसाद के बाद प्रिया दत्‍त भी सचिन पायलट के समर्थन में उतरीं, बढ़ सकती हैं कांग्रेस की मुश्किलें

जितिन प्रसाद के बाद प्रिया दत्‍त भी सचिन पायलट के समर्थन में उतरीं, बढ़ सकती हैं कांग्रेस की मुश्किलें303

👤14-07-2020-नई दिल्‍ली । कांग्रेस की युवा नेता और पूर्व सांसद प्रिया दत्‍त भी सचिन पायलट के समर्थन में उतर आई हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने सचिन और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया के रूप में दो युवा नेताओं को खो दिया। इससे पहले उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस के युवा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद भी राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्‍यमंत्री सचिन पायलट के समर्थन में उतरे। प्रसाद ने कहा कि इससे कोई इन्‍कार नहीं कर सकता कि सचिन पायलट ने पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ कांग्रेस पार्टी में काम किया है। ऐसे में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। राजस्‍थान में भी भाजपा ने फ्लोर टेस्‍ट की मांग कर अशोक गहलोत की परेशानी बढ़ा दी है। जितिन प्रसाद के बाद प्रिया दत्‍त ने भी सचिन पायलट का समर्थन किया है। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, \'एक और दोस्‍त ने पार्टी छोड़ दी है। सचिन पायलट और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया दोनों के साथ ही मैंने काम किया। ये दोनों ही मेरे अच्‍छे दोस्‍त भी हैं, लेकिन दुर्भाग्य से हमारी पार्टी ने बड़ी संभावनाओं वाले दो युवा नेताओं को खो दिया है। मैं यह बिल्‍कुल नहीं मानती कि महत्‍वाकांक्षी होना गलत है। इन दोनों नेताओं ने सबसे मुश्किल दौर में कड़ी मेहनत की है।\' सचिन पायलट को राजस्थान कांग्रेस के पदों और सरकार से बर्खास्त किए जाने के बाद तुरंत बाद जितिन प्रसाद ने अपने विचार जाहिर किए। जितिन प्रसाद ने ट्वीट में लिखा है- सचिन पायलट के साथ मैंने सिर्फ काम ही नहीं किया, बल्कि वह मेरे अच्‍छे दोस्त भी हैं। कांग्रेस में भी कोई इस बात से इन्‍कार नहीं कर सकता कि इन दिनों उन्होंने पूरे समर्पण के साथ पार्टी के लिए काम किया है। इसलिए मैं उम्मीद करता हूं कि ये स्थिति(राजस्‍थान कांग्रेस) जल्द सुधर जाएगी, दुखी भी हूं कि ऐसी नौबत आई।\' इससे पहले सचिन पायलट ने अपनी चुप्‍पी तोड़ते हुए ट्वीट किया- सच को परेशान किया जा सकता, लेकिन पराजित नहीं। बता दें कि जितिन प्रसाद को यूपी कांग्रेस के लोकप्रिय चेहरे के रूप में जाना जाता है। साथ ही जितिन प्रसाद उन युवा नेताओं में से एक हैं, जिन्हें राहुल गांधी का बेहद खास कहा जाता रहा है। हालांकि, बीते कुछ वक्त से जितिन कांग्रेस पार्टी में हाशिये पर चले गए हैं, लेकिन पार्टी में जितिन ने इसे लेकर कोई खुला विरोध नहीं किया है। अब जितिन प्रसाद के तेवर कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस से कुछ और नेता भी बगावती तेवर अपना लें, तो कोई हैरानी नहीं होगी।
🕔 एजेंसी

14-07-2020-नई दिल्‍ली । कांग्रेस की युवा नेता और पूर्व सांसद प्रिया दत्‍त भी सचिन पायलट के समर्थन में उतर आई हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने सचिन और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया...

