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धर्मनगरी 'अयोध्या' में हर तरफ सिर्फ राम नाम की गूंज

धर्मनगरी 'अयोध्या' में हर तरफ सिर्फ राम नाम की गूंज653

👤06-11-2019-प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में सोमवार की आधी रात के बाद अलग ही नजारा दिखा। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी के चारों ओर सड़कों पर उमड़ पड़े। निर्धारित मुहूर्त मंगलवार की सुबह 06.05 बजे से करीब छह घंटे पहले ही चौदह कोसी परिक्रमा शुरू हो गई। यह परिक्रमा मंगलवार को पूरे दिन और फिर रात भर चलायमान रहेगी। आधी रात के बाद अचानक लाखों श्रद्धालुओं की ओर से नियत मुहूर्त से पहले ही परिक्रमा शुरू कर दिए जाने से प्रशासन और पुलिस महकमे की तैयारियां भी प्रभावित हुईं। परिक्रमा छह घंटे पहले ही शुरू हो जाने की सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने तमाम व्यवस्थाओं को नए सिरे से प्रभावी किया।रामनगरी की चौदह कोसी परिक्रमा के साथ ही अक्षय नवमी के पर्व पर मंगलवार से यहां का प्रसिद्ध कार्तिक परिक्रमा मेला शुरू हो गया। हर वर्ष कार्तिक मेले के मौके पर चौदह कोसी और पंचकोसी परिक्रमा के साथ कार्तिक पूर्णिमा स्नान होता है। लाखों की तादात में श्रद्धालु भी आते हैं, लेकिन इस बार यह सब तब हो रहा है जब अयोध्या के राम मंदिर/बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है। अयोध्या के लोगों को इस बार कम भीड़ आने का अंदेशा था। लेकिन सोमवार की आधी रात के बाद और फिर मंगलवार की सुबह से चौदह कोसी परिक्रमा में उमड़ी भीड़ देखकर  यही लगा कि लाखों श्रद्धालु किसी भी आशंका से भयभीत नहीं हैं। हर कोई अकेले या फिर अपने परिवार के साथ रामधुन में सराबोर होकर आगे बढ़ता रहा।  रामनगरी के बाजारों में पूरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोगों ने तमाम खरीदारी की।सरयू स्नान के साथ श्रीरामजन्मभूमि में किया दर्शन
सोमवार की आधी रात से शुरू हुई चौदह कोस की अयोध्या परिक्रमा मंगलवार को पूरे दिन जारी रही। अलग-अलग चरणों में देश भर से आए श्रद्धालुओं ने पहले सरयू स्नान किया और फिर परिक्रमा का शुभारंभ। चौदह कोस की सड़कों पर नंगे पांव युवा, बुजुर्ग, महिला, पुरुष और बच्चे, हर वर्ग के लोग श्रीराम का जयघोष करते हुए भक्तिभाव में आगे बढ़ते रहे। परिक्रमा पूरी करने के बाद श्रद्धालुओं ने श्रीरामजन्मभूमि में विराजमान रामलला, हनुमानगढ़ी, कनक भवन और नागेश्वरनाथ समेत अन्य प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। दर्शन-पूजन के साथ बड़ी संख्या में लोगों ने श्रीरामजन्मभूमि कार्यशाला में जाकर मंदिर निर्माण के लिए तराशे गये पत्थरों को भी देखा। तमाम गुरु आश्रमों में भी हजारों की तादात में श्रद्धालु मौजूद रहे। परिक्रमा आए इन श्रद्धालुओं ने अपने गुरु का भी आशीर्वाद लिया। 
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06-11-2019-प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में सोमवार की आधी रात के बाद अलग ही नजारा दिखा। देश के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु धर्मनगरी के चारों ओर सड़कों पर उमड़ पड़े। निर्धारित...

