Back to homepage

Latest News

घरेलू उड़ानों के लिए योगी सरकार ने प्रोटोकॉल किया जारी, पंजीकरण जरूरी

घरेलू उड़ानों के लिए योगी सरकार ने प्रोटोकॉल किया जारी, पंजीकरण जरूरी525

👤24-05-2020-
लखनऊ। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप 25 मई से घरेलू उड़ानों का परिचालन शुरू होने को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों के लिए प्रोटोकॉल जारी कर दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों, प्रदेश के अन्तर्गत आने वाले एयरपोर्ट निदेशक व मुख्य चिकित्साधिकारियों को इसका पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं।
इस लिंक पर कराना होगा पंजीकरणइसके मुताबिक सभी यात्री हवाई अड्डे से बाहर निकलने से पहले लिंक https://reg.upcovid.in पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करेंगे। यह लिंक हवाई अड्डे पर विभिन्न स्थानों पर प्रमुखता से दिखाया जायेगा और उद्घोषण के माध्यम से यात्रियों को सूचित किया जायेगा।
परिवार के सदस्य साथ में होने पर उनकी भी देनी होगी जानकारीप्रत्येक यात्री को अपने मोबाइल फोन पर आये ओटीपी का उपयोग करते हुए स्वयं और साथ में यात्रा कर रहे परिवार के सदस्यों की जानकारी पंजीकृत करनी होगी। पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर एक एसएमएस भेजा जाएगा और एक पीडीएफ उनके मोबाइल स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा, जिसे ई मेल के जरिए भी भेजा जा सकता है। यात्रियों को हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति देने से पहले एयरपोर्ट सुरक्षाकर्मी इस एसएमएस या पीडीएफ की अनिवार्य रूप से जांच करेंगे। लिंक पर पंजीकरण में कठिनाई होने पर यात्री 1800-180-5145 पर फोन कर सम्पर्क कर सकते हैं।
पंजीकरण जांच के बाद ही हवाई अड्डे से निकल सकेंगे बाहरहवाई अड्डे पर सीआईएसएफ दल द्वारा सफल पंजीकरण डिस्पले की जांच करने के बाद ही यात्रियों को हवाई अड्डे के परिसर से बाहर जाने की अनुमति दी जायेगी। इस दौरान यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि सभी यात्री शारीरिक दूरी बनाये रखने का पालन करें। यात्रियों को इसके अलावा भी हर समय मास्क पहनने, शारीरिक दूरी का पालन करने और हाथ धोने के नियमों का पालन करने की सलाह दी जायेगी। 
उप्र में रहने वालों को 14 दिन घरेलू एकांतवास के नियमों का पालन जरूरीजो यात्री उत्तर प्रदेश छोड़ने की योजना नहीं बना रहे हैं, उन्हें 14 दिनों की अवधि के लिए घरेलू एकांतवास (होम क्वारंटाइन) में रहना होगा। इन यात्रियों को इस दौरान निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। घर के बाहर पोस्टर चिपकाने सहित निगरानी समितियों द्वारा सामुदायिक निगरानी की प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित कराया जायेगा। 
छठवें दिन जांच में रिपोर्ट निगेटिव आने पर घरेलू एकांतवास समाप्त प्रोटोकॉल के मुताबिक स्थानीय जिला प्रशासन इन्हें किसी कार्यालय में योगदान करने या अन्य महत्वपूर्ण कार्य के लिए जांच के बाद घरेलू एकांतवास में छूट देने के लिए अधिकृत होगा। आगमन के छठवें दिन सम्बन्धित व्यक्ति अपना परीक्षण करा सकता है और निगेटिव आने पर उसका घरेलू एकांतवास समाप्त कर दिया जायेगा।  
काम से आने वालों को जोखिम क्षेत्र में जाने की इजाजत नहींयदि किसी व्यक्ति के पास अपने घर में घरेलू एकांतवास की पर्याप्त व्यवस्था, उसके लिए पृथक शौचालय सहित नहीं है तो उसे संस्थागत एकांतवास (इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन) में रखा जाएगा। इसके साथ ही जो यात्री एक सप्ताह से कम के लिए प्रदेश में आ रहे हैं यहां से किसी अन्य स्थान को जा रहे हैं या वापस जा रहे हैं तो उन्हें वापसी की यात्रा का विवरण उपलब्ध कराना होगा। ऐसे लोगों को एकांतवास में जाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, ऐसे यात्रियों को हॉट स्पॉट के जोखिम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) में जाने की अनुमति नहीं होगी। 
आवासीय परिसर के अलावा कहीं रहने पर नियमित सेनीटाइजेशन जरूरीयदि वापस आने वाले आंगुतक का प्रवास किसी आवासीय परिसर के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर प्रस्तावित है तो उस स्थान के प्रभारी द्वारा ऐसे सभी व्यक्तियों की सूचना सम्बन्धित जिला प्रशासन को उपलब्ध करायी जायेगी। प्रभारी द्वारा ऐसे स्थान का नियमित रूप से सेनीटाइजेशन सुनिश्चित किया जायेगा। यात्री में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस फूलने जैसे लक्षण होनेपर इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन 1800 180 5145 पर देनी होगी या स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से सम्पर्क किया जायेगा। पंजीकरण से सम्बन्धित डाटा, सूचना को आवश्यक निगरानी के लिए​ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के साथ दैनिक आधार पर साझा किया जायेगा।  
🕔tanveer ahmad

