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बाराबंकी में डीएम, एसपी व उपायुक्त ने की धान की रोपाई, बढ़ाया महिलाओं का हौसला

बाराबंकी में डीएम, एसपी व उपायुक्त ने की धान की रोपाई, बढ़ाया महिलाओं का हौसला136

👤30-06-2020-बाराबंकी । ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अनेकों योजनाएं संचालित कर रहा है। महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना समूह की महिलाओं में बदलाव ला रहा है। भ्रमण पर पहुंचे जिलाधिकारी, एसपी व डिप्टी कमिश्नर ने महिलाओं के साथ धान की रोपाई कर उनका हौसला बढ़ाया। महिलाओं के साथ बैठक कर कार्य की चर्चा की। मंगलवार को विकास खंड सूरतगंज के टाड़पुर गांव पहुंचे क्षेत्रीय विधायक साकेंद्र वर्मा, जिलाधिकारी डॉ.आदर्श सिंह, सीडीओ मेधा रूपम, एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, उपायुक्त सुनील तिवारी, एसडीएम पंकज सिंह, रामनगर एसडीएम आनंद वर्धन, बीडीओ विजय कुमार यादव ने भारत माता ग्राम संगठन के गणेश स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की ओर से तैयार की गई पोषण वाटिका, किचन गार्डन, बोरा बगीचा, वर्मीकंपोस्ट, जैविक विधि से तैयार की गई खाद को देखा। इसके बाद समूह की रोली शुक्ला, रिंपी शुक्ला, नीलम देवी, अनीता सिंह, नेहा शुक्ला आदि महिलाओं के साथ डीएम, एसपी, एसडीएम रामनगर व फतेहपुर, उपायुक्त ने तैयार खेत में श्रीविधि से धान की रोपाई भी की। ग्राम संगठन के नौ समूह से उपस्थित 45 महिलाओं के साथ बैठक भी आयोजित की। समूहों को मिले पैसे 15 हजार, 25 हजार, एक लाख, दो लाख व पांच लाख के आय-व्यय के साथ महिलाओं से समूह के बदलाव व लाभ के बारे में चर्चा भी की। एडीओ अमर सिंह, अखिलेश यादव व धर्मेंद्र यादव, जिला मिशन प्रबंधक किशन रावत, संदीप कुमार व मोनू कुमार श्रीवास्तव, रमाकांत दीक्षित आदि मौजूद रहे।
🕔tanveer ahmad

30-06-2020-बाराबंकी । ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के जरिए आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अनेकों योजनाएं संचालित कर रहा है। महिला किसान सशक्तिकरण...

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योगी आदित्यनाथ ने तय की सरकार की वरीयता, निर्देश-अभी भी पूर्ण अनुशासन आवश्यक

योगी आदित्यनाथ ने तय की सरकार की वरीयता, निर्देश-अभी भी पूर्ण अनुशासन आवश्यक576

👤30-06-2020-लखनऊ । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने की खातिर लॉकडाउन-5 में भी सीएम योगी आदित्यनाथ हर मोर्चे पर बेहद सजग हैं।  अनलॉक व्यवस्था की लगातार निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अनलॉक-2 प्रदेश में पूरी तैयारी के साथ लागू होना चाहिए। हर प्रकार की गतिविधि भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर ही होनी चाहिए। उन्होंने जनता को भी लगातार जागरूक करने के लिए कहा है।अनलॉक-2 को लेकर उन्होंने मंगलवार को टीम-11 के साथ बैठक में सरकार की वरीयता तय की। झांसी रवाना होने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस संक्रमण के संचार पर अंकुश लगाने के साथ संचारी रोग नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को हर मोर्चा पर सजग रहने का निर्देश दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जनता के प्रति अपने दायित्व के प्रति कितने सजग है, इसका अहसास आज हो गया। उनको दिन में 12 बजे झांसी में बुंदेलखंड की पेयजल परियोजना के शिलान्यास के लिए जाना था। इसके पहले ही उन्होंने अपनी टीम के साथ अनलॉक-2 टू तथा संचारी रोग पर नियंत्रण के लिए कोर ग्रुप की बैठक की। इसमें उन्होंने अनलॉक-2 के लिए सरकार की तैयारी को परखने के साथ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संचारी रोगों व कोरोना को नियंत्रित करने में स्वच्छता की बड़ी भूमिका है। इसके दृष्टिगत उन्होंने ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में मिशन मोड पर स्वच्छता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। लोग मास्क अथवा फेस कवर का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करें तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। न्होंने संचारी रोगों से बचाव के उपाय के साथ गौ संरक्षण केंद्र के इंतजाम की भी समीक्षा की। उन्होंने अनलॉक टू की गतिविधियों को केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप संचालित कराने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के सभी प्रावधानों का अध्ययन करते हुए पूरी तैयारी के साथ इसे लागू किया जाए।।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-06-2020-लखनऊ । वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने की खातिर लॉकडाउन-5 में भी सीएम योगी आदित्यनाथ हर मोर्चे पर बेहद सजग हैं।  अनलॉक व्यवस्था की लगातार...