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अब सरकारी बैकों में भी ऑनलाइन लेनदेन होगा : योगी आदित्यनाथ

अब सरकारी बैकों में भी ऑनलाइन लेनदेन होगा : योगी आदित्यनाथ557

👤06-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यूपी कोआपरेटिव बैंक लि. के अपने इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम (आईएफएस) कोड का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के केंद्रीयकृत भुगतान प्रणाली को अंगीकार किया जाना कोआपरेटिव बैंकों के लिए बड़ी उपलब्धि है। बैंक अब अपने आईएफएस कोड के माध्यम से देश के अग्रणी बैंकों की तर्ज पर कामकाज कर सकेंगे।लोकभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की कृषि आधारित व्यवस्था की रीढ़ सहकारिता है। कोआपरेटिव बैंकों में आरटीजीएस और एनआईएफटी की सुविधा के लिए बैंककर्मियों को बधाई। उन्होंने कहा कि देश की खुशहाली में सहकारिता की बड़ी भूमिका है। सहकारिता के माध्यम से किसानों की आमदनी दोगुनी कर उन्हें खुशहाल करने का काम किया जाना है। किसानों की इस समृद्धि में सहकारिता की बड़ी भूमिका होगी।सहकारिता के क्षेत्र में ढाई वर्षों में हुआ अच्छा काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने सहकारिता को बर्बाद कर दिया था। आरबीआई ने तमाम बैंकों के लाइसेंस को रद्द दिया था। पिछले ढाई सालों में इस क्षेत्र में अच्छा कार्य हुआ है। सहकारिता के क्षेत्र में फिर से विश्वास का माहौल बना है। उन्होंने कहा कि तकनीक से भागने से लोग पीछे रह जाते हैं। सहकारिता टीम वर्क है। हर कड़ी का मजबूत होकर काम करना जरूरी है। सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि बहुत जल्द पैक्स स्तर पर सचिवों की कमी दूर की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि विधायक निधि से समितियों के गोदामों को ठीक करने का अधिकार दिया जाए। इससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ डाले बगैर किसानों की मदद की जा सकती है।प्रदेश की 1287 शाखाओं को मिला अपना आईएफएस कोड
स्वागत संबोधन में प्रमुख सचिव सहकारिता एमवीएस रामीरेड्डी ने बताया कि यूपी कोआपरेटिव बैंक को अपना आईएफएस कोड यूपीसीबी 0000001 मिला है। यह कोआपरेटिव बैंक के ऑनलाइन लेनदेन का अपना प्लेटफार्म है। इस फ्लेटफार्म से आरटीजीएस और एनईएफटी के माध्यम से डिजिटल लेनदेन आसान हो गया। अभी तक यह काम कोआपरेटिव बैंक आईसीआईसीआई के आईएफएस से किराए पर कर रहा था। इसके लिए बैंक को अपना 400 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई के पास रखना पड़ रहा था। यूपी कोआपरेटिव के 27 और 50 जिला कोआपरेटिव बैंकों की 1260 शाखाओं के ग्राहकों को डिजिटल लेनदेन में आसानी होगी। यूपी कोआपरेटिव बैंक के सभापति तेजवीर सिंह ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर आयुक्त/निबंधक सहकारिता एसबीएस रंगाराव, अपर आयुक्त बैंकिंग व एमडी सहकारी ग्राम विकास बैंक आंद्रा वामसी, यूपी कोआपरेटिव बैंक के एमडी भूपेंद्र कुमार प्रमुख रूप से मौजूद थे। 
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06-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यूपी कोआपरेटिव बैंक लि. के अपने इंडियन फाइनेंसियल सिस्टम (आईएफएस) कोड का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया...

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'दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण यूपी में पराली जलाने के कारण नहीं'

'दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण यूपी में पराली जलाने के कारण नहीं'539