24-05-2020-
लखनऊ। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप 25 मई से घरेलू उड़ानों का परिचालन शुरू होने को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों...

Read Full Article
उप्र में अब तक 1,321 ट्रेनों से 18.15 लाख प्रवासी श्रमिकों को लाने का इंतजाम

उप्र में अब तक 1,321 ट्रेनों से 18.15 लाख प्रवासी श्रमिकों को लाने का इंतजाम744

👤24-05-2020-
लखनऊ। कोरोना संकट में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों का ट्रेनों से वापसी का सिलसिला जारी है। देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं, जो कि एक रिकार्ड है।

अब तक 1,113 ट्रेनों से पहुंचे 14.88 लाख प्रवासी
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को बताया कि प्रदेश में अब तक 1,321 ट्रेन के माध्यम से लगभग 18.15 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिक को लाये जाने की व्यवस्था की गई है, इनमें से अब तक 1,113 ट्रेन से 14.88 लाख लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है। 
चौबीस घंटे में 103 ट्रेनों का और होगा आगमन
उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे में 103 ट्रेन और प्रदेश में आ जायेगी। सभी जनपदों के जिलाधिकारी द्वारा सम्बंधित जनपदों में ट्रेन से आ रहे कामगारों, श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उनको उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। 
गोरखपुर में अब तक 173 ट्रेन से पहुंचे 2.14 लाख कामगार
उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अब तक 173 ट्रेन से 2,14,425 कामगार एवं श्रमिक आये हैं। लखनऊ में 77 ट्रेन के माध्यम से 98,401 लोग आए हैं। वाराणसी में 73, आगरा में 10, कानपुर में 16, जौनपुर में 80, बरेली में 11, बलिया में 51, प्रयागराज में 49, रायबरेली में 17, प्रतापगढ़ में 54, अमेठी में 13, मऊ में 34, अयोध्या में 31, गोण्डा में 58, उन्नाव में 27, बस्ती में 53 ट्रेन और आजमगढ़ में 29 ट्रेन आ चुकी हैं। 
इसी तरह कन्नौज में 03, गाजीपुर में 20, बांदा में 16, सुल्तानपुर में 22, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 02, अम्बेडकरनगर में 20, हरदोई में 15, सीतापुर में 08, फतेहपुर में 08, फर्रुखाबाद में 01, कासगंज में 08, चंदौली में 12, मानिकपुर (चित्रकूट) में 01, एटा में 01, जालौन में 02, रामपुर में 01, शाहजहांपुर में 01, अलीगढ़ में 06, मिर्जापुर में 06, देवरिया में 61, सहारनपुर में 02, चित्रकूट में 02, बलरामपुर में 14, झांसी में 04 और पीलीभीत में 01 ट्रेन आ चुकी हैं। इसके साथ ही कौशांबी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, इटावा, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी में भी ट्रेन आ रही हैं। 
गुजरात से 421 ट्रेन से पहुंचे 6.03 लाख श्रमिक
उन्होंने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 421 ट्रेन से 6,03,338 लोग, महाराष्ट्र से 235 ट्रेन से 3,09,128 लोग, पंजाब से 186 ट्रेन से 2,12,949 कामगारों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। इसके साथ ही तेलंगाना से 18, कर्नाटक से 38, केरल से 09, आन्ध्र प्रदेश से 04, तमिलनाडु से 16, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 31, गोवा से 10, दिल्ली से 68, छत्तीसगढ़ से 01, पश्चिम बंगाल से 01, उड़ीसा से 01 ट्रेन, असम से 01 ट्रेन, त्रिपुरा से 01 ट्रेन, हरियाणा से 01 ट्रेन तथा उत्तर प्रदेश से 59 ट्रेन के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कामगारों को पहुंचाया गया है।
बसों से 2.43 कामगारों को लाया गया वापस
उन्होंने बताया कि हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्यों से परिवहन विभाग की बसों के माध्यम से कुल 2,43,918 कामगार को प्रदेश में वापस लाया गया है। इस प्रकार विभिन्न माध्यमों से लगभग 23 लाख से अधिक कामगार अब तक प्रदेश में आ चुके हैं। 
कहीं भी नहीं करें पैदल यात्रा 
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जनपद में कोई पैदल यात्रा न करे। कामगार स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। सरकार समस्त श्रमिकों के लिए सुरक्षित यात्रा हेतु पर्याप्त निःशुल्क बस एवं ट्रेन की व्यवस्था कर रही है।
🕔tanveer ahmad

24-05-2020-
लखनऊ। कोरोना संकट में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी कामगारों का ट्रेनों से वापसी का सिलसिला जारी है। देश में सबसे अधिक प्रवासी कामगार उत्तर...

