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हुंडई मोटर्स नें परिचालन शुरू होने पर पहले दिन किया 200 कारों का उत्‍पादन

हुंडई मोटर्स नें परिचालन शुरू होने पर पहले दिन किया 200 कारों का उत्‍पादन 607

👤09-05-2020-
नई दिल्‍ली। कोवि-19 की महामारी और लॉकडाउन 3.0 के बीच हुंडई मोटर्स इंडिया ने बताया कि उसके चेन्नई कारखाने में परिचालन फिर शुरू हो गया है। कंपनी ने शनिवार को कहा कि परिचालन शुरू होने के पहले दिन ही इस कारखाने में 200 कारों का उत्पादन हुआ है। गौरतलब है कि कंपनी ने श्रीपेरम्बदूर कारखाने में 8 मई को विनिर्माण गतिविधियां फिर शुरू की हैं। 
हुंडई मोटर्स इंडिया ने बयान में कहा कि कंपनी के विनिर्माण संयंत्र में सुरक्षा और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्‍टेंसिंग) दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत फीसदी अनुपालन किया जा रहा है। कंपनी ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस की वजह से संकट में आई देश की अर्थव्यवस्था को उबारने का प्रयास कर रही है। कंपनी ने कहा है कि ऐसे में विनिर्माण परिचालन शुरू होने से कंपनी आर्थिक गतिविधियों में योगदान दे पाएगी। गौरतलब है कि राष्ट्रव्यापी बंद के तीसरे चरण में अंकुशों में कुछ ढील मिलने के बाद कई उद्योगों ने चरणबद्ध तरीके से फिर परिचालन को शुरू कर दिया है।
🕔 एजेंसी

09-05-2020-
नई दिल्‍ली। कोवि-19 की महामारी और लॉकडाउन 3.0 के बीच हुंडई मोटर्स इंडिया ने बताया कि उसके चेन्नई कारखाने में परिचालन फिर शुरू हो गया है। कंपनी ने शनिवार को कहा कि परिचालन शुरू...

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लॉकडाउन में FD में जमकर पैसा डाल रहे लोग, Paytm Payments Bank ने 600 करोड़ रुपये का आंकड़ा किया पार

लॉकडाउन में FD में जमकर पैसा डाल रहे लोग, Paytm Payments Bank ने 600 करोड़ रुपये का आंकड़ा किया पार687

👤08-05-2020-
नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान उसने फिक्स्ड डिपॉजिट में (FD) में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। अपने पार्टनर इंडसइंड बैंक की साझेदारी के साथ उसके एफडी अकाउंट्स की राशि 600 करोड़ को पार कर गई है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने कहा कि वह अपने पार्टनर बैंक के साथ ग्राहकों से एफडी अकाउंट की पेशकश करता है, जहां ग्राहक सात फीसद तक सालाना ब्याज कमा सकते हैं। पीपीबीएल ने इस ब्याज दर को इंडस्ट्री की सबसे अधिक ब्याज दरों में से एक बताया है। पीपीबीएल  ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे एसेट्स में भारी उतार-चढ़ाव के चलते उसके एफडी अकाउंट्स में यह ग्रोथ हुई है। बैंक ने कहा कि लॉकडाउन में भारी संख्या में पीपीबी खाताधारक अपनी बचत को फिक्स्ड डिपॉजिट में रख रहे है। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने एक बयान में बताया है कि उसके बचत खातों की धनराशि 1,000 करोड़ रुपये को पार कर गई है। पीपीबीएल के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर सतीश कुमार गुप्ता ने एक बयान में कहा, \'हम मानते हैं कि वैल्थ मैनजमेंट प्रोडक्ट्स सभी के लिए उपलब्ध होने चाहिए। भले ही उनके धन की मात्रा कितनी भी हो। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि लाखों बैंक खाताधारक फिक्स्ड डिपॉजिट के लाभ के फायदों को समझते हैं।\' गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन के चलते बड़े स्तर पर औद्योगिक गतिविधियां बाधित हुई हैं। जिससे इक्विटी बाजारों में निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। बैंकों ने भी जमा पर ब्याज दरों को कम किया है। इस परिस्थिति में लोग फिक्स्ड डिपॉजिट की ओर आकर्षित हुए हैं।

🕔 एजेंसी

08-05-2020-
नई दिल्ली। पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड ने शुक्रवार को कहा है कि लॉकडाउन के दौरान उसने फिक्स्ड डिपॉजिट में (FD) में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है। अपने पार्टनर इंडसइंड बैंक...