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BJP MLA राधा मोहन व ASP चारू निगम विवाद में दर्ज हुए मुकदमे वापस लेगी UP सरकार

BJP MLA राधा मोहन व ASP चारू निगम विवाद में दर्ज हुए मुकदमे वापस लेगी UP सरकार460

👤13-07-2020-गोरखपुर । देसी शराब की दुकान खुलने का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर चिलुआताल थाने में अपै्रल 2017 में दर्ज मुकदमा सरकार वापस लेगी। इस मामले में तत्कालीन और वर्तमान पार्षद सहित 18 नामजद और सौ अज्ञात ग्रामीणों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। ग्रामीणों पर लाठीचार्ज के बाद नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल और तत्कालीन एएसपी/सीओ गोरखनाथ, चारु निगम के बीच हुई झड़प की वजह से मामला कई दिनों तक सुर्खियों में रहा। नगर विधायक ने ग्रामीणों के साथ टाउनहाल चौराहे पर गांधी प्रतिमा के सामने धरना भी दिया था। पुलिस इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। प्रदेश सरकार के अनु सचिव ने जिला मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर मुकदमा वापस लेने के शासन के फैसले की जानकारी दी है। इस पत्र में उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को लोक अभियोजक के माध्यम से मुकदमा वापसी के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र देने की बात कही है। विधि, न्याय तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री ब्रजेश पाठक ने नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल को फोन कर मुकदमा वापस लेने के प्रदेश सरकार के फैसले की जानकारी दी है। बता दें कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद चिलुआताल इलाके में कोईलहवा तिराहे पर देसी शराब की दुकान खोली गई थी। बस्ती के बीच दुकान खुलने से स्थानीय लोग काफी खफा थे। दुकान खुलने के विरोध में 22 अपै्रल 2017 को कोइलहवा तिराहे पर स्थानीय लोगों ने जाम लगाकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शमिल थीं। तत्कालीन सीओ गोरखनाथ चारु निगम ग्रामीणों को प्रदर्शनकारियों को समझाकर शांत कराने का प्रयास कर रही थीं। इसी बीच किसी महिला ने सीओ के हाथ पर डंडा मार दिया था। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। ग्रामीणों पर लाठीचार्ज की खबर पर नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल मौके पर पहुंच गए थे। मौके पर ही सीओ से उनकी काफी झड़प हुई थी। 
🕔tanveer ahmad

13-07-2020-गोरखपुर । देसी शराब की दुकान खुलने का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर चिलुआताल थाने में अपै्रल 2017 में दर्ज मुकदमा सरकार वापस लेगी। इस मामले में तत्कालीन और वर्तमान पार्षद सहित...

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को किया सतर्क, घर या दफ्तर में न जुटाएं भीड़

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को किया सतर्क, घर या दफ्तर में न जुटाएं भीड़184

👤13-07-2020-लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री और भाजपा व अन्य पार्टियों के विधायक भी आ रहे हैं। बड़ी संख्या में मंत्रियों तथा विधायकों के कोरोना वायरस की चपेट में आने के कारण सीएम योगी आदित्यनाथ ने इन सभी को सख्त निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को सतर्क करने के साथ सलाह भी नी है कि घर या दफ्तर में भीड़ न जुटाएं। संक्रमित होने के बाद अपने तथा घर के लोगों की जांच जरूर कराएं। कोरोना वायरस के संक्रमण पर बेहद गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने मंत्रियों को कम से कम लोगों के संपर्क में आने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मंत्रियों को कहा गया है कि वह अपने घर और दफ्तर में मिलने वालों की भीड़ जमा न करें। इसके साथ ही बेहद जरूरी होने पर ही वह फील्ड में जाएं। उन्होंने कहा कि मंत्री भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अपने घर और दफ्तर को पूरी तरह से सैनिटाइज कराएं। प्रदेश सरकार के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, धर्म सिंह सैनी, चेतन चौहान, उपेंद्र तिवारी तथा रघुराज सिंह के कोरोना पॉजिटिव निकलने बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को यह सख्त निर्देश दिया है। कैबिनेट मंत्री मोती सिंह का पूरा परिवार कोरोना संक्रमित हो गया था। इसके बाद तो लाइन लग गई। आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी संक्रमित पाए गए हैं। होमगार्ड व राजनैतिक पेंशन मंत्री चेतन चौहान तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उपेंद्र तिवारी के साथ श्रम राज्य मंत्री रघुराज सिंह के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद इलाज करा रहे हैं।\r\nकोरोना के संक्रमण ने विधानसभा सचिवालय को भी चपेट में लिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के ओएसडी पंकज मिश्रा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष का एक गार्ड भी कोरोना संक्रमित मिला है। इन सबके संक्रमित पाये जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिया है।
🕔tanveer ahmad