Read Full Article
उत्तर प्रदेश में चाँद का हुआ दीदार, सोमवार को मनाई जायेगी ईद

उत्तर प्रदेश में चाँद का हुआ दीदार, सोमवार को मनाई जायेगी ईद 748

👤24-05-2020-

लखनऊ। ईद उल फितर के चाँद का रविवार की शाम को लोगों ने दीदार कर लिया। चाँद दिखते ही लोगों ने एक दूसरे को बधाईयां देनी शुरू कर दी। वहीं उत्तर प्रदेश में सोमवार को ईद मनाये जाने की घोषणा भी हो गयी। मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष व ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली व शिया मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने चाँद का दीदार होने पर लखनऊ के लोगों समेत प्रदेशवासियों को ईद की मुबारकवाद दी है।कोरोना महामारी के कारण इस बार की ईद सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन का पालन करते हुए मनाई जाएगी। शायद यह पहली बार ही होगा जब ईद पर लोग एक दूसरे के गले नहीं मिल पाएंगे।

🕔tanveer ahmad

24-05-2020-

लखनऊ। ईद उल फितर के चाँद का रविवार की शाम को लोगों ने दीदार कर लिया। चाँद दिखते ही लोगों ने एक दूसरे को बधाईयां देनी शुरू कर दी। वहीं उत्तर प्रदेश में सोमवार को ईद मनाये...

Read Full Article
उप्र में श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रस्तावित आयोग का नाम होगा 'माइग्रेशन कमीशन'

उप्र में श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रस्तावित आयोग का नाम होगा 'माइग्रेशन कमीशन'760

👤24-05-2020-लखनऊ।   उत्तर प्रदेश में प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रस्तावित आयोग का नाम ‘माइग्रेशन कमीशन’ होगा। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को यहां बताया कि यह आयोग श्रमिकों को उनके कौशल के अनुरूप रोजगार दिलाने में मदद करेगा। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज टीम 11 के साथ समीक्षा बैठक के दौरान प्रवासी कामगारों व श्रमिकों के रोजगार के लिए इस आयोग के गठन का निर्देश जारी किया। मुख्यमंत्री योगी ने बाद में एक वेबिनार में इसकी बाकायदे घोषणा भी की। श्री अवस्थी ने बताया कि माइग्रेशन कमीशन के गठन से प्रदेश में आने वाले हर प्रवासी कामगार व श्रमिक को रोजगार मिलेगा। साथ ही उनकी बराबर सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को को बीमा की सुविधा से संरक्षित करने को भी कहा है। अपर मुख्य सचिव के अनुसार मुख्यमंत्री का मानना है कि प्रवासी कामगार और श्रमिक अलग-अलग प्रोफेशन से जुड़े हैं। उन्होंने सभी की स्किल मैपिंग कराकर उनका पूरा ब्यौरा तैयार करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि आयोग का स्वरुप ऐसा हो कि उसके माध्यम से कामगारों को जॉब सिक्योरिटी मिले ताकि उनका जीवन सुरक्षित हो सके। साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाये कि देश के अन्य राज्य यहां के कामगारों को बगैर उप्र सरकार की अनुमति के अपने राज्यों में न ले जा सकें। 

🕔tanveer ahmad

24-05-2020-लखनऊ।   उत्तर प्रदेश में प्रवासी कामगारों और श्रमिकों के रोजगार के लिए प्रस्तावित आयोग का नाम ‘माइग्रेशन कमीशन’ होगा। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, गृह एवं सूचना अवनीश...

