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SC/ST एक्ट पर केंद्र सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय बेंच के पास भेजा

SC/ST एक्ट पर केंद्र सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 3 सदस्यीय बेंच के पास भेजा624

👤13-09-2019-सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2018 के अपने उस फैसले की समीक्षा के लिए केन्द्र की ओर से दायर याचिका अपनी वृहद पीठ के पास भेजी जिसके माध्यम से एससी/एसटी कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को लचीला बना दिया गया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र की इस याचिका पर एक मई को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की थी कि देश में कानून को जाति तटस्थ और एकरूप होना चाहिए। केंद्र ने दावा किया है कि मार्च 2018 में सुनाया गया पूरा फैसला “समस्या खड़ी करने वाला” है और न्यायालय को इसकी समीक्षा करनी चाहिए।इस फैसले का व्यापक विरोध हुआ था और देशभर में विभिन्न अजा/अजजा संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे जिनमें कई लोग हताहत हुए थे। पिछले साल के फैसले का समर्थन कर रहे कुछ पक्षों ने कहा था कि केंद्र की याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि संसद पहले ही फैसले के प्रभाव को निष्प्रभावी बनाने के लिये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) संशोधन अधिनियम 2018 पारित कर चुकी है।उन्होंने मांग की कि जब तक न्यायालय केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं सुनाता, तब तक संशोधन अधिनियम पर रोक लगाई जाए। न्यायालय ने कहा था कि यदि फैसले में कुछ गलत हुआ है तो उसे पुनर्विचार याचिका में हमेशा सुधारा जा सकता है।इससे पहले न्यायालय ने 30 जनवरी को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कानून में किये गये संशोधनों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। संशोधनों के माध्यम से, इस कानून के तहत शिकायत होने पर आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं देने का प्रावधान बहाल किया गया है।शीर्ष अदालत ने सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ अजा-अजजा कानून के दुरुपयोग के मद्देनजर 20 मार्च, 2018 को अपने फैसले में कहा था कि इस कानून के तहत शिकायत मिलने पर तत्काल गिरफ्तारी नहीं की जायेगी। इस फैसले के बाद संसद ने पिछले साल नौ अगस्त को एक संशोधन विधयेक पारित करके न्यायालय की व्यवस्था को निष्प्रभावी बना दिया था।
🕔 एजेंसी

13-09-2019-सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2018 के अपने उस फैसले की समीक्षा के लिए केन्द्र की ओर से दायर याचिका अपनी वृहद पीठ के पास भेजी जिसके माध्यम से एससी/एसटी कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों...

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 370 पर मोदी सरकार को मिला मुस्लिमों की सबसे बड़ी संस्था का साथ, कश्मीर को बताया भारत का अटूट हिस्सा

370 पर मोदी सरकार को मिला मुस्लिमों की सबसे बड़ी संस्था का साथ, कश्मीर को बताया भारत का अटूट हिस्सा730

👤13-09-2019-मुसलमानों की शीर्ष संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है तथा घाटी के लोगों का कल्याण भारत के साथ एकीकरण में ही है। जेयूएच ने यहां आयोजित अपनी सालाना बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया और एकीकृत भारत का आह्वान किया। अनुच्छेद 370 का जिक्र किए बिना प्रस्ताव में कहा गया है, \'\'हमारा मानना है कि कश्मीर का कल्याण भारत के साथ उसके एकीकरण में है। पड़ोसी देश और विरोधी ताकतें कश्मीर को नष्ट करने पर तुली हैं। कश्मीर के परेशान और पीड़ित लोग विरोधी ताकतों के बीच फंस गए हैं। पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए प्रस्ताव में कहा गया है कि वह कश्मीरियों को \'\'ढाल\" के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। प्रस्ताव में कहा गया है कि जेयूएच देश की एकता और अखंडता के लिए लगातार खड़ा है और इसे सर्वोच्च महत्व देता है। यह कभी भी किसी अलगाववादी आंदोलन का समर्थन नहीं कर सकता है और उसका मानना है कि इस तरह के आंदोलन न केवल भारत बल्कि कश्मीर के लोगों के लिए भी हानिकारक है। इसमें कहा गया है कि कश्मीर की मौजूदा स्थिति मांग करती है कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए शांतिपूर्ण पहल शुरू की जाए, खासकर परमाणु शक्तियों के टकराव से होने वाले नतीजों के मद्देनजर। मुस्लिम संगठन ने भारत सरकार से मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए कश्मीर के लोगों और उनकी संपत्ति की रक्षा करने की भी अपील की। प्रस्ताव में कहा गया है कि क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने और कश्मीर के लोगों के दिलों को जीतने के लिए हरसंभव संवैधानिक उपाय किए जाने चाहिए।
🕔 एजेंसी

13-09-2019-मुसलमानों की शीर्ष संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के केंद्र के फैसले का बृहस्पतिवार को समर्थन किया और कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न...

