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यूपी बोर्ड 2020: हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का मूल्यांकन स्थगित

यूपी बोर्ड 2020: हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का मूल्यांकन स्थगित985

👤18-03-2020-
यूपी बोर्ड 2020 की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का मूल्यांकन 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने दी है। मूल्यांकन सोमवार से शुरू हुआ था और दस दिन में खत्म होना था लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण इसे टाला गया है।मूल्यांकन पर कोई भी निर्णय 2 अप्रैल के बाद लिया जाएगा, लिहाजा अब बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट अप्रैल में आना संभव नहीं होगा। इस वर्ष 56.7 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत थे जिनमें से लगभग पौने 5 लाख ने परीक्षा छोड़ दी थी। लगभग तीन करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन किया जाना है। शिक्षक संघ लगातार मूल्यांकन को स्थगित करने की मांग कर रहे थे।कोरोना के खौफ से पहले दिन कॉपी जांचने नहीं पहुंचे थे 41% शिक्षक
सोमवार से शुरू हुए मूल्यांकन के पहले दिन 41 प्रतिशत शिक्षक कॉपी जांचने मूल्यांकन केंद्र नहीं पहुंचे। कारण पूछे जाने पर बीमार होने या बाहर होने का हवाला दिया। अनुपस्थित रहे शिक्षकों को डीआईओएस ने नोटिस जारी किया है। बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए गोरखपुर में पांच केंद्र बनाए गए है। इन केंद्रों पर कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 3,196 शिक्षकों की ड्यूटी लगायी गई है। पहले दिन 1868 शिक्षक ही पहुंचे, 1328 शिक्षक अनुपस्थित रहे।किसी भी केंद्र पर नहीं था सैनेटाइजर व मास्क
प्रमुख सचिव और माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव के निर्देश के बाद भी जिले में बने पांचों मूल्यांकन केंद्रों पर सोमवार को कोरोना से बचाव और सावधानी के लिहाज से सैनेटाइजर, मास्क, साबुन सहित अन्य संसाधनों की व्यवस्था नहीं थी। केंद्र व्यवस्थापकों ने कहा कि शाम तक साबुन और सैनेटाइजर मंगवा लिया जाएगा। साथ ही सभी जगहों की सफाई भी हो जाएगी।
🕔tanveer ahmad

18-03-2020-
यूपी बोर्ड 2020 की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का मूल्यांकन 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने दी है।...

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गूगल मैप में नहीं दिखेगी रामलला के मंदिर की लोकेशन

गूगल मैप में नहीं दिखेगी रामलला के मंदिर की लोकेशन990

👤18-03-2020-
रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के चलते विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन भले ही अनिवार्य हो गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा बल्कि व्यवस्था और पुख्ता करने की तैयारी है। इसी के तहत अस्थाई मंदिर में प्रतिष्ठित होने के बाद भी रामलला गूगल मैप में अदृश्य ही रहेंगे। 5 जुलाई 2005 को रामजन्मभूमि परिसर में लश्कर-ए-तैयबा के फिदाईन दस्ते के हमले के बाद भी रामलला के गर्भगृह की लोकेशन को गूगल मैप से हटवाया गया था। रामजन्मभूमि परिसर के पुलिस अधीक्षक सुरक्षा त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के सभी मानकों का पूरी दृढ़ता से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गूगल मैप से जीपीएस लोकेशन हटाने के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा जाएगा। इससे पहले रामलला के स्थान परिवर्तन के उपरांत आसपास के क्षेत्र एवं उनमें स्थित भवनों की सुरक्षा व्यवस्था की फिर से समीक्षा की जा रही है। इसके अलावा अस्थाई मंदिर के ढांचे को पुन: बुलेट प्रूफ बनाने की योजना बनाई गयी है।\r\nमुख्यमंत्री करेंगे अस्थायी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा पूजन
रामलला अयोध्या में अस्थायी मंदिर में स्थायी भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने तक विराजेंगे। इस मंदिर में रामलला के विराजमान होने पर प्राण प्रतिष्ठा का पहला पूजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। कार्यक्रम 25 मार्च को प्रस्तावित है। \r\nदर्शन अवधि दो घंटे बढ़ी
दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रामलला विराजमान के दर्शन की अवधि दो घंटे बढ़ा दी गई है। अपर जिलाधिकारी कानून-व्यवस्था पीडी गुप्त ने बताया कि प्रथम पाली में दर्शन प्रात: सात बजे से मध्याह्न 12 बजे व द्वितीय पाली में दोपहर एक बजे से शाम 6 बजे तक होंगे। व्यवस्था दो अप्रैल (रामनवमी) तक रहेगी।
🕔tanveer ahmad

18-03-2020-
रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के चलते विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन भले ही अनिवार्य हो गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा बल्कि व्यवस्था...

