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योगी मंत्रिमंडल विस्तार: नये बने मंत्रियों में 15 मंत्री करोड़पति

योगी मंत्रिमंडल विस्तार: नये बने मंत्रियों में 15 मंत्री करोड़पति774

👤22-08-2019-भाजपा सरकार के टॉप 10 करोड़पति मंत्रियों की सूची में दो नये मंत्री भी शामिल हो गए हैं। नए बने मंत्रियों में सबसे ज्यादा संपत्ति शिकारपुर से विधायक अनिल शर्मा के पास है। इनके पास 14 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। वही सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री बलिया नगर से विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला हैं, जिनके पास 31 लाख रुपये की संपत्ति हैं। नए 18 मंत्रियों में 15 मंत्री करोड़पति हैं। वर्ष 2017 में जिस मंत्रिमंडल ने शपथ ली थी उनमें से 80 फीसदी मंत्री करोड़पति थे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नए मंत्रिमंडल को देखा जाए तो टॉप टेन करोड़पतियों में दो नए मंत्री भी शामिल हो जाएंगे। इनमें 14 करोड़ की संपत्ति के साथ अनिल शर्मा और 6 करोड़ की सम्पत्ति वाले वाराणसी से विधायक रवीन्द्र जायसवाल शामिल हैं। वहीं सबसे कम सम्पत्ति वाले मंत्रियों में भी नये मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला हैं। 2017 में मुख्यमंत्री के साथ 44 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिसमें से 35 मंत्री करोड़पति थे। उस समय राज्य सरकार के मंत्रियों की औसत आय 5.34 करोड़ थी।  टॉप टेन करोड़पतियों में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी हैं, जिनके पास 57 करोड़ की सम्पत्ति है।
 
ये हैं कम सम्पत्ति वाले 5 मंत्रीमंत्रियों में सबसे कम सम्पत्ति 13 लाख रुपये जौनपुर से जीते गिरीश चन्द्र यादव के पास है। नये बने मंत्रियों में आनंद स्वरूप शुक्ला 31 लाख रुपये के साथ दूसरे नंबर पर हैं। इसके अलावा तीसरे नंबर पर वाराणसी के शिवपुर से जीते अनिल के पास 35 लाख रुपये, वाराणसी दक्षिण से जीते डा. नीलकंठ तिवारी के पास 38 लाख रुपये की संपत्ति है। थाना भवन से जीते सुरेश राणा ने 40 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है। 

पुरानों को हटाकर दिया नए मंत्रियों को संदेशविवादित मंत्रियों को हटाकर साफ संदेश दिया गया है कि भ्रष्टाचार या काम में लापरवाही सरकार को कतई बर्दाश्त नहीं है। सरकार में बने रहने के लिए छवि साफ रखने के साथ ही जनता का सेवक बनकर रहना होगा। मंत्रिमंडल विस्तार के सहारे यह पूरी तरह साफ कर दिया गया है कि पारदर्शिता के साथ कामकाज सरकार का मुख्य ध्येय है। मंत्रियों को इसी मूलमंत्र पर चलकर जनता की कसौटी पर खरा उतरना ही पार्टी के लिए सर्वोपरि है।
🕔tanveer ahmad

22-08-2019-भाजपा सरकार के टॉप 10 करोड़पति मंत्रियों की सूची में दो नये मंत्री भी शामिल हो गए हैं। नए बने मंत्रियों में सबसे ज्यादा संपत्ति शिकारपुर से विधायक अनिल शर्मा के पास है। इनके...

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धनुष के लिए भटक रहा राष्ट्रीय तींरदाज

धनुष के लिए भटक रहा राष्ट्रीय तींरदाज450

👤22-08-2019-अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक तथा राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाला बनारस का होनहार तीरंदाज शिवम केसरी अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक अदद धनुष के लिए दर-दर भटकने को विवश है। अंतरराष्ट्रीय स्तर का धनुष खरीदने के लिए शिवम ने जूनियर नेशनल में रजत जीतने के बाद सन 2017 में तत्कालीन राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी को लिखित आवेदन उनके आवास पर जाकर दिया। जून 2018 में दोबारा लिखित आवेदन दिया। दिसंबर 2018 में राष्ट्रीय अंतर विश्वविद्यालयीय मुकाबले में दो रजत और एक कांस्य जीतने के बाद वह फिर राज्यमंत्री से मिला, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में बीपीएड प्रथम वर्ष के छात्र शिवम ने इसके अलावा प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में होने वाली जन सुनवाई, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन तक का दरवाजा खटखटाया है। हर जगह से उसे आश्वासन के अतिरिक्त कुछ भी नहीं मिला। शिवम कहता है, तीरंदाजी सीखने के लोभ में ही मैंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, लेकिन वहां संसाधन होते हुए भी उनके इस्तेमाल का मौका नहीं मिला। हार कर मैंने काशी विद्यापीठ में प्रवेश लिया। यहां प्रैक्टिस करने की इजाजत तो मिल गई है लेकिन संसाधनों का पूर्णत: अभाव है। ढाई लाख का धनुष चाहिएशिवम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों की तैयारी के लिए इंटरनेशनल बो (धनुष) की जरूरत है, जिसकी शुरुआती कीमत ढाई लाख रुपये है। होटल में खाना पकाकर परिवार का गुजारा करने वाले उसके पिता विजय केशरी ने किसी तरह पैसे जुटाकर दस हजार वाला भारतीय धनुष शिवम को दिलाया है। यह सिर्फ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ही मान्य है।बीएचयू के प्रो. ओमप्रकाश मिश्र ने हौसला बढ़ायाशिवम के अंदर इस खेल में आगे बढ़ने और कुछ कर गुजरने का जज्बा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. ओमप्रकाश मिश्र ने भरा। शिवम के पड़ोस में रहने वाले प्रो. मिश्र ने उसकी प्रतिभा को पहचानते हुए उसका उचित मार्गदर्शन किया। तीरंदाज  शिवम केसरी के अनुसार, वर्तमान में गुजरात विश्वविद्यालय के लिए सेवाएं दे रहे प्रो. ओमप्रकाश मिश्र की प्रेरणा और माता-पिता से मिल रहे प्रबल समर्थन ने मेरा हौसला बनाए रखा है। मैं विपरीत से विपरीत हालात में भी हार नहीं मानूंगा।
🕔 एजेंसी