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चिन्मयानंद मामले में प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला

चिन्मयानंद मामले में प्रियंका गांधी ने बीजेपी सरकार पर बोला हमला547

👤13-09-2019-भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयांनद के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा के मीडिया के सामने आने के बाद कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस ने यूपी की भाजपा सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि उसका महिला सुरक्षा से कोई वास्ता नहीं है। चिन्मयानंद मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश सरकार और यूपी पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। प्रियंका गांधी ने सवाल किया है कि यूपी पुलिस क्या इसलिए इस मामले में सुस्त है क्योंकि आरोपी का संबंध भाजपा से है? प्रियंका गांधी ने चिन्मयानंद पर एक खबर को शेयर कर करते हुए ट्वीट किया और लिखा- उप्र की भाजपा सरकार ने अपनी हरकतों से साफ कर दिया है कि उसका महिला सुरक्षा से कोई वास्ता नहीं। आखिर क्यों शिकायतकर्ता लड़की को दोबारा प्रेस के सामने सुरक्षा की गुहार लगानी पड़ रही है? आखिर यूपी पुलिस सुस्त क्यों है? क्योंकि आरोपी का सम्बंध भाजपा से है? इससे पहले भाजपा के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयांनद के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा के मीडिया के सामने आने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र एवं उत्तर प्रदेश की सरकारों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि \'अपराधियों से प्रेम और संलिप्तता भाजपा के डीएनए शमिल हो चुका है। पार्टी प्रवक्ता रागिनी नायक ने यह सवाल भी किया कि लड़की के बार-बार गुहार लगाने के बावजूद चिन्मयांनद से पूछताछ और उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई? गौरतलब है कि शाहजहांपुर की छात्रा ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन कर आरोप लगाया कि भाजपा नेता चिन्मयानंद ने उसके साथ बलात्कार किया और एक वर्ष तक प्रताड़ित किया। छात्रा ने दिल्ली में शिकायत दर्ज करवाई है। उसने आरोप लगाया कि शाहजहांपुर में पुलिस उसकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही। पिछले महीने एक वायरल वीडियो में चिन्मयानंद पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाने वाली एलएलएम की छात्रा कल पहली बार मीडिया के सामने आई।
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयांनद के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा के मीडिया के सामने आने के बाद कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस ने यूपी की भाजपा...

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आजम खां के हमसफर के बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में रुकें अखिलेश

आजम खां के हमसफर के बजाय सरकारी गेस्ट हाउस में रुकें अखिलेश878

👤13-09-2019-पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए रामपुर में रात्रि विश्राम के लिए हमसफर रिसॉर्ट सुविधाजनक नहीं है, इसलिए वह जौहर विश्वविद्यालय के नजदीक बने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में ठहरें, ताकि उन्हें किसी भी तरह की असुविधा न हो। जिला प्रशासन ने यह अनुरोध पूर्व मुख्यमंत्री से किया है। अनुरोध के साथ ही प्रशासन ने यहां पर व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने का काम भी शुरू कर दिया है।पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर शुक्रवार की शाम को रामपुर पहुंचेंगे। यहां वे कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम के बाद अगले दिन कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। उनके प्रस्तावित कार्यक्रम में रात्रि विश्राम की बात सपा सांसद आजम खां के हमसफर रिसॉर्ट में की गई है। रिसॉर्ट में बिजली और पानी चोरी पकड़े जाने के बाद दोनों के कनेक्शन काटे जा चुके हैं। ऐसे में रिसॉर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को होने वाली दिक्कतों से बचाने के लिए प्रशासन भी एक्टिव हो गया है।प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है कि वह सींगनखेड़ा में बने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस में ठहर सकते हैं। यहां किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होगी। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि गेस्ट हाउस में तैयारियां शुरू कर दी गई है। यदि पूर्व मुख्यमंत्री गेस्ट हाउस में रुकने को राजी हो जाते हैं तो गेस्ट हाउस में ही सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। प्रशासन ने गेस्ट हाउस को व्यवस्थित कर यहां की सुरक्षा बिल्कुल चुस्त दुरुस्त कर दी गई है।गेस्ट हाउस पहुंचने को रास्ता तैयारपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से जाने जाने वाले गेस्ट हाउस का लोक निर्माण विभाग ने सुंदरीकरण शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस गेस्ट हाउस में रुकने के संभावित कार्यक्रम को देखते हुए प्रशासन ने वैकल्पिक तौर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। यहां पर सींगनखेड़ा के पास से रास्ता बनाने का काम शुरू किया गया है। यहां पर बिजली, पानी व ठहरने की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए रामपुर में रात्रि विश्राम के लिए हमसफर रिसॉर्ट सुविधाजनक नहीं है, इसलिए वह जौहर विश्वविद्यालय के नजदीक बने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट...