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यूपी में योगी सरकार के तीन साल, जानें राज्य में क्या-क्या हुए बदलाव

यूपी में योगी सरकार के तीन साल, जानें राज्य में क्या-क्या हुए बदलाव777

👤18-03-2020-
\r\nआज से ठीक तीन साल पहले योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली थी। विशाल बहुमत के पीछे राज्य के लोगों की विराट अपेक्षाएं थीं। मुख्यमंत्री के पास केंद्र में विरोधी सरकार होने का कोई बचाव-कवच भी नहीं था। इसलिए लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और देश के इस सबसे बड़े सूबे की उन्नति के लिए जाने उन्होंने क्या-क्या किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के शब्द-\r\nनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं। आज ही वह ऐतिहासिक दिन है, जब प्रदेश के जनमानस ने अपना विश्वास रूपी आशीर्वाद प्रदान कर एक राष्ट्रवादी विचार को सत्ता रूपी दायित्व सौंपा था। आशाओं-अपेक्षाओं और चुनौतियों के रथ पर सवार उत्तर प्रदेश सरकार के सम्मुख दशकों से अनुत्तरित-अनसुलझे अनगिनत प्रश्नों की प्रश्नमालाएं मुंह बाए खड़ी थीं। एक तरफ, सत्ता की सरपरस्ती में पोषित ‘सुव्यवस्थित\' दुर्व्यवस्था को ठीक करना था, वहीं दूसरी तरफ अनहद पीड़ा से कराह रही वंचना को मुख्यधारा के राजपथ पर कदमताल कराना था। अवैध खनन से लेकर अवैध स्लॉटर हाउस के शूल से प्रदेश व प्रकृति, दोनों को बचाना था। शिक्षा की दहलीज से लेकर उच्च शिक्षा के प्रासादों में सभी का प्रवेश सुनिश्चित कराना था। विगत डेढ़ दशक से प्रदेश में व्याप्त अंधकार युग में डरी-सहमी, सुबक रही कानून-व्यवस्था को ‘परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्\' के संकल्प का पुनर्पाठ कराना था। घोटालों के संस्थागत ढाचों को तोड़कर प्रदेश के दरके हुए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करना था। वैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता को पुनस्र्थापित करना था, अर्थात समूची कार्य-संस्कृति में ही परिवर्तन की चुनौती थी। चुनौती विशाल थी, किंतु अक्षय ध्येय-निष्ठा के तटबंधों के मध्य चुनौतियों के प्रबल आवेग को शांति से गुजरना ही पड़ता है। और देश के सबसे विशाल व विविधताओं वाले प्रांत, उत्तर प्रदेश में ऐसा हुआ भी। सबसे पहले ‘खादी\' को जनता की खिदमत और ख्याल करने का मंत्र दिया, तो अवैध बूचड़खानों पर परिणामदायक कार्यवाही से कानून के इकबाल को बुलंद करने का काम किया। छुट्टियों को छुट्टी पर भेजा, तो तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को सरकारी मदद की व्यवस्था, मुस्लिम छात्रों को मुख्यधारा में लाने के लिए मदरसों के पाठ्यक्रम में सुधार का निर्णय और मुस्लिम बेटियों की शादी के लिए बजट की व्यवस्था के साथ ‘सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास\' के भाव को स्थापित किया। इसके चलते कई दु:साध्य संकीणर्ताओं के निर्मूलन में हमारी सरकार को सफलता प्राप्त हुई। एकता के राजपथ पर विकास की यात्रा थोड़ी सुगम होती है, जिसकी बुनावट उत्तर प्रदेश में साफ देखी जा सकती है। ‘इनवेस्टर्स समिट\' के माध्यम से जहां वैश्विक निवेश को उत्तर प्रदेश की धरा तक लाया गया, वहीं आधारभूत ढांचे के विकास के क्रम में बगैर किसी क्षेत्रीय असंतुलन के प्रदेश के अविकसित क्षेत्रों में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (340.82 किलोमीटर) बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (296.07 किलोमीटर) गंगा एक्सप्रेस-वे (596 किमी) जैसे बड़े-बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। इस विशाल प्रदेश में केवल सड़कों का जाल नहीं बिछाया जा रहा, एयर कनेक्टिविटी भी हमारी वरीयता सूची में ऊपर है। गौर कीजिए, वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के केवल दो शहर एयर कनेक्टिविटी से जुड़े थे, जबकि इस समय सात शहर इससे जुड़ चुके हैं। 12 नए हवाई अड्डों पर कार्य चल रहा है।
  अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन, जेवर के रूप में उत्तर प्रदेश को एक ऐसी सौगात मिली है, जो प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में बहुत बड़े परिवर्तन का माध्यम बनेगी। यह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा न सिर्फ लाखों लोगों के रोजगारों का वाहक बनेगा, वरन वैश्विक स्तर पर राष्ट्र की प्रतिष्ठा बढ़ाने का कारक भी बनेगा। उन्नत कनेक्टिविटी तथा बेहतर कानून-व्यवस्था का ही यह सुफल है कि उत्तर प्रदेश के संदर्भ में निवेशकों की रुचि में 18.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ‘उत्तर प्रदेश इनवेस्टर्स समिट 2018\' के फलस्वरूप 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनसे 371 परियोजनाएं क्रियान्वित हुई हैं। इन सभी के माध्यम से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 33 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में औद्योगिकीकरण की गति को तीव्रतम करने के लिए राज्य सरकार ‘यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट 2020\' का आयोजन करने जा रही है। आज आलम यह है कि देश के बड़े-बड़े उद्यमियों की निवेश के लिए पहली पसंद उत्तर प्रदेश है।\r\n आत्महंता बनने को विवश रहे अन्नदाताओं के अधरों पर जीवन की मुस्कान लाना सबसे बड़ी चुनौती और प्राथमिकता थी। गन्ना किसानों की समस्याएं दशकों से समाधान की बाट जोह रही थीं। भाजपा सरकार ने महज तीन वर्ष की अल्पावधि में अनेक समस्याओं के निदान निकाले। 2010-11 से ही चली आ रही गन्ना कृषकों की भुगतान समस्याओं का निराकरण करते हुए हमारी सरकार ने भुगतान की व्यवस्था को बेहतर बनाया। यह संवेदना मिश्रित सक्रियता का ही परिणाम है कि गन्ना किसानों के 92 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बकाया राशि के भुगतान जैसा अविस्मरणीय कार्य किया जा सका। गन्ना व चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश लगातार दूसरी बार देश में प्रथम स्थान पर रहा। पिछले 25 वर्षों में पहली बार 105 नई खांडसारी इकाइयों के लाइसेंस स्वीकृत हुए, जिससे 27,850 टीसीडी की अतिरिक्त पेराई क्षमता सृजित हो सकी है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा इथेनॉल आपूर्तिकर्ता बना है। यही नहीं, प्रदेश की छह दर्जन मिलें दो हजार मेगावाट का ऊर्जा उत्पादन कर रही हैं, जिससे यह उद्योग ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होता जा रहा है।
 \r\nउत्तर प्रदेश की दो-तिहाई आबादी कृषि पर आधारित आय से पोषित होती है। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के संकल्प पर कार्य करते हुए प्रदेश सरकार ने अनेक युंगातरकारी योजनाओं को अमलीजामा पहनाया। इस क्रम में हमारी सरकार ने चार करोड़ से अधिक कृषकों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाए। कृषि उपकरण खरीदने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए हजारों किसानों को 40 से 90 प्रतिशत तक अनुदान मुहैया कराया गया। और इस अनुदान-राशि को उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित किया गया है। ‘द मिलियन्स फार्मर्स स्कूलों\' के जरिए पंचायत स्तर पर कृषकों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश में 14 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गई है। छह और नए विज्ञान केंद्र प्रस्तावित हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश के किसानों के खातों में 12,000 करोड़ रुपये भेजे जा चुके हैं। 