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अब कमिश्नर-डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन

अब कमिश्नर-डीएम कर सकेंगे आरक्षण श्रेणी की भूमि का पुनर्ग्रहण और श्रेणी परिवर्तन790

👤30-06-2020-लखनऊ। विकास से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय के अधिकार मंडलायुक्त और कलेक्टर (डीएम) को देने का फैसला किया है। कलेक्टर 40 लाख रुपये मूल्य तक की भूमि का पुनर्ग्रहण कर सकेंगे। वहीं मंडलायुक्त को 40 लाख रुपये से अधिक मूल्य की भूमि के पुनर्ग्रहण का अधिकार होगा। अभी तक यह अधिकार शासन में निहित थे। राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई। सरकार के इस फैसले से एक्सप्रेसवे, डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे परियोजनाओं के निर्माण तथा राजकीय मेडिकल कॉलेजों और महाविद्यालयों की स्थापना के लिए भूमि शीघ्रता से उपलब्ध कराई जा सकेगी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 में प्राविधान है कि आरक्षित श्रेणी की कोई भूमि या उसका कोई भाग लोक प्रयोजन के लिए खरीदी, अर्जित या पुनर्गृहीत किए गए भूखंड या भूखंडों से घिरी है या उसके बीच में है तो राज्य सरकार लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी को बदल सकेगी। यदि लोक उपयोगिता की ऐसी भूमि की श्रेणी बदली जाती है तो उस जमीन के बराबर या उससे अधिक भूमि उसी प्रयोजन के लिए उसी ग्राम पंचायत या अन्य स्थानीय प्राधिकरण में सुरक्षित कर दी जाएगी। प्राय: सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिगृहीत की गई भूमि के बीच में आरक्षित श्रेणी की कोई जमीन आ जाती है। इससे परियोजना में रुकावट आती है। परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार को ऐसी जमीन की श्रेणी बदलनी पड़ती है और उसका पुनर्ग्रहण करना पड़ता है। बदले में उसी प्रयोजन के लिए उतनी ही जमीन अन्य स्थान पर उपलब्ध करानी पड़ती है। जमीन के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय की शक्ति शासन के पास होने की वजह से ऐसे प्रस्ताव शासन को भेजे जाते थे। इससे परियोजनाओं में विलंब होता था। इसलिए शासन ने अब यह अधिकार मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दे दिए हैं। 
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

30-06-2020-लखनऊ। विकास से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं के लिए तेजी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आरक्षित श्रेणी की भूमियों के पुनर्ग्रहण, श्रेणी परिवर्तन और विनिमय के अधिकार मंडलायुक्त...