Read Full Article
भाजपा मजदूरों को पहुंचा रही सहायता, कांग्रेस धोखा देकर कर रही राजनीति : सूर्य प्रताप शाही

भाजपा मजदूरों को पहुंचा रही सहायता, कांग्रेस धोखा देकर कर रही राजनीति : सूर्य प्रताप शाही929

👤24-05-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार महामारी के दौर में लगातार दिन-रात प्रयास कर हर मजदूर को सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि 22 लाख से भी ज्यादा प्रवासी प्रदेश में सकुशल आ चुके हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस मजदूरों के नाम पर झूठे वादे कर राजनीति कर रही है। यहां तक कि फर्जी ढंग से बसों की सूची भेजने में भी लज्जा नहीं आई। ये बातें प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों के नाम पर किए सिर्फ झूठे वादे करती रही और हजार बसों की फर्जी लिस्ट सौंपकर देश को गुमराह किया। वहीं दूसरी तरफ प्रवासियों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1154 ट्रेनों का प्रबंध किया। सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण ही प्रदेश में 22 लाख से ज्यादा प्रवासी सकुशल आ चुके हैं। प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 27 हजार बसों का बेड़ा भी लगाया गया।
कोटा में फंसे छात्रों की कांग्रेस ने नहीं की कोई मददसूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस ने कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के 12000 से अधिक छात्रों की कोई मदद नहीं की और मजदूरों के नाम पर झूठ बोलकर राजनीति कर रही है। राजस्थान सरकार ने कोटा में 94 बस उपलब्ध कराने के लिए 36 लाख से अधिक रुपये वसूल किये। कोटा में फंसे 12 हजार छात्रों के लिए देवदूत भाजपा सरकार बनी। 630 बसों का प्रबंध कर छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाया। बसें कम पड़ने पर राजस्थान रोडवेज से किराए पर बसें ली।
प्रवासी लोगों को लाने के लिए प्रदेश सरकार दृढ संकल्पित कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश सरकार देश के हर कोने से प्रदेश के मजदूर भाइयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। अन्य प्रदेशों के मजदूरों को राज्य की सीमा तक छोड़ने के साथ ही उनके लिए अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं। श्रमिकों की वापसी के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार ने हजारों बसें लगा रखी हैं, जिसमें पूरी सावधानी के साथ मजदूरों को लाया, ले जाया जाता है। सरकार कोरोना महामारी के इस संकट के समय में प्रवासी मजदूरों की हर संभव सहायता कर रही है।  
यूपी के मजदूर मजबूर नहीं, क्योंकि यहां योगी सरकारउन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अब तक बसों एवं ट्रेन के माध्यम से मजदूरों को सुरक्षित घर वापस पहुंचाया गया। उत्‍तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध भी करा रही है। उत्‍तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां आकर मजदूर को चैन मिलता है। मजदूर की सेवा होती है। उत्‍तर प्रदेश में मजदूर मजबूर नहीं, क्योंकि यहां है योगी आदित्‍यनाथ की सरकार और भाजपा जैसा मजबूत संगठन है। 
प्रवासी मजदूरों के अस्थायी राशन कार्ड बनवाए जायेंगेउन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों के अस्थायी राशन कार्ड बनवाने के लिए जिलाधिकारियों द्वारा सर्वे किया जा रहा है। 01 जून से 11 जून के मध्य उन्हें भी पांच किलो प्रति व्यक्ति खाद्यान्न और 01 किलो चना प्रति परिवार वितरित किया जाएगा। प्रवासियों को राशन उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश में बनाए गए 7.88 लाख नए राशन कार्ड, कोटेदारों को अतिरिक्त चालान के जरिए तुरंत उपलब्ध कराया जा रहा है।


🕔tanveer ahmad

24-05-2020-लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार महामारी के दौर में लगातार दिन-रात प्रयास कर हर मजदूर को सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि 22 लाख से भी ज्यादा प्रवासी प्रदेश में सकुशल...

Read Full Article
भाजपा मजदूरों को पहुंचा रही सहायता, कांग्रेस धोखा देकर कर रही राजनीति : सूर्य प्रताप शाही

भाजपा मजदूरों को पहुंचा रही सहायता, कांग्रेस धोखा देकर कर रही राजनीति : सूर्य प्रताप शाही110