13-07-2020-लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री और भाजपा व अन्य पार्टियों के विधायक भी आ रहे हैं। बड़ी संख्या में मंत्रियों...

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मोहनलालगंज में कोरोना कहर थमने का नही ले रहा नाम,लोगो मे है दहशत का माहौल

मोहनलालगंज में कोरोना कहर थमने का नही ले रहा नाम,लोगो मे है दहशत का माहौल176

👤13-07-2020-मोहनलालगंज।मोहनलालगंज कस्बे में कोरोना‌ का कहर थमने का नाम नही ले रहा है,सोमवार को मोहनलालगंज कोतवाली के दो पुलिसकर्मियों सहित कस्बे के एक दिव्यागं व्यापारी की कोरोना रिपोट पाजिटिव आने के बाद हड़कम्प‌ मच गया,कोरो‌ना सक्रमित पुलिसकर्मियो सहित दिव्यागं व्यापारी को इलाज के लिये एम्बुलेंस की मदद से कोविड अस्पताल भेजा गया।वही कोरोना के कहर से बीते चार दिनो में छः पुलिसकर्मियों सहित एक व्यापारी संक्रमित हो चुके है,एतिहात के तौर पर कोतवाली के मुख्यद्वार पर बल्लियों की बैरिकेटिगं कर कोतवाली के अंदर प्रवेश पर पुरी तरह से रोक लगा दी गयी है, कोतवाली के सभी कार्यालयों सहित आवासीय परिसर,चौकी को दमकल वाहन मंगवाकर उसमें रसायन भरवाकर सेनेटाइजेशन कराया गया।वही कस्बे के दिव्यागं व्यापारी के कोरोना संक्रमित होने के बाद मोहल्ले के लोगो ने बांस बल्लियों से बैरिकेडिगं कर बाहरी लोगो के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।कोतवाली प्रभारी जीडी शुक्ला ने बताया कोरोना वायरस से बचाव के लिये मुख्य गेट पर बैरिकेडिगं कर कोतवाली में प्रवेश पर रोक लगायी गयी है,पीड़ित अगर फरियाद लेकर आते है तो उनकी थर्मल स्कैनिगं कराने के बाद हाथो को सेनेटाइज कराकर कोतवाली में प्रवेश दिया जायेगा।वही सीएचसी अधिक्षिका डा०ज्योति काम्बले ने बताया सोमवार को दो पुलिसकर्मियों सहित एक व्यापारी की कोरोना रिपोट पाजिटिव आने आयी है,संक्रमितो के परिवार सहित उनके सम्पर्क में आये लोगो की लिस्ट बनाकर मंगलवार को सभी की कोरोना जांच करायी जायेगी।\r\n \r\n 
🕔tanveer ahmad

13-07-2020-मोहनलालगंज।मोहनलालगंज कस्बे में कोरोना‌ का कहर थमने का नाम नही ले रहा है,सोमवार को मोहनलालगंज कोतवाली के दो पुलिसकर्मियों सहित कस्बे के एक दिव्यागं व्यापारी की कोरोना...