36,000 करोड़ रुपये का कृषक ऋण माफ करके हमारी सरकार ने किसानों से किए गए वायदे निभाने का कार्य किया। दशकों से लंबित पड़ी बाणसागर सिंचाई परियोजना को पूरा करने के साथ ही बुंदेलखंड क्षेत्र में अर्जुन सहायक, भावनी व बंडई बांध परियाजनाओं तथा मैदानी क्षेत्रों में सरयू नहर, मध्य गंगा नहर, उत्तर प्रदेश वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग आदि परियोजनाओं से इस वित्तीय वर्ष में 18 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचित करते हुए प्रदेश के 50 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने की योजना फलीभूत होने जा रही है। बुंदेलखंड में खेत तालाब योजना के तहत 8,000 से अधिक नए तालाब निजी भूमि पर बनाए गए हैं। इस वर्ष 6,000 नए तालाबों की निर्माण होगा। आस्था से अर्थव्यवस्था की गंगा-यात्रा, किसानों व नदियों के उत्थान का मंगलाचरण ही तो थी। कानपुर के सीसामऊ नाले से प्रतिदिन 14 करोड़ लीटर सीवर गंगा नदी में प्रवाहित होता था, नमामि गंगे परियोजना के तहत इसे बंद कर दिया गया है। इसके कारण कानपुर में गंगा के प्रदूषण-स्तर बहुत कम हुआ है। गंगा व उसकी सहायक नदियों के जल संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने जो कार्य किए हैं, उसके दूरगामी परिणाम भविष्य में दिखाई देंगे। निरोगी प्रदेश के संकल्प को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए ‘कु-व्यवस्था\' के वायरस से संक्रमित और आईसीयू में पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था को सुशासन की ‘प्राण वायु\' प्रदान करना आवश्यक था। प्रदेश में देश के स्वतंत्र होने के 70 साल तक सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज अस्तित्व में थे। हमने सहज, सुव्यवस्थित और साधन संपन्न चिकित्सा सुविधाओं के लिए मात्र तीन वर्षों में सात नए मेडिकल कॉलेज स्थापित कर उनमें एमबीबीएस की कक्षाएं प्रारंभ करा दीं। इसके साथ ही 13 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की स्वीकृति भी केंद्र सरकार से प्राप्त की। इस प्रकार अब 28 मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और स्वच्छ भारत अभियान की सक्रियता का ही यह परिणाम है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में चार दशकों से बच्चों में महामारी के रूप में कुख्यात इंसेफ्लाइटिस रोगियों की संख्या में 56 प्रतिशत की कमी आई है। आज कोरोना वायरस संक्रमण जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए हमारा स्वास्थ्य विभाग पूर्णत: तैयार है। जन-जागरण के बिगुल से लेकर आइसोलेशन वार्ड तक, सरहदी क्षेत्रों की नाकेबंदी से थर्मल एनलाइजर की स्थापना तक, कोई भी प्रयास हमारी सामर्थ्य के बाहर नहीं है। शिक्षा के आलोक में ही कोई समाज उन्नति के पथ पर बढ़ता है। इसके लिए सबसे पहले हमने नकल माफिया के चंगुल से शिक्षा को मुक्त कराया। ‘ऑपरेशन कायाकल्प\' के माध्यम से 92,000 से अधिक प्राइमरी पाठशालाओं को आधारभूत सुविधाओं, जैसे बाउंड्रीवॉल, शौचालय, पेयजल, विद्युतीकरण से संपन्न किया है। इन स्कूलों में 45,383 शिक्षकों की भर्ती की जा चुकी है और 69,000 की भर्ती अंतिम चरण में है। माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में 55 नए सरकारी इंटर कॉलेजों की स्वीकृति दी गई है। कुशल नियोजन और अनुशासित व्यवस्था का ही यह सुफल है कि उत्तर प्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय में अनवरत बढोतरी हो रही है। आंकड़ों में कहूं, तो 2014-15 में राज्य की प्रतिव्यक्ति आय 42,267 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 70,419 हो गई है। यह हमारी पारदर्शी व्यवस्था की उपलब्धि कही जाएगी कि विगत तीन वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा तीन लाख लोगों को प्रदान की गई सरकारी नौकरियां विवाद मुक्त हैं। गांव, गरीब, किसान, महिला, मजदूर, नौजवान, सबके हित-कल्याण के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। 23 करोड़ लोगों की विशाल आबादी वाला उत्तर प्रदेश सकारात्मक व उत्पादक परिवर्तन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप ‘वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी\' बनने की ओर अग्रसर है। अभी तो यह प्रारंभ है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रभु श्रीराम और लीलाधारी श्रीकृष्ण की पावन भूमि को हमें परम वैभव तक ले जाने का संकल्प पूरा करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले दो वर्ष प्रगति, लोक-कल्याण, सुरक्षा एवं सफाई की दृष्टि से प्रकाश स्तंभ साबित होंगे।
🕔 एजेंसी