👤06-11-2019-उत्तर प्रदेश प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि दिल्ली में हो रहा वायु प्रदूषण उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं के कारण नहीं है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र वाले जिलों नोएडा, गाजियाबाद आदि में पराली जलाने की घटनाएं नगण्य हैं।सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि आईसीएआर से प्राप्त रिमोट सेंसिंग की एक नवंबर की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 46.9 फीसदी की कमी आई है। शाही ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए  प्रयासरत है। फसल अवशेष को जलाने से रोकने के लिए कम्बाइन हार्वेस्टिंग मशीन के साथ \'स्ट्ररीपर विद बाइंडर\' का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही फसल अवशेष जलाये जाने पर 2500 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक का अर्थदण्ड लगाने और पुनरावृत्ति होने पर एफआईआर भी दर्ज कराने का प्राविधान किया गया है।185 किसानों पर लगाया गया जुर्माना 
कृषि मंत्री शाही ने बताया कि अब तक कुल 586 किसानों को नोटिस जारी की गई हैं, जबकि 166 किसानों के विरुद्ध एफआईआर  व 185 किसानों पर 4,75,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अभी तक 50 किसानों से 1,30,500 रूपये की वसूली की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा जारी निर्देशों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में एक लेखपाल को निलंबित किया गया है और एक लेखपाल के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही की गई है, जबकि 7 लेखपालों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।मुख्य सचिव स्तर पर मानीटरिंग सेल
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मुख्य सचिव स्तर पर एक मानीटरिंग सेल का भी गठन किया गया है, जहां सभी जिलों  से इस संबंध में प्रतिदिन की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्राप्त की जाती है।मोबाइल स्क्वायड गठित 
हर जिले में तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक मोबाइल स्क्वायड का गठन किया गया है। इस मोबाइल स्क्वायड का दायित्व है कि धान की कटाई से लेकर गेहूं की बुवाई होने तक लगातार क्षेत्र में भ्रमण करेगा और भ्रमण के दौरान फसल अवशेष जलने की घटना के प्रकाश में आने पर निर्देशानुसार उचित कदम उठाएगा।
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06-11-2019-उत्तर प्रदेश प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि दिल्ली में हो रहा वायु प्रदूषण उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं के कारण नहीं है, क्योंकि राष्ट्रीय...

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सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से 20 फीसदी नुकसान पर किसानों के लिए मुआवजा मांगा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार से 20 फीसदी नुकसान पर किसानों के लिए मुआवजा मांगा820

👤06-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 फीसदी फसलों का नुकसान होने पर भी किसानों के लिए केंद्र से आपदा सहायता राशि देने की मांग की है। केंद्रीय टीम ने यूपी के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात की।राज्य सरकार ने यूपी के बाढ़ प्रभावित जिलों के किसानों को सहायता राशि देने के लिए केंद्र से 842.53 करोड़ रुपये की मांग की है। यूपी के इस प्रस्ताव के आधार पर केंद्र की सात सदस्यीय टीम गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव रमेश के नेतृत्व में यूपी आई हुई थी। एक टीम ने पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, भदोही और दूसरी ने बुंदेलखंड की ललितपुर, झांसी, महोबा व बांदा का दौरा किया। टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उसने आश्वासन दिया है कि वह अपनी रिपोर्ट जल्द ही केंद्र सरकार को देगी।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय टीम से प्रमुख रूप से तीन बातें कहीं। उन्होंने कहा मौजूदा समय 33 फीसदी फसल का नुकसान होने पर मुआवजा देने की व्यवस्था है, इसे घटाकर 20 फीसदी किया जाना चाहिए जिससे अधिक को फायदा मिल सके। केंद्रीय आपदा सहायता राशि का 10 फीसदी ही राज्य आपदा पर खर्च किया जा सकता है। इसे बढ़ाकर 20 फीसदी करने की मांग की है। इसी तरह केंद्रीय आपदा सहायता राशि से सड़क निर्माण नहीं किया जा सकता है। इससे सड़क बनाने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
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06-11-2019-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 फीसदी फसलों का नुकसान होने पर भी किसानों के लिए केंद्र से आपदा सहायता राशि देने की मांग की है। केंद्रीय टीम ने यूपी के बाढ़ प्रभावित जिलों...