👤24-05-2020-
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार महामारी के दौर में लगातार दिन-रात प्रयास कर हर मजदूर को सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि 22 लाख से भी ज्यादा प्रवासी प्रदेश में सकुशल आ चुके हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस मजदूरों के नाम पर झूठे वादे कर राजनीति कर रही है। यहां तक कि फर्जी ढंग से बसों की सूची भेजने में भी लज्जा नहीं आई। ये बातें प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मजदूरों के नाम पर किए सिर्फ झूठे वादे करती रही और हजार बसों की फर्जी लिस्ट सौंपकर देश को गुमराह किया। वहीं दूसरी तरफ प्रवासियों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 1154 ट्रेनों का प्रबंध किया। सरकार के कुशल प्रबंधन के कारण ही प्रदेश में 22 लाख से ज्यादा प्रवासी सकुशल आ चुके हैं। प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 27 हजार बसों का बेड़ा भी लगाया गया।
कोटा में फंसे छात्रों की कांग्रेस ने नहीं की कोई मददसूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस ने कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के 12000 से अधिक छात्रों की कोई मदद नहीं की और मजदूरों के नाम पर झूठ बोलकर राजनीति कर रही है। राजस्थान सरकार ने कोटा में 94 बस उपलब्ध कराने के लिए 36 लाख से अधिक रुपये वसूल किये। कोटा में फंसे 12 हजार छात्रों के लिए देवदूत भाजपा सरकार बनी। 630 बसों का प्रबंध कर छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाया। बसें कम पड़ने पर राजस्थान रोडवेज से किराए पर बसें ली।
प्रवासी लोगों को लाने के लिए प्रदेश सरकार दृढ संकल्पित कैबिनेट मंत्री ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश सरकार देश के हर कोने से प्रदेश के मजदूर भाइयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। अन्य प्रदेशों के मजदूरों को राज्य की सीमा तक छोड़ने के साथ ही उनके लिए अन्य इंतजाम भी किए जा रहे हैं। श्रमिकों की वापसी के लिए उत्‍तर प्रदेश सरकार ने हजारों बसें लगा रखी हैं, जिसमें पूरी सावधानी के साथ मजदूरों को लाया, ले जाया जाता है। सरकार कोरोना महामारी के इस संकट के समय में प्रवासी मजदूरों की हर संभव सहायता कर रही है।  
यूपी के मजदूर मजबूर नहीं, क्योंकि यहां योगी सरकारउन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अब तक बसों एवं ट्रेन के माध्यम से मजदूरों को सुरक्षित घर वापस पहुंचाया गया। उत्‍तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के साथ ही उन्हें रोजगार उपलब्ध भी करा रही है। उत्‍तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां आकर मजदूर को चैन मिलता है। मजदूर की सेवा होती है। उत्‍तर प्रदेश में मजदूर मजबूर नहीं, क्योंकि यहां है योगी आदित्‍यनाथ की सरकार और भाजपा जैसा मजबूत संगठन है। 
प्रवासी मजदूरों के अस्थायी राशन कार्ड बनवाए जायेंगेउन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासी मजदूरों के अस्थायी राशन कार्ड बनवाने के लिए जिलाधिकारियों द्वारा सर्वे किया जा रहा है। 01 जून से 11 जून के मध्य उन्हें भी पांच किलो प्रति व्यक्ति खाद्यान्न और 01 किलो चना प्रति परिवार वितरित किया जाएगा। प्रवासियों को राशन उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश में बनाए गए 7.88 लाख नए राशन कार्ड, कोटेदारों को अतिरिक्त चालान के जरिए तुरंत उपलब्ध कराया जा रहा है।


🕔 एजेंसी

24-05-2020-
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार महामारी के दौर में लगातार दिन-रात प्रयास कर हर मजदूर को सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि 22 लाख से भी ज्यादा प्रवासी प्रदेश में...

Read Full Article
तहसील सोहावल जिला अयोध्या के खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में  पीड़ित मजदूर  व आमजन के प्रवेश पर पाबन्दी

तहसील सोहावल जिला अयोध्या के खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में  पीड़ित मजदूर  व आमजन के प्रवेश पर पाबन्दी866

👤24-05-2020-अयोध्या । तहसील सोहावल जिला अयोध्या के खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में 18 मई 2020 से गरीब पीड़ित मजदूर व आम जन का प्रवेश निषेध कर दिया गया है जिस कारण से कार्यालय के बाहर आमजन व पीड़ित घंटो लॉक डाउन व तपति धूप के मोहाल में भी घंटो लोग कतार में रहना पड़ा ।  प्रतिदिन गरीब मजदूर लोगों को मनरेगा जॉब कार्ड, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास , वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र आदि कामो के लिए कार्यालय में आना पड़ता है लेकिन इन सभी लोगो का प्रवेश निषेद कर आवेदकों को अनेको प्रकार का कठिनाईयो का सामना करना पड़ेगा इस संबंध में जब BDO सोहावल मोनिका पाठक से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया और फोन काट दिया
🕔tanveer ahmad

24-05-2020-अयोध्या । तहसील सोहावल जिला अयोध्या के खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में 18 मई 2020 से गरीब पीड़ित मजदूर व आम जन का प्रवेश निषेध कर दिया गया है जिस कारण से कार्यालय के बाहर आमजन...