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इन्फ्रा सेक्टर के लिए जल्द हो सकती है पैकेज की घोषणा: गडकरी

इन्फ्रा सेक्टर के लिए जल्द हो सकती है पैकेज की घोषणा: गडकरी164

👤08-05-2020-
\r\nनई दिल्ली। सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए वित्तीय पैकेज पर काम कर रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। गडकरी ने वित्त उद्योग विकास परिषद के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बातचीत के दौरान कहा, \'मुझे लगता है कि 2-4 दिन में पैकेज की घोषणा हो जाएगी। सरकार इसके लिए उच्चस्तर पर काम कर रही है।\' गडकरी से पूछा गया था कि क्या सरकार बुनियादी  ढांचा क्षेत्र को राहत के लिए वित्तीय पैकेज पर काम कर रही है। गडकरी ने इसके जवाब में कहा, \'ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए कि यह जल्द से जल्द आएगा।\' कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए विभिन्न सेक्टर से पैकेज की मांग हो रही है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र के संगठन, उद्योगों के संगठन और MSME क्षेत्र के विशेषज्ञ अर्थव्यवस्था को इस स्थिति से उबारने के लिए तत्काल राहत पैकेज दिये जाने की मांग कर रहे हैं।इससे पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा था कि भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और आर्थिक मामलों का विभाग पहले ही एक पैकेज पर काम रहा है। यह पैकेज सिर्फ MSME क्षेत्र के लिए नहीं, बल्कि पूरे उद्योग के लिए होगा।\'
🕔 एजेंसी

08-05-2020-
\r\nनई दिल्ली। सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए वित्तीय पैकेज पर काम कर रही है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने...

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रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, नकदी प्रवाह के लिए 50 करोड़ रुपये का ऐलान

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, नकदी प्रवाह के लिए 50 करोड़ रुपये का ऐलान222

👤17-04-2020-
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से उपजे आर्थिक संकट से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े ऐलान किए हैं। दास ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन कर रेपो रेट में कोई कटौती तो नहीं की लेकिन रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया है। इसके साथ आरबीआई गवर्नर ने नकदी के प्रवाह के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का भी ऐलान किया। गवर्नर दास ने कहा कि फॉरेक्‍स रिजर्व अभी 476.5 अरब का है, जो कि पर्याप्‍त है। दास ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के चलते यह सबसे काला दौर है और हमें उजाले की तरफ देखना है। दुनिया कोरोना की गिरफ्त में है, जिसकी वजह से दुनिया को नौ ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका के साथ बड़ी मंदी का अनुमान है। हालांकि उन्‍होंने कहा कि भारत के लिए जीडीपी 1.9 फीसदी का आईएमएफ अनुमान जी-20 देशों में सबसे अधिक है। आरबीआई गवर्नर ने लोगों को कर्ज आसानी से मिल सके। इसके लिए रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर दास ने तीन वित्तीय संस्थानों को टीएलटीआरओ के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का भी ऐलान किया है। दास ने नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक को 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने का भी ऐलान किया। वहीं नाबार्ड को स्‍पेशल रिफाइनेंस के अंतगर्त 25 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (टीएलटीआरओ) के जरिए भी सिस्‍टम में 50 हजार करोड़ रुपये रिजर्व बैंक डालेगा। दास ने बताया कि देशभर में 91 फीसदी एटीएम पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में मोबाइल और नेटबैंकिंग में भी कोई परेशानी नहीं है। साथ ही सिस्‍टम में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए आरबीआई ने कई नए कदमों को उठाया है।शक्तिकांत दास ने कहा कि 27 मार्च के बाद मैक्रोइकोनॉमिक की गतिविधियों में कमी आई है। बीत मार्च माह में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई है। दास ने कहा कि मार्च 2020 में निर्यात की स्थिति भी ज्‍यादा खराब रही है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति अब तक बेहतर रही है। इसलिए सामान्‍य मानसून के अनुमान से ग्रामीण इलाकों से बेहतर मांग की उम्‍मीद है। इसके अलावा बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक भी किसी डिविडेंड का भुगतान नहीं करेंगे। यदि किसी वजह से रियलिटी प्रॉजेक्ट में देरी होती है, जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो एनबीएफसी लोन को एक साल के लिए बढ़ा सकते हैं।दास ने कहा कि छोटे और मझोले उद्योगों को धनराशि देने का फैसला किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने फंड का 50 फीसदी राशि टीएलटीआरओ-2 के तहत छोटे और मझोले साइज एनबीएफसी में निवेश करना होगा। उन्‍होंने कहा कि राज्यों की डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूए लिमिट 60 फीसदी बढ़ा दी गई है। ये बढ़ी हुई लिमिट 30 सितम्बर तक के लिए होगी।
🕔 एजेंसी

17-04-2020-
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से उपजे आर्थिक संकट से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई...