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अयोध्या: राम मंदिर का यह इतिहास नहीं जानते होंगे आप, ऐसे हुई थी मरम्मत

अयोध्या: राम मंदिर का यह इतिहास नहीं जानते होंगे आप, ऐसे हुई थी मरम्मत670

👤13-09-2019-रामजन्मभूमि के विवादित स्थल पर  बैरागी साधुओं की ओर से किए गए तोड़फोड़ के कारण ब्रिटिश प्रशासन ने उनसे जुर्माना वसूल किया था। इसी जुर्माने की धनराशि से विवादित स्थल की मरम्मत कराई गई। यह घटना 27 मार्च 1934 की है, जब बकरीद पर शहर में कुर्बानी की खबर फैली। इसी के चलते साम्प्रदायिक तनाव बढ़ गया। इसी घटना को लेकर आक्रोशित साधु विवादित स्थल पर पहुंचे और वहां तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद वहां फोर्स तैनात कर दी गई और नमाज पर भी पाबंदी लगा दी गई। अयोध्या री विजिटेड एवं बियांड एड्यूड इवीडेंस पुस्तकों के लेखक, बिहार धर्मादा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल का कहना है कि ब्रिटिश प्रशासन ने नुकसान की भरपाई के लिए विवादित स्थल की मरम्मत कराई थी। इससे पहले क्षतिग्रस्त का आगणन तैयार कराया गया जो कि करीब 85 हजार था लेकिन इसके सापेक्ष ब्रिटिश प्रशासन ने सात हजार 329 रुपए के नुकसान की भरपाई की संस्तुति दी। बताया गया कि यह धनराशि आरोपित बैरागियों से जुर्माने के रूप में वसूल की गई थी। इससे पहले तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर ने 12 मई 1934 को दिए आदेश में मुस्लिम पक्ष को सोमवार तदनुसार 14 मई को विवादित स्थल की साफ सफाई का आदेश दिया। इसके बाद नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई। बताया जाता है कि ब्रिटिश प्रशासन ने जुर्माना वसूलने के बाद निर्माण का ठेका तत्कालीन ठेकेदार तहव्वुर खान को दिया था। इस ठेकेदार ने निर्माण कार्य पूरा कराने के बाद 25 फरवरी 1935 को प्रस्तुत बिल के साथ दिए आवेदन में लिखा कि डिप्टी कमिश्नर के आदेश के क्रम में तहसीलदार नजूल ने विवादित परिसर के पेड़ों व झाड़ियां उसे इस शर्त के साथ सौंपी थी कि जब निर्माण कार्य का भुगतान किया जाएगा तब सम्बन्धित अचल सम्पत्ति की धनराशि उसके बिल से काट ली जाएगी। 
वृक्षों की धनराशि काटकर किया था ठेकेदार को भुगतानठेकेदार ने अपने आवेदन में बिल प्रस्तुत करने में हुए विलंब का कारण दर्शाते हुए लिखा कि-विवादित स्थल के गुम्बद पर लगाया जाने वाला कलश बनारस में तैयार हो रहा है लेकिन अभी वह मिला नहीं है। इसके अलावा \'अल्लाह\' उत्कीर्ण पत्थर भी अभी तैयार नहीं हो सका है। फिर भी आपके आदेशानुसार तत्काल बिल प्रस्तुत कर रहा हूं। उम्मीद है कि एक सप्ताह में कलश व पत्थर दोनों तैयार हो जाएगा। इसके बाद ब्रिटिश प्रशासन ने ठेकेदार के बिल का भुगतान 30 अप्रैल 1936 को किया। बताया गया कि ठेकेदार को पेड़ों से सम्बन्धित धनराशि की कटौती कर सात हजार 329 रुपए के बिल के सापेक्ष छह हजार 825 रुपए 12 पैसे का भुगतान किया गया।  
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-रामजन्मभूमि के विवादित स्थल पर  बैरागी साधुओं की ओर से किए गए तोड़फोड़ के कारण ब्रिटिश प्रशासन ने उनसे जुर्माना वसूल किया था। इसी जुर्माने की धनराशि से विवादित स्थल की मरम्मत...