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अमेरिका में दूसरे दौर के संक्रमण खतरा मंडराया, अबकी बार लॉस एंजिलिस बन सकता है महामारी का केंद्र

अमेरिका में दूसरे दौर के संक्रमण खतरा मंडराया, अबकी बार लॉस एंजिलिस बन सकता है महामारी का केंद्र492

👤30-06-2020-एजेंसियां। अमेरिका में दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। अबकी लॉस एंजिलिस इसका केंद्र बनता दिख रहा है। यहां पर ना केवल एक दिन में रिकॉर्ड संख्या में मरीज मिले हैं बल्कि अस्पताल में भर्ती होने वाली मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अकेले लॉस एंजिलिस शहर में कोरोना मरीजों की संख्या एक लाख के आंकड़े को पार कर गई है। संक्रमण को देखते हुए लॉस एंजिल्स के मेयर ने फिल्म, सिनेमाघरों, थीम पार्को और अन्य मनोरंजन स्थलों को खोले जाने के फैसले को टाल दिया है। दूसरे दौर के संक्रमण का असर अमेरिका के दूसरे प्रांतों फ्लोरिडा, टेक्सास और एरिजोना में दिखाई दे रहा है। एरिजोना के गवर्नर ने बार, नाइटक्लब, जिम और मूवी थिएटर और वाटर पार्क को अगले 30 दिनों तक बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही स्कूलों को खोलने पर 17 अगस्त तक रोक लगा दी है। टेक्सास और फ्लोरिडा में बार को फिर से बंद कर दिया गया है। न्यूजर्सी ने मंगलवार से रेस्तरां के अंदर बैठकर खाने की योजना को अनिश्चितकाल तक के लिए टाल दिया है। कंसास ने सभी लोगों से सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने को कहा है। उधर, कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डेब्रोह ब्रिक्स ने टेस्टिंग बढ़ाने की मांग की है।\r\nमास्क पहनने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करें ट्रंप\r\nन्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वे महामारी के बीच मास्क पहनने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करें। इतना ही नहीं उन्हें स्वयं भी मास्क पहनकर एक मिसाल पेश करनी चाहिए। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कुओमो यह अमेरिका को जगाने का समय है। फिलहाल हम एक राष्ट्र के रूप में ऐसी जगह पर खड़े हैं, जहां हमने अभी तक लोगों से नहीं कहा कि आप सार्वजनिक जगहों पर जाते समय मास्क पहनकर रखें। उन्होंने यह भी कहा कि इस मोड़ पर अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की जल्दबाजी से अर्थव्यवस्था को मदद नहीं मिलेगी। यह एक स्मार्ट नीति नहीं है।\r\nइंग्लैंड के लीसेस्टर में दोबारा लॉकडाउन\r\nइंग्लैंड में भी कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसको देखते हुए इंग्लैंड के ईस्ट मिडलैंड एरिया लीसेस्टर में दोबारा लॉकडाउन लगा दिया गया है। लीसेस्टर में भारी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं और यहां मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही थी। लीसेस्टर में गैर-जरूरी सामान की दुकानें 15 जून को खोली गई थीं और अब इन्हें एक बार फिर से बंद कर दिया गया है। चुनिंदा कक्षाओं के लिए स्कूलों को एक जून से खोला गया था, लेकिन अब नए आदेश के बाद गुरुवार से स्कूल से भी बंद हो जाएंगे। स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने बताया कि लीसेस्टर में देश के कुल मरीजों के 10 प्रतिशत लोग संक्रमित हैं और हम लॉकडाउन की अगले दो हफ्ते तक समीक्षा करेंगे।
🕔 एजेंसी

30-06-2020-एजेंसियां। अमेरिका में दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। अबकी लॉस एंजिलिस इसका केंद्र बनता दिख रहा है। यहां पर ना केवल एक दिन में रिकॉर्ड संख्या में मरीज मिले...

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लाकडाउन में स्कूलों की फीस माफ करने की मांग, आठ राज्यों के अभिवावकों ने दाखिल की याचिका

लाकडाउन में स्कूलों की फीस माफ करने की मांग, आठ राज्यों के अभिवावकों ने दाखिल की याचिका338

