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कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य

कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य517

👤25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थय संगठन ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान’ आज से प्रश्तोत्तरी की शुरुआत कर रहा है। साथ ही हमारा प्रयास होगा कि आपके हर सवाल का विषय विशेषज्ञों से हासिल कर आप तक पहुंचाना-क्या कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाने का मतलब सिर्फ मौत है?
जी नहीं, बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। अकेले भारत में तीस से ज्यादा मरीज इलाज कराकर घर लौट चुके हैं और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। पूरी दुनिया में करीब एक लाख लोग पूरी तरह दुरुस्त हो चुके हैं। हालांकि, यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है। वैश्विक स्तर पर अभी तक के आंकड़े बताते हैं कोरोना वायरस की वजह से बीमार लोगों में सिर्फ 1.5 से 2.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है।अगर किसी में बिना लक्षण दिखे वायरस फैल सकता है तो हम कैसे जानें कि कौन संक्रमित है या नहीं?
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी अस्पताल में आपदा और परिचालन चिकित्सा के प्रमुख डॉ जेम्स फिलिप्स कहते हैं कि निश्चित रूप से यह गंभीर सवाल है क्योंकि अभी तक कोई ऐसा तथ्य नहीं सामने आया है जिससे तुरंत इस बीमारी के लक्षण पहचान लिए जाएं। इसका सबसे आसान तरीका यही है कि जिसे भी जुकाम-सर्दी या बुखार थोड़ी सी भी परेशानी महसूस हो वह खुद ही अन्य लोगों से अपने आप को अलग कर ले। ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले। हो सकता है कि उसे सामान्य खांसी-जुकाम हो लेकिन यह परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसे कोरोना का संक्रमण है या नहीं। इसलिए बेहतर है कि आप खुद को बचाएं जिससे अन्य लोग भी खतरे से बच जाएंगे।खांसी-जुकाम और बुखार होने पर तुरंत टेस्ट कराना जरूरी है क्या?
दिल्ली एम्स के पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. करण मदान कहते हैं, कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। अगर आपको लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खांसी है तो घर पर आराम करें और खूब सारा तरल पदार्थ लें। लेकिन जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं और इसलिए इस वक्त इन दोनों में अंतर करना मुश्किल है। ऐसे में अगर आपकी नाक बह रही है, हल्का सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार है तो आप ज्यादा से ज्याद आराम करें। इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें। क्या यह सच है कि सिर्फ बुजुर्ग इस बीमारी के निशाने पर हैं?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। हालांकि, अमेरिका में यह बातें गलत साबित हुई हैं। वहां बड़ी संख्या में युवा भी इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। वैज्ञानिक अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सांस से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।अगर मैं बीमार नहीं हूं तो भी क्या मुझे खुद को पृथक कर लेना चाहिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है। वैसे तो कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। लेकिन यदि आप उन क्षेत्रों में नहीं रहते हैं, तो सावधानी बरतें। सार्वजनिक जगहों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कहीं से घर में आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं। यदि आपको संदेह है कि आप बीमार हैं या हाल ही में एक ऐसे क्षेत्र से लौटे हैं, जहां इस वायरस का प्रकोप होने की सूचना मिली है, तो घर पर रहें।क्या हवा से भी फैल रहा कोरोना वायरस ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक के शोध से पता चला है कि यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सांस लेने/ सांस छोड़ने, खांसने और छींकने की वजह से फैल रहा है। संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि अधिकांशत: यह वायरस सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। हालांकि, इस वायरस के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं।क्या बीमारी से बचने के लिए सब लोगों को मास्क पहन लेना चाहिए