18-03-2020-
\r\nआज से ठीक तीन साल पहले योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की बागडोर संभाली थी। विशाल बहुमत के पीछे राज्य के लोगों की विराट अपेक्षाएं थीं। मुख्यमंत्री के पास केंद्र में विरोधी...

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कोरोना का लखनऊ में तीसरा मामला आया सामने, UP में अब तक 16 पॉजिटिव

कोरोना का लखनऊ में तीसरा मामला आया सामने, UP में अब तक 16 पॉजिटिव309

👤18-03-2020-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को कोरोना वायरस का तीसरा मामला सामने आया है। शहर के एक मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड की टीम में शामिल एक डॉक्टर को कोरोना हुआ है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब 16 हो गई है। लखनऊ में कोरोना का पहला मामला 11 मार्च और दूसरा मामला 14 मार्च को सामने आया था। इससे पहले मंगलवार को नोएडा में दो मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। पहली मरीज नोएडा के सेक्टर 100 में स्थित लोटस स्पेशिया सोसाइटी की है, जो हाल ही में फ्रांस से वापस आई है और 4 दिन से जिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है।  फ्रांस से लौटने से के बाद वह नोएडा सेक्टर 100 के फ्लैट में आई थी। उसमें कोरोना वायरस के लक्षण मिलने पर नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। वहीं, दूसरा मरीज सेक्टर 78 के हाइड पार्क का है और आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है।\r\nलखनऊ में 12 संदिग्ध लोग अस्पतालों में भर्ती
कोरोना संक्रमण के 12 संदिग्धों को लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है। सभी की जांच का नमूना केजीएमयू भेज दिया गया है। वहीं केजीएमयू में भर्ती कोरोना संक्रमित दोनों मरीजों की तबीयत स्थिर बनी हुई है। महिला डॉक्टर की फिर से जांच कराई गई। जिसमें संक्रमण के बने होने की पुष्टि हुई है।\r\nमहिला डॉक्टर में खत्म नहीं हुआ वायरस का प्रकोप
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक केजीएमयू में कुल 10 लोग भर्ती हैं। इनमें आठ संदिग्ध व दो पॉजीटिव मरीज हैं। उन्होंने बताया कि पहले से भर्ती महिला डॉक्टरों की फिर से जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में महिला डॉक्टर में संक्रमण खत्म न होने का पुष्टि हुई है। लिहाजा उन्हें अभी भर्ती रखा जाएगा। फिलहाल दोनों मरीजों की तबीयत स्थिर बनी हुई है।
🕔 एजेंसी

18-03-2020-
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को कोरोना वायरस का तीसरा मामला सामने आया है। शहर के एक मेडिकल कॉलेज में आइसोलेशन वार्ड की टीम में शामिल एक डॉक्टर को कोरोना हुआ...

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लखनऊ मेल और एसी एक्सप्रेस को सैनिटाइज करने के लिए रेलवे का कदम

लखनऊ मेल और एसी एक्सप्रेस को सैनिटाइज करने के लिए रेलवे का कदम581

👤18-03-2020-
उत्तर रेलवे ने लखनऊ मेल और लखनऊ-नई दिल्ली एसी एक्सप्रेस में 30 अप्रैल तक ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) स्टाफ को नियुक्त करने का फैसला किया गया है। ट्रेन को रास्ते में सैनिटाइज करने के लिए स्टाफ लगाया जाएगा। यह स्टाफ लखनऊ से ट्रेन रवाना होने के बाद  रास्ते में ट्रेन के गैंग वे को सैनिटाइज करेंगे।
लखनऊ से नई दिल्ली और दिल्ली से लखनऊ के बीच चलेगा स्टाफ। रेलवे ने इस सिलसिले में ठेकेदार को निर्देश दिए हैं। बुधवार से ही ट्रेन के साथ स्टाफ भेजा जाएगा। 

🕔 एजेंसी

18-03-2020-
उत्तर रेलवे ने लखनऊ मेल और लखनऊ-नई दिल्ली एसी एक्सप्रेस में 30 अप्रैल तक ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विस (ओबीएचएस) स्टाफ को नियुक्त करने का फैसला किया गया है। ट्रेन को रास्ते...