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ओवरब्रिज पर देर रात आया प्रेमी और लड़की के साथ कर दी ऐसी हरकत

ओवरब्रिज पर देर रात आया प्रेमी और लड़की के साथ कर दी ऐसी हरकत450

👤06-11-2019-लखनऊ के चिनहट में मल्हौर स्टेशन ओवरब्रिज के पास मंगलवार देर रात प्रेमी ने 20 वर्षीय युवती पर ब्लेड व धारदार हथियार से हमला करके उसे लहूलुहान कर दिया। घटना को अंजाम देने के बाद वह युवती की स्कूटी लेकर फरार हो गया। पीड़िता की चीख-पुकार सुनकर जुटे राहगीरों ने उसे अस्पताल पहुंचाने के साथ पुलिस को सूचना दी। पुलिस के मुताबिक युवती के शरीर पर गहरे घाव हैं। मुकदमा दर्ज करके आरोपी की तलाश की जा रही है।इंस्पेक्टर चिनहट ने बताया कि लौलाई में काशीराम कालोनी निवासी युवती फैजाबाद रोड स्थित ओमेगा ग्रीन सिटी के पास एक ब्यूटी पार्लर में काम करती है। उसका दुबग्गा निवासी अरहान उर्फ रेहान नाम के युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा है। मंगलवार रात 10 बजे युवती ब्यूटी पार्लर से घर के लिए निकली थी। रास्ते में रेहान का फोन आने पर वह मल्हौर स्टेशन ओवरब्रिज के पास उससे मिलने के लिए रुक गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों काफी देर तक बातचीत करते रहे। इस बीच उनमें कहासुनी होने लगी और रेहान ने ब्लेड से उसकी गर्दन व शरीर पर कई जगह वार कर दिए। शरीर में कई घाव होने से युवती लहूलुहान हो गई। वह शोर मचाते हुए भागी। यह देख आरोपी उसकी स्कूटी लेकर फरार हो गया। राहगीरों ने उसे सीएचसी पहुंचाया जहां से उसे लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया।डॉक्टरों ने उसके गले और शरीर के अन्य हिस्सों में टांके लगाए हैं। उसकी हालत गंभीर है। इंस्पेक्टर ने बताया कि युवती की मां व रिश्तेदार अस्पताल पहुंच गए थे। युवती ने ने आरोपी का नाम बताया है। घरवालों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
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06-11-2019-लखनऊ के चिनहट में मल्हौर स्टेशन ओवरब्रिज के पास मंगलवार देर रात प्रेमी ने 20 वर्षीय युवती पर ब्लेड व धारदार हथियार से हमला करके उसे लहूलुहान कर दिया। घटना को अंजाम देने के...

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अयोध्या मामला में 1 फरवरी 1986 का दिन मील का पत्थर है

