नागरिकता कानून के बाद जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की मची होड़, बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा378
👤26-12-2019-नागरिकता संशोधन कानून (सीएए ) और एनपीआर पर सरकार की ओर से स्थिति स्पष्ट करने के बाद भी लोगों में भ्रम बना हुआ है। सही जानकारी न होने से लोग नगर पालिका में चक्कर काट रहे हैं। हापुड़, मेरठ, अलीगढ़ और गोरखपुर समेत कई शहरों में लोग जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन दे रहे हैं। कई ऐसे हैं जिनका जन्म आजादी से पहले हुआ है।हापुड़ में लगी कतारें
यूपी के हापुड़ में लोग नगर पालिका के बाहर लंबी-लंबी कतारों में लगकर जन्म प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। नगर पालिका के ईओ जेके आनंद ने बताया कि यह भीड़ अचानक से बढ़ी है। इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनका जन्म 1948 में हुआ था, कुछ ऐसे भी हैं जो 1952 में पैदा हुए। हमारे सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि इतने पुराने साक्ष्य हमें मिल ही नहीं रहे हैं। फिर भी हम लोगों की परेशानी और उनकी शंकाएं दूर करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरठ में दोगुना आवेदन
मेरठ नगर निगम, मवाना व सरधना में जन्म प्रमाण पत्र के लिए मारामारी मची है। सामान्य दिनों में 75-80 आवेदन जन्म प्रमाण पत्र के आते हैं लेकिन करीब 15 दिनों से यह संख्या 125 से 150 तक पहुंच रही है। सिटी मजिस्ट्रेट संजय पांडेय व नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.गजेन्द्र सिंह ने सामान्य से अधिक आवेदन आने की बात स्वीकार की है। उन्होंने बताया कि तमाम आवेदन 1948 से 1970 के बीच जन्म लेने वालों के आए हैं। बिजनौर और बुलंदशहर में 20% , शामली में10 फीसदी तक प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या बढ़ी है।अलीगढ़ : अचानक बढ़ी संख्या
शहर में नागरिकता कानून के व्यापक विरोध के बाद से अचानक जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों की संख्या में 30 फीसदी तक इजाफा हुआ है। अलीगढ़ नगर निगम में सामान्य दिनों में औसत रोजाना 100 आवेदन होते थे, लेकिन पिछले चार दिनों से आवेदन की संख्या 130 से अधिक पहुंच चुकी है। मुरादाबाद : करीब 20% बढ़े आवेदन करने वाले
मुरादाबाद में बीते कुछ दिनों में ही जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ गई है। नगर निगम में बीते पखवारे में औसतन 400 से अधिक आवेदन आए हैं। रामपुर और संभल में भी यह संख्या 15 से 20%अधिक है जबकि अमरोहा में आवेदन 50% ज्यादा हैं।गोरखपुर : उमड़ रही भीड़
नगर स्वाथ्य अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी के मुताबिक, आम दिनों में जन्म प्रमाणपत्र के लिए 90 से 100 आवेदन आते थे। एक सप्ताह से 140 से 150 आवेदन आ रहे हैं। इनमें मुस्लिम आवेदक की संख्या अधिक है। 1950 में जन्में लोगों ने भी आवेदन किया है। इनसे अधिकारी मेडिकल सर्टिफिकेट मांग रहे है।लखनऊ : आवेदकों में बुजुर्गों की संख्या ज्यादा
लखनऊ नगर निगम में जन्म प्रमाणपत्र का काम देखने वाले राशिद कहते हैं कि पहले बहुत कम लोग आते थे। स्कूलों में एडमिशन के महीनों में ही भीड़ होती थी लेकिन जब से एनआसी व सीएए का मामला सामने आया है तब से काफी ज्यादा लोग जन्म प्रमाणपत्र बनवाने आ रहे हैं। 50 से 60 साल की उम्र वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है। सबसे ज्यादा लोग पुराने लखनऊ के आ रहे हैं। पूर्व की तुलना में पिछले 15 दिनों में 50 प्रतिशत से ज्यादा लोग जन्म प्रमाणपत्र बनवाने आ रहे।
🕔tanveer ahmad
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