CM योगी की शिक्षकों को नसीहत, बोले- जनगणना के काम से न भागें By tanveer ahmad2020-03-05
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05-03-2020-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शिक्षकों को जनगणना के काम से न भागने की सलाह देते हुए कहा कि जब आप जनगणना करेंगे तो जानेंगे कि आपके स्कूल में आने वाला बच्चा किन परिस्थितयों से आता है। उसके घर की दिक्कतें क्या हैं? तभी आप असली ज्ञान दे पाएंगे।आत्ममंथन की जरूरत
मुख्यमंत्री बुधवार को लखनऊ के डॉ राम मनोहर लोहिया विवि में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी व सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) कॉन्क्लेव में शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री शिक्षकों के बीच गए तो खुद एक आदर्श शिक्षक के रूप में नजर आए। उन्होंने कहा, चुनौतियों का सामना करने की शिक्षा सिर्फ अध्यापक ही दे सकता है।यदि आज विश्वविद्यालयों में युवा अराजक हो रहा है, देश के टुकड़े करने की बात करता है तो उसकी शिक्षा पर प्रश्न खड़ा होता है। शिक्षक के काम पर सवाल खड़े होते हैं। उन शिक्षकों को सोचना चाहिए जिन्होंने इन्हें प्राइमरी और माध्यमिक स्तर पर शिक्षा देकर विश्वविद्यालय तक पहुंचाया। उन्हें आत्म मंथन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षक स्कूल जाएगा और अक्षर व अंकज्ञान करवाएगा तो बच्चा खुद ही पढ़ने लगेगा। शिक्षक को सिर्फ स्कूल तक सीमित नहीं होना चाहिए।अर्जित करें सम्मान
मुख्यमंत्री ने चेताया कि जिस पद पर सम्मान नहीं मिल रहा तो उसे तत्काल छोड़ देना चाहिए। सम्मान आपको खुद अर्जित करना पड़ता है। एक संस्मरण के जरिए उन्होंने बताया कि किस तरह विद्यार्थी बता रहे थे कि ये हमारा प्रिंसिपलवा है। ये कैसी शिक्षा है जो सम्मान तक करना नहीं सिखा पा रही। एक और संस्मरण के सहारे उन्होंने शिक्षकों को गुरुमंत्र दिया कि खुद के प्रयासों से भी तस्वीर बदली जा सकती है। उन्होंने बताया कि गर्मी में एक खेत जलने पर वहां गए तो देखा कि तीन शिक्षक हैं, 6-8 बच्चे खेल रहे थे। पूछने पर बताया गया कि बच्चे नहीं आते। जब मैंने पूछा कि क्या प्रयास किए तो वे चुप्पी साध गए। तब मैं केवल सांसद था, लेकिन मैंने कहा कि सारा काम सरकार या शासन नहीं करता। आप भी प्रयास कीजिए। बच्चों को घर से बुलाकर लाइए।अपने स्तर से प्रयास करें
उन्होंने कहा कि हमारे एक अफसर ने श्रावस्ती के स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प चलाया था। उन्होंने हमें बताया तो हमने इसे पूरे प्रदेश में लागू किया। कई अधिकारी या शिक्षक अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं और इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। हम नवाचार करने वाले शिक्षकों के नाम ही राष्ट्रपति पुरुस्कार के लिए भेजेंगे। पिछले तीन सालों में सरकारी स्कूलों में 50 लाख बच्चे बढ़े हैं।
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