साक्ष्य बताते हैं कि मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता। अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रांसफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई ज्यादा लाभ तो नहीं होगा लेकिन ज्यादातर लोग एक साथ पहनकर निकलें तो दहशत फैल सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य मास्क इस बीमारी पर बेअसर होता है, इसलिए कई परत वाले मास्क का प्रयोग करें। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खतरा भी है। लोग गलत तरीके से मास्क पहन लेते हैं और वे बार-बार चेहरे को छूकर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। एम्स के डॉक्टर प्रोफेसर करण मदान का कहना है कि वैसे तो एन95 मास्क बेहतर है, लेकिन अन्य बाकी मास्क भी इस वायरस से सुरक्षा देते हैं। सबसे जरूरी है हाथ धोना।क्या यह किराने के सामान से भी फैल सकता है?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर कहते हैं कि जब भी आप किराने का सामान खरीदें तो सबसे पहले तो डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की बाहरी परत को जरूर पोछें। उसके बाद तुरंत हाथ धुलें। सब्जियां और फल आप धुलते ही हैं, इस समय थोड़ा और बेहतर तरीके से धुलें और हां हमेशा हाथ जरूर धुलते रहें। इससे ज्यादा बचाव का कोई उपाय नहीं है। किराने की दुकान पर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। किसी से हाथ न मिलाएं।क्या मुझे खाने का सामान इकट्ठा कर लेना चाहिए?
इसकी कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आप ऐसा करेंगे तो अन्य लोग भी आपकी देखादेखी सामान इकट्ठा करेंगे। इससे मांग बढ़ेगी और कालाबाजारी का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि जितना जरूरी है सिर्फ उतना सामान ही खरीदें। हालांकि, आप चाहें तो आवश्यक दवाएं जरूर महीने भर का खरीद कर रख सकते हैं।\'बड़ी संख्या में लोग बोतलबंद पानी जमा करके रख रहे हैं क्या पानी का संकट हो सकता है?
नहीं, बोतलबंद पानी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप सामान्य रूप से नल का पानी पीते हैं, तो इसे पीते रहना ठीक है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ एंथोनी फौसी ने *कहा कि वह और उसकी पत्नी अभी भी नल का पानी पी रहे हैं। इसलिए बिल्कुल भी डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं। और हां, इस समय ज्यादा से ज्यादा पानी *पीएं। हो सके तो गुनगुना पानी पीएं। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी।
\' मेरे बच्चे का स्कूल बंद है और अब हमें एक दाई की जरूरत है। मैं अपने परिवार को घर में किसी नए व्यक्ति के साथ कैसे सुरक्षित रखूं?बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इसके लिए कुछ उपाय बताए हैं। स्कूल के मुताबिक, वैसे तो बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि परिवार का ही कोई सदस्य साथ हो लेकिन फिर भी आवश्यक हो तो सिर्फ एक दाई चुनें। उसे बताएं कि उसे किन नियमों का पालन करना है। लगातार हाथ धोना है और जुकाम-बुखार की हालत में बच्चे को बिल्कुल भी नहीं छूना है। उसे अन्य लोगों से नहीं मिलना है और हो सके तो उसे अपने पास ही रखें। दाई को बता दें कि थोड़ी सी भी बीमारी महसूस होने पर उसे आपके घर नहीं आना चाहिए।क्या इस घातक वायरस को दहशत के मकसद से फैलाया गया?स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ये सब अटकलें हैं और ऐसे दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातें सिर्फ भ्रम और बेचैनी बढ़ाती हैं और लोगों को तथ्यों और वास्तविकता के साथ रहना चाहिए। बीते दिनों अमेरिका और चीन ने एक दूसरे पर इस वायरस को फैलाने का आरोप लगाया लेकिन कहीं से पुष्टि नहीं हो पाई कि वायरस किसी ने फैलाया है। चीन में इसका सर्वाधिक असर देखा गया और आज करीब 170 देशों तक इसका प्रकोप फैल चुका है। महामारी का यह संकट कब खत्म होगा?निश्चित तौर पर कोई नहीं जानता कि यह संकट कब खत्म होगा। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि गर्मी के महीनों तक इसका प्रकोप कम हो सकता है लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बताना बहुत जल्दबाजी होगी। अभी तक के परीक्षणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तापमान का इस वायरस पर कितना और कैसा असर हो रहा है। हार्वर्ड के डॉ मार्क लिप्सिच कहते हैं कि गर्मी का महीना खत्म होने तक बहुत सारे लोगों पर इसका असर होगा और शायद तब इसके प्रसार में कुछ कमी आए।स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां...