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निराधार आरोप लगाकर मेरे खिलाफ चलाया गया मुकदमा: कल्याण सिंह

निराधार आरोप लगाकर मेरे खिलाफ चलाया गया मुकदमा: कल्याण सिंह484

👤13-07-2020-लखनऊ । अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में  सोमवार को आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। कड़ी सुरक्षा के बीच कल्याण सिंह को कोर्ट में पेश किया गया।अयोध्‍या  में विवादित ढांचाढांंचा गिराये जाने के मामले में कुल 49 लोगो को आरोपित बनाया गया था। इसमें से 32 लोगों के बयान दर्ज हो रहे हैं। अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा कि केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने निराधार आरोप लगाकर मेरे खिलाफ मुकदमा चलाया। कल्याण सिंह लखनऊ में सोमवार को सीबीआई कोर्ट में अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस मामले में बयान देने के बाद मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते कानून-व्यवस्था को लेकर जो भी मेरी जिम्मेदारी थी मैंने उसका पूरी तरह पालन किया। कल्याण सिंह ने कहा कि उस समय ढांचे की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार ने त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की थी। इस संबंध में तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को लगाया गया था और सरकार पूरी तरह सजग थी। इसमें कहीं पर भी सरकार की तरफ से किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई । तत्कालीन कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इस पूरे प्रकरण में राजनीतिक विद्वेष के चलते मुझे फंसाया। अयोध्या प्रकरण में सीबीआइ कोर्ट के विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से 2 सवाल किए, करीब 4 घंटे तक कल्याण सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए। कोर्ट पहुंचे धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे ने कहा कि ढांचा ढहाने में उनका हाथ नहीं है। लेकिन उनकी हमेशा ये चाहत रही की वहांं पर एक भव्य राम मंदिर बने और इसके ल‍िए वह काम करते रहेंगे। संतोष ने राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार द्वारा बनाये गए ट्रस्ट पर भी सवाल उठाये। संतोष ने कहा ट्रस्ट में जो लोग शामिल किये गए है उनका राम मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

13-07-2020-लखनऊ । अयोध्या में विवादित ढांचा गिराये जाने के मामले में  सोमवार को आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और धर्म सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष दुबे सीबीआई की विशेष...

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UP में Congress को झटका: कांग्रेस के बागी अदिति सिंह तथा राकेश सिंह बने रहेंगे विधानसभा सदस्य

UP में Congress को झटका: कांग्रेस के बागी अदिति सिंह तथा राकेश सिंह बने रहेंगे विधानसभा सदस्य259

👤13-07-2020-लखनऊ । राजस्थान में सोमवार को भले ही कांग्रेस का संकट टल गया, लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी के दो विधायक अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की सदस्यता समाप्त करने को लेकर याचिका दायर की थी।विधानसभा अध्यक्ष ने लम्बी सुनवाई के बाद कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया है। अब कांग्रेस से निलंबित अदिति सिंह तथा राकेश सिंह विधायक बने रहेंगे।  विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के दोनों बागी विधायकों अदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता रद करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने दोनों याचिकाओं को बलहीन बताते हुए उन्हेंं खारिज किया।विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए विधायक अदिति सिंह व राकेश सिंह की सदस्यता को बरकरार रखा है। इस आशय का फैसला सोमवार को दीक्षित ने सुनाया। बता दे कि कांग्रेस विधानमंडल दल नेता ने रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह और रायबरेली जिले की हरचंद पुर सीट से विधायक राकेश सिंह की सदस्यता दल-बदल के आरोप में निरस्त करने की याचिका दायर की थी। कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधायक अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष 26 नवंबर 2019 को एक याचिका दी थी। कांग्रेस का आरोप है कि अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए 2 अक्टूबर 2019 को सरकार के  बुलाए गए विशेष सत्र में हिस्सा लिया, जबकि पार्टी ने गांधी जयंती पर सरकार के इस विशेष सत्र का बहिष्कार करते हुए विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। कांग्रेस ने रायबरेली से विधायक अदिति सिंह तथा रायबरेली के ही हरचंदपुर से पार्टी के विधायक राकेश सिंह के बगावती तेवर के कारण दलबदल कानून के तहत इनकी विधानसभा सदस्यता को रद करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष  हृदय नारायण दीक्षित  के पास पत्र भेजा था। लम्बी सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुरक्षित रखा था। सोमवार को उन्होंने अपना फैसला सुना दिया, जिसके तहत अदिति सिंह तथा राकेश सिंह की विधानसभा सदस्यता रद नहीं होगी। अदिति सिंह रायबरेली के सदर से कांग्रेस की विधायक हैं और तमाम मौके पर पार्टी विरोधी रुख अपनाती रही हैं।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