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रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, नकदी प्रवाह के लिए 50 करोड़ रुपये का ऐलान

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया, नकदी प्रवाह के लिए 50 करोड़ रुपये का ऐलान354

👤17-04-2020-
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से उपजे आर्थिक संकट से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई बड़े ऐलान किए हैं। दास ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन कर रेपो रेट में कोई कटौती तो नहीं की लेकिन रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया है। इसके साथ आरबीआई गवर्नर ने नकदी के प्रवाह के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का भी ऐलान किया। गवर्नर दास ने कहा कि फॉरेक्‍स रिजर्व अभी 476.5 अरब का है, जो कि पर्याप्‍त है। दास ने कहा कि कोविड-19 की महामारी के चलते यह सबसे काला दौर है और हमें उजाले की तरफ देखना है। दुनिया कोरोना की गिरफ्त में है, जिसकी वजह से दुनिया को नौ ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका के साथ बड़ी मंदी का अनुमान है। हालांकि उन्‍होंने कहा कि भारत के लिए जीडीपी 1.9 फीसदी का आईएमएफ अनुमान जी-20 देशों में सबसे अधिक है। आरबीआई गवर्नर ने लोगों को कर्ज आसानी से मिल सके। इसके लिए रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर दास ने तीन वित्तीय संस्थानों को टीएलटीआरओ के जरिए 50 हजार करोड़ रुपये की मदद देने का भी ऐलान किया है। दास ने नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक को 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता देने का भी ऐलान किया। वहीं नाबार्ड को स्‍पेशल रिफाइनेंस के अंतगर्त 25 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (टीएलटीआरओ) के जरिए भी सिस्‍टम में 50 हजार करोड़ रुपये रिजर्व बैंक डालेगा। दास ने बताया कि देशभर में 91 फीसदी एटीएम पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन में मोबाइल और नेटबैंकिंग में भी कोई परेशानी नहीं है। साथ ही सिस्‍टम में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए आरबीआई ने कई नए कदमों को उठाया है।शक्तिकांत दास ने कहा कि 27 मार्च के बाद मैक्रोइकोनॉमिक की गतिविधियों में कमी आई है। बीत मार्च माह में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई है। दास ने कहा कि मार्च 2020 में निर्यात की स्थिति भी ज्‍यादा खराब रही है। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति अब तक बेहतर रही है। इसलिए सामान्‍य मानसून के अनुमान से ग्रामीण इलाकों से बेहतर मांग की उम्‍मीद है। इसके अलावा बैंक और को-ऑपरेटिव बैंक भी किसी डिविडेंड का भुगतान नहीं करेंगे। यदि किसी वजह से रियलिटी प्रॉजेक्ट में देरी होती है, जिसे कंट्रोल नहीं किया जा सकता तो एनबीएफसी लोन को एक साल के लिए बढ़ा सकते हैं।दास ने कहा कि छोटे और मझोले उद्योगों को धनराशि देने का फैसला किया गया है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने फंड का 50 फीसदी राशि टीएलटीआरओ-2 के तहत छोटे और मझोले साइज एनबीएफसी में निवेश करना होगा। उन्‍होंने कहा कि राज्यों की डब्‍ल्‍यूडब्‍ल्‍यूए लिमिट 60 फीसदी बढ़ा दी गई है। ये बढ़ी हुई लिमिट 30 सितम्बर तक के लिए होगी।
🕔 एजेंसी

17-04-2020-
नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस की महामारी और लॉकडाउन की वजह से उपजे आर्थिक संकट से अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कई...