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कोरोना फैलने से रोकने के लिए यह तरीका कैसे है कारगर

कोरोना फैलने से रोकने के लिए यह तरीका कैसे है कारगर265

👤25-03-2020-
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। ऐसे में कोरोना से बचने और इसके संक्रमण से बचने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में 14 दिन सेल्फ आइसोलेशन में रहकर इस बीमारी को रोकने की बात शुरू से कही जा रही है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे 14 दिन की कैलकुलेशन क्या है? पहले यह समझें- सेल्फ आइसोलेशन क्या है?
सेल्फ-आइसोलेशन का मतलब है अपने आप को बाकी दुनिया से काट लेना। सेल्फ आइसोलेशन के दौरान आपको घर पर रहना होता है। काम पर, स्कूल और सार्वजनिक जगहों पर जाने की मनाही होती है। इसके साथ ही आपको पब्लिक ट्रांसपोर्ट या टैक्सी के इस्तेमाल से भी बचना होता है। 
सेल्फ-आइसोलेशन के दौरान ऐसे हवादार कमरे में रहना चाहिए जिसमें एक खिड़की हो और इसे खोला जा सके। साथ ही, दूसरे लोगों को इस घर में नहीं आने देना चाहिए। ये चीजें कुछ सामान्य समझदारी वाले कदमों में आती हैं। जैसे कि अगर आपको रोजमर्रा के सामान, दूसरी खरीदारी या अन्य दवाइयों की जरूरत है तो मदद मांगें।14  दिन के सेल्फ आइसोलेशन के पीछे यह है कैलकुलेशन 
ऐसे हर व्यक्ति को जो कोरोना वायरस से प्रभावित इलाके में होकर आए हैं, या जिनका संपर्क इस वायरस से प्रभावित किसी शख्स से हुआ है, उन्हें पहले ही 14 दिनों के लिए सेल्फ आइसोलेशन में जाने के लिए कहा जाता रहा है। दुनियाभर में 14 दिन के क्वारंटाइन (quarantine) यानी एकांतवास के पीछे की कैलकुलेशन यह है कि इस बीमारी के लक्षण आने में ज्यादातर मामलों में 6 दिन लगते हैं और अगले 8 दिन तक संक्रमित व्यक्ति घातक स्तर पर संक्रमण फैला सकता है यानी बीमारी के लक्षण उजागर होने के पहले के 6 दिन और लक्षण उजागर होने के बाद के 8 दिन, मतलब 6+8=14 दिन।
किसी व्यक्ति में Covid-19 के लक्षण इस वायरस के उनकी बॉडी में एंट्री करने के 2 से 14 दिन के बीच नजर आते हैं। साथ ही यह भी देखा गया कि सिंप्टम्स आने के बाद 8 से 10 दिन तक व्यक्ति कॉन्टेजियस रहता है। इसके बाद उसके जरिए इंफेक्शन होने के चांस लगभग खत्म हो जाते हैं।
किसी व्यक्ति में 14वें दिन इस बीमारी के लक्षण नजर आए हैं और अगले 8 से 10 दिन वह व्यक्ति कॉन्टेजियस रहनेवाला है तो कुल मिलाकर एक संक्रमित व्यक्ति 22 से 24 दिन तक इस बीमारी को फैलाने की क्षमता रखता है।
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कहर बरपाया हुआ है। ऐसे में कोरोना से बचने और इसके संक्रमण से बचने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में 14 दिन सेल्फ आइसोलेशन...

