यूपी के तीन समेत दर्जनभर इनोवेटर्स की सेना में राह खुली By tanveer ahmad2020-02-10
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10-02-2020-
डिफेंस एक्सपो ने देश के होनहारों को नई राह दी है। सेना के उपयोग के लायक बनाए गए उत्पाद बेचने के लिए अब जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी। स्टार्टअप के तहत डिफेंस एक्सपो में शामिल 14 इनोवेटर के उत्पाद अब रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित आईडेस्क के माध्यम से सेना में आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इसमें यूपी के तीन इनोवेटर शामिल हैं।सेना में उत्पाद आपूर्ति के लिए अभी तक नए शोधकर्ताओं के लिए रास्ता बहुत मुश्किल था। पहले उनके उत्पादों की गुणवत्ता की जांच में ही तीन साल का समय लग जाता था। इसके बाद निविदा निकलने पर एल-वन आने पर ही उनको अनुमति मिल पाती थी। इस प्रक्रिया में इनोवेटर की कमर टूट जाती थी। उसका मनोबल भी टूट जाता था लेकिन स्टार्टअप ने इस मुश्किल को बहुत आसान कर दिया है।एक हजार आवेदकों में 14 का हुआ चयन
राह आसान करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने एक चैनल बनाया। इसमें आईडेस्क का गठन किया गया। इसमें सेना के तीनों अंगों के विशेषज्ञ रखे गए। आईडेस्क के प्रोग्राम डायरेक्टर कर्नल अरविंद कुमार ने बताया कि इनोवेटर को प्रोत्साहित करने के लिए उनकी टीम ने सभी राज्यों का भ्रमण किया। डिफेंस एक्सपो से पहले आवेदन मांगे गए। 950 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया। विभिन्न प्रक्रियाओं व गुणवत्ता की जांच के बाद पहले चरण में 150 उत्पादों का चयन हुआ। अंतिम रूप से सिर्फ 14 उत्पाद ही डिफेंस एक्पो के लिए चयनित हुए। इनको प्रमाण पत्र मिल चुका है। कुछ अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद जल्द ही सेना में उनके उत्पादों की न्यूनतम आपूर्ति शुरू हो जाएगी। अब उनको निविदा की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। दक्षिण भारत में ज्यादा प्रतिभा
कर्नल अरविंद कुमार ने बताया कि शामिल हुए आवेदकों में 60 प्रतिशत दक्षिण भारत के हैं। इसमें बंगलुरू, चेन्नई व पंजाब के ज्यादा है। उत्तर भारत के लोगों को प्रोत्साहित करने में आईडेस्क को ज्यादा मेहनत करनी पड़ी। यूपी के तीन इनोवेटर में दो नोएडा के हैं। सेना में उत्पाद बेचने के रास्ते आसान होने से अब लोगों का भरोसा बढ़ा है। आगले कुछ वर्षों में और अधिक लोग शामिल हो जाएंगे।ऐसे मिलेगी मदद
स्टार्टअप में जिन लोगों का चयन हुआ है उनको लागत की आधी कीमत की मदद केन्द्र सरकार तत्काल करती है। उनको जब आपूर्ति का आदेश मिलेगा तो विभिन्न आईआईटी संस्थानों के विशेषज्ञों की निगरानी रहेगी। वह लगातार उत्पादों की गुणवत्ता को जांचते रहेंगे। कमियों को दूर करने के साथ उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने में भी मदद होगी। ऐसे में गुणवत्ता में कोई कमी होने की संभावना नहीं रहेगी। साथ ही न्यूनतम आपूर्ति होते रहने से इनोवेटर को आर्थिक समस्या से भी नहीं जूझना पड़ेगा। इसके अलावा निर्यात के लिए रास्ते खुले रहेंगे। स्टार्टअप को मदद करने के लिए ही आईडेस्क का गठन हुआ है। इनोवेटर को सेना में उत्पाद बेचने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। न्यूनतम आपूर्ति होते रहने से उनका उत्साह बना रहेगा। नए इनोवेटर को उत्साहित करने पर लगातार काम किया जा रहा है। -कर्नल अरविंद कुमार, प्रोग्राम डायरेक्टर, आईडेस्क
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