👤30-06-2020-नई दिल्ली। आठ राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लाकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की (एक अप्रैल से जून तक की) फीस माफ करने और नियमित स्कूल शुरू होने तक फीस रेगुलेट किये जाने की मांग की है। यह भी मांग है कि फीस न देने के कारण बच्चों को स्कूल से न निकाला जाए क्योंकि कोरोना महामारी के चलते हुए राष्ट्रव्यापी लाकडाउन में बहुत से अभिवावक फीस देने में असमर्थ हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह याचिका में प्रतिवादी बनाए गए आठो राज्यों राजस्थान, ओडिशा, गुजरात, पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश को या फिर सभी राज्यों को इस बारे में आदेश दे। विभिन्न राज्यों के रहने वाले कुल दस अभिवावकों की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वे लोग जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकार की रक्षा के लिए मिल कर सुप्रीम कोर्ट आए कोरोना महामारी के चलते स्कूलों में पढ़ रहे बारहवीं तक के छात्रों के बहुत से अभिवावकों की फीस देने की आथिर्क क्षमता नही रही है उन्हें बच्चों को स्कूल से निकालने पर मजबूर होना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया कि अभी बोर्ड के नतीजे नहीं आए हैं,बच्चे ये नहीं जानते कि उन्हें किस स्ट्रीम में जाना है। बच्चों के पास किताबें और स्टेशनरी नहीं हैं इसलिए वे पढ़ाई के दौरान संदर्भ नहीं समझ पाते। बहुतों के पास लैपटाप , स्मार्ट फोन नहीं है। जिन घरों में दो या ज्यादा बच्चे हैं उन्हें ऐसे ज्यादा उपकरण चाहिए होते हैं। नेटवर्क चला जाता है। पढ़ाई का कोई प्रभावी तंत्र नहीं है।
🕔 एजेंसी

30-06-2020-नई दिल्ली। आठ राज्यों के अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर लाकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की तीन महीने की (एक अप्रैल से जून तक की) फीस माफ करने और नियमित स्कूल...

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गरीबों को नवंबर तक मिलेगा मुफ्त अनाज, 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' पर काम जारी

गरीबों को नवंबर तक मिलेगा मुफ्त अनाज, 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' पर काम जारी149