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पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई जाएंगे राज्यसभा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया मनोनीत

पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई जाएंगे राज्यसभा, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया मनोनीत832

👤17-03-2020-
उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई न्यायपालिका के बाद अब विधायिका में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। उनको राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने अयोध्या विवाद समेत कई मामलों में महत्वपूर्ण फैसले दिए थे। अंग्रेजी और हिंदी समेत सात भाषाओं में उच्चतम न्यायालय के फैसलों को प्रकाशित करने का फैसला भी उनकी ही पीठ ने दिया था। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई 
जन्म: 18 नवंबर, 1954  
जन्म स्थान- डिब्रूगढ़, असम 
पिता-केसब चंद्र गोगोई, पूर्व मुख्यमंत्री, असम
स्कूली शिक्षा- डॉन बोस्को स्कूल, डिब्रूगढ़
स्नातक- सेंट स्टीफंस कॉलेज, नई दिल्ली
विधि स्नातक- दिल्ली विश्वविद्यालय 
पत्नी: रूपांजलि गोगोई 
बच्चे: रक्तिम गोगोई और रश्मि गोगोई करियर: 
वकालत- यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बावजूद वर्ष 1978 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। 
न्यायाधीश- 28 फरवरी, 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने। 
मुख्य न्यायाधीश: वर्ष 2011 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 
मुख्य न्यायाधीश : उच्चतम न्यायालय में 23 अप्रैल, 2012 को न्यायाधीश बने। 3 अक्तूबर, 2018 को 46वें मुख्य न्यायाधीश बने। 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हुए। ऐतिहासिक फैसले:
अयोध्या मामला:  
अयोध्या विवाद का समाधान करने वाली पांच सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता की और एक महत्वपूर्ण फैसला देकर सालों पुराने मामले को सुलझा दिया। आरटीआई: 
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने ही मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में लाने को लेकर फैसला सुनाया। सबरीमाला मामला
जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की और मामले को सात सदस्यीय बड़ी पीठ को भेज दिया। इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं का प्रवेश जारी रहेगा। विज्ञापन: 
सरकारी विज्ञापन में नेताओं की तस्वीर पर पाबंदी का फैसला लगाने वाली पीठ के अध्यक्ष भी रंजन गोगोई थे। इसके बाद से सरकारी विज्ञापन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, संबंधित विभाग के केंद्रीय मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संबंधित विभाग के मंत्री के अलावा किसी भी नेता की सरकारी विज्ञापन पर तस्वीर प्रकाशित करने पर पाबंदी है। राफेल विवाद: 
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने राफेल विमान सौदा मामले में दायर हुईं सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इससे केंद्र सरकार को राहत मिली थी।पिता दो महीने तक मुख्यमंत्री रहे: 
जस्टिस गोगोई के पिता केसब चंद्र गोगोई कांग्रेस के नेता रहे। 1982 में वह असम के मुख्यमंत्री बने और दो महीने तक पद पर रहे। वह डिब्रूगढ़ सीट से विधायक भी रहे। 
 भाई थे एयर मार्शल:  
जस्टिस गोगोई के भाई अंजन कुमार गोगोई भारतीय वायुसेना के एयर मार्शल रहे। अपनी सेवा के दौरान अंजन ने कई तरह के मेडल और पुरस्कार अर्जित किए।  
🕔tanveer ahmad

17-03-2020-
उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई न्यायपालिका के बाद अब विधायिका में नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं। उनको राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया...

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लोगों के इकट्‍ठा होने पर रोक के बावजूद शाहीन बाग में सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन

लोगों के इकट्‍ठा होने पर रोक के बावजूद शाहीन बाग में सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन649

👤17-03-2020-
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा मार्च के अंत तक 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भी सोमवार को शाहीन बाग में सैकड़ों लोग इकठ्ठा हुए।   संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले धरने को 93 दिन हो गए हैं। धरने को युवा और कॉलेज छात्रों ने संबोधित किया। धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे। इसमें फैज अहमद फैज की कविताओं का पाठ किया गया। विविधता में एकता और क्रांति के नारे लगाए जा रहे थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों की मौजूदगी वाले धार्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनीतिक बैठकें करने की अनुमति नहीं होगी।उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह प्रतिबंध दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाली भीड़ पर लागू होगा।गौरतलब है कि इन स्थानों पर में संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी है।
🕔tanveer ahmad

17-03-2020-
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा मार्च के अंत तक 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भी सोमवार को शाहीन बाग में सैकड़ों...