22-08-2019-अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयीय तीरंदाजी प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक तथा राष्ट्रीय जूनियर तीरंदाजी प्रतियोगिता में रजत पदक जीतने वाला बनारस का...

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योगी के नए कैबिनेट में दलित, पिछड़ों और युवाओं को मिली तरजीह

योगी के नए कैबिनेट में दलित, पिछड़ों और युवाओं को मिली तरजीह47

👤22-08-2019-भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल 18 नए चेहरों के जरिये साफ संदेश देने की कोशिश की है कि वह परंपरागत जातीय समीकरण के सहारे ही मिशन 2022 के रण में भी कूदने की तैयारी में जुट गई है। उसके लिए दलितों के साथ ही पिछड़े और ब्राह्मण समीकरण कुछ वैसा ही महत्वपूर्ण है और रहेगा, जैसा वर्ष 2017 के सियासी समर में रहा था।पिछड़ों को सबसे ज्यादा महत्व
पार्टी ने मंत्रिमंडल में जो 18 नए चेहरे शामिल किए हैं, उनमें कमोबेश वैसा ही जातीय समीकरण देखने को मिला है जैसा वर्ष 2017 में मंत्रिमंडल गठन के वक्त था। पार्टी ने सबसे ज्यादा पिछड़ों और युवाओं के साथ दलितों पर ही भरोसा किया है। मंत्रिमंडल में शामिल 18 चेहरों में 8 पिछड़ी जातियों से हैं। इनमें अशोक कटारिया, विजय कश्यप, नीलिमा कटियार, चौधरी उदयभान सिंह, रमाशंकर सिंह पटेल, अजीत सिंह पाल व लाखन सिंह राजपूत प्रमुख हैं। इनमें जाट, गुर्जर, लोधी, कुर्मी, कहार जातियों के विधायक को तवज्जो दी गई है। पार्टी ने इसके जरिये ओबीसी की 40% आबादी को साथ रखने की कोशिश की है।.दलितों को भी तवज्जो
नए शामिल हुए चेहरों में तीन दलितों के रूप में कानपुर नगर से कमल रानी वरुण, आगरा कैंट से डा. गिर्राज सिंह धर्मेश और संतकबीरनगर के घनघटा से विधायक श्रीराम चौहान प्रमुख हैं। पार्टी ने दलितों को शामिल कर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह वास्तव में ‘सबका साथ सबका विकास\' के मंत्र पर काम कर रही है। पार्टी ने कुछ इसी तर्ज पर वर्ष 2017 में 19 मार्च को हुए मंत्रिमंडल के गठन में भी पांच दलितों के साथ 13 ओबीसी मंत्रियों को शपथ दिलाई थी। इस बार भी ओबीसी व दलित सबसे ज्यादा हैं।2022 में भी 2017 वाला समीकरण
वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी ने ‘सबका साथ सबका विकास\' के नारे के साथ उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत हासिल किया था। इस चुनाव में उसने गैर यादव पिछड़ों और गैर जाटव दलितों को तवज्जो दी थी। इसके लिए चुनाव मैदान में उसने मुख्य रूप से ओबीसी और दलितों पर ही दांव लगाया था। इस बार मंत्रिमंडल में भी उन्हें शामिल कर वर्ष 2022 के लिए बिसात बिछाने की कोशिश की है।छह युवा चेहरे
यही नहीं पार्टी ने इस बार मंत्रिमंडल में छह युवा चेहरों को शामिल किया है। नए चेहरों में छह ऐसे हैं जिनकी उम्र 41 से 50 वर्ष के बीच है। इन्हें शामिल कर पार्टी ने संगठन के युवा पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं को संदेश दिया है कि पार्टी में काम और मेहनत करने वाले युवाओं की भी इनाम मिल सकेगा। वहीं संगठन से अशोक कटारिया और संघ के प्रचारक व ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रहे राम नरेश अग्निहोत्री को शामिल कर सरकार और संगठन में समन्वय की कोशिश की गई है ताकि सियासी समर में साथ मिल सके।ब्राह्मणों को भी साथ रखने की कोशिश
भाजपा ने पिछड़ों-दलितों के बाद सबसे ज्यादा ब्राह्मणों पर दांव लगाया है। दरअसल, पार्टी यह नहीं चाहती कि बसपा या कांग्रेस ब्राह्मणों के जरिये अपने दलों को मजूबत करें। ब्राह्मण आजादी के बाद से कांग्रेस के परंपरागत वोटर माने जाते रहे हैं। ऐसे में पार्टी ने पांच ब्राह्मणों को शामिल किया है, जबकि वर्ष 2017 में सात ब्राह्मण मंत्रिमंडल में शामिल थे।
🕔tanveer ahmad