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लॉकडाउन : छोटे बच्चों और पैसे की कमी से जूझ रहे लोगों को मुफ्त मिलेगा दूध

लॉकडाउन : छोटे बच्चों और पैसे की कमी से जूझ रहे लोगों को मुफ्त मिलेगा दूध172

👤25-03-2020-
लॉकडाउन की वजह से दूध न मिलने से परेशान शहरवासियों तक लखनऊ दूध डेयरी एसोसिएशन दूध पहुंचाने की मुहिम शुरू करेगी। इसके लिए संगठन ने प्रशासन से अनुमति और अपने दूधियों के लिए पास स्वीकृत करने की मांग की है। लॉकडाउन होने से दो दिन में दूध की परेशानी को देखते हुए लखनऊ दूध डेयरी एसोसिएशन के महासचिव शौकत अली ने बताया कि घर-घर दूध पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है कि लोग ही दूध न मिलने से परेशान हुए हैं बल्कि दूधियों को भी दूध न बिकने से परेशानी हुई है। क्योंकि जब दूधियों का दूध नहीं बिका तो उन्हें या तो औने-पौने दामों में बेचना पड़ा या फिर फेंकना पड़ा। 20-25 रुपये किलो बिका दूध
उन्होंने बताया कि मंगलवार को भी पारा, दुबग्गा, आलमबाग, आशियाना, विजयनगर, चारबाग, सीतापुर रोड स्थित दूध मंडियों में ही दूध विक्रेताओं को रोक दिया गया। जिससे इन्हें जितना दूध बेच पाए उतना बेचा और या तो बांट दिया या फेंक दिया। ऐसे में उनके संगठन ने जिलाधिकारी और एसडीएम से दूधियों को पास देने की मांग की है जिससे वह लोगों के घरों तक दूध पहुंचा सकें। इसमें उनके संगठन के लोग भी सहयोग करके उन लोगों तक भी दूध पहुंचाएंगे जिनके पास पैसे नहीं हैं। मंडी समिति ने भी सब्जी विक्रेताओं को बांटे तीन हजार पास
शासन की सख्ती के बाद मंडी समिति ने भी दुबग्गा सब्जी मंडी और सीतापुर रोड स्थित नवीन गल्ला मंडी  के आढ़तिया, दुकानदार, पल्लेदार और सुरक्षाकर्मियों को पास जारी किए। इसी के साथ गल्ला कारोबारियों और उनके साथ काम करने वाले लोगों को भी पास स्वीकृत किए गए हैं कि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। मंडी समिति के सचिव संजय सिंह ने बताया कि दोनों मंडियों को मिलाकर लगभग तीन हजार पास स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन के साथ यह सहमति बनी है कि सब्जी लाने वाले लोगों को मंडी जाने और कालोनी-मोहल्ले में बेचने से न रोका जाए। हालांकि इस बीच यह ध्यान रखा जाए कि कहीं भी ज्यादा भीड़ न होने पाए।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
लॉकडाउन की वजह से दूध न मिलने से परेशान शहरवासियों तक लखनऊ दूध डेयरी एसोसिएशन दूध पहुंचाने की मुहिम शुरू करेगी। इसके लिए संगठन ने प्रशासन से अनुमति और अपने दूधियों के...

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अपने घर के दरवाजे को लक्ष्मण रेखा समझकर घर में ही रहें - योगी आदित्यनाथ

अपने घर के दरवाजे को लक्ष्मण रेखा समझकर घर में ही रहें - योगी आदित्यनाथ41

👤25-03-2020-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोग इस अपील का पालन करें और घर पर रहे। सीएम ने विश्वास दिलाया कि सरकार सभी प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के लिए हर व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।जनपदीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे यह देखे कि लोग अपने-अपने घरों में रहें और इस वैश्विक महामारी से लड़ने में अपना सहयोग दें। सीएम ने कहा कि लोग दूध , अनाज सब्जी के लिये बाहर न निकलें,हम लोग खुद उपलब्ध कराने के लिये इसकी व्यवस्था कर रहे है। हम लोगो ने इसके लिये पूरी तैयारी कर ली है। किसी चीज की कोई कमी नहीं है। सरकार 23 करोड़ जनता की सेहत, सुविधा व सुरक्षा का ख्याल रखेगी।सीएम ने सबसे आग्रह करते हुए कहा कि अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21 दिन की लॉकडाउन की अपील का अक्षरशः पालन करें। हम शपथ लें कि अपने घर के दरवाजे को लक्ष्मण रेखा समझकर घर मे ही रहेंगे,बाहर एकदम नहीं निकलेंगे। हम सब मिल कर ही मानव सभ्यता के लिए इस बड़े खतरे से निपट सकते है।आज से घर-घर जरूरी सामान पहुंचाएगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं  है। सरकार लोगों के घर-घर में जरूरी सामान पहुंचाएगी। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि लोग इस अपील का पालन करें और घर पर रहे। सीएम ने विश्वास दिलाया...