👤30-06-2020-नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच महीने तक और बढ़ा दिया गया है जिसके तहत गरीब परिवार के प्रतिव्यक्ति को हर महीने पांच किलो अनाज मुफ्त मिलता है। योजना मंगलवार को ही खत्म हो रही थी और पीएम ने देश के नाम संबोधन में स्पष्ट कर दिया कि नवंबर तक यह जारी रहेगा। अक्टूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जाहिर तौर पर इसे राजनीति से भी जोड़ा जाएगा लेकिन यह भी सच है कि इसने लगभग 80 करोड़ लोगों में आशा जगा दी। वहीं कोरोना संक्रमण के तेज प्रसार के बीच जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को और सचेत करते हुए साफ किया कि प्रधान हों या प्रधानमंत्री नियमों से उपर कोई नहीं। ऐसे हर व्यक्ति को रोकना, टोकना और समझाना होगा। योजना के प्रथम चरण की शुरुआत 26 मार्च को की गई थी। इसमें अप्रैल, मई और जून में लागू की गई इस योजना पर कुल 60 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया था। लेकिन इसे पांच महीने तक और बढ़ा दिए जाने पर 90 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च होगा। इस तरह पीएमजीकेएवाई का कुल खर्च 1.50 लाख करोड़ रुपये आएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने योजना के विस्तार की घोषणा के साथ ही इसका श्रेय देश के अन्नदाता किसानों और कर दाताओं को दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत पर इतना कुछ इसीलिए कर पा रही है क्योंकि किसानों ने पर्याप्त अनाज उपजाया है और ईमानदार करदाताओं ने योगदान दिया है।\r\n17 मिनट के संबोधन में वह पूरी तरह कोरोना काल पर ही केंद्रित\r\nप्रधानमंत्री के देश के नाम संबोधन को लेकर रात से ही अटकलों का बाजार गर्म था लेकिन लगभग 17 मिनट के संबोधन में वह पूरी तरह कोरोना काल पर ही केंद्रित रहे। सही समय पर लाकडाउन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसके कारण लाखों लोगों की जान बची है। अब और सतर्क होने की जरूरत है क्योंकि आने वाला मौसम बीमारियां लेकर आता है। प्रधानमंत्री मोदी ने \'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड\' योजना की तैयारी पर संतोष जताते हुए कहा \'इसके हो जाने से प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्य में भी आसानी ने उसके हिस्से का अनाज मिलने लगेगा।\' पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत प्रत्येक राशनकार्ड वाले उपभोक्ताओं को पांच किलो अनाज की यह मात्रा मुफ्त व अतिरिक्त होगी। जबकि हर उपभोक्ता को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत निर्धारित मात्रा में अनाज पूर्व की भांति रियायती दर दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल की भी आपूर्ति होती रहेगी। प्रति परिवार एक किलो चना भी दिया जाएगा। संबोधन के तुरंत बाद केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने भी राज्यों से आग्रह किया कि वह अगले पांच महीने का अनाज भी एफसीआइ से उठा लें। उनकी ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि सरकार के पास पर्याप्त अनाज का भंडार है। \r\nकिसानों और करदाताओं (TaxPayers)को शुक्रिया कहा\r\nप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश में गरीबों और जरूरतमंदों को कोरोना काल के दौरान सरकार को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने में सक्षम बनाने के लिए किसानों और करदाताओं (TaxPayers)को श्रेय दिया। पीएम मोदी ने कहा, \'अगर सरकार आज गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज देने में सक्षम है तो इसका श्रेय दो वर्गों के लोगों को जाता है। पहले हमारे मेहनती किसान हैं, हमारे अन्नदाता हैं और दूसरे देश के ईमानदार करदाता हैं। आपने ईमानदारी से कर जमा किया है, अपनी जिम्मेदारी पूरी की है, यही कारण है कि आज देश के गरीब इस बड़ी समस्या से लड़ने में सक्षम हैं। आज प्रत्येक गरीब, प्रत्येक किसान के साथ-साथ, मैं हर करदाता को हार्दिक बधाई देता हूं और उन्हें नमन करता हूं।\'\r\n \r\nगांव का प्रधान हो या फिर देश का प्रधान कोई भी नियमों से ऊपर नहीं\r\nप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू नियमों का हर हाल में पालन होना चाहिए। उन्होने कहा कि जो लोग भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें रोकना होगा और समस्या से अवगत कराना होगा। आपने समाचार में देखा है कि एक प्रधानमंत्री पर 13,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, क्योंकि वह बिना मास्क के एक सार्वजनिक स्थान पर गए थे। प्रधानमंत्री बुल्गारियाई प्रधानमंत्री बॉयो बोरिसोव के उदाहरण का उल्लेख कर रहे थे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भी स्थानीय प्रशासन को उसी तरह सक्रिय रूप से काम करना होगा। यह 130 करोड़ नागरिकों की जान बचाने का अभियान है। भारत में गांव का प्रधान हो या फिर देश का प्रधान कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है।
🕔 एजेंसी

30-06-2020-नई दिल्ली। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच महीने तक और बढ़ा दिया गया है जिसके तहत गरीब परिवार के प्रतिव्यक्ति को हर महीने पांच किलो अनाज मुफ्त मिलता है। योजना...

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चीन ने पाक को भी नहीं बख्‍शा, उसकी कंपनियों ने पाकिस्तानी कर्मियों को नमाज से रोका

चीन ने पाक को भी नहीं बख्‍शा, उसकी कंपनियों ने पाकिस्तानी कर्मियों को नमाज से रोका905