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यही है न्याय? मेरठ से अगवा कर दिल्ली में युवती से दरिंदगी, पंचायत ने गैंगरेप की कीमत लगाई 5 हजार

यही है न्याय? मेरठ से अगवा कर दिल्ली में युवती से दरिंदगी, पंचायत ने गैंगरेप की कीमत लगाई 5 हजार116

👤13-09-2019-\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\nउत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आपको भी गुस्सा आएगा। लिसाड़ी गेट क्षेत्र की युवती को अगवा कर और दिल्ली ले जाकर दो युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। आरोपी स्थानीय थे, इसलिए मामले में समझौते के लिए पंचायत बुला ली। पंचों ने पांच हजार रुपये पीड़िता को देते हुए मामले को रफा-दफा करने के लिए कहा। पीड़िता ने समझौते से इनकार कर दिया। मामले का पता लगने पर नौचंदी पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। लिसाड़ी गेट क्षेत्र निवासी युवती एक सितंबर को अपने परिचित के घर जैदी फार्म गई थी। युवती का कहना है कि वहां उसे कोल्डड्रिंक में नशा मिलाकर पिला दिया गया। वह बेहोश हो गई और जब आंख खुली तो वह दिल्ली में किसी मकान के कमरे में थी। युवती ने बताया कि उसके परिचित और उसके दोस्त ने उसके साथ दरिंदगी की। करीब 10 दिनों तक उसी कमरे में उसे बंधक बनाकर रखा गया और दरिंदगी की गई। युवती के मुताबिक, मौका पाकर उसने आरोपी के मोबाइल से अपने बहनोई को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। 10 सितंबर को रिश्तेदारों ने दिल्ली पहुंचकर उसे बंधनमुक्त कराया। युवती ने बताया कि एक आरोपी जैदी फार्म का रहने वाला है। कुछ समय पहले युवती का परिवार उसके मकान में किराए पर रहा है। चूंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे को पहले से जानते हैं, इसलिए समझौते के लिए गुरुवार को पंचायत बुलाई गई। पीड़ित पक्ष ने बताया कि पंचों ने आरोपी पक्ष से पांच हजार रुपये दिलाकर समझौता करने का दबाव बनाया। पीड़िता ने रुपये लेने से इनकार कर दिया। पीड़ित पक्ष ने कहा कि यदि आरोपी, पीड़िता से शादी कर ले तो वह समझौता करने के लिए तैयार हैं। लेकिन आरोपी पक्ष ने शादी की बात से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता लिसाड़ी गेट थाने पहुंची। पुलिस ने पूरा घटनाक्रम नौचंदी थाना क्षेत्र का बताते हुए उन्हें वापस भेज दिया। पीड़ित पक्ष ने नौचंदी थाने में दो युवकों के खिलाफ तहरीर दी है।\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n \r\n
🕔 एजेंसी

13-09-2019-\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\n\r\nउत्तर प्रदेश के मेरठ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आपको भी गुस्सा आएगा। लिसाड़ी गेट क्षेत्र की युवती को अगवा कर और दिल्ली ले जाकर दो युवकों ने सामूहिक...