Read Full Article
कानपुर में पेट्रोल पंप पर खड़े दो ट्रकों में लगी आग, जलकर हुए खाक

कानपुर में पेट्रोल पंप पर खड़े दो ट्रकों में लगी आग, जलकर हुए खाक550

👤23-05-2020-कानपुर। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार करने लगा और सूर्य देवता इन दिनों आग उगल रहे हैं, जिससे आग के हादसे बढ़ने लगे। इसी क्रम में शनिवार को संचेडी थाना क्षेत्र में पेट्रोल पंप के पास खड़े दो ट्रकों में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गयी और जलकर खाक हो गये। गनीमत रही कि आग पेट्रोल पंप के टैंक तक नहीं पहुंच सकी और बड़ा हादसा टल गया। वहीं सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने आग पर काबू पाया। 
कानपुर नगर के सचेंडी थाना अंतर्गत चकरपुर मंडी के पास बना पेट्रोल पंप पर खड़े दो ट्रकों में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लग गयी। देखते ही देखते आग ने भयानक रूप ले लिया, जिसकी दहशत में आकर पेट्रोल कर्मचारी ने पेट्रोल पंप छोड़कर रोड पर भाग गए। वहीं लगभग पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित सचेंडी थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंची तो लेकिन आग बुझाने में नाकामयाब रही और तमाशबीन बनी राहगीरों की तरह रोड के किनारे खड़ी रही। इस बीच हाईवे पर से गुजर रहे देखने वाले वाहनों की लंबी कतार लग गयी। इसके बाद सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने आग को कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों ट्रक जलकर खाक हो चुके थे। दमकल की टीम हादसे के पीछे कारणों की जांच कर रही है। वहीं एक बड़ा सवाल उठता है कि इतने बड़े पेट्रोल पंप पर आग बुझाने के क्या समुचित साधन उपलब्ध नहीं थे, जिससे कि आग बुझाने का प्रयास किया जा सके। वह तो शुक्र है कि आग पेट्रोल भंडारण तक नहीं पहुंची, नहीं तो आग दो मिनट में सब कुछ भस्म कर देती। थानाध्यक्ष ने बताया कि आग की जानकारी मिली है और जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

23-05-2020-कानपुर। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार करने लगा और सूर्य देवता इन दिनों आग उगल रहे हैं, जिससे आग के हादसे बढ़ने लगे। इसी क्रम में शनिवार को संचेडी थाना क्षेत्र में पेट्रोल पंप...

Read Full Article
लॉकडाउन खुलते ही बढ़ने लगा प्रदूषण, साफ हवा के लिए ऑनलाइन आंदोलन