👤29-06-2020-इस्लामाबाद,। पुरानी कहावत है कि सांप दंश मारने का स्‍वभाव नहीं छोड़ता है। मौजूदा वक्‍त में चीन की दोस्‍ती कुछ इसी रूप में नजर आ रही है। नेपाल के एक गांव पर कथित तौर पर कब्‍जा जमाने वाला चीन अब पाकिस्‍तान को भी नहीं बख्‍स रहा है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में संचालित चीन की कुछ कंपनियां अब पाकिस्तानी कर्मचारियों को नमाज अदा करने के लिए समय तक नहीं दे रही हैं। इस पर आवाजें भी उठने लगी हैं...मालूम हो कि नमाज इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्धांतों में से एक है। 26 जून को सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में एक मौलाना को पाकिस्तानियों से एकजुट होने और पाकिस्तान में मौजूद चीन के लोगों से यह कहने का आग्रह करते देखा जा सकता है कि यह देश उनका नहीं है। मौलवी ने कहा है, \'हम नमाज की उपेक्षा नहीं कर सकते। लोगों को डर है कि उनसे रोजगार छिन जाएगा लेकिन हमारे लिए अब यह स्वाभिमान का मुद्दा है।\' चीन को पाकिस्तान का सदाबहार और सबसे प्रिय मित्र देश के रूप में जाना जाता है। एशिया की राजनीति में मुख्य भूमिका निभा रहे चीन का पाकिस्तान सबसे भरोसेमंद सैन्य साझेदार है, लेकिन बीजिंग अपने यहां के चीनी मुस्लिमों, खास तौर से उत्तर पश्चिमी शिनजियांग प्रांत में उइगर के प्रति आक्रामक बना हुआ है। जल्दी ही पाकिस्तानी जनता की राय पर चीन अपनी पकड़ खो सकता है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ काम करने में बीजिंग को कठिनाई हो सकती है। यही नहीं चीन ने अपने यहां भी मुस्लिम आबादी पर अंकुश लगाने के लिए व्यापक अभियान छेड़ा हुआ है। चीनी सरकार अपने यहां बहुमत वाले हान जाति के लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जबकि उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों के बीच जन्म दर को कम करने के लिए कठोर उपाय कर रही है। बीते दिनों संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा था कि चीन के शिंजियांग प्रांत के मुस्लिम बहुल इलाके में उइगर मुसलमानों के साथ बेहद बर्बर व्यवहार हो रहा है। वहीं अमेरिकी पत्रकार फरीद जकारिया ने चीन की पोल खोलते हुए कहा है कि ड्रैगन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के जरिये विश्व पर अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हाल में भारत समेत अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का अतिक्रमण करके चीन ने भीषण रणनीतिक गलती कर दी है। वाशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित अपने लेख में पत्रकार जकारिया ने लिखा कि कोरोना संक्रमण से निपटने की कोशिशों में अमेरिका कमजोर पड़ गया है जबकि चीन इसी हालात का फायदा खुद को मजबूत करने के लिए उठाने वाला है।
🕔 एजेंसी

29-06-2020-इस्लामाबाद,। पुरानी कहावत है कि सांप दंश मारने का स्‍वभाव नहीं छोड़ता है। मौजूदा वक्‍त में चीन की दोस्‍ती कुछ इसी रूप में नजर आ रही है। नेपाल के एक गांव पर कथित तौर पर कब्‍जा...

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आलिया भट्ट, संजय दत्त स्टारर भी ओटीटी पर होगी रिलीज, मुकेश भट्ट बोले- सर्वाइव करने के लिए कोई ऑप्शन नहीं

आलिया भट्ट, संजय दत्त स्टारर भी ओटीटी पर होगी रिलीज, मुकेश भट्ट बोले- सर्वाइव करने के लिए कोई ऑप्शन नहीं798