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स्वामी-छात्रा की कहानी में कैसे हुई संजय की एंट्री, SIT जांच खोलेगी कई राज

स्वामी-छात्रा की कहानी में कैसे हुई संजय की एंट्री, SIT जांच खोलेगी कई राज349

👤13-09-2019-स्वामी चिन्मयानंद(Chinmayanand) प्रकरण में गुरुवार को एसआईटी (SIT) ने स्वामी चिन्मयानंद, एसएस कालेज (SS college) और एसएस लॉ कालेज (SS Law college) के प्राचार्यों से पूछताछ की। एसआईटी का गुरुवार को ज्यादा मूवमेंट नहीं रहा।  गुरुवार दोपहर में पुलिस लाइन में एसएस कालेज के प्राचार्य डा. अवनीश मिश्रा और एसएस लॉ कालेज के प्राचार्य संजय बरनवाल को एसआईटी ने बुलाया था। दोनों प्राचार्य वहां एसआईटी के सामने पेश हुए। एक-एक कर दोनों लोगों से अकेले में सवाल किए गए। पहले संजय बरनवाल को बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार उनसे छात्रा और कालेज के कार्यों के बारे में पूछा गया। छात्रा के व्यवहार, उसके काम आदि के बारे में पूछा गया। इसी तरह से एसएस कालेज के प्राचार्य डा. अवनीश मिश्रा से भी तमाम सवाल किए गए, करीब दो घंटे के बाद दोनों पुलिस लाइन से चले आए। इस दौरान शाम को स्वामी चिन्मयानंद से भी एसआईटी ने पूछताछ की। सूरज ढलने पर एसआईटी के सामने पेश हुए चिन्मयानंदस्वामी चिन्मयानंद गुरुवार शाम को जब सूरज ढल गया, तब धुंधलके में एसआईटी के सवालों के जवाब देने के लिए शाहजहांपुर पुलिस लाइन पहुंचे। कई घंटे तक एसआईटी की टीम सवाल दर सवाल करती रही। सूत्रों के मुताबिक स्वामी ने बड़ी बेबाकी के साथ एसआईटी को जवाब दिए।स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ से पहले गुरुवार को एसआईटी ने सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की। एसआईटी ने गुरुवार को पूरे दिन में स्वामी से पहले उनके ही एसएस कॉलेज और लॉ कॉलेज के प्राचार्यों से पूछताछ की थी। इस दौरान एसआईटी एक टीम पूरे दिन स्वामी से पूछने के लिए सवाल तैयार करते रहे। शाम को जब स्वामी चिन्मयानंद पहुंचे तो पूरी टीम उनके चारों ओर बैठी। उनमें से अलग-अलग अफसरों ने सवाल करने शुरू किए। स्वामी चिन्मयानंद से छात्रा को लेकर शुरू से लेकर आखिरी तक की कहानी सुनी गई। इस दौरान संजय की एंट्री कैसे हुई, छात्रा कैसे बगावत पर उतरी, फिर कैसे ब्लैकमेलिंग की कोशिश शुरू हुई, संजय से फोन पर क्या बात हुई....तमाम बातें उनसे पूछी गईं। स्वामी चिन्मयानंद से कई घंटे तक पूछताछ हुई। बरेली जाकर एडमीशन फार्म भरना होगा स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में अब छात्रा और उसके भाई का पढ़ाई को लेकर फिलहाल एसएस लॉ कालेज से कोई नाता नहीं रह गया है। छात्रा और उसके भाई अब बरेली के कालेजों में पढ़ेंगे। छात्रा विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई पूरी करेगी और उसका भाई सिल्वर कालेज में एलएलबी करेगा। एसएस लॉ कालेज ने दोनों के सभी प्रपत्र और जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। यहां तक दोनों की फीस के चेक भी काट कर संबंधित शिक्षण संस्थाओं को भेज दिए गए हैं।अब छात्रा और उसके भाई को बरेली जाकर अपनी-अपनी शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। बता दें कि छात्रा के बयान उच्चतम न्यायालय में हुए थे। इसके बाद न्यायालय ने यूपी सरकार से कहा था कि छात्रा और उसके भाई को एसएस लॉ कालेज में खतरा है, इसलिए उनके एडमीशन की व्यवस्था दूसरे किसी लॉ कालेज में की जाए।
🕔 एजेंसी

13-09-2019-स्वामी चिन्मयानंद(Chinmayanand) प्रकरण में गुरुवार को एसआईटी (SIT) ने स्वामी चिन्मयानंद, एसएस कालेज (SS college) और एसएस लॉ कालेज (SS Law college) के प्राचार्यों से पूछताछ की। एसआईटी का गुरुवार को...