लॉकडाउन खुलते ही बढ़ने लगा प्रदूषण, साफ हवा के लिए ऑनलाइन आंदोलन770

👤23-05-2020-
लखनऊ, 23 मई : लॉकडाउन खुलते ही देशभर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. कुछ दिन राहत की सांस लेनेवाले भारतीय एक बार फिर घुटन वाले माहौल में जीने के लिए विवश हो रहे हैं. हाल ही में आईआईटी दिल्ली के एक अध्ययन में कहा गया है कि अगर लॉकडाउन के दौरान भारत के कम प्रदूषण के स्तर को बनाए रखा जाता है, तो यह देश की मृत्यु दर में 6.5 लाख की कमी ला सकता है. यही वजह है कि पर्यावरण को लेकर चिंतित आम आदमी और संस्थाएं आगे आ रही हैं. साफ हवा को बनाए रखने के लिए वह भारत सरकार से वह स्पष्ट और लागू होने वाले कार्यक्रम की मांग कर रहे हैं. इसके लिए ऑनलाइन आंदोलन की मुहिम शुरू करने जा रहे हैं.\r\n \r\nतय किया गया है कि आगामी 5 जून को लोग विश्व पर्यावरण दिवस पर ‘’स्वच्छ हवा के लिए’’ स्लोगन के साथ अपने शहर का फोटो साझा करें और देशव्यापी डिजिटल आंदोलन में भाग लें. साथ ही एक ऑनलाइन पेटिशन अभियान भी चलाया जा रहा है जिसमें यह पूछ गया है कि सरकार स्वच्छ हवा को सुनिश्चित करने के लिए क्या किसी खास को यह जिम्मेदारी दे रही है क्या. इस आंदोलन का नेतृत्व महाराष्ट्र की सामाजिक संस्था झटका सहित देशभर की कई संस्थाएं कर रही है.\r\n \r\nजानकारी के मुताबिक बीते 25 मार्च से हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण 300 मिलियन से अधिक गरीबों को अकल्पनीय पीड़ा सहना पड़ रहा है. लाखों मजदूर पैदल ही अपने घर जाने को मजबूर हैं. वो हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल ही कर रहे हैं. लेकिन इस बीच सड़कों पर लाखों कारों के साथ, कारखानों को बंद रखना पड़ा है. निर्माण और आर्थिक गतिविधियों में ठहराव के कारण इस दौरान भारत को दो दशकों में सबसे स्वच्छ हवा मिली है.\r\n \r\nजबकि इससे पहले हालात ये थे कि दुनिया के टॉप 30 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में तो 21 भारत के थे. लॉकडाउन के दौरान एयर इंडेक्स क्वालिटी (AQI) में लगातार गिरावट देखी जा रही है. दिल्ली जैसे शहर में सर्दियों में इसका स्तर 400 के पार था. वहीं लॉकडाउन के दौरान यह 60 के आसपास दिख रही है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या हमें स्वच्छ हवा पाने के लिए महामारी का सहारा लेना चाहिए?\r\n \r\nदेश के 122 शहर स्वच्छता के राष्ट्रीय मानक को नहीं करते हैं पूरा\r\n \r\nराष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के अनुसार भारत में 122 ऐसे शहर हैं जो स्वच्छ वायु के राष्ट्रीय मानक के गुणवत्ता को पूरा नहीं करते हैं. इसमें 18 शहर तो केवल महाराष्ट्र के हैं. इन शहरों के लोगों को खासतौर पर इस आंदोलन में हिस्सा लेने की अपील ये संस्था करती है. साथ ही दूसरे लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करने की अपील करती है. सालभर60 की मांग के माध्यम से लोग सरकार पर दवाब बना सकते हैं. ताकि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी भारत के लोगों को स्वच्छ हवा मिले, इसके लिए ठोस रणनीति बनाया जाए.\r\n \r\nवीडियो में देहरादून की 12 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडे शामिल हैं. ये वही रिधिमा हैं जो जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने की दिशा में सरकारों की निष्क्रियता पर पिछले साल सितंबर में संयुक्त राष्ट्र में याचिका देने वाली 16 बच्चों (ग्रेट थुनबर्ग के साथ) में से एक थीं.\r\n \r\nभारत के लॉकडाउन के 60 वें दिन (23 मई) सामाजिक संस्था झटका डॉट ओआरजी की तरफ से एक वीडियो जारी किया गया. सालभर60 शीर्षक से जारी इस वीडियो का उद्देश्य लोगों तक इस स्वच्छ हवा के संदेश को पहुंचाना है.\r\n \r\nसंस्था की कैंपेन मैनेजर शिखा कुमार कहती हैं, \"इस हफ्ते, लॉकडाउन मानदंडों में ढील दी गई थी. दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर 200 तक पहुंच गया था. यह दिखाता है कि लॉकडाउन की दुनिया में हम कितने डरे हुए हैं. जबकि इस दौरान हमने देखा कि प्रकृति कैसे खुद को ठीक करने की प्रक्रिया शुरू करती है. अब आगे क्या होगा? क्या हम वापस फिर जहरीली हवा खाने जा रहे हैं? हमने समस्या की गंभीरता को स्वीकार करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं. जैसा कि NCAP जैसी पहल से स्पष्ट है. लेकिन हमें सालभर60 के लिए ठोस राज्य-वार योजना और कार्यान्वयन की आवश्यकता है. इसके लिए इससे बेहतर समय कुछ और नहीं हो सकता.’’\r\n \r\nवहीं रिद्धिमा पांडेय कहती हैं स्वच्छ हवा हमारा बुनियादी अधिकार है. उनके मुताबिक, “पिछले दो महीनों में, ऐसा महसूस हुआ है कि मेरी पीढ़ी की सारी चीजें हमें उपहार में मिली हैं. नीला आसमान, कम उत्सर्जन, स्वच्छ हवा. इसका मतलब केवल यह है कि सालभर60 संभव है. हमारी सरकार को इसे आपातकाल की तरह मानने की जरूरत है. साथ ही प्रदूषण के स्तर को नीचे लाने के लिए सख्त समय सीमा का भी पालन करना होगा.’’\r\n \r\nसर गंगा राम अस्पताल में फेफड़े के सर्जन और लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक डॉ अरविंद कुमार कहते हैं, कोविड-19 महामारी ने हमें दो चीजें दिखाई हैं. पहला यह कि हम भी स्वच्छ हवा पा सकते हैं. दूसरा, खराब हवा हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकती है, जिससे बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. हार्वर्ड और इटली के अध्ययनों ने अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में कोविड-19 मामलों और मृत्यु दर की काफी अधिक संख्या दिखाई है. भारतीय शहरों में वायु प्रदूषण का उच्च स्तर हमारे बच्चों की भलाई के लिए एक बड़ा खतरा है. हमें सभी के लिए स्वच्छ हवा का लक्ष्य रखना चाहिए.\r\n \r\nभारत की कई सामाजिक संस्थाएं इस डिजिटल आंदोलन को अपना समर्थन दे रही है. इसमें लेट मी ब्रीथ, फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर, लेट इंडिया ब्रीथ, ग्रीनपीस इंडिया, वतावरन फ़ाउंडेशन, हेल्प डेल्ही ब्रीथ, माय राइट टू ब्रीथ, कोलकाता क्लीन एयर फ़ोरम, मुंबई का आरे समूह, आवा फ़ाउंडेशन सहित कई अन्य संस्थाएं शामिल हैं.
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

23-05-2020-
लखनऊ, 23 मई : लॉकडाउन खुलते ही देशभर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. कुछ दिन राहत की सांस लेनेवाले भारतीय एक बार फिर घुटन वाले माहौल में जीने के लिए विवश हो रहे हैं. हाल ही...