👤29-06-2020-नई दिल्ली एक के बाद एक बड़े बैनर की फिल्में भी ओटीटी पर रिलीज हो रही है। गुलाबो-सिताबो के बाद अब आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर, संजय दत्त और पूजा भट्ट स्टारर फिल्म सड़क-2 भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज होगी। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि फिल्म को ओटीटी पर रिलीज किया जा सकता है, लेकिन अब फिल्म प्रोड्यूसर मुकेश भट्ट ने इस खबर को कंफर्म कर दिया है। महेश भट्ट की फिल्म सड़क की सीक्वल सड़क-2 10 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन सिनेमाघर बंद होने से पूरा शेड्यूल बदल गया है। अब मेकर्स ने फिल्म को ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला किया है। मुकेश भट्ट ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी है और बताया है कि उनके पास अब कोई ऑप्शन नहीं बचा था। मुकेश भट्ट ने पीटीआई को बताया, \'कोविड-19 के केसेज घटने के बजाय बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में क्या आपको लगता है थियेटर्स खुलेंगे? और अगर खुल भी जाते हैं और सड़क 2 रिलीज कर दी जाती है, तो भी क्या लोग फिल्म देखने आएंगे? लोगों को अपना पर बचाना है। आज जिंदगी ज्यादा जरूरी है। सड़क 2, 1991 में आई फिल्म सड़क का सीक्वल है, जिसमें पूजा भट्ट और संजय दत्त नजर आए थे। ये बड़ी स्क्रीन्स के लिए बनाया गया एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था, लेक‍िन अब सर्वाइव करने के लिए निर्माताओं को डिजिटल रिलीज के साथ ही जाना पड़ेगा।\' मैं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आने के लिए मजबूर हूं, क्योंकि नजदीकी समय में थ‍िएटर्स के खुलने की कोई उम्मीद नहीं है। यहां बचे रहने के लिए यही बेस्ट है, जिसे मैं कर सकता हूं। कुछ चीजे हैं, जिन्हें आप चॉइस से नहीं, बल्कि मजबूरी में करते हो। यही एक ऑप्शन बचा है, यही सबसे आसान है।\' बता दें कि इससे पहले कई फिल्में थियेटर की बजाय ओटीटी पर रिलीज हो चुकी हैं।\r\nवहीं, मुकेश भट्ट ने यह भी कहा कि \'ओटीटी पर फिल्में रिलीज होने का ये मतलब नहीं है क‍ि थ‍िएटर्स बंद हो जाएंगे। लोगों को आउट‍िंग चाहिए और बड़े स्क्रीन का एंटरटेनमेंट मजेदार होता है। ये टेंपररी फेज है। हमें इसे समझना होगा और नाराज होना या एक-दूसरे को नीचा नहीं दिखाना चाहिए। बल्क‍ि हमें एक दूसरे को हिम्मत देनी चाहिए।\'
🕔 एजेंसी

29-06-2020-नई दिल्ली एक के बाद एक बड़े बैनर की फिल्में भी ओटीटी पर रिलीज हो रही है। गुलाबो-सिताबो के बाद अब आलिया भट्ट, आदित्य रॉय कपूर, संजय दत्त और पूजा भट्ट स्टारर फिल्म सड़क-2 भी ओटीटी...

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भारत-चीन तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी कल शाम 4 बजे देश को संबोधित करेंगे

भारत-चीन तनाव के बीच प्रधानमंत्री मोदी कल शाम 4 बजे देश को संबोधित करेंगे178

👤29-06-2020-नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जारी जंग और चीन से सीमा पर तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी कल शाम 4 बजे देश को संबोधित करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक पीएम मोदी देश को 12 बार संबोधित कर चुके हैं। कल उनका 13वां संबोधन होगा। बता दें कि देश भर में एक तरफ जहां कोरोना वायरस के आंकड़े तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ गलवन घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन के साथ तनाव बरकरार है। ऐसे में पीएम मोदी का मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन काफी अहम माना जा रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार \'मन की बात\' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कोरोना से लेकर तूफान, टिड्डी हमले लद्दाख में शहीद हुए जवानों का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया, लेकिन भारत इससे भव्य होकर सामने आया। वहीं, चीन का नाम लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा था कि लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है। वहीं \'मन की बात\' में पीएम मोदी ने कहा था कि कोरोना के संकट काल में देश लॉकडाउन से बाहर निकल आया है। अब हम अनलॉक के दौर में हैं। अनलॉक के इस वक्त में दो बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। कोरोना को हराना और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और ताकत देना है। इससे पहले पीएम मोदी अगल-अलग मुद्दों पर  12 बार देश को संबोधित कर चुके हैं।\r\nपहला संबोधन: कालेधन पर वार\r\nप्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को कालेधन पर लगामा लगाने के लिए 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि आज रात 12 बजे के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।\r\nदूसरा संबोधन: लोकहित की बात\r\n31 दिसंबर 2016 को नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार राष्ट्र को संबोधित करते किया। इस दौरान उन्होंने विमुद्रीकरण और काले धन पर बात की। उन्होंने कहा कि बैंक गरीबों को ध्‍यान में रखकर काम करें और लोकहित में उचित निर्णय लें।\r\nतीसरा संबोधन: पुलवामा पर प्रतिक्रिया\r\n15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश को हिलाकर रखने वाले पुलवामा हमले पर बात की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि मैं लोगों की भावनाओं और उनके गुस्से को समझता हूँ, हमने सुरक्षा बलों को पूरी स्वतंत्रता दी हुई है और हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।
🕔 एजेंसी

29-06-2020-नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जारी जंग और चीन से सीमा पर तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी कल शाम 4 बजे देश को संबोधित करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद से अब तक पीएम मोदी...

