12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस By tanveer ahmad2024-06-12
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12-06-2024-
समाज के माथे पर कलंक है, बाल मजदूरी : डॉ० विनोद यादव
देवरिया। बहादुर यादव मेमोरियल पी०जी० कॉलेज नगर पंचायत भटनी, देवरिया (उ० प्र०) के प्राचार्य डॉ० विनोद यादव ने 12 जून विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर कहा कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई बाल मजदूरी को जड़ से खत्म करने के लिए बाल श्रम निवेश दिवस हर वर्ष 12 जून को मनाया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आई०एल०ओ०) के अनुमान के मुताबिक विश्व में 21 करोड़ 80 लाख बाल श्रमिक है। जबकि एक आकलन के अनुसार भारत में यह आंकड़ा 1 करोड़ 26 लाख 66 हजार 377 को छूता है।
बाल श्रम की समस्या भारत में ही नहीं दुनिया के देशों में एक विकट समस्या के रूप में विराजमान है जिसका समाधान खोजना जरूरी है। भारत में 1986 ईस्वी में बाल श्रम निषेध और नियमन अधिनियम पारित हुआ। इस अधिनियम के अनुसार बाल श्रम तकनीकी सलाहकार समिति नियुक्त की गई। इस समिति की सिफारिश के अनुसार खतरनाक उद्योगों में बच्चों की नियुक्ति निश्चित है। भारतीय संविधान के मौलिक अधिकारों में शोषण और अन्य के विरुद्ध अनुच्छेद 23 और 24 को रखा गया है। अनुच्छेद 23 के अनुसार खतरनाक उद्योगों में बच्चों के रोजगार पर प्रतिबन्ध लगाता है। वही संविधान के अनुच्छेद 24 के अनुसार 14 साल के कम उम्र का कोई बच्चा किसी फैक्ट्री या खदान में काम करने के लिए नियुक्त नहीं किया जायेगा।
आज बाल मजदूरी समाज पर कलंक है इसके खात्में के लिए सरकारों और समाज को मिलकर काम करना होगा। साथ ही साथ बाल मजदूरी पर पूर्णतया रोक लगनी चाहिए। बच्चों के उत्थान और उनके अधिकारों के लिए आने वाली योजनाओं का प्रारंभ किया जाना चाहिए। जिसमें बच्चों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव दिखे और शिक्षा का अधिकार भी सभी बच्चों के लिए अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए। गरीबी दूर करने वाले सभी व्यावहारिक उपाय उपयोग में ले जाने चाहिए। बाल श्रम की समस्या का समाधान तभी होगा जब हर बच्चे के पास उपलब्ध अधिकार पहुंच जायेगा। इसके लिए जो बच्चे अपने अधिकारों से वंचित है । उनके अधिकार उनको दिलाने के लिए समाज और देश को सामूहिक प्रयास करने होंगे।
आज देश के प्रत्येक नागरिक को बाल मजदूरी का उन्मूलन करने की जरूरत और देश के किसी भी हिस्से में कोई भी बच्चा बाल श्रमिक दिखे तो देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य की वह बाल मजदूरी का विरोध करें और इस दिशा में उचित कार्रवाई करें साथ ही साथ उनके अधिकार दिलाने के प्रयास करें क्योंकि बच्चे ही भारत के भविष्य हैं क्योंकि जब तक बच्चों को उनके अधिकारों और शिक्षा से वंचित रखा जायेगा तब तक देश के उज्जवल भविष्य की कल्पना करना निरर्थक है।
बाल श्रम एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है। इन समस्याओं को सभी के द्वारा जल्द से जल्द खत्म करने की जरूरत है। अगर जल्द ही समस्या पर कोई कदम नहीं उठाया गया। तो यह पूरे देश को दिमक की तरह खोखला कर देगी। अगर हमें नये भारत का निर्माण करना है। तो बाल मजदूरी को जन्म से उखाड़ फेंकना होगा।
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