22-08-2019-भाजपा ने मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल 18 नए चेहरों के जरिये साफ संदेश देने की कोशिश की है कि वह परंपरागत जातीय समीकरण के सहारे ही मिशन 2022 के रण में भी कूदने की तैयारी में जुट...

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पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश बॉक्सर आमिर खान से मिले दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह

पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश बॉक्सर आमिर खान से मिले दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह695

👤21-08-2019-बॉलीवुड की सबसे हॉट जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह लंदन में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश बॉक्सर आमिर खान और उनकी पत्नी से मिले। आमिर खान ने सोशल मीडिया पर दीपिका और रणवीर के साथ फोटो शेयर की है। रणवीर इन दिनों अपनी फिल्म \'83\' की शूटिंग के लिए लंदन में हैं और दीपिका भी फिलहाल उनके साथ ही हैं। दोनों लंदन में शॉपिंग कर रहे थे और इस दौरान ही उनकी मुलाकात आमिर खान और उनकी पत्नी फैरेल मखदूम से हुई। रणवीर फिल्म \'83\' में कपिल देव का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म 1983 में टीम इंडिया के वर्ल्ड कप जीतने पर बन रही है। ये फिल्म कबीर खान बना रहे हैं। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगी, जो कपिल देव की पत्नी का रोल निभाएंगी।
🕔tanveer ahmad

21-08-2019-बॉलीवुड की सबसे हॉट जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह लंदन में पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश बॉक्सर आमिर खान और उनकी पत्नी से मिले। आमिर खान ने सोशल मीडिया पर दीपिका और रणवीर...

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चिदंबरम पर बोलीं प्रियंका गांधी, 'चाहे जो परिणाम हो, हम उनके साथ खड़े'

चिदंबरम पर बोलीं प्रियंका गांधी, 'चाहे जो परिणाम हो, हम उनके साथ खड़े'546

👤21-08-2019-आईएनएक्स मीडिया मामले (INX Media Case) में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार \'शर्मनाक तरीके से\' चिदंबरम के पीछे पड़ी है क्योंकि वह बेहिचक सच बोलते हैं और सरकार की नाकामियों को सामने लाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह चिदंबरम के साथ खड़ी हैं और सच के लिए लड़ाई जारी रखी जायेगी। प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, \'बहुत ही योग्य और सम्मानित राज्यसभा सदस्य पी चिदंबरम जी ने दशकों तक बतौर वित्त मंत्री, गृह मंत्री और दूसरे पदों पर रहते हुए पूरी वफादारी से देश की सेवा की है।\' उन्होंने दावा किया, \'वह बेहिचक सच बोलते हैं और इस सरकार की नाकामियों का खुलासा करते हैं। लेकिन सच कायरों के लिए सुविधाजनक नहीं होता इसलिए शर्मनाक तरीके से उनका पीछा किया जा रहा है।\' प्रियंका ने कहा, \'हम उनके साथ खड़े हैं और सच के लिए लड़ते रहेंगे, चाहे नतीजा कुछ भी हो।\' इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार विरोधी नेताओं को चुनकर निशाना बना रही है और यह उसकी कार्यशैली बन चुका है।
🕔 एजेंसी

21-08-2019-आईएनएक्स मीडिया मामले (INX Media Case) में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस महासचिव...

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आपदा पीड़ितों के लिए अस्थाई घर बनेंगे: CM त्रिवेंद्र रावत