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कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का भगवान ही मालिक, बम लेकर धूमिए या हथियार

कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा का भगवान ही मालिक, बम लेकर धूमिए या हथियार289

👤13-09-2019-उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के सबसे संवेदनशील स्टेशन कानपुर सेंट्रल की सुरक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। किसी प्लेटफॉर्म पर कोई लावारिस सामान रखकर चला जाए तो भी किसी सुरक्षा जवान का ध्यान नहीं जाता। कानपुर सेंट्रल के अधिकतर एंट्री प्वाइटों पर टीसी या टीटीई दिखते ही नहीं। सिटी साइड की सीढ़ियों और पुल पर दिखने वाले टीटीई के निशाने पर उन ट्रेनों के यात्री रहते हैं, जिनमें कम दूरी की यात्रा प्रतिबंधित है। ये ट्रेनों से कुछ यात्रियों को पकड़ लाते हैं तो कुछ को वहीं पर सेटिंग के बाद छोड़ देते हैं।इन सबके बीच कोई विस्फोटक लेकर भी स्टेशन पर या ट्रेनों से कहीं चला जाए तो कोई रोकने वाला नहीं है। पिछले दिनों कानपुर दौरे पर आए आरपीएफ के आईजी ने दोनों ओर लगी एक्सरे मशीनों का निरीक्षण किया था। आदेश दिया था कि जिस तरह से एयरपोर्ट पर लगेज की चेकिंग ट्रेन्ड जवान करते हैं, उसी तरह कानपुर सेंट्रल पर भी लगेज की चेकिंग कराई जाएगी। अब तक ट्रेन्ड आरपीएफ जवान एक्सरे मशीनों पर तैनात नहीं किए गए हैं।
 
कहने को तो सिटी और कैंट साइड हॉल में लगेज चेक करने के लिए एक्सरे मशीन लगी हैं। इन दोनों प्वाइंटों पर आरपीएफ सिपाहियों की ड्यूटी भी लगती है। इन जवानों का जब मन होता है, तभी सामान की चेकिंग करते हैं वरना यात्रियों को जाने देते हैं। इसके अलावा रात के समय इन प्वाइंटों पर कोई रहता ही नहीं है। यात्री आराम से आते-जाते हैं। आरपीएफ थाने के सामने बनी सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर पहुंचे तो बगल में दो भरी हुई प्लास्टिक की बोरियां दोपहर से रखी थीं। गुरुवार दोपहर 12 से 01:30 बजे तक ये बोरियां रखी रहीं। इनमें कोई संवेदनशील सामान था या विस्फोटक, किसी को नहीं पता। इस दौरान सिपाही और दरोगा गुजरते रहे पर किसी ने ध्यान तक नहीं दिया।
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के सबसे संवेदनशील स्टेशन कानपुर सेंट्रल की सुरक्षा व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। किसी प्लेटफॉर्म पर कोई लावारिस सामान रखकर चला जाए तो भी किसी...

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अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा

अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा494

👤13-09-2019-यूपी के 9 जिला कार्यालयों के शिलान्यास समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। अनुच्छेद 370 के बहाने विपक्षी दलों को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी जैसी पार्टियां नहीं चाहती थीं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे। देश में एक संविधान, एक विधान और एक प्रधान की व्यवस्था लागू हो। यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटल संकल्प और अमित शाह की रणनीति थी कि 5 अगस्त की सुबह लोकसभा में चर्चा हुई और शाम को अनुच्छेद 370 धराशायी हो गया। इससे पहले देश के 108 कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होते थे।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब सबकुछ हो गया तो उन्होंने कहा कि हम तो सोचते थे कि सरकार 370 में कुछ परिवर्तन करेगी लेकिन आपने तो पूरा खत्म कर दिया। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया और 7 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसी के साथ देश के इतिहास में एक पन्ना और जुड़ गया।
कश्मीर के लोगों में ज्यादा खुशी
नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद देश के अन्य हिस्सों के लोगों से ज्यादा खुशी जम्मू कश्मीर के लोगों को है। जम्मू कश्मीर विशेषाधिकार कानून लागू होने से हमारी बहनें यदि राज्य से बाहर शादी करती थीं तो उन्हें संपत्ति से बेदखल होना पड़ता था। 2002 में इसमें बदलाव करते हुए संपत्ति का अधिकार तो दिया गया लेकिन यह जोड़ दिया गया कि दूसरे राज्य में शादी करने वाली बेटियों के बच्चों को संपत्ति का अधिकार नहीं होगा। अब जम्मू कश्मीर की बेटियों को बराबरी का अधिकार मिला।
दलितों को नहीं मिलता था आरक्षण
जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को आरक्षण नहीं मिलता था। पूरे राज्य में एक भी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं थी। विधानसभा, पार्लियामेंट और यहां तक कि स्थानीय निकायों में एक भी व्यक्ति जनजाति का नहीं पहुंचा। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद इस बिरादरी को भी अधिकार मिला। नए परिसीमन में 8-9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हो जाएंगी।
यूपी को 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज
उन्होंने कहा कि देश के साथ उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है। कांग्रेस ने 70 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए और योगी सरकार ने 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए। कानपुर समेत 9 शहरों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, गोरखपुर और वाराणसी में एम्स की शुरुआत की। सड़कों का जाल बिछाया। पहले गुंडों से नेता, पुलिस घबराती थी अब गुंडे खुद ही जेल जाने को तैयार हैं। 
🕔tanveer ahmad

13-09-2019-यूपी के 9 जिला कार्यालयों के शिलान्यास समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। अनुच्छेद 370 के बहाने विपक्षी दलों को कठघरे...

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अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा

अनुच्छेद 370 हटने से कश्मीर में आएगा बदलाव: जेपी नड्डा347

👤13-09-2019-यूपी के 9 जिला कार्यालयों के शिलान्यास समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी और सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। अनुच्छेद 370 के बहाने विपक्षी दलों को कठघरे में खड़ा किया। कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी जैसी पार्टियां नहीं चाहती थीं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे। देश में एक संविधान, एक विधान और एक प्रधान की व्यवस्था लागू हो। यह तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अटल संकल्प और अमित शाह की रणनीति थी कि 5 अगस्त की सुबह लोकसभा में चर्चा हुई और शाम को अनुच्छेद 370 धराशायी हो गया। इससे पहले देश के 108 कानून जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होते थे।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब सबकुछ हो गया तो उन्होंने कहा कि हम तो सोचते थे कि सरकार 370 में कुछ परिवर्तन करेगी लेकिन आपने तो पूरा खत्म कर दिया। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया और 7 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इसी के साथ देश के इतिहास में एक पन्ना और जुड़ गया।
कश्मीर के लोगों में ज्यादा खुशी
नड्डा ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद देश के अन्य हिस्सों के लोगों से ज्यादा खुशी जम्मू कश्मीर के लोगों को है। जम्मू कश्मीर विशेषाधिकार कानून लागू होने से हमारी बहनें यदि राज्य से बाहर शादी करती थीं तो उन्हें संपत्ति से बेदखल होना पड़ता था। 2002 में इसमें बदलाव करते हुए संपत्ति का अधिकार तो दिया गया लेकिन यह जोड़ दिया गया कि दूसरे राज्य में शादी करने वाली बेटियों के बच्चों को संपत्ति का अधिकार नहीं होगा। अब जम्मू कश्मीर की बेटियों को बराबरी का अधिकार मिला।
दलितों को नहीं मिलता था आरक्षण
जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को आरक्षण नहीं मिलता था। पूरे राज्य में एक भी सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित नहीं थी। विधानसभा, पार्लियामेंट और यहां तक कि स्थानीय निकायों में एक भी व्यक्ति जनजाति का नहीं पहुंचा। अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद इस बिरादरी को भी अधिकार मिला। नए परिसीमन में 8-9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हो जाएंगी।
यूपी को 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज
उन्होंने कहा कि देश के साथ उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है। कांग्रेस ने 70 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए और योगी सरकार ने 3 साल में 13 मेडिकल कॉलेज बनाए। कानपुर समेत 9 शहरों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक, गोरखपुर और वाराणसी में एम्स की शुरुआत की। सड़कों का जाल बिछाया। पहले गुंडों से नेता, पुलिस घबराती थी अब गुंडे खुद ही जेल जाने को तैयार हैं। 
🕔tanveer ahmad

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