Read Full Article
नगर निगम की 'न' के बावजूद सेवाविस्तार की तैयारी

नगर निगम की 'न' के बावजूद सेवाविस्तार की तैयारी71

👤23-05-2020-
लखनऊ नगर निगम ने तमाम नियमों, शासन की नीति का हवाला देते हुए खुल के कह दिया है कि लेखाकार (अकेन्द्रीयत) को सेवाविस्तार नही दिया जा सकता। तो फिर वो कौन अधिकारी हैं, जो कि नगर आयुक्त के पत्र को भी नज़रअंदाज़ कर रसूखदार बाबू को सेवाविस्तार दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।\r\nविशेष सचिव नगर विकास अनुभाग 7 की ओर से सत्येंद्र कुमार सिंह को सेवाविस्तार के लिए यथोचित कार्यवाही के लिए लिखा गया था। इसका जवाब नगर आयुक्त ने शासन को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि स्थानीय निकाय की ओर से रिक्त पदों पर किसी प्रकार से नियुक्तियां न किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि शासन ने इन पदों को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए भरने का निर्णय लिया है। इसमें सेवाविस्तार केवल उन्हीं पदों में दिया जा सकता है, जो विशेष जनहित के विधिक या वैज्ञानिक पद हों और कोशिश के बावजूद नई तैनाती न हो पा रही हो। जबकि सत्येंद्र कुमार सिंह का पद इस श्रेणी का नही है। इसलिए लखनऊ नगर निगम की ओर से इस तरह कार्यवाही किया जाना सम्भव नहीं है। नगर विकास विभाग के सूत्र बता रहे हैं कि नगर निगम के इस पत्र के बावजूद शासन के कुछ अफसर सेवाविस्तार के लिए एड़ी- चोटी को ज़ोर लगा रहे हैं।\r\nअब सवाल यह है कि वो कौन लोग हैं, सत्येंद्र कुमार सिंह का सेवाविस्तार किसी भी दशा में कराना चाह रहे हैं। लखनऊ नगर निगम में आखिर वो कौन से काम हैं, जो कि बिना इस बाबू के नही हो सकते। इस सेवाविस्तार से किस-किस को फायदा होने जा रहा है। आखिर क्या वजह है कि योगी सरकार की नीतियों के विरुद्ध कुछ अफसर खड़े हैं। कोरोना काल में शासन की नीति है कि 55 साल से कम के कर्मचारियों से काम लिया जाए। फिर कौन अफसर हैं, जो ऐसे कर्मचारियों की उपयोगिता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।\r\nउल्लेखनीय है कि मूलतः लेखाकार सत्येंद्र कुमार सिंह बरसों से लखनऊ नगर निगम में बजट सील का काम देख रहे हैं, जो एक मलाईदार जगह मानी जाती है। इनकी सेवानिवृत्ति इसी माह 31 मई को होनी है।\r\nलेकिन नगर निगम में अब भी लोग ये मान रहे हैं कि सत्येंद्र सिंह का शासन में बैठे लोग सेवाविस्तार किसी भी तरह से करवा देंगे। दरअसल नगर निगम में कई नगर आयुक्त आये और चले गए लेकिन बरसों से एक सीट पर जमे सत्येंद्र सिंह की हैसियत में कोई कमी नहीं आयी. कोरोना काल ऐसी खबरें नगर निगम की छवि के लिए चुनौती है। फिर सत्येंद्र कुमार सिंह ने 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति का चयन कर उससे सम्बंधित लाभ लिए। उसके बाद नगर निगम को अँधेरे में रख 58 साल में सेवानिवृत्ति न लेकर 60 साल की सेवा पूरी करने के करीब है। लेकिन वो कौन है कि जो रिकवरी की कार्रवाई करने बजाय सेवाविस्तार में जुटे हैं।
🕔 (तनवीर अहमद सिद्दीकी/संवाददाता)

23-05-2020-
लखनऊ नगर निगम ने तमाम नियमों, शासन की नीति का हवाला देते हुए खुल के कह दिया है कि लेखाकार (अकेन्द्रीयत) को सेवाविस्तार नही दिया जा सकता। तो फिर वो कौन अधिकारी हैं, जो कि नगर...

Read Full Article

सोशल मीडिया

खबरें ज़रा हट के...

  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

    View Article
  • अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप

    08-05-2021-
    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

    View Article
  • पोखरे में मिली युवती की नग्‍न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

    30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...

    View Article
  • रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?

    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

    View Article
  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

    View Article