आपदा पीड़ितों के लिए अस्थाई घर बनेंगे: CM त्रिवेंद्र रावत120

👤21-08-2019-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि आराकोट क्षेत्र में आई आपदा में बेघर हुए लोगों को फिलहाल अस्थाई घर बनाए जाएंगे। क्षेत्र में मलबे के दबे लोगों को निकालने का काम और घायलों का उपचार प्राथमिकता से किया जा रहा है। आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। सरकार इस सीजन में बागवानों के सेब के ढुलान का खर्च खुद वहन करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को हेलीकाप्टर से प्रभावित गांवों में हुए नुकसान का जायजा लिया। आराकोट में आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर मुख्यमंत्री ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों को निकालना और घायलों का निशुल्क उपचार कराना है और जो लोग बेघर हुए हैं उन्हेंफिलहाल अस्थाई घर बनाकर दिये जायेंगे। आराकोट के राहत शिविरों में 300 लोग 
आपदा से बेघर हुए क्षेत्र के एक दर्जन गांवों के 300 ग्रामीणों ने आराकोट में बनाए गए दो राहत शिविरों में शरण ली हैं। इनमें एक दर्जन स्कूली बच्चे भी हैं, जो सड़कें टूट जाने के कारण अपने गांवों में नहीं जा पा रहे हैं। 15 शव बरामद, 9 लापता
आराकोट क्षेत्र के गांवों से अब तक 15 शव बरामद कर लिए गए हैं। क्षेत्र में 6 लापता लोगों की तलाश की जा रही है। जबकि आपदा में लापता विकासनगर के सगे भाइयों में समेत तीन लोगों का भी अभी तक पता नहीं चला है। 40 गांवों में बिजली बहाल
आराकोट से लौट कर सीएम त्रिवेंद्र रावत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि क्षेत्र में 40 गांवों में बिजली और 12 गांवों में पेयजल आपूर्ति सुचारु कर दी है। आपदाग्रस्त सभी गांवों में टीमें पहुंच चुकी हैं।सेब के ढुलान का खर्च सरकार उठाएगी
त्रिवेंद्र ने कहा कि आपदा से बागवानी और पशुधन को काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने इस सीजन में से के ढुलान का खर्च खुद उठाएगी। 70 वर्ग किमी क्षेत्र हुआ प्रभावित
आपदा से आराकोट क्षेत्र के सोलह गांवों का लगभग 70 वर्ग किमी क्षेत्र प्रभावित हुआ है। यहां जनजीवन सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा। दस हैलीपेड बनाए 
सीएम ने कहा कि क्षेत्र में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए दस हैलीपेड बनाए गए हैं। चार हेलीकॉप्टरों से राहत सामग्री बांटी जा रही है। अब तक 1000 किलो आटा, दाल व चावल, 2000 फूड पैकेट्स, 5000 लीटर पानी, 300 कंबल, 50 टैंटों के साथ ही दवाइयां और सोलर लाइट प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जा चुकी है। राहत-बचाव में ये लगे हैं
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में 300 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए हैं। इसमें स्थानीय प्रशासन के अलावा, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, वन विभाग और आपदा खोज एवं बचाव दल के कर्मचारी हैं।आराकोट आपदा में नुकसान
 घाटीकोटीगाड़प्रभावित गांव व तोक        51 (24 घाटी व 27 पहाड़ी)जनहानि                       15लापता                06घायल                08पूर्ण क्षतग्रिस्त भवन        17आंशित क्षति वाले भवन        117क्षतग्रिस्त पुल           04वद्यिुत क्षति14 किमी पूर्ण रूप सेआंशिक क्षति  12 किमीट्रांसफार्मर          08कुल नुकसान            130 करोड़ 
🕔 एजेंसी

21-08-2019-मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि आराकोट क्षेत्र में आई आपदा में बेघर हुए लोगों को फिलहाल अस्थाई घर बनाए जाएंगे। क्षेत्र में मलबे के दबे लोगों को निकालने का काम...

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समय रहते पहल की जरूरत: भारत में मंदी के 15 लक्षण