अयोध्या मामला में 1 फरवरी 1986 का दिन मील का पत्थर है763

👤06-11-2019-\r\nराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में 1 फरवरी, 1986 का दिन मील का पत्थर है। इस दिन 37 साल तक अटके विवाद में एक नया मोड़ आया। राजीव गांधी सरकार की पहल पर विवादित परिसर का ताला खुला। इसके बाद राम मंदिर निर्माण के आंदोलन ने पूरे देश में जोर पकड़ लिया। यह राजनीतिक तौर पर एक सोचा-समझा कदम था।अयोध्या के राम जन्मभूमि विवाद का एक महत्वपूर्ण पड़ाव वह है, जब दिनांक 1 फरवरी 1986 को फैजाबाद जिला न्यायाधीश के आदेश से विवादित स्थल का ताला खोला गया था। तब देश में राजीव गांधी की सरकार थी और उन्हीं की अनुमति से ताला खुलवाया गया था। विवाद की शुरुआत हुई 22-23 दिसंबर 1949 से, जब यहां राम दरबार से जुड़ी कुछ मूर्तियां मिलीं। तब उत्तर प्रदेश में गोविंद वल्लभ पंत मुख्यमंत्री थे। मामला अदालत पहुंचा, जिस कारण मंदिर पर ताला लगा दिया गया। मामला सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दर्ज करवाया था। 1961 में हामिद अंसारी इस मुकदमे में वादी की तरह जुड़ गए थे। बाद में एक वकील उमेश चंद्र पांडेय ने अदालत में मंदिर का ताला खुलवाने की अपील की, जिस पर 1 फरवरी 1986 को फैसला आया। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अनुमति से ताला खुलवाया गया था। राजीव गांधी आगे कुछ करते, इससे पहले ही उनकी *हत्या हो गई। कहा जाता है कि ताला खुलवाने का फैसला देने से पहले काफी तैयारी की गई थी। तत्कालीन जिला जज के.एम. पांडेय ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से बैठक की। उन्होंने फैसले से होने वाले तमाम नतीजों पर भी विमर्श किया और यह पाया कि इसका कानून-व्यवस्था पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद अदालत ने यह फैसला दिया कि विवादित स्थल का ताला खोल दिया जाए। फैसले के 40 मिनट बाद ही ताला खुल गया था। तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले की हाल ही में आई पुस्तक ‘द बाबरी मस्जिद-राम मंदिर डिलेमा : एन एसिड टेस्ट फॉर इंडियन कॉन्स्टीट्यूशन\' में इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया गया है। उन्होंने हाल ही में बयान दिया कि मंदिर का ताला खुलवाने से लेकर शिलान्यास करने तक का कार्य राजीव गांधी सरकार में हुआ था। इस तरह वह भी कारसेवक कहे जा सकते हैं। यह वह दौर था, जब शाहबानो केस में आए फैसले के बाद राजीव गांधी की छवि मुसलिम तुष्टिकरण वाली बन गई थी। माना जाता है कि इस छवि से बाहर निकलने के लिए ही यह फैसला लिया गया था। लेकिन चुनाव करीब थे, जिस कारण पूरे मुद्दे पर सियासत गहरा गई। मुस्लिम नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया और लखनऊ में एक बैठक के बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने 26 जनवरी 1987 के गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान किया। यह अलग बात है कि बाद में आंदोलन भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में शामिल हो गया। राजीव गांधी फैसले के परिणामों के बारे में नहीं सोच पाए थे।\r\nपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपनी पुस्तक ‘द टर्बुलेट ईयर्स : 1980-1996\' में लिखा है कि अयोध्या में 1 फरवरी 1986 को राम जन्मभूमि मंदिर का ताला खुलवाना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का एक गलत निर्णय साबित हुआ। इससे देश-विदेश में रहने वाले मुस्लिम समुदाय की भावनाएं बहुत आहत हुईं।\r\nराजनीति विश्लेषक जोया हसन अपनी पुस्तक ‘कांग्रेस आफ्टर इंदिरा\' में लिखती हैं, ‘राजीव गांधी सरकार में मंदिर का ताला खुलवाने के आदेश का विश्व हिन्दू परिषद ने लाभ उठाया। 1989 तक आते-आते मामला बहुत बढ़ गया। जब विहिप ने शिलान्यास के लिए पत्थर ले जाने की घोषणा की तो देश भर में माहौल गर्मा गया और कांग्रेस सरकार ने विवादित ढांचे में विहिप को शिलान्यास की अनुमति प्रदान कर दी। इस समूचे प्रकरण को लेकर राजीव गांधी ने कानूनसम्मत रुख अख्तियार किया कि राम मंदिर बनने से कोई विरोध नहीं है लेकिन मस्जिद को आंच नहीं आनी चाहिए। पार्टी को उम्मीद थी कि इससे चुनावों में उन्हें लाभ मिल सकता है लेकिन इससे पहले ही भाजपा और विहिप ने मुद्दे को अपने पक्ष में कर लिया था और हिंदुओं को यह भरोसा दिलाने का अभियान छेड़ दिया था कि शिलान्यास उनके प्रयासों का ही प्रतिफल है और उन्होंने ही उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसा करने के लिए विवश किया। इस पूरे घटनाक्रम से कांग्रेस को क्षति पहुंची और खासतौर पर उत्तर प्रदेश में उनका जनाधार खिसक गया।\'
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06-11-2019-\r\nराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में 1 फरवरी, 1986 का दिन मील का पत्थर है। इस दिन 37 साल तक अटके विवाद में एक नया मोड़ आया। राजीव गांधी सरकार की पहल पर विवादित परिसर का ताला खुला।...