13-07-2020-लखनऊ । राजस्थान में सोमवार को भले ही कांग्रेस का संकट टल गया, लेकिन उत्तर प्रदेश में पार्टी को जोरदार झटका लगा है। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से पार्टी के दो विधायक अदिति...

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सचिन पायलट की जगह राहुल के दिल में, फिर क्या है उनकी चुप्पी का मतलब?

सचिन पायलट की जगह राहुल के दिल में, फिर क्या है उनकी चुप्पी का मतलब?948

👤13-07-2020-राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी कलह की वजह से सरकार पर संकट के बादल उमड़ने लगे हैं। राजनैतिक संकट को लंबा वक्त गुजर जाने के बावजूद भी अब तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से पूरे मसले पर चुप्पी बनाई हुई है। हालांकि, सोमवार को राहुल गांधी के दफ्तर ने दावा किया कि सचिन पायलट हमेशा से ही राहुल गांधी के दिल में हैं। उन्होंने बताया, \'सचिन और राहुल दोनों एक दूसरे से सीधे बात करते हैं और यह बातचीत अक्सर होती है। उनमें एक दूसरे के लिए बहुत सम्मान और स्नेह है।\' राजस्थान के गहराते संकट के बावजूद भी अब तक राहुल गांधी ने ट्विटर पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। राहुल सोमवार को दो बार ट्विटर पर ट्वीट कर चुके हैं। उन्होंने पहला ट्वीट कोरोना वायरस को लेकर किया था, जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, दोनों ही पूरे मामले से अवगत हैं और सचिन पायलट से संपर्क में हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि राहुल और प्रियंका लगातार सचिन पायलट को मनाने में जुटे हुए हैं। सिर्फ, राहुल और प्रियंका ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी पायलट से बात की है और उन्हें मनाने की कोशिश की है। माना जा रहा है कि राजस्थान पुलिस के स्पेशन ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के पूछताछ को लेकर भेजे गए नोटिस के बाद से ही सचिन पायलट खफा हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया है कि यह नोटिस सिर्फ सचिन को ही नहीं, बल्कि उन्हें भी मिला है। सचिन पायलट का दावा है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है और 200 सदस्यों वाली विधानसभा में से उन्हें 30 विधायकों का समर्थन हासिल है। सोमवार दोपहर को हुई विधायक दल की बैठक में विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में प्रस्ताव पारित किया और सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी के नेतृत्व में आस्था जताई है। इसके विधायकों ने सरकार विरोधी व पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की, फिर चाहे वे पदाधिकारी हों या विधायक दल के सदस्य। वहीं, दूसरी ओर पार्टी सूत्रों का दावा है कि राजस्थान में कांग्रेस के पास 106 विधायकों का समर्थन है। ये सभी विधायक गहलोत द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल थे। सचिन पायलट और उन्हें समर्थन देने वाले विधायकों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। इसके अलावा कांग्रेस के तकरीबन 20 ऐसे विधायक रहे, जोकि विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए।
🕔tanveer ahmad

13-07-2020-राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही आपसी कलह की वजह से सरकार पर संकट के बादल उमड़ने लगे हैं। राजनैतिक संकट को लंबा वक्त गुजर जाने...

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