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👤21-08-2019-दुनिया की कुछ दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अर्थव्यवस्था के ज्यादातर पैमानों पर गिरावट देखी जा रही है। अब और आगे गिरावट से बचने के लिए बड़ी पहल की दरकार है। समय रहते अर्थव्यवस्था में विकास की गति को बल देना होगा। पेश है अर्थशास्त्री विवेक कौल की रिपोर्ट, जिसमें थमती आर्थिक रफ्तार के प्रमुख 15 लक्षणों पर प्रकाश डाला गया है।बारिश रुक गई है, तो आप घर से निकलते हैं, कुछ दूर जाते हैं। रास्ते पर आपको 500 का नोट पड़ा मिलता है। आप उसे उठाते हैं और पतलून की जेब में रख लेते हैं, यह सोचते हुए कि स्थानीय धर्मार्थ कार्य में दान कर देंगे। लेकिन आप जैसे ही किताब की दुकान पार कर रहे होते हैं, लोभ में पड़ जाते हैं और 500 रुपये की ताजा बेस्टसेलर किताब खरीद लेते हैं। किताब विक्रेता शराबी है, वह पैसे का इस्तेमाल उस दिन की शराब खरीदने में करता है। शराब विक्रेता उसी 500 के नोट के साथ स्थानीय सिनेमा हॉल पहुंचता है, अपनी पसंदीदा अभिनेत्री की नई फिल्म का टिकट खरीदता है। मनमानी कीमत वाले पॉपकोर्न और सॉफ्ट ड्रिंक भी खरीदता है। सिनेमा हॉल मालिक को एक शादी में शामिल होने दूर जाना है, वह उसी 500 रुपये का इस्तेमाल टैक्सी ड्राइवर को भुगतान के लिए करता है, क्योंकि उसका अपना ड्राइवर छुट्टी पर गया है। आप देख रहे हैं, 500 रुपये की शुरुआती गतिशीलता ने कैसे सबको फायदा दिया। शुरुआती 500 रुपये के चार बार खर्च होने से 2,000 रुपये की आर्थिक गतिविधि पैदा हुई। इसका अर्थ है, 500 रुपये के पहले योगदान ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 2,000 रुपये जोड़ दिए। यदि आप उसी 500 रुपये को बैंक में जमा कर देते या अपनी जेब में रखे रहते, तो यह आर्थिक गतिविधि नहीं हो पाती। .पारंपरिक रूप से जीडीपी एक देश के अंदर की समग्र वस्तुओं व सेवाओं के उत्पादन का समुच्य या माप है। जॉन लेंचेस्टर अपनी किताब हाउ टु स्पीक मनी में लिखते हैं, जीडीपी को एक माप के रूप में जितना देखा जा सकता है, उतना आकार के रूप में नहीं... यह अर्थव्यवस्था के माध्यम से और उसके आसपास धन की आवाजाही को मापती है; यह गतिविधि को मापती है। जो उदाहरण ऊपर साझा किया गया है, (वह लेंचेस्टर की किताब के उदाहरण से ही प्रेरित है) वह ठीक-ठीक यही दर्शाता है कि एक आर्थिक गतिविधि जीडीपी में कैसे योगदान देती है। यही वह गतिविधि है, जो 2019 की शुरुआत से ही धीमी पड़ रही है। इस वर्ष जीडीपी विकास जनवरी से मार्च तक मंदा पड़कर 5.8 प्रतिशत हो गया है। आइए, ऐसे 15 आर्थिक लक्षणों या संकेतों पर नजर फेरें और देखें कि अप्रैल से जून 2019 तक की आर्थिक गतिविधियां कैसे धीमी या मंद पड़ी हैं।किसी भी अर्थव्यवस्था में जीडीपी के लिए नए निवेश बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि इनसे नए रोजगार के अवसर बनते हैं, जिससे कमाई बढ़ती है और खर्च भी। निवेश बढ़ने से आर्थिक विकास होता है। दुर्योग से अभी निवेश के मोर्चे पर चीजें सही नहीं दिख रही हैं।1 : घरेलू कार बिक्री घटीअप्रैल से जून 2019 और अप्रैल से जून 2018 की तुलना करें, तो कार बिक्री में 23.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। वर्ष 2004 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है। कार की बिक्री घटती है, तो इसका नकारात्मक असर टायर निर्माताओं से लेकर इस्पात और स्टीयरिंग निर्माताओं इत्यादि तक पड़ता है। बाह्य रूप से देखें, तो अनेक ऑटो डीलरशिप बंद हो रही है या सिमट रही है। वाहन ऋण वृद्धि भी कम होकर पांच साल के न्यूनतम स्तर 5.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है।.2 : दोपहिया बिक्री कम हुईदोपहिया वाहनों की बिक्री भी प्रभावित हुई है। अप्रैल से जून 2019 के बीच दोपहिया वाहनों की बिक्री में 11.7 प्रतिशत की कमी आई है। यह अक्तूबर-दिसंबर 2008 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। मोपेड भी नहीं बिक रहे हैं। उनकी बिक्री में 19.9 प्रतिशत की कमी आ गई है। .3 : घटी ट्रैक्टर बिक्री .
ट्रैक्टर बिक्री ग्रामीण मांग की एक अच्छी सूचक है। अप्रैल से जून 2019 के दौरान ट्रैक्टर की बिक्री में 14.1 प्रतिशत की कमी आई है। यह गिरावट विगत चार वर्ष में सर्वाधिक है। .4 : थमी आवास की खरीद .
रियल एस्टेट रिसर्च कंपनी एलएफ के अनुसार, मार्च 2019 तक भारत के टॉप 30 शहरों में 12.8 लाख अनबिके आवास थे। मार्च 2018 की तुलना में यह संख्या सात प्रतिशत ज्यादा है, तब 12 लाख अनबिके मकान थे। इसका अर्थ है, बिल्डर जिस गति से मकान बना रहे हैं, लोग उस गति से खरीद नहीं रहे। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े करीब 250 छोटे-बड़े उद्योग हैं। आवासों के बिकने से बड़े पैमाने पर उद्योग जगत को फायदा होता है, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है। 5 : बैंक खुदरा ऋण
यहां डाटा ट्रेंड के खिलाफ चला जाता है। अप्रैल से जून 2019 के बीच बैंकों द्वारा दिए जा रहे खुदरा ऋण में 16.6 प्रतिशत की बढ़त हुई है। पिछले वर्ष इसी दौरान 17.9 प्रतिशत की बढ़त हुई थी। यहां विकास दर में मामूली गिरावट है। खुदरा ऋण में लगभग आधा हिस्सा गृह ऋण का होता है और गृह ऋण में 18.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष इसी दौरान 15.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। .अब इसे कैसे समझा जाए कि गृह ऋण भी बढ़ रहे हैं और अनबिके मकानों की संख्या भी बढ़ रही है? ऐसा शायद इसलिए हो रहा है, क्योंकि लोग उन लोगों से आवास खरीद रहे हैं, जिन्होंने वर्ष 2003 और 2012 के बीच ज्यादा आवास खरीद लिए थे। लोग सीधे बिल्डर से नहीं खरीद रहे हैं। यह खरीद-बिक्री नए आवासों की नहीं हो रही है, इसलिए इससे वैसी आर्थिक गतिविधि नहीं होगी, जैसी नए मकान के बिकने से होती है। .गृह ऋण के अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया में भी 27.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह स्थिति पिछली बार की तुलना में अच्छी है। यहां यह बात समझने की है कि जब आप किसी से कहते हैं कि मंदी है, तो वह जवाब देता है, मॉल और रेस्तरां तो भरे पड़े हैं। एक खास वर्ग क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करता है, और इस वर्ग की छोटी खरीदारियां भी कम नहीं हुई हैं। .6 : रोजमर्रा के सामान की बिक्री .