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घर के कूलर से कम कर सकते हैं वायु प्रदूषण

घर के कूलर से कम कर सकते हैं वायु प्रदूषण757

👤04-11-2019-ठंडी हवा देने वाला कूलर अब प्रदूषण रोकने में भी मददगार साबित होगा। बरेली कॉलेज के प्रोफेसर डीके सक्सेना ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो कूलर के साथ जोड़े जाने पर एयर प्यूरीफायर का काम करेगी। उन्होंने कई चरणों में इस डिवाइस का सफल परीक्षण कर लिया है। अब इसे बाजारों में भी उतारे जाने की तैयारी है। सस्ता होने की वजह से आम लोग भी इसका इस्तेमाल कर घर की हवा से जहरीले तत्व बाहर कर सकेंगे।बरेली कॉलेज एयर पाल्यूशन मानीटरिंग सेंटर के प्रभारी डॉ. डीके सक्सेना ने बताया कि एयर प्यूरीफायर तैयार करने में डेटर्ज कूलर का प्रयोग किया गया। जाड़ों की शुरूआत में ही लोग कूलर को हटा देते हैं। ऐसे में पूरे जाड़े यह अनुपयोगी पड़ा रहता है। इस कूलर को साफ करने के बाद तीनों साइड के पैनल से घास हटा दी गई। इसमें विंडो एसी डस्ट फिल्टर का प्रयोग किया गया। किसी भी एसी शॉप से नैनो टेक्नोलॉजी विद अल्ट्रा फाइन नैनो फाइबर आधारित डस्ट फिल्टर खरीदा जा सकता है। यह फिल्टर पार्टीकुलेट मैटर यानि कि पीएम-10 और पीएम 2.5 दोनों को अवशोषित कर लेते हैं। इसको कूलर के तीनों विंडो में फिट करते हुए एयरप्यूरीफायर बना लिया गया।डॉ. डीके सक्सेना ने कहा कि वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सबसे गंभीर मुद्दा है। इससे हृदयरोग, लंग कैंसर, गंभीर श्वसन तंत्र की समस्या हो सकती है।
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04-11-2019-ठंडी हवा देने वाला कूलर अब प्रदूषण रोकने में भी मददगार साबित होगा। बरेली कॉलेज के प्रोफेसर डीके सक्सेना ने एक ऐसी डिवाइस बनाई है जो कूलर के साथ जोड़े जाने पर एयर प्यूरीफायर...

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हरदोई में खेतों पर पराली जलाने में अब तक ढाई लाख जुर्माना

हरदोई में खेतों पर पराली जलाने में अब तक ढाई लाख जुर्माना635

👤04-11-2019-प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती का असर दिखने लगा है। हरदोई में पराली जलाने को लेकर पहली बार कड़ी कार्रवाई की गई। प्रशासन ने 66 किसानों पर करीब ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। डीएम पुलकित खरे ने सभी तहसीलों में उपजिलाधिकारियों के नेतृत्व में उड़नदस्ते गठित कर दिए हैं, जो खेतों पर नजर रखे हुए हैं। 
जिन किसानों पर कार्रवाई की गई, उन पर आरोप है कि शासन के निर्देशों को दरकिनार कर खेतों में पराली जलाकर प्रदूषण बढ़ाया। सीएम के निर्देश के बाद शाहाबाद समेत पांचों तहसीलों में टीम ने कई गांवों की पड़ताल की। इस दौरान 66 ऐसे किसान चिह्नित किए गए, जिन्होंने खेतों में पराली जलाने का काम किया। अफसरों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इन पर जुर्माना ठोक दिया। अफसरों के मुताबिक प्रतिबंध के बावजूद उल्लंघन करने वाले किसी भी किसान को भी छोड़ा नहीं जाएगा। इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी। 
इन पर हुई कार्रवाई
सवायजपुर के ग्राम बसिया और सहजनपुर में पांच किसानों पर 15 हजार का जुर्माना लगाया गया। सदर तहसील क्षेत्र में कन्हेरी, पुरौरी, ऐजा फार्म, कनेरी में 13 किसानों पर 38 हजार और बिलग्राम में दो किसानों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। शाहाबाद की ग्राम पंचायत आगमपुर एवं सिकंदरपुर नरकतरा में 46 किसानों पर एक लाख 72 हजार का अर्थदंड लगा है। उप कृषि निदेशक के मुताबिक शासन के आदेश का सख्ती से पालन कराया जाएगा। हर खेत की गाटा संख्या ब्योरे के साथ अपलोड है। सेटेलाइट से निगरानी हो रही है। कोई भी किसान पराली जलाएगा तो उसकी रिकॉर्डिंग हो जाएगी। 
नहीं मिलेगा योजनाओं का लाभ 
उपनिदेशक कृषि डॉ. आशुतोष मिश्र का कहना है कि पराली/कृषि अपशिष्ट जलाने वाले किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। किसान सम्मान निधि, पेंशन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, कृषि निवेश पर दिए जाने वाले अनुदान से भी वंचित कर दिया जाएगा।
नियम पर फरमाएं गौर
- दो एकड़ से कम खेती वाले किसानों पर हर बार पराली जलाने पर ढाई हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा। 
- दो से अधिक और पांच एकड़ तक खेती वाले किसानों पर पराली जलाने पर पांच हजार का जुर्माना। 
- पांच एकड़ से अधिक खेती वाले किसानों पर पराली जलाने पर 15 हजार रुपये जुर्माना किया जाएगा।
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04-11-2019-प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती का असर दिखने लगा है। हरदोई में पराली जलाने को लेकर पहली बार कड़ी कार्रवाई की गई। प्रशासन ने 66 किसानों पर करीब ढाई लाख...

