पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई जाएंगे राज्यसभा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया मनोनीत By tanveer ahmad2020-03-17
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17-03-2020-
उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई न्यायपालिका के बाद अब विधायिका में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। उनको राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने अयोध्या विवाद समेत कई मामलों में महत्वपूर्ण फैसले दिए थे। अंग्रेजी और हिंदी समेत सात भाषाओं में उच्चतम न्यायालय के फैसलों को प्रकाशित करने का फैसला भी उनकी ही पीठ ने दिया था। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई
जन्म: 18 नवंबर, 1954
जन्म स्थान- डिब्रूगढ़, असम
पिता-केसब चंद्र गोगोई, पूर्व मुख्यमंत्री, असम
स्कूली शिक्षा- डॉन बोस्को स्कूल, डिब्रूगढ़
स्नातक- सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली
विधि स्नातक- दिल्ली विश्वविद्यालय
पत्नी: रूपांजलि गोगोई
बच्चे: रक्तिम गोगोई और रश्मि गोगोई करियर:
वकालत- यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बावजूद वर्ष 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत शुरू की।
न्यायाधीश- 28 फरवरी, 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने।
मुख्य न्यायाधीश: वर्ष 2011 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने।
मुख्य न्यायाधीश : उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल, 2012 को न्यायाधीश बने। 3 अक्तूबर, 2018 को 46वें मुख्य न्यायाधीश बने। 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए। ऐतिहासिक फैसले:
अयोध्या मामला:
अयोध्या विवाद का समाधान करने वाली पांच सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता की और एक महत्वपूर्ण फैसला देकर सालों पुराने मामले को सुलझा दिया। आरटीआई:
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने ही मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने को लेकर फैसला सुनाया। सबरीमाला मामला
जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की और मामले को सात सदस्यीय बड़ी पीठ को भेज दिया। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। विज्ञापन:
सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी का फैसला लगाने वाली पीठ के अध्यक्ष भी रंजन गोगोई थे। इसके बाद से सरकारी विज्ञापन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, संबंधित विभाग के केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संबंधित विभाग के मंत्री के अलावा किसी भी नेता की सरकारी विज्ञापन पर तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी है। राफेल विवाद:
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल विमान सौदा मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इससे केंद्र सरकार को राहत मिली थी।पिता दो महीने तक मुख्यमंत्री रहे:
जस्टिस गोगोई के पिता केसब चंद्र गोगोई कांग्रेस के नेता रहे। 1982 में वह असम के मुख्यमंत्री बने और दो महीने तक पद पर रहे। वह डिब्रूगढ़ सीट से विधायक भी रहे।
भाई थे एयर मार्शल:
जस्टिस गोगोई के भाई अंजन कुमार गोगोई भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल रहे। अपनी सेवा के दौरान अंजन ने कई तरह के मेडल और पुरस्कार अर्जित किए।
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