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शेयर बाजार में भारी उछाल, सेंसेक्‍स 31 हजार के पार

शेयर बाजार में भारी उछाल, सेंसेक्‍स 31 हजार के पार 503

👤15-04-2020-
नई दिल्‍ली। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। सेंसेक्स 587 अंक बढ़त और निफ्टी भी 202 अंक ऊपर खुला। खबर लिखे जाने तक बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्‍स 811.84 अंक और 2.65 फीसदी उछाल के साथ 31,501.86 पर तथा नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी 246.60 अंक और 2.74 फीसदी की बढ़त के साथ 9,240.45 पर कारोबार करता दिखा। उल्‍लेखनीय है कि मंगलवार को बाबा साहब अंबेडकर जयंती की वजह से शेयर बाजार बंद था। इससे एक दिन पहले सोमवार को सेंसेक्स 30,690.02 अंक पर और निफ्टी 8,993.85 पर बंद हुआ था। वहीं, अमेरिकी शेयर बाजार में उछाल देखा गया था। इसके अलावा एशियाई बाजार में भी मंगलवार को तेजी देखी गई थी। 

🕔 एजेंसी

15-04-2020-
नई दिल्‍ली। हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार बढ़त के साथ खुला। सेंसेक्स 587 अंक बढ़त और निफ्टी भी 202 अंक ऊपर खुला। खबर लिखे जाने तक बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज...

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व्‍यापारियों ने लॉकडाउन बढ़ाने के निणर्य का किया समर्थन

व्‍यापारियों ने लॉकडाउन बढ़ाने के निणर्य का किया समर्थन784

👤14-04-2020-
नई दिल्‍ली। व्‍यापारियों के शीर्ष संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल  इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में लागू लॉकडाउन को जारी रखने के निर्णय को तार्किक और जरूरी बताते हुए पूरा समर्थन किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने मंगलवार को देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया है। कैट ने प्रधानमंत्री को आश्वासन देते हुए कहा है कि देश का व्यापारी समुदाय हर परिस्थिति में देश के हरेक हिस्‍से में जरूरी सामानों की आपूर्ति में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं होने देंगे, ताकि लॉकडाउन के चलते नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी हो। हालांकि, कैट ने कहा कि  देश में गत 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते लगभग 3.15 लाख करोड़ के व्यापार का नुकसान हुआ है। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देशभर में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं, जिनमें से करीब 1.5 करोड़ व्यापारी जरूरी वस्तुओं का व्यापार करते  हैं। लेकिन उनमें से केवल 40 लाख व्यापारी देशभर में जरूरी सामानों की आपूर्ति श्रृंखला को जारी रखे हुए हैं। खंडेलवाल ने कहा कि इसकी वजह केंद्र सरकार के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद राज्यों में अभी तक ट्रांसपोर्ट सुविधा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पाई है। कैट महामंत्री ने कहा कि लगभग 80 फीसदी कर्मचारी लॉकडाउन के कारण अपने गांव  चले गए हैं, जबकि केवल 20 फीसदी कर्मचारियों के साथ ही देशभर में व्‍यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को जारी रखें हुए है।  खंडेलवाल ने देश के सभी राज्‍य सरकारों और केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि सभी राज्यों में व्यापारियों को कर्फ्यू पास सुविधापूर्वक मिले और पर्याप्त मात्रा में ट्रांसपोर्ट सुविधा आवश्यक सामानों की निर्बाध सप्लाई के लिए मुहैया कराई जाए ताकि लोगों के पास खाने-पीने के समान उपलब्‍ध कराया जा सके।   

🕔 एजेंसी

14-04-2020-
नई दिल्‍ली। व्‍यापारियों के शीर्ष संगठन कन्‍फेडरेशन ऑफ ऑल  इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में लागू लॉकडाउन को जारी रखने के निर्णय को...

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अंबेडकर जंयती के अवसर पर बंद रहा बाजार, 15 अप्रैल को होगा कारोबार 

अंबेडकर जंयती के अवसर पर बंद रहा बाजार, 15 अप्रैल को होगा कारोबार 519

👤14-04-2020-
नई दिल्‍ली। आबंडेकर जयंती के अवसर पर मंगलवार को शेयर बाजार बंद रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सेंचज (बीएसई) के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कोई कारोबार नहीं हुआ, जबकि कमोडिटी और फॉरेक्‍स बाजार में भी इस अवसर कामकाज नहीं हुआ। अब शेयर बाजार 15 अप्रैल, बुधवार को खुलेगा और कामकाज होगा।  \r\nएक्‍सपर्ट का मानना है कि 15 अप्रैल के शुरुआती कारोबार में सीपीआई के आंकड़ों पर निवेशकों का रिएक्शन देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि शेयर बाजार में जोरदार उतार-चढ़ाव बना रहेगा। ट्रेडर्स को इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी पोजिशन बनानी होगी। गौरतलब है कि सप्‍ताह के पहले कारोबारी दिन को सेंसेक्स 469.60 अंक गिरकर 30690.02 के स्‍तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी में भी गिरावाट रहा और 118.05 अंक लुढ़कर 8993.85 के स्तर पर बंद हुआ। 
🕔 एजेंसी

