किसानों के लिए आफत बनी बारिश-ओलावृष्टि, तबाह हुई फसलें By tanveer ahmad2020-03-13

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13-03-2020-
बेमौसम बारिश की मार झेल रहे किसानों के ऊपर शुक्रवार की भोर बारिश आफत बनकर बरस पड़ी। लखनऊ के आसपास के जिलों में  तेज आंधी पानी के साथ ओलों की बारिश से किसान बर्बाद हो गया। खेतों में लगी सरसों और गेहूं की फसल पूरी तरह चौपट हो गई। वही मवेशियों के लिए हरा चारा भी नष्ट हो गया। सुबह होते ही किसान अपनी बर्बादी को देखने खेतों की ओर निकल पड़े। कोई खेतों से पानी निकालने की जुगत कर रहा था, तो कोई बैठा आंसू बहा रहा था। कुदरत की यह मार शायद किसानों ने कभी नहीं देखी होगी।पेड़ों से टूटकर जमीन पर बिछ गया आम का बौर: 
शुक्रवार की भोर हुई ओलों की बरसात से जहां फसलों को नुकसान हुआ है, वही बागवानों की भी कमर टूट गई। आम के पेड़ों पर लदा बौर बड़े-बड़े ओलो के पड़ने से टूट कर जमीन पर बिखर गया। सुबह बागवान बाग पहुंचे तो वहां का नजारा देख घबरा उठे। अबकी बार आम की अच्छी फसल होने की आस पूरी तरह टूट चुकी थी। बाराबंकी जिले के भयारा, मसौली, बड़ागांव, रामनगर, सहादतगंज, रामपुर समेत आम की बाग के ज्यादा क्षेत्रफल वाले इलाकों में भयंकर ओलावृष्टि हुई है। जिससे आम का उत्पादन भी इस बार ना के बराबर होने की कगार पर पहुंच गया है।चटाई हो गई गेहूं व सरसों की फसलें: ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी गेहूं की फसलें चटाई की तरह खेतों में बिछ गई। तेज आंधी पानी से गेहूं की बालियां टूट कर नीचे गिर गई। यही हाल सरसों का भी रहा। कई किसानों की खेतों में कटी पड़ी सरसों की फसल पर ओले पड़ने से सरसों खेत में बिखर गई, जो लगी हुई थी वह भी बर्बाद हो गई। ऐसे में किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। गिरी पड़ी फसल और ऊपर से भरा पानी मवेशियों के लिए चारे की भी समस्या खड़ी हो गई है। खेतों में लगी बरसीम बर्बाद हो गई।कई स्थानों पर पेड़ गिरने से बाधित हुई बिजली: 
तेज आंधी पानी से सड़क किनारे लगे पेड़ गिर गए। जिससे यातायात प्रभावित रहा और कई स्थानों पर पेड़ बिजली के खंभों पर गिरने से विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है। जहां सूचना मिली वहां टीम भेजकर मरम्मत कार्य शुरू कराया जा रहा है और वन विभाग के कर्मचारी पेड़ों को काटकर रास्ता खाली कराने में जुटे हुए हैं।तेज बारिश से डूब गई आलू की क्यारियां: 
होली का त्यौहार पड़ने से किसान आलू की खुदाई नहीं कर पाए थे। जैसे ही खुदाई का कार्य शुरू हुआ कि अचानक ओलों के साथ झमाझम बारिश हो गई। देवा, मसौली व फतेहपुर समेत कई क्षेत्रों में खेतों में खुदा पड़ा आलू पानी में डूब गया। कई खेत ऐसे दिखे जिनमें क्यारियों में पानी भरा हुआ था। किसानों का कहना है कि अब तक हुई बारिश में यह सब से आफत भरी बारिश हुई है। अब कोई फसलें सुरक्षित नहीं बचेगी। जो आलू भीग गया है वह अब सड़ जाएगा।गुरुवार रात से हो रही झमाझम बरसात, ओले गिरे
श्रावस्ती।  गुरुवार रात से जिले भर में तेज बरसात हो रही है। रात में और सुबह भी ओले गिरे।इससे बची खुची फसल भी तबाह हो गई।
गुरुवार दिन में तेज धूप निकली थी।लेकिन देर रात मौसम का मिजाज बिगड़ गया। आधी रात के बाद तेज बरसात होने लगी। वहीं तेज गड़गड़ाहट के साथ साथ ओले भी गिरने लगे। कुछ क्षेत्रों में छोटे तो कुछ क्षेत्रों में बड़े बड़े ओले गिरे। शुक्रवार सुबह से भी बरसात और ओले गिरने का सिलसिला जारी है। बरसात और ओले गिरने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बरसात अब भी जारी है।झमाझम बारिश के बीच गिरे ओले सीतापुर जिले के सभी क्षेत्रों में शुक्रवार तड़के से बारिश शुरू हुई। तेज बारिश के बीच कई स्थानों पर ओले भी गिरे हैं। सुबह करीब चार बजे से शुरू हुई बारिश से जनजीवन प्रभावित हुवा।  क्षेत्रों में बारिश शुरू होने के बाद सबसे अधिक समस्या तेज बारिश के बीच स्कूलों में परीक्षा देने वाले बच्चों को हुई। विद्यालय तक पहुंचने में छात्र छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा। लगातार बारिश होने से आवागमन प्रभावित हुआ है। मिश्रिख, नीमसार, सदना, कल्ली, मारूबेहड़, थानगांव और बहादुरगंज इलाके में तेज हवाओं के साथ ओले गिरे हैं।गोंडा : किसानों के लिए कहर बन गई है बेमौसम बारिश
 बीते 15 दिनों से बीच-बीच में हो रही बिन मौसम बरसात और तूफानी आंधी किसानों के फसलों को तहस-नहस कर दिया है।बरसात के साथ ही चौतरफा तेज हवाओं से गेंहू की फसले जमीन गिर गईं हैं। बरसात के साथ ही कहीं कहीं ओलों की भी बरसात हुई है।गेंहू की फसलों की बालियां निकल चुकी है। इस समय गेहूं की फसलें  गिरने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। इस बरसात की वजह से किसानों की सरसों की फसल भी नष्ट हो रही है।तहसील क्षेत्र के खजूरी निवासी सोनू तिवारी ने बताया कि सरकार किसानों की आय दो गुनी करने का वादा कर रही है। यहां तो छुट्टा जानवरो से बची खुची फसल  प्रकृति नष्ट कर रही है।किसी तरीके से कटीले तार से घेराबंदी व रखवाली करके फसलों को जमा पूंजी लगाकर बचाया तो, तेज हवा के झोंको व बारिश ने किसानो के मंसूबो पर पानी फेर दिया है। कटहा के निवासी हंसराज पाण्डेय ने बताया कि अभी तीन दिन पहले हजारों रुपये पूंजी लगाकर मक्के की बुवाई की थी ।जोकि बरसात होने व जल भराव के कारण सारी पूंजी डूब गई। बताया जाता है कि बिन मौसम बरसात से तहसील क्षेत्र के हजारों किसानों की फसलें कमोबेश नष्ट हो चुकी है।  

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