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राम मंदिर के लिए एक अप्रैल से दे सकेंगे दान, जीरो बैलेंस पर अकाउंट खुला

राम मंदिर के लिए एक अप्रैल से दे सकेंगे दान, जीरो बैलेंस पर अकाउंट खुला968

👤17-03-2020-
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टियों की चार अप्रैल को प्रस्तावित बैठक के बाद राम मंदिर के लिए अतिरिक्त पत्थरों की तराशी के साथ तराशे जा चुके पत्थरों की सफाई का काम तेज गति से शुरू हो सकेगा। इस बीच बोर्ड ऑफ ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि एक अप्रैल 2020 से शुरू होने नए वित्तीय वर्ष में राम मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं के दान की धनराशि ट्रस्ट की ओर से प्राप्त करना शुरू कर दिया जाएगा। ट्रस्ट ने दानदाताओं की धनराशि प्राप्त करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अयोध्या शाखा में एक अतिरिक्त खाता भी जीरो बैलेंस पर खुलवा लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए रामजन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी व आरएसएस के प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि 31 मार्च के पहले दान की राशि प्राप्त करने से चालू वित्त वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत करना पड़ेगा। फिलहाल ट्रस्ट का आयकर विभाग में पंजीकरण हो गया है।  ट्रस्ट की ओर से आयकर विभाग में पंजीकरण 10(23 सी) 5 के अन्तर्गत कराया गया है जिसमें ट्रस्ट को दान की राशि में शत-प्रतिशत आयकर की छूट मिलेगी।  इसी तरह से ट्रस्ट ने 80 जी के स्थान पर 35 एसी के अन्तर्गत आयकर विभाग से प्रमाण लिया है जिसमें दानदाता को भी आयकर में शत-प्रतिशत छूट प्राप्त होगी। इससे पहले ट्रस्ट का पैन कार्ड भी बनवाया जा चुका है।\r\nविराजमान रामलला के गर्भगृह में भी 20 मार्च से होगा अनुष्ठान: चैत्र नवरात्र से रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला का स्थान परिवर्तन हो जाएगा। इससे पहले नए स्थान पर 20 मार्च से वैदिक आचार्य विधिवत अनुष्ठान आरम्भ करेंगे। इसके साथ ही विराजमान रामलला के गर्भगृह में भी अलग से अनुष्ठान शुरू होगा। रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि देवता को उनके स्थान बदलने के लिए उनके आदेश की जरुरत है। इसके लिए उन्हें पहले उनसे स्थान बदलने के लिए प्रार्थना की जाएगी, जिससे वह मूल स्थान पर निर्माण कार्य की अनुमति देकर स्वेच्छा से नए स्थान पर प्रतिष्ठित हों और सभी भक्तों का कल्याण करें।\r\nअखाड़ा में 21 मार्च को होगा जमावड़ा\r\nनिर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक का वार्षिकोत्सव 21 मार्च को मनाया जाएगा। इस अवसर पर विविध अनुष्ठान के साथ वार्षिक भंडारे का भी आयोजन किया गया है। 
🕔 एजेंसी

17-03-2020-
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्टियों की चार अप्रैल को प्रस्तावित बैठक के बाद राम मंदिर के लिए अतिरिक्त पत्थरों की तराशी के साथ तराशे जा चुके पत्थरों...

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मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट को लेकर शिवराज की याचिका पर SC में सुनवाई आज