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कोरोना : शिक्षकों ने एक दिन का वेतन आपदा राहत कोष में देने का ऐलान किया

कोरोना : शिक्षकों ने एक दिन का वेतन आपदा राहत कोष में देने का ऐलान किया116

👤25-03-2020-
प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों ने भी अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष में देने का ऐलान किया है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उनके एसोसिएशन से जुड़े शिक्षकों के एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दिया जाए।आदर्श शिक्षा मित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने भी सभी शिक्षा मित्रों से अनुरोध किया है कि वह अपने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर अपना एक दिन का मानदेय मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दे। देश इस समय भारी विपत्ति से गुजर रहा है और करोना जैसी महामारी से बचने के लिए सभी को सहयोग देना पड़ेगा।महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि शिक्षकों को अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष देने के लिए निदेशालय से संपर्क करना होगा। इसके बाद ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। अभी तक किसी भी शिक्षक संघ ने उनसे वेतन काटने के लिए संपर्क नहीं किया है।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों ने भी अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत आपदा कोष में देने का ऐलान किया है। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष तिवारी...

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कोरोना इफेक्ट : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर वाहनों की तादाद घटी

कोरोना इफेक्ट : लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर वाहनों की तादाद घटी575

👤25-03-2020-
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन का असर लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर भी पड़ने लगा है। यहां रोजाना फर्राटा भरने वाले वाहनों की तादाद में लगातार कमी आ रही है। अब चूंकि पूरे यूपी में लाकडाउन बुधवार से हो रहा है, इसलिए अब यहां से होने वाली टौल टैक्स से आमदनी भी काफी प्रभावित होगी।उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जब से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ा है, यहां पर वाहनों की तादाद लगातार कम हो रही है। अमुमन सामान्य दिनों में इस एक्सप्रेस वे पर लोड काफी बढ़ गया था। दो साल में वाहनों की तादाद 12000 से बढ़कर 36 हजार रोजाना (आना जाना) हो गई थी। इसमें हल्के वाहनों यानी छोटी गाड़ियां व एसयूवी की तादाद काफी थी।हले यहां रोडवेज बसे बंद हुईं, बाद में छोटे वाहन की तादाद आधे से भी कम हो गई। लखनऊ व आगरा पहले से लॉकडाउन हैं अब बाकी जिले इस दायरे में आने से लोगों का आना जाना बहुत कम हो गया है। यही नहीं दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों से आने जाने वाले वाहन भी इस पर खूब दौड़ते हैं। पर इनका आना भी अब बंद सा है। इसका असर टोल प्लाजा पर होने वाली टोल आमदनी पर पड़ा है। वैसे तो यूपीडा ने निजी कंपनी को टोल टैक्स वसूलने का ठेका दे रखा है और वह कंपनी इसके एवज में हर महीने निश्चित धनराशि यूपीडा को देती है। अगर लाकडाउन की स्थिति ज्यादा दिन  चली तो एक्सप्रेस वे पर सन्नाटा रहेगा।मोबाइल से हो रही ट्रैफिक पर निगरानी 
यूपीडा के अधिकारी इस समय घर से ही एक्सप्रेस वे पर चल रहे यातायात पर निगार रखे हुए हैं। इसमें एक्सप्रेस वे पर किनारे इधर उधर खड़े वाहनों को हटवाने, पेट्रोलिंग की निगरानी, ई चालान जैसे कामों की मानटरिंग बदस्तूर जारी है। इसके लिए खास मोबाइल ऐप का इस्तेमाल कर जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन का असर लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे पर भी पड़ने लगा है। यहां रोजाना फर्राटा भरने वाले वाहनों की तादाद में लगातार कमी आ रही है। अब चूंकि पूरे...