एफएमसीजी (फास्ट मुविंग कंज्युमर गुड्स) अर्थात रोजमर्रा के उपभोग की वस्तुओं की बिक्री धीमी पड़ी है। यदि हम हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के उत्पादों की बिक्री देखें, तो अप्रैल से जून 2019 के बीच विक्रय वृद्धि पांच प्रतिशत रही है, जबकि इस काल में पिछले वर्ष विक्रय वृद्धि 12 प्रतिशत थी। डाबर इंडिया की विक्रय वृद्धि दर देखें, तो यह पिछले वर्ष के 21 प्रतिशत से घटकर छह प्रतिशत हो गई है। यह चिंता की बात है कि लोगों ने रोजमर्रा की खरीदारी धीमी कर दी है। .7 : तेल, सोने, चांदी का आयात
तेल, सोना, चांदी की मांग भी अच्छी संकेतक है कि लोग आयातित सामान खरीद रहे हैं। अप्रैल से जून 2019 के दौरान इन आयातों में 5.3 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि इसी दौरान पिछले वर्ष इसमें 6.3 प्रतिशत की बढ़त देखी गई थी।.8 : घरेलू व्यावसायिक वाहन बिक्रीघरेलू व्यावसायिक वाहनों की बिक्री बढ़ती है, तो मूलभूत ढांचे और औद्योगिक मोर्चे पर लाभ होता है। इन वाहनों का उपयोग निर्मित या अर्द्धनिर्मित वस्तुओं के परिवहन के लिए होता है। अप्रैल से जून 2019 के दौरान इन वाहनों की बिक्री 9.5 प्रतिशत गिरी है। विगत पांच वर्षों में यह सर्वाधिक संकुचन है। इससे पता चलता है कि निवेश के मोर्चे पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। पिछले वर्ष इसी समय बिक्री 51.6 प्रतिशत बढ़ी थी। .9 : उद्योगों को बैंक ऋण
हाल के दिनों में इसमें सुधार हुआ है। अप्रैल से जून 2019 में इसमें 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले वर्ष इसी समय 0.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। इसमें बड़े उद्योगों के कर्ज का हिस्सा ज्यादा है, जिसमें 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मध्यम व लघु उद्योगों के लिए ऋण वृद्धि दर मात्र 0.6 प्रतिशत है। बड़े उद्योगों को ऋण देना अहम है, लेकिन मध्यम व लघु उद्योग भी जब बढ़ते हैं, तो बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करते हैं। .10 : रेल माल भाड़ा राजस्व 
भारतीय रेलवे द्वारा ज्यादातर माल ढुलाई में कुछ निश्चित प्रकार के उत्पाद ज्यादा मात्रा में शामिल हैं, जैसे कोयला, कच्चा लोहा, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम, लोह अयस्क इत्यादि। जब रेलवे इन वस्तुओं का ज्यादा परिवहन करता है, तो यह निवेश और औद्योगिक गतिविधियों का अच्छा संकेत है। अप्रैल से जून 2019 के बीच इस सूचक में 2.7 प्रतिशत की बढ़त दर्ज हुई है, यह विगत ढाई वर्ष का सबसे न्यूनतम स्तर है। .11 : तैयार इस्पात की खपत
किसी भी तरह के भौतिक ढांचे में इस्पात की जरूरत पड़ती है। अत: इस्पात की खपत में तेजी निवेश गतिविधियों में बढ़त की सूचक है। अप्रैल से जून 2019 के बीच तैयार इस्पात की खपत 6.6 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि पिछले वर्ष 8.8 प्रतिशत बढ़ी थी। इस मोर्चे पर पिछले दो वर्ष की यह न्यूनतम गिरावट है।.12 : नए निवेश की घोषणा
अप्रैल से जून 2019 के दौरान घोषित नई परियोजनाओं के मूल्य में 79.5 प्रतिशत की गिरावट है। यह सितंबर 2004 के बाद की सर्वाधिक गिरावट है। इसी तिमाही में घोषित निवेशों का मूल्य 71,337 करोड़ रुपये है, यह भी सितंबर 2004 के बाद न्यूनतम है। यह एक बड़ा संकेत है कि उद्योगों को भारत के आर्थिक भविष्य पर अभी ज्यादा विश्वास नहीं है। .13 : निवेश परियोजनाओं की पूर्णताइसी तिमाही में नई निवेश परियोजनाओं के पूरा होने में 48 प्रतिशत की कमी देखी गई है। यह भी सितंबर 2004 के बाद की सबसे बड़ी कमी है। इस तिमाही के दौरान जो परियोजनाएं पूरी हुई हैं, उनका मूल्य 69,494 करोड़ रुपये है, यह भी पिछले पांच वर्ष के न्यूनतम स्तर पर है। 14 : सरकारी व्यय
पिछले दो वित्त वर्ष में सरकारी व्यय में 19.1 प्रतिशत और 13.2 प्रतिशत की बढ़त हुई है। यह बढ़त वित्तीय संकट के वर्ष 2008-2009 और 2009-2010 के बाद उच्चतम है। सरकारी व्यय में इस बढ़त से आर्थिक विकास को एक हद तक ताकत मिल रही है। अब आगे विकास में तेजी लाने के लिए सरकार को अपना व्यय बढ़ाना होगा और इसके लिए कर विकास जरूरी है। अप्रैल से जून 2019 के दौरान केंद्र सरकार के कुल कर राजस्व में महज 1.4 प्रतिशत या चार लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष इसी दौरान कुल कर राजस्व में 22.1 प्रतिशत का उछाल आया था।
15 : थमा हुआ निर्यात
इस तिमाही में भी निर्यात 46 अरब डॉलर पर बना हुआ है। निर्यात की यही स्थिति पिछले वर्ष की इस तिमाही में भी थी। अभी निर्यात के मोर्चे पर आर्थिक गतिविधि की बढ़त नहीं दिख रही है। साफ है, करीब-करीब सारे सूचक यही बताते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, आगे स्थितियां और बिगड़ेंगी। सरकार की बात करें, तो जब आप इस समस्या को स्वीकार ही नहीं कर रहे हैं, तो समाधान कैसे निकालेंगे?अप्रैल-जून 2019 में दर्ज गिरावट- 48 प्रतिशत घटा है तेल, सोने और चांदी आयात
 