14-04-2020-
नई दिल्‍ली। आबंडेकर जयंती के अवसर पर मंगलवार को शेयर बाजार बंद रहा। बॉम्बे स्टॉक एक्सेंचज (बीएसई) के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कोई कारोबार नहीं हुआ, जबकि कमोडिटी...

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शादीशुदा जिदंगी में बराबरी के लिए अब नया सरनेम अपना रहे हैं कपल्स

शादीशुदा जिदंगी में बराबरी के लिए अब नया सरनेम अपना रहे हैं कपल्स70

👤25-03-2020-
पारंपरिक तौर पर शादी के बाद महिलाओं को अपना आखिरी नाम बदलकर पति का नाम धारण करना पड़ता है। लेकिन, आज की युवा पीढ़ी इन बातों से वास्ता नहीं रखती क्योंकि उनके अनुसार एक महिला को शादी करने के कारण अपनी पहचान से समझौता नहीं करना चाहिए। अगर महिला अपना आखिरी नाम नहीं बदलना चाहती तो ये उसकी मर्जी होनी चाहिए।आजकल युवा दंपति एक समान नाम चुन रहे हैं ताकि वे एक नए परिवार की शुरुआत कर सकें। 31 वर्षीय ताशा मेंट और उनके पति जो मेंट ने मेंट शब्द का चुनाव किया, जिसका मतलब स्पेनिश भाषा में माइंड होता है। दोनों के सरनेम अलग-अलग थे, लेकिन उन्होंने एक दूसरे के प्रति अपने सम्मान को दर्शाने के लिए एक नाम का चयन किया।अभी आम प्रचलन नहीं है नाम में बदलाव- 
नामों में इस तरह का परिवर्तन अभी आम प्रचलन में नहीं है। जर्नल ऑफ फैमिली इश्यूज में प्रकाशित एक शोध के अनुसार 2018 में सिर्फ तीन फीसदी पुरुषों ने अपने नाम में बदलाव किया। लेकिन, ये प्रचलन अब बढ़ रहा है क्योंकि पति- पत्नी अब एक- दूसरे को बराबर का दर्जा देने लगे हैं। सीएटल की केलसी डिप्पोल्ड और उनके पति नेट जॉनसन ने दोनों का आखिरी नाम मिलाकर जोहनॉल्ड नाम बनाया।न्यूली नेम्ड नामक कंपनी की संस्थापक कोली क्रिस्टेनसेन ने कहा, ज्यादातर नव दंपति अपने आखिरी की नामों को जोड़कर एक नया नाम बना रहे हैं। उनकी कंपनी ऑनलाइन लोगों को नए नाम का सुझाव देती है। उन्होंने कहा की समाज अब भी नाम में इस तरह की बदलाव को मानने के लिए तैयार नहीं है। साथ में नाम में इस तरह के बदलाव से प्रशासनिक कार्यों में भी परेशानी आती है। ज्यादातर सरकारी विभाग नामों के इस बदलाव को स्वीकार नहीं करते।कुछ दंपति ही इस नए प्रचलन को बढ़ावा दे रहे हैं। 2015 में गूगल की ओर से किए गए एक कंज्यूमर सर्वे की अनुसार अब महिलाएं शादी की बाद अपने पहले की नाम को ही बरकरार रख रही हैं, लेकिन फिर भी सिर्फ 20 फीसदी महिलाएं ही ऐसा कर रही हैं। वही, सिर्फ 10 फीसदी महिलाएं ही नए नाम का चुनाव कर रही हैं।प्रशासनिक कार्यों में हो रही परेशानी- 
31 वर्षीय एश्ले ने कहा, समाज हमेशा नाम में हो रहे ऐसे परिवर्तन को समर्थन नहीं देता। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने आखिरी नाम स्टल और अपने पति के नाम मेयर्स को साथ मिलाकर एक नया नाम बनाया तो ड्राइविंग लाइसेंस का नवीनीकरण कराते समय उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ प्रशासनिक लोग अपने सिस्टम को नाम में होने वाले परिवर्तनों को लेकर तैयार नहीं करना चाहते। उनका कहना होता है कि कंप्यूटर सिस्टम और सरकारी आवेदनों में नाम का बदलाव नहीं किया जा सकता।इसके बाद सभी जगहों पर नाम का परिवर्तन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इवेंट प्लानर सामंथा बेलिंगगर ने कहा, महिलाएं सिर्फ शादी के प्रमाणपत्र की मदद से अपने नाम में परिवर्तन कर सकती हैं, लेकिन पुरुषों को नाम बदलने के लिए अदालत में जाना पड़ता है।
 