मध्य प्रदेश में फ्लोर टेस्ट को लेकर शिवराज की याचिका पर SC में सुनवाई आज560

👤17-03-2020-
सर्वोच्च अदालत मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिए याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के लिए सोमवार को तैयार हो गई। यह याचिका पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान की ओर से दायर की गई थी।शीर्ष अदालत में सोमवार को संबंधित अधिकारी के समक्ष इस मामले की शीघ्र सुनवाई का उल्लेख किया गया। याचिका में कहा गया है कि राज्य विधानसभा के अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और विधानसभा के प्रधान सचिव को इस न्यायालय के आदेश के 12 घंटे के भीतर विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने का निर्देश दिया जाए।अधिवक्ता सौरभ मिश्रा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार विश्वास खो चुकी है। इन 22 विधायकों में से छह के इस्तीफे अध्यक्ष पहले ही स्वीकार कर चुके हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसी स्थिति में कमलनाथ सरकार को एक दिन भी सत्ता में रहने का कोई कानूनी, नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।  विधायकों को धमकाने के आरोप: 
याचिका में आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री अपनी अल्पमत सरकार को बहुमत में तब्दील करने के लिए विधायकों को धमकी देने और प्रलोभन देने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। खरीद-फरोख्त के प्रयास चरम पर हैं।याचिका में कहा गया है कि शक्ति परीक्षण स्थगित करने से खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिलेगा और यह राज्यपाल के निर्देशों और शीर्ष अदालत द्वारा प्रतिपादित व्यवस्था का उल्लंघन होगा। शिवराज चौहान के अलावा गोपाल भार्गव और नरोत्तम मिश्रा सहित भाजपा के नौ विधायक इस मामले में चार याचिकाकर्ता हैं। इस याचिका में राज्य विधानसभा के अध्यक्ष और कमलनाथ को पक्षकार बनाया गया है।
 कांग्रेस की सदस्य संख्या घटकर 108 हुई: 
अध्यक्ष द्वारा छह विधायकों के त्यागपत्र स्वीकार किए जाने के बाद 222 सदस्यीय विधान सभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 108 रह गई है। इनमें वे 16 बागी विधायक भी शामिल हैं जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन उनका इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं किया गया है।
🕔 एजेंसी

17-03-2020-
सर्वोच्च अदालत मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश देने के लिए याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के लिए सोमवार को तैयार हो गई। यह याचिका...

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कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी कोरोना वायरस का कहर, असमंजस बरकरार

कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी कोरोना वायरस का कहर, असमंजस बरकरार553

👤17-03-2020-
प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी इस वर्ष कोरोना का कहर नजर आ रहा है। यात्रा को लेकर असमंजस बरकरार है। चीन से सीधा संबंध रखने के कारण यात्रा में सवालिया निशान है। देश-विदेश में कोरोना को लेकर अलर्ट को देखकर लगता है कि इस वर्ष यात्रा काफी मुश्किल होगी। यदि इस वर्ष यात्रा नहीं हुई तो करीब चार दशकों में यह पहला मौका होगा।बता दें कि केएमवीएन ने इस यात्रा की शुरुआत 1981 में की। पहले वर्ष मात्र 3 दल में 59 यात्रियों के साथ यात्रा की। 2019 में 18 दलों में करीब 949 यात्री इसका हिस्सा बने। 1998 के मालपा हादसे में निगम प्रबंधक विनोद लोहनी, पदमेश शर्मा, कुक जोध सिंह, चौकीदार राम सिंह, हेल्पर के बिष्ट की मौत हो गई थी। इस दौरान 11 दलों ने यात्रा की थी। 2004 में सार्स के चलते पहले 5 दलों ने यात्रा पूरी की। 2013 में आई आपदा में मार्ग ध्वस्त होने के कारण पहले व दूसरे दल ने यात्रा पूरी की।  बीते वर्ष 22 फरवरी को हुई थी बैठक
बीते वर्ष 22 फरवरी को विदेश मंत्रालय की ओर से बैठक बुलाई गई थी। इसमें एमईए की ओर से पिथौरागढ़ जिला प्रशासन, आईटीबीपी, एसएसबी, कुमविनि की बैठक लेकर उन्हें दिशानिर्देश दिए थे। आम तौर पर मार्च माह में यात्रा को पंजीकरण की शुरुआत हो जाती है, जबकि अप्रैल में पंजीकरण के बाद सूची को अंतिम रूप दिया जाता है। अप्रैल माह से निगम की रैकी टीम कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग में पड़ने वाले आवास गृह की साज सज्जा, मरम्मत,  खाद्यान्न, सामान ढुलान की रूपरेखा तय की जाती रही है। इसके बाद यातायात व्यवस्था व माल ढुलान आदि के टैंडर आदि किए जाते हैं।विदेश मंत्रालय की ओर से अब तक बैठक नहीं बुलाई गई है। विभागीय स्तर पर विदेश मंत्रालय संपर्क करने पर अप्रैल प्रथम सप्ताह में बैठक बुलाने की संभावनाएं हैं। हालांकि ऐसा कोई लिखित आदेश नहीं है। -रोहित मीणा, एमडी, कुमविनि
🕔 एजेंसी

17-03-2020-
प्रसिद्ध कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी इस वर्ष कोरोना का कहर नजर आ रहा है। यात्रा को लेकर असमंजस बरकरार है। चीन से सीधा संबंध रखने के कारण यात्रा में सवालिया निशान है। देश-विदेश...

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