- 1.4 प्रतिशत वृद्धि सरकार के कुल कर राजस्व में
 
- 48 प्रतिशत कमी हुई निवेश परियोजना पूर्णता में
 
- 6.6 प्रतिशत ही बढ़ी है तैयार इस्पात की खपत
 
- 14.1 प्रतिशत की कमी ट्रैक्टर बिक्री में दर्ज हुई
 
- 46 अरब डॉलर बना हुआ है कुल निर्यात
 
- 23.3 प्रतिशत की कमी आई है कार बिक्री में- 11.7  प्रतिशत की कमी दोपहिया वाहन बिक्री में
 
🕔 एजेंसी

21-08-2019-दुनिया की कुछ दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। अर्थव्यवस्था के ज्यादातर पैमानों पर गिरावट देखी जा रही है। अब और आगे...

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जुआरी ने दांव पर पत्नी को लगाया, हारने पर किया ये घिनौना काम

जुआरी ने दांव पर पत्नी को लगाया, हारने पर किया ये घिनौना काम859

👤21-08-2019-उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी क्षेत्र में एक पति अपनी पत्नी को जुएं में हार गया। जीता हुआ युवक महिला पर अपना हक जता रहा है। पति ने भी फरमान सुना दिया कि महिला जीते हुए युवक के पास जाए। महिला किसी तरह अपने मायके पहुंची और घरवालों को पूरी बात बताई। मायके वाले महिला को लेकर ससुरालियों के पास गए। मायके वालों के कहने पर पति ने पत्नी को रख लिया। अब पति ने फिर उसे मारपीट कर भगा दिया है। महिला ने तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिया है। मोहम्मदी पुलिस मामले की जांच कर रहे हैं। थाना पसगवां के गांव शंकरपुर निवासी एक युवती की शादी मोहम्मदी कोतवाली के गांव कंधरापुर के विपिन के साथ हुई थी। कुछ समय तक पति पत्नी में अच्छी बनी। फिर उनके बीच मनमुटाव हो गया। पति ने अपनी पत्नी को जुएं के दाव पर लगा दिया। जुएं में पति पत्नी को हार गया। पति ने पत्नी से जीते हुए व्यक्ति के साथ जाने को कहा, लेकिन वह तैयार नहीं हुई। जीते हुए व्यक्ति ने उसे जबरन पकड़कर अपने साथ ले जाने की कोशिश की। जिसका महिला ने विरोध किया। वह किसी तरह उसके चंगुल से छूट गई और अपने मायके पहुंची। महिला ने पिता को घटना की जानकारी दी।  पीड़िता का पिता लड़केवालों के यहां गया और बेटी को साथ रखने की बात की। ससुराल वाले महिला को रखने के लिए राजी हो गए। लेकिन मायकेवालों से बाइक की मांग की। मायकेवालों ने बाइक की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया। ससुरालियों ने महिला को साथ रख लिया। लेकिन एक माह बाद भी मायकेवाले बाइक नहीं दे पाए। मंगलवार को पति ने मार पीट कर उसे घर से निकाल दिया। महिला इस समय गर्भवती है। उसने तहसील में आकर सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई। एसडीएम स्वाती शुक्ला और सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इंस्पेक्टर संजय त्यागी का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है। जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
🕔 एजेंसी

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उद्यमियों-व्यापारियों को परेशान न करें टैक्स अफसरः निर्मला सीतारमण