पुरुषों को कम प्रभावकारी माना जाता है-
 नेवाडा यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में यह जानने की कोशिश की गई कि जिन पुरुषों की पत्नियों ने उनका आखिरी नाम नहीं लगाया था, लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं। शोधकर्ताओं ने यूके और यूएस आधारित अंडरग्रेजुएट्स के साथ ऑनलाइन सर्वे किया। इस सर्वे में उनसे एक ऐसी परिकल्पना करने को कहा गया, जिसमें एक महिला ने शादी के बाद अपना आखिरी नाम नहीं बदला था। इसके बाद उनसे पति के व्यक्तित्व के बारे में सवालों के जवाब देने को कहा गया। नतीजों में सामने आया कि पत्नी के इस फैसले के आधार पर ऐसे पुरुषों को कम प्रभावशाली माना गया।
🕔 एजेंसी

25-03-2020-
पारंपरिक तौर पर शादी के बाद महिलाओं को अपना आखिरी नाम बदलकर पति का नाम धारण करना पड़ता है। लेकिन, आज की युवा पीढ़ी इन बातों से वास्ता नहीं रखती क्योंकि उनके अनुसार एक महिला...

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कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य

कोरोना वायरस : कोविड-19 संक्रमण का मतलब मौत नहीं, जानें इससे जुड़े तथ्य830

👤25-03-2020-
कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। लोगों के मन में रोज नए-नए सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और गलत जानकारियां भी प्रकाशित हो रही हैं। इन अफवाहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थय संगठन ने प्रयास तेज किया है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर उपलब्ध कोरोना से जुड़ी जानकारियों को आप तक पहुंचाने के लिए ‘हिन्दुस्तान’ आज से प्रश्तोत्तरी की शुरुआत कर रहा है। साथ ही हमारा प्रयास होगा कि आपके हर सवाल का विषय विशेषज्ञों से हासिल कर आप तक पहुंचाना-क्या कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाने का मतलब सिर्फ मौत है?
जी नहीं, बड़ी संख्या में संक्रमित लोग ठीक हुए हैं। अकेले भारत में तीस से ज्यादा मरीज इलाज कराकर घर लौट चुके हैं और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। पूरी दुनिया में करीब एक लाख लोग पूरी तरह दुरुस्त हो चुके हैं। हालांकि, यह सच है कि अभी तक इसका कोई इलाज सामने नहीं आया है, लेकिन जिसका वायरस के लिए टेस्ट पॉजिटिव आया है, उसकी मौत ही होगी, ये कहना भी सही नहीं है। वैश्विक स्तर पर अभी तक के आंकड़े बताते हैं कोरोना वायरस की वजह से बीमार लोगों में सिर्फ 1.5 से 2.5 फीसदी लोगों की मौत हुई है।अगर किसी में बिना लक्षण दिखे वायरस फैल सकता है तो हम कैसे जानें कि कौन संक्रमित है या नहीं?
जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी अस्पताल में आपदा और परिचालन चिकित्सा के प्रमुख डॉ जेम्स फिलिप्स कहते हैं कि निश्चित रूप से यह गंभीर सवाल है क्योंकि अभी तक कोई ऐसा तथ्य नहीं सामने आया है जिससे तुरंत इस बीमारी के लक्षण पहचान लिए जाएं। इसका सबसे आसान तरीका यही है कि जिसे भी जुकाम-सर्दी या बुखार थोड़ी सी भी परेशानी महसूस हो वह खुद ही अन्य लोगों से अपने आप को अलग कर ले। ज्यादा दिक्कत महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ले। हो सकता है कि उसे सामान्य खांसी-जुकाम हो लेकिन यह परीक्षण के बाद ही साफ हो पाएगा कि उसे कोरोना का संक्रमण है या नहीं। इसलिए बेहतर है कि आप खुद को बचाएं जिससे अन्य लोग भी खतरे से बच जाएंगे।खांसी-जुकाम और बुखार होने पर तुरंत टेस्ट कराना जरूरी है क्या?
