सीएए पोस्टर मामला : सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में यूपी सरकार By tanveer ahmad2020-03-11
सम्बंधित खबरें
- नगर पंचायत फतेहाबाद ने गरीबों को किया कंबल वितरण
- ऋषभ के हरफनमौला प्रदर्शन से उजरई ने धमाकेदार जीत दर्ज की
- जीवन में प्रकाश प्राप्त करना हो तो दीक्षा संस्कार आवश्यक है - पूज्यश्री प्रेमभूषण जी महाराज
- गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा-अतुल सिंह
- पत्रकार की.निर्मम हत्या के विरोध मे पत्रकारो,ने,तहसीलदार को सोहावल को,सौपा ज्ञापन
11-03-2020-
लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा फैलाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। इस संबंध में हाईकोर्ट का आदेश मिलने के बाद विधि राय ली जाएगी। फिलहाल, अभी लखनऊ में लगाए गए पोस्टर नहीं हटाए गए हैं।इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद प्रदेश सरकार ने इस आदेश के हर पहलू पर गहराई से मंथन किया। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पोस्टर हटाने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने भी उच्चाधिकारी के साथ विचार-विमर्श किया। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस कमश्निर लखनऊ सुजीत पाण्डेय, लखनऊ के डीएम के साथ कई बड़े अधिकारियों की लोक भवन में हुई बैठक।बैठक में तय हुआ है कि पहले हाईकोर्ट के आदेश का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। लखनऊ पुलिस ने लखनऊ में हिंसा फैलाने वाले करीब 57 लोगों के पोस्टर विभन्नि इलाकों में लगाए हैं।इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ में उपद्रव और तोड़फोड़ करने के आरोपियों के पोस्टर लगाए जाने के मामले में लखनऊ के डीएम और पुलिस कमिश्नर को अविलंब पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने महानिबंधक के समक्ष पोस्टर हटाए जाने संबंधी कृत कार्रवाई की रिपोर्ट 16 मार्च से पहले दाखिल करने का आदेश दिया है।कानून के मुजरिमों के खिलाफ जनहित याचिका पोषणीय नहीं
महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने कहा कि ये कानून तोड़ने वाले लोग हैं और कानूनी प्रक्रिया से बच रहे हैं इसलिए सार्वजनिक रूप से इनके बारे में इस तरह खुलासा किया गया। महाधिवक्ता का यह भी कहना था जिन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है, वे सभी कानून के मुजरिम है। एडवोकेट जनरल ने यह भी कहा कि सभी पढ़े-लिखे लोग हैं व कानून के जानकार हैं इसलिए ऐसे लोगों को मामले में जनहित याचिका पोषणीय नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में जनहित याचिका के माध्यम से हस्तक्षेप नहींम किया जाना चाहिए। उन्होंने क्षेत्राधिकार की भी बात कही। कोर्ट ने महाधिवक्ता को सुनने के बाद इस मामले पर निर्णय सुरक्षित कर लिया।
विश्व प्रसिद्ध देवा मेला एवं प्रदर्शनी का हुआ भव्य उदघाटन
18-10-2024-
अभिनव ने लगाया श्वेता पर बेटे को होटल में अकेला छोड़कर केप टाउन जाने का आरोप
08-05-2021-
View Articleपॉपुलर रियलिटी शो खतरों के खिलाड़ी के 11वें सीजन में श्वेता तिवारी भी हिस्सा लेने वाली हैं जिसके लिए एक्ट्रेस...
पोखरे में मिली युवती की नग्न लाश, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
30-04-2021-गोरखपुर। खजनी क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊधरमंगल के सिगरा पोखरे में शुक्रवार को एक युवती की नग्न लाश दिखने...
View Articleरितिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फाइटर होगी बॉलिवुड की सबसे महंगी फिल्म?
20-01-2021-रितिक रोशन के बर्थडे (10 जनवरी) पर उनकी अपकमिंग फिल्म च्फाइटरज् का 30 सेकंड का टीजर रिलीज किया गया। इस फिल्म को लेकर...
View Articleनोरा फतेही ने शेयर किया ग्लैमरस फोटोशूट का वीडियो, हुआ वायरल
03-01-2021-नई दिल्लीl फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया हैl यह उनके हालिया फोटोशूट का वीडियो...
View Article