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कमलेश तिवारी हत्याकांड : यूसुफ की रेकी पर कानपुर से लखनऊ पहुंचे थे शूटर

कमलेश तिवारी हत्याकांड : यूसुफ की रेकी पर कानपुर से लखनऊ पहुंचे थे शूटर182

👤04-11-2019-
लखनऊ में हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तार लगातार कानपुर से जुड़ते जा रहे हैं। शूटरों को पिस्टल देने वाले यूसुफ की रेकी पर ही शूटर कानपुर से लखनऊ गए थे। यूसुफ की बताई मोबाइल की दुकान की जानकारी पर शूटरों ने रेलबाजार से सिम व मोबाइल लिया था। वहीं से टाटमिल चौराहे जाकर शूटरों ने रोडवेज बस पकड़कर लखनऊ गए थे। घंटाघर से पकड़ा गया फतेहपुर निवासी यूसुफ काफी शातिर दिमाग हैं। शूटर अशफाक और मोइनुद्दीन से दोस्ती के दौरान उसने कानपुर और लखनऊ की जानकारी दी। यूसुफ लखनऊ और कानपुर दोनों जिलों से अच्छी तरह से वाकिफ है। सुजातगंज में ताऊ के घर में रुकने के दौरान व कई बार रेलबाजार से आ-जा चुका हैं। इसी दौरान उसकी कान्हा टेलीकॉम में दो लड़कियों के काम करने की जानकारी हुई। उस दुकान पर जाकर यूसुफ रेकी भी कर चुका था। इसीलिए कानपुर से लखनऊ जाने के दौरान ट्रेन से उतरकर अशफाक और मोइनुद्दीन ने सीधे कान्हा टेलीकॉम जाकर सिम लिया था। 
एटीएस परिजन व दोस्तों से कर रही पूछताछ 
एटीएस को यूसुफ के लंबे समय से कानपुर आने और जाने की जानकारी हैं। ऐसे में एसटीएस और खुफिया एजेंसी यूसुफ की बुआ और ताऊ को खंगाल रही हैं। एसटीएफ के मुताबिक यूसुफ के अन्य दोस्तों को भी खंगाला जा रहा हैं। जिससे उसकी पूरी जानकारी हासिल हो सके। कानपुर में यूसुफ के अन्य दोस्तों को भी तलाशा जा रहा हैं। पिस्टल सप्लायर का पता नहीं चल सका
यूसुफ बार-बार पिस्टल सप्लायर और पैसे को लेकर बयान बदल रहा हैं। कभी वह 20 तो कभी 50 हजार रुपए में पिस्टल खरीदने की बात कर रहा हैं। कभी वह दो महीने, फिर चार, छह और दो साल पहले दोनों शूटरों को पिस्टल देने की बात कर रहा हैं। ऐसे में एसआईटी अब उसे कस्टडी में लेकर पिस्टल सप्लायर और उसकी कीमत की जानकारी करेंगी।
🕔tanveer ahmad

04-11-2019-
लखनऊ में हिन्दूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के तार लगातार कानपुर से जुड़ते जा रहे हैं। शूटरों को पिस्टल देने वाले यूसुफ की रेकी पर ही शूटर कानपुर से लखनऊ गए थे। यूसुफ...