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समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव के प्रति दिखाया नर्म रुख

समाजवादी पार्टी ने शिवपाल यादव के प्रति दिखाया नर्म रुख861

👤25-03-2020-
समाजवादी पार्टी परिवार में इस बार हुआ होली मिलन समारोह असर दिखाने लगा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव अब करीब आते दिख रहे हैं। सपा ने अपनी पार्टी के विधायक शिवपाल यादव की सदस्यता खत्म करने वाली याचिका वापस लेने को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से अनुरोध किया है।पार्टी का कहना है कि कुछ महीने पहले ही सदस्यता खत्म करने को लेकर जो पत्र लिखा गया था, उसमें कुछ त्रुटि रह गई थी। इस लिए पूरी याचिका को ही वापस लिया जा रहा है। इससे साफ है कि सपा अब शिवपाल यादव की सदस्यता खत्म करने को इच्छुक नहीं है और उन्हें अपनी पार्टी का विधायक मानने को तैयार दिखती है। असल में इस बार होली पर सैफई में अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव के पैर छुए थे तो शिवपाल ने उन्हें दुबारा मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। शिवपाल ने इस मौके पर अपने चचेरे भाई व सपा प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। शिवपाल पहले ही सपा से गठबंधन करने व अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं लेकिन वह अपनी पार्टी प्रसपा का सपा में विलय करेंगे या नहीं यह सवाल अभी बरकरार है।शिवपाल ने 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा में रहते हुए जसवंतनगर से विधानसभा का चुनाव जीता था लेकिन बाद में उन्होंने सपा छोड़कर अलग पार्टी बना ली। इस पार्टी के जरिए प्रसपा 50 से ज्यादा सीटें लड़ी लेकिन एक पर भी कामयाबी नहीं मिली। जबकि सपा-बसपा से गठजोड़ कर केवल पांच ही सीट जीत पाई। अब 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव व शिवपाल यादव के साथ आने के आसार बन रहे हैं। 
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
समाजवादी पार्टी परिवार में इस बार हुआ होली मिलन समारोह असर दिखाने लगा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव अब करीब आते दिख रहे हैं। सपा ने अपनी पार्टी...

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निरस्त घरेलू उड़ानों के टिकट पर आगे यात्रा कर सकेंगे यात्री

निरस्त घरेलू उड़ानों के टिकट पर आगे यात्रा कर सकेंगे यात्री532

👤25-03-2020-
कोरोना वायरस से घरेलू उड़ान से ठप है। ऐसे में जिन यात्रियों के टिकट इन उड़ानों में बुक हैं उनके लिए विकल्प दिया गया है। ऐसे यात्रियों की मांग पर उनके टिकट को आगे के लिए बुक किया जा सकता है। इसके लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।एयर इंडिया की ओर से इस आशय का बयान जारी किया गया है। इसके अनुसार यात्रियों से री-शेड्यूल टिकट का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यदि यात्री 30 सितम्बर तक कोई भी तारीख चुनते हैं तो उनका पीएनआर नम्बर भी वही रहेगा। वहीं, अन्य विमानन कंपनियों ने भी ऐसे ही विकल्प अपने यात्रियों को दिए हैं।
आपको बत दें कि कोरोना वायरस के चलते घरेलू और विदेशी विमान सेवा बंद कर दी गई है।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
कोरोना वायरस से घरेलू उड़ान से ठप है। ऐसे में जिन यात्रियों के टिकट इन उड़ानों में बुक हैं उनके लिए विकल्प दिया गया है। ऐसे यात्रियों की मांग पर उनके टिकट को आगे के लिए बुक...

