बीते दिनों में हुई बारिश से फसल को बड़ा नुकसान, आलू में दिख रहा रोग By tanveer ahmad2020-01-19

11293

19-01-2020-
चार साल से आलू की बर्बादी का दंश झेल रहे किसानों पर आफत की बारिश ने कहर बरपा दिया है। खेत के जौहरा में पानी भरा हुआ है। फसल पिछैती झुलसा के साथ-साथ जड़ गलन रोग की चपेट में है। इससे किसानों की नींद उड़ी हुई है। कृषि विशेषज्ञ और प्रगतिशील किसानों का कहना है कि साल 2019-20 में आलू की फसल का रकवा भी दस फीसदी गिर गया है। ऐसे में रोग फैलने से उत्पादन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। उत्तर प्रदेश के आलू उत्पादन में आगरा मंडल की अहम भूमिका होती है। प्रदेश के आलू उत्पादन का 28 फीसदी आलू आगरा मंडल में उत्पादित किया जाता है। पिछले चार साल से आलू में घाटा झेल रहे किसानों ने इस वर्ष आलू से मुंह मोड़ लिया था। इसके कारण जिले में साल 2018-19 में 71 हजार हेक्टेयर आलू उत्पादन था। साल 2019-20 में महज 67 हजार हेक्टेयर रह गया है। इस वर्ष किसानों ने 65 हजार हेक्टेयर में सरसों की फसल की है। विगत दिसंबर और 16 जनवरी को हुई बारिश से आलू की फसल में बड़ा नुकसान हुआ है। जिले में करीब 15 फीसदी आलू की फसल झुलसा के साथ-साथ जड़ गलन रोग की चपेट में है। गांव-गांव किसानों के बीच झुलसा रोग का शोर मचा है। रोग ने किसानों की नींद उड़ा दी है।प्रगतिशील किसान लाखन सिंह त्यागी ने बताया कि आलू की फसल में झुलसा के साथ जड़ गलन रोग का काफी असर है। किसान आलू के पौधों की पत्तियां देख रहे हैं। यदि वे पौधों को उखाड़कर देखेंगे तो जड़ में कालापन नजर आएगा। फसल में रोग आने का प्रमुख कारण बारिश और ओलावृष्टि है। मिट्टी में नमी है। मौसम अनुकूल न मिलने के कारण पौधे जड़ एवं तना गलन रोग की चपेट में आ गए हैं। रोग के कारण पौधों का विकास प्रभावित हो गया है। पौधे कमजोर होने लगे हैं और उनमें पीलापन आने लगा। इससे अब झुलसा रोग के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। 15 फीसदी फसल रोग से ग्रसित
लाखन सिंह त्यागी ने बताया कि जिले में औसतन 10-15 फीसदी फसल रोग से ग्रसित हो गई है। आलू की फसल में अभी तक कंद 60 से 70 फीसदी तक फूला है। बुबाई से अब तक फसल औसतन 60-70 दिन की हुई है। कंदों को पूर्ण विकसित करने के लिए फसल को लगभग एक महीने का समय चाहिए। जिस तरह से रोग की चपेट में फसल आ रही है, उससे फसल की औसतन पैदावार में 20-25 प्रतिशत तक कमी आएगी। कंद का पूरा फुलाव न होने के कारण आलू का साइज छोटा रह जाएगा। इससे उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा। आलू का साइज गुल्ला और किर्री (सबसे छोटा) का होगा। इससे पैदावार कम हो जाती है। दवा के छिड़काव से हालात होंगे काबू
कृषि विशेषज्ञ यतेंद्र सिंह के मुताबिक बेमौसम बारिश ने आलू की फसल में रोग आने की स्थिति पहले ही बना दी। फसल में झुलसा के साथ जड़ गलन रोग भी है। इसके कारण पौधों की ऐसी हालत बनी हुई है। कुछ खेतों में जड़ गलन के कारण पौधों का विकास रुक चुका है। रोग आने पर दवा का प्रभाव उतना तेजी से नहीं होता है, जितना रोग आने से पहले छिड़काव करने पर होता है। झुलसा रोग एक खेत से दूसरे खेत में पहुंच जाता है। किसान दवाओं का छिड़काव करें। इससे रोग दूसरे स्वस्थ्य पौधे को प्रभावित नहीं करेगा। इन रोगों की कारण फसल की पैदावार में अच्छी खासी कमी आती है। पौधे और कंदों का विकास प्रभावित होता है।

सोशल मीडिया

खबरें ज़रा हट के...

  • विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन

    18-10-2024-


    डीएम की धर्मपत्नी ने फीता काटकर किया उदघाटन। 

    बाराबंकी। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के...

    View Article
  • अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप

    08-05-2021-
    पॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...

    View Article
  • पोखरे में मिली युवती की नग्‍न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

    30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...

    View Article
  • रितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?

    20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...

    View Article
  • नोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल

    03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...

    View Article