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लखनऊ की हवा में मामूली सुधार, स्थिति अब भी खतरनाक

लखनऊ की हवा में मामूली सुधार, स्थिति अब भी खतरनाक737

👤04-11-2019-थोड़ी सख्ती व हवा में मामूली गति से लखनऊ की हवा में मामूली सुधार हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में 22 प्वाइंट की गिरावट आई है। हवा की गुणवत्ता लाल रंग पर पहुंच गई है लेकिन स्थिति खतरनाक बनी हुई है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानीटरिंग में हवा की गुणवत्ता के गहरा लाल होने में महज एक प्वाइंट की कमी है। यह स्थिति एक दिन पहले यानी शनिवार को थी। एक्यूआई 422 माइक्रोग्राम पहुंच गई थी। रविवार को एक्यूआई 400 माइक्रोग्राम रिकार्ड हुई है।वायु प्रदूषण की स्थिति लगभग पूरे देश में बनी हुई है। 99 शहरों की मानीटरिंग में लखनऊ 25वें स्थान पर है। पूरे देश में 29 शहरों की हवा खतरनाक हो चुकी है। इन शहरों में एक्यूआई 400 माइक्रोग्राम के पार पहुंच गया है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के शहर हैं। यहां के आठ शहरों की हवा मौजूदा समय में सांस लेने लायक नहीं है। इसमें लखनऊ समेत बुलंदशहर (430), फतेहगढ़ (478), गाजियाबाद (491), ग्रेटर  नोएडा (482), नोएडा (495), हापुड़ (471) व मेरठ (445) शामिल हैं। देश का सबसे प्रदूषित शहर राहतक रहा। यहां पर एक्यूआई 498 माइक्रोग्राम रिकार्ड की गई है। दूसरे स्थान पर फरीदाबाद (496), तीसरे स्थान पर नोएडा (495) व चौथे स्थान पर दिल्ली (494) शहर रहा।हफ्ते भर में खतरनाक हुई हवा
लखनऊ की हवा सप्ताहभर में खतरनाक स्थिति में पहुंच गई। यहां दीपावली से पहले 26 अक्तूबर को एक्यूआई महज 155 माइक्रोग्राम थी। इसे मध्यम श्रेणी की हवा माना जाता है। सीपीसीबी के मानक में इसका रंग पीला है। लेकिन इसके बाद लगातार वृद्धि होती गई। 28 अक्तूबर को यहां की हवा अचानक बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। एक्यूआई 305 माइक्रोग्राम रिकार्ड किया गया। इसकी रफ्तार लगातार बढ़ती गई। शनिवार को सीजन की सबसे खराब हवा रिकार्ड हुई। एक्यूआई 422 माइक्रोग्राम दर्ज किया गया था।देश के शीर्ष दस शहरों में एक्यूआई की स्थिति
शहर        एक्यूआई
लखनऊ        400
रोहतक        498
फरीदाबाद        496
नोएडा        495
दिल्ली        494
जिंद        491
गुरुग्राम        486
ग्रेटर नोएडा        482
फतेहगढ़        478
बहादुरगढ़        475
हापुड़        471लखनऊ में हफ्ते भर में एक्यूआई की स्थिति
तारीख        एक्यूआई
3 नवम्बर        400
2 नवम्बर        422
1 नवम्बर        382
31 अक्तूबर        352
30 अक्तूबर        326
29 अक्तूबर        314
28 अक्तूबर        305
27 अक्तूबर        186
26 अक्तूबर        155
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04-11-2019-थोड़ी सख्ती व हवा में मामूली गति से लखनऊ की हवा में मामूली सुधार हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में 22 प्वाइंट की गिरावट आई है। हवा की गुणवत्ता लाल रंग पर पहुंच गई...

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