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मायावती ने कहा, पीएम मोदी की बातों पर ध्यान दें सरकारें, लाॅकडाउन में गरीब मजदूरों और जरूरतमंदों को जरूरी सामान उपलब्ध करवाएं

मायावती ने कहा, पीएम मोदी की बातों पर ध्यान दें सरकारें, लाॅकडाउन में गरीब मजदूरों और जरूरतमंदों को जरूरी सामान उपलब्ध करवाएं600

👤25-03-2020-
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर राज्य सरकारें ध्यान दें। सरकारें लाकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों और जरूरतमंदों को जरूरी सामान उपलब्ध कराएं। मायावती बुधवार सुबह ट्वीट कर कहा कि वर्तमान में कोरोना के चल रहे प्रकोप की वजह से व इससे बचने हेतु कल मा. प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों को खास ध्यान में रखकर, सभी सरकारों से रोजमर्रा की जरूरतों को, खासकर गरीबों व मजदूरों को मुफ्त या फिर उन्हें काफी कम दामों पर उपलब्ध कराने की अपील।
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों पर राज्य सरकारें ध्यान दें। सरकारें लाकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों और जरूरतमंदों को जरूरी सामान उपलब्ध...

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लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों की मदद करेगा लखनऊ हेल्प कोरोना ग्रुप

लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों की मदद करेगा लखनऊ हेल्प कोरोना ग्रुप29

👤25-03-2020-
कोरोना वायरस के संक्रमण ने आटो, रिक्शा समेत दिहाड़ी पर काम करने वाले के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा कर दिया है। एक तरफ संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लाक डाउन कर रखा है तो दूसरी तरफ गरीबों और बेसहारा लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ना शुरू हो गए हैं। गरीब और बेसहारा लोगों की मदद के लिए वाट्सअप समेत सोशल मीडिया पर ऐसे कई ग्रुप बने है। जो जरूरतमंदों को तलाश कर उन तक रोजमर्रा जरूरतों का सामान पहुंचे रहे है। इसी में से लखनऊवासियों की मदद के लिए एक वाट्सअप ग्रुप लखनऊ हेल्प कोरोना नाम से बनाया गया है। इस ग्रुप से कई उलमा, बुद्धिजीवी व शिक्षाविद् जुड़े हुए हैं।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ. मौलाना कल्बे सादिक के पुत्र मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने शहर की मातमी अंजुमनों से अपील की है कि वह इस बात का ख्याल रखें कि उनके इलाके में गरीब व दिहाड़ी मजदूरी पर काम करने वाले भूखे न सोयें। मौलाना ने कहा कि कई लोगों ने गरीबों की मदद के लिए सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाए हैं, जो ऐसे लोगों की शिनाख्त करके उन तक जरूरत का खाने पीने का सामान पहुंचा रहे हैं।वहीं, लखनऊ हेल्प कोरोना ग्रुप के एडमिन शादाब के अनुसार शहर के हर इलाके में एक वालिंटियर रखा गया है।जो दिहाड़ी मजदूर या फिर गरीब परिवारों की पहचान करता है। उसके बाद उनकी जानकारी ग्रुप को देता है। फिर ग्रुप की ओर से जरूरत का सामान उन तक पहुंचाया जाता है। सामान खरीदने के लिए ग्रुप के सभी सदस्य मदद करते हैं। वहीं, दरियावाली मस्जिद के मुतव्वली की ओर से मंगलवार को जरूरतमंद लोगों में अनाज वितरित किया गया है। इसके अलावा आईआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष काशिफ अहमद ने पार्टी सदस्यों से अपील की है कि वह अपने इलाकों में गरीब और बेसहारा लोगों की शिनाख्त करें ताकि उन तक जरूरत का सामान पहुंचाया जा सकें।मदद करते वक्त इंसानियत हो धर्म
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद मुहिम बहुत अच्छी है लेकिन इसमें सभी लोगों की मदद की जाए। चाहे वह किसी भी धर्म या जाति से ताल्लुक रखता हो। लोगों को चाहिए कि इस मुश्किल घड़ी में इंसानियत को धर्म बना कर अपने कर्तव्य को अंजाम दें। 
🕔tanveer ahmad

25-03-2020-
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