उद्यमियों-व्यापारियों को परेशान न करें टैक्स अफसरः निर्मला सीतारमण102

👤21-08-2019-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स टेररिज्म जैसे हालात न बनाने की अफसरों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि करदाता हमारे मित्र हैं और उनसे वैसा ही व्यवहार अपेक्षित है। उद्यमियों अौर व्यापारियों को आयकर, कस्टम या जीएसटी के मसलों पर उन्हें अनावश्यक नोटिसें जारी कर परेशान न किया जाय। अगर किसी मामले में नोटिस भेजना जरूरी है तो पहले अपनी ओर से होमवर्क पूरा कर लें। नदेसर स्थित होटल गेटवे में मंगलवार को अधिकारियों के साथ वित्तमंत्री संवाद कर रही थीं। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यापारी को नोटिस भेजने से पहले उनके बारे में पूरी सूचना एकत्र कर लें। फिर यह सोचें कि नोटिस भेजी जानी है या नहीं। हर छोटी बात पर नोटिस भेजना अच्छी प्रक्रिया नहीं है। सीतारमण ने कहा कि जहां तक संभव हो, विवादों का निपटारा ऑनलाइन करें। इससे व्यापारी को नाहक विभाग के चक्कर नहीं लगाने होंगे। सरकार यही चाहती है। वित्तमंत्री ने अधिकारियों से देश के किसी भी शहर के व्यापारी के मसले के निस्तारण के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन व्यवस्था के तहत कहीं से भी आपके पास शिकायत आ सकती है।  कार्यक्रम में राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डेय, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष पीसी मोदी, सीबीईसी के चेयरमैन पीके दास, प्रिंसिपल जीएसटी कमिश्नर राजीव टंडन, प्रधान आयकर आयुक्त सुनील माथुर, जीएसटी कमिश्नर यशवंत महावर, अतिरिक्त आयकर आयुक्त डॉ. अभय कुमार ठाकुर आदि मौजूद थे। बिना रिकॉर्ड के नोटिस भेजी तो होगी कार्रवाई
राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डेय ने कहा कि बिना रिकॉर्ड के भी एन्क्यावरी व ऑडिट की नोटिसें व्यापारियों को भेज दी जाती हैं। इससे अफसरों को बचना चाहिए। यदि ऐसी शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी। सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोदी ने कहा कि करदाताओं की सुविधा के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। सभी अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि समय के साथ खुद को बदलें। 
🕔tanveer ahmad

21-08-2019-केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स टेररिज्म जैसे हालात न बनाने की अफसरों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि करदाता हमारे मित्र हैं और उनसे वैसा ही व्यवहार अपेक्षित...

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लॉजिस्टिक पार्क के लिए निवेशकों को अब बड़ी राहत, विकास शुल्क में 75 प्रतिशत छूट

लॉजिस्टिक पार्क के लिए निवेशकों को अब बड़ी राहत, विकास शुल्क में 75 प्रतिशत छूट193

👤21-08-2019-उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक पार्क क्षेत्र में निवेशकों को लुभाने के लिए उन्हें अब बड़ी राहत दी है। कम से कम 50 एकड़ में  लाजिस्टिक पार्क विकसित करने वाली कंपनियों को विकास शुल्क में 75 प्रतिशत छूट दी जाएगी। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि लॉजिस्टिक पार्क से विकास शुल्क केवल विकास प्राधिकरण की महायोजना (मास्टर प्लान) क्षेत्र से लागू विकास शुल्क दर का अब 25 प्रतिशत  का ही भुगतान करना होगा। पहले पार्क से विकास शुल्क केवल विकास प्राधिकरण की महायोजना क्षेत्र में उपलब्ध सुविधाओं के उपयोग पर पर लिए जाने की व्यवस्था थी और किसी भी सुविधा का उपयोग न करने पर सांकेतिक धनराशि का भुगतान करना था। अब इस नियम में उपरोक्त बदलाव कर दिया गया है। इस तरह निवेशकों को विकास शुल्क में 75 प्रतिशत की राहत दी गई है। साथ ही सांकेतिक धनराशि जमा करने की व्यवस्था भी हटा दी गई है। इसके अलावा लाजिस्टिक यूनिटों से विकास शुल्क केवल विकास प्राधिकरण क्षेत्र में लागू विकास शुल्क दर का 25 प्रतिशत भुगतान लिया जाएगा। निवेशकों को बाकी बंदिशों से मुक्त कर दिया गया है। औद्योगिक विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग तथा लाजिस्टिक नीति 2018 में इसके लिए जरूरी बदलाव किया गया। पहले यह थी  व्यवस्था
उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग तथा लॉजिस्टिक नीति 2018 में प्रावधान है कि लाजिस्टिक क्षेत्र में विकासकर्ता को स्थल चयन ध्यान पूर्वक इस प्रकार करना होगा कि प्रस्तावित स्थल के अधिकतम 50 मीटर दूरी के अंदर आवश्यक सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। इन सुविधाओं में जलापूर्ति, जल -मल निस्तारण, सालिड वेस्ट डिस्पोजल, विद्युत आपूर्ति तथा निर्धारित चौड़ाई की पक्की सड़कें शामिल हैं। ऐसी स्थिति में विकासकर्ता को योजना के सम्पूर्ण क्षेत्रफल पर वाह्य शुल्क की देयता में 50 प्रतिशत की पूर्ण छूट होगी। 
🕔tanveer ahmad

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