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प्रदेश में बेरोजगारों का मज़ाक उड़ा रही है सरकार- अजय कुमार लल्लू

प्रदेश में बेरोजगारों का मज़ाक उड़ा रही है सरकार- अजय कुमार लल्लू154

👤29-06-2020-

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ रोजगार देने के दावे को झूठा करार देते हुए इसे प्रदेश के बेरोजगारों के साथ छल और धोखाधड़ी करार दिया है। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा सरकार सवा करोड़ रोजगार देने का दावा कर रही है लेकिन यह कोरा झूठ और ठगी है। सवा करोड़ का दावा करके भाजपा सरकार प्रदेश की जनता को ठग रही है। 
प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा ने वादा किया था कि हर साल 2 करोड़ नौकरी देगी लेकिन इस वादे का क्या हुआ? पिछले 45 साल में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह सरकारी आंकड़ा है। बेरोजगार युवाओं को नौकरी मांगने पर लाठियां बरसाई जातीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई ऐसी भर्ती नहीं है जिसको सही समय पर पूरा किया गया हो। 
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जो काम लोग सदियों से करते आ रहे हैं सरकार उसे यह बता रही है कि यह रोजगार उन्होंने दिया है। इस गोरखधंधे और ठगी को जनता माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी अपने साथ एक आर्थिक तबाही भी लेकर आई है। उत्तर प्रदेश का काँच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फ़र्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग, डेयरी, मिट्टी बर्तन उद्योग, फिशरी-हेचरी उद्योग, अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। प्रदेश के लाखों बुनकरों की हालत अत्यंत खराब है। ये कुटीर और लघु उद्योग मंदी की मार सह रहे हैं। लेकिन सरकार ने कोई कोई मदद नहीं की। प्रदेश अध्यक्ष ने  कहा कि सरकार यह दावा कर रही है लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ दूसरी है। प्रदेश में रोजाना कहीं न कहीं से आर्थिक तंगी के वजह से लोग आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में बिसंडा थाना क्षेत्र के अमलोहरा गांव में सूरत से लौटे प्रवासी मजदूर ने शुक्रवार को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मृतक अपनी पत्नी के साथ गुजरात के सूरत शहर में रहकर साड़ी कंपनी में छपाई का काम करता था। काम बंद होने पर 20 दिन पहले ही गांव लौटा था। अकेले बांदा जिले में लॉकडाउन के दौरान 20 लोगों के आत्महत्या करने की खबरें आ चुकी हैं, आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन है? अगर रोजगार मिल रहा है तो लोग आत्महत्या क्यों करने पर मजबूर हैं?
प्रदेश उपाध्यक्ष श्री वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि बनारस में लगभग 2000 करोड़ रुपये का सिल्क का कारोबार है। कोरोना संकट के पहले से ही कराह रहे सिल्क उद्योग में एक लाख अकुशल मजदूरों की छंटनी हो चुकी है। भदोही के कालीन उद्योग में लगभग 1200 करोड़ रुपये का कालीन निर्यात होता था वह ठप्प पड़ा है।अकेले आगरा में तीन लाख जूते के दस्तकार घरों में बैठे हैं। कोई काम नहीं है। हमारे लखनऊ शहर में पारंपरिक चिकन कपड़ों का काम बंद पड़ा है। यह सब बेरोजगारी की मार सह रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री अपनी पीठ थपथपाने में लगे हैं।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उपाध्यक्ष श्री वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि कोरोना माहमारी में ग्रामीण इलाकों में रोजगार का भयानक संकट है। कुशल कारीगरों को उनकी योग्यता के मुताबिक रोजगार गारंटी की जानी चाहिए। मनरेगा में 200 दिनों के काम की गारंटी की जाए।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

29-06-2020-

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ रोजगार देने के दावे को झूठा करार देते हुए इसे प्रदेश के बेरोजगारों के साथ छल और धोखाधड़ी करार दिया है। प्रेसवार्ता...

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