दिल्ली एम्स के पल्मोनॉलजिस्ट डॉ. करण मदान कहते हैं, कोरोना वायरस के ज्यादातर मामले सामान्य सर्दी-जुकाम और फ्लू जैसे ही होते हैं। अगर किसी व्यक्ति को फ्लू के कुछ हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं तो उन्हें कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं। अगर आपको लो ग्रेड बुखार, सर्दी और खांसी है तो घर पर आराम करें और खूब सारा तरल पदार्थ लें। लेकिन जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है, उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए । तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे ही हैं और इसलिए इस वक्त इन दोनों में अंतर करना मुश्किल है। ऐसे में अगर आपकी नाक बह रही है, हल्का सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार है तो आप ज्यादा से ज्याद आराम करें। इम्यूनिटी बढ़ाने की कोशिश करें। क्या यह सच है कि सिर्फ बुजुर्ग इस बीमारी के निशाने पर हैं?
अभी तक के अध्ययन से पता चला है कि वायरस की चपेट में ज्यादातर बुजुर्ग या ऐसे लोग आ रहे हैं जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। हालांकि, अमेरिका में यह बातें गलत साबित हुई हैं। वहां बड़ी संख्या में युवा भी इस संक्रमण की चपेट में आए हैं। वैज्ञानिक अभी तक सिर्फ इसी नतीजे पर पहुंचे हैं कि जिनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर है उन पर वायरस का प्रकोप ज्यादा है। ऐसे में अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, डायबीटीज, दिल से जुड़ी बीमारी, स्ट्रोक या सांस से जुड़ी बीमारी है तो फ्लू जैसे लक्षणों को भी हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।अगर मैं बीमार नहीं हूं तो भी क्या मुझे खुद को पृथक कर लेना चाहिए?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह पूरी तरह आपके ऊपर निर्भर करता है। वैसे तो कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन का ऐलान किया है। लेकिन यदि आप उन क्षेत्रों में नहीं रहते हैं, तो सावधानी बरतें। सार्वजनिक जगहों और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कहीं से घर में आएं तो तुरंत हाथ मुंह जरूर धोएं। यदि आपको संदेह है कि आप बीमार हैं या हाल ही में एक ऐसे क्षेत्र से लौटे हैं, जहां इस वायरस का प्रकोप होने की सूचना मिली है, तो घर पर रहें।क्या हवा से भी फैल रहा कोरोना वायरस ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अब तक के शोध से पता चला है कि यह वायरस हवा से नहीं बल्कि सांस लेने/ सांस छोड़ने, खांसने और छींकने की वजह से फैल रहा है। संगठन की दक्षिण पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया कि अधिकांशत: यह वायरस सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। हालांकि, इस वायरस के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस काम में जुटे हुए हैं।क्या बीमारी से बचने के लिए सब लोगों को मास्क पहन लेना चाहिए
साक्ष्य बताते हैं कि मास्क पहनने से अतिरिक्त कोई लाभ नहीं होता। अगर आप मरीज के साथ हैं, या किसी मरीज को ट्रांसफर कर रहे हैं या ऐसे व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं जिसमें लक्षण दिख रहे हैं तो आपको अवश्य मास्क पहनने चाहिए। सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहन कर घूमने से आपको कोई ज्यादा लाभ तो नहीं होगा लेकिन ज्यादातर लोग एक साथ पहनकर निकलें तो दहशत फैल सकती है। डॉक्टरों की सलाह है कि सामान्य मास्क इस बीमारी पर बेअसर होता है, इसलिए कई परत वाले मास्क का प्रयोग करें। हालांकि, कई विशेषज्ञों का कहना है कि इससे खतरा भी है। लोग गलत तरीके से मास्क पहन लेते हैं और वे बार-बार चेहरे को छूकर संक्रमण का खतरा बढ़ा सकते हैं। एम्स के डॉक्टर प्रोफेसर करण मदान का कहना है कि वैसे तो एन95 मास्क बेहतर है, लेकिन अन्य बाकी मास्क भी इस वायरस से सुरक्षा देते हैं। सबसे जरूरी है हाथ धोना।क्या यह किराने के सामान से भी फैल सकता है?
संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. सेलिन गाउंडर कहते हैं कि जब भी आप किराने का सामान खरीदें तो सबसे पहले तो डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों की बाहरी परत को जरूर पोछें। उसके बाद तुरंत हाथ धुलें। सब्जियां और फल आप धुलते ही हैं, इस समय थोड़ा और बेहतर तरीके से धुलें और हां हमेशा हाथ जरूर धुलते रहें। इससे ज्यादा बचाव का कोई उपाय नहीं है। किराने की दुकान पर भीड़ का हिस्सा बनने से बचें। किसी से हाथ न मिलाएं।क्या मुझे खाने का सामान इकट्ठा कर लेना चाहिए?
इसकी कोई जरूरत नहीं है। सरकार ने साफ किया है कि सभी जरूरी सामान की दुकानें खुली रहेंगी, इसलिए बिल्कुल भी परेशान न हों। अगर आप ऐसा करेंगे तो अन्य लोग भी आपकी देखादेखी सामान इकट्ठा करेंगे। इससे मांग बढ़ेगी और कालाबाजारी का खतरा बढ़ेगा। इसलिए बेहतर है कि जितना जरूरी है सिर्फ उतना सामान ही खरीदें। हालांकि, आप चाहें तो आवश्यक दवाएं जरूर महीने भर का खरीद कर रख सकते हैं।\'बड़ी संख्या में लोग बोतलबंद पानी जमा करके रख रहे हैं क्या पानी का संकट हो सकता है?
नहीं, बोतलबंद पानी जमा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। यदि आप सामान्य रूप से नल का पानी पीते हैं, तो इसे पीते रहना ठीक है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ एंथोनी फौसी ने *कहा कि वह और उसकी पत्नी अभी भी नल का पानी पी रहे हैं। इसलिए बिल्कुल भी डरने और परेशान होने की जरूरत नहीं। और हां, इस समय ज्यादा से ज्यादा पानी *पीएं। हो सके तो गुनगुना पानी पीएं। इससे आपकी सेहत दुरुस्त रहेगी।
\' मेरे बच्चे का स्कूल बंद है और अब हमें एक दाई की जरूरत है। मैं अपने परिवार को घर में किसी नए व्यक्ति के साथ कैसे सुरक्षित रखूं?बिल्कुल परेशान होने की जरूरत नहीं है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इसके लिए कुछ उपाय बताए हैं। स्कूल के मुताबिक, वैसे तो बच्चे की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि परिवार का ही कोई सदस्य साथ हो लेकिन फिर भी आवश्यक हो तो सिर्फ एक दाई चुनें। उसे बताएं कि उसे किन नियमों का पालन करना है। लगातार हाथ धोना है और जुकाम-बुखार की हालत में बच्चे को बिल्कुल भी नहीं छूना है। उसे अन्य लोगों से नहीं मिलना है और हो सके तो उसे अपने पास ही रखें। दाई को बता दें कि थोड़ी सी भी बीमारी महसूस होने पर उसे आपके घर नहीं आना चाहिए।क्या इस घातक वायरस को दहशत के मकसद से फैलाया गया?स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ये सब अटकलें हैं और ऐसे दावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं है। जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता लोगों को ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ऐसी बातें सिर्फ भ्रम और बेचैनी बढ़ाती हैं और लोगों को तथ्यों और वास्तविकता के साथ रहना चाहिए। बीते दिनों अमेरिका और चीन ने एक दूसरे पर इस वायरस को फैलाने का आरोप लगाया लेकिन कहीं से पुष्टि नहीं हो पाई कि वायरस किसी ने फैलाया है। चीन में इसका सर्वाधिक असर देखा गया और आज करीब 170 देशों तक इसका प्रकोप फैल चुका है। महामारी का यह संकट कब खत्म होगा?निश्चित तौर पर कोई नहीं जानता कि यह संकट कब खत्म होगा। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि गर्मी के महीनों तक इसका प्रकोप कम हो सकता है लेकिन दुनिया भर के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह बताना बहुत जल्दबाजी होगी। अभी तक के परीक्षणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि तापमान का इस वायरस पर कितना और कैसा असर हो रहा है। हार्वर्ड के डॉ मार्क लिप्सिच कहते हैं कि गर्मी का महीना खत्म होने तक बहुत सारे लोगों पर इसका असर होगा और शायद तब इसके प्रसार में कुछ कमी आए।